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ज्ञापन :हिंदुओं के संबंध में राहुल गाँधी के बयान पर नाराजगी जताते हुए राष्ट्रपति से कार्यवाही की मांग

बागपत, 05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। संसद में हिंदुओं से संबंधित राहुल गाँधी द्वारा संसद में दिए गए बयान पर कावड़ सेवा समिति ने जताई गहरी नाराजगी। कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया प्रदर्शन और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। ज्ञापन में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी के खिलाफ कार्यवाही हेतु लोकसभा अध्यक्ष को निर्देश देने का अनुरोध।    कांग्रेस सांसद तथा विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने 1 जुलाई को संसद सत्र के बीच कथित विवादित बयान उस समय दिया गया ,जब वे राष्ट्पति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। चर्चा के दौरान राहुल गाँधी ने अपने भाषण में भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए अभय मुद्रा मे हिन्दू धर्म का उपहास उड़ाने का भी आरोप लगाया गया तथा कहा था कि ,जो लोग खुद को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा - नफरत करते हैं!   प्रदर्शनकारियों का कहना है कि,राहुल गाँधी द्वारा पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय हैं तथा यह उन्होंने जानबूझ कर हिन्दू समाज को आहत करने की नियत से कहा हैं और इससे राहुल गाँधी की हिन्दुओ के प्रति घृणित मानसिकता का पता चलता हैं। कांवड सेवा संघ ने कहा कि, उनके बयान से हिन्दू समाज मे रोष व्याप्त है।    राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन जिला मुख्यालय पर एडीएम को सौंपा गया जिसमें राहुल गाँधी के खिलाफ कार्यवाही हेतु लोकसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की बात कही गई है।ज्ञापन देने वालों मे जयकुमार कंडेरा, प्रतिभा शर्मा डिमरी,सत्यवीर ठाकुर, कपिल शर्मा, प्रियंका आर्या, पूजा शर्मा, ऊषा मलिक, सतीश एडवोकेट, राजीव राजपूत, अजय शर्मा, दीपक मानव, सतीश बाल्मीकि,मुकेश तोमर, सुनील, हिमांशु कौशिक, सुनील मान, ललित, राकेश आर्या, पारुल आर्या, प्रियांशी आर्या, प्रवेश, अनिल अमित आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 5, 2024

तीन दिन से लापता किशोर का शव नहर में पडा मिला, परिजनों में कोहराम, पुलिस ने खंगाले सीसीटीवी कैमरे

बडौत, 05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। तीन दिन से लापता किशोर का शव नहर में पडा मिला। घर में मचा कोहराम, जबकि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही हत्या के खुलासे के लिए जांच हेतु सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालनी शुरू की।    बता दें कि, तहसील क्षेत्र के रमाला थाने के किरठल गांव का पप्पू प्रजापत का 15 वर्षीय पुत्र वंश तीन दिन से लापता चल रहा था। परिजनों ने इसकी तहरीर थाना रमाला में दी थी तथा अपनी सभी रिश्तेदारियों  में भी वंश के लापता होने की सूचना दी थी ,मगर वंश का न तो पता चल सका था और न ही वह घर पहुंचा। आखिरकार नहर में पडा मिला उसका शव।    काफी तलाश किए जाने के बाद वंश पुत्र पप्पू प्रजापत का शव रमाला थाने के अंतर्गत रमाला नहर में पड़ा मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। किशोर की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया , जबकि रमाला पुलिस जांच में जुट गई है तथा किरठल गांव में चौराहों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से जानकारी जुटा रही है। उम्मीद जताई कि,जल्दी ही किशोर की हत्या का राज खुल जाएगा।   संवाददाता, आशीष चंद्रमौलि |

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Jul 5, 2024

सेवाभाव का जीवन जीएं बेटियां व शादी के बाद सास ससुर के साथ मातपिता सा हो व्यवहार : तन्वी आर्या

