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भारतीय उद्योग जगत में कारोबारी आशावाद बढ़ा: सीआईआई बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि अच्छी रही है। आम चुनावों के बाद आर्थिक गति में तेज़ी आई है। उद्योग जगत नीतिगत निरंतरता से उत्साहित है, जो सीआईआई बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स के हालिया प्रिंट में भी झलकता है, जो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 68.2 के दो तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 67.3 और पिछले साल की इसी तिमाही में 67.1 था। कारोबारी संभावनाओं में देखे गए सुधार के साथ-साथ उद्योग जगत ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की उपलब्धता पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। लगभग आधे उत्तरदाताओं को दूसरी तिमाही के दौरान अपनी कंपनियों में भर्ती की स्थिति में सुधार की उम्मीद है। उद्योग जगत कारोबारी भावनाओं को लेकर आशावादी है, जैसा कि सीआईआई बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स में देखी गई।   ऊपर की ओर प्रक्षेपवक्र से प्रदर्शित होता है, जो जुलाई-सितंबर की अवधि में दो-तिमाही के उच्च स्तर पर पहुंच गया। आगामी त्यौहारी सीजन विकास की संभावनाओं को और मजबूत करने के लिए अच्छा संकेत है।  प्रेस विज्ञप्ति में सीआईआई ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे उभरती आर्थिक स्थितियों पर सावधानीपूर्वक नजर रखने की जरूरत है। सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं ने खपत में सुधार, विशेष रूप से ग्रामीण मांग; मानसून में स्थिर प्रगति; सुधारों पर निरंतर जोर और निजी निवेश में नए दृश्य जैसे कारकों को चालू वित्त वर्ष में विकास को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया। वास्तव में, आधे से अधिक (59 प्रतिशत) उत्तरदाताओं को एच1एफवाई25 में एच2एफवाई24 की तुलना में निजी पूंजीगत व्यय में सुधार की उम्मीद है। यह उत्साहजनक है क्योंकि इससे सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को समर्थन मिलने की संभावना है, जिसने चुनावों के कारण पहली तिमाही में सुस्ती के बाद हाल ही में तेजी दिखाई है। निजी निवेश पर सकारात्मक पूर्वानुमान घरेलू मांग में सुधार के कारण है।   सर्वेक्षण के नतीजों में भी यही बात सामने आई, जिसमें बताया गया कि आधे से ज़्यादा उत्तरदाताओं को जुलाई-सितंबर तिमाही में अपनी कंपनियों में बिक्री और नए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। नतीजतन, ज़्यादातर उत्तरदाताओं (46 प्रतिशत) को लगता है कि सितंबर 2024 को समाप्त होने वाली तिमाही के दौरान उनकी कंपनी में क्षमता उपयोग का स्तर 75-100 प्रतिशत के बीच होगा। यह स्तर पिछली तिमाही में इस तरह के क्षमता उपयोग के स्तर को देखने वाले अनुपात से ज़्यादा है। इसके अलावा, रिजर्व बैंक आफ इंडिया के अनुसार 75-80 प्रतिशत के बीच क्षमता उपयोग एक शुभ संकेत है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था में नए निवेश को बढ़ावा मिलता है। सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं ने कुछ छोटी-मोटी व्यावसायिक चिंताओं को उजागर किया है, जिनमें लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक कमोडिटी कीमतों में उछाल और बाहरी मांग में कमी सबसे बड़ी तीन चिंताएँ हैं। सीआईआई बिजनेस आउटलुक सर्वेक्षण का 128वां दौर सितंबर 2024 में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न आकार की सभी उद्योग क्षेत्रों और क्षेत्रों की 200 से अधिक फर्मों को शामिल किया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता लाने के लिए कुतुब मीनार को गुलाबी रंग से रोशन किया

