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जियालाल प्रेमवती सम्मान और प्रमाणपत्र पाकर प्रसन्न हुए सेंट एंजेल्सके विजेता छात्र छात्राएं

बागपत, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। 39 वे राष्ट्रीय नेत्रदान जागरुकता पखवाड़े के अंतर्गत जिला रेड क्रॉस समिति बागपत एवं लायंस क्लब अग्रवाल मंडी मंडल 321 सीवन के संयुक्त तत्वाधान में विगत माह हुई पोस्टर पेंटिंग एवं स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में बागपत के सेंट एंजेल्स हायर सेकेंडरी स्कूल के विजयी छात्र छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।इस दौरान पोस्टर बनाने में कु भूमिका शर्मा प्रथम कु मानसी यादव द्वितीय कु पूजा चौहान तृतीय स्थान पर रही। स्लोगन राइटिंग में कु मनीषा त्यागी प्रथम स्वाति यादव द्वितीय व रिया धामा तृतीय स्थान पर रही । सभी विजेताओं को दृष्टिदूत एमजेएफ लॉयन अभिमन्यु गुप्ता पीएमजेएफ ला ईश्वर अग्रवाल, एमजेएफ ला पंकज गुप्ता स्कूल अध्यक्ष ला अजय गोयल ने जियालाल प्रेमवती सम्मान स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मानित किया।    इस अवसर पर अजय गोयल ने कहा कि, नेत्रदान सर्वोत्तम दान है।  सभी को अपने परिवार में नेत्रदान की परंपरा प्रारंभ करनी चाहिए । मृत्यु उपरांत नेत्रदान से दो व्यक्तियों के जीवन में रोशनी आ जाती है । ला अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि, ईश्वर अग्रवाल ने अपने पूज्य माता-पिता की स्मृति में जियालाल प्रेमवती पुरस्कार की स्थापना की है, यह पुरस्कार 15 विद्यालय के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रदान किया जाता है। ला पंकज गुप्ता ने सभी विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि, आपको नेत्रदान के बारे में घर परिवार में बताना है सभी को प्रेरित करना है। कार्यक्रम में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 37 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र  देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर दीपक वर्मा, राजीव कुमार, सचिन कुमार, शिवम, अमित कुमार, दिवाकर, निधि, रीना, गीता सहित  सैकड़ो छात्र छात्राओं ने भाग लिया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

admin

Nov 15, 2024

जियालाल प्रेमवती सम्मान और प्रमाणपत्र पाकर प्रसन्न हुए सेंट एंजेल्सके विजेता छात्र छात्राएं

बागपत,15 नवंबर 2024 (यूटीएन)।  39 वे राष्ट्रीय नेत्रदान जागरुकता पखवाड़े के अंतर्गत जिला रेड क्रॉस समिति बागपत एवं लायंस क्लब अग्रवाल मंडी मंडल 321 सीवन के संयुक्त तत्वाधान में विगत माह हुई पोस्टर पेंटिंग एवं स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में बागपत के सेंट एंजेल्स हायर सेकेंडरी स्कूल के विजयी छात्र छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।इस दौरान पोस्टर बनाने में कु भूमिका शर्मा प्रथम कु मानसी यादव द्वितीय कु पूजा चौहान तृतीय स्थान पर रही।   स्लोगन राइटिंग में कु मनीषा त्यागी प्रथम स्वाति यादव द्वितीय व रिया धामा तृतीय स्थान पर रही । सभी विजेताओं को दृष्टिदूत एमजेएफ लॉयन अभिमन्यु गुप्ता पीएमजेएफ ला ईश्वर अग्रवाल, एमजेएफ ला पंकज गुप्ता स्कूल अध्यक्ष ला अजय गोयल ने जियालाल प्रेमवती सम्मान स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मानित किया।    इस अवसर पर अजय गोयल ने कहा कि, नेत्रदान सर्वोत्तम दान है।  सभी को अपने परिवार में नेत्रदान की परंपरा प्रारंभ करनी चाहिए । मृत्यु उपरांत नेत्रदान से दो व्यक्तियों के जीवन में रोशनी आ जाती है । ला अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि, ईश्वर अग्रवाल ने अपने पूज्य माता-पिता की स्मृति में जियालाल प्रेमवती पुरस्कार की स्थापना की है, यह पुरस्कार 15 विद्यालय के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रदान किया जाता है। ला पंकज गुप्ता ने सभी विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि, आपको नेत्रदान के बारे में घर परिवार में बताना है सभी को प्रेरित करना है।   कार्यक्रम में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 37 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र  देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर दीपक वर्मा, राजीव कुमार, सचिन कुमार, शिवम, अमित कुमार, दिवाकर, निधि, रीना, गीता सहित  सैकड़ो छात्र छात्राओं ने भाग लिया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Nov 15, 2024

