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हिस्ट्रीशीटर बब्बू की गोलियां बरसा कर हत्या, गांव में पसरा सन्नाटा, आरोपितों की गिरफ्तारी को पुलिस सक्रिय

चांदीनगर,02 नवंबर 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के ढिकोली गांव में सोमवार देर रात हिस्ट्रीशीटर व शराब तस्कर की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई । वारदात के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस बल तैनात है । परिजनों ने गांव के ही रहने वाले ज्ञानेंद्र बदमाश और उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।    ढिकोली निवासी प्रवीण उर्फ बब्बू हिस्ट्रीशीटर था तथा उसके खिलाफ विभिन्न स्थानों पर कई मुकदमे दर्ज थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एसटीएफ ने अमींनगर सराय के पास से शराब का बड़ा जखीरा पकड़ा था, वह शराब प्रवीण उर्फ बब्बू ने ही हरियाणा से मंगवाई थी । पुलिस टीम ने तभी उसके खिलाफ सिंघावली अहीर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।    पता चला है कि,सोमवार देर शाम प्रवीण उर्फ बब्बू पूर्व प्रधान जयकुमार के घर पर बैठा हुआ था । उसके पास गांव का ही कुख्यात बदमाश ज्ञानेंद्र ढाका भी बैठा हुआ था ‌।बताया जाता है कि ,आपस में बातचीत करते समय प्रवीण उर्फ बब्बू के पास किसी व्यक्ति का फोन आ गया, वह फोन सुनने के लिए आंगन में गया।इसी दौरान ज्ञानेंद्र और उसका एक साथी भी प्रवीण के पास पहुंच गए ।   इसके बाद उन्होंने प्रवीण पर गोलियां बरसा दी । बताया कि,ज्ञानेंद्र ढाका ने खरपाली से भी प्रवीण उर्फ बब्बू पर हमला किया।इस दौरान मौके पर पहुंचे तीन लोग बीच बचाव करते समय घायल हो गए, जबकि ज्ञानेंद्र और उसका साथी मौके से फरार हो गये। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।    मंगलवार सुबह परिजनों ने उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया । वहीं प्रवीण की हत्या के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है । सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उधर एएसपी एनपी सिंह का कहना है कि, ज्ञानेंद्र ढाका व उसके साथी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम दबिश डाल रही है ,जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Nov 2, 2024

बड़ौत के विपिन कुमार बने एयरपोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंड़िया के अध्यक्ष

बागपत, 02 नवंबर 2024 (यूटीएन)। बड़ौत नगर के मूल निवासी और 1996 बैच के आईएएस अधिकारी विपिन कुमार के एयरपोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंड़िया एएआई के अध्यक्ष नियुक्त होने पर जनपद बागपत में हर्ष की लहर है। विपिन कुमार के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। विपिन कुमार प्रमुख समाजसेवी और दिगम्बर जैन इंटर कॉलेज बड़ौत में भौतिक विज्ञान के जाने-माने प्रवक्ता स्वर्गीय श्यामकिशन जैन जी के पुत्र है। उनकी माता सरोज जैन रिटायर्ड अध्यापिका है, वह सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंद लोगों की सहायता करती है और धार्मिक कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेती है।   विपिन कुमार की बड़ी बहन स्वर्गीय संगीता जैन मेरठ की प्रसिद्ध अधिवक्ता रही है। विपिन कुमार के भाई रजनीश जैन एक कारोबारी है। इनकी दो बहनें वंदना जैन शालीमार गार्डन और मोनिका जैन जयपुर ग्रहणी होने के साथ-साथ समय-समय पर समाजसेवा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।   विपिन कुमार बिहार कैडर से है। वह सुपोल, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, जमुई के जिलाधिकारी, मिड़ डे मील एण्ड़ स्कूल बिहार के डायरेक्टर, एड़मिनिस्ट्रेटिव रिफार्म विभाग बिहार के मिशन डायरेक्टर, हयूमन रिसार्स डिवीजन बिहार के डायरेक्टर, पीडब्लूडी ब्रिज एण्ड़ रोड़ कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन बिहार के चेयरमैन, जनरल एड़मिनिस्ट्रेशन विभाग बिहार भवन नई दिल्ली के रेजिडे़ट कमीशनर, शिक्षा विभाग स्कूल एजुकेशन एण्ड़ लिटरेसी नई दिल्ली भारत सरकार के एड़िशनल सेक्रेटरी रह चुके है। विपिन कुमार ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, गुरूजनों, भाईयों-बहनों और सहयोगियों को दिया है। कहा कि उनको जो जिम्मेदारी सौंपी गयी है, वह उसको पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभायेंगे।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Nov 2, 2024