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने स्तन कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर अक्टूबर में दिल्ली के प्रतिष्ठित स्मारक कुतुब मीनार को गुलाबी रंग से रोशन करने की महत्वपूर्ण पहल की है। 4 से 6 अक्टूबर की शाम तक तीन दिन यह ऐतिहासिक स्‍मारक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में स्तन कैंसर की समय पर जांच, शीघ्र पहचान और प्रभावी निदान के महत्व पर प्रकाश डालेगा। यह पहल न केवल स्तन कैंसर से लड़ने की आवश्यकता को रेखांकित करती है बल्कि उन लोगों को आशा, जीवन रक्षा और साहस का संदेश भी देती है, जिन्होंने इस बीमारी का बहादुरी से मुकाबला किया है। यह महिलाओं, खास तौर पर 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को याद दिलाता है कि स्‍तन कैंसर का समय रहते पता लगाने के लिए हर साल मैमोग्राफी कराना बहुत जरूरी है, जिससे परिणामों में अद्भुत सुधार हो सकता है।   इस पहल पर चर्चा करते हुए डॉ. वेदांत काबरा, प्रिंसिपल डायरेक्‍टर, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल ऑन्‍कोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा ‘‘स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं में सबसे आम कैंसर का रूप बना हुआ है, जो सभी तरह के महिला कैंसर का 25% से अधिक है। हालांकि पहले यह मुख्य रूप से 50 से 64 वर्ष की आयु की महिलाओं में होता था, लेकिन पिछले दशक में चिंताजनक रुझान दर्शाते हैं कि युवा महिलाओं में, यहां तक कि 20 और 30 की उम्र में भी, इस बीमारी के एडवांस्‍ड स्‍टेज का तेजी से प्रसार हो रहा है। इसलिए बीमारी का पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।’’ यश रावत, फैसिलिटी डायरेक्‍टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, ग्ररुग्राम ने कहा , ‘‘गुलाबी रंग से जगमगाता कुतुब मीनार महज एक विजुअल श्रद्धांजलि नहीं है। यह जागरूकता का प्रतीक है।   जो महिलाओं को नियमित जांच के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की अपील करता है। इस पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य स्तन कैंसर की रोकथाम करना और उसका पता लगाने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करना तथा लोगों की जिंदगियां बचाना है।’’ कुतुब मीनार की रोशनी एक अद्भुत विजुअल प्रभाव पैदा करेगी, जो जागरूकता बढ़ाने, जीवित बचे लोगों की सहायता करने और स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी। भारत में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों की ओर ध्यान आकर्षित करके फोर्टिस महिलाओं और उनके परिवारों को इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है। इस तरह की पहल के माध्यम से फोर्टिस महिलाओं को जानकारी से सशक्‍त बनाने, बीमारी का शीघ्र पता लगाने और विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

एम्स में स्वदेशी मशीन और उपकरणों से होगा दंत रोगों का इलाज

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दंत रोग के इलाज के लिए एम्स का दंत चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (सीडीईआर) स्वदेशी उपकरण और इंप्लांट विकसित करेगा। नैदानिक अनुसंधान के लिए सीडीईआर भवन के पास दो बेसमेंट सहित सात मंजिला भवन तैयार किया गया है। भवन में इंप्लांट और उपकरण को विकसित करने के लिए रिसर्च का काम होगा। साथ ही जानवर व मरीज पर उक्त उपकरण व इंप्लांट की उपयोगिता की जांच भी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में दंत रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके इलाज में जरूरी उपकरण व इंप्लांट मौजूदा समय में 70 फीसदी से अधिक विदेश से आते हैं। यह महंगे होने के साथ भारतीय मूल की जरूरत के आधार पर विकसित नहीं होते।   स्वदेशी उपकरण व इंप्लांट को विकसित करने के दौरान भारतीय मूल की जरूरत को ध्यान में रखा जाएगा। सीडीईआर की प्रमुख डॉ. रितु दुग्गल ने कहा कि नैदानिक अनुसंधान के लिए तैयार हुआ भवन बनकर तैयार है। उम्मीद है कि जल्द ही इसका उद्घाटन होगा। इस भवन में उपकरण व इंप्लांट को लेकर रिसर्च होंगे। वहीं अन्य डॉक्टरों ने बताया कि इस सात मंजिला भवन में ओरल कैंसर, टेढ़े-मेढ़े दांत, जबड़े की सर्जरी, दांतों की सड़न या कैविटी, पेरियोडोंटाइटिस, पेरियापिकल टूथ एब्सेस, पल्पाइटिस, इम्पैक्टेड टीथ (दबाव में आए दांत), मालऑक्लूजन, दांत का टूटना, दुर्घटना में दांत या जबड़े का टूटना सहित दूसरे रोगों से जुड़े विषयों पर शोध होगा। इसमें मरीज की जरूरत के आधार पर इलाज की उचित विधि भी तैयार होगी।   *ब्लॉक का यह है उद्देश्य* डॉक्टरों ने बताया कि ब्लाॅक में नैदानिक अनुसंधान किया जाएगा। यह स्वास्थ्य सेवा विज्ञान की एक शाखा है। इसमें मरीजों में होने वाले रोग और उसके इलाज के लिए विधि की के लिए शोध किए जाएंगे। इसका मकसद रोगों के कारणों का पता लगाना, उनका इलाज करने के बेहतर तरीके खोजना और बीमारियों को रोकने के उपाय तलाशना शामिल होगा। एम्स में नए ब्लॉक में गैजेट, स्कैनर, सीजी सीटी मशीन सहित दूसरे जरूरी मशीन को लेकर शोध होगा।   *इलाज की प्लानिंग बनाएगा साफ्टवेयर* दंत रोग से परेशान मरीजों की इलाज के लिए जल्द साफ्टवेयर प्लानिंग बनाएगा। इसमें उसकी सर्जरी सहित इंप्लांट लगाने की जरूरत पर भी चर्चा होगी। दरअसल सीडीईआर की प्रमुख डॉ. रितु दुग्गल माईटी के साथ मिलकर एक साफ्टवेयर विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। यह साफ्टवेयर इलाज को लेकर प्लानिंग बनाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि इलाज को लेकर प्लानिंग बनने से मरीज की रिकवरी बेहतर हो जाती है। साथ ही सटीक इलाज भी हो पाता है।   स्टेम सेल पर भी हो सकता है काम दंत रोग का इलाज स्टेम सेल से भी हो सकेगा। मौजूदा समय में डॉ. सुजाता इसे लेकर अध्ययन कर रही है। यदि सीडीईआर के डॉक्टर इस दिशा में कोई प्रयास करते हैं तो वह डॉ. सुजाता के साथ मिलकर प्रयास कर सकेंगे। नए सेंटर में मेडिकल छात्रों को इसे लेकर सुविधाएं मिलेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