घर सपना है, कभी ना टूटे... बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने खींच दी लक्ष्मण रेखा

नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर अपना फैसला सुना दिया है. राज्यों के मनमाने बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर पर छत हर आदमी का सपना और मौलिक अधिकार है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिना नोटिस दिए किसी का भी घर नहीं तोड़ सकते हैं। अदालत ने कहा है कि किसी व्यक्ति का घर केवल इसलिए नहीं गिराया जा सकता है कि उस पर कोई आरोप लगा है। अदालत ने कहा कि आरोपों पर फैसला न्यायपालिका का काम है कार्यपालिका का नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को असंवैधानिक बताया है। अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यहां तक कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कानून का शासन,नागरिकों के अधिकार और प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त है। अगर किसी संपत्ति को केवल इसलिए ध्वस्त कर दिया जाता है क्योंकि व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक है।   * बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त टिप्पणी * किसी एक की गलती की सजा पूरे परिवार को नहीं दे सकते आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों?गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलेसत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जा सकताबुलडोजर ऐक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता हैबुलडोजर की मनमानी पर अधिकारियों को नहीं बख्शेंगेघर तोड़ने की हालत में संबंधित पक्ष को समय मिलेकिसी अपराध की सजा देने अदालत का काम है बिना फैसले के किसी को भी दोषी न माना जाए। रजिस्टर्ड पोस्ट से नोटिस भेजें, 15 दिन का वक्त मिले।     * सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा *  सुप्रीम कोर्ट के बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन के पीठ ने सुनाया फैसला.अपने फैसले में जस्टिस गवई ने कहा कि किसी का घर उसकी उम्मीद होती है। हर किसी का सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छिने. हर आदमी की उम्मीद होती है कि उसके पास आश्रय हो. हमारे सामने सवाल यह है कि क्या कार्यपालिका किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय छीन सकती है जिस पर अपराध का आरोप है. अदालत ने कहा कि किसी आरोपी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि उस पर किसी अपराध का आरोप है।उन्होंने कहा कि आरोपों पर सच्चाई का फैसला सिर्फ न्यायपालिका ही करेगी। अदालत ने कहा कि कानून का शासन लोकतांत्रिक शासन का मूल आधार है। यह मुद्दा आपराधिक न्याय प्रणाली में निष्पक्षता से संबंधित है। यह यह अनिवार्य करता है कि कानूनी प्रक्रिया को अभियुक्त के अपराध के बारे में पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो राज्य में कानून व्यस्था बनाए रखे।     * राज्य की मनमानी पर लगाई रोक * अदालत ने कहा कि सभी पक्षों सुनने के बाद ही हम आदेश जारी कर रहे है। अदालत ने कहा कि हमने संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों पर विचार किया है। यह व्यक्तियों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अदालत ने कहा कि सत्ता के मनमाने प्रयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती है।     * इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से हो रही कार्रवाई को लेकर अपनी गाइडलाइन जारी की * यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए। बिना कारण बताओ नोटिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी। मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और नोटिस को संरचना के बाहर चिपकाया भी जाएगा। नोटिस तामील होने के बाद अपना पक्ष रखने के लिए संरचना के मालिक को 15 दिन का समय दिया जाएगा। तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी। कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, निजी सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध कराया जाएगा।   प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा और मिनटों को रिकॉर्ड किया जाएगा। उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा. इसमें यह उत्तर दिया जाना चाहिए कि क्या अनधिकृत संरचना समझौता योग्य है और यदि केवल एक भाग समझौता योग्य नहीं पाया जाता है और यह पता लगाना है कि विध्वंस का चरम कदम ही एकमात्र जवाब क्यों है। आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा और केवल तभी जब अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तो विध्वंस के चरण होंगे। विध्वंस की कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाएगी। वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए। उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए। सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना ​​और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा. सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |    