सिंघम अगेन: जबरदस्त एक्शन के साथ अजय देवगन की दहाड़, रणवीर का अंदाज और छा गया अक्षय-सलमान का कैमियो

नई दिल्ली,  02 नवंबर 2024 (यूटीएन)। रोहित शेट्टी कॉप यूनिवर्स की लेटेस्ट और मल्टीस्टारर फिल्म सिंघम अगेन रिलीज हो गई है। सिंघम' और 'सिंघम रिटर्न्स' की सफलता के बाद रोहित शेट्टी 'सिंघम अगेन' लेकर आ चुके हैं. दिवाली के मौके पर ये फिल्म रिलीज की गई है. इस फिल्म में अजय देवगन के साथ-साथ करीना कपूर, टाइगर श्रॉफ, दीपिका पादुकोण, अर्जुन कपूर, अक्षय कुमार और रणवीर सिंह जैसे कई मशहूर चेहरे शामिल हैं. सलमान खान भी इस फिल्म में कैमियो रोल में नजर आए हैं.   *10 साल बाद ‘सिंघम’ का कमबैक* भले ही ‘सूर्यवंशी’ में हमने सिंघम की झलक देखी थी, लेकिन बाजीराव सिंघम ने 10 साल के बाद एक ब्रांड न्यू फिल्म के साथ बॉक्स ऑफिस पर एंट्री की है और सिंघम के फैन्स के लिए ये फिल्म देखने के लिए ये एक वजह काफी है.   *दमदार एक्शन* रोहित शेट्टी की हर फिल्म की तरह इस फिल्म में भी दमदार एक्शन देखने को मिला है. ओपनिंग सीन में कुछ खास डिजाइन की गाड़ियां भी शामिल की गईं हैं और उन गाड़ियों के सहारे भरपूर एक्शन क्रिएट किया गया है.ये एक्शन बड़े पर्दे पर देखना किसी विजुअल ट्रीट से कम नहीं है.   *शानदार डायलॉग* ‘सिंघम अगेन’ में देशभक्ति से लेकर कॉमेडी तक हर तरह के डायलॉग सुनने को मिलेंगे. जैसे अवनि के लिए नहीं आया मैं, तो सिंघम असली मराठा नहीं’, ‘जान देने से लेकर जान लेने तक का जो भी मान हो समझो वो हो गया’. ये डायलॉग फिल्म को और मजबूत बनाते हैं.   *रामलीला से कनेक्शन* फिल्म के ट्रेलर से ही पता चल गया था कि इस बार सिंघम की कहानी का सीधे रामायण से कनेक्शन है. फिल्म में रामलीला में चल रही रामायण की कहानी और सिंघम की कहानी को एक दूसरे से कनेक्ट करते हुए पैरेलल अंदाज में दिखाना आसान नहीं था, लेकिन रोहित शेट्टी ने बड़े ही सटीक तरीके से इसका तालमेल बैठाया है.   *मल्टीस्टारर फिल्म* एक ही फिल्म के टिकट में रोहित शेट्टी हमें अजय देवगन के साथ अक्षय कुमार को भी पर्दे पर दिखा रहे हैं, रणवीर सिंह भी हैं और साथ ही टाइगर श्रॉफ और दीपिका पादुकोण भी. यानी एक पर्दे पर, एक साथ ढेर सारे सितारे. वहीं इन सबको एक साथ देखना दिलचस्प होने वाला है.   *बलिदान और धर्म के मुद्दों को उजागर करती है फिल्म* इस फिल्म में रामायण के पहलुओं को खूबसूरत तरीके से जोड़ा गया है, जिसमें किरदारों को मॉडर्न अंदाज में पेश किया गया है: सिंघम को राम, अवनि को सीता, और जुबैर को रावण के रूप में दिखाया गया है। यह सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी रामायण जैसी महाकाव्य का सम्मान करती है और साहस, बलिदान और धर्म के मुद्दों को देखने का नया तरीका पेश करती है। ब्रेक से पहले एक खास पल आता है, जब तनाव बढ़ जाता है और दांव ऊंचे हो जाते हैं। जब अर्जुन कपूर और उनकी टीम करीना के किरदार को किडनैप करने की कोशिश करती है, तब फिल्म में एक रोमांचक मोड़ आता है। दया (दयानंद शेट्टी) करीना के किरदार को बचाने की कोशिश में गंभीर रूप से जख्मी हो जाता है, जिससे एक जबरदस्त फाइट सीक्वेंस की शुरुआत होती है।   