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संसद सिर्फ दीवारें नहीं बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा का केंद्र है": प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री ने बिरला के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद संभालने का स्वागत किया। उन्होंने अध्यक्ष को सदन की ओर से शुभकामनाएं दीं। अमृत ​​काल के दौरान बिरला के दूसरी बार कार्यभार संभालने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि  बिरला को उनके पिछले पांच साल के अनुभव और उनके साथ संसद सदस्यों के अनुभव से इस महत्वपूर्ण समय में सदन का मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अध्यक्ष के विनम्र तथा नम्र व्यक्तित्व और उनकी विजयी मुस्कान से उन्हें सदन का संचालन करने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि लोकसभा के दोबारा चुने गए अध्यक्ष नई सफलता हासिल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले बलराम जाखड़ लगातार पांच वर्षों के बाद फिर से इस पद पर आसीन होने वाले पहले अध्यक्ष थे, और ओम बिरला हैं।   जिन्हें 17वीं लोकसभा के सफल समापन के बाद 18वीं लोकसभा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने बीच में 20 साल की अवधि की प्रवृत्ति की ओर भी इशारा किया जिस दौरान लोकसभा का अध्यक्ष चुने गए लोग या तो चुनाव नहीं लड़े या अध्यक्षीय कार्यकाल के बाद चुनाव जीत नहीं सके, लेकिन यह ओम बिरला हैं जिन्होंने चुनाव में फिर से विजयी होने के बाद अध्यक्ष के रूप में वापसी करके इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री ने एक सांसद के रूप में अध्यक्ष के कामकाज पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र में स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे के उल्लेखनीय अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र कोटा के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में बिरला के किए गए अच्छे कार्यों पर भी टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने बिरला की इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में खेलों को भरपूर बढ़ावा दिया।    पिछली लोकसभा के दौरान बिरला के नेतृत्व को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने उस अवधि को हमारे संसदीय इतिहास का स्वर्णिम काल बताया। प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के दौरान लिए गए परिवर्तनकारी फैसलों को याद करते हुए अध्यक्ष के नेतृत्व की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संरक्षण विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर - विवाद से विश्वास विधेयक जैसे सभी ऐतिहासिक अधिनियमों का उल्लेख किया जिन्हें ओम बिरला की अध्यक्षता में पारित किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की लंबी यात्रा विभिन्न पड़ावों का गवाह बनती है जो नए रिकॉर्ड बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के लोग भविष्य में भी 17वीं लोकसभा को उसकी उपलब्धियों के लिए सराहते रहेंगे।    उन्होंने भारत को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने की दिशा में 17वीं लोकसभा में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने सदन को आश्वास्त किया कि नया संसद भवन माननीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अमृत काल के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। मोदी ने वर्तमान अध्यक्ष की अध्यक्षता में नए संसद भवन के उद्घाटन को याद किया और लोकतांत्रिक पद्धतियों की नींव को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने सदन में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए अध्यक्ष बिरला द्वारा शुरू की गई पेपरलेस वर्कफ़्लो और व्यवस्थित ब्रीफिंग प्रक्रिया की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों के विधायी निकायों के अध्यक्षों के बेहद सफल पी-20 सम्मेलन के लिए भी अध्यक्ष की सराहना की, जिसमें बड़ी संख्या में देशों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन सिर्फ दीवारों का जमावड़ा नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षा का केंद्र है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सदन की कार्यप्रणाली, आचरण और जवाबदेही हमारे देश में लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है।    प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा की रिकॉर्ड उत्पादकता का उल्लेख किया जो 97 प्रतिशत रही। मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान सदन के सदस्यों के प्रति अध्यक्ष के व्यक्तिगत संबंध और चिंता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बिरला की इस बात के लिए भी सराहना की कि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान भी सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं होने दिया। उस दौरान संसद की उत्पादकता 170 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। प्रधानमंत्री ने सदन की गरिमा को बनाए रखने में अध्यक्ष द्वारा दिखाए गए संतुलन की सराहना की जिस दौरान कई कठोर निर्णय लेना भी शामिल था। उन्होंने परंपराओं को बनाए रखते हुए सदन के मूल्यों को बनाए रखने का विकल्प चुनने के लिए अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करके और उनके सपनों तथा आकांक्षाओं को साकार करके 18वीं लोकसभा के सफल होने पर अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने ओम बिरला को दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