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Nov 14, 2024

नोकिया भारत में वीआई के 4जी विस्तार और आधुनिकीकरण का नेतृत्व करेगा

नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। वीआईएल के साथ अपने हालिया उपकरण सौदे के हिस्से के रूप में, नोकिया नवीनतम बेसबैंड और रेडियो मॉड्यूल के साथ अपने सर्किलों में वीआईएल के नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है। अकेले मार्च 2025 तक, नोकिया लगभग 3300 नई साइटें वितरित करेगा। इसके अतिरिक्त, नोकिया द्वारा 42,000 से अधिक प्रौद्योगिकी साइटों में अपग्रेड और वीआईएल के नेटवर्क में 25,000 से अधिक स्पेक्ट्रम विस्तार से बैंडविड्थ और डेटा क्षमता में वृद्धि होगी। अब तक, स्पेक्ट्रम बैंडविड्थ विस्तार का 100%, प्रौद्योगिकी जोड़ का लगभग 40% और नई साइटों का 15% पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा, बाजार की मांग के अनुसार विशिष्ट स्थानों में हॉट स्पॉट कवरेज आवश्यकताओं और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव को संबोधित करने के लिए अल्ट्रा लीन साइटों को तेजी से तैनात किया जा रहा है।   नोकिया का मानना ​​है कि वीआईएल 2025 में कवरेज और क्षमता विस्तार पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा, डेटा क्षमताओं को बढ़ाएगा और सेवाओं को ग्रामीण और असंबद्ध क्षेत्रों में गहराई तक ले जाएगा। इस बड़े पैमाने पर चल रहे रोल-आउट से वीआई के सभी ग्राहकों को बहुत लाभ होगा। वोडाफोन आइडिया के सीटीओ जगबीर सिंह ने कहा, “नोकिया हमारे प्रमुख दीर्घकालिक भागीदारों में से एक है, और नोकिया का समर्थन शानदार रहा है।   हम मार्च 2025 तक 20 मिलियन अतिरिक्त आबादी तक अपने 4G नेटवर्क कवरेज का विस्तार करने के लिए नोकिया के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इससे 4G नेटवर्क क्षमता में 25% की वृद्धि होगी, जिससे हम अपने 17 प्राथमिकता वाले सर्किलों में से नौ सर्किलों में बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने में सक्षम होंगे।   नोकिया (भारत) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कंट्री हेड तरुण छाबड़ा ने कहा, “वीआई के एक दीर्घकालिक रणनीतिक भागीदार के रूप में, हमें नोकिया द्वारा आपूर्ति किए गए सर्किलों में उनके एलटीई नेटवर्क विस्तार और आधुनिकीकरण का समर्थन करने पर गर्व है। यह अपग्रेड लाखों वोडाफोन आइडिया ग्राहकों के लिए मोबाइल अनुभव को बेहतर बनाएगा और साथ ही 5जी तकनीक में सहज बदलाव की नींव रखेगा।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 14, 2024

जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ अब नहीं भेज सकेंगीं ई-कॉमर्स कंपनियां

नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। अब खाद्य पदार्थों की डिलीवरी करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियां जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ नहीं भेज सकेंगीं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों की सीमा तय की है। प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वह ऐसे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति न करें जिनकी एक्सपायरी डेट नजदीक हो। ग्राहकों को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की एक्सपायरी डेट कम से कम 45 दिन होनी चाहिए। साथ ही लंबे समय तक न चलने वाले खाद्य पदार्थों की भी शेल्फ लाइफ कम से कम 30 फीसदी होनी चाहिए। ऑनलाइन खाद्य पदार्थों की डिलीवरी कर रहीं ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर लगातार एफएसएसएआई को शिकायतें मिल रही थीं।    इसे लेकर खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) की बैठक बुलाई। इसमें सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए। बैठक में एफएसएसएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गंजी कमला वी राव ने ई-कॉमर्स एफबीओ ऐसे व्यवहार अपनाने को कहा जिसके तहत उपभोक्ताओं को डिलीवरी के समय खाद्य उत्पाद की न्यूनतम शेल्क लाइफ का ध्यान रखने के लिए कहा गया। बैठक में राव ने स्पष्ट किया कि ई-कॉमर्स से बेचे किसी भी उत्पाद के दावे उत्पाद लेबल पर दी गई जानकारी के अनुरूप होने चाहिए और एफएसएसएआई के लेबलिंग और प्रदर्शन विनियमों का पालन करना चाहिए।   उन्होंने एफबीओ को ऑनलाइन बिना समर्थन वाले दावे करने के खिलाफ भी आगाह किया। नियामक ने कहा, इससे भ्रामक जानकारी को रोका जा सकेगा और उपभोक्ताओं के सटीक उत्पाद विवरण प्राप्त करने के अधिकार की रक्षा होगी। उन्होंने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में ऑनलाइन प्लेटफार्म की भूमिका भी बताई। उन्होंने कहा कि कोई भी एफबीओ वैध एफएसएसएआई लाइसेंस या पंजीकरण के बिना किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर काम नहीं कर सकता है। उन्होंने एफबीओ को खाद्य उत्पादों की समय पर डिलीवरी देने के लिए कर्मियों को उचित प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 14, 2024

पहले से जो करते आए हैं अब नहीं चलेगा', सीजेआई बनते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने वकीलों को दे दी खास हिदायत

नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने वकीलों को खास हिदायत दे दी है. उन्होंने कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वकीलों से इसके लिए ईमेल या लिखित पत्र भेजने का आग्रह किया है. आमतौर पर वकील दिन की कार्यवाही की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच के सामने अपने मामलों पर तत्काल सुनवाई के लिए उनका उल्लेख करते हैं. सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, 'अब कोई मौखिक उल्लेख नहीं होगा. केवल ईमेल या लिखित पर्ची/पत्र में ही होगा. बस, तत्काल सुनवाई की आवश्यकता के कारण बताएं.' सीजेआई संजीव खन्ना ने न्यायिक सुधारों के लिए नागरिक-केंद्रित एजेंडे की रूपरेखा तैयार की है और कहा है कि न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और नागरिकों के साथ उनकी स्थिति की परवाह किए बिना समान व्यवहार करना न्यायपालिका का संवैधानिक कर्तव्य है.   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में 51वें सीजेआई के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना को शपथ दिलाई थी. जस्टिस खन्ना ने लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका का नेतृत्व करने पर अत्यधिक सम्मान महसूस होने की बात कही. मुख्य न्यायाधीश ने सोमवार को अपने पहले बयान में कहा, 'न्यायपालिका शासन प्रणाली का अभिन्न, फिर भी अलग और स्वतंत्र हिस्सा है. संविधान हमें संवैधानिक संरक्षक, मौलिक अधिकारों के रक्षक और न्याय के सेवा प्रदाता होने के महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपता है.उन्होंने कहा, 'समान व्यवहार के मामले में न्याय वितरण ढांचे में सभी को सफल होने का उचित अवसर प्रदान करना आवश्यक है, चाहे उनकी स्थिति, धन या शक्ति कुछ भी हो, और ये न्यायपूर्ण और निष्पक्ष निर्णय हो. ये हमारे मूल सिद्धांतों को चिह्नित करते हैं.' मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'हमें सौंपी गई जिम्मेदारी नागरिकों के अधिकारों के रक्षक और विवाद समाधानकर्ता के रूप में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. हमारे महान राष्ट्र के सभी नागरिकों के लिए न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है.   जस्टिस संजीव खन्ना ने न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया जिनमें लंबित मामलों की संख्या कम करना, मुकदमेबाजी को किफायती बनाना और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्यकता शामिल है. उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली को सभी नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए. उन्होंने अदालतों को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए एक दृष्टिकोण की रूपरेखा भी प्रस्तुत की. सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा कि मुख्य न्यायाधीश का उद्देश्य एक आत्म-मूल्यांकन दृष्टिकोण अपनाना है जो अपने कामकाज में फीडबैक के प्रति ग्रहणशील और उत्तरदायी हो. इसमें कहा गया है, 'नागरिकों के लिए फैसलों को समझने योग्य बनाना और मध्यस्थता को बढ़ावा देना भी प्राथमिकता में होगा.' आपराधिक मामलों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीजेआई संजीव खन्ना ने मुकदमे की अवधि को कम करने, एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाने और यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया कि नागरिकों के लिए कानूनी प्रक्रियाएं कठिन न हों. उन्होंने विवादों का प्रभावी तरीके से समाधान निकालने और समय पर न्याय प्रदान करने के लिए मध्यस्थता को बढ़ावा देने के महत्व पर भी प्रकाश डाला.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 14, 2024

