Business

48 लाख कर्मियों और 67 लाख पेंशनरों को मिला 3% महंगाई भत्ता

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार में लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते 'डीए' एवं महंगाई राहत 'डीआर' में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिली है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। पहली जुलाई से देय महंगाई भत्ते की दर अब 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है।   इससे पहले कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि सामान्य तौर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी का भुगतान, अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने दशहरे पर भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की।   *'53'% डीए से होगा इतना फायदा*  किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18 हजार रुपये है तो 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से उसके वेतन में हर माह लगभग 540 रुपये बढ़ जाएंगे। कर्मचारी का मूल वेतन 25 हजार रुपये है तो उसे प्रतिमाह 750 रुपये का फायदा होगा। जिस कर्मी की बेसिक सेलरी 35 हजार रुपये है तो उसे प्रतिमाह 1050 रुपये ज्यादा मिलेंगे। 45 हजार रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मी के लगभग 1350 रुपये बढ़ेंगे। ऐसे कर्मी, जिन्हें 52 हजार रुपये बेसिक सेलरी मिलती है तो डीए बढ़ोतरी पर उन्हें हर माह 1560 रुपये का फायदा होगा। 70 हजार रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मचारी को लगभग 2100 रुपये का फायदा होगा। 85,500 रुपये की बेसिक सेलरी पर लगभग 2565 रुपये का इजाफा होगा। एक लाख रुपये बेसिक सेलरी वाले कर्मियों के खाते में हर माह 3000 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी होगी। आमतौर पर सितंबर महीने में होती है डीए के दरों की घोषणा।   बता दें कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा, सितंबर माह में कर दी जाती थी। कई बार अक्तूबर के प्रारंभ में भी डीए/डीआर का एलान हुआ है। तीन अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। उसमें रेल कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने की घोषणा की गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि रेल कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपए के बोनस को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों को यह आस बंध गई थी कि 9 अक्तूबर की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की घोषणा कर दी जाएगी। 'कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स' के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा, अक्तूबर माह में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा।   *देरी पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में था असंतोष* इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर केंद्र सरकार, खुद लाभ कमा रही है। एसबी यादव के अनुसार, वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि महंगाई भत्ता 'डीए' और महंगाई राहत 'डीआर' एक जुलाई से देय हैं। आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष था। नवरात्र, दुर्गा पूजा उत्सव व दशहरे का पर्व निकल गया, मगर डीए/डीआर की घोषणा नहीं की गई।    *क्यों देर से डीए/डीआर के दरों की घोषणा करती है सरकार?* केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते 'डीए' की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी.श्रीकुमार के अनुसार, सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। अगर ये भत्ते देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 16, 2024

सादगी और दरियादिली थी रतन टाटा की पहचान

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार देर दुनिया को अलविदा कह दिया। 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन मुंबई के एक अस्पताल में हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का निधन दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे हुआ। रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे। इसके बावजूद वे कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं।    यह कंपनियां छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं। इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। रतन नवल टाटा जमशेदजी टाटा के परपोते थे, जिन्होंने टाटा समूह की स्थापना की थी। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ था। 1948 में उनके माता-पिता के अलग हो जाने के बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया। चार मौकों पर शादी के करीब आने के बावजूद रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की। उन्होंने एक बार स्वीकार किया था कि लॉस एंजिल्स में काम करने के दौरान उन्हें प्यार हो गया था, लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण लड़की के माता-पिता ने उसे भारत आने से देने से मना कर दिया।   *ऐसा था रतन टाटा का सफर* सरल व्यक्तितत्व के धनी टाटा एक कॉरपोरेट दिग्गज थे, जिन्होंने अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते एक अलग तरह की छवि बनाई थी। रतन टाटा 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में बीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद पारिवारिक कंपनी में शामिल हो गए। उन्होंने शुरुआत में एक कंपनी में काम किया और टाटा समूह के कई व्यवसायों में अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद 1971 में उन्हें समूह की एक फर्म ‘नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी’ का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। एक दशक बाद वह टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने। 1868 में कपड़ा और व्यापारिक छोटी फर्म के रूप में शुरुआत करने वाले टाटा समूह ने शीघ्र ही खुद को एक वैश्विक महाशक्ति में बदल दिया। देखते ही देखते समूह नमक से लेकर इस्पात, कार से लेकर सॉफ्टवेयर, बिजली संयंत्र और एयरलाइन तक फैला गया।    1991 में अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह के चेयरमैन का पदभार संभाला। जेआरडी टाटा पांच दशक से भी अधिक समय से इस पद पर थे। रतन टाटा दो दशक से अधिक समय तक समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी ‘टाटा संस’ के चेयरमैन रहे। इस दौरान समूह ने तेजी से विस्तार करते हुए वर्ष 2000 में लंदन स्थित टेटली टी को 43.13 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा। टाटा ने 2004 में दक्षिण कोरिया की देवू मोटर्स के ट्रक-निर्माण परिचालन को 10.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा। टाटा ने एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस समूह को 11 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा। टाटा ने फोर्ड मोटर कंपनी से मशहूर ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा। 2009 में रतन ने दुनिया की सबसे सस्ती कार को मध्यम वर्ग तक पहुंचाने का अपना वादा पूरा किया।   *दरियादिली के मामले में भी रतन टाटा का कोई सानी नहीं* भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक होने के साथ-साथ वह अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए भी जाने जाते थे। परोपकार में उनकी व्यक्तिगत भागीदारी बहुत पहले ही शुरू हो गई थी। वर्ष 1970 के दशक में उन्होंने आगा खान अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परियोजना की शुरुआत की, जिसने भारत के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में से एक की नींव रखी। दरियादिली के मामले में भी रतन टाटा का कोई सानी नहीं रहा। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने पीएम केयर्स फंड में 500 करोड़ की बड़ी राशि दान की थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 10, 2024