मुझे चुप रहने का भी अधिकार', कोर्ट में सीबीआई के दावे पर केजरीवाल का जवाब

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली की शराब नीति मामले में जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई ने केजरीवाल की 5 दिन की कस्टडी मांगी है. इतना ही नहीं सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया. सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.    दिल्ली शराब नीति मामले में जांच कर रही ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने कोर्ट में कहा, हमें केजरीवाल से हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है. वह यह भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल का कहना है कि विजय नायर अतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे.    *केजरीवाल के वकील ने गिरफ्तारी पर उठाए सवाल*   इस पर केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा,  सबसे पहले अदालत को ये देखना होगा कि क्या गिरफ्तारी की जरूरत थी? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या रिमांड की जरूरत है? विक्रम चौधरी ने कहा, सीबीआई चाहती है कि केजरीवाल हिरासत में ही रहें. क्या ये स्वतंत्र एजेंसियां ​​हैं या फिर ये लोगों को खुश करने के लिए खेल रही हैं? मैं यह कह रहा हूं कि अगर यह आदमी वाकई दोषी था और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, तो उन्होंने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया?   *मुझे चुप रहने का अधिकार- केजरीवाल के वकील*   विक्रम चौधरी ने कहा, जांच अधिकारी को ठोस सबूत के जरिए यह साबित करना होगा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. सहयोग न करना भी गिरफ्तारी का आधार नहीं है. सीबीआई का कहना है कि वो टालमटोल कर रहे थे. मुझे (केजरीवाल) चुप रहने का भी अधिकार है. सीबीआई ने कहा, इससे पहले केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम जमानत पर थे सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अगर इस बीच उन्हे गिरफ्तार किया जाता तो गलत संदेश जाता. हम सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करना चाहते.    *कोर्ट में बिगड़ी केजरीवाल की तबीयत*   राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई. उनका अचानक सुगर लेवल डाउन हो गया. इसके बाद उन्हें दूसरे रूम में बैठाया गया. उन्हें चाय और बिस्किट दिया गया. कोर्ट रूम में उस वक्त सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं.    *गिरफ्तारी पर बिफरीं पत्नी सुनीता केजरीवाल*   केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "20 जून अरविंद केजरीवाल को बेल मिली. तुरंत ईडी ने स्टे लगवा लिया. अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया और आज गिरफ़्तार कर लिया. पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये. ये कानून नहीं है, ये तानाशाही है, इमरजेंसी है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई के बहाने इशारे ही इशारे में समझा गए राहुल और अखिलेश