एक घने जंगल में, टाइगर श्रॉफ अपनी धमाकेदार मार्शल आर्ट स्किल दिखाते हैं, खासकर कलारी तकनीक। उनका सामना इस दौरान अर्जुन कपूर और उनकी टीम से होता है और उनके बीच एक शानदार आमना सामना होता है। एक और शानदार फाइट सीन रामायण से संबंधित है, जिसमें रणवीर सिंह, हनुमान की भावना को दिखाते हुए, जुबैर का सामना उसी के किले में करते हैं। यह सीन पौराणिक कहानी से जुड़ी हुई है, जहां हनुमान जी ने सीता माता को बचाने के लिए लंका को आग लगा दी थी। इस सीक्वेंस की कोरियोग्राफी बेहतरीन है, जहां सिंह की इच्छा शक्ति अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष को दिखाती है।   *फिल्म में अजय देवगन का जबरदस्त एक्शन* परफॉर्मेंस की बात करें तो, अजय देवगन ने एक सख्त पुलिस अधिकारी के रूप में आकर्षक परफॉर्मेंस दी है, जिसमें कमजोरी और ताकत दोनों दिखाई गई है। उनका किरदार उनकी पर्सनालिटी को मेल खाता है, जिससे सिंघम एक बार फिर यादगार किरदार बन गया है। अवनी का किरदार निभा रहीं करीना कपूर सिर्फ़ मुश्किल में फंसी महिला से कहीं बढ़कर हैं; उन्होंने अपने किरदार में प्रामाणिकता और लचीलापन बड़ी खूबसूरती से जोड़ा है। रणवीर सिंह की एसीपी संग्राम “सिम्बा” भालेराव के रूप में वापसी फिल्म की एक खास बात है। अपने अंदाज में, रणवीर बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग, हंसाने वाले वन लाइनर और पंचेज के साथ, तनाव भरे पलों में हंसी लाता है और दर्शक उनके किरदार को और देखना चाहते हैं। फिल्म में दीपिका पादुकोण की एसपी शक्ति शेट्टी की भूमिका बेहद कमाल की है, जबकि टाइगर श्रॉफ की शानदार ऐक्रोबेटिक स्किल्स एसीपी सत्या बाली के रूप में उनके नए अंदाज और एनर्जी से भरे एक्शन सीन्स को पेश करती है।   रोहित शेट्टी ने एक्शन और इमोशन को खूबसूरती से बैलेंस किया है, जिससे हर एक सीन जीवंत और आकर्षक लगती है। एडिटिंग क्लियर और क्विक है, और बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म में रोमांच को बढ़ाता है, जिससे यह कहानी का एक और अहम हिस्सा बन जाता है। एक्शन सीन बड़े पर्दे के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो दर्शकों को सरप्राइस करने के साथ इंप्रेस कर रहे हैं। सिंघम अगेन एक बहुत ही शानदार फिल्म है, जो दर्शकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करती है। इसमें एक्शन, परफॉर्मेंस और डायरेक्शन का कमाल का मेल है। सलमान खान का चुलबुल पांडे के रूप में स्पेशल कैमियो आने वाले कॉप यूनिवर्स से जुड़ी फिल्म को लेकर रोमांच बढ़ता है। रोहित शेट्टी की कॉप यूनिवर्स लगातार बड़ी होती है, जिसमें हर नई फिल्म में हाई एनर्जी वाले एक्शन, ह्यूमर और स्टार पावर का खूबसूरत मेल देखने मिल रहा है। ऐसे में, यह एक मस्ट वॉच फिल्म बनकर आई है, क्योंकि यह साल की बेस्ट फिल्मों में से एक है। तो देर किस बात की? जाइए और सिंघम अगेन की दुनिया को इस दिवाली एंजॉय कीजिए !   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |    

