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○ दो उपकेंद्र सहित लुहारा टाउन की बत्ती गुल, 24 घंटे से पांच हजार परिवारों की बढ़ी परेशानी
○ मंडोला विहार तक मैट्रो की मांग को लेकर संघर्ष समिति को ग्रामीण देंगे पूरा सहयोग , मुख्यमंत्री से मिलेंगे समिति के पदाधिकारी
○ असारा को नगर पंचायत बनाने, झूंडपुर में लघु सेतु की मांग तथा दो विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की मांग पर मिले नकारात्मक उत्तर
○ भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल
○ देश को इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता और कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य : नितिन गडकरी
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काम न करने वाले पंचायत सहायकों को तत्काल हटाए- किरण चौधरी
मथुरा,12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए जिलापंचायत राज अधिकारी किरन चौधरी ने अपने कार्यालय में सभी ब्लाकों के एडीओ पंचायत के साथ बैठक करके डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने पंचातयों में ई रिक्शा का संचालन नियमित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा आरआरसी व वर्मी कम्पोस्ट बनाना प्रत्येक गांव सभा में संचालित हो। डीपीआरओ ने सभी एडीओ पंचायत को निर्देशित किया कि वे प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से पूर्व ही अपने फील्ड में पहुंच जाए। यह देखें कि कि ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का संचालन हो रहा है या नहीं, पंचायत घर पर केयर टेकर उपस्थित है या नहीं, सफाई कर्मी गांवों में नियमित सफाई कर रहे हैं या नहीं। ई रिक्शा डोर टू डोर घरों से कूड़ा संग्रहण कर रहे हैं या नहीं। जो लापरवाही बरत रहे हैं उसकी सूचना डीपीआरओ कार्यालय को दें ताकि दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में वर्ष 2024- 2025 के तहत ठोस अवशेष प्रबंधन के कार्य दिसम्बर के अंत तक पूरा अवश्य करा लें। श्रीमती चौधरी ने सभी एडीओ से कहा कि गांवों में हो रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए तकनीकि इंजीनियर को साथ लेकर चले,ताकि कार्य गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके। पंचायत सहायक व पंचायत के केयर टेकर कार्य नहीं कर रहे हैं उनकी सेवाएं समाप्त करें। जो शत प्रतिशत सेवा नहीं दे रहे हैं ऐसे कर्मियों को हटा दिया जाए। उनके स्थान पर पुन: नया चयन करने की कार्रवाई करें। बैठक में एडीओ श्याम सुंदर सारस्वत, एडीओ मथुरा लतेश कुमार शर्मा, एडीओ गोवर्धन राजबहादुर, एडीओ बलदेव मुकेश सिंह, एडीओ राया संजीव शर्मा,एडीओ चौमुंहा सतीश शर्मा,रामकुमार शर्मा, नवेश ,रामकुमार,बीरेंद्र आदि एडीओ उपस्थित थे। मथुरा-रिपोर्टर, (आबिद अली)।
admin
Dec 12, 2024
अपने पैशन को प्रोफेशन में बदला, DJ हिमांशु मिश्रा ने टैलेंट मैनेजमेंट की दुनिया में मचाई हलचल
मुंबई, 12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)।अगर आप म्यूजिक के शौकिन हैं और नामी DJs की दुनिया से वाकिफ हैं, तो आपने *DJ हिमांशु मिश्रा* का नाम जरूर सुना होगा। जी हां, वही हिमांशु मिश्रा, जिन्होंने अपनी मेहनत और पैशन से म्यूजिक इंडस्ट्री में एक अलग ही पहचान बनाई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिमांशु की कहानी सिर्फ म्यूजिक तक सीमित नहीं है? उन्होंने अपने पैशन को प्रोफेशन में बदलते हुए टैलेंट मैनेजमेंट की दुनिया में भी हलचल मचा दी है! ### शुरूआत हुई कुछ इस तरह… हिमांशु मिश्रा का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। बचपन से ही वह सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। स्कूल और कॉलेज में हर तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे। लेकिन, जैसा कि अक्सर होता है, परिवार का दबाव था कि वह पढ़ाई में ध्यान दें। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद हिमांशु को लगता था कि उनका भविष्य तकनीकी क्षेत्र में है, लेकिन अंदर से उनका दिल म्यूजिक और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की तरफ खिंच रहा था। एक तरफ, जहां कई लोग माता-पिता के दबाव में आकर अपनी पसंदीदा चीज़ों को छोड़ देते हैं, वहीं हिमांशु ने एक अलग रास्ता चुना। उन्होंने तय किया कि वह अपने पैशन को ही प्रोफेशन बनाएंगे। और यहीं से शुरू हुआ उनका असली सफर। ### म्यूजिक से टैलेंट मैनेजमेंट तक का सफर 2012 में हिमांशु ने नाम से एक म्यूजिक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। यह प्लेटफॉर्म म्यूजिक प्रमोशन, आर्टिस्ट्स की पहचान बनाने और उनके लिए नए अवसर खोजने में मदद करता था। GrooveNexus को शुरुआती समय में ही सफलता मिली और इसके बाद हिमांशु ने म्यूजिक इंडस्ट्री के कई बड़े नामों को जोड़ने का काम किया। लेकिन हिमांशु का सपना सिर्फ म्यूजिक तक सीमित नहीं था। उन्होंने टैलेंट मैनेजमेंट और इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में कदम रखा। उन्होंने न केवल म्यूजिक कलाकारों को अपना मंच दिया, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री और अन्य क्षेत्रों के कलाकारों को भी अपनी सेवाएं प्रदान की। वह नए कलाकारों को आगे बढ़ने का सही मंच और दिशा देने में विश्वास करते हैं। ### "शिक्षा से ज्यादा जरूरी है पैशन" हिमांशु की कहानी यह साबित करती है कि अगर आपके पास कुछ करने का जुनून है, तो किसी भी डिग्री या पढ़ाई से बढ़कर वह जुनून आपके काम आएगा। हिमांशु का मानना है कि चाहे आप कोई भी डिग्री हासिल करें, अगर आपकी दिलचस्पी कुछ और है, तो उसे ही अपना प्रोफेशन बनाएं। वही चीज़ आपको सफलता दिलाएगी। इसी वजह से उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री को एक तरफ रखकर, म्यूजिक और टैलेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में कदम रखा। आज वह कई कंपनियों के डायरेक्टर हैं और अपनी मेहनत से इंडस्ट्री में नाम कमा रहे हैं। ### टैलेंट मैनेजमेंट का नया अंदाज हिमांशु मिश्रा ने *GrooveNexus Entertainment* के माध्यम से कई नए कलाकारों को प्लेटफॉर्म दिया