बड़ौत, 05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। नगर की आवास विकास कालोनी के शहीद भगत सिंह पार्क में आयोजित सामूहिक यज्ञ गुरुकुल चोटीपुरा की ब्रह्मचारिणी तन्वी आर्या द्वारा यज्ञ संपन्न कराया गया।उन्होंने कहा ,सेवा भाव के साथ जीवन जीने बेटियां तथा शादी के उपरांत अपने सास ससुर को माता-पिता के रूप में मानते हुए सेवा करें। यही वैदिक संस्कृति एवं हमारे पूर्वजों के द्वारा दिए गए संस्कार हैं। बेटी की शालीनता से ही परिवारों में सुंदर माहौल बनता है और परिवार की उन्नति होती है।   जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री रवि शास्त्री ने कहा, सच्चा व्यक्ति हर समय वास्तविक जीवन जीता है। संघर्ष के समय कोई भी हमारे करीब नहीं आता है, जबकि सफलता के बाद किसी को आमंत्रित नहीं करना पड़ता। जरा सोचें कि ,क्या हमारे कदम सही दिशा में चल रहे हैं, यदि नहीं, तो यह सही होगा कि ,हम ठहरें, रुकें, सोचें हम विचार मंथन करें।   समय रहते जागें और जो बाकी है उसका सदुपयोग कर लें ,अपने संकल्प एवं विस्तृत विचारों को मूर्त रूप दें ,इससे आप अपने सभी सपने सच कर सकते हैं। इस अवसर पर यजमान नरेंद्र सिंह राठी, महिपाल सिंह, कुशल पाल ढाका, जितेंद्र बालियान, विशु चौधरी, रीता राणा, गीता शर्मा ,अंजली राणा आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 5, 2024

रटौल आम को जीआई टैग से बनी राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान, 6 जुलाई को रटौल में आम महोत्सव

बागपत,05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राष्ट्र व प्रदेश स्तर पर जनपद बागपत की खेकड़ा तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत रटौल का आम अपनी  एक नई पहचान रखता है। रटौल आम प्रजाति के नाम से प्रसिद्ध यह आम राज्य स्तर पर आम महोत्सव का प्रशंसनीय व आकर्षण का केंद्र रहा है। प्रतिवर्ष लखनऊ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी इस आम का अवलोकन किया जाता रहा है। इस बर्ष जनपद बागपत में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देशन में तहसील खेकड़ा क्षेत्र के नगर पंचायत रटौल में आम महोत्सव का आयोजन 6 जुलाई को अपराह्न 2: बजे से किया जाएगा।   जिला उद्यान अधिकारी दिनेश कुमार अरुण ने बताया कि, इस जनपद स्तरीय आम महोत्सव में जनपद के सभी अधिकारी प्रतिभाग करेंगे।बताया कि, भारतवर्ष में पायी जाने वाली आम की प्रजातियों में रटौल प्रजाति मुख्य स्थान रखती है, जो उत्तर भारत के बागपत जनपद के खेकड़ा तहसील क्षेत्र के रटौल नगर पंचायत में उगायी जाती हैं।    वर्ष 1917 में रटौल के कृषक आफाक फरीदी ने अपने आम के बाग में एक विशेष प्रकार का आम का पौधा देखा, जिसका फल बहुत ही सुन्दर एवं गाजर जैसी सुगन्ध होने के कारण इन्होंने इसको अपने गांव के नाम से ही रटौल नाम दे दिया था तथा इसका एक अलग बाग भी तैयार किया था।   उनकी लगन व मेहनत आजादी के बाद रंग लाई,जो भारत ही नहींं विदेश में भी काफी सराही गई। स्व इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, चौ अजित सिंह भी इस आम के मुरीद रह चुके हैं।यह रटौल आम लगभग 150 से 200 ग्राम औसत में मध्यम आकार का होता है, खूबी यह कि, इसमें रेशे जरा भी नहीं, भरपूर रस का स्वाद तथा नारंगी रंग का आकर्षण, सबकी पहली पसंद बन जाता है। रटौल आम बहुत मीठा और बेहद ही स्वादिष्ट फल है, जिसके कारण लोग इसे खाना पसन्द करते हैं।   जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि, वर्ष 2022 में रटौल आम को जीआई टैग संख्या-206 प्रदान की गयी थी। जीआई टैग मिलने के कारण इसकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इस बार रटौल में जनपद स्तरीय आम महोत्सव का आयोजन 6 जुलाई को किया जा रहा है, जिससे आम बागान मालिकों में काफी उत्साह और उम्मीद जगी है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 5, 2024