पीएम इंटर्नशिप योजना: कुछ घंटों में ही 111 कंपनियां पंजीकृत

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। पोर्टल के शुरू होने के कुछ घंटों के अंदर ही करीब 111 कंपनियों ने खुद को पंजीकृत कराया। इतना ही नहीं, कंपनियां इस योजना के तहत अब तक 2,200 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देने की पेशकश कर चुकी हैं। इस योजना का मकसद युवाओं को रोजगार के योग्य बनाना है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि।    इंटर्नशिप पोर्टल पर शुक्रवार को दोपहर तीन बजे तक कई कंपनियों ने 2,200 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव दिया। पोर्टल पर लगभग 111 कंपनियां सूचीबद्ध हो चुकी हैं। पायलट आधार पर बृहस्पतिवार को शुरू की गई योजना के तहत इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा उन्हें इंटर्नशिप का हिस्सा बनने पर एकमुश्त 6,000 रुपये की मदद दी जाएगी। इंटर्नशिप 12 महीने के लिए होगी। चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर उपलब्ध कराने की योजना है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

लवकुश रामलीला: डिजिटल साउंड और हैरत एंगेज ऐक्शन के साथ हुआ ताड़का वध

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। लाल किला ग्राउंड में आयोजित लव कुश रामलीला कमेटी के प्रेसीडेंट अर्जुन कुमार ने बताया दूसरे दिन लीला के विशाल मंच पर ताड़का वध और सुबाहु वध के एक्शन सींस को सजीव और जीवंत बनाने के लिए बॉलिवुड फिल्मों के मशहूर एक्शन डायरेक्टर मनोज कांगड़ा की निगरानी में डिजिटल साउंड और कम्प्यूटर ग्राफिक्स का ऐसा जानदार प्रयोग किया गया कि मैदान में बैठे हजारों राम भक्तो ने जमकर तालियां बजाईं। लीला अवलोकन के लिए माननीय श्रीपद नायक, विद्युत एवं नवीनीकरण ऊर्जा राज्य मंत्री, भारत सरकार मुख्य अतिथि के रुप में पधारे | मंत्री ने प्रभु श्री राम को तिलक कर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद लिया।    और कहां राम की लीलाएं भारतीय संस्कृति की आत्मा है। लीला के अध्यक्ष अर्जुन कुमार के अनुसार आज भव्य मंच पर मुम्बई फिल्म नगरी और टीवी के मंझे हुए कलाकारो द्वारा पुत्र यज्ञ के लिए श्रृंगी महर्षि को बुलाना, अग्नि देव प्रकट होकर पायस देना, राम जन्म, नामकरण संस्कार, विश्वामित्र यज्ञ में विघ्न से लेकर ताड़का वध, मारीच  युद्ध, सुबाहु वध, की लीला का मंचन हुआ। लीला  मंचन के उपरांत  कमेटी  महासचिव सुभाष  गोयल, पवन गुप्ता चेयरमैन, सत्य भूषण जैन, सौरव गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अंकुर गोयल कोषाध्यक्ष, प्रवीण सिंगल लीला मंत्री  सहित अन्य पदाधिकारियों  ने मंच पर पर प्रभु श्री राम, सीता, लक्ष्मण की पूजा अर्चना की और आए सभी अतिथियों का स्वागत किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

