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○ एसडीएम ने अवैध खनन में दो जेसीबी मशीन, चार डंपर किये सीज, एफआईआर दर्ज
○ बाईपास तो बन गया पर रेलवे फाटक नहीं खुलता!
○ ट्रैफिक पुलिस पंचकूला ने ड्रिंक एंड ड्राइव के स्पेशल नाके लगाकर काटे चालान
○ जिले के 13 केंद्रों पर 4465 अभ्यर्थियों ने दी पीसीएस प्री परीक्षा
○ सिरसली के जंगल में शिकारियों के खटके में फंसा तेंदुआ, 4 घंटे के बाद किया गया रेस्क्यू
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State
जिलाधिकारी ने 69 लाख की अधूरी परियोजना आदर्श नगला के पशु चिकित्सालय का किया निरीक्षण
बागपत,10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज जनपद के विकासखंड छपरौली के नगला ख्वाजा (आदर्श नगला) में यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 69 लाख रुपए की धनराशि से पशु चिकित्सालय के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया, जिस पर कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने परियोजना का बोर्ड भी नहीं लगाया ,जिस पर कब कार्य प्रारंभ हुआ कब समापन होगा ,यह लिखा होता है।ऐसा न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। वहीं कार्य की गुणवत्ता खराब भी मिली ,इसके प्रति परियोजना प्रबंधक को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए ।जिसमें अब तक मुख्य भवन इंडोर वार्ड व केटल ट्रफ का प्लास्टर का कार्य पूर्ण मिला ,बाउंड्री वॉल का कार्य भी पूर्ण मिला। यह परियोजना 11 सितंबर 2024 को पूर्ण होनी थी । जिलाधिकारी ने पशु चिकित्सालय आदर्श नगला का निरीक्षण भी किया जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजीव का कार्य संतोषजनक नही मिला उनके द्वारा अपने दायित्वों का समय से निर्भन नहीं किया जा रहा है ओपीडी रजिस्टर में भी पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा कोई प्रविष्टि नहीं की गई है पशु चिकित्सा अधिकारी पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए ।इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरविंद त्रिपाठी उपस्थित रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Nov 10, 2024
पीएम मोदी ने उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों और पर्यटकों से किए 9 आग्रह
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के लोगों और पयर्टकों से नौ आग्रह किए. पीएम मोदी ने देहरादून में आयोजित पुलिस रैतिक परेड को एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज से उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष शुरू हो रहा है और अब हमें उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है. *बोलियों का संरक्षण करने का आग्रह* वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ''आज मैं आपसे और उत्तराखंड आने वाले यात्रियों, श्रद्धालुओं से नौ आग्रह करना चाहता हूं. पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों से और चार आग्रह यात्रियों, श्रद्धालुओं से. आपकी बोलियां काफी समृद्ध हैं. गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी..ऐसी बोलियों का संरक्षण बहुत जरूरी है. मेरा पहला आग्रह है कि उत्तराखंड के लोग अपनी आने वाली पीढ़ियों को जरूर यह बोलियां सिखाएं. यह बोलियां उत्तराखंड की पहचान को मजबूत बनाने के लिए भी जरूरी हैं.'' *पर्यावरण की रक्षा करने का आग्रह* पीएम मोदी ने कहा कि, ''देवभूमि के लोग प्रकृति और पर्यावरण के कितने बड़े प्रेमी होते हैं, यह पूरा देश जानता है. उत्तरखंड तो गौरा देवी की भूमि है और यहां हर महिला मां नंदा का रूप है. बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें. इसलिए मेरा दूसरा आग्रह है, 'एक पेड़ मां के नाम' , हर किसी को इस आंदोलन को आगे बढ़ाना है. आजकल आप देख रहे हैं, देश भर में यह अभियान तेज गति से चल रहा है. उत्तराखंड भी इस दिशा में जितनी तेजी से काम करेगा उतना ही हम क्लाइमेट चेंज की चुनौती से लड़ पाएंगे.'' *नदी-नालों को संरक्षित करने का आग्रह* उन्होंने कहा कि, ''उत्तराखंड में तो नौलों, धारों की पूजा की परंपरा है. आप सभी नदी, नालों का संरक्षण करें. पानी की स्वच्छता को बढ़ाने वाले अभियानों को गति दें. यह मेरा आपसे तीसरा आग्रह है.'' *गांवों से रिश्ता बनाए रखने का आग्रह* प्रधानमंत्री ने कहा कि, ''मेरा चौथा आग्रह है अपनी जड़ों से जुड़े रहें. अपने गांव लगातार जाएं. रिटायरमेंट के बाद तो जरूर अपने अपने गांवों में जाएं. वहां से संबंध मजबूत रखें.'' *पुराने घरों को बचाकर उन्हें होमस्टे बनाएं* उन्होंने कहा