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Nov 2, 2024

डिजिटल अरेस्ट के खिलाफ गृह मंत्रालय लाया नया 'हथियार

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश में बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों को लेकर गृह मंत्रालय एमएचए ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी गठित की है। बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस कमेटी को मॉनिटर कर रहे हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में देशवासियों को 'डिजिटल अरेस्ट' को लेकर सजग रहने की नसीहत दी थी। साथ ही उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए 'रुको-सोचो-एक्शन लो' का मंत्र भी दिया था।   *पीएम मोदी की सलाह पर बनाई गई हाई लेवल कमेटी* पीएम मोदी की नसीहत के बाद गृह मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया। डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की गई है। बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर लगाम लगाने लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय के 14सी विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क भी किया है। एमएचए का 14सी विंग डिजिटल अरेस्ट पर केस-टू-केस मॉनिटर करेगा।   *6000 से अधिक शिकायतें हुई दर्ज* ज्ञात हो कि इस साल डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी 6,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई है। गृह मंत्रालय के साइबर विंग ने अब तक 6 लाख मोबाइल को ब्लॉक किया है। ये सभी फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में शामिल थे। इसके अलावा 14सी विंग ने अब तक 709 मोबाइल एप्लिकेशन को भी ब्लॉक किया है। इतना ही नहीं, साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार आईएमईआई को ब्लॉक किया गया है। साथ ही साइबर फ्रॉड से जुड़े 3.25 लाख फेक बैंक को भी फ्रीज किया गया है।   हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मन की बात में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक किया था।प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल अरेस्ट का फरेब करने वालों के बारे में कहा कि उनका पहला दांव होता है कि ये आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी जुटा कर रखते हैं। उनका दूसरा दांव भय का माहौल पैदा करने का होता है। यह फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे। इसके बाद फ्रॉड करने वाले समय का अभाव दिखाते हैं। ये इतना मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 30, 2024

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब पराली जलाने पर भारी भरकम जुर्माना लगाने की तैयारी में केंद्र

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब केंद्र सरकार भी ऐक्शन में आ गई है। मोदी सरकार पराली जलाने वालों पर भारी भरकम जुर्माना लगाने की तैयारी में है। सरकार जल्द ही इस बारे में फैसला ले सकती है और इस हफ्ते के अंत तक नए नियमों की घोषणा की जा सकती है। यह मामला किसानों से जुड़ा होने के कारण यह फैसला सरकार के लिए काफी मुश्किल भी साबित हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण कानूनों को दांतहीन बताते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी और पराली जलाने पर लगने वाले न्यूनतम जुर्माने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।   *कितना देना पड़ सकता है जुर्माना?* केंद्र सरकार की गठित 'कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडजॉइनिंग एरियाज एक्ट, 2021' के तहत अभी तक 2 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर पराली जलाने पर 2500 रुपये का जुर्माना लगता था। अब सरकार इस जुर्माने को बढ़ाकर 5,000 रुपये करने पर विचार कर रही है। इसी तरह 2 से 5 एकड़ जमीन वालों पर यह जुर्माना 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वालों पर 15,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने की योजना है। सरकार का मानना है कि बढ़ा हुआ जुर्माना किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए एक प्रभावी उपाय साबित होगा। इस समय किसानों को पराली न जलाने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन प्रस्तावित जुर्माना इस प्रोत्साहन राशि से भी ज़्यादा है।   *इन राज्यों के लिए बाध्यता* केंद्र सरकार 'सीएक्यूएम (इम्पोजिशन, कलेक्शन एंड यूटिलाइजेशन ऑफ एनवायरनमेंटल कंपनसेशन फॉर स्टबल बर्निंग) एमेंडमेंट रूल्स, 2024' पर काम कर रही है। इसके तहत आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारियों को बढ़ा हुआ जुर्माना लगाने का अधिकार होगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सरकार इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगी। ये नए नियम पराली जलाने के मौसम और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने से कुछ दिन पहले ही लागू हो सकते हैं।   *फैसला मुश्किल भी खड़ा कर सकता है* केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। किसान पहले भी इस तरह के फैसलों का विरोध करते रहे हैं, इसलिए माना जा रहा है कि यह फैसला राजनीतिक रूप से भी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान सरकार से जवाब मांगा है, इसलिए सरकार जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। 23 अक्टूबर को वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और "उचित मुआवजा" तय करने के लिए कानून की धारा 15 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था, "किसानों पर ₹2,500 या ₹5,000 का जुर्माना लगाना हास्यास्पद है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 30, 2024

दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाने के लिए भाजपा सांसद पहूंचे हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में आयुष्मान योजना को लागू कराने के लिए भाजपा अब कानूनी लड़ाई लड़ेगी। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचेदवा ने कहा, तुच्छ राजनीति के कारण आम आदमी पार्टी की सरकार गरीबों व बुजुर्गों को निःशुल्क उपचार की सुविधा से वंचित कर रही हैं। इन्हें हक दिलाने के लिए भाजपा सांसद अदालत की शरण में गए हैं। दिल्ली के सभी सातों सांसदों के साथ प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने 70 वर्ष से अधिक आय़ु के लोगों के आयुष्मान योजना की घोषणा की है। उन्होंने अपनी मन की वेदना सामने रखी है कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लागू नहीं करने के कारण यहां के बुजुर्गों को लाभ नहीं मिल सकेगा।   *मोहल्ला क्लीनिक की सूची हो सार्वजनिक* सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल का स्वास्थ्य मॉडल भ्रष्टाचार पर आधारित है। उन्होंने दिल्ली सरकार को चल रहे पांच सौ मोहल्ला क्लीनिक की सूची सार्वजनिक करने की चुनौती दी है। कहा, मोहल्ला क्लीनिकों में 65 हजार फर्जी टेस्ट और सरकारी अस्पतालों में नकली दवा देने की जांच चल रही है। यहां डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। दूषित जल के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। मजबूरन लोग निजी अस्पताल में उपचार कराने जाते हैं। निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। 60 से अधिक निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के लिए पंजीकरण कराया है उनमें दिल्ली की जगह पड़ोसी राज्यों के लोग आकर अपना उपचार कराते हैं।   *'योजना पर केजरीवाल और दिल्ली सरकार के मंत्री बोल रहे झूठ'* केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, आयुष्मान योजना पर केजरीवाल व दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ बोल रहे हैं। सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उन्होंने 2021 में सदन यह मामला उठाया था। केजरीवाल की उपस्थिति में उस समय के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे लागू करने की घोषणा की थी। बाद में सरकार पलट गई।   *आप सरकार में चिकित्सा सुविधा कम  हुई है* सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में दस्तावेज के नाम पर मरीजों को परेशान किया जाता है। समिति द्वारा मई में दी गई सिफारिश को दिल्ली सरकार लागू नहीं कर रही है। दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार पिछले 10 वर्षों में एक भी नया अस्पताल नहीं बना। इस दौरान कई अस्पतालों, प्रसव गृह व डिस्पेंसरी बंद कर दिए गए। अस्पतालों की संख्या 94 से कम होकर 92 रह गया है।   प्रसव गृह की संख्या 265 से कम होकर 124 और नर्सिंग होम 1057 से कम होकर 1040 रह गए हैं। दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह योजना लागू नहीं करने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों प्रदेशों की सरकारों की आलोचना की थी जिसे लेकर भाजपा और 'आप' के बीच छीटाकशीं शुरू हो गयी है। सचदेवा ने दावा किया कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत योजना लागू की जाएगी। उन्होंने अपने वादे से पलटने के लिए 'आप' की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए अब कानूनी लड़ाई लड़ेगी कि इस योजना का लाभ दिल्ली में बुजुर्गों तथा अन्य पात्र लोगों को मिले।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 30, 2024

संघ का 'पंच परिवर्तन' कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं: सुनील आंबेकर