सुबह की चाय, खाने की दाल से हवाई सफर तक, हर जगह है टाटा

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। टाटा टी, टाटा नमक, टाटा संपन्न दाल, टाटा संपन्न मसाले, टाटा मोटर्स की कारें, टाटा समूह की एयरलाइन यानी एयर इंडिया, विस्तारा ये कुछ उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि टाटा समूह आपकी रोज की दिनचर्या में कैसे शामिल है। देश के सबसे प्रतिष्ठित होटल चेन ताज होटल्स भी टाटा समूह ही चलाता है   तो देश की सबसे बड़ी एयर लाइन्स एयर इंडिया की शुरुआत भी टाटा समूह ने की थी। वर्षों बाद इस एयरलाइन कंपनी का संचालन फिर से टाटा समूह के पास आ चुका है। आईटी सेक्टर जिसके बिना के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, उसकी सबसे प्रतिष्ठित कंपनी टीसीएस भी टाटा समूह का हिस्सा है। टाटा समूह हर क्षेत्र में काम कर रहा है। आज इसकी गिनती देश और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित कारोबारी समूहों में होती है।   *क्या है टाटा समूह?* टाटा समूह 30 कंपनियों का एक कारोबारी समूह है। समूह की स्थापना 1868 में उद्यमी जमशेदजी नुसरवानजी टाटा ने एक निजी व्यापारिक फर्म के रूप में की थी। यह समूह ऑटोमोबाइल, रसायन, उपभोक्ता उत्पाद, ऊर्जा, इंजीनियरिंग, वित्तीय सेवाएं, सूचना प्रणाली, सामग्री और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में काम करता है।   टाटा का कारोबार छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में है और 20वीं शताब्दी की शुरुआत से भारतीय उद्योग में इस समूह ने खुद को अग्रणी बनाए रखा है। कपड़ा निर्माण, लोहा और इस्पात और पनबिजली में आने से पहले समूह ने शुरुआती तौर पर कच्चे माल के व्यापार के जरिए से 19वीं शताब्दी के अंत में कमाई की थी। बाद में इसने रसायन, विमानन, ऑटोमोबाइल और अंततः सूचना प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विस्तार किया।    *टाटा समूह कितना बड़ा है?* 2023-24 में टाटा कंपनियों का कुल राजस्व 165 बिलियन डॉलर से अधिक था। ये कंपनियां सामूहिक रूप से 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती हैं। 31 मार्च 2024 तक 365 बिलियन डॉलर से अधिक के संयुक्त बाजार पूंजीकरण के साथ 26 सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध टाटा उद्यम हैं। टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी और प्रमोटर है। टाटा संस की इक्विटी शेयर पूंजी का 66 प्रतिशत हिस्सा परोपकारी ट्रस्टों के पास है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका सृजन और कला एवं संस्कृति जैसे क्षेत्रों में मदद करते हैं।   किन क्षेत्रों में काम करती हैं टाटा की कंपनियां?   *आईटी* *टीसीएस:* सूचना तकनीकी के क्षेत्र में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) काम करती है। यह 56 वर्षों से अधिक समय से दुनिया के कई सबसे बड़े व्यवसायों के साथ उनके परिवर्तन की यात्रा में भागीदार है। टीसीएस एक आईटी सेवा, परामर्शदाता कंपनी है।   *टाटा एलेक्सी:* इसकी शुरुआत 1989 में में हुई थी। टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा के लिए एक वैश्विक डिजाइन और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता है।   *टाटा डिजिटल:* टाटा समूह ने डिजिटल व्यवसायों का निर्माण करने के लिए टाटा डिजिटल की स्थापना की है जिसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करना है।    *टाटा टेक्नोलॉजीज:* यह एक वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवा कंपनी है। टाटा टेक्नोलॉजीज का मिशन ग्राहकों दुनिया को चलाने, उड़ान भरने, निर्माण करने और खेती करने में मदद करने का है।   *स्टील* *टाटा स्टील:* यह दुनिया के सबसे विविध एकीकृत स्टील उत्पादकों में से एक है। टाटा स्टील की वार्षिक कच्चे स्टील उत्पादन क्षमता 35 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। कंपनी की विनिर्माण संपत्तियां भारत, नीदरलैंड, ब्रिटेन और थाईलैंड में फैली हुई हैं।   *ऑटो:* *टाटा मोटर्स:* यह एक अग्रणी वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माता है। टाटा मोटर्स लिमिटेड $44 बिलियन मूल्य की कंपनी है। 