कि, ''उत्तराखंड के लोगों से मेरा पांचवां आग्रह है, अपने गांव के पुराने घरों, जिन्हें आप तिबरी वाले घर कहते हैं, उन्हें भी बचाएं. इन घरों को भूलें नहीं. इन्हें आप होमस्टे बनाकर अपनी आय बढ़ाने का साधन बना सकते हैं.'' *पर्यटकों और श्रद्धालुओं से चार आग्रह* पीएम मोदी ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से हिमालय में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से बचने, पहाड़ों में घूमने के दौरान ‘वोकल फॉर लोकल' के तहत अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करने, यातायात के नियम अपनाने और तीर्थस्थलों की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा कि, यह सुखद संयोग है कि देश भी 25 वर्षों के लिए अमृत काल में है और वह विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा. पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के समय उत्तराखंड बना और बेहद खुशी की बात है कि अब हम सब उत्तराखंड में अपने सपनों को साकार होते देख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीते डेढ़-दो वर्षों में उत्तराखंड की विकास दर में सवा गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 10, 2024
भारत के रतन का जाना प्रधानमंत्री ने रतन टाटा को कुछ यूं किया याद
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। रतन टाटा के निधन को एक महीना हो रहा है, लेकिन उनसे जुड़ी यादें लोगों के जेहन में आज भी ताजा हैं. इन लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा. मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी. इसके अलावा भी पीएम मोदी ने रतन टाटा से जुड़ी कई यादों को शेयर किया. *प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत संबंध:* पीएम ने साझा कीं अपनी यादें, कहा, ‘मुझे दशकों से रतन टाटा जी को करीब से जानने और उनके अतुलनीय योगदानों को देखने का सौभाग्य मिला. आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं. हम सबका ये दुख साझा है. चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है.' *भावुक श्रद्धांजलि :* पीएम मोदी ने कहा, ‘रतन टाटा जी के निधन ने भारत में एक गहरी कमी छोड़ दी है. भारत ने एक सच्चे सपूत और अमूल्य रत्न को खो दिया है. इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है. रतन टाटा जी के तौर पर भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है...एक अमूल्य रत्न को खो दिया है.' *युवाओं और नवाचार के प्रेरणास्रोत :* पीएम ने रतन टाटा जी की युवाओं के प्रति प्रेरणा को रेखांकित किया और कहा, ‘रतन टाटा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने और नवाचार की ओर साहसी कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया. उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है. आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे.' *राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पण :* रतन टाटा को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन और कैंसर देखभाल के प्रति रतन टाटा जी का उत्साह उनके जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था. वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे. वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं. अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है. यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है. *साहस का प्रतीक :* पीएम ने 26/11 के दौरान रतन टाटा के नेतृत्व की सराहना की, उन्‍होंने कहा, ‘ताज होटल को फिर से खोलना भारत के साहस और आतंकवाद के सामने न झुकने का प्रतीक था. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं...भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है.' *वैश्विक स्तर पर टाटा नेतृत्व की पहचान :* पीएम ने कहा, ‘रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह उत्कृष्टता, ईमानदारी और वैश्विक सम्मान का प्रतीक बन गया. व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे.' *दया और संवेदनशील समाज की दृष्टि :* पीएम ने कहा, ‘हमें उस समाज को याद रखना चाहिए, जिसकी रतन टाटा जी ने कल्पना की थी, जहां व्यापार अच्छाई की शक्ति हो और प्रगति का आकलन सभी के कल्याण के आधार पर किया जाए. रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया. भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी.' विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 10, 2024