कैदियों को भी गरिमा के साथ जीने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'सम्मान के साथ जीने का अधिकार कैदियों को भी है' और कैदियों को इससे वंचित करना उपनिवेशवादियों और उपनिवेश-पूर्व तंत्र दर्शाता है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले में यह टिप्पणी की। पीठ ने कैदियों के प्रति जाति आधारित भेदभाव, जैसे शारीरिक श्रम का विभाजन, बैरकों का विभाजन आदि पर रोक लगा दी।    *कोर्ट ने कई राज्यों के जेल मैनुअल नियमों को बताया असंवैधानिक* पीठ ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश सहित 10 राज्यों के कुछ आपत्तिजनक जेल मैनुअल नियमों को असंवैधानिक करार दिया। सीजेआई ने 148 पन्नों का फैसला लिखते हुए संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 15 (भेदभाव का निषेध), 17 (अस्पृश्यता का उन्मूलन), 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और 23 (जबरन श्रम के खिलाफ अधिकार) के तहत मौलिक अधिकारों का जिक्र किया।   *कैदियों को सम्मान न देना उपनिवेश काल की पहचान* अपने फैसले में पीठ ने कहा कि, 'सम्मान के साथ जीने का अधिकार कैदियों का भी है। कैदियों को सम्मान न देना उपनिवेशवादियों और पूर्व-औपनिवेशिक तंत्रों का अवशेष है, जहां दमनकारी व्यवस्थाएं राज्य के नियंत्रण में रहने वाले लोगों को अमानवीय और अपमानित करने के लिए डिज़ाइन की गई थीं। संविधान से पहले के युग के सत्तावादी शासन ने जेलों को न केवल कारावास के स्थान के रूप में देखा, बल्कि वर्चस्व के उपकरण के रूप में भी देखा।   संविधान द्वारा लाए गए कानूनी ढांचे के आधार पर इस न्यायालय ने माना है कि कैदियों को भी सम्मान का अधिकार है।' फैसले में संविधान के अनुच्छेद 15 का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें जाति, धर्म, भाषा आदि के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। पीठ ने कहा कि अगर सरकार ही नागरिकों से भेदभाव करेगी तो यह सबसे बड़ा भेदभाव है, क्योंकि सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह भेदभाव को खत्म करेगी।    'भेदभावपूर्ण कानूनों की पहचान की जानी चाहिए' पीठ ने कहा कि 'इतिहास में, ऐसी भावनाओं ने कुछ समुदायों के नरसंहार को जन्म दिया है। भेदभाव से भेदभाव किए जाने वाले व्यक्ति का आत्म-सम्मान भी कम होता है। इससे अवसरों का अनुचित हनन हो सकता है और लोगों के एक समूह के खिलाफ लगातार हिंसा हो सकती है। भेदभाव किसी ऐसे व्यक्ति का लगातार उपहास या अपमान करके भी किया जा सकता है, जो सामाजिक तौर से कमजोर है। यह किसी व्यक्ति को आघात पहुंचा सकता है।'   जिससे वह अपने पूरे जीवन प्रभावित हो सकता है। भेदभाव में हाशिए पर पड़े सामाजिक समूह की पहचान या उसके अस्तित्व को कलंकित करना भी शामिल है।' सीजेआई ने कहा, 'भारत के संविधान के लागू होने से पहले बनाए गए भेदभावपूर्ण कानूनों की जांच की जानी चाहिए और उन्हें खत्म किया जाना चाहिए।' पीठ ने कहा, 'मानव गरिमा मानवीय अस्तित्व का अभिन्न अंग है और इससे अविभाज्य है। यह जीवन के अधिकार में ही निहित है।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