2008 से जगुआर लैंड रोवर टाटा मोटर्स का हिस्सा है जो ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव निर्माता है। यह दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध प्रीमियम कारों को डिजाइन, निर्माण और बेचती है।   *ऑटोकॉम्प:* ऑटो क्षेत्र में टाटा समूह की एक अन्य कंपनी टाटा ऑटोकॉम्प है। यह कंपनी व्यवसायिक वाहनों का उत्पादन करती है। इसके साथ ही कंपनी भारतीय और वैश्विक ऑटोमोटिव ओईएम के साथ-साथ टियर 1 आपूर्तिकर्ताओं को उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है।   *उपभोक्ता और खुदरा:*  *टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स:* इस क्षेत्र टीसीएस: सूचना तकनीकी के क्षेत्र में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) काम करती है। यह 56 वर्षों से अधिक समय से दुनिया के कई सबसे बड़े व्यवसायों के साथ उनके परिवर्तन की यात्रा में भागीदार है। टीसीएस एक आईटी सेवा, परामर्शदाता कंपनी है।   *टाटा एलेक्सी:* इसकी शुरुआत 1989 में में हुई थी। टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा के लिए एक वैश्विक डिजाइन और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता है।   *टाटा डिजिटल:* टाटा समूह ने डिजिटल व्यवसायों का निर्माण करने के लिए टाटा डिजिटल की स्थापना की है जिसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करना है।    *टाटा टेक्नोलॉजीज:* यह एक वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवा कंपनी है। टाटा टेक्नोलॉजीज का मिशन ग्राहकों दुनिया को चलाने, उड़ान भरने, निर्माण करने और खेती करने में मदद करने का है।   *स्टील* *टाटा स्टील:* यह दुनिया के सबसे विविध एकीकृत स्टील उत्पादकों में से एक है। टाटा स्टील की वार्षिक कच्चे स्टील उत्पादन क्षमता 35 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। कंपनी की विनिर्माण संपत्तियां भारत, नीदरलैंड, ब्रिटेन और थाईलैंड में फैली हुई हैं।   *ऑटो:* टाटा मोटर्स: यह एक अग्रणी वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माता है। टाटा मोटर्स लिमिटेड $44 बिलियन मूल्य की कंपनी है। 2008 से जगुआर लैंड रोवर टाटा मोटर्स का हिस्सा है जो ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव निर्माता है। यह दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध प्रीमियम कारों को डिजाइन, निर्माण और बेचती है।   *ऑटोकॉम्प:* ऑटो क्षेत्र में टाटा समूह की एक अन्य कंपनी टाटा ऑटोकॉम्प है। यह कंपनी व्यवसायिक वाहनों का उत्पादन करती है। इसके साथ ही कंपनी भारतीय और वैश्विक ऑटोमोटिव ओईएम के साथ-साथ टियर 1 आपूर्तिकर्ताओं को उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है।   *उपभोक्ता और खुदरा:*  टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स: इस क्षेत्र में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का नाम आता है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक केंद्रित उपभोक्ता उत्पाद कंपनी है जो टाटा समूह के प्रमुख खाद्य और पेय से जुड़े कारोबार में छत्र के रूप में काम करती है। टाटा नमक, टाटा संपन्न, टाटा टी, टेटली, हिमालयन और वाइटेक्स जैसे ब्रांड इसी का हिस्सा हैं। देश मेंं स्टारबग्स का संचालन भी टाटा समूह की यह कंपनी करती है।     *बुनियादी ढांचा:*  टाटा पावर: इस क्षेत्र में टाटा पावर एक अग्रणी एकीकृत बिजली कंपनी है। टाटा पावर भारत के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय व्यापार समूह टाटा समूह का एक हिस्सा है।   *पर्यटन और यात्रा:* इस क्षेत्र में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियां कारोबार करती हैं। इनमें सबसे चर्चित नाम ताज है। ताज को दुनिया के सबसे मजबूत होटल ब्रांड और भारत के सबसे मजबूत ब्रांड के रूप में स्थान दिया। में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का नाम आता है।   टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक केंद्रित उपभोक्ता उत्पाद कंपनी है जो टाटा समूह के प्रमुख खाद्य और पेय से जुड़े कारोबार में छत्र के रूप में काम करती है। टाटा नमक, टाटा संपन्न, टाटा टी, टेटली, हिमालयन और वाइटेक्स जैसे ब्रांड इसी का हिस्सा हैं। देश मेंं स्टारबग्स का संचालन भी टाटा समूह की यह कंपनी करती है।     विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 10, 2024