दिल्ली में बस मार्शल्स को लेकर सियासी घमासान, मुख्यमंत्री आतिशी के आरोपों पर बीजेपी ने किया पलटवार
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में 10,000 बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने इनकी नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है और सोमवार से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने एक बार फिर से इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरा है. वहीं, बीजेपी ने भी आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं. सीएम आतिशी ने कहा, ''बीजेपी ने अपनी गंदी राजनीति से इनका रोजगार छीना लेकिन अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार ने मार्शलों को दोबारा रोजगार देने का काम किया है. ये प्रमाण है कि, बीजेपी चाहे जितने षड्यंत्र रचे लेकिन "आप" सरकार हर मुश्किल से लड़ते हुए दिल्लीवालों के काम करवाती रहेगी.'' *11 नवंबर से बस मार्शल्स की नियुक्ति की प्रक्रिया-आतिशी* दिल्ली की मुख्यमंत्री आगे कहा, ''सोमवार से बस मार्शलों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी साथ ही दिल्ली सरकार जल्द बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजेगी. अरविंद केजरीवाल ने मार्शल्स की नियुक्ति की थी ताकि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ न हो, उनके साथ बदतमीजी न हो. किसी बच्चे के अपहरण का प्रयास हो रहा था तो बस मार्शल्स ने रोक दिया. किसी बुजुर्ग को मदद की जरुरत थी तो ये काम भी बस मार्शल्स ने किए. *बीजेपी ने बस मार्शल्स को वेतन नहीं देने दिया- आतिशी* उन्होंने आगे कहा, ''मंत्रियों ने तनख्वाह देने के लिए लगातार अफसरों को आदेश दिए लेकिन बीजेपी ने बस मार्शल्स को वेतन नहीं देने दिया. मुझे खुशी है कि बस मार्शल्स, आम आदमी पार्टी के नेता, विधायकों ने संघर्ष किया. उन्होंने लाठियां खाईं.'' *बीजेपी का आप सरकार पर हमला* उधर, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि अक्टूबर 2023 में अरविंद केजरीवाल द्वारा बर्खास्त किए गए बस मार्शलों के जीवन में रोशनी की किरण आई है. *बीजेपी की क्या है मांग?* वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ''दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 11 नवंबर से ड्यूटी पर लगा रही है, लेकिन उन्हें उपराज्यपाल के आदेश के अनुरूप 1 नवंबर से वेतन दे. यह खेदपूर्ण है कि उपराज्यपाल के, वॉलंटियर्स को 1 नवंबर से ड्यूटी पर लगाने के आदेश के बावजूद मुख्यमंत्री ने सिविल डिफेंस वालों को आज तक बेरोजगार रखा. *बीजेपी का आरोप* दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा, ''अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को काम देना ही नहीं चाहते. दिल्ली बीजेपी के दबाव में आतिशी को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 11 नवंबर से वापस ड्यूटी पर लगाने का आदेश करना पड़ा है.'' *दिल्ली सरकार की नीयत पर सवाल* सचदेवा ने कहा है कि यह एक बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के हित में काम कर रही है या नहीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के हित में काम करना चाहिए और उन्हें उनका हक दिलाना चाहिए. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 10, 2024
बीस नवम्बर से रजाई ओढ़ेंगे श्रीराम लला
लखनऊ, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। श्रीराम लला को अगहन की पंचमी 20 नवम्बर से रजाई उढ़ाई जाएगी। तभी से गुनगुने जल से स्नान भी प्रारम्भ होगा और भोग में से ठंडी चीजें हटाई जाएंगी आवश्यकतानुसार कंबल अथवा रजाई का उपयोग होता है। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने दी। आचार्य जी बीते कुछ दिनों से लखनऊ पीजीआई में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। अब वे आयुजनित रोगों से स्वस्थ होकर अयोध्या आ गये हैं। मुख्य अर्चक ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ-साथ जैसे हम लोगों के खान-पान, पहनावे में धीरे-धीरे परिवर्तन होता है। वैसे प्रभु राम लला के भोग और वस्त्रों में बदलाव होता है। आम तौर पर अगहन की पंचमी से श्री विग्रह को रजाई उढ़ाई जाती है। तभी से प्रभु को स्नान कराने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग किया जाता है। इसी अनुसार भोग में सर्द चीजें हटाकर गरमी पहुंचाने वाला भोग तैयार किया जाता है।अधिक ठंड बढ़ने पर ब्लोवर भी लगाया जाता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 10, 2024
डेंटल इम्प्लांट से रोगियों का जीवन बदलेगा और अधिक सुलभ बनेगा: डॉ शंकर अय्यर