है। उन्होंने बॉलीवुड, पंजाबी, और अन्य संगीत इंडस्ट्री से जुड़े कलाकारों को अपने साथ जोड़ा। इसके अलावा, वह सेलिब्रिटी मैनेजमेंट और इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि वह इंडस्ट्री में हर कलाकार को उनका सही मौका दिलवाएं और उनकी मेहनत को सही दिशा में लगाएं। ### समाज और परिवार का दबाव आज जब हिमांशु ने अपना नाम कमाया है, तो बहुत से लोग उनकी सफलता से प्रेरित होते हैं। लेकिन यह सफर आसान नहीं था। हिमांशु को अपने माता-पिता के ताने भी सुनने पड़े थे। वे चाहते थे कि हिमांशु अपनी पढ़ाई पूरी करें और एक सुरक्षित करियर चुनें, लेकिन हिमांशु ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपने दिल की सुनी और आज म्यूजिक और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बना लिया है। हाल ही में, हिमांशु मिश्रा ने जयपुर में एक मीडिया वार्ता के दौरान अपनी success story के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने पैशन को प्रोफेशन में बदलने का फैसला किया और म्यूजिक और टैलेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में कदम रखा। उन्होंने इस दौरान युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, "कभी भी किसी भी परिस्थिति में अपने सपनों को छोड़ना नहीं चाहिए। अगर आप अपने पैशन को सच्ची मेहनत और लगन से फॉलो करेंगे, तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।" ### एक प्रेरणा हिमांशु मिश्रा की कहानी यह दिखाती है कि अगर आपका दिल किसी काम में लग जाए और आपके अंदर उस काम को करने का जुनून हो, तो कोई भी चुनौती आपके रास्ते में नहीं आ सकती। यह संदेश सिर्फ युवाओं के लिए नहीं, बल्कि हर उम्र के व्यक्ति के लिए है जो अपनी पसंद को अपने करियर में बदलने का सपना देखता है। तो अगर आप भी अपने पैशन को प्रोफेशन बनाना चाहते हैं, तो हिमांशु मिश्रा की तरह अपने दिल की सुनें और एक नया रास्ता तय करें। यह कहानी बताती है कि सफलता किसी भी खास डिग्री या राह पर नहीं, बल्कि अपने जुनून को सही दिशा देने में है। हिमांशु मिश्रा की तरह, अपने पैशन को प्रोफेशन बनाइए और सपनों को हकीकत में बदलिए! मुंबई-रिपोर्टर,(हितेश जैन)।
Ujjwal Times News
Dec 12, 2024
स्मृति ईरानी ने दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में गेम-चेंजिंग सर्जिकल रोबोट का उद्घाटन किया
नई दिल्ली,12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहाँ जीवन रक्षक सर्जरी कम आक्रामक हो, रिकवरी का समय कम हो और मरीज़ों के नतीजे पहले से कहीं बेहतर हों। वह भविष्य यहाँ है, और इसका अनावरण किसी और ने नहीं बल्कि प्रतिष्ठित अभिनेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला रोड, नई दिल्ली में किया। ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन अपनी प्रभावशाली उपस्थिति के लिए जानी जाने वाली ईरानी ने एक अत्याधुनिक सर्जिकल रोबोट का उद्घाटन किया जो भारत में स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह अगली पीढ़ी की रोबोटिक प्रणाली कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी , यूरोलॉजी और जीआई सर्जरी को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है, जो बेजोड़ सटीकता और नवाचार प्रदान करती है। अपनी उन्नत विशेषताओं के साथ, रोबोट जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं को निष्पादित करने के तरीके को बदलने का वादा करता है, जो रोगी देखभाल में नए मानक स्थापित करता है। उद्घाटन के दौरान ईरानी ने चिकित्सा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर की प्रतिबद्धता की भरपूर प्रशंसा की: "मैं उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर की सराहना करता हूं। सर्जिकल रोबोट जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाना रोगी देखभाल में सुधार, न्यूनतम आक्रामक प्रक्रियाओं को सक्षम करने और स्वास्थ्य सेवा नवाचार में भारत के नेतृत्व को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण छलांग है। *शल्य चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव* सर्जिकल रोबोट सिर्फ़ तकनीक का एक टुकड़ा नहीं है - यह एक गेम-चेंजर है। न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं के लिए डिज़ाइन किया गया, यह 360-डिग्री मूवमेंट, 3D विज़न और बेजोड़ लचीलेपन का दावा करता है। इसका मतलब है कि सर्जन अब जटिल प्रक्रियाओं को अधिक सटीकता के साथ कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कम जटिलताएँ और तेज़ी से रिकवरी होगी। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में वयस्क हृदय शल्य चिकित्सा के निदेशक डॉ. रित्विक राज भुयान ने इस नवाचार के अभूतपूर्व प्रभाव को साझा किया. ओपन कंसोल डिज़ाइन सर्जिकल दृश्यता को बढ़ाता है और हृदय संबंधी प्रक्रियाओं में बड़ी हड्डी को काटने की आवश्यकता को समाप्त करता है। इस तकनीक के साथ, बाईपास सर्जरी न्यूनतम आक्रामक हो जाती है, जिससे पूर्ण रक्त प्रवाह की बहाली, न्यूनतम निशान और तीन दिनों से भी कम समय में ठीक होने की संभावना सुनिश्चित होती है। *प्रेरणादायी कहानियाँ* इस तकनीक की क्षमता पहले से ही लोगों की जान बचा रही है। असम के 70 वर्षीय व्यक्ति का मामला लें, जो गंभीर हृदय अवरोध से जूझ रहा था। पारंपरिक उपचार विफल हो गए, लेकिन रोबोट-सहायता प्राप्त बाईपास सर्जरी ने स्थिति को बदल दिया। डॉ. भुयान ने इस नवाचार के जीवन-परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हमने तीनों अवरुद्ध धमनियों को सफलतापूर्वक खोल दिया, जिससे न्यूनतम दर्द और रक्त की हानि के साथ सुचारू रूप से रिकवरी हुई। एक अन्य उदाहरण में, मिनिमल एक्सेस, जीआई एवं बैरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक डॉ. संजय वर्मा ने हर्निया की मरम्मत के लिए रोबोट का उपयोग किया। उन्होंने कहा, "प्रणाली की सटीकता के कारण हम सर्जरी के दो दिन बाद ही मरीज को छुट्टी दे पाए, जिससे वह शीघ्र ही सामान्य जीवन में लौट सका।" यूरोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ. परेश जैन ने भी इसी तरह की उल्लेखनीय सफलता साझा