रतन टाटा के निधन पर उद्योग जगत ने जताया गहरा शोक

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय उद्योग के टायकून रतन टाटा के निधन पर उद्योग जगत में गहरा शोक है। सभी प्रमुख उद्योग पतियों के साथ साथ उद्योग संगठनों ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रमुख उद्योग संगठनों सीआईआई, फिक्की और एसोचैम ने रतन टाटा के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। रतन टाटा के स्थायी प्रभाव को याद करते हुए, फिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनीश शाह ने कहा, "फिक्की रतन टाटा को न केवल एक सफल व्यवसायी के रूप में बल्कि एक ऐसे रोल मॉडल के रूप में याद करता है, जिन्होंने ईमानदारी, विनम्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के मूल्यों को अपनाया। नैतिक पूंजीवाद के उनके दृष्टिकोण और व्यवसाय को सामाजिक भलाई के लिए एक शक्ति के रूप में उपयोग करने के उनके प्रयासों ने उद्यमियों और कॉर्पोरेट नेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया है।" रतन टाटा के निधन से भारतीय व्यापार जगत में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे भरना मुश्किल होगा। फिक्की उनके शोक संतप्त परिवार और मित्रों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।   वहीं सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा, "भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। उत्कृष्टता की उनकी अटूट खोज, सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और भारतीय कॉर्पोरेट परिदृश्य में क्रांति लाने वाली अग्रणी भावना ने भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर पहुंचा दिया। मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी विनम्रता, ईमानदारी और दयालु मूल्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत होंगे। वे भारतीय उद्योग जगत में हम सभी के लिए एक महान गुरु और मार्गदर्शक के रूप में खड़े रहे और हमें सर्वश्रेष्ठ तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया। उनकी अमूल्य विरासत हमें आने वाले समय में प्रेरित करेगी। उनके प्रियजनों और टाटा परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ"। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा रतन टाटा वास्तव में एक नेता, राष्ट्र निर्माता, परोपकारी, एक वैश्विक उद्यमी और बहुत कुछ का आदर्श उदाहरण थे। अपने कद के बावजूद उनका दयालु, नरम और विनम्र स्वभाव प्रेरणादायक और दुर्लभ था। सीआईआई में हमें दी गई उनकी सलाह हमेशा व्यावहारिक होती थी।   जो भारतीय व्यवसायों की वैश्विक स्तर पर क्षमता और सबसे बढ़कर भारतीय कंपनियों को समाज में एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए एक सार्थक भूमिका कैसे निभानी चाहिए, इस पर उनके विश्वास को प्रदर्शित करती थी। सीआईआई की राष्ट्रीय परिषद के लगभग दो दशकों तक सदस्य के रूप में, वे सीआईआई के लिए एक मार्गदर्शक रहे। समाज की भलाई के लिए अपने सहज जुनून के साथ, उन्होंने सीआईआई द्वारा एड्स के लिए इंडिया बिजनेस ट्रस्ट की स्थापना का नेतृत्व किया, जिसे वैश्विक स्तर पर उच्च प्रशंसा मिली। यह सीआईआई के लिए एक बड़ा सम्मान था कि उन्होंने पहला सीआईआई अध्यक्ष पद स्वीकार किया, जो सभी क्षेत्रों में भारतीय उद्योग के उनके व्यापक नेतृत्व को देखते हुए एक स्वाभाविक प्राप्तकर्ता था। भारतीय उद्योग को वैश्वीकरण, प्रतिस्पर्धी और जिम्मेदार बनाने के लिए उनके नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने सीआईआई के प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया और भारतीय उद्योग के लिए विश्वसनीयता स्थापित करने और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने के लिए चर्चाओं का नेतृत्व किया। सीआईआई उनके योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।   उन्होंने वास्तव में भारतीय उद्योग के लिए आगे का रास्ता तय किया, इसे वैश्विक बनाया और दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी। हम सीआईआई में टाटा परिवार के साथ मिलकर एक सच्चे नेता और ऐसी महान आत्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस लिमिटेड के चेयरमैन आर दिनेश ने कहा रतन टाटा का निधन देश, भारतीय उद्योग और पूरे समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। हमारे देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हमेशा हमारी यादों में रहेगा और उनकी विरासत भारतीय उद्योग के भविष्य में हमेशा के लिए गूंजती रहेगी। उन्होंने वास्तव में भारत को बड़े सपने देखने और नई सीमाओं को पार करके इन सपनों को साकार करने का रास्ता दिखाया है। भारतीय उद्योग उन्हें बहुत याद करेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और बजाज फिनसर्व लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने कहा, “भारत के अग्रणी प्रकाशपुंज, रतन टाटा अपनी विनम्रता के साथ-साथ अपनी साहसिक व्यावसायिक रणनीतियों के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने मुट्ठी भर उद्योगपतियों का प्रतिनिधित्व किया।    जिन्होंने भारत को बहुत कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद की। अपने बुढ़ापे में भी, उन्होंने युवा उद्यमियों को प्रेरित करना और उनका समर्थन करना जारी रखा! उनकी आत्मा उन कई लोगों में जीवित है जिन्हें उन्होंने छुआ। ओम शांति। भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और फोर्ब्स मार्शल के सह-अध्यक्ष डॉ. नौशाद फोर्ब्स ने कहा, "वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं। अपने गहन विचार, साहसी निवेश और अभिनव विचारों के साथ, उन्होंने भारतीय उद्योग के लिए नए मानक स्थापित किए। उन्होंने नैतिकता और व्यवसाय के सच्चे उद्देश्य के इर्द-गिर्द देश के लिए एक वैश्विक ब्रांड छवि स्थापित की। अपार जुनून और प्रतिबद्धता वाले व्यक्ति, उनके परोपकार ने समाज को वापस देने का उदाहरण स्थापित किया। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से, वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे मैं हमेशा सलाह लेता था, जिसे वह खुलकर साझा करते थे, और जो निरंतर प्रेरणा देते थे। राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति"। एसोचैम ने रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक प्रतिष्ठित नेता बताया, जिनका प्रभाव कॉर्पोरेट इंडिया से परे था, जिससे वे अपार सद्भावना वाले वैश्विक नेता बन गए। टाटा ने न केवल एक अच्छी तरह से विविधतापूर्ण टाटा समूह को दुनिया के कई देशों में पहुँचाया।   बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, स्टील और आतिथ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक परिदृश्य पर भारत की ब्रांड इक्विटी में भी बहुत योगदान दिया। उनका जीवन भारत के उद्यमियों के लिए वैश्विक स्तर पर सोचने और आगे बढ़ने, एक बेदाग प्रतिष्ठा और कॉर्पोरेट प्रशासन के बहुत उच्च मानक को बनाए रखने के लिए एक प्रेरणा होगा। सूद ने कहा टाटा के व्यक्तित्व की एक परिभाषित विशेषता विभिन्न व्यवसायों और कंपनियों में नेतृत्व का निर्माण करने, शेयरधारकों के मूल्य और सबसे बढ़कर, बड़े पैमाने पर समाज सहित हितधारकों के हित में योगदान देने की उनकी प्रतिबद्धता थी। ''उन्होंने कई स्टार्टअप को प्रेरित किया और उन्हें आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो बदले में मूल्य श्रृंखला के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यवसाय प्रतिमान बदल रहे हैं'' दुनिया टाटा को स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके परोपकारी योगदान के लिए भी याद रखेगी, जिन्होंने दूसरों के लिए मानक स्थापित किए'' टाटा समूह को विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा मौलिक अनुसंधान में विश्व स्तरीय संस्थानों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। टाटा परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, एसोचैम ने शीर्ष चैंबर के साथ टाटा के जुड़ाव को याद किया, जिनके 104 वर्षों के वंश ने राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण समय को टाटा समूह के साथ साझा किया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 10, 2024

