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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उत्तराखंड के विकास की चर्चा की
नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये जीत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आम जन के विश्वास को प्रदर्शित करती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति और बाबा केदारनाथ जी का प्रसाद भी भेंट किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में निरंतर मिल रहे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ समिति-२ द्वारा संस्तुत 21 जल परियोजना के विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किए जाने हेतु अनुरोध किया। उन्होंने तीन रोपवे परियोजनाए, (क) सोनप्रयाग-गौरीकुंड केदारनाथ (ख) गोविंद घाट-हेमकुंड साहिब और (ग) काठगोदाम-नैनीताल को राज्य सरकार द्वारा विकास और संचालन के लिए हस्तांतरित करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत देहरादून-गौचर-देहरादून और देहरादून-चिन्यालीसौंड-देहरादून की हवाई सेवा पुनःसंचालित किए जाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को निर्देशित करने के लिए भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि कैलाश जनपद पिथौरागढ़ में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। उन्होंने उडान योजना के अन्तर्गत "आदि कैलाश' के लिए भी हवाई सेवा प्रारम्भ करने और चिन्यालीसौंड हवाई पट्टी जनपद उत्तरकाशी पर छोटे विमान संचालन की अनुमति हेतु सम्बन्धित मंत्रालय को दिशा-निर्देश का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कुमाऊँ एवं गढ़वाल को संयोजित करने के लिये 02 मार्गों, (क) खैरना-रानीखेत- बंगीधार-बैजरों मोटरमार्ग (256.9 किमी0) और (ख) काठगोदाम-भीमताल लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग (189 किमी०) को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिसूचित करने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही देहरादून रिंग रोड़ की अवशेष लम्बाई की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 9, 2024
कालका विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा 10833 मतों से अंतर से जीती
पंचकूला, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव - 2024 में कालका विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा ने 10833 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उपायुक्त ने बताया कि कालका विधानसभा क्षेत्र में 202052 वोटरों के लिए 225 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। इनमें से 145621 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा ने 60612 मत प्राप्त किए। इनमें 115 डाक मत शामिल हैं। कालका विधान सभा चुनाव में दूसरे नंबर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रदीप चौधरी को 49729 मत मिले। इनमें से 185 डाक मत शामिल है। निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल सुखोमाजरा ने 31729 मत प्राप्त किये। इनमें से 23 डाक मत भी शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी चरण सिंह ने 1374 मत प्राप्त किये। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ओम प्रकाश गुर्जर ने 858 मत प्राप्त किये। निर्दलीय अमित शर्मा को 582 मत प्राप्त मिले उन्होंने बताया कि कालका के 749 नागरिकों ने नोटा का प्रयोग किया। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम कालका राजेश पुनिया राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टरों 14 में ने विजेता उम्मीदवार को प्रमाण पत्र प्रदान किया। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 9, 2024
आईआईएम संबलपुर ने की ‘उद्भावनम’ की शुरुआत, फ्यूचर रेडी प्रॉडक्ट मैनेजमेंट के लिए कायम किया सेंटर फॉर एक्सीलैंस