एक व्यापक राष्ट्रीय कैंसर देखभाल नीति की आवश्यकता: फिक्की-ईवाई पार्थेनन रिपोर्ट

नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। फिक्की-ईवाई पार्थेनन ने हाल ही में ‘भारत में कैंसर की देखभाल को किफायती और सुलभ बनाने के लिए रोड मैप’ शीर्षक से सिफारिशों का एक संग्रह लॉन्च किया है। यह शोधपत्र भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में सितंबर 2024 तक एक वर्ष में आयोजित पांच क्षेत्रीय गोलमेजों से एकत्रित सिफारिशों का सारांश है। इनमें से, भारत सरकार के लिए एक मजबूत सिफारिश है कि वह शीर्ष छह उच्च-बोझ वाले कैंसर के लिए समर्पित वित्त पोषण परिव्यय के साथ एक व्यापक राष्ट्रीय कैंसर देखभाल नीति/कार्यक्रम शुरू करे। संग्रह में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में कैंसर की घटनाओं का एक बड़ा बोझ है। अनुमान के अनुसार 2022 में भारत में रिपोर्ट की गई कैंसर की घटनाएं 19 से 20 लाख थीं, जबकि वास्तविक घटनाएं रिपोर्ट किए गए मामलों की तुलना में 1.5 से 3 गुना अधिक थीं।   अगले पांच से छह वर्षों में कैंसर की घटनाओं की वृद्धि दर और तेज होने की उम्मीद है, जिसमें नए मामलों के 45 लाख से कम होने का अनुमान है। कैंसर देखभाल का बुनियादी ढांचा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से वितरित नहीं है, जिससे तृतीयक देखभाल केंद्रों पर भारी बोझ पड़ता है। इसके अलावा, कैंसर देखभाल के लिए उपचार लागत वित्तीय रूप से निषेधात्मक है, यानी अन्य गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है और इसमें वृद्धि जारी है। इसके बावजूद, वैश्विक नैदानिक ​​परीक्षणों में भारत की भागीदारी वर्तमान में 4% है, जो वैश्विक रोग बोझ का 20% है। फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन ने कहा, "देश के लिए कैंसर नियंत्रण और देखभाल पर नीति निर्णय लेने के उद्देश्य से, हमने इन गोलमेजों का आयोजन किया और पाया कि जबकि बहुत से राज्यों ने कैंसर देखभाल बढ़ाने की दिशा में छोटे कदम उठाए हैं और कुछ ने तो अनूठी पहल भी की है, फिर भी सक्रिय कैंसर की रोकथाम और उपचार के उद्देश्य से व्यापक उपायों की गुंजाइश है। यह श्वेतपत्र भारत में कैंसर देखभाल प्रतिमान को बदलने के लिए नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और बड़े पैमाने पर समुदाय के लिए कार्रवाई का खाका है।   उन्होंने कहा। कैंसर देखभाल पर फिक्की टास्क फोर्स के सह-नेता और एचसीजी के सीईओ डॉ. राज गोरे ने भारत में महिलाओं की कैंसर देखभाल का समर्थन करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महिला को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच हो और वह सूचित निर्णय लेने में सक्षम हो। इसके लिए कम जागरूकता, जांच के डर और वित्तीय सीमाओं जैसी प्रमुख बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता है। प्रारंभिक पहचान को मजबूत करना और प्रभावी उपचारों तक पहुंच सुनिश्चित करना परिणामों को बेहतर बनाने और कैंसर के समग्र बोझ को कम करने के लिए आवश्यक कदम हैं। ईवाई पार्थेनॉन इंडिया की हेल्थकेयर सर्विसेज की पार्टनर सुश्री श्रीमयी चक्रवर्ती ने कहा, "भारत में व्यापक कैंसर देखभाल परिदृश्य जागरूकता और रोकथाम से लेकर जांच, पहचान और उपचार तक पहुंच तक के चरणों में चुनौतियों के साथ उप-इष्टतम है। शहरी और ग्रामीण भारत दोनों को उच्च गुणवत्ता वाले उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कैंसर देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सुविधाओं को सही तकनीक और संसाधनों से लैस करना आवश्यक है।   निजी-सार्वजनिक भागीदारी कैंसर देखभाल को अधिक कुशल और सुलभ बनाने के लिए आवश्यक निवेश और नवाचार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।" सीमेंस हेल्थकेयर की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख-वैरियन (भारत और क्षेत्र) सुश्री मालती सचदेव ने कहा, "भारत में 15% से भी कम महिलाएं स्तन कैंसर जैसी स्थितियों के लिए सुरक्षित जांच करवाती हैं, और केवल 1-2% आबादी नियमित जांच में भाग लेती है, जो डर और कम जागरूकता से प्रेरित है। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर वित्तीय बोझ बढ़ता है। कोरिया और जापान जैसे देश कैंसर उपचार लागत का 75-95% वहन करते हैं और मूल्य-आधारित, परिणाम-संचालित स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। भारत को भी परिणामों में सुधार और लागत कम करने के लिए अनिवार्य जांच और बीमा कार्यक्रमों में उन्नत उपचारों को एकीकृत करने सहित इसी तरह के उपाय अपनाने चाहिए।   संग्रह में स्वास्थ्य मंत्रालय में कैंसर देखभाल के लिए नीतिगत प्राथमिकता का आह्वान किया गया है। भारत में कैंसर की जांच वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत समूहीकृत है और मुख्य रूप से तीन प्रकारों - स्तन, मौखिक और गर्भाशय ग्रीवा पर ध्यान केंद्रित करती है। मौजूदा ढांचे के तहत, कैंसर देखभाल को उचित नीतिगत फोकस नहीं मिल रहा है और रोगी की यात्रा में महत्वपूर्ण पहलुओं के लिए वित्त पोषण प्राथमिकता नहीं मिल रही है। इसलिए, शीर्ष छह उच्च बोझ वाले कैंसर के लिए वित्त पोषण परिव्यय के साथ एक व्यापक राष्ट्रीय कैंसर देखभाल नीति/कार्यक्रम शुरू करने की सिफारिश की जाती है। इस नीति को निदान, चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और विकिरण उपचार सहित रोगी देखभाल के सभी चरणों और तौर-तरीकों के लिए एक छत्र कवर प्रदान करना चाहिए। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं को इस तरह से अपडेट किया जाना चाहिए कि प्रदान की गई बुनियादी कवरेज के अलावा, स्क्रीनिंग के बाद कैंसर जैसे विशिष्ट रोग समूह के लिए टॉप-अप किया जा सके। एक टॉप-अप कैंसर कवरेज लाभ राशि को मूल कवरेज के 3x-4x तक बढ़ाता है अभिनव कैंसर उपचारों तक पहुंच में काफी वृद्धि करेगा।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 14, 2024