की न्यूनतम आक्रामक किडनी ट्यूमर को हटाने के लिए रोबोट का उपयोग करने से न केवल रक्त की हानि कम हुई, बल्कि स्वस्थ ऊतक भी सुरक्षित रहे, जिससे ऐसी प्रक्रियाओं के लिए एक नया मानक स्थापित हुआ। *फोर्टिस: नवप्रवर्तन का एक प्रकाश स्तम्भ* इस अत्याधुनिक सर्जिकल रोबोट को शामिल करके, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ने स्वास्थ्य सेवा नवाचार में अग्रणी के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। मेडिकल रणनीति और संचालन के समूह प्रमुख डॉ. बिष्णु पाणिग्रही ने इस उपलब्धि पर जोर दिया। "यह प्रौद्योगिकी विश्व स्तरीय चिकित्सा देखभाल प्रदान करने और रोगियों को बेहतर परिणाम प्राप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। *भारत के स्वास्थ्य सेवा भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण* यह लॉन्च सिर्फ़ नई तकनीक के आगमन से कहीं ज़्यादा है - यह भारत के चिकित्सा परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। अत्याधुनिक नवाचार को रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ जोड़कर, फ़ोर्टिस एस्कॉर्ट्स ने उच्च मानक स्थापित किए हैं, यह साबित करते हुए कि विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा सिर्फ़ एक सपना नहीं बल्कि पहुँच के भीतर एक वास्तविकता है। जैसे-जैसे सर्जिकल रोबोट जीवन को बदलना शुरू करता है, यह इस बात का संकेत है कि जब तकनीक करुणा से मिलती है तो क्या संभव है। रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए, यह एक छलांग से कहीं अधिक है - यह देखभाल में एक क्रांति है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 12, 2024
स्टेज 4 कैंसर को मात देना: एम्स की सफलता की कहानी कई लोगों के लिए उम्मीद जगाती है
नई दिल्ली,12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। आप इसे सबसे बड़ा तोहफा क्या कहेंगे? मौत के मुंह में झांक रही 49 वर्षीय महिला के लिए यह जीवन का दूसरा मौका था - एम्स, दिल्ली के डॉक्टरों के असाधारण प्रयासों की बदौलत। एक प्रेरणादायक चिकित्सा विजय में, एम्स के रोटरी कैंसर अस्पताल की एक टीम ने 10 घंटे की साहसिक सर्जरी की, जिसमें 9.2 किलोग्राम का एक बड़ा ट्यूमर निकाला गया और ऐसी उम्मीद जगाई, जो संभव नहीं लग रही थी। *सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ाई* कल्पना कीजिए कि कई सर्जरी करवाने और हर उपचार विकल्प को आजमाने के बाद आपकी हालत और खराब होती जा रही है। इस मरीज के लिए यही हकीकत थी। उसका कैंसर, जो मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और आंतों जैसे महत्वपूर्ण अंगों तक फैल गया था, उसे खाने या तरल पदार्थ पीने में भी असमर्थ बना दिया था। उसने कुछ ही महीनों में 15 किलो वजन कम कर लिया था और तेजी से उम्मीद खो रही थी। सर्जरी करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले प्रो. एम.डी. रे ने बताया, "वह हमारे पास बहुत ही हताश अवस्था में आई थी।" "यह स्टेज 4 का आवर्ती कैंसर था, ऐसी स्थिति जिसका पूर्वानुमान बहुत खराब था। इस स्टेज पर बीमारी के दोबारा उभरने वाले ज़्यादातर रोगियों को जीने के लिए बस कुछ महीने ही दिए जाते हैं।" लेकिन एम्स के डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को अंत नहीं माना - उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में देखा। सर्जरी जिसने सब कुछ बदल दिया स्टेज 4 कैंसर के रोगी पर सर्जरी करना, जो कई उपचारों से गुज़र चुका है, कोई हल्के में लिया जाने वाला निर्णय नहीं है। प्रो. रे ने जोखिमों को स्वीकार किया: "कैंसर इतना व्यापक रूप से फैल चुका था कि सर्जरी अपने आप में अविश्वसनीय रूप से जटिल थी। इस तरह के मामलों को अक्सर इलाज योग्य नहीं माना जाता है। लेकिन हमारी टीम जानती थी कि सर्जरी के बिना, उसका जीवित रहना छह या सात महीने तक सीमित होगा।" इसके बाद 10 घंटे का मैराथन ऑपरेशन हुआ, जिसके लिए असाधारण समन्वय और विशेषज्ञता की आवश्यकता थी। परिणाम? ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटाया गया, और इसके साथ ही, लंबे जीवन की उम्मीद। उम्मीद फिर से जगी परिणाम चमत्कार से कम नहीं था। आज, मरीज़ न केवल जीवित है, बल्कि फल-फूल रही है। प्रोफ़ेसर रे ने कहा, "वह ठीक है और अब सामान्य जीवन जी रही है," उन्होंने आगे कहा, "मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि वह कम से कम 10 साल और जी सकती है।" कहानी ऑपरेशन रूम में खत्म नहीं होती। प्रोफ़ेसर रे ने बताया कि योग और ध्यान ने उसके ठीक होने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया, "कैंसर शरीर और दिमाग पर बहुत बुरा असर डालता है। चिंता और तनाव को नियंत्रित करना बीमारी के इलाज जितना ही महत्वपूर्ण है।" लचीलेपन का सबक यह मामला सिर्फ़ अत्याधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञता के बारे में नहीं है - यह लचीलेपन, उम्मीद और कभी हार न मानने की शक्ति का प्रमाण है। यह याद दिलाता है कि सबसे बुरे पलों में भी नई शुरुआत करने का मौका होता है। मरीज़ के परिवार ने कृतज्ञता से अभिभूत होकर डॉक्टरों को अपना "चमत्कार करने वाला" कहा। और वाकई, वे चमत्कारी हैं। एम्स की यह अविश्वसनीय कहानी इस बात का सबूत है कि दृढ़ संकल्प, विशेषज्ञता और समग्र देखभाल से सबसे कठिन चुनौतियों को भी पार किया जा सकता है। यह महज एक सर्जरी नहीं है - यह पुनः प्राप्त किया गया जीवन है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 12, 2024
गीता जयंती पर मंदिरों में कार्यक्रम, इस्कॉन बांटेगा 10 लाख गीता