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। अमेरिकन एकेडमी ऑफ इम्प्लांट डेंटिस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. शंकर अय्यर ने दिल्ली में आयोजित छठे ग्लोबल अमेरिकन एकेडमी ऑफ इम्प्लांट डेंटिस्ट्री और बारहवें वर्ल्ड कांग्रेस फॉर ओरल इम्प्लांटोलॉजी सम्मेलन में डेंटल इम्प्लांट टेक्नोलॉजी में हुए क्रांतिकारी उन्नयनों पर जोर दिया। इस सम्मेलन में इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में नवाचारों और तकनीकी प्रगति पर चर्चा के लिए प्रमुख विशेषज्ञ और पेशेवर एकत्रित हुए, जो रोगी देखभाल को नया आयाम देंगे और उनके जीवन को बेहतर बनाएंगे। इन उन्नयनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. अय्यर ने कहा, "हम इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में हाल के उन्नयनों के बारे में उत्साहित हैं, जो हमारे रोगियों के लिए जीवन बदलने वाले साबित हुए हैं। डेंटल इम्प्लांट्स से आराम की अनुभूति होती है, खाने-पीने की क्षमता बढ़ती है और समग्र रूप से स्वास्थ्य में सुधार होता है। स्वस्थ दांतों के साथ मरीजों में आत्मविश्वास बढ़ता है और ठीक से चबाने से उनके रक्त की संरचना में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह वास्तव में एक क्रांतिकारी समय है जब हम रोगियों को फिक्स्ड समाधान प्रदान कर सकते हैं, जो रिमूवेबल प्रोस्थेसिस के बजाय अधिक स्थायी और आरामदायक हैं।" डॉ. अय्यर ने इम्प्लांट थेरेपी में वर्तमान चुनौतियों पर भी चर्चा की, विशेष रूप से इसकी लागत और चिकित्सा स्थिति को लेकर, और इस देखभाल को अधिक सुलभ बनाने के लिए भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। "हालांकि इम्प्लांट थेरेपी महंगी हो सकती है, लेकिन हम इसे अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए काम कर रहे हैं। नई डिज़ाइनों और तकनीकी सुधारों के साथ, हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इम्प्लांट्स रूट कैनाल ट्रीटमेंट या सामान्य क्राउन जितने सस्ते हो जाएंगे," उन्होंने कहा और लोगों को अपने दंत स्वास्थ्य की देखभाल के लिए नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास जाने की सलाह दी। *डेंटल इम्प्लांट्स के लाभ* डेंटल इम्प्लांट्स कृत्रिम दांतों के लिए एक मजबूत आधार बनाते हैं, जो रूट का विकल्प बनते हैं। यह नवाचार उन रोगियों के लिए एक विकल्प है, जिनके दांत गुम हो गए हैं और जो पारंपरिक डेंचर्स के साथ होने वाली असुविधा का सामना कर रहे हैं। डेंटल इम्प्लांट्स से मरीजों को प्राकृतिक दिखने वाली मुस्कान और खाने-पीने में सुधार मिलता है, जो हटाने योग्य प्रोस्थेसिस की जगह लेता है। डॉ. अय्यर ने जोर देकर कहा कि यद्यपि इम्प्लांट्स एक उत्कृष्ट विकल्प हैं, वे पूरी तरह से प्राकृतिक दांतों का स्थान नहीं ले सकते, और उन्होंने नियमित दंत चेकअप और रोकथाम की महत्वता पर बल दिया। "रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर है," उन्होंने सलाह दी, जिससे नियमित दंत देखभाल की आवश्यकता को बल मिला। *सम्मेलन के बारे में* ग्लोबल अमेरिकन एकेडमी ऑफ इम्प्लांट डेंटिस्ट्री और वर्ल्ड कांग्रेस फॉर ओरल इम्प्लांटोलॉजी सम्मेलन एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जो इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में ज्ञान, उन्नति और नवाचारों को साझा करने पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम में इस क्षेत्र के विशेषज्ञ और अग्रणी शामिल होते हैं, जिससे सहयोग और चर्चाएं होती हैं, जो दुनिया भर में दंत चिकित्सा की देखभाल के भविष्य को आकार देंगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 10, 2024
डेंटल इम्प्लांट्स दंत चिकित्सा में लाया क्रांतिकारी परिवर्तन: डॉ महेश वर्मा
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में नए उन्नयन से रोगियों का जीवन बदलेगा और देखभाल को और अधिक सुलभ बनाएगा यह कहना है प्रख्यात दंत चिकित्सक एवं गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के उपकुलपति पद्मश्री डॉ महेश वर्मा का। वे यहां दिल्ली में आयोजित छठे ग्लोबल अमेरिकन एकेडमी ऑफ इम्प्लांट डेंटिस्ट्री और बारहवें वर्ल्ड कांग्रेस फॉर ओरल इम्प्लांटोलॉजी सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। डॉ वर्मा इस सम्मेलन के अध्यक्ष भी हैं। इस विशिष्ट कार्यक्रम में इम्प्लांट डेंटिस्ट्री और ओरल हेल्थकेयर के नेता, नीति निर्माता और विशेषज्ञ एक साथ आए, जिन्होंने प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण चर्चाओं से समृद्ध किया और अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन किया। सम्मेलन के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) महेश वर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि दंत चिकित्सा में बदलाव तेजी से हुआ है। इसमें सटीकता, दक्षता और पूर्वानुमानित परिणामों पर जोर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मेलन पश्चिम की अग्रणी भावना और पूर्व की अभिनव भावना का संगम है। समारोह के विशिष्ट अतिथि, भारत के जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि यह सम्मेलन नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि यह देखना बहुत अच्छा है कि कैसे डॉक्टर मरीजों को बेहतर सौंदर्य और कार्यात्मक समाधान प्रदान कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि दंत चिकित्सा देखभाल सभी के लिए सस्ती और सुलभ हो। उन्होंने यह भी कहा कि दंत स्वास्थ्य के क्षेत्र में नीतियों के विस्तार की काफी गुंजाइश है और नए समाधान खोजने के लिए इस क्षेत्र में आवश्यक नवीन शोध पर जोर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक छलांग लगा रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुश्री पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य सेवा प्रगति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि देश के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए मौखिक स्वास्थ्य पहलों को प्राथमिकता देना अनिवार्य है। समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा द्वारा एक विडियो संदेश दिया गया, जिसमें वैश्विक मंचों पर भारतीय दंत चिकित्सा के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला गया साथ ही एएआईडी के अध्यक्ष डॉ. एडवर्ड कुसेक का एक वीडियो संदेश दिया गया, जिसने चर्चाओं को और गहराई दी।6वें जीएएआईडी के मुख्य संरक्षक और अध्यक्ष तथा एएआईडी के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ. शंकर अय्यर ने अपने संबोधन में इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में वैश्विक प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक मोर्चे पर अपनी पहचान बना रहा है, जिसमें 80% से अधिक भारतीय विशेषज्ञ सम्मेलन के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के साथ अपना ज्ञान साझा कर रहे हैं। सभा को संबोधित करते हुए, डब्ल्यूसीओआई (जापान) के अध्यक्ष डॉ. शिगेओ ओसाटो ने कहा कि सम्मेलन के सभी प्रतिभागियों की जिम्मेदारी है कि वे दुनिया भर में मौखिक स्वास्थ्य में योगदान दें। उन्होंने यह भी कहा कि यह सम्मेलन राष्ट्रों के बीच संबंधों को भी मजबूत करेगा। इस अवसर पर डेलीगेट बुक का विमोचन और प्रशंसा पुरस्कार वितरण भी किये गए। दिन के दौरान आयोजित सम्मेलन पूर्व विशेष व्याख्यानों ने प्रमुख नवाचारों के बारे में अत्याधुनिक जानकारी के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया: डॉ. अपूर्व गुप्ता ने नरम ऊतक ग्राफ्ट विकल्पों के उपयोग पर प्रस्तुति दी, जिसमें दिखाया गया कि कैसे ये जैविक रूप से संगत सामग्री उपचार को बढ़ाती है, ऊतक स्थिरता में सुधार करती है। और रोगी की असुविधा को कम करती है, जिससे प्राकृतिक-महसूस, स्थिर प्रत्यारोपण सुनिश्चित होता है। डॉ. विकास अग्रवाल ने डिजिटल ऑक्लूसल विश्लेषण पर प्रकाश डाला, जो काटने की ताकतों को सटीकता के साथ मापने और समायोजित करने में एक सफलता है, जिससे बेहतर अवरोधन और रोगियों के लिए एक आरामदायक, संतुलित फिट होता है। डॉ. कुबेर सूद ने मैग्नेटिक मैलेट का प्रदर्शन किया, जो न्यूनतम इनवेसिव प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं के लिए एक अभिनव उपकरण है जो उच्च परिशुद्धता बनाए रखते हुए कोमल हड्डी हेरफेर, शल्य चिकित्सा आघात और पोस्ट-ऑपरेटिव असुविधा को कम करने की अनुमति देता है। इन प्रगति ने इम्प्लांटोलॉजी में रोगी-केंद्रित देखभाल की ओर एक बदलाव को चिह्नित किया है, जो दंत प्रत्यारोपण में गुणवत्ता, आराम और दीर्घायु के लिए नए मानक स्थापित करता है। उपस्थित लोगों ने रोगी के परिणामों में सुधार और दीर्घकालिक दंत स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए इन नवाचारों की क्षमता के लिए उत्साह व्यक्त किया।\ विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 10, 2024
हरे कृष्ण-हरे कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा लालकिला