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। बीजेपी सांसद ओम बिरला 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं. लोकसभा में बुधवार को उनका चुनाव ध्वनि मत से हुआ. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी. नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी उन्होंने बधाई दी. बाद में नेता सदन और नेता विपक्ष ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए. इसके बाद पीएम मोदी और नेता विपक्ष ने उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी. इनके साथ-साथ अन्य नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी. इस दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव तंज कसते हुए भी नजर आए.    *राहुल गांधी क्या बोले?*   लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक सत्ता है, लेकिन विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है. इस बार विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उन्होंने कहा,''अध्यक्ष जी विपक्ष आपको आपके काम में मदद करेगा. हम चाहते हैं कि सदन ठीक से काम करे.    उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि विपक्ष को सदन में जनता की आवाज को उठाने दिया जाए. मुझे विश्वास है कि आप हमें अपनी आवाज और जनता की आवाज को उठाने का मौका देंगे.'' नेता विपक्ष ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि सदन ठीक से चले, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि भारत की आवाज को कितना सुना जाता है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाकर सदन चलाने का विचार बहुत ही अलोकतांत्रिक विचार है.   यह कहते हुए राहुल गांधी ने 17वीं लोकसभा में संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर संसद से 150 से अधिक सांसदों के निलंबन की तरफ इशारा किया. राहुल गांधी ने कहा कि इस चुनाव में लोगों ने दिखाया है कि विपक्ष संविधान की रक्षा करे. मुझे पूरा विश्वास है कि आप विपक्ष को बोलने का मौका देकर, हमें भारत के लोगों की आवाज उठाने का मौका देकर आप संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे.   *क्या इशारा कर गए अखिलेश यादव*   वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव वे ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा,''प्रधानमंत्री जी और हमारे साथी नेता विपक्ष ने आपको बधाई दे चुके हैं. आपको पांच साल सदन चलाने का अनुभव रहा है. साथ ही आपको पुराने और नए दोनों सदन का अनुभव है. जिस पद पर आप बैठे हैं उससे कई गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं.    हम सब यही मानते हैं कि बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्‍यक्ष के रूप में हर सांसद और हर दल को सम्‍मान देंगे. निष्‍पक्षता इस महान पद की महान जिम्‍मेदारी है.'' उन्होंने कहा,''आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं.हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई ना जाए और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई दोबारा सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाएं. आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे.''   *सांसदों के निलंबन की दिलाई याद*   अखिलेश ने आगे कहा कि आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो. हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं. मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं. मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है,नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है, सबकुछ अच्छा लगा है. लेकिन कुछ दरारों में कुछ सीमेंट अभी भी लगा हुआ दिख रहा है. मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे.   यह कहकर अखिलेश यादव लोकसभा अध्यक्ष को उनकी गरिमा और कर्तव्यों की याद दिला रहे थे. ओम बिरला के पिछले कार्यकाल में उन पर विपक्ष लगातार भेदभाव का आरोप लगाता रहा है. उसका आरोप था कि ओम बिरला के इशारे पर विपक्षी सांसदों की आवाज दबाई जाती है. कांग्रेस ने उन पर एक बार राहुल गांधी के भाषण के दौरान उनका माइक बंद करने का आरोप लगाया था. लोकसभा के 90 से अधिक सांसदों के निलंबन को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी.    *सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ते हैं: ओम बिरला*   स्पीकर ओम बिरला को बधाई देने के दौरान सांसदों ने पूर्व लोकसभा में किए गए निष्कासन का मुद्दा उठाया। सपा चीफ अखिलेश ने चुटकी ली तो एनसीपी (शरद गुट) ने भी 150 सांसदों को निकाले जाने का मसला उठाया। बाद में लोकसभा स्पीकर ने सबको धन्यवाद करते हुए विनम्रता से कहा कि वो हरगिज ऐसा नहीं चाहते कि किसी माननीय सदस्य को निष्कासित करें लेकिन सदन की मर्यादा को ध्यान में रख उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।   *अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ीं...*   लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा- "यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं।   निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी एक भी वोट पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयासों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। पिछले एक दशक में लोगों की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। इसलिए, यह हमारा दायित्व बनता है कि उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें।"   निष्कासन पर बोले क्या?   ओम बिरला ने कहा- वो नहीं चाहते कि किसी सांसद को निकालें लेकिन सदन की उच्चकोटि की गरिमा बनाए रखने के लिए ये जरूरी था। बोले- गतिरोध सदन की परंपरा नहीं है। बेल में आना सदन की परंपरा नहीं है। मैं कभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं चाहता, लेकिन जब नियम तोड़े जाते हैं तो कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। विरोध को संसदीय मर्यादा के तहत दर्ज कराएं,   *प्रधानमंत्री को कहा धन्यवाद*   लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को शुक्रिया कहा। अपनी बात की शुरुआत उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन से की। कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी, सदन के सभी सदस्यों को मुझे फिर से सदन के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निर्वाहन करने का अवसर देने के लिए सबका आभार व्यक्त करता हूं...मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए भी मैं सभी का आभारी हूं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