नई दिल्ली,12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। अंतराष्ट्रीय श्रीकृष्ण धवनामृत (इस्कॉन) ने गीता जयंती के उपलक्ष्य में 15 जनवरी तक दस लख गीत वितरित करने का लक्ष्य रखा है। गीता वितरित करने की का मैराथन एक दिसंबर से शुरू हो चुकी है। वहीं राजधानी के इस्कॉन मंदिरों में गीता जयंती के मौके पर या व अनुष्ठान हो रहे हैं। इस्कॉन प्रचार प्रसार समिति के सदस्य अनिल गुप्ता ने बताया कि पंजाबी बाग में इस्कॉन मंदिर की विस्तार परियोजना शुरू हुई श्रील प्रभुपाद की इच्छा व निर्देश है कि विश्व भर के सभी इस्कॉन के भक्तों को दिसंबर में गीता बॉटनी चाहिए। हर घर-हर हाथ में गीता होनी चाहिए। इस साल की गीता मैराथन गोफल कृष्ण मेस्वामी के नाम समर्पित है। उन्होंने बताया कि दुनिया के 150 देशों में इस्कॉन के 1000 मंदिर व केंद्र है। मोक्षदा एकादशी के मौके पर इस मंदिर में सुबह व शाम को गीता का पाठ किया गया। मोक्षदा एकादशी के ही दिन भगवान कृष्ण ने गीता का ज्ञान अर्जुन को कुरुक्षेत्र में दिया था। पंजाबी बाग स्थित इस्कॉन मंदिर में गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी के मोके पर सुबह 8 से दोपहर एक बजे तक कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही मंदिर विस्तार परियोजना को भी औपचारिक शुरुआत की गई। मंदिर के प्रेमांजना दास ने बताया कि इस दिन की शुरुआत भगवद गीता की शिक्षाओं पर एक विशेष क्लास के साथ की गई। इसके बाद एक पवित्र यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें भगवद गीता के सभी 700 श्लोक का पठ किया गया। अनुष्ठानों ने गीता के कालातीत ज्ञान को सम्मान किया गया और आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगित पर जोर दिया गया। सामूहिक भागीदारी देते हुए भक्त निर्माण के लिए अपने हाथों से निही खोदी। कार्यक्रम का समापन लोगों को प्रसाद वितरित करके किया गया। इस मंदिर का विस्तार समुदाय को बढ़ाती जरूरतों और भक्तों को एक आध्यात्मिक अभ्यारण्य प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। इस परियोजना र उद्देश्य आध्यात्मिक शिक्षा, भक्त गतिविधियों और सामुदायिक जुड़ाव के लिए सुविधाओं को बहाना है। वहीं द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में गेता जयंती पर पत्र महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हवन यज्ञ में गीत के 700 स्लोकों द्वरा अहुति दे गई। बांग्लादेश में इन दिनों बिगड़ते हालातों को देखते हुए मानवता के नाम की आहुति भी यज्ञ में दी गई। उगते सूरज को लालिमा के साथ विश्व शांति और कल्याण के लिए यह यज्ञ किया गया। मोक्षदा एकादशी के दिन सुका 9 बजे से हजारों भक्तों ने एकजुट होकर गीता के 700 श्लोगों की आहूति हवन यज्ञ में संपन्न की। सुबह आठ बजे विशेष लेक्चर हुआ जिसमें गीता की मुख्य शिक्षाओं कर्मवेग, ज्ञानयोग व नक्तियोग के बारे में चर्चा की गई। इकॉन द्वारका के उपाध्यक्ष श्रीगौर दास के अनुसार जब भी विश्व में कहीं भी बिगड़े हालातों या पुद्ध की भवावा सूचनाएं मिलती है तो हृदय में कंपन होता है ऐसे समय में ही भगवान श्रेकृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश के रूप में दो गई यही 'लाइफ मैनुअल' हमें सही दिशा प्रदान करती है। यह बताती है कि हमें कैसे अपने आप को संकलना है और विश्व रङ्गति के कल्याण को दिशा में अग्रसर होना है। *विश्व की सबसे बड़ी गीता* ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में गीता जयंती के मौके पर वैदिक प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है। इस प्रदर्शनी में विश्व की सबसे बड़ी गीता रखी गई है। यह गीता 2.8 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी है। इसका वजन 800 किलो है। इतके हर फन्ने को पलटने के लिए 4 लोगों की जरूरत पड़ती है। इस श्रीमद्भभगवत गीता में 670 पेज हैं। इसमें सोने, चांदी और प्लैटिनम का इस्तेमाल हुआ है। इसके पन्नों को बनाने के लिए सिंथेटिक के मजबूत कागज का इस्तेमाल हुआ है। इसे बनवाने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आया और इसे छपवाने में करीव ढाई साल लगे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 12, 2024
राज्यों, केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग प्रगति की कुंजी है, डॉ. जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली,12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। डॉ. जितेंद्र सिंह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएचडीसीसीआई के राज्यों की नीति सम्मेलन 2024 में कहा कि विकास की कहानी के लिए, अनदेखे क्षेत्रों की खोज करना महत्वपूर्ण है, भारत के पास ऐसे अनूठे क्षेत्र हैं जो पिछले 6-7 दशकों से अप्रयुक्त रहे हैं- ऐसा ही एक क्षेत्र हमारे समुद्री संसाधन हैं। दुनिया की सबसे लंबी तटरेखाओं में से एक के साथ, तटीय राज्यों की जोड़ी बहुत लाभ ला सकती है,पीएचडीसीसीआई के स्टेट्स पॉलिसी कॉन्क्लेव 2024 में राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के सतत और समावेशी विकास के लिए हरित मार्ग प्रशस्त करने की थीम पर भारतीय राज्यों के पास धातु, खनिज, मत्स्य पालन और जैव विविधता सहित संपदा का एक बड़ा स्रोत है। भारत का राजनीतिक वातावरण भी बहुत सक्षम है और हमारे प्रधानमंत्री बहुत सक्रिय और शामिल हैं। एक अन्य संसाधन हिमालयी क्षेत्र है, जबकि हम ज्यादातर आईटी क्षमताओं के बारे में बात करते हैं; हिमालय की गोद में 4-5 राज्यों में अपार संभावनाएं हैं। इस सरकार ने इसे पहचाना है, उदाहरण के लिए, 26 जनवरी की परेड में पर्पल रिवोल्यूशन का प्रदर्शन किया गया। लगभग 3,000 लैवेंडर स्टार्टअप हैं, जिनमें से कई ऐसे लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं जो स्नातक भी नहीं हैं, हमें इन मिथकों को दूर करने की आवश्यकता है। समुद्री संसाधनों के लिए डीप सी मिशन का उल्लेख प्रधानमंत्री ने अपने 2022 और 2023 के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में किया था। मंत्री ने आगे कहा कि शुरुआत से ही उद्योग के साथ संबंध स्थापित करना महत्वपूर्ण है। उद्योग को आवश्यक परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए और हमें स्थिरता के लिए अपने सिस्टम को उसी के अनुसार डिजाइन करना चाहिए। आज भारत में लगभग 1.7 लाख स्टार्टअप हैं। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया पहल प्रभावी संबंधों के कारण एक बड़ी सफलता की कहानी है। हमारी वैक्सीन की सफलता की कहानी उद्योग के साथ सहयोग का एक और उदाहरण है। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन ने अब फैसला किया है कि 70% संसाधन गैर-सरकारी क्षेत्र से आएंगे। हमें राज्यों को जोड़ने, राज्यों और केंद्र सरकार के बीच एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने और सरकार और निजी क्षेत्र के बीच संशय को खत्म करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की सदस्य और भारत सरकार की सचिव डॉ शमिका रवि ने नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि जीवनशैली में बदलाव अंततः अनिवार्य हो जाएगा, जबकि व्यक्ति अपने लाभ के लिए कार्य करते हैं, सामूहिक कार्रवाई अक्सर पीछे रह जाती है। जब असहमति होती है, तो कानून और नीतियां आवश्यक हो जाती हैं। हालांकि टिकाऊ पहल महंगी लग सकती हैं, लेकिन वे आर्थिक रूप से फायदेमंद हैं। कई राज्य पहले से ही इस दिशा में कदम उठा रहे हैं, उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश अपने हरित आवरण को मापता है, और मेघालय भी इसी तरह की पहल कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, विकास के लिए एक निश्चित लागत की आवश्यकता होती है, यूरोप में, बातचीत विकास में कमी के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन भारत के लिए यह कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए हर राज्य को विकास जारी रखना चाहिए। चूंकि सभी राज्य समान विकास के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए हमें हरित जीडीपी और विकास के नए मॉडल पर विचार करना चाहिए, हरित आवरण और जैव विविधता को महत्व देना चाहिए। इन क्षेत्रों में नवाचार की महत्वपूर्ण संभावना है। वनों को संरक्षित करने वाले राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन सभी के पास विकास के समान अवसर नहीं हैं। संजय कुमार मिश्रा, अतिरिक्त सचिव, आयुष विभाग और सचिव-सीईओ, मध्य प्रदेश राज्य औषधीय पादप बोर्ड ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सौर ऊर्जा के पावरहाउस हैं और आर्थिक विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि कोविड-19 के दौरान, 2 लाख से अधिक पर्यटकों ने मध्य प्रदेश का दौरा किया, और 20,000 से अधिक ने पन्ना टाइगर रिजर्व का दौरा किया। उन्होंने बताया कि 64% जिलों में वन क्षेत्र है और सरकार की नीति के तहत पूरे देश में 33% वन क्षेत्र बनाए रखना अनिवार्य है और मध्य प्रदेश इस लक्ष्य के करीब है, जहां वर्तमान में 31% वन क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ सरकार की निवेश आयुक्त सुश्री रितु सैन ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिरता और समावेशन अब आकांक्षाएं नहीं बल्कि आवश्यकताएं हैं। उन्होंने कहा कि स्थिरता और समावेशन को नीति और व्यवहार दोनों में एकीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 54% औद्योगिक क्षेत्र से आता है, प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कम है। हालांकि, छत्तीसगढ़ इस्पात और बिजली के उत्पादन में नंबर एक स्थान पर है। यह 3 करोड़ लोगों का घर है और भारत का नौवां सबसे बड़ा राज्य है। न केवल किफायती बल्कि संधारणीय भी, और यहां निवेश करके, आप उन लोगों के जीवन को बदलने का हिस्सा बन जाते हैं, जिन्होंने अभी तक विकास का अनुभव नहीं किया है। उन्होंने कहा, यहां जमीन सस्ती और सुलभ है क्योंकि इस क्षेत्र में 5,000 एकड़ जमीन है जो बिजली-अधिशेष है, आसानी से उपलब्ध पानी है, और एक ऐसा कार्यबल है जो न केवल किफायती है बल्कि व्यवसाय के लिए कुशल भी है। इसलिए, इसमें निवेश की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने नया रायपुर स्मार्ट सिटी के विकास पर भी चर्चा की और कहा कि राज्य के पास एक नई, आक्रामक विकास नीति है। सुश्री सैन ने निष्कर्ष निकाला कि छत्तीसगढ़ अगला निवेश गंतव्य बनने के लिए तैयार है, जो संधारणीय व्यवसाय के लिए आवश्यक सही नीति वातावरण और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है। पीएचडीसीसीआई के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पीएचडीसीसीआई का “राज्यों का नीति सम्मेलन” सरकार और उद्योग में प्रमुख हितधारकों को प्रभावी सार्वजनिक नीति संवादों के लिए इंटरफेस बनाने के अलावा राज्यों में शासन और निवेश पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने का एक सतत आधार बनाने के लिए एक उल्लेखनीय मंच प्रदान कर रहा है। पीएचडीसीसीआई में, हम नीतिगत मामलों पर सरकार के प्रगतिशील रुख से बहुत उत्साहित हैं। यह भी सराहनीय है कि कैसे हमने राज्य की नई लॉन्च की गई “औद्योगिक नीति” के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर काम किया है, जो निश्चित रूप से सतत औद्योगीकरण के लिए अधिक से अधिक सरकार-उद्योग सहयोग का समर्थन करने का वादा करती है। उन्होंने कहा कि पीएचडीसीसीआई उद्योग बिरादरी की ओर से, मैं छत्तीसगढ़ सरकार को निवेश गंतव्य के रूप में छत्तीसगढ़ को और आगे बढ़ाने का आश्वासन देता हूं। पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव डॉ रंजीत मेहता ने चर्चा की कि राज्य नीति सम्मेलन एक परिवर्तनकारी मंच है जहाँ हम राज्य-विशिष्ट अवसरों पर चर्चा करते हैं और हम इन्हें राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ कैसे जोड़ते हैं। आज, हम छत्तीसगढ़ राज्य को अपने साथ पाकर प्रसन्न हैं, क्योंकि इसमें विकास की अपार संभावनाएँ हैं। यह एक नया उभरता हुआ राज्य है जहाँ लोग अवसरों और निवेशों की तलाश करते हैं, और सरकार बहुत सक्रिय है। उन्होंने कहा, इस वर्ष की थीम सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक- जलवायु परिवर्तन को संबोधित करती है। दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है, और बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखना महत्वपूर्ण है। स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है, और यह हर विकास के मूल में है। 