कलयुगी बाप ने छह बच्चों की माँ से की शादी ,बच्चों को घर से निकाला

बडौत,05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। क्षेत्र का गाँव बावली निवासी एक पिता ने अपने छह बच्चों की पिटाई करते हुए उन्हें घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया तथा घर में न घुसने की धमकी भी दे डाली। आशिक मिजाज कलयुगी बाप अपने बच्चों की माँ को पहले ही घर से निकाल चुका है।    थाना बडौत में आज एक अजीबोगरीब मामला सामने आया जिसमें शहजाद नाम के एक बुजुर्ग ने एक छह बच्चो की माँ से शादी करके ,अपनी पहली बीवी व उससे पैदा हुए छह बच्चों को पीटकर घर से निकाल दिया। बताया गया कि,इससे पहले वह अपनी पहली बीवी को भी घर से निकाल चुका था। फिलहाल बच्चे महीनों से अपने मामा के घर पर रह रहे थे। आज जब वह अपने घर आये तो शहजाद ने उन्हें भी पीटकर घर निकाल दिया और धमकी दी कि ,अगर दोबारा यहां आए तो जान से मार दूंगा।    अब बच्चों ने अपने पिता के खिलाफ थाने में तहरीर देकर बाप से अपनी जान को खतरा बताया। इस तरह कलयुगी बाप अपनी ही औलाद की जान का दुश्मन बन चुका है। उन्होंने पुलिस से गुहार लगाते हुए कहा कि, अब हम कहाँ जाएं।    इन बच्चों में सबसे बड़ी लड़की ने बाप के ज़ुल्मों को देखकर व तंग आकर खुद अपना जीवन साथी चुन लिया, वह ससुराल चली गई । अब सबसे बड़ी लड़की की उम्र 16 वर्ष है और बड़ा लड़का व लडकी है तथा छोटी लड़की आठ वर्ष की है जो कि अब बेघर व बेसहारा हो चुकी है। उन्होंने 1076 पर काल करके सारी घटना पुलिस को बता दी स्थानीय पुलिस ने तहरीर लेकर कार्यवाही करने को कहा है।   संवाददाता, आशीष चंद्रमौलि |

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Jul 5, 2024

प्रशिक्षण में आशाओं ने सीखी नवजात शिशु की देशभाल, जच्चाओं को देंगी जरूरी जानकारी

खेकड़ा,05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। आशा कार्यकर्ता अब छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल के लिए बच्चे की मां को प्रशिक्षित करेंगी, इसके लिए उन्हें सीएचसी पर प्रशिक्षण दिया गया। गुरुवार को सीएचसी अधीक्षक डा मसूद अनवर ने आशा कार्यकर्त्रियों के प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया।   उन्होने कहा कि ,आशा कार्यकर्त्री स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण इकाई हैं। अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सीएचसी पर निर्धारित तिथियों में प्रशिक्षण को लाएं और प्रसव भी सीएचसी पर ही कराएं। सीएचसी पर यदि कोई असुविधा होती है ,तो उनको फोन करें, समाधान किया जाएगा।    प्रशिक्षक डा मीना ने बताया कि आशा अब प्रसव पश्चात् देखभाल, माता का स्वास्थ्य, स्तनपान, बच्चे की आवश्यक देखभाल, परिवार नियोजन, बच्चों में बीमारी की देखभाल, बीमारी के लक्षणों की शीघ्र पहचान 15 माह तक करेंगी। गृह भ्रमण की योजना, स्वच्छता, व्यक्तिगत साफ-सफाई, बच्चों को दिए जाने वाले सही पोषण, ऊपरी आहार, टीकाकरण, बच्चे की वृद्धि की निगरानी व मासिक रिपोर्टिंग भी तैयार करें। प्रशिक्षण में बीसीपीएम शशि चौधरी, स्वास्थ्य अधिकारी रहीसुद्दीन, सविता देवी, एलएचवी कुसुम ने सहयोग दिया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 5, 2024

शोहदे कसते हैं छात्राओं पर फब्तियां ,कालेज की छुट्टी के समय पुलिस गश्त बढाने की मांग