झंडेवालान मंदिर में नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा अर्चना

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। बद्री भगत झण्डेवाला देवी मंदिर मे शारदीय नवरात्र महोत्सव कल से आरम्भ हो गया है। नवरात्र के दूसरे दिन माँ भगवती के द्वितीय स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी देवी की आराधना व पूजा अर्चना पूर्ण विधि – विधान के साथ की गई l घोर तपस्या करने के कारण इन्हें तपश्चरिणी अथवा ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित  किया गया l माँ का यह स्वरूप सौम्य व अनन्त फल देने वाला है। दर्शनार्थियों के मंदिर मे प्रवेश हेतु रानी झाँसी मार्ग, देशबंधु गुप्ता मार्ग (फलेटिड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स) और वरुणालय की और से व्यवस्था की गई है l भक्त अपनी बारी की प्रतीक्षा मे खड़े मां का गुणगान करते रहे l लाइनों मे भक्तों को पेयजल पुहंचाने की व्यवस्था की गई हैं प्रवेश द्वार पर भक्तो को सैनिटाईजेशन की भी व्यवस्था की गई हैं।   दर्शन के बाद बाहर निकलते ही प्रसाद और चाय व शर्बत की भी व्यवस्था की गई हैं। प्रात: 4:00 बजे से रात्रि 12 बजे तक के सारे कार्यकर्मों का सीधा प्रसारण झंडेवाला देवी मंदिर के यूट्यूब चैनल, फेसबुक व मंदिर की वेबसाईट पर किया गया l किसी भी आपात स्थिती से निपटने के लिये एम्बुलेंस व अग्निशमन गाड़ियां सदैव तत्पर रहती हैं l भक्तों के लिये मंदिर में आनलाईन दर्शन बुकिंग की व्यवस्था की गई है। भक्त अपनी सुविधा अनुसार बुकिंग करके निश्चित समय पर निश्चित द्वार से सीधे मंदिर में प्रवेश कर मां के दर्शन कर सकेंगे। कल 05.10.24 को देवी के तीसरे  स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना पूर्ण विधि – विधान के साथ की जायेगी l   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

केंद्रीय केबिनेट: किसानों से जुड़ी 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं स्वीकृत