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 45% की कमी लाना बहुत ज़रूरी है, सीबीएएम जैसे तंत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आगे विकास करने के लिए, हमें हरित प्रौद्योगिकी को अपनाने की ज़रूरत है, और चूँकि भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि विकास समावेशी हो। हम वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय स्थिति में हैं, सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते। इसलिए, राज्य भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि प्रत्येक राज्य में अद्वितीय क्षमता है। भारत सरकार के भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के रजिस्ट्रार अमिताभ रंजन ने सतत विकास को बनाए रखते हुए जीवाश्म ईंधन को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा में संक्रमण को बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, जलविद्युत और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हरित नौकरियों के अवसरों पर प्रकाश डाला। सीएलएएसपी के वरिष्ठ निदेशक (भारत) बिशाल थापा ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की, क्योंकि वे देश की ताकत को परिभाषित करते हैं। हम एक अभूतपूर्व चुनौती का सामना कर रहे हैं, और पटरी पर वापस आने के लिए, दुनिया को 2030 तक अपने उत्सर्जन में 42% और 2035 तक 57% की कटौती करनी होगी। भारत में एक बहुत ही अनूठी संघीय संरचना है और प्रतिस्पर्धा और सहयोग के आधार पर यह अच्छी स्थिति में है। इसलिए, राज्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उत्सर्जन को कम करने और लोगों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने के लिए नीतियों को पेश करना उनकी जिम्मेदारी है। राज्यों की यह नैतिक जिम्मेदारी भी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके लोग लचीले बने रहें। उत्सर्जन को कम करने, अनुकूलन करने और लचीलापन बढ़ाने के उपायों की सफलता पूरी तरह से राज्य की नीतियों पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा-घटाने वाली नीतियों को लागू करने से पहुँच में सुधार, उत्पादकता में वृद्धि और आजीविका को बढ़ाने में मदद मिलेगी। आनंद झा, उपाध्यक्ष (सरकार प्रमुख: भारत और दक्षिण एशिया), वीज़ा ने वीज़ा कंपनी के इतिहास पर चर्चा की। उन्होंने इसकी दो प्रमुख प्राथमिकताओं का उल्लेख किया- पहली है बेरोज़गारी - वीज़ा ने पूरे भारत में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े 20,000 लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास मंत्रालय के साथ भागीदारी की है। दूसरा, डिजिटल भुगतान, क्योंकि आरबीआई ने 75 गांवों को गोद लेने और उन्हें डिजिटल भुगतान-सक्षम गांवों में बदलने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने आगे कहा, वीज़ा ने लगभग 1,000 गांवों को गोद लिया है और सुझाव दिया है कि सभी वित्तीय कंपनियों को डिजिटल तकनीक और उपकरण सिखाने के लिए गांवों को गोद लेना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थिरता केवल एक सरकारी मुद्दा नहीं है, बल्कि सभी के लिए चिंता का विषय है। इसके अलावा, वीज़ा राज्य पर्यटन मंत्रालयों के साथ साझेदारी करने की कोशिश कर रहा है। सम्मेलन में पीएचडीसीसीआई की “राज्यों की प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट जो सतत और समावेशी विकास के लिए भारत के हरित मार्ग को प्रशस्त करती है” का विमोचन भी हुआ। एक व्यापक रिपोर्ट जिसमें बताया गया है कि कैसे राज्य भारत की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 12, 2024
आईपी यूनिवर्सिटी अपने रजत जयंती के अवसर पर अनेक योजनाएं शुरू करेगी
नई दिल्ली,12 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय अपनी 25 वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 12 दिसंबर को रजत जयंती समारोह के समापन के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह अवसर यूनिवर्सिटी की 25 वर्षों की अकादमिक उत्कृष्टता, सामाजिक प्रभाव और नवाचार को प्रदर्शित करता है, साथ ही भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का अनावरण करता है। इस कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल और यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती आतिशी, दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और दिल्ली के उच्च शिक्षा की सचिव श्रीमती नंदिनी पालीवाल भाग ले रहे हैं। इस समारोह में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा जिसमें एक एम्फीथिएटर कम रिचार्ज बेसिन, विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र,अत्याधुनिक रोबोटिक्स लैब शामिल हैं। विश्वविद्यालय अपने समुदाय सरोकारों को मजबूत करने के लिए सूरजमल विहार स्थित पूर्वी परिसर में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन भी लॉन्च करेगा। कार्यक्रम में सांस्कृतिक और अकादमिक प्रदर्शनियां भी लगाई जाएँगी।परिसर में एक रचनात्मक 'हुनर हाट' देश की पारंपरिक विरासत को प्रदर्शित करेगा। इस अवसर पर रजत जयंती डाक टिकट, स्मारक सिक्का, विजन@2047 रोडमैप, अपडेटेड विश्वविद्यालय कैलेंडर 2024 और विश्वविद्यालय के नए लोगो का अनावरण भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में संकाय, कर्मचारियों और संबद्ध कॉलेजों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने विश्वविद्यालय की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछले 25 वर्षों में विश्वविद्यालय ने नए कार्यक्रमों और बढ़ी हुई छात्र संख्या के साथ भौगोलिक रूप से सूरजमल विहार में एक नया परिसर और नरेला में एक और परिसर के साथ अकादमिक रूप से काफ़ी विकास किया है। यह भव्य समारोह यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले 25 वर्षों से बनाए रखे गए नवाचार और उत्कृष्टता की भावना को दर्शाता है और एक आशाजनक भविष्य की ओर निहारता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 12, 2024
मनीष सिसोदिया को मिली राहत, सप्ताह में 2 बार जांच अधिकारी के सामने पेश होने की शर्त सुप्रीम कोर्ट ने हटाई