खेकड़ा,05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। स्कूल कॉलेज के खुलते ही कस्बे में जैन कॉलेज रोड पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है। वे छात्राओं पर फब्तियां भी कसते हैं। स्कूलों व कॉलेज प्रशासन ने कोतवाली प्रभारी से असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।   1 जुलाई से कस्बे में सभी स्कूल कॉलेज खुल गये हैं। छात्र-छात्राएं उनमें पढ़ने के लिए जाने लगे हैं। जैन कॉलेज रोड पर कई सरकारी व प्राइवेट  स्कूल है। सभी में छात्राएं भी बड़ी संख्या में पढ रही हैं। इन स्कूल और कालेजों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यो ने बताया कि , अवकाश के समय मार्ग पर जगह जगह असामाजिक तत्व खड़े हो रहे हैं।   छात्राओं पर फब्तियां भी कसते हैं, जिससे छात्राएं डरी सहमी व स्वयं को असुरक्षित सा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कोतवाली प्रभारी से अवकाश के समय भी मार्ग पर बाइक पुलिस व महिला कांस्टेबलों की गश्त की व्यवस्था करने और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। कोतवाली प्रभारी ने उन्हें असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 5, 2024

पांच हथियारबंद बदमाशों ने व्यापारी दंपति से की मारपीट ,1.75 लाख की नकदी व गहने लूटे

बालैनी,05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के डौलचा-नंगला मार्ग पर दिनदहाड़े पांच हथियार बंद बदमाशो ने दंपत्ति के साथ की मारपीट। लूटी लाखो रुपये की नकदी, सोने के कुंडल, मंगलसूत्र और मोबाइल । लूटकर हुए फरार। पीड़ित किसी तरह अपने घर पहुँचे और घटना की जानकारी पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही थाना पुलिस में हडकंप मच गया और घटनास्थल पहुँचकर मामले की जांच पड़ताल की।   क्षेत्र के डौलचा गांव निवासी सोहनवीर उर्फ सोनू पुत्र फूल सिंह गांव में किराना की दुकान करता है। गुरुवार को उसे मोदीनगर मे किस्त के पैसे जमा करने थे। वह दोपहर में घर से एक लाख रुपये लेकर अपनी पत्नी गीता और बेटे के साथ बाइक पर निकला। इस दौरान उसे और पैसे सराय बैंक से भी निकालने थे ।   उसने सराय बैंक से 75 हजार रुपये निकाले और मोदीनगर के लिये चल दिया। नंगला-डौलचा सम्पर्क मार्ग पर जब वे पहुँचे ,तो पीछे से दो बाइकों पर सवार होकर आए पांच हथियारबंद बदमाशो ने उन्हें रोक लिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। बदमाशो द्वारा उन्हे आतंकित कर उनके पास से 1 लाख 75 हजार की नकदी, सोने के कुंडल, मंगलसूत्र और मोबाइल लूट लिये गये व जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए।    पीड़ित किसी तरह अपने घर पहुँचे और घटना की जानकारी पुलिस को दी। दिनदहाड़े लूट की सूचना मिलते ही पुलिस मे हडकंप मच गया और मौके पर पहुँचकर घटना की जानकारी ली व इसके साथ ही बदमाशों की तलाश मे लग गई। प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र मुरारी दीक्षित का कहना है कि  घटना संदिग्ध लग रही है । मामले की जांच की जा रही है, उसके बाद ही कुछ बता पाएंगे।   *आरोप :गश्त के नाम पर खानापूर्ति करती है पुलिस*   बालैनी दिनदहाड़े हुई लाखो रुपये की लूट की घटना के बाद जहा पुलिस महकमे मे हडकंप मचा हुआ है वही क्षेत्र के ग्रामीणो का कहना है कि बालैनी पुलिस गश्त के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती है पहले भी कई चोरी की घटनाए इसी लापरवाही के चलते हुई है और पुलिस की लापरवाही के चलते अब बदमाशो के इतने बुलंद होंसले हो गए है कि वह दिनदहाड़े घटना को अंजाम देने लगे है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 5, 2024