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। शनिवार को लालकिला और पुरानी दिल्ली में एक अलग ही भक्ति का माहौल था। जगह-जगह हरे कृष्णा हरे कृष्णा की मधुर धुनों पर थिरकते और झूमते हजारों श्रद्धालु दिखाई दे रहे थे। बीच-बीच में हरे कृष्णा के जयकारे पूरे वातावरण को गुंजायमान कर भक्तिमय बना रहे थे। मौका था इस्कॉन द्वारा आयोजित भगवान श्री कृष्ण और बलराम की रथयात्रा का जिसमें भाग लेने के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु आए थे। इस्कान' की ओर से निकाली गई श्री कृष्ण और बलराम रथयात्रा में 'हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे' के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। रथ में भगवान श्री कृष्ण और बलराम के दर्शनों को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ था। रथयात्रा की अगुवाई इस्कॉन गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन पूज्य श्री गुरुपाद स्वामी सहित अनेक संतों ने की। इस अवसर पर श्री गुरुपाद स्वामी ने कहा कि इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद ने वैष्णव परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए अपनी संघर्षपूर्ण यात्रा इसी क्षेत्र से आरंभ की थी। उन्होंने कहा कि यही वजह है देश-विदेश में बने आठ सौ से भी अधिक क्षेत्रों इस्कॉन भक्त हरिनाम संकीर्तन करते हुए इस यात्रा में शामिल होते हैं। गुरुपाद स्वामी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के सबसे प्रिय कार्तिक मास में भगवान श्री कृष्ण की जितनी भी सेवा पूजा की जाए उसका कई गुना फल हमें मिलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में भगवान श्री कृष्ण की रथयात्रा में भाग लेना श्रेयस्कर माना जाता है। इसी के मद्देनजर यह रथयात्रा निकाली जाती है। चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस अवसर पर कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मेरा संसदीय क्षेत्र चांदनी चौक इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की जन्म एवं कर्मस्थली रहा है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही श्रील प्रभुपाद के घर को एक स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा। तथा वहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को उनके जीवन, संघर्ष एवं उनके द्वारा सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म जो स्थापना व प्रतिष्ठा की गई है उसके वारे में भी जानकारी दी जाएगी। सुबह भगवान श्रीकृष्ण बलराम का भव्य स्वागत किया गया उसके पश्चात प्रभू को 56 भोग अर्पित किए गए। साथ ही भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी की महाआरती की गई। इसके बाद विभिन्न स्थानों से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं को भोजन एवं प्रसाद वितरित किया गया। दोपहर 12 बजे भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी की यात्रा प्रारम्भ की गई जैसे ही यात्रा प्रारम्भ हुई वहां मौजूद हजारों श्रद्धालु जोर जोर से जयकारे लगा कर वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। सभी में भगवान के रथ को खिंचकर लेजाने की होड़ लगी हुई थी। हर कोई चाहता था कि एक बार भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी के रथ की रस्सी को हाथ ज़रूर लगाएं। जयकारों के बीच हाथ द्वारा खींचकर धीरे धीरे आगे बढ़ता रथ तथा उसके आगे हाथ में झाड़ू लेकर रास्ते को साफ करते हुए श्रद्धालु एक अलग ही नजारा पेश कर रहे थे। इस्कॉन प्रचार प्रसार समिति के सदस्य अनिल गुप्ता ने बताया कि रथयात्रा लालकिला के विशेष उद्यान से प्रारंभ होकर दरियागंज, दिल्ली गेट,आसफ अली रोड, अजमेरी गेट, श्रद्धानंद मार्ग, लाहौरी गेट, फतेहपुरी चांदनी चौक, टाऊन हॉल एवं शीशगंज गुरुद्वारा से होते हुए वापस लालकिला पहूंची वहां पर भगवान की आरती की गई तथा भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि रास्ते में अनेक स्थानों पर भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी की आरती की गई तथा रथयात्रा का स्वागत किया गया। साथ ही रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को प्रसाद व शर्बत पानी आदि भी दिये गए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 10, 2024
जब भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कल से मैं न्याय नहीं कर सकूंगा, दिल दुखाया हो तो मिच्छामि दुक्कड़म
नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का शुक्रवार को अंतिम कार्यदिवस था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रविवार, 10 नवंबर को सीजेआई के पद से रिटायर हो जाएंगे. उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस होंगे. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को कोर्ट में अपनी आखिरी बात बोलकर विदा हुए. उन्होंने कहा, "कोर्ट में कभी मेरे से किसी का दिल दुखा हो तो उसके लिए मुझे क्षमा कर दें. मिच्छामि दुक्कड़म, क्योंकि कोर्ट में मेरी ऐसी कोई भावना नहीं रही." सीजेआई चंद्रचूड़ ने 'मिच्छामि दुक्कड़म' वाक्यांश का उपयोग किया. इसका अर्थ है- "जो भी बुरा किया गया है वह व्यर्थ हो जाए." यह एक प्राचीन भारतीय प्राकृत भाषा का वाक्यांश है. इसका संस्कृत में अनुवाद है- "मिथ्या मे दुष्कृतम्.".जैन धर्म में इस वाक्यांश का इस्तेमाल कई मौकों पर किया जाता है. जस्टिस संजीव खन्ना वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज हैं. जस्टिस खन्ना भारत के 51वें चीफ जस्टिस होंगे. जस्टिस खन्ना सोमवार, 11 नवंबर को कार्यभार संभालेंगे. चीफ जस्टिस ने अपनी विदाई के लिए आयोजित समारोहिक पीठ से बार के सदस्यों से कहा कि. ''कल से मैं ऐसे न्याय नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मुझे काफी संतुष्टि है. मेरे बाद सोमवार से यह जिम्मेदारी संभालने आ रहे जस्टिस संजीव खन्ना के अनुभव काफी विस्तृत हैं. वे काबिल और प्रतिभावान हैं.'' जस्टिस चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल समाप्त सीजेआई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर, 2022 को पदभार ग्रहण किया था. उन्होंने आज अपने दो साल के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद अपने पद से विदाई ली. पिछली शाम को अपने रजिस्ट्रार न्यायिक के साथ एक हल्के-फुल्के पल को याद करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने सोचा कि शुक्रवार को दोपहर 2 बजे इस कोर्ट में कोई होगा या नहीं. या मैं स्क्रीन पर खुद को देखूंगा. जब मैं छोटा था तो मैं देखता था कि कैसे बहस करनी है और कोर्ट क्राफ्ट सीखना है. हम यहां काम करने के लिए तीर्थयात्री के रूप में हैं और हम जो काम करते हैं वह मामलों को बना या बिगाड़ सकता है. ऐसे महान न्यायाधीश हुए हैं जिन्होंने इस न्यायालय को सुशोभित किया है और इसकी गरिमा को आगे बढ़ाया है. जब मैं इस कोर्ट को छोड़ता हूं तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि जस्टिस खन्ना जैसे स्थिर और बहुत सम्मानित व्यक्ति कार्यभार संभालेंगे." वकीलों ने जस्टिस चंद्रचूड़ को रॉक स्टार, चार्मिंग और हैंडसम जज बताया. उन्होंने उनके धैर्य, विवेकशील और शांत व्यक्तित्व की तारीफ की. चीफ जस्टिस नामित जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि, ''मुझे कभी जस्टिस चंद्रचूड़ की अदालत में पेश होकर कुछ कहने का कभी मौका नहीं मिला. इन्होंने वंचित युवाओं और जरूरतमंदों के लिए जो किया वह अतुलनीय है. इन्होंने इसके अलावा मिट्टी कैफे, महिला वकीलों के लिए बार रूम, सुप्रीम कोर्ट के सौंदर्यीकरण जैसे कई ऐतिहासिक काम किए. समोसे इनके प्रिय हैं. हर एक मीटिंग में हमें उनका स्वाद मिला है लेकिन वे खुद मीटिंग में नहीं खाते.'' *हमारी बातें धैर्य के साथ पूरी सुनी गईं : तुषार मेहता* सेरेमोनियल बेंच में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, ''हमें ही पता है कि आपकी विदाई कितनी दुखद है. आपके दोनों बेटे कभी नहीं जान पाएंगे कि उन्होंने क्या हासिल किया और हमने क्या खोया. सरकार ने कई मुकदमे जीते और कई हारे, लेकिन इस बात की हमें संतुष्टि है कि हमारी बातें धैर्य के साथ पूरी सुनी गईं.'' *असाधारण पिता के असाधारण बेटे : कपिल सिब्बल* सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल ने कहा कि, ''आप एक असाधारण पिता के असाधारण बेटे हैं. हमेशा मुस्कुराते रहने वाले डॉ चंद्रचूड़, आपका चेहरा हमेशा याद रहेगा. एक जज के रूप में आपका आचरण अनुकरणीय था. आपने समुदायों तक पहुंच बनाई और दिखाया कि उनके लिए सम्मान का क्या मतलब है. हम संविधान के मूल्यों से बंधे हुए हैं.'' *हमें आईपैड के करीब पहुंचाया : डॉ एएम सिंघवी* सीनियर एडवोकेट डॉ एएम सिंघवी ने कहा कि, ''पिछले 42 सालों में आपकी ऊर्जा और भी बढ़ गई है. आप धैर्य की सीमा को लांघ जाते हैं. आप हमेशा समय से परे हमारी बात सुनते हैं. आपने तकनीक और कोर्ट के आधुनिकीकरण के लिए बहुत कुछ किया है, जैसा किसी और ने नहीं किया. मैंने जो काम चल रहा था (कॉरिडोर एसी के लिए) उसकी आलोचना की थी और फिर उसकी प्रशंसा की थी. आपने हमें आईपैड के करीब भी पहुंचाया. आपने कई संविधान पीठों, 7 जजों, 9 जजों की अध्यक्षता की और फैसले लिखे.'' पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दशकों पहले जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ गुजारा जमाना याद करते हुए कहा कि, ''जब मैं