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने किसानों और इन्फ्रास्ट्र्कचर विकास से जुड़ी कई परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इन योजनाओं को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के लिए 1 लाख 1321 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा 63 हजार करोड़ रुपये से अधिक की चेन्नई मेट्रो फेज-2 परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं।   *किसानों से जुड़ी 1.01 लाख करोड़ रुपये की योजना* वैष्णव ने बताया कि एक तरह से किसानों की आय से जुड़े लगभग हर बिंदु को 1,01, 321 करोड़ रुपए के कार्यक्रम के तहत कवर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा कार्यक्रम है जिसके कई घटक हैं। सभी घटकों को कैबिनेट ने अलग-अलग योजनाओं के रूप में मंजूरी दी है। बकौल अश्विनी वैष्णव, 'अगर कोई राज्य किसी एक योजना से जुड़ी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) लेकर आता है, तो उसे इस योजना के तहत मंजूरी दी जाएगी।'   *चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी* कैबिनेट ने चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण को भी स्वीकृति दी है। इस पर 63,246 करोड़ रुपये की लागत आएगी। दूसरे चरण की कुल लंबाई 119 किलोमीटर होगी। साथ ही कुल 120 स्टेशन होंगे। इस परियोजना में केंद्र और तमिलनाडु सरकार की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इसका निर्माण चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड करेगी। चेन्नई में 2026 में 1.26 करोड़ और 2048 में 1.80 करोड़ जनसंख्या होने का अनुमान है।   *किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की कवायद* अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट बैठक में सबसे बड़ा फैसला किसानों की आय बढ़ाने और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का है। इसके लिए 'पीएम राष्ट्र कृषि विकास योजना' और 'कृषोन्ति योजना' को मंजूरी दी गई है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि मंत्रालय के तहत संचालित सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को दो व्यापक योजनाओं में तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पीएम-आरकेवीवाई टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगा जबकि केवाई खाद्य सुरक्षा और कृषि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में सहायता करेगा।   उन्होंने बताया कि दोनों योजनाओं के तहत 9 अलग-अलग योजनाएं हैं। विभिन्न घटकों के कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी घटक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएंगे। ये दोनों योजनाएं राज्यों की ओर से कार्यान्वित की जाती हैं। 1,01,321.61 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित व्यय में से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के केंद्रीय हिस्से का अनुमानित व्यय 69,088.98 करोड़ रुपये है। साथ ही इसमें राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। इसमें कृषि विकास योजना के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये शामिल हैं।   *78 दिन का बोनस मिलेगा; 11.72 लाख रेल कर्मियों को होगा फायदा* केंद्रीय कैबिनेट ने लाखों रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के बराबर बोनस देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। त्योहारी सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कैबिनेट की अहम बैठक में रेलवे कर्मचारियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 78 दिनों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दी। इसका लाभ 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को होगा। इस पर 2028.57 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पात्र रेलवे कर्मचारियों को देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है।   इस राशि का भुगतान विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप सी कर्मचारियों को किया जाएगा। पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। वर्ष 2023-2024 में रेलवे का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। रेलवे ने 1588 मिलियन टन का रिकॉर्ड माल लोड किया और लगभग 670 करोड़ यात्रियों को सफर कराया।   *खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन-ऑयलसीड्स को मंजूरी* कैबिनेट ने 10,103 करोड़ रुपये की खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन ऑयलसीड्स को भी मंजूरी दी है। यह कृषोन्नति योजना के तहत आने वाली नौ योजनाओं में से एक है। इस योजना का लक्ष्य 2031 तक खाद्य तेलों का उत्पादन 1.27 करोड़ टन से बढ़ाकर 2 करोड़ टन करना है। इस मिशन का लक्ष्य तिलहन उत्पादन में भारत को सात वर्षों में आत्मनिर्भर बनाना है। मिशन साथी पोर्टल लॉन्च करेगा जिससे राज्य गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता के लिए हितधारकों के साथ समन्वय कर सकेंगे।   *अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता केंद्र में शामिल होने की मंजूरी* कैबिनेट ने लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है ताकि भारत ऊर्जा दक्षता केंद्र में शामिल हो सके। यह दुनिया भर में ऊर्जा दक्षता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक वैश्विक मंच है। यह कदम सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के उसके प्रयासों के अनुरूप है। इस निर्णय से भारत को विशिष्ट 16 देशों के समूह की साझा रणनीतिक ऊर्जा प्रथाओं और नवीन समाधानों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

दिल्ली देहात से जुड़े 360 गांवों के लोग जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे : चौधरी सुरेंद्र सोलंकी