पूर्वोत्तर में सतत विकास और समावेशी विकास की दिशा में सीआईआई का प्रयास

नई दिल्ली, 05 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विदेश और कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने इस बात पर जोर दिया कि सीएसआर न केवल एक नैतिक अनिवार्यता है, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सतत विकास और समावेशी विकास का एक महत्वपूर्ण चालक भी है। उन्होंने यह वक्तव्य सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव के समापन सत्र में दिया, जो एक दो दिवसीय पहल है, जिसमें क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय, सरकार, नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठन एक साथ आए।   मंत्री ने स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से हथकरघा और कपड़ा क्षेत्र में सतत आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में सीएसआर की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लगभग 27.83 लाख हथकरघा परिवार बुनाई और संबद्ध गतिविधियों में लगे हुए हैं, जिनमें से 87% ग्रामीण क्षेत्रों में और शेष 13% शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में देश के कुल चालू हथकरघों का लगभग 65.2% हिस्सा है, जिसमें असम हथकरघा श्रमिकों की संख्या में सबसे आगे है। इस क्षेत्र को समर्थन देकर, बड़ी संख्या में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना संभव है। उन्होंने क्षेत्र में हथकरघा क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सीएसआर निधि की वकालत की, क्योंकि उत्तर पूर्व कपड़ा क्षेत्र में कार्यबल का 50% योगदान देता है।   मार्गेरिटा ने कॉरपोरेट इंडिया को राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप दीर्घकालिक सीएसआर विज़न विकसित करने और अल्पकालिक आपदा राहत और पुनर्वास सहायता प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने निगमों को स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि स्थायी प्रभाव पैदा किया जा सके और क्षेत्र के विकास में योगदान दिया जा सके। इससे पहले, सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष और अमृत सीमेंट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप बागला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सीआईआई ने लगातार उत्तर पूर्वी क्षेत्र के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया है, जहां प्रत्येक विकास परियोजना सीधे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है।    नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट एक परिवर्तनकारी परियोजना है जिसे सीआईआई अगले 4-6 वर्षों में इस क्षेत्र के लिए शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईआई क्षेत्र की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहेगा। सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया, जो ज्ञान साझा करने, नवीन विचारों के आदान-प्रदान और उभरते सीएसआर रुझानों की जानकारी के लिए एक मंच प्रदान करता है।   सत्रह गैर सरकारी संगठनों ने कॉर्पोरेट समर्थन और सहयोग को आकर्षित करने के लिए अपनी पहल प्रस्तुत की, जबकि 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों ने संभावित भागीदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से संपर्क किया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया, जिसमें क्षेत्र में सफल सीएसआर पहलों पर प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त, सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने और क्षेत्र की विकास यात्रा की झलक प्रदान करने के लिए एक प्रदर्शनी लगाई गई।   सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव सतत विकास और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के बीच सहयोग की शक्ति का एक प्रमाण है। इस कार्यक्रम ने भविष्य की पहलों के लिए एक मिसाल कायम की है जो उत्तर पूर्व क्षेत्र के लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव ला सकती है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 5, 2024

कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए

नई दिल्ली, 05 जुलाई  2024 (यूटीएन)। एक ऐतिहासिक पहल करते हुए कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए भारत में पहली बार दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह महत्वपूर्ण पहल देश भर में डिस्लिपिडेमिया के प्रसार में अद्वितीय चुनौतियों और विविधताओं को संबोधित करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। कुल कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर, एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल का बढा होना, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और कम एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल अच्छा कोलेस्ट्रॉल की विशेषता वाला डिस्लिपिडेमिया, दिल के दौरे, स्ट्रोक और परिधीय धमनी रोग जैसे हृदय रोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।   भारत में डिस्लिपिडेमिया की व्यापकता चिंताजनक रूप से अधिक है, जिसमें महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय विविधताएं और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में उच्च दर है। डिस्लिपिडेमिया की गंभीरता के बारे में बोलते हुए, कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई के अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रथ ने कहा, “उच्च रक्तचाप और मधुमेह के विपरीत, डिस्लिपिडेमिया एक साइलेंट किलर है, जिसमें अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। उन्होंने सक्रिय प्रबंधन और शीघ्र पता लगाने के महत्व पर जोर दिया। नए दिशानिर्देश पारंपरिक खाली पेट से हटकर, जोखिम के आकलन और उपचार के लिए बिना खाली पेट लिपिड को मापने की सलाह देते हैं।   बढ़ा हुआ एलडीएल-सी प्राथमिक लक्ष्य बना हुआ है, लेकिन उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल केंद्रबिंदु है। डॉ. दुर्जति प्रसाद सिन्हा, मा. सीएसआई के महासचिव ने प्रकाश डालते हुए कहा, "बिना उपवास या खाली पेट लिपिड माप परीक्षण को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाता है, जिससे अधिक लोगों को परीक्षण और उपचार के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। अगर हृदय रोग या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का पारिवारिक इतिहास है तो दिशानिर्देश 18 साल की उम्र में या उससे पहले ही लिपिड प्रोफ़ाइल की सलाह देते हैं। सामान्य आबादी और कम जोखिम वाले व्यक्तियों को एलडीएल-सी का स्तर 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल-सी का स्तर 130 मिलीग्राम डीएल से नीचे बनाए रखना चाहिए। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों, जिन्हें मधुमेह या उच्च रक्तचाप है, उन्हें एलडीएल-सी को 70 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल को 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए।   सर गंगाराम अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और लिपिड दिशानिर्देशों के अध्यक्ष, डॉ. जे. पी. एस. साहने ने बताया, "बहुत अधिक जोखिम वाले मरीजों के लिए, जिनमें दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक या क्रोनिक किडनी रोग का इतिहास शामिल है, कड़े लक्ष्य सुझाए गए हैं। इन मरीजों को एलडीएल-सी स्तर 55 मिलीग्राम डीएल से नीचे या गैर-एचडीएल स्तर 85 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन की आधारशिला के रूप में जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया जाता है। भारत में आहार संबंधी आदतों को देखते हुए, चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये कम मात्रा में वसा का  सेवन करने की तुलना में ब्लॉकेज में अधिक योगदान देते हैं। नियमित व्यायाम और योग, जो हृदय को सुरक्षा प्रदान करते हैं और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक भी है, की सिफारिश की जाती है।   डॉ. एस. रामाकृष्णन, एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर ने कहा, "उच्च एलडीएल-सी और गैर-एचडीएल-सी को स्टैटिन और मुंह से खाई जाने वाली गैर-स्टेटिन दवाओं के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्ष्य प्राप्त नहीं होते हैं, तो पीसीएसके9 अवरोधक या इनक्लिसिरन जैसी इंजेक्टेबल लिपिड-कम करने वाली दवाओं की सिफारिश की जाती है। उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लक्ष्य है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे नियमित व्यायाम, शराब और तंबाकू छोड़ना और चीनी व कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना महत्वपूर्ण हैं। हृदय रोग, स्ट्रोक या मधुमेह के मरीजों में स्टैटिन, गैर-स्टेटिन दवाएं और मछली के तेल ईपीए की सिफारिश की जाती है। 500 मिलीग्राम डीएल से ऊपर ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर के लिए फेनोफाइब्रेट, साराग्लिटाज़ोर और मछली के तेल के इस्तेमाल की आवश्यकता होती है।   सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और लिपिड दिशानिर्देशों में सहायक की भूमिका निभाने वाले डॉ. अश्वनी मेहता ने जोर देकर कहा, "डिस्लिपिडेमिया के आनुवंशिक कारण, जैसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में अधिक सामान्य हैं। परिवार के सदस्यों की कैस्केड स्क्रीनिंग के माध्यम से इन मामलों की जल्द पहचान करना और उनका इलाज करना आवश्यक है। इसके अलावा, दिशानिर्देश कम से कम एक बार लिपोप्रोटीन (ए) के स्तर का मूल्यांकन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऊंचा स्तर 50 मिलीग्राम डीएल हृदय रोग से जुड़ा होता है। उन्नत लिपोप्रोटीन (ए) का प्रचलन पश्चिमी दुनिया (15-20 प्रतिशत) की तुलना में भारत में अधिक 25 प्रतिशत है।   सीएसआई के नए दिशानिर्देश स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भारत में कोलेस्ट्रॉल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और हृदय रोग से लड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे अंततः सभी के लिए स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिलता है। लिपिड के वांछनीय स्तर निम्नलिखित हैं जिनका देश की सभी जैव रसायन प्रयोगशालाओं द्वारा समान रूप से पालन किया जाना चाहिए। किसी को जोखिम श्रेणी के आधार पर लिपिड लक्ष्यों की तलाश करनी चाहिए। ऐसा मरीजों के बीच भ्रम की स्थिति से बचने के लिए किया गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 5, 2024