दिल्ली में और चंद्रचूड़ बॉम्बे में एएसजी थे तब हम अप्सरा पेन मार्ट के पीछे खाना खाने जाते थे. उम्मीद है कि आगे भी आपके साथ भोजन करने जाने के अवसर मिलते रहेंगे.'' *रिटायरमेंट के बाद वकालत नहीं कर सकते सुप्रीम कोर्ट के जज* भारत के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका न्याय को बनाए रखने और संविधान की रक्षा करने में महत्वपूर्ण है. संविधान के अनुच्छेद 124(7) के अनुसार, एक बार उनका कार्यकाल समाप्त हो जाने पर सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों को किसी भी भारतीय न्यायालय में वकालत करने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है. यह प्रतिबंध महत्वपूर्ण नैतिक विचारों को दर्शाता है, यह सुनिश्चित करता है कि न्यायाधीश अपने कार्यकाल से परे भी निष्पक्षता बनाए रखें. *प्रैक्टिस पर रोक के पीछे नैतिक आधार* रिटायरमेंट के बाद प्रैक्टिस पर प्रतिबंध का एक मजबूत नैतिक आधार है, जिसका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता में जनता के विश्वास को बनाए रखना है. न्यायपालिका लोकतंत्र का एक स्तंभ है और इसकी विश्वसनीयता कथित और वास्तविक निष्पक्षता पर निर्भर करती है. सेवा के बाद किसी न्यायाधीश को वकालत करने की इजाजत देने से उनके कार्यकाल के दौरान कैरियर-संचालित फैसलों के बारे में संदेह पैदा हो सकता है. *वकालत पर रोक के मुख्य कारण* *संघर्षों से बचाव:* सेवानिवृत्ति के बाद की प्रैक्टिस को प्रतिबंधित करके, न्यायपालिका संभावित पूर्वाग्रहों से उत्पन्न होने वाले संघर्षों को कम करती है। *न्यायिक गरिमा बनाए रखना:* सेवानिवृत्ति के बाद कानून की प्रैकिटिस करने से सुप्रीम कोर्ट स्तर पर सेवा करने वालों के अधिकार और गरिमा को नुकसान पहुंच सकता है. अनुचित प्रभाव को रोकना: सेवा करते समय संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बाद के कानूनी मामलों में उपयोग किए जाने पर नैतिक चिंताएं पैदा कर सकती हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 8, 2024
भ्रष्ट लोगों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई बहुत ही जरूरी': राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्ट लोगों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई बहुत ही जरूरी है, क्योंकि देरी से या कमजोर कार्रवाई से ऐसे लोगों को बढ़ावा मिलता है। राष्ट्रपति ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के सतर्कता जागरूकता सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वास सामाजिक जीवन का आधार है। *भ्रष्टाचार, समाज में विश्वास घटाता है'* राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'यह एकता का स्रोत है। सरकार के काम और कल्याणकारी योजनाओं में जनविश्वास शासन की शक्ति का स्रोत है। भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक प्रगति में बाधा है, बल्कि यह समाज में विश्वास को भी घटाता है। यह लोगों में भाईचारे की भावना पर प्रतिकूल असर डालता है। इसका देश की एकता और अखंडता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है।' राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, 'कार्रवाई में देरी या कमजोर कार्रवाई अनैतिक व्यक्तियों को बढ़ावा देती है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि हर कार्रवाई और व्यक्ति को संदेह की नजर से न देखा जाए। हमें इससे बचना चाहिए। व्यक्ति की गरिमा को ध्यान में रखा जाना चाहिए एवं कोई भी कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं होनी चाहिए। किसी भी कार्रवाई का उद्देश्य समाज में न्याय और समानता स्थापित करना होना चाहिए।' *बीते 10 वर्षों में जब्त किए गए 12 अरब डॉलर* प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और ई-निविदा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि 'पिछले दस वर्षों में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत 12 अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त की गयी हैं।' राष्ट्रपति ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी।' केन्द्रीय सतर्कता आयोग हर साल सतर्कता सप्ताह मनाता है। इस साल 28 अक्टूबर से तीन नवंबर तक सतर्कता सप्ताह मनाया गया और उसका ध्येय वाक्य 'राष्ट्र की समृद्धि के लिए अखंडता की संस्कृति' रखा गया। सतर्कता सप्ताह के अलावा आयोग तीन महीने का एहतियाती सतर्कता अभियान चलाता है। इसके तहत केंद्र सरकार के मंत्रालय, विभाग/संगठन 16 अगस्त से 15 नवंबर तक यह अभियान चला रहे हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 8, 2024