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ का 'पंच परिवर्तन' कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि देश को प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे ले जाने का विचार है। समाज में पांच स्तरीय बदलाव लाना आरएसएस के शीर्ष एजेंडे में से एक है, जिसे इसके कार्यकर्ताओं की ओर से देशभर में व्यापक जनसंपर्क अभियान के जरिये आगे बढ़ाया जाना है। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के एक भाग के रूप में समाज के लाभ के लिए पंच परिवर्तन कार्यक्रम पर भी गहराई से चर्चा करने की घोषणा की थी। उसके मुताबिक इस कार्यक्रम में सामाजिक परिवर्तन के लिए पांच प्रमुख बिंदु यानी सामाजिक समरसता (सामाजिक सद्भाव), कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण (पर्यावरण जागरूकता), 'स्व' (स्वार्थ) पर जोर और नागरिकों के कर्तव्य शामिल हैं।   आंबेकर ने यहां इंद्रप्रस्थ संवाद केंद्र द्वारा आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में कहा कि पंच परिवर्तन समाज में बदलाव का कार्यक्रम है और यह हर किसी के लिए अच्छा है। यहां हर किसी की भूमिका है और हम सभी सोचते हैं कि समाज में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। लोगों से इस कदम से जुड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि दीपावली पर इसकी शुरुआत एक सही अवसर है। आंबेकर ने कहा कि देश तभी समृद्धि प्राप्त कर सकता है, जब उसके लोग अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर आगे आएं और लोक कल्याण के लिए काम करें। उन्होंने कहा, पूरा समाज जाग रहा है और देश भी समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। हमारे देश में इतनी समृद्धि हो कि हर कोई दिवाली धूमधाम से मना सके। यह तभी संभव है, जब हम अच्छे और सकारात्मक विचारों का प्रसार करें। मीडिया को यहां बड़ी भूमिका निभानी है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 30, 2024

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच बीजेपी ने पंजाब के सीएम को लिखा पत्र

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। बीजेपी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य में पराली जलाने के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। बीजेपी ने पंजाब में पराली जलाने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव का हवाला दिया। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मान से मिलने और प्रदूषण के मुद्दे पर पत्र सौंपने के लिए दिल्ली के कपूरथला हाउस गया।   *पंजाब के रेजिडेंट कमिश्नर कौ सौंपा पत्र* हालांकि प्रतिनिधिमंडल पंजाब के मुख्यमंत्री से नहीं मिल सका और उन्होंने दिल्ली में पंजाब के रेजिडेंट कमिश्नर के माध्यम से अपना पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सीनियर विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सांसद बांसुरी स्वराज, मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी शामिल थे।   *राजनीतिक मकसद से नहीं है पत्र'* पत्र में कहा गया, ‘हम आज आपको किसी राजनीतिक मकसद से नहीं बल्कि दिल्ली के जागरुक और चिंतित नागरिकों के तौर पर लिख रहे हैं। जैसा कि आपने पढ़ा और देखा होगा, दिल्ली का एक्यूआई पहले ही 400 को छू चुका है और इसमें सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, जैसे-जैसे सर्दी करीब आ रही है यह समस्या और भी बदतर होती जा रही है।’   *आप नेताओं के बयानों को दी चुनौती* पत्र में दावा किया गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कथित तौर पर कमी आई है, लेकिन 2023 में पराली जलाने का वास्तविक क्षेत्रफल 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है।   पत्र में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं के बयानों को चुनौती दी गई है। जिन्होंने दिल्ली में सर्दियों में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने के लिए मुख्य रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी ने आप के दावों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘पंजाब में संख्या हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कहीं अधिक है।’’ बीजेपी ने मुख्यमंत्री मान से प्रभावी फसल वितरण तंत्र, गैर-अनुपालन के लिए दंड आदि लागू करने का आग्रह किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 30, 2024