संबलपुर, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक आईआईएम संबलपुर ने प्रॉडक्ट मैनेजमेंट के भविष्य को समर्पित एक अभिनव कार्यक्रम ‘उद्भावनम’ के उद्घाटन संस्करण की घोषणा की। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आईआईएम संबलपुर इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन (आईएसपीएमए) का विश्वविद्यालय अध्याय स्थापित करने वाला देश का पहला संस्थान भी बन गया है। अमेरिका स्थित प्रबंधन परामर्श फर्म, मैकिन्से एंड कंपनी का दावा है कि निर्णय लेने के बढ़ते महत्व और सॉफ्टवेयर पद्धतियों के भीतर डिजाइन पर बढ़ते जोर के कारण प्रबंधक की भूमिका का विस्तार हो रहा है। उत्पाद प्रबंधन में विशेषज्ञता की इसी बढ़ती मांग के जवाब में, आईआईएम संबलपुर ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके परिणामस्वरूप अल्फाबीटा की अगुआई में इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हुई है। इस कार्यक्रम का विषय ‘फ्यूचर रेडी प्रॉडक्ट्स-मास्टरिंग इनोवेशन इन द प्रॉडक्ट मैनेजमेंट’ है। उत्पाद प्रबंधन में विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के लिए, विशेषज्ञ, शिक्षाविद और उद्योग के अग्रणी दिग्गज उत्पाद प्रबंधन में होने वाले तेजी से परिवर्तनों के बारे में चर्चा में जुटे हुए हैं। ये परिवर्तन तकनीकी प्रगति और विकसित उपभोक्ता मांगों पर आधारित हैं।आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रो. महादेव जायसवाल ने कहा, ‘‘हमारा देश प्रॉडक्ट मैनेजमेंट का केंद्र बनने के लिए तैयार है, जो प्लेटफॉर्म-आधारित मॉडल और एआई जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे रहा है। इनोवेशन और समावेशिता के अपने मूल मूल्यों को अपनाकर, हम आईएसपीएमए और आईटी मंत्रालय के सहयोग से उत्कृष्टता के केंद्र कायम कर रहे हैं। हमारा विज़न शिक्षा और व्यवसाय से संबंधित ईको सिस्टम को बदलते हुए उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सहज सहयोग को संभव बनाना और स्थानीय और वैश्विक दोनों चुनौतियों का समाधान करना है। इसके साथ ही हमारा लक्ष्य उद्यमी मानसिकता वाले जिम्मेदार अग्रणी लोगों को आगे बढ़ाना है और इस तरह हम एक संपन्न और समावेशी समाज का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, जो वैश्विक नवाचार की अगली लहर को आगे बढ़ाए।’’ मुख्य अतिथि आईएसपीएमए के ग्लोबल चेयर प्रो हैंस-बर्न्ड किटलॉस ने ‘प्लेटफ़ॉर्म वर्सेज प्रॉडक्ट-व्हाट इज डिफरेंट फ्रॉम ए प्रॉडक्ट मैनेजर्स पर्सपेक्टिव’ विषय पर चर्चा की और कहा, ‘‘आधुनिक व्यावसायिक परिदृश्य में, प्लेटफ़ॉर्म अपने तकनीकी मूल से आगे बढ़कर उद्योगों में मूल्य सृजन के लिए मुख्य आधार बन गए हैं। बैंकिंग से लेकर ऑटोमोटिव तक, सॉफ़्टवेयर-संचालित प्लेटफ़ॉर्म अब न केवल डिजिटल उत्पादों बल्कि नवीन तकनीकों से जुड़े भौतिक सामानों के प्रबंधन के लिए भी अभिन्न अंग हैं। ऐसी सूरत में प्रॉडक्ट मैनेजमेंट का दायित्व निभाते हुए इन प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाने का तरीका समझना कंपनी की बाज़ार उपस्थिति को बढ़ाने और तकनीकी नेतृत्व को कायम रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर मैं आईआईएम संबलपुर में अल्फाबीटा-आईएसपीएमए यूनिवर्सिटी चैप्टर के सदस्यों को इस कार्यक्रम के आयोजन में उनके उत्कृष्ट प्रयासों और आईएसपीएमए और आईटी मंत्रालय के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए अपना हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूँ।’’ कार्यक्रम के बाद ‘प्रॉडक्ट मैनेजमेंट इन द एज ऑफ एआई’ विषय पर प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता के तौर पर सपना ग्रोवर, पार्टनर डायरेक्टर, प्रॉडक्ट मैनेजर, माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, ‘‘डीआरडीओ से लेकर स्टार्टअप, पेगासिस्टम्स और अब माइक्रोसॉफ्ट तक की यात्रा करने वाले एक प्रॉडक्ट मेकर के रूप में, मैंने एआई की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। एआई अर्थव्यवस्था प्रभावशाली गति से बढ़ रही है और सभी क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ा रही है। जनरेटिव एआई केवल एक चर्चा का विषय नहीं है; यह लोगों के जीवन पर गहराई से असर डाल रहा है। और वास्तविक मूल्य पैदा कर रहा है। हालांकि फंडिंग में सामान्य गिरावट के बावजूद एआई स्टार्टअप में निवेश बढ़ता जा रहा है। हर कंपनी अपने उत्पादों में एआई को एकीकृत कर रही है, स्थानीय और विविध समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही है। एक प्रॉडक्ट मैनेजर के रूप में, मैं ग्राहकों की ज़रूरतों, व्यावसायिक लक्ष्यों और तकनीकी समाधानों को संतुलित करते हुए अपनी भूमिका को मिनी सीईओ के रूप में देखती हूँ। मेरा मानना है कि एआई को जिम्मेदारी से अपनाना एक सकारात्मक और समावेशी समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है, जो हमें वास्तव में महत्वपूर्ण चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करने और इनोवेशन की अगली लहर को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है।’’