जनता वैदिक कालेज में शिक्षक संघ का निर्विरोध चुनाव संपन्न, डॉ देवेंद्र पाल सिंह तोमर बने अध्यक्ष

बडौत, 12 नवंबर 2024 (यूटीएन)। नगर के जनता वैदिक कॉलेज में शिक्षक संघ की चुनावी प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न पदों के लिए शिक्षक प्रत्याशियों ने आवेदन किए। मतदान 12 नवंबर को प्रस्तावित था, लेकिन वरिष्ठ साथियों के सहयोग से और सामंजस्य बढ़ाने के उद्देश्य से आपसी सहमति के आधार पर सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए।    चुने गए प्रत्याशियों में डॉ देवेंद्र पाल सिंह तोमर अध्यक्ष, डॉ राजेश गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष, डॉ देवेंद्र पाल सिंह कनिष्क उपाध्यक्ष, डॉ अनुपम तिवारी सचिव, डॉ राजाराम यादव संयुक्त सचिव चुने गए। कार्यकारिणी के सदस्यों में डॉ मुनेश, डॉ पुखराज सिंह,डॉ रघुराज सिंह, डॉ योगेंद्र सेन डॉ योगेश कुमार एवं डॉ सुधीर कुमार सिंह निर्विरोध चुने गए।यह चुनाव निष्पक्ष रूप से मूटा महासचिव डॉ राहुल उज्ज्वल की उपस्थिति में संपन्न कराए गए।    डॉ राहुल उज्ज्वल निष्पक्ष चुनाव हेतु महाविद्यालय में सुबह 9 बजे से चुनाव की समाप्ति तक उपस्थित रहे, जो उनकी शिक्षक संघ व लोकतंत्र के प्रति निष्ठा को दर्शाता है। उनके सहयोग के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी व सह चुनाव अधिकारियों ने हृदय से आभार व्यक्त किया ।   साथ ही निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ जीपी सिंह व सह चुनाव अधिकारी डॉ राजीव कुमार एवं डॉ अशोक कुमार गौतम की सभी शिक्षकों ने प्रशंसा की। शिक्षक संघ चुनाव में विजयी कार्यकारिणी सदस्यों को डॉ अरुण कुमार सोलंकी, डॉ लोकेंद्र सिंह, डॉ प्रताप चौधरी, डॉ जोगिंदर सिंह, डॉ अमरपाल सिंह, डॉ अमित कुमार पांडेय, डॉ विजयपाल, डॉ सौरभ कुमार सिंह ने माला पहना कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Nov 12, 2024

एनबीसीसी कालोनी से लाखों के जेवर नगदी चोरी, कोतवाली पहुंचकर लोगों ने किया हंगामा, जताया आक्रोश