विशिष्ट विनिर्माण क्षेत्रों में ताइवान से 15 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश मिलने की संभावना

नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। फिक्की द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है, ‘संभावनाओं को खोलना: ताइवानी उद्यमों के लिए भागीदार के रूप में भारत के लाभ’, में ताइवान से 15 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश को आकर्षित करने के लिए पाँच विशिष्ट विनिर्माण क्षेत्र बेहतरीन संभावित क्षेत्रों के रूप में सामने आए हैं। ये पाँच क्षेत्र हैं पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड), इलेक्ट्रॉनिक घटक (जैसे पैसिव डिवाइस, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल घटक, सेमीकंडक्टर आदि), इलेक्ट्रिक मोटर, सीसीटीवी, स्मार्ट हेल्थकेयर (जैसे फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच, हार्ट रेट मॉनिटर आदि) और ईवी चार्जिंग।   इन क्षेत्रों में ताइवान के लिए भारत में वर्तमान लक्षित बाजार 60 बिलियन अमरीकी डॉलर का है और ताइवान उद्योग न केवल घरेलू बाजार बल्कि निर्यात को भी पूरा करने के लिए इन क्षेत्रों में निवेश कर सकता है। रिपोर्ट में 2030 तक पांच प्रमुख क्षेत्रों में 170 बिलियन डॉलर की अनुमानित बाजार मांग का अनुमान लगाया गया है - इन क्षेत्रों में उनकी ताकत को देखते हुए, ताइवान की कंपनियों के लिए एक अत्यधिक आकर्षक अवसर पैदा करना।  रिपोर्ट में ताइवान और भारत के बीच एक मजबूत साझेदारी के पारस्परिक लाभों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे ताइवान की कंपनियां अपनी उच्च तकनीक विशेषज्ञता के माध्यम से भारत के तेजी से विकास में योगदान करते हुए इसका लाभ उठा सकती हैं।   भारत के बढ़ते बाजार के साथ ताइवान की तकनीकी प्रगति दोनों देशों को एक साथ समृद्ध होने का एक रणनीतिक मार्ग प्रदान करती है। भारत की निवेश-समर्थक पहल, जिसमें भारत सेमीकंडक्टर मिशन और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना शामिल है, बुनियादी ढांचे और रसद संवर्द्धन पर जोर देने के साथ, भारत को वैश्विक विस्तार की तलाश करने वाली ताइवान की कंपनियों के लिए एक आदर्श भागीदार के रूप में स्थापित करती है। ताइवान दीर्घकालिक स्थिरता, लचीलापन और रणनीतिक भागीदारों के साथ मजबूत संबंध बनाने पर बहुत महत्व देता है। इस संदर्भ में, फिक्की की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन रणनीतिक साझेदारी की जरूरतों को पूरा करने में भारत कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में विशेष रूप से लाभप्रद स्थिति रखता है। भारत मूल्य श्रृंखला में ताइवान के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्यमों के लिए एक प्रमुख जोखिम-मुक्ति रणनीति का प्रतिनिधित्व करता है।    फिक्की रिपोर्ट भारत और ताइवान के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक गहन विश्लेषण प्रदान करती है, जो भारत के बढ़ते आर्थिक परिदृश्य और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के इच्छुक ताइवानी व्यवसायों के लिए उपलब्ध विशाल अवसरों पर प्रकाश डालती है। वैश्विक आर्थिक परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण समय में, रिपोर्ट बताती है कि आर्थिक सुधारों, बुनियादी ढाँचे के विकास और डिजिटल विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता ने इसे विश्व मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में कैसे स्थापित किया है। अपने बड़े, कुशल कार्यबल, अनुकूल कारोबारी माहौल और मजबूत सरकारी नीतियों के साथ, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), स्मार्ट शहरों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए एक शीर्ष गंतव्य के रूप में उभर रहा है - ये सभी क्षेत्र ताइवान की विशेषज्ञता और प्राथमिकताओं के साथ संरेखित हैं।   *सहयोगात्मक भविष्य की ओर देखना* यह रिपोर्ट आर्थिक सहयोग के लिए एक खाका से कहीं अधिक है - यह नवाचार के लिए एक साझा दृष्टिकोण है। एक साथ काम करके, भारत और ताइवान लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएँ बना सकते हैं, नई तकनीकों को आगे बढ़ा सकते हैं और व्यापक वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं। फिक्की भारत-ताइवान व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी केंद्रित पहलों के माध्यम से, फिक्की ने विभिन्न उद्योगों में निवेश और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण तंत्र स्थापित किए हैं, जिससे भविष्य में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 8, 2024

रेपो दर में कटौती से कारोबारी धारणा को बढ़ावा मिलेगा: पीएचडीसीसीआई

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत की मुद्रास्फीति दर आरबीआई के लक्ष्य बैंड से काफी नीचे आ रही है, इस समय रेपो दर में कटौती से भारत की खपत मांग और समग्र आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।   पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा। उन्होंने कहा कि खरीफ की बुवाई का उच्च स्तर आने वाले दिनों में मंडियों में अच्छी फसल आने और आपूर्ति में और सुधार होने का संकेत देता है, संजीव अग्रवाल ने कहा कि।    बेहतर आपूर्ति श्रृंखला मुद्रास्फीति की दर को अनुकूल परिस्थितियों में बनाए रखने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि कई अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति कम हो रही है, इसलिए विकास को समर्थन देने और उत्पादन संभावना सीमाओं को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती अपरिहार्य हो गई है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 7, 2024

एफएमसीजी क्षेत्र की अनुकूलनशीलता, लचीलापन एक मजबूत और टिकाऊ अर्थव्यवस्था को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण होगा

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने फिक्की मासमेराइज़ 2024’ के 13वें संस्करण को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि हर क्षेत्र में उत्पादों की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे न केवल कंपनी के ब्रांड बल्कि भारत के ब्रांड पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्वयं के भारतीय मानक स्थापित करने पर काम कर रही है जिन्हें दुनिया को स्वीकार करना चाहिए। पासवान ने कहा कि भारतीय खुदरा, एसएमजीऔर ई-कॉमर्स क्षेत्र भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने कहा, "जैसा कि हम एक विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं एफएमसीजी क्षेत्र की अनुकूलनशीलता और लचीलापन एक मजबूत और टिकाऊ अर्थव्यवस्था को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण होगा। ये क्षेत्र माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।"   मंत्री ने देश के भीतर मौजूद प्रचुर संसाधनों की पहचान करने और उनका दोहन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार भारत की आबादी को अपार अवसरों के साथ राष्ट्र के लिए एक संपत्ति में बदलने पर भी काम कर रही है। "भारत, एक बाजार के रूप में न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि दुनिया को भी बहुत बड़ा अवसर देता है। हमारी आबादी हमें नई तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से हर क्षेत्र में विविधता प्रदान करती है।" प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, पासवान ने सुधार और परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला। "भारत ने पिछले 10 वर्षों में परिवर्तनकारी सुधार देखे हैं और नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है, जिसे दुनिया देख रही है। इस यात्रा में उद्योग की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के अमृत काल की यात्रा में प्रत्येक हितधारक की महत्वपूर्ण भूमिका है।"   खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विकास के बारे में बोलते हुए, पासवान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार का मुख्य उद्देश्य मूल्य संवर्धन के साथ खाद्य अपव्यय को कम करना सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि जल्द ही 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के साथ 50 बहुउद्देशीय खाद्य विकिरण इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी। उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव और सफलता के लिए रणनीति’ सत्र को संबोधित करते हुए भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा, “हम शिकायत निवारण की कुशल प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी समर्पित राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का लक्ष्य अधिक से अधिक शिकायतों का समाधान करना है। उल्लेखनीय रूप से, पंजीकृत शिकायतों की संख्या पिछले वर्ष से दोगुनी हो गई है।   जो राष्ट्रीय शिकायत निवारण तंत्र में बढ़ते उपभोक्ता विश्वास को दर्शाता है।” फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्ष वी अग्रवाल ने कहा कि आगे चलकर नवाचार और प्रौद्योगिकी सभी गतिविधियों के मूल में स्थिरता के साथ एफएमसीजी क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “जैसा कि हम भविष्य की ओर देखते हैं, प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार और डिजिटल परिवर्तन को अपनाना महत्वपूर्ण होगा।” फिक्की एफएमसीजी समिति के अध्यक्ष कुमार वेंकटसुब्रमण्यम ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र हमारी खपत-आधारित अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख सिम्युलेटर है। यह दोहरे अंकों की वृद्धि को आगे बढ़ाने और विकसितभारत के विज़न को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा, "नवाचार, लचीलापन और विकास वास्तव में भारतीय फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स क्षेत्र की पहचान हैं।" फिक्की ई-कॉमर्स समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ शाह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 7, 2024