अयोध्या: बारिश में राम मंदिर टपकने पर ट्रस्ट ने दी सफाई

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने राम मंदिर में कथित जल रिसाव पर कहा कि मैं अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा है लेकिन ऐसा अपेक्षित है, क्योंकि गुरु मंडप दूसरी मंजिल के रूप में आकाश के सामने खुला है और शिखर के पूरा होने से यह उद्घाटन ढक जाएगा। मैंने कुछ रिसाव भी देखा है। चूंकि पहली मंजिल पर यह काम प्रगति पर है।   इसलिए सैंक्टम सेंटोरम में नाली बंद कर दी जाएगी क्योंकि सभी मंडपों में पानी की ढलान मापी गई है और सैंक्टम सेंटोरम में पानी को मैन्युअल रूप से अवशोषित किया जाता है। भक्त भगवान का अभिषेक नहीं कर रहे हैं, इसमें डिज़ाइन या निर्माण का कोई मुद्दा नहीं है। जो मंडप खुले हैं, उनमें बारिश का पानी गिर सकता है, इस पर बहस हुई थी लेकिन नगर वास्तु मानदंडों के अनुसार उन्हें खुला रखने का निर्णय लिया गया था।   *राममंदिर की सभी सतह पर हो रही वाटर प्रूफिंग*   पहली प्री-मानसून बारिश में राममंदिर की छत टपकने के सवाल पर राममंदिर के ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि वर्षा से रक्षा करने के लिए मंदिर के सभी सतह पर वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है। वर्षा शुरू होने से पहले वाटर प्रूफिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य है। प्रथम तल पर कुछ जगहों पर होल्डिंग रखी है, सामान रखा है, वहां केवल वाटर प्रूफिंग का काम बाकी है। प्रथम तल पर 80 फीसदी वाटर प्रूफिंग का काम हो चुका है।   अनिल मिश्र ने बताया कि प्रथम तल पर वायरिंग और वाटर प्रूफिंग काम चल रहा है। वायरिंग के लिए पाइप भी लगाई गई है, इन्हीं पाइपों से पानी नीचे चला गया होगा। बिजली के वायरिंग के लिए जो पाइप लग रही है, वह भी सील की जा रही है। प्रथम व दूसरे तल पर जब वॉटर प्रूफिंग हो जाएगी तो एक भी बूंद पानी भूतल तक नहीं आएगा। वर्तमान में जो स्थितियां हैं वह रोज-रोज बदलती है। पानी जो थोड़ा बहुत नीचे आया है, उसे व्यवस्थित कर लिया गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध पर बनी फ़िल्म "कूकी" की टीम प्रोमोशन के लिए दिल्ली पहुंची