चिंता: जिस बीमारी को 2025 तक खत्म करने का था लक्ष्य उसके बढ़ रहे हैं मरीज

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत साल 2025 तक तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोग के उन्मूलन के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है, हालांकि ये राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है। इसके मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। हालिया आंकड़े और भी परेशान करने वाले हैं। निर्धारित लक्ष्य पर गंभीरता से काम करके और लोगों में जागरूकता बढ़ाकर पिछले दो दशकों में भारत ने कई गंभीर बीमारियों पर विजय पाई है। पोलियो पर भारत की विजय ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। इसी क्रम में भारत साल 2025 तक तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोग के उन्मूलन के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है, हालांकि ये राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है।   फेफड़ों में होने वाले इस गंभीर संक्रमण से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं, भारत के लिए भी ये बीमारी चिंता का कारण बनी हुई है। भारत से टीबी को अगले साल तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था हालांकि इसके मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में भारत में 25.37 लाख टीबी के मामले दर्ज किए गए। इससे पहले 2022 में करीब 24.22 लाख लोगों में इस बीमारी का पता चला था। ज्यादातर मामले सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा रिपोर्ट किए गए, निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में मामलों को निदान किया जा रहा है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्हें ये बीमारी तो है पर उनका निदान नहीं किया गया है जिससे संक्रमण के और भी बढ़ने का खतरा रहता है।   *दुनियाभर में बढ़ रहे हैं टीबी के मामले* टीबी के मरीज दुनियाभर में देखे जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2023 में दुनियाभर में 8 मिलियन (80 लाख) से अधिक लोगों में तपेदिक का पता चला है। यह संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा 1995 में ट्रैक रखना शुरू करने के बाद से दर्ज किए गए मामलों की सबसे अधिक संख्या है। इससे पहले 2022 में डब्ल्यूएचओ ने टीबी के 7.5 मिलियन (75 लाख) मामले दर्ज किए। पिछले साल लगभग 1.25 मिलियन (12.5 लाख) लोगों की टीबी से मृत्यु भी हुई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि टीबी के ज्यादातर मामले दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के लोगों में देखे जा रहे हैं।    *डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता* डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने एक बयान में कहा, टीबी अभी भी इतने लोगों को बीमार कर रहा है और लाखों लोगों की मौत हो रही है, ये निश्चित ही चिंताजनक है। हमारे पास इसे रोकने, इसका पता लगाने और इलाज करने के उपकरण हैं फिर भी ये बीमारी लगातार बढ़ रही है, जो वास्तव में परेशान करने वाली स्थिति है। टीबी से संबंधित मौतों की संख्या में मामूली गिरावट जरूर आई है। साल 2022 में 1.32 मिलियन (13.2 लाख) मौतों से घटकर साल 2023 में यह 1.25 (12.5 लाख) रह गई है, लेकिन नए संक्रमितों की संख्या बढ़ना गंभीर विषय है।    *वैश्विक टीबी के लगभग 25% मामले भारत से* भारत की बात करें तो यहां सामने आने वाले मामले अब भी वैश्विक टीबी का लगभग 25% हिस्सा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर व्यावसायिक जोखिमों को रेखांकित करते हुए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में सामान्य आबादी की तुलना में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच टीबी के मामले बहुत अधिक हैं। साल 2004 से 2023 के बीच किए गए 10 अलग-अलग अध्ययनों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में प्रति एक लाख स्वास्थ्य कर्मियों पर औसतन 2,391.6 मामले हैं। टीबी कई तरह से स्वास्थ्य के लिए गंभीर माना जाता है जिससे बचाव के उपाय करते रहना बहुत जरूरी है।   *टीबी संक्रमण के बारे में जानिए* टीबी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। ये मुख्यरूप से वायुजनित ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। टीबी रोग वाले लोगों की खांसी या छींक से निकलने वाले बूंदों के माध्यम से आसपास के अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दो सप्ताह से अधिक समय तक अगर खांसी की दिक्कत बनी रहती है और कफ या खून आता है, सीने में दर्द, कमजोरी या थकान की समस्या रहती है तो ये टीबी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों में टीबी के कारण वजन कम होने, भूख कम लगने, ठंड लगने, बुखार और रात में पसीना आना की भी दिक्कत हो सकती है। अगर आपमें भी इस तरह के लक्षण हैं तो तुरंत इसकी जांच कराएं। टीबी रोग का समय पर इलाज होने से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 30, 2024