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली देहात से जुड़े वर्षों से लंबित समस्याओं और मुद्दों के समाधान को लेकर लगातार चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं के भयंकर अभाव और चौतरफ़ा बदहाली से लोगों में खासी नाराजगी है। दिल्ली के ग्रामीण कई वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और अब दिल्ली देहात के लोग अपनी सभी समस्याओं का पूर्ण समाधान लेकर ही दम लेने का फैसला कर चुके हैं। 15 सितंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में एकजुट होकर हमने अपने हक और अधिकार के लिए हुंकार भरकर जिस लड़ाई का आगाज किया है उसे अंजाम तक पहुंचाकर ही रहेंगे। चौ सोलंकी ने कहाँ कि दिल्ली सरकार दिल्ली के 360 गांवों के लोगों को हल्के में लेने का प्रयास न करें ये वो लोग हैं जिन्होंने इस दिल्ली को सुरक्षित रखने में और दिल्ली के विकास अहम भूमिका निभाई है। चौ सोलंकी ने कहाँ कि होमगार्ड के 8500 कर्मचारियों अचानक से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है ये सरकार दिल्ली के युवाओं को रोज़गार तो दे नहीं पाई उल्टा बेरोज़गारी के कगार पर लाने का प्रयास कर रही है होम गार्ड में ज़्यादातर जवान दिल्ली देहात के बच्चे हैं और हम इनकी लड़ाई मज़बूती से लड़ेंगे चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिल्ली को विकसित करने में यहाँ के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया, मगर दिल्ली के ग्रामीण इलाके ही बदहाली का शिकार हैं।   टूटी सड़कें, जहां तहां भरा पानी, गंदी नालियां और बजबजाते सीवर चारों तरफ फैली गंदगी यही दिल्ली के गांवों की तस्वीर है। हालात ये हैं कि दिल्ली के गांव ना शहर रहे ना गांव बल्कि उनकी स्थिति स्लम इलाके जैसी हो गई है। इतनी गंदगी और बदहाली में रह रहे गांव के लोगों को हर समय बीमारियों के फैलने या किसी अनहोनी का डर बना रहता है। इसीलिए अब दिल्ली देहात के लोगों ने मन बना लिया है कि इस बार लड़ाई आर पार की है। हम इस बारे किसी के बहकावे में नहीं आने वाले, सिर्फ आश्वासन नहीं लिखित समाधान चाहिए। चौधरी सोलंकी ने कहा कि अभी जंतर मंतर पर उमड़े सैलाब और ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से हमारी दो मांगे मानी गई हैं। जिसके तहत दिल्ली में लंबे समय से बंद पड़े म्यूटेशन की प्रक्रिया को दोबारा बहाल कर दिया गया है और दिल्ली के गांवों में बिजली के मीटर लगवाने पर लगी पाबंदी हटा ली गई है। दिल्ली के ग्रामीणों के हक में हुए इन दोनों फैसलों के लिए हम उपराज्यपाल महोदय को धन्यवाद देते हैं, साथ ही उम्मीद करते हैं कि एलजी साहब और केंद्र सरकार से संबंधित हमारी अन्य समस्याओं का समाधान भी जल्द से जल्द होगा। साथ ही हम दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी और मुख्यमंत्री आतिशी जी से भी अपील करते हैं कि उनकी पार्टी की मेयर और डिप्टी मेयर ने हमारे साथ प्रेस कांफ्रेंस करके स्पष्ट किया था कि दिल्ली के गांवों में कोई हाउस टैक्स नहीं लिया जाएगा, मगर उस घोषणा का नोटिफिकेशन जो तक नहीं किया गया है।    उसे जल्द से जल्द नोटिफाइड कराकर अपना वादा निभाएं। चौधरी सोलंकी ने बताया कि हमने पिछले साल भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन के बाद अपनी तीन मांगें मनवायीं थीं और इस बार भी अब तक दो मांगें पूरी हुईं हैं। ये दिल्ली देहात के लोगों की एकजुटता की ताकत से ही संभव हुआ है। आगे भी हमारा इरादा साफ है, जब तक हमारी सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, ये आंदोलन रुकने वाला नहीं। उन्होंने बताया कि दिल्ली देहात के लोगों ने जंतर मंतर पर महापंचायत के जरिए ये फैसला लिया गया था कि कि अगर 15 दिन के भीतर हमारे सभी मुद्दों का पूर्ण समाधान नहीं कर दिया जाता है, तो फिर अनिश्चितकालीन धरना दिया जायेगा। और अब 15 दिन बीतने के बाद हमने 06 अक्टूबर से अनिश्चित क़ालीन धरने पर जाने का फ़ैसला लिया यह धरना जब तक जारी रहेगा जब तक हमारी सभी समस्याओं का लिखित रूप में समाधान नहीं मिल जाता इसके बाद इस आंदोलन का जो स्वरूप होगा उसके लिए दिल्ली के एलजी, दिल्ली सरकार और केंद्र की सरकार जिम्मेदार होगी। महापंचायत का यह भी फैसला है कि अगर हमारे मुद्दों के समाधान में लापरवाई की गई तो आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव का भी दिल्ली के ग्रामीण पूर्ण बहिष्कार करेंगे। किसी भी पार्टी के नेता दिल्ली के गांवों में वोट मांगने नहीं घुस पाएंगे। हमारी किसी पार्टी से कोई लड़ाई नहीं है, मगर जो पार्टी हमारी समस्याओं की अनदेखी करेगी उसका डट कर विरोध करेंगे और जो पार्टी हमारे मुद्दों का समाधान करेगी हम उसका स्वागत भी करेंगे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

भारत में कई संघों और पहलों द्वारा हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है: शांतनु मित्रा