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध पर आधारित प्रोड्यूसर डॉ जुनमोनी देवी खाउंड की अपकमिंग फ़िल्म "कूकी" 28 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। ऐसे में इसकी टीम मीडिया के माध्यम से दर्शकों तक इस फ़िल्म के बारे में बता रही है। मुम्बई में म्युज़िक लॉन्च और उसके बाद इसके जबर्दस्त ट्रेलर को रिलीज करने के बाद फिल्म कूकी की टीम राजधानी दिल्ली मीडिया प्रोमोशन के लिए गई। वहां मीडिया हाउसेज में फ़िल्म से जुड़े लोग गए, इंटरव्यू दिया, लोगों से मिले और फ़िल्म का प्रचार किया। यहां निर्मात्री डॉ जुनमोनी देवी खाउंड, निर्देशक प्रणब जे. डेका, राजेश तैलंग और मुख्य अभिनेत्री रितीषा खाउंड मौजूद थीं। गैंगरेप की पीड़ित नाबालिग लड़की की सच्ची कहानी से प्रेरित फ़िल्म कूकी का सब्जेक्ट रौंगटे खड़े कर देने वाला है। सोशल मीडिया पर इसके ट्रेलर ने हंगामा मचा दिया है जिसे देखकर लोगों का दिल दिमाग विचलित हो रहा है।    निर्मात्री जुनमोनी देवी खाउंड की संवेदनशील फ़िल्म में कूकी का टाइटल रोल रितीषा खाउंड ने निभाया है जबकि बिग बॉस फेम टीवी स्टार देवोलीना भट्टाचार्जी इसमें एक जर्नलिस्ट की भूमिका में दिखाई देने वाली हैं। रितीषा खाउंड ने कहा कि बॉलीवुड में प्रियंका चोपड़ा उन्हें सबसे ज्यादा पसन्द हैं। उनकी जर्नी प्रेरणादायक रही है।  कूकी का चरित्र निभाते वक्त उनके मन मस्तिष्क में क्या चल रहा था, रितीषा कहती हैं कि यह रोल निभाते समय मानसिक रूप से मैं बुरी तरह डिस्टर्ब हो गई थी। कभी कभी मुझे याद नहीं रहता था कि मैं रितीषा हूँ कि कूकी हूँ। जिस मानसिक पीड़ा से मैं गुजरी हूँ वह मेरे लिए जीवन भर न भूलने वाला अनुभव रहा है मगर मैं यह कहना चाहती हूं कि कूकी जैसी हजारों लड़कियां देश में जब रियल में उस शारिरिक और मानसिक दर्द से गुजरती होंगी तो उनपर क्या बीतती होगी? मेरी तुलना में उनकी मानसिक स्थिति का अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते।" इसलिए फ़िल्म के एक सीन में मैं रोते हुए यह सवाल करती हूँ कि "क्यों बलात्कार को सबसे जघन्य अपराध नहीं माना जाता।    अगर मेरा मर्डर हो जाता तब वह सबसे जघन्य अपराध होता?" प्रोड्यूसर डॉ जुनमोनी देवी खाउंड भी इस फ़िल्म के द्वारा यही कहना चाहती है कि देश मे कत्ल को सबसे बड़ा और जघन्य जुर्म माना जाता है मगर रेप भी किसी हत्या के जुर्म से कम नही है क्योंकि जान बच जाने के बावजूद बलात्कार की शिकार लड़की लम्हा लम्हा और तिल तिल मरती है।   गौरतलब है कि इस फ़िल्म की स्क्रीनिंग कान फ़िल्म महोत्सव के अन्तर्गत फिल्म मार्केट (मार्चे डु फिल्म) में भी की गई और अब 28 जून को थिएटर में रिलीज हो रही है। निरी मीडिया ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी इस फिल्म के लिए अविनाश चौहान, इब्सन लाल बरुआ और डॉ. सागर ने गीत लिखे हैं, पल्लब तालुकदार, सौरव महंत और तपन ज्योति दत्ता ने संगीत दिया है। सुनिधि चौहान, दिव्य कुमार, मोहम्मद फैज़ और कृतिका शर्मा जैसे सिंगर की आवाज़ें हैं। इस फ़िल्म में देबोलीना भट्टाचार्य, रितीषा खाउंड के अलावा रीना रानी, दीपानिता शर्मा, आशा चोटानी, बन्दीप शर्मा, उज्ज्वल बरुआ जैसे कलाकार भी हैं। फिल्म का वितरण जय विरात्रा एंटरटेनमेंट लिमिटेड कर रही है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

गोधरा काण्ड पर बनी रणवीर शौरी और हितु कनोडिया की फ़िल्म "एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा" 12 जुलाई को होगी रिलीज़