पीएम इंटर्नशिप योजना: कुछ घंटों में ही 111 कंपनियां पंजीकृत

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। पोर्टल के शुरू होने के कुछ घंटों के अंदर ही करीब 111 कंपनियों ने खुद को पंजीकृत कराया। इतना ही नहीं, कंपनियां इस योजना के तहत अब तक 2,200 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देने की पेशकश कर चुकी हैं। इस योजना का मकसद युवाओं को रोजगार के योग्य बनाना है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि।    इंटर्नशिप पोर्टल पर शुक्रवार को दोपहर तीन बजे तक कई कंपनियों ने 2,200 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव दिया। पोर्टल पर लगभग 111 कंपनियां सूचीबद्ध हो चुकी हैं। पायलट आधार पर बृहस्पतिवार को शुरू की गई योजना के तहत इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा उन्हें इंटर्नशिप का हिस्सा बनने पर एकमुश्त 6,000 रुपये की मदद दी जाएगी। इंटर्नशिप 12 महीने के लिए होगी। चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर उपलब्ध कराने की योजना है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 5, 2024

देश में नवरात्रि की धूम से अर्थव्यवस्था को लगे पंख: प्रवीण खंडेलवाल

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश में गुरुवार से नवरात्र का त्योहार प्रारंभ हो गया है। 10 दिन चलने वाले नवरात्रि फेस्टिवल का जहां धार्मिक महत्व है, वहीं इसके चलते जो कारोबार होगा, उससे अर्थव्यवस्था को भी पंख लग जाएंगे। यानी अर्थव्यवस्था में अच्छा खासा उछाल देखने को मिलेगा। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में अगले एक महीने तक त्योहारों की धूम रहेगी। 10 दिन के नवरात्र एवं रामलीला, डांडिया एवं गरबा उत्सवों से 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। दिल्ली में ही लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद है।   खंडेलवाल के मुताबिक, नवरात्रि, रामलीला, गरबा तथा डांडिया जैसे उत्सव, जो हर वर्ष देश भर में दस दिन तक मनाए जाते हैं, इनके चलते इस बार देशभर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। एक अनुमान के अनुसार, अगले दस दिनों में देश भर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है। अकेले दिल्ली में ही लगभग 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। इन उत्सवों के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है। जहां एक तरफ व्यापारियों को काफी फायदा होगा तो वहीं दूसरी ओर, लाखों लोगों को अस्थायी रोजगार भी मिलेगा। पिछले वर्ष दस दिन का यह व्यापार लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का था।   कैट के राष्ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने बताया कि त्योहारों में खरीदी की विशेष बात यह है कि बिक्री किए जाने वाले अधिकांश उत्पाद, भारतीय ही होंगे। अब लोगों का चीन से बने सामानों से मोहभंग हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 'वोकल फॉर लोकल' तथा 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान ने देश भर में भारतीय सामानों की गुणवत्ता को बढ़ाया है। भारत में बना सामान, अब किसी भी विदेशी सामान से बेहतर है। यही कारण है कि उपभोक्ताओं का रुझान अब भारतीय वस्तुओं की खरीदी पर ही है। देश भर में नवरात्र, रामलीला, गरबा एवं डांडिया जैसे 1 लाख से अधिक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल हैं।    बड़े पैमाने पर देश भर में भक्ति संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। इन उत्सवों के जरिए लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। नवरात्र के समापन पर विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह के बाद ही त्योहारों की यह श्रृंखला समाप्त होगी। अकेले दिल्ली में छोटी बड़ी लगभग एक हजार से अधिक रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं। दुर्गा पूजा के लिए सैकड़ों पंडाल लगते हैं। मूल रूप से गुजरात में होने वाले डांडिया और गरबा के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर अब दिल्ली सहित देश भर में आयोजित होने लगे हैं। करोड़ों लोग त्योहारों की खुशियां मनाते हैं, ऐसा माना जाता है कि।    त्योहार मनाने से घरों में सौभाग्य एवं संपन्नता का वास होता है। खंडेलवाल ने बताया, इस त्योहारों के सीजन में कपड़े एवं परिधान खासकर पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा, और कुर्ते की मांग नवरात्र और रामलीला के दौरान काफी बढ़ती है। पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं। इसके चलते इस श्रेणी में व्यापार में उछाल देखने को मिलता है। बड़े पैमाने पर पूजा सामग्री की मांग भी होती है। पूजन के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, अगरबत्ती और अन्य पूजन सामग्रियों की भारी मांग रहती है। खाद्य एवं मिठाई अन्य वस्तुएं हैं, जिनको त्योहारों के दौरान लोग खरीदते हैं। हलवा, लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयों की खपत इस दौरान बढ़ जाती है।   बड़ी मात्रा में फलों और फूलों की भी मांग रहती है। त्योहारों में घर और पूजा पंडालों को सजाने के लिए साज-सज्जा के सामान, जैसे दीयों, बंदनवार, रंगोली सामग्री और लाइटिंग की मांग बढ़ती है। नवरात्र और रामलीला उत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी होते हैं। खंडेलवाल ने कहा कि इन दस दिनों में पंडाल बनाने के लिए टेंट हाउस, सजाने के लिए सजावटी कंपनियां आदि को खूब काम मिलता है। इस मौके पर देश भर में बड़ी मात्रा में मेले तथा उत्सव संबंधी हजारों आयोजन होते हैं। इनमें लाखों लोग भाग लेते हैं। खंडेलवाल ने कहा, यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक एकता और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करते हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 4, 2024