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। पर्यावरण, सामाजिक और शासन के पास अब प्रत्यक्ष व्यावसायिक समझ माने जाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इससे  पर्यावरण, सामाजिक और शासन सिद्धांतों को लागू करने की आवश्यकता के बारे में सभी प्रकार के हितधारकों के बीच सहमति बढ़ी है, शांतनु मित्रा, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, ने नई दिल्ली में एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित ग्लोबल पर्यावरण, सामाजिक और शासन कॉन्क्लेव 3.0 में कहा। अनुमानों के अनुसार, ईएसजी के नेतृत्व वाले परिवर्तन से 40 ट्रिलियन डॉलर के अवसर पैदा होने जा रहे हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है। इसके अलावा, 2022 में, दुनिया भर के नियोक्ताओं ने 2.4 मिलियन ईएसजी नौकरियों की पेशकश की। 2030 तक, यह संख्या बढ़कर 24 मिलियन नौकरियों तक पहुँचने का अनुमान है, जो केवल सात वर्षों में दस गुना वृद्धि है, श्री शांतनु मित्रा, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार ने इस बात पर प्रकाश डाला।   संगठनों को पर्यावरण के संरक्षक के रूप में काम करना चाहिए और जलवायु परिवर्तन, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जीएचजी), वनों की कटाई, जैव विविधता, कार्बन उत्सर्जन, अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय मुद्दों को कवर करना चाहिए। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीवाश्म ईंधन - कोयला, तेल और गैस - वैश्विक जलवायु परिवर्तन में सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं, जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 75 प्रतिशत से अधिक और सभी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं। नेट जीरो बिल्कुल यही है। यह प्रदूषण को व्यापार योग्य बना रहा है। हमें प्रदूषण के लिए पूर्ण प्रदूषण-तटस्थता, इन-सीटू समाधान की आवश्यकता है। किसी भी इकाई को इकाई के चारों कोनों से किसी भी नकारात्मक बाहरी प्रभाव को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक इकाई को अपनी वास्तविक लागत में सामाजिक लागत को शामिल करना होगा। अन्यथा, इसे बाजार से बाहर होना चाहिए। हितधारकों की भागीदारी ESG सफलता का एक और प्रमुख स्तंभ है।   हितधारकों - कर्मचारियों, ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं और निवेशकों को सक्रिय रूप से शामिल करना सुनिश्चित करता है कि ESG रणनीतियाँ व्यापक सामाजिक आवश्यकताओं को दर्शाती हैं। उल्लेखनीय रूप से, भारत एक निश्चित वर्ग की कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) को अनिवार्य बनाने वाला पहला देश है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए, 24392 कंपनियों ने सीएसआर किया है, जिसमें वर्ष में लगभग 29,986 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार ने कहा कि शीर्ष तीन राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक हैं। जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं के महत्व को स्वीकार करने में भारत सबसे आगे रहा है और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कई नीति और नियामक पहलों को लागू किया है। संस्थागत रूप से, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने भारत में जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाई है और कॉर्पोरेट संस्थाओं की ईएसजी जिम्मेदारियों के महत्व और उन्हें व्यावसायिक प्रथाओं और निवेश निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में एकीकृत करने की आवश्यकता को निर्धारित करते हुए 'व्यवसाय की सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक जिम्मेदारियों पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिशानिर्देश, 2011' के दिशानिर्देश पेश किए हैं।   कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार ने कहा। शसोरेन नोरेलंड कन्निक-मार्क्वार्डसेन, मंत्री परामर्शदाता-व्यापार, वाणिज्यिक और आर्थिक मामले, रॉयल डेनिश दूतावास- नई दिल्ली और निदेशक- व्यापार परिषद दक्षिण एशिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है, खासकर जब बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास की बात आती है। उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है। इसलिए, उन्होंने समझाया कि भारत ईएसजी डोमेन में वैश्विक प्रभाव डाल सकता है। उन्हें उम्मीद थी कि भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग एक स्थायी वर्तमान और भविष्य बनाने में फलदायी साबित होगा। सम्मेलन के दौरान बोलने वाले अन्य लोगों में मनोज रुस्तगी, मुख्य स्थिरता और नवाचार अधिकारी, जेएसडब्ल्यू सीमेंट; एससी अग्रवाल, सदस्य, एसोचैम और सीएमडी, एसएमसी समूह; सुश्री दीपाली धूलिया, निदेशक-रणनीतिक परामर्श, कुशमैन सुश्री अपराजिता अग्रवाल, वरिष्ठ प्रबंधक- नियामक मामले, टाटा स्टील लिमिटेड और फैजल अल शिमरी, प्रमुख- ईएसजी, मशरेक बैंक।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024