दिल्ली एम्स ने लकवा मरीज के ब्लड क्लॉट का ग्रासरूट तकनीक से किया सफल इलाज

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली एम्स में ग्रासरूट तकनीक से एक मरीज के ब्लड क्लॉट का इलाज करने में डॉक्टरों को सफलता मिली है. इस तकनीक से 25 अगस्त को डॉक्टरों ने पहले मरीज का सफलतापूर्वक इलाज करने के बाद मरीज को छुट्टी दे दी. एम्स का दावा है कि ग्रासरूट तकनीक से देश में यह पहले मरीज का इलाज किया गया है. मरीज अब पूरी तरह ठीक है. डॉक्टर ने कहा कि यह तकनीक लकवाग्रस्त मरीज का इलाज करने में सक्षम है.   *देश के 16 केंद्रों में चलेगा तकनीक का ट्रायल* दिल्ली एम्स में इस तकनीक का आगे भी ट्रायल चलेगा. एम्स के अलावा देशभर में 16 केंद्रों को इस तकनीक का क्लीनिकल ट्रायल चलाने की अनुमति मिली है. दिल्ली एम्स के न्यूरोसाइंस सेंटर में न्यूरो इमेजिंग और इंटरवेंशियल न्यूरोरेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शैलेश गायकवाड ने बताया कि एम्स सहित पूरे देश में इस तकनीक पर अभी शोध चल रहा है. अगर इस तकनीक में इस्तेमाल की जा रही अत्याधुनिक ग्रेविटी डिवाइस का परीक्षण सफल रहता है तो आगे उनके व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति रेगुलेटरी अथॉरिटी के द्वारा दी जाएगी.   *पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में कम उम्र में आ रहे स्ट्रोक*  डॉक्टर गायकवाड़ ने बताया कि भारत के लोगों की आर्टरी का साइज़ अलग है. साथ ही मस्तिष्क में बनने वाले क्लॉट का कारण भी अलग है. डॉक्टर ने बताया कि भारत के लोगों में क्लॉट का असर अन्य देशों की तुलना में 10 साल पहले आ जाता है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी देशों के लोगों में 60 से 70 साल की उम्र में स्ट्रोक आता है. जबकि भारत में 50 से 55 साल की उम्र में ही लोगों में इस तरह की समस्या देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि जब शोध पूरा होगा तो उससे निकलने वाले निष्कर्ष से पता चलेगा कि आखिर इस स्ट्रोक के आने का कारण क्या है.   *ट्रायल में प्रशिक्षित किए जाएंगे* स्वास्थ्यकर्मी  डॉ शैलेश गायकवाड़ ने बताया कि देश भर में 16 केंद्रों में होने वाले ग्रासरूट तकनीक के इस्तेमाल के ट्रायल से अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जा सकेगा. इससे आगे जब इस तकनीक को व्यापक स्तर पर चलन में लाया जाएगा तो प्रशिक्षित कर्मियों की कमी नहीं खलेगी. ट्रायल के दौरान ही बड़ी संख्या में इस तकनीक से इलाज करने वाले कर्मियों को प्रशिक्षित कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 142 करोड़ की आबादी वाले भारत में हर साल 17 लाख लोगों को स्ट्रोक आता है. इनमें से सिर्फ साढ़े तीन हजार से साढे चार मरीजों का ही इलाज मिल पाता है.   *समय पर इलाज न होने से हो सकती है स्थाई अपंगता*  ग्रासरूट तकनीक के शोध में शामिल एम्स की डॉक्टर दीप्ति विभा ने बताया कि अगर दिमाग की नस से क्लॉट को सही समय पर नहीं निकाला जाता है तो इससे स्थाई अपंगता हो सकती है. ग्रासरूट तकनीक से इलाज उसी मरीज में सफल होता है जिसकी बड़ी नसों में ज्यादा क्लोटिंग हो गई हो. छोटे क्लॉट में यह तकनीक काम नहीं आती है. इस तकनीक में एक डिवाइस को नसों में डाल करके उससे क्लॉट को निकाला जाता है. इससे नसों में ब्लड का सरकुलेशन फिर से शुरू हो जाता है. इससे बहुत सारी नसों को खराब होने से बचा लिया जाता है और मरीज ठीक हो जाता है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 29, 2024