सीआईआई ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को लागू करने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के साथ मिलकर काम कर रहा है। केंद्रीय बजट 2024 के हिस्से के रूप में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में 500 शीर्ष सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। सीआईआई सरकार और उद्योग के बीच एक महत्वपूर्ण सूत्रधार के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो रहा है।   प्रतिभा की गंभीर कमी को देखते हुए, सीआईआई देश के युवाओं को कौशल प्रदान करने में उद्योग की अधिक भागीदारी की आवश्यकता की वकालत कर रहा है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना भारत में युवाओं को वास्तविक दुनिया के कारोबारी माहौल से रूबरू कराकर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाएगी। इस योजना से उद्योग को भी लाभ होगा क्योंकि इससे कुशल, काम के लिए तैयार युवाओं की एक पाइपलाइन बनेगी, जिन्हें इंटर्नशिप के बाद बड़े और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में रोजगार दिया जा सकता है। एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में सीआईआई इंटर्नशिप योजना में उनकी भागीदारी के लिए एक कार्य योजना विकसित करने के लिए प्रत्येक कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस संबंध में सीआईआई पहले ही नई दिल्ली, मुंबई और पूरे देश में वर्चुअल तरीके से एमसीए के साथ उद्योग बातचीत कर चुका है। एमसीए ने इस योजना के लिए एक समर्पित, उपयोगकर्ता-केंद्रित पोर्टल भी लॉन्च किया है।   जो एक केंद्रीकृत हब और कंपनियों और इच्छुक इंटर्न के बीच एक लिंक के रूप में काम करेगा, जिससे योजना के आवेदन और भागीदारी प्रक्रियाओं का सुचारू संचालन हो सकेगा। सीआईआई पोर्टल की प्रमुख कार्यात्मकताओं पर तकनीकी टीम के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना ऐसे महत्वपूर्ण समय में आई है जब उद्योग कौशल की महत्वपूर्ण कमी का सामना कर रहा है। युवाओं को नौकरी पर प्रशिक्षण प्रदान करके, यह योजना कंपनियों को एक अच्छी तरह से तैयार कार्यबल का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, बड़ी कंपनियों की भागीदारी के माध्यम से, इस पहल से एमएसएमई सहित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को लाभ मिलेगा। कार्यबल में प्रवेश करने वाले युवा व्यक्तियों के लिए, यह योजना उद्योग प्रथाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी, जिससे उन्हें भविष्य की सफलता के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी।    उम्मीदवारों को प्रोत्साहन सहायता यह भी सुनिश्चित करेगी कि ये अवसर विभिन्न प्रकार के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हों। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "उद्योगों में बढ़ती प्रतिभा की कमी के साथ, पीएम इंटर्नशिप योजना एक महत्वपूर्ण पुल प्रदान करती है। युवाओं को नौकरी पर प्रशिक्षण प्रदान करके, यह उन्हें उभरती हुई उद्योग मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करेगी, साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि व्यवसायों को कुशल और चुस्त भविष्य के कार्यबल तक पहुंच मिले, जिससे प्रगति और नवाचार को बढ़ावा मिले।" "प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना एक दूरदर्शी पहल है जो 2047 तक भारत के विकसित भारत के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगी। विनिर्माण और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के साथ, यह योजना भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार एक कुशल कार्यबल तैयार करेगी" सीआईआई के संजीव पुरी ने कहा।    “यह योजना भारत में कौशल और रोजगार परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है। यह युवाओं, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने, रोजगार क्षमता में सुधार करने और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्योग की जरूरतों के साथ अपने सीखने को संरेखित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। समावेशन को बढ़ावा देकर, यह पहल व्यक्तियों और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए विकास के लिए उत्प्रेरक होगी।” आदित्य घोष, सीआईआई राष्ट्रीय कौशल विकास समिति के अध्यक्ष ने कहा। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना कौशल अंतर को पाटने और भारत में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर का प्रतिनिधित्व करती है। शिक्षा को व्यावहारिक उद्योग अनुभव के साथ जोड़कर, यह पहल कुशल पेशेवरों की एक पीढ़ी को सशक्त बनाने और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Oct 1, 2024