नई दिल्ली,11 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें जमानत की शर्त में रियायत दी है. अब तक सिसोदिया को सप्ताह में 2 बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ता था. अब उन्हें ऐसा नहीं करना होगा. *शराब घोटाले में मिली थी जमानत* सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मुकदमों में सिसोदिया को जमानत दी थी. कोर्ट ने मुकदमा शुरू होने में हो रही देरी को आधार बनाते हुए जमानत का आदेश दिया था. सिसोदिया को यह जमानत 10 लाख रुपए के 2 निजी मुचलकों पर मिली थी. कोर्ट ने यह शर्त भी रखी थी कि वह हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे. *मनीष सिसोदिया ने किया शर्तों में ढील का अनुरोध* मनीष सिसोदिया ने खुद को एक प्रतिष्ठित नेता बताते हुए इस शर्त में ढील का अनुरोध किया था. उनका कहना था कि वह जांच और मुकदमे में सहयोग के लिए हमेशा उपलब्ध हैं इसलिए सप्ताह में 2 बार जांच अधिकारी के पास जाने की शर्त हटा ली जानी चाहिए. 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस आवेदन पर सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था. *बेंच ने लिया अहम फैसला* बुधवार को जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच ने माना कि इस शर्त को बनाए रखना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि सिसोदिया को अब हर सप्ताह जांच अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह मुकदमे के दौरान कोर्ट में नियमित रूप से मौजूद रहें. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 11, 2024
उद्योग जगत को देश के फ़ैसलों के हिसाब से खुद को बदलना चाहिए : निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली,11 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि उद्योग जगत को देश के राजनीतिक और रणनीतिक निर्णयों को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा. अगले दशक के लिए अर्थव्यवस्था की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास किए जाने चाहिए और युद्ध या किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचा जाना चाहिए. यह बात वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित वैश्विक आर्थिक नीति मंच 2024 के उद्घाटन सत्र के दौरान कही। सीआईआई के वैश्विक आर्थिक नीति मंच पर वित्तमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को अपनी ताकत हासिल करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे, क्योंकि किसी भी हिंसा या युद्ध से आपूर्ति शृंखला तथा खाद्य मूल्य शृंखला प्रभावित होती हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति एक बड़ी चुनौती है। इसका पहला कारण आपूर्ति शृंखला में व्यवधान है। यह हम सभी पर निर्भर है। इसलिए यह जरूरी है कि उद्योग, सरकार, नीति निर्माता, नागरिक और नागरिक मंच सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास करें। सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को अपनी ताकत हासिल करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे और किसी भी झड़प या युद्ध से आपूर्ति शृंखला और खाद्य मूल्य शृंखला प्रभावित होगी।मंत्री ने दिल्ली में सीआईआई के वैश्विक आर्थिक नीति फोरम में कहा, ‘‘विश्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखता है।’’ आपूर्ति शृंखला के व्यवधानों से निपटने के तरीकों के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में आर्थिक प्राथमिकताओं को राजनीति और रणनीतिक जरूरतों के साथ मिलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "जब हम आपूर्ति शृंखलाओं को सुचारु आपूर्ति शृंखलाओं के रूप में बहाल करने करने की बात करते हैं, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह केवल अर्थशास्त्र नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है... हमें न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से भी अपने निर्णय स्वयं लेने होंगे। सीतारमण ने कहा, "आपूर्ति शृंखलाओं को बहाल करना होगा, लेकिन आपको इसे फिर से स्थापित करना होगा, इसे फिर से पटरी पर लाना होगा, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि यह इतना फैल जाए कि कोई भी भू-राजनीतिक या रणनीतिक जोखिम हमारी भलाई के लिए खतरा न बने। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में सीखे गए सबक से हमें यह पता चलता है कि देश को अब पुनर्गठन करना होगा, और उद्योग को न केवल आर्थिक सिद्धांतों पर बल्कि अन्य आधारों पर भी खुद को पुनर्गठित करना होगा। सीतारमण ने कहा कि "पैमाने और विस्तार" तथा रोजगार सृजन के लिए बड़े, छोटे और मध्यम उद्योगों को मिश्रित करने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने टिप्पणी करते हुए कि पैमाना जोड़ना ही एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता कहा, "उद्योग को नई चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाने के तरीकों पर विचार करना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि यह देखते हुए कि आज अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली अधिकांश चुनौतियाँ - प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और सतत विकास, आपूर्ति श्रृंखलाएँ, आदि - वैश्विक प्रकृति की हैं, उद्योग, नीति निर्माताओं, नागरिकों और नागरिक मंचों के लिए समन्वित दृष्टिकोण के माध्यम से सामूहिक रूप से काम करना अनिवार्य हो गया है, ताकि मौजूदा चिंताओं को दूर किया जा सके और सदी के मध्य में प्रवेश करते समय वैश्विक दक्षिण में नागरिकों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जा सके। वित्त मंत्री ने इस विषय पर विस्तार से बताते हुए पाँच प्राथमिकताएँ बताईं, जिनके बारे में उनका मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दशकीय प्राथमिकताएँ होनी चाहिए, जो सम्मेलन का विषय है। पहला है वैश्विक शांति बहाल करना, जिसके लिए सभी हितधारकों को भू-राजनीतिक व्यवधानों और युद्धों से बचने में मदद करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जो आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा करते हैं, खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं को प्रभावित करते हैं और मुद्रास्फीति को बढ़ावा देते हैं। दूसरे, घर्षण रहित आपूर्ति श्रृंखलाओं और उत्पादन केंद्रों के पीछे आर्थिक सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित करते हुए, उनका दृढ़ मत था कि आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के रास्ते में कोई भी राजनीतिक, भू-राजनीतिक या रणनीतिक जोखिम नहीं आना चाहिए जो विकास और कल्याण को बाधित करता है। वित्त मंत्री ने बाद में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को तीसरी प्राथमिकता के रूप में संदर्भित किया, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि कड़ी मेहनत से अर्जित धन, संपत्ति और जीवन को जलवायु संबंधी अनिश्चितताओं के लिए बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए, जबकि कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जहां किसानों को बेहतर आजीविका और उच्च आय हासिल करने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सकता है। हमें संसाधनों पर दबाव डाले बिना कृषि में सुधार के विभिन्न तरीकों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी की चुनौती एक और दशकीय प्राथमिकता होनी चाहिए। चौथी प्राथमिकता पर आते हुए, वित्त मंत्री ने पैमाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जो ताकत के साथ-साथ चर्चा का विषय होना चाहिए, जिसमें बड़े उद्योग के पास पैमाना होता है जबकि छोटे उद्योग के पास क्षैतिज पैमाना होता है, और दोनों को प्रगति के लिए मिलकर काम करना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि समावेशी विकास और जनसांख्यिकीय लाभांश को प्राप्त करने के लिए उद्यमों को पैमाने के आधार पर पूरे देश में फैलना चाहिए। प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए, मंत्री ने घोषणा की कि डिजिटल स्टैक के बाद भारत के लिए कृषि स्टैक अगली बड़ी चीज होगी। उन्होंने उद्योग से युवाओं के साथ काम करने और प्रबुद्ध स्वहित में कौशल विकास की सुविधा के लिए अपने निपटान में उपकरणों का उपयोग करने का भी आग्रह किया, जबकि अंतिम प्राथमिकता भविष्य की पीढ़ियों के हितों की रक्षा के लिए ऋण और वित्तीय सुरक्षा पर थी। संजीव पुरी, अध्यक्ष, सीआईआई ने अपने परिचयात्मक भाषण के दौरान, पांच क्षेत्रों के बारे में बात की, जहां भारत ने मजबूत विकास, जलवायु प्रतिबद्धताओं, बड़े पैमाने पर समावेशी विकास के लिए सफल मॉडल, डिजिटलीकरण का लाभ उठाने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन बनाने सहित सकारात्मक योगदान दिया है। सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष आर. दिनेश ने समापन भाषण के दौरान वित्त मंत्री को जीईपीएफ के लिए उनके प्रबल समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि सीआईआई वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दशकीय प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए मंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा। सीआईआई द्वारा एक श्वेत पत्र लाया जाएगा जिसमें जीईपीएफ में विचार-विमर्श से उत्पन्न सिफारिशों को रेखांकित किया जाएगा। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने मंच पर स्वागत भाषण दिया। जीईपीएफ के उद्घाटन सत्र के दौरान वित्त मंत्री भूटान ल्योनपो लेके दोरजी और वित्त मंत्री, मालदीव गणराज्य मूसा ज़मीर भी मौजूद थे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 11, 2024
दिल्ली दंगों के आरोपी को ओवैसी ने दिया टिकट
नई दिल्ली,11 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी टिकट देने शुरू कर दिए हैं. ओवैसी की पार्टी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है और दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. ओवैसी के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा है और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं. *हिंदुओं को मारने के लिए बम, पत्थर, गुलेल* बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जिस ताहिर हुसैन ने दिल्ली में सैकड़ो हिंदुओं की हत्या की साजिश रची थी. जिसके घर से हिंदुओं को मारने के लिए बम, पत्थर, गुलेल रखे थे. जिसने आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या 400 बार चाकुओं से गोद कर शव नाले में फेंक दिया था. ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं. अगर दिल्ली में दुबारा दंगे करवाने की कोशिश की गई तो अंजाम तुम्हारी सात पीढ़ियां याद रखेंगी. *जेल में बंद ताहिर ने जॉइन की एआईएमआईएम* जेल में बंद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं. इसकी जानकारी खुद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर दी. एक फोटो शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा, 'एमसीडी पार्षद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे. उनके परिवार के सदस्य और समर्थक आज मुझसे मिले और पार्टी में शामिल हुए. *दिल्ली हिंसा के आरोपी हैं ताहिर हुसैन* ताहिर हुसैन दिल्ली के नेहरू विहार से आम आदमी पार्टी से पार्षद रहे है. लेकिन, साल 2020 में दिल्ली दंगे में नाम सामने आने पर आम आदमी पार्टी ने ताहिर को पार्टी से निकाल दिया था. बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे. इस दंगे में कई लोग मारे गए थे, जबकि कई लोग घायल हुए थे. दंगे में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के शामिल होने के आरोप लगे थे और ताहिर के घर से पेट्रोल बम फेंकते हुए युवकों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. दिल्ली की एक कोर्ट ने इस साल मई में 2020 के दिल्ली दंगों के एक मामले में पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी थी और कहा था कि उनकी भूमिका 'दूरस्थ प्रकृति की' थी और वह पहले ही तीन साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुके हैं. हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी ताहिर हुसैन जेल में बंद हैं, क्योंकि वह दंगों के अन्य मामलों में भी आरोपी हैं, जिसमें सांप्रदायिक दंगे के पीछे साजिश और वित्तपोषण से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शामिल है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 11, 2024