इसके अलावा, मुख्य अतिथि प्रो. एस. सदा गोपाल (आईएसपीएमए इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष) ने "स्टार्टअप्स के लिए सॉफ़्टवेयर प्रबंधन के अनिवार्य तत्व: दृष्टि से कार्यान्वयन तक" शीर्षक से एक कार्यशाला का संचालन किया। उन्होंने यह रेखांकित किया कि सॉफ़्टवेयर केवल एक उपकरण नहीं है; यह हमारे भविष्य की बुनियाद है। जब हम नवाचार को अपनाते हैं और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हैं, तो हमारे पास हर उद्योग को बदलने, ऐसे स्टार्टअप स्थापित करने और भविष्य को बेहतर बनाने की क्षमता है, जो कल के नेताओं को सशक्त बनाने वाले संस्थानों के माध्यम से संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि आईआईएम संबलपुर देश में अंतरराष्ट्रीय सॉफ़्टवेयर उत्पाद प्रबंधन संघ (आईएसपीएमए) का छात्र अध्याय स्थापित करने वाला पहला संस्थान बन गया है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले जैसे अन्य संस्थानों के साथ है। इसके बाद ‘ब्रिजिंग रियल एंड वर्चुअल- स्ट्रैटेजीज फॉर सीमलेस डिजिटल इंटीग्रेशन’ थीम पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें हाईरेडियस के सीनियर डायरेक्टर राहुल सिंह बाबू, वेसाहेड ग्लोबल के चेयरमैन और एमडी रूपम भट्टाचार्य, उत्पन की एंटरप्रेन्योर अंकिता परिहार, बीएफएसआई की प्रॉडक्ट लीड श्रीमोई भट्टाचार्य, सर्विस नाउ के डायरेक्टर सरजा कुमार पांडा और एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट और जोनल हैड-ईस्ट श्रेष्ठा साहनी ने अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन ‘पर्सपेक्टिव- टास्कमास्टर टू ट्रेलब्लेज़र’ सत्र के साथ हुआ, जिसमें वेंकी महादेवन, स्वतंत्र निदेशक (बोर्ड सदस्य), फेलो-ब्रिटिश कंप्यूटर सोसाइटी, फेलो-आईएसपीएमए; दीपक एचपी, डायरेक्टर ऑफ प्रॉडक्ट मैनेजमेंट, एसएपी लैब्स; नीरव पालन, प्रॉडक्ट मैनेजर, आईसीआईसीआई बैंक; डॉ. ग्रेगरी डन (डीन - हरि शंकर सिंघानिया स्कूल ऑफ बिजनेस); और अभिजीत बेंडीगिरी, डायरेक्टर ऑफ प्रॉडक्ट मैनेजमेंट, ओरेकल (मॉडरेटर) ने भाग लिया। इस सत्र में समकालीन मुख्य सूचना अधिकारियों (सीआईओ) की उभरती भूमिका की जांच की गई, क्योंकि वे कार्य-उन्मुख प्रबंधकों से ऐसे नेता बन रहे हैं जो टैक्नोलॉजी से संबंधित परिवर्तन को सुगम बनाते हैं और अपने प्रॉडक्ट्स मंे इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 9, 2024
भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करती है झंडेवाली मां
नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के टूरिस्ट प्लेस हो या कोई धार्मिक जगह, पूरी दुनिया में यहां की हर एक जगह फेमस है। देश- दुनिया से लोग राजधानी दिल्ली के इतिहास को जानने के लिए घूमने आते हैं। दिल्ली एक ऐसा शहर, जहां हर त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में यहां नवरात्रि का त्योहार भी काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बता दें, दिल्ली में माता रानी के कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, इन्ही में से एक है राजधानी के करोल बाग के पास स्थित 'झंडेवाला देवी मंदिर'। जिसकी काफी मान्यता है। कहा जाता है, जो भी भक्त माता के दर्शन यहां आते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। राजधानी दिल्ली करोल बाग स्थित झंडेवाला मंदिर झंडेवाली देवी को समर्पित एक सिद्धपीठ है। अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण राज्य सरकार ने माता के इस मंदिर को दिल्ली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में इसे शामिल किया है। बता दें, पूरे साल मंदिर में देश- विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। वहीं नवरात्रों पर पूरे मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है, मंदिर का नजारा देखने लायक होता है। झंडेवाला देवी मंदिर का इतिहास करीब 200 साल पुराना है। आज जिस स्थान पर मंदिर स्थित है उस समय यहां पर अरावली की हरी भरी पहाड़ियां और घने जंगल हुआ करते थे। इस मंदिर में माता की मूर्ति अष्टकोणीय आकार में मौजूद है। यहां एक गुफा भी है, जहां मां के मूल प्रतिमा के दर्शन होते हैं। खुदाई में प्राप्त मूर्ति जिस स्थान पर स्थापित है वह स्थान गुफा वाली माता के नाम से जाना जाता है । खुदाई के दौरान गुफा वाली माता की मूर्ति खंडित हