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अंतरराष्ट्रीय सितार वादक ने किया रक्तदान शिविर का उद्घाटन

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। अरुणा आसिफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के नेतृत्व और एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट की अध्यक्षता में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं पहली महिला भारत रत्न से सम्मानित अरुणा आसिफ अली की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया। प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय सितार वादक डॉक्टर हरविंद शर्मा सेवानिवृत्त प्राचार्य उचचतर शिक्षा विभाग थे। रक्तदान शिविर का आयोजन एलुमनाई एसोसिएशन राजकीय कॉलेज कालका, कॉलेज के छात्र, प्राध्यापक और कॉलेज प्रशासन के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की एल्यूमनाई सोसाइटी की प्रभारी डॉ मीनू ख्यालिया, डॉ गीतांजलि, डॉक्टर नीरू शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर गीता, रेड कास सोसाइटी की प्रभारी प्रोफेसर नीतु और सदस्या डॉक्टर कविता, प्रोफेसर स्वाति, डॉ नवनीत नैंसी, एनसीसी विंग के प्रभारी लेफ्टिनेंट यशवीर, लेफ्टिनेंट गुरप्रीत, राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉक्टर सरिता, प्रोफेसर सोनू के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।   इस अवसर पर कार्यक्रम में कॉलेज प्रिंसिपल प्रोमिला मलिक, एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट, संजय बंसल, शशि गुप्ता, मुकेश सोढ़ी, जितेंद्र, अरुण कोड़ा, एसके थामा, एमएल कश्यप, विनोद गुप्ता, प्रवीण पुंज सहित भारी संख्या में छात्र और अन्य लोग मौजूद थे। कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और अंतरराष्ट्रीय सितार वादक हरविंदर शर्मा, प्रिंसिपल प्रोमिला मालिक, विजय बंसल एडवोकेट ने स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसिफ अली की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभी लोगों ने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। रक्तदान शिविर में रक्त दान करने के लिए 70 लोगों ने पंजीकरण करवाया लेकिन 55 लोगों को रक्तदान के लिए सिलेक्ट किया गया कुल 55 लोगों ने रक्तदान किया। शिविर में पीजीआई ब्लड बैंक की टीम ने रक्त एकत्र किया। अपने संबोधन में एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि अरुणा आसिफ अली 16 जुलाई 1909 में कालका में पैदा हुई थी। स्वतंत्रता सेनानी और देश की पहली भारत रत्न से सम्मानित महिला कालका में पैदा हुई थी अरुणा आसिफ अली के पति आसिफ अली शहीद भगत सिंह के वकील भी रहे।   अरुणा आसिफ अली भारत देश को गुलामी से आजाद करवाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थी। निडर अरुणा आसिफ अली ने अकेले ही अंग्रेजों के खिलाफ आरंभ हुए असहयोग आंदोलन के दौरान मुंबई में उस समय भारत का तिरंगा फहराया था जब ब्रिटिश हुकूमत में आंदोलन को कुचलने के लिए मुख्य स्वतंत्रता सेनानी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था तब अरुणा आसिफ अली ने तिरंगा लहराकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि हमें गर्व है कि अरुणा आसिफ अली जैसी महान शख्सियत हमारे कालका शहर में पैदा हुई थी जिसने हमारे कालका शहर का नाम रोशन किया। भारत संगीत नाट्य अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हरविंदर शर्मा ने एलुमनाई एसोसिएशन और कॉलेज प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि को रक्तदान कर मनाने के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान कर ही महान स्वतंत्रता सेनानियों को असली श्रद्धांजलि है। हरविंदर शर्मा 27 वर्ष तक प्रोफेसर रहे और कई वर्षों तक कालका राजकीय महाविद्यालय के प्रिंसिपल भी रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

भारतीय उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं और दुनिया भर में स्वीकार्य हैं: जितिन प्रसाद

नई दिल्ली, 31 जुलाई 2024 (यूटीएन)। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजनाओं का उद्देश्य न केवल भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाना है, बल्कि भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करना भी है। उन्होंने कहा, "पीएलआई योजना का पूर्ण संवितरण होने से पहले ही, हम संयंत्र और मशीनरी में अच्छी मात्रा में निवेश होते हुए देख रहे हैं, उत्पादन में वृद्धि के साथ नई नौकरियों का सृजन हो रहा है"। 'गुणवत्ता प्रणालियों में उत्कृष्टता के लिए 10वें फिक्की पुरस्कार और सम्मेलन' को संबोधित करते हुए, प्रसाद ने कहा, "अच्छी बात यह है कि पीएलआई योजना के बावजूद, निर्यात को प्रोत्साहित नहीं करने और निर्यात के लिए कोई संवितरण नहीं होने के बावजूद, हमने 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात सुनिश्चित किया है। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं और दुनिया भर में स्वीकार्य हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जोर और समर्थन देगी कि भारत विनिर्माण केंद्र बने। भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये (26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है। मार्च 2024 तक 1.23 लाख करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की गई है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 8 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।    उन्होंने कहा, "हम सुनिश्चित करते हैं कि हमें सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मिले, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उत्पादों में मूल्यवर्धन हो। अगले पांच वर्षों में, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि एयर कंडीशनर क्षेत्र में, इसका 75 प्रतिशत स्वदेशी होगा, और भारत गुणवत्तापूर्ण मानक एयर कंडीशनर का उत्पादन करेगा।" एमएसएमई क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री प्रसाद ने कहा कि यह सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि हालिया बजट घोषणाओं में भी एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि इसमें अधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है। "एमएसएमई, वे हैं जो भारत में रोजगार और नौकरी सृजन बाजार को आगे बढ़ाने जा रहे हैं और इन विनिर्माण केंद्रों के परिणामस्वरूप जो वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी चैंपियन हैं जिन्हें हम इन पीएलआई योजनाओं के माध्यम से बनाने जा रहे हैं, इसका व्यापक प्रभाव यह होगा कि एमएसएमई बढ़ेंगे, और उन्हें आवश्यक पूर्ति मिलेगी, जिसकी आज हमारे देश में बहुत आवश्यकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि एआई मिशन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, और हम एआई प्रौद्योगिकी के विभिन्न स्तंभों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास अत्याधुनिक जनशक्ति, कौशल, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में हैं, और इसके साथ, हम वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने के लिए गुणवत्ता के साथ-साथ अपने उत्पादन को सुव्यवस्थित कर सकते हैं।"   इससे पहले दिन के दौरान, डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री सजीव ने कहा कि मानक, परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रमाणन भारत के विनिर्माण की गुणवत्ता में विश्वास बनाए रखने और बढ़ाने के लिए रणनीतिक उपकरण हैं, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है और आर्थिक विकास को समर्थन मिलता है। हम सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण को बढ़ावा देने और भ्रामक व्यापार प्रथाओं को हतोत्साहित करने के लिए देश में तकनीकी विनियमन व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "किसी भी विनिर्माण संचालित अर्थव्यवस्था के लिए दो मुख्य स्तंभ गुणवत्ता और उत्पादकता हैं। देश में गुणवत्ता विनिर्माण पर जोर दिया जाना चाहिए। हमें अपनी क्षमता को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारा उद्योग मानकों को एक प्रमुख प्रतिस्पर्धी लाभ के रूप में उपयोग करने में सक्षम हो।" 2023 से अब तक डीपीआईआईटी ने गुणवत्ता को बढ़ावा देने की अपनी पहल के तहत 188 उत्पादों के लिए 45 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए हैं। फिक्की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस कमेटी के अध्यक्ष श्याम बंग ने कहा कि उद्योग को सहयोग के माध्यम से अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "निरीक्षण और अस्वीकृति का दृष्टिकोण अपनाने के बजाय, प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए विश्वास, सहायता और सूचना साझा करने का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।" कार्यक्रम के दौरान गुणवत्ता प्रणालियों में उत्कृष्टता पर पुस्तिका के विमोचन के साथ-साथ 10वें फिक्की पुरस्कारों की घोषणा की गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

सरकार 12 नए औद्योगिक पार्क स्थापित कर रही है, 5-6 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की तैयारी में है

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार देश भर में 12 नए औद्योगिक पार्क स्थापित कर रही है और 5-6 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की तैयारी में है, उन्होंने निजी क्षेत्र से इसका लाभ उठाने का आग्रह किया। वे 30 जुलाई को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद सम्मेलन’ के एक सत्र के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से सरकार को नीतियों और व्यवसायों द्वारा सामना किए जा रहे अनुपालन मुद्दों की पहचान करने में मदद करने के लिए कहा और अनुपालन बोझ को कम करने तथा व्यवसाय-संबंधी कानूनों को अपराधमुक्त करने की पेशकश की। पिछले 10 वर्षों में सरकार की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए गोयल ने कहा कि व्यवसाय और लोग भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद दोगुना हो गया है, विदेशी मुद्रा भंडार दोगुना से भी अधिक हो गया है और चालू खाता घाटा काफी कम हो गया है, जो दर्शाता है कि एक अच्छी सरकार कैसे बड़ा बदलाव ला सकती है। मंत्री ने कहा कि दुनिया भर के देश भारत के साथ एफटीए करना चाहते हैं और संबंधों का विस्तार करना चाहते हैं।   गोयल ने कहा कि देश की युवा, आकांक्षी आबादी की बदौलत 2047 तक भारत 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।  गोयल ने कहा कि राष्ट्र बहुत बड़े और बेहतर भविष्य की आकांक्षा रखता है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन, कौशल विकास, गति और मापनीयता, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण सहित विभिन्न सिद्धांतों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हम अभिनव वित्तपोषण मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मुद्दों की निगरानी और प्राथमिकता देने और लागत के भीतर परियोजनाओं के समयबद्ध निष्पादन को सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित करती है। उन्होंने कहा कि यह एक परिणाम-उन्मुख राष्ट्र है, जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। सभा को संबोधित करते हुए, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट बहुत दूरदर्शी है, न कि केवल खातों का विवरण, जिसमें वित्त मंत्री ने उद्यमिता, युवा, शिक्षा और कौशल पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और उसे सुगम बनाने की आवश्यकता है जो हमारे युवाओं के लिए कौशल को आकांक्षापूर्ण बनाए। चौधरी ने कहा कि एक जीवंत मध्यम वर्ग और एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना जो वास्तव में नवाचार को महत्व देती है।   तभी वास्तविक सामाजिक मंथन दिखाई देगा। “सरकार इन पहलुओं पर काम करने जा रही है। दक्षिण कोरिया को ज्ञान अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में 15 साल लग गए। भारत की विरासत प्रणाली और परिवर्तन की गति को देखते हुए, हमारे देश को थोड़ा और समय लग सकता है। भारत के ज्ञान सूचकांक पर अभी बहुत कुछ करना है; हालाँकि, हम प्रमुख चालकों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आरके सिंह, सचिव, डीपीआईआईटी भी सत्र में शामिल हुए। सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि पीएलआई योजना विकास का एक शक्तिशाली चालक रही है और बेहतर प्रभाव के लिए इसे रोजगार से जुड़ी योजना के साथ जोड़ने का सुझाव दिया। सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा कि मजबूत विनियमन व्यवसायों के विकास और नवाचार के लिए एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करते हैं। सीआईआई के उपाध्यक्ष आर मुकुंदन ने एमएसएमई, कौशल, विकास और व्यापार नीतियों के अंतर्संबंध के बारे में बात की। सीआईआई कौशल विकास समिति के अध्यक्ष आदित्य घोष ने सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित संस्थानों, शिक्षाविदों और निजी क्षेत्र के बीच अनुसंधान एवं विकास साझेदारी के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने के लिए कुछ सिफारिशें सुझाईं। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने सत्र का संचालन किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

उन आंखों में आईएएस बनने का सपना था...कहां हैं स्टार गुरु? लोग ढूंढ रहे

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विश्वगुरु का ख्वाब संजोए देश की राजधानी। विश्वस्तरीय शहर होने का ढिंढोरा। उसी शहर में कोई होनहार स्टूडेंट राह चलते बिजली के करंट से मर जाता है तो कहीं कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे पानी में डूबकर मर जाते हैं। ये सबकुछ हो रहा है विश्वस्तरीय शहर में। देश की राजधानी में। उन आंखों में आईएएस बनने का सपना था। उन सपनों को तो छोड़िए, उन आंखों को, उन जिंदगियों को विश्वस्तरीय शहर के सड़े सिस्टम ने लील लिया। ये तो शर्मनाक है ही, उससे तनिक भी शर्मनाक नहीं है, सपनों के सौदागर कथित स्टार गुरुओं की चुप्पी। प्रति स्टूडेंट हजारों-लाखों रुपये वसूलकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनाने की 'फैक्ट्री' चलाने वाले विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा, अलख पांडे जैसे सिलेब्रिटी गुरुओं की चुप्पी। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबकर 3 जिंदगियां खत्म हो गईं, लेकिन दुनिया-जहान के हर विषय पर ज्ञान देने वाले इन स्टार गुरुओं के मुंह से संवेदना का एक बोल तक नहीं फूटा। सोशल मीडिया के इस दौर में स्टार गुरु खुद को किसी सिलेब्रिटी से कम नहीं समझते। बात-बात पर ज्ञान।    बड़ी-बड़ी बातें। रील का चस्का। रील्स में टीचर कम, मॉटिवेशनल स्पीकर ज्यादा। हर मोबाइल में रील के रूप में देखे जाने की हसरत। यू-ट्यूब शॉर्ट्स में छा जाने की ललक। लेकिन ये सर्वज्ञानी स्टार गुरु छात्रों की मौत पर चुप हैं। उनके लिए जैसे ये कोई मुद्दा ही नहीं। भविष्य बनाने, करियर बनाने, कल संवारने की दुकानें सजाकर बैठने वाले ये सपनों के सौदागर उन स्टूडेंट्स की मौत पर चुप हैं जो हो सकता था कि कल आईएएस बनते, आईपीएस बनते, बड़े अफसर बनते। यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट अपने साथियों की मौत से आक्रोशित हैं। विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सवाल उठा रहे हैं। उनके सवालों में एक सवाल ये भी है कि आखिर कहां हैं विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा, अलख पांडे और बाकी स्टार गुरु। स्वयंभू सिलेब्रिटी। सपनों के सौदागर। उन्हें उम्मीद थी कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये सिलेब्रिटी कलाकार गुरु उनका साथ देने आएंगे। उन्हें समर्थन देने आएंगे। आना तो दूर, उनके मुंह से संवेदना के दो बोल तक नहीं फूट रहे। भारत में कोचिंग सेंटर का बाजार बहुत तेजी से फैल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, अभी कोचिंग इंडस्ट्री 58,000 करोड़ रुपये की है।   2018 तक अनुमान है कि ये बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये का विशाल बाजार हो जाएगा। द एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, देश के ग्रामीण इलाकों में पहली से आठवीं कक्षा के 31 प्रतिशत छात्र प्राइवेट कोचिंग क्लास अटेंड करते हैं। बिहार में तो ये आंकड़ा 71 प्रतिशत और बंगाल में 74 प्रतिशत, झारखंड में 45 प्रतिशत है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहली क्लास से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तक, कोचिंग सेंटरों का बाजार कितना विस्तृत है। कई छोटे-छोटे कोचिंग सेंटर और प्राइवेट ट्यूशन सेंटर तो हैं हीं, बड़े कोचिंग सेंटर भी हैं। ये स्टूडेंट से मोटी फीस वसूलते हैं। गरीब मां-बाप के लिए अपने बच्चों को इन कोचिंग सेंटरों में पढ़ाना बहुत मुश्किल है। लेकिन वे अपने बच्चों के मुस्तकबिल के लिए कर्ज के बोझ तक में दब जाते हैं और उन्हें इन कोचिंग सेंटरों में भेजते हैं। इस हसरत के साथ कि मेरा बेटा या बेटी आगे चलकर बड़ा अफसर बनेगा, बड़ी अफसर बनेगी। जरा सोचिए, उन मां-बाप पर क्या गुजर रही होगी जिस क्षण उन्हें पता चला होगा कि उनका बेटा या बेटी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे पानी में डूब गए। भविष्य बताने वाले बाबाओं की तर्ज पर बिना किसी जवाबदेही के भविष्य बनाने का धंधा चला रहे इन स्टार गुरुओं को होनहारों की मौत से जैसे तनिक भी फर्क नहीं पड़ रहा। यही वजह है कि वे बेशर्मी चुप्पी की मोटी चादर ओढ़ चुके हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच कुछ गुरु समर्थन देने जरूर जा रहे हैं लेकिन बड़े नाम नदारद हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

ये गैस चेंबर से कम नहीं... उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कोचिंग सेंटर्स पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर तीन यूपीएससी कैंडिडेट्स की मौत का मुद्दा राज्यसभा में उठा। इस चर्चा में कोचिंग सेंटरों की भूमिका पर भी सवाल उठे। विपक्ष ने शिक्षा के निजीकरण और सरकारी स्कूलों की हालत पर भी चिंता जताई। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए चर्चा की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि यह मामला हमारे युवाओं, शहरी ढांचे और शासन से जुड़ा है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने चर्चा के दौरान कोचिंग सेंटरों पर भी तीखी टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा कि कोचिंग एक ऐसा उद्योग बन गया है जहां मुनाफा ही सब कुछ है। अखबारों में हर दिन कोचिंग सेंटरों के पूरे पन्ने के विज्ञापन छपते हैं। इन विज्ञापनों की जांच होनी चाहिए।   *कोचिंग फलता-फूलता उद्योग बन गया*   उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोचिंग सेटर्स से जुड़े विज्ञापन पर खर्च होने वाला हर पैसा छात्रों से ही आता है। हर नई इमारत छात्रों के पैसों से बनती है। ऐसे में इस पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कोचिंग सेंटर्स की तुलना गैस चैंबर से किया है। धनखड़ ने कहा कि कोचिंग एक फलता-फूलता उद्योग बन गया है जहां मुनाफा बहुत ज्यादा है। हम हर दिन अखबारों में कोचिंग सेंटरों के पूरे पन्ने के विज्ञापन देखते हैं और इस तरह के विज्ञापनों की जांच करने की जरूरत है। वास्तव में एक ऐसे दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो इसे दूर करने में एक लंबा रास्ता तय कर सके।   *बीजेपी-कांग्रेस ने क्या कहा*   राज्यसभा में बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के कोचिंग संस्थान में हुई घटना में दिल्ली सरकार और एमसीडी की लापरवाही साफ दिखती है। उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार को सभी कोचिंग सेंटरों की सूची बनाकर यह जांच करनी चाहिए कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने देश में बढ़ते कोचिंग उद्योग पर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए 10 साल के एनडीए शासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से एक ऐसी सरकार सत्ता में है जिसने शिक्षा के पवित्र क्षेत्र का व्यवसायीकरण और निजीकरण कर दिया है।   *राज्यसभा में दिल्ली कोचिंग हादसे की गूंज*   सुरजेवाला ने इस दौरान पिछले 10 सालों में बंद हुए सरकारी स्कूलों और खुलने वाले निजी स्कूलों का आंकड़ा पेश किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का निजीकरण करने की कोशिश की जा रही है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि सदन को रेल हादसों, नीट, मणिपुर अशांति, असम बाढ़, किसान आत्महत्या और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी उतनी ही गंभीरता और तेजी से चर्चा करनी चाहिए जितनी कि विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दों पर। आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल राज्य सरकार को ठीक से काम नहीं करने दे रहे हैं। उन्होंने हालिया घटना को उन कई वर्षों की चूक का नतीजा बताया जब एमसीडी में बीजेपी काबिज थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

उद्योग जगत विकसित भारत के निर्माण का सशक्त माध्यम है: सीआईआई सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल और कई अनिश्चितताओं के बीच भारत वृद्धि और स्थिरता के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो लगातार ‘उच्च वृद्धि, कम मुद्रास्फीति’ वाला देश बना हुआ है। भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे हमें आश्वस्त करते हैं कि यह वास्तव में 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा, यह बात माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद’ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन का उद्देश्य विकास के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण और इस प्रयास में उद्योग की भूमिका की रूपरेखा प्रस्तुत करना था। प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत को धन सृजनकर्ता और विकसित भारत के निर्माण का सशक्त माध्यम होने का श्रेय दिया।   वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, माननीय प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की राजकोषीय समझदारी बाकी दुनिया के लिए एक आदर्श बन गई है।" उन्होंने जीवन को आसान बनाने के उपायों को बढ़ावा देकर अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर सरकार के निरंतर ध्यान को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि उद्योग 4.0 के साथ-साथ कौशल विकास और रोजगार पर ध्यान वर्तमान सरकार के अन्य महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि बजट में घोषित पीएम पैकेज का उद्देश्य भारत की जनशक्ति और उत्पादों को गुणवत्ता और मूल्य के मामले में वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना है। पिछले कुछ वर्षों में विनिर्माण क्षेत्र में आए बदलावों को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों के सरलीकरण के साथ-साथ मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं जैसे उपायों का उल्लेख किया, जो भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "देश के 100 शहरों के पास बजट में घोषित निवेश-तैयार औद्योगिक पार्कों से विकसित भारत के नए केंद्र बनने की उम्मीद है।"   अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण रोजगार सृजन भूमिका को मान्यता देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किया है और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बजट में एमएसएमई के लिए घोषित ऋण गारंटी योजना की शुरुआत से इस क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसके अलावा, उन्होंने उद्योग और उद्यमियों से सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और ग्रीन जॉब्स जैसे उभरते क्षेत्रों द्वारा प्रस्तुत अवसरों में तेजी से भाग लेने का आह्वान किया।  छोटे परमाणु रिएक्टरों पर किए जा रहे काम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न केवल उद्योग को ऊर्जा पहुंच के रूप में लाभ होगा, बल्कि इस क्षेत्र से जुड़ी पूरी आपूर्ति श्रृंखला को भी नए व्यावसायिक अवसर मिलेंगे। अपने स्वागत भाषण में, सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने समावेशी विकास पर जोर देने और विकसित भारत की दिशा में एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्रीय बजट की सराहना की। यह देखते हुए कि यह भारत के आर्थिक इतिहास में एक रोमांचक और अभूतपूर्व चरण है, भारतीय उद्योग सभी मोर्चों पर सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

हरियाणा में आने वाले विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है

पिंजौर, 30 जुलाई  2024 (यूटीएन)। जैसे जैसे हरियाणा में आने वाले विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है वैसे ही क्षेत्र में राजनीति सरगर्मियां भी तेज हो गई है। इसी कड़ी में पवन कुमारी शर्मा महासचिव प्रदेश महिला कांग्रेस ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से मुलाकात की और क्षेत्र की राजनीति के बारे में बात की और कालका हल्का में समस्याओं से भी अवगत करवाते हुए कहा कि यहा के करीब 50 प्रतिशत लोग रोजगार के लिए पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश पर निर्भर है जबकि हमारे हल्का कालका में उत्तर भारत की लाइफ लाइन एचएमटी है।   जहा पर ट्रैक्टर प्लांट जिसमें हजारो लोगो का रोजगार जुड़ा हुआ था परन्तु अक्टूबर 2016 में मौजूद भाजपा सरकार ने बन्द करके लोगो से रोजगार छीनने का काम किया है, कहा कि कार्यकाल में प्रदेश में 7 जगहों में नगर निगम का दर्जा देकर विकास को गति दी थी परन्तु मौजूद सरकार ने सत्ता में आते ही पिंजौर, कालका को निगम से अलग करके नगर परिषद बना दिया उसके बाद से ही पिंजौर, कालका क्षेत्र में जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कालका हल्का की समस्याओं को प्राथमिकता पर लेकर समाधान करवाए।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 30, 2024

It Definitely Took Me Back to My Old Modeling Days: Rohit Bakshi's Spontaneous Photoshoot

Mumbai, 28 July 2024 (UTN). Renowned actor Rohit Bakshi who is known for his roles in hit shows like Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi, Kahiin To Hoga, Kahani Ghar Ghar Ki, and currently in Anupama, recently stepped in front of the lens for a captivating new photoshoot with photographer Jayesh Vartak, showcasing a series of versatile and striking looks. The shoot, characterized by its spontaneous nature, allowed Rohit to experiment freely and enjoy the creative process, resulting in some truly remarkable photographs.   "It was a good experience shooting with Jayesh," Rohit shared. "It was a spontaneous decision to get some new pictures done, so I just went with the flow." This easygoing attitude is evident in the effortless charm and natural ease Rohit exudes in each shot. His versatility and charisma shine through, capturing his dynamic presence in front of the camera. Notably, Rohit took a hands-on approach to his appearance, handling his own makeup and hair. "Makeup and hair were done by me only, so I knew what looked good on me.   Generally in life, I have been focusing on a good diet and workout, so it automatically adds to your personality," he explained. This commitment to a healthy lifestyle is reflected in his fresh and vibrant look, enhancing his natural good looks and camera-friendly presence. "Taking care of my skin and hair is just as important as my diet and exercise routine. It all contributes to a holistic sense of well-being, which I believe shines through in all my pictures and as well as on screen." The experience of facing the still camera also evoked a sense of nostalgia for Rohit, taking him back to his early days in modeling. "Yes, it was nice to face the still camera after some time now. It definitely took me back to my old modeling days when I used to shoot for print ads and all.   Stepping in front of the camera again brought back the excitement and passion of those early days. So yes, it was a lovely experience," he reminisced. This blend of past and present adds a unique depth to the photos, capturing not just his looks but his journey. In addition to his impressive photoshoot, Rohit Bakshi has reentered the popular TV show "Anupamaa," much to the delight of his fans. His return is set to add a new dimension to the show, showcasing his acting prowess once again. Rohit’s latest photoshoot with Jayesh Vartak is more than just a collection of images; it's a testament to his growth, dedication, and timeless appeal. Rohit Bakshi proves that he is a force to be reckoned with in the entertainment industry.   Mumbai-Reporter,( Hitesh Jain ).

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Jul 28, 2024

Pukaar-Dil Se Dil Tak:Vedika Accused and Arrested

Mumbai, 28 July 2024 (UTN). Prateek Sharma and Parth Shah’s Pukaar - Dil Se Dil Tak, which is produced under their banner LSD Studios, is keeping the audience hooked with its interesting storyline. In Friday's episode,Rajeshwari slaps Vedika, but Sagar steps in to support her and stops their grandmother from interfering. Kishore tells Vedika to leave, but Himmat confronts them and slaps her. Sagar tries to hit Himmat, but Digvijay intervenes and stops him. Rajeshwari accuses Vedika of staying at the puja to steal a necklace and pretending to love Sagar to frame him.    She forces Vedika to place her hand on Saraswati’s head and swear she opened the safe. Vedika confesses, shocking everyone. Saraswati scolds Vedika, saying she trusted her like a daughter, and now feels betrayed, telling Vedika to leave with her family. At that moment, the police arrived. Rajeshwari reveals her plan, accusing Vedika of trying to steal the necklace and escape. The police take Vedika and her family away, while everyone else remains silent. Rajeshwari is pleased with the outcome. Stay tuned to watch what happens next. Pukaar - Dil Se Dil Tak features Sukhada Khandkekar, Sayli Salunkhe, and Anushka Merchande, among others. It airs Monday through Friday at 8:30 p.m. on Sony Entertainment Television.   Mumbai-Reporter,( Hitesh Jain ).

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Jul 28, 2024

Abhira makes a master plan to unite Armaan and Rohit

Mumbai, 28 July 2024 (UTN). Rohit struggles with the case files and Kaveri and Sanjay watch him from the office window. Sanjay tells Kaveri that he can guide Rohit through the cases or else Armaan will help him and Rohit will again loose his right. Kaveri agrees but warns him that she hasn’t forgiven him for his mistakes. Later Manisha comes to the outhouse too meet Abhira and suggests that she should focus on her own happiness with Armaan rather than trying to solve everything. Armaan brings a rose for Abhira, but when he sees her expression, he realizes that she knows what happened at the office and he cries while hugging her. To divert his mind, Abhira says she wants to eat Dal Baati and Armaan agrees to prepare it.   In the kitchen, Armaan struggles with the dish, and Manisha helps him. Later, Manisha takes Armaan to a surprise planned by Vidya for both Armaan and Abhira. They are surprised to find that Vidya has arranged a photoshoot for them with the photographer who had taken pictures of Vidya and Madhav. After the photoshoot, Armaan and Abhira find the pictures humorously edited in an old-fashioned style but smile for Vidya’s sake. Armaan then plans a dreamy date for Abhira, where they dance and take pictures together. The next day, Abhira notices Aryan, who is badly injured by some bullies. She devises a master plan involving Krish and other cousins. In the precap, Armaan decides to take revenge with the bullies, and Abhira joins him. When they arrive, the boys try to intimidate the Poddar family members and challenge them to a Kabaddi match. Abhira accepts the challenge.    Mumbai-Reporter,( Hitesh Jain ).

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Jul 28, 2024