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। साबरमती ट्रेन दुर्घटना पर लंबे समय से चली आ रही कहानियों और धारणाओं को चुनौती देने वाली फ़िल्म "एक्सीडेंट ऑर  कांस्पिरेसी गोधरा" का ट्रेलर ज़ी म्यूज़िक ने सोशल मीडिया  पर रिलीज किया हैं फ़िल्म के मेकर्स का दावा है कि "एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा" साबरमती ट्रेन दुर्घटना के पीछे की सच्चाई देश के सामने  उजागर करेगी । गुजरात के गोधरा के २२ साल पहले हुए इस अमानवीय घटना के पीछे की साजिश की परतों का पता लगायेंगी । ट्रेलर की शुरुआत में ट्रेन पर एक बेहद भयावह हमले से होती हैं आग लपटों के बीच जलते निर्दोष लोगो की चीखो के धीमे पड़ते शोर के बीच में एडवोकेट के किरदार में रणवीर शौरी कहते हैं साबरमती ट्रेन को जलाया नहीं गया बल्कि उनको जलने दिया गया । बाहर एक महिला मीडिया को इंटरव्यू में सवाल करती "हजारो लोगो का मर्डर, गैंगरेप यह साजिश नहीं हैं तो और क्या हैं।    रणवीर शौरी अपनी दलील को पूरे ज़ोर के साथ रखते हुए कहते हैं की "यह प्रशासन सिर्फ़ एक कहानी बना रहा हैं अपनी ग़ैर जिम्मेदारी को छुपाने के लिए । जब अटैक हुआ तो आरपीएफ कहा था गलती से जब उस ट्रेन में आग लग गई तो फायर ब्रिगेड कहाँ था योर ऑनर साबरमती ट्रेन की घटना  कोई साजिश नहीं थी । इस दलील के जवाब में मनोज जोशी कहते हैं की साबरमती ट्रेन एक्सीडेंट एक साजिश थी। उनकी कापती आवाज चलती ट्रेन के शोर में गुम हो जाती हैं ट्रेलर के इस हिस्से में बीच में एक सवाल उठता है की आख़िर साबरमती ट्रेन पर ही हमला क्यों किया गया। ट्रेलर के दूसरे हिस्से में बहुत इमोशनल दृश्य हैं पत्नी को करते ट्रेन पर पहुँचाने आये पति को देखकर अभिनेत्री देनिशा घूमरा कहती हैं "विदा तो ऐसे कर रहे हो जैसे हमेशा के लिए जा रही हूँ । मासूम और निर्दोष लोग आग की लपटों में जलते देखे जा सकते हैं  ट्रेलर के अंत में लोकप्रिय गुजराती एक्टर हितु कनोडिया का किरदार एक सवाल करता हैं  लोग मारे गये किसी एक  का नाम भी जानते हैं ।   फ़िल्म का ट्रेलर एक बहुत बड़े  सवाल के साथ ख़त्म होता हैं । ट्रेन में जलते मासूम लोगों की चीखें और इमोशनल दृश्य फ्रिज हो जाते हैं ओम त्रिनेत्र फिल्म्स के बैनर तले निर्मित इस फिल्म में रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितू कनोडिया, डेनिशा घुमरा अक्षिता नामदेव, गणेश यादव और राजीव सुरती जैसे कई कलाकार नज़र आयेंगे । यह फ़िल्म नानावती  मेहता आयोग की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे घटना की जांच का काम सौंपा गया था। पहली बार कोई बॉलीवुड फ़िल्म हैं जो एक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक घटना की सच्चाई दर्शकों के सामने दिखायेगी। युवा निर्देशक एम.के. शिवाक्ष का कहना है, "गोधरा के निर्देशक के रूप में मेरा लक्ष्य हमेशा घटना के पीछे की सच्चाई पर सामने लाना हैं । इस फिल्म के माध्यम से मैंने दर्शकों के सामने गोधरा कांड की जटिलता और गहराई को बताने  का प्रयास किया है। फ़िल्म किसी जाति संप्रदाय को टारगेट नहीं कर रही हैं फ़िल्म एक ऐसी घटना की परतों को खोल रही हैं जिसे  अपने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया हैं और तक लोगो को गुमराह रखा गया ।    निर्माता बी.जे. पुरोहित गोधरा ने  कहा, "अब दर्शक साबरमती ट्रेन दुर्घटना की सच्चाई को पर्दे पर देख पाएंगे । इस फ़िल्म के ज़रिए हम  कारसेवकों को श्रद्धांजलि देते हैं आख़िर निर्दोष बच्चों, औरतों और वृद्ध लोगो  को  ट्रेन में क्यों जिंदा जला दिया गया । आखिर क्यों दशकों तक अदालत में यह बहस होती रही है कि साबरमती ट्रेन दुर्घटना  थी या फिर साज़िश थी इस सब के पीछे क्या सच्चाई थी कौन लोग थे "एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा" एक ऐसी फिल्म है जो भयावह ट्रेन हमले की गहराई से जांच करती है, यह फिल्म दर्शकों को उस दुखद अतीत पर सोचने के लिए मजबूर करती हैं जिन्हें आज तक न्याय नहीं मिला  इस फ़िल्म का टीज़र आते ही मीडिया में चर्चा शुरू हो गई थी। सेंसर को लेकर कई प्रकार की बाधाओं की वजह से भी  फ़िल्म सुर्खियों में रही है। सेंसर बोर्ड ने कई स्टेज पर परीक्षण करने के लिए निर्माताओं को लंबा इंतज़ार करना पड़ा । फ़िल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है और 12 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है। हिन्दी के साथ ही फ़िल्म तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में भी रिलीज़ होगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

प्रभारी प्राचार्य को पत्नि के होते हुए दूसरी शादी करना पड़ा महंगा

डिंडोरी, 26 जून 2024 (यूटीएन)। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के विक्रमपुर विकसखंड के हाई स्कूल चिचरिंगपुर संकुल केन्द्र उच्च माध्य. विद्यालय में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य रामकुमार सैयाम को पहली पत्नि के होते हुए दूसरी विवाह करने के आरोप में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला डिंडौरी के द्वारा पद से निलंबित कर दिया गया। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला डिंडौरी के द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि रामकुमार सैयाम मूल पद माध्य. शिक्षक वर्तमान प्रभारी प्राचार्य हाई स्कूल चिचरिंगपुर संकुल केन्द्र उच्च माध्य. विद्यालय विक्रमपुर विकसखंड डिंडौरी के द्वारा प्रथम पत्नि के रहते द्वितीय विवाह किया जो सिविल सेवा आचरण संहिता सेवा शर्तों के विपरीत है।   म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 22 के तहत कोई शासकीय सेवक जिसकी पत्नि जीवित हो, शासन की पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना दूसरा विवाह नहीं करेगा,भले ही ऐसा पश्चातवती विवाह तद समय उसको लागू होनें वाली वैयक्लिक विधि के अधीन अनुजेय हो, किन्तु रामकुमार सैयाम प्रथम पत्नि के बिना तालाक के द्वितीय विवाह किया जाना नियम विरूद्ध होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। उक्त कृत्य के कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1986 के नियम 9 के तहत रामकुमार सैयाम माध्य, शिक्षक हाई स्कूल चिचरिंगपुर विकास खंड डिंडौरी को तत्वकाल प्रभाव से निलंबित किया गया। निलंबित के दौरान मुख्यालय कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी शहपुरा निर्थारित किया जाता हैं। निलंबन अवधि में नियमानुसार / पात्रतानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। संस्था का प्रभार विकास खंड शिक्षा अधिकारी डिंडौरी के पास होगा।    मध्य प्रदेश-रिपोर्टर,(धरम सिंह ठाकुर) |

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Jun 26, 2024

नारी शक्ति की अनुपम मिसाल है तिलवाड़ा की प्रिया उपाध्याय

बागपत, 26 जून 2024 (यूटीएन)। जनपद बागपत के तिलवाड़ा गांव की रहने वाली प्रिया उपाध्याय नारी शक्ति की अनुपम मिसाल है। विलक्षण प्रतिभा की धनी प्रिया उपाध्याय का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ है। उनके पिता आरआरडी उपाध्याय एक जाने-माने पत्रकार और प्रमुख समाजसेवी है। प्रिया उपाध्याय अपने संस्कारों, देशभक्ति, परोपकार, आदि से अपने परिजनों का नाम रोशन कर रही है और जनपद बागपत को देशभर में गौरवान्वित कर रही है। प्रिया उपाध्याय ने वर्ष 2022 में श्री दिगम्बर जैन इंटर कॉलिज छपरौली से 85 प्रतिशत अंकों के साथ 10 वीं व वर्ष 2024 में 81 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ पीसीएम विषय में 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वर्ष 2022 में प्रिया उपाध्याय ने कम्प्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त किया था और अब वह कम्प्यूटर में टैली विषय का अध्ययन कर रही है।    वह बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की धनी है और देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी है। वर्तमान में वह एक अच्छी योग गुरू है और शुद्ध मंत्र उच्चारण और गायन में उनकी अच्छी पकड़ है। वह लाठी चलाना जानती है और एक मोटिवेशनल स्पीकर भी है। वह एक कुशल मंच संचालक भी है। वह समय-समय पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करती है ओर उनको पर्यावरण की महत्ता से अवगत कराती है। वह लोगों को स्वदेशी अपनाने को जागरूक करती है। वह कभी भी अपना समय व्यर्थ नही जाने देती और अपना समस्त समय स्वाध्याय और दूसरों की भलाई में लगाती है। वर्तमान में 12 वीं परीक्षा देने के उपरान्त छुट्टियों के दिनों में उन्होंने बच्चों को ज्ञान प्रदान करने के लिए एक समर कैंप का आयोजन किया है। कैंप में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के सीबीएसई और यूपी बोर्ड के बच्चों को टयूशन क्लास दे रही है, जिसमें वह कक्षा 9 व कक्षा 10 की छात्राओं को निशुल्क टयूशन प्रदान कर रही है।    प्रिया उपाध्याय अपनी समस्त उपलब्धियों का श्रेय अपने गुरूजनों, अपनी माता रेखा रानी, पिता आरआरडी उपाध्याय, छोटे भाई युवराज सूर्या और सहयोगियों को देती है। प्रिया उपाध्याय कहती है कि हर घड़ी अंतिम घड़ी है, ऐसी सोच के साथ हमें कर्म और पुरूषार्थ करना चाहिए और विपरीत परिस्थतियों में हमें विचलित नही होना चाहिए। हर घड़ी हमें सत्य को स्वीकार करना चाहिए। सत्य कुछ समय के लिए परेशान तो हो सकता है, लेकिन वह पराजित नही हो सकता। परमेश्वर का हर समय ध्यान करना चाहिए। समय को नाम मात्र भी व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए और ऐसे कार्य करने चाहिए, जिससे सभी का कल्याण हो। प्रिया उपाध्याय कहती है कि अच्छी शिक्षा व्यक्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है। शिक्षा सामाजिक बुराईयों को दूर करने में मद्द करती है और समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान करती है। प्रिया उपाध्याय ने बताया कि वे एक अच्छी शिक्षक बनकर समाज व राष्ट्र की सेवा करना चाहती है।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Jun 26, 2024

यमुना तटबंध के निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ हों पूर्ण, सिंचाई विभाग के अधिकारी करें स्थलीय निरीक्षण

बागपत, 26 जून 2024 (यूटीएन)। वर्षा के मौसम में यमुना नदी के उफान और बाढ की संभावना के मद्देनजर जन जीवन प्रभावित न हो, इस हेतु जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां और देखरेख में जिलाधिकारी द्वारा गंभीरता बरती जा रही है। इसी क्रम में उन्होंने यमुना तटबंध उस हिस्से का भी निरीक्षण किया जहां गतवर्ष हुए रिसाव और फिर कटान के कारण जनपद के कई गाँव व गाजियाबाद का ट्रोनिका सिटी भी बाढ की विभिषिका में घिर गए थे।    बता दें कि, खेकड़ा तहसील क्षेत्र के अलीपुर तटबंध पर 3 करोड़ 59 लाख रुपए की परियोजना के अंतर्गत 8.4 किलोमीटर सड़क का मरम्मत कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस तटबंध का निरीक्षण किया तथा  सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को जल्द से जल्द कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा बरसात का समय आने वाला है, कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाना चाहिए, किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो और जनपद के जितने भी तटबंध हैं, उनका स्थलीय निरीक्षण अवश्य किया जाए। साथ ही कहा,जो कमियां रह गई हैं, उन्हें तत्काल दुरुस्त किया जाए । तटबंध से संबंधित किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 26, 2024

चैकिंग के दौरान पुलिस ने रेत से भरे चार ट्रकों को किया सीज

छपरौली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। आयेदिन हो रहे अवैध रेत खनन पर चला पुलिस का चाबुक। स्थानीय थाना पुलिस ने छपरौली- बडौत मार्ग पर हलालपुर मंदिर के पास चेकिंग के दौरान रेत से भरे चार ट्रकों को सीज किया। मंगलवार को इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह सिरोही ने बताया कि, बड़ौत -छपरौली मार्ग पर हलालपुर मंदिर के पास चैकिंग करने के दौरान छपरौली की ओर से आ रहे।   बिना नंबर प्लेट के रेत के ट्रर्कों को रोककर  चेकिंग की गई। इसमें चालक मोहन से जब कागजात दिखाने को कहा गया, तो वह इधर उधर देखने लगा, लेकिन वाहन चालक कोई भी कागजात नहीं दिखा पाया, जिसके मद्देनजर बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाने सहित विभिन्न धाराओं में चालान कर चारों ट्रको को चीज कर दिया गया तथा वाहन चालकों को नंबर प्लेट आदि ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 26, 2024