खेकड़ा,12 नवंबर 2024 (यूटीएन)। एनबीसीसी कॉलोनी में बदमाश तीन मकानों से दो लाख से अधिक की नगदी और लाखों के जेवर चोरी कर ले गए। कॉलोनी के लोगों ने घटनाओं के विरोध में कोतवाली पर एकत्र हुए तथा हंगामा करते हुए बदमाशों को पकड़ने और उनसे चोरी का माल बरामद करने की मांग की।   एनबीसी कॉलोनी में प्रवीण धामा, अशोक कुमार और सचिन कुमार परिवार के साथ रहते हैं। बदमाशों ने इन तीनों के मकान खंगाल लिए। प्रवीण कुमार 8 नवंबर को मकान पर ताला लगाकर परिवार सहित खाटू श्याम गया था। रविवार की शाम प्रवीण रविवार को वहीं पर घटना का पता चला। सोमवार को वापस लौटने पर उसने कोतवाली में घटना की तहरीर दी। प्रवीण ने बताया कि, बदमाशों ने मकान से एक लाख 30 हजार रुपए की नगदी, दो सोने की चेन, एक सोने का गले का हार, सोने की तीन अंगूठी, सोने के दो जोड़ी झुमके, सोने का एक लॉकेट, चांदी की तीन जोड़ी पाजेब, चांदी के पांच सिक्के आदि जेवर चोरी किए हैं।   तहरीर में प्रवीण ने बताया कि बदमाश उसके पड़ोसी अशोक और सचिन के मकान से भी लाखों रुपए की नगदी और जेवर चोरी कर ले गए हैं। उसने दो लोगों पर शंका भी जाहिर की है। पुलिस ने प्रवीन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। सोमवार को ही कॉलोनी की समिति के पदाधिकारी भी कोतवाली पर एकत्र हुए। उन्होंने घटना पर नाराजगी जताते हुए पुलिस से बदमाशों को पकड़ने और चोरी का माल बरामद करने के मांग की। कोतवाली प्रभारी ने उन्हें जल्द एक घटना का खुलासा करने देने का आश्वासन दिया। इसके बाद वे वापस लौट गए।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Nov 12, 2024

जनपद बागपत ने प्रदेश में विकास व राजस्व में सीएम डैशबोर्ड में पायी चौथी रैंक

बागपत, 12 नवंबर 2024 (यूटीएन)। जनपद में लाभार्थियों को सरकारी मिल रहा है जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ।साथ ही लोगों को सरकार की मंशा के अनुरूप बागपत में हो रहा विकास। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप जनपद वासियों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिल रहा है ,जिसके क्रम में विकास हो या राजस्व ; जनपद बागपत प्रदेश में अपना नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और सरकार की मंशा के अनुरूप कैंप लगाकर अन्य माध्यमों से हर पात्र व्यक्ति को सरकार की योजना से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन, बागपत जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में कटिबद्ध है।    अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व पंकज वर्मा व मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में बागपत को शासन ने अक्टूबर 2024 माह की रैंकिंग में प्रदेश में चौथा स्थान दिया है ,जिस पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी समस्त अधिकारियों की टीम को बधाई दी और कहा कि, अगर टीम वर्क के रूप में कार्य किया जाएगा ,तो हमेशा परिणाम अच्छे मिलेंगे और जनता को भी इसका लाभ प्राप्त होगा। कहा,अधिकारियों को जो दायित्व मिले हैं ,उन्हें सेवाभाव से अगर अपनी शासकीय सेवा में दिया जाए, तो जनपद हमेशा अच्छी रैंकिंग प्राप्त करेगा और जनता को इसका लाभ प्राप्त होगा ।    जिलाधिकारी के निर्देशन में पूरा प्रशासनिक अमला जनपद को हमेशा ही एक नये  मुकाम पर लाने के लिए प्रयासरत है ,जिसकी समय समय पर जिलाधिकारी  द्वारा समीक्षा की जाती है और संबंधित विभागों को बेहतर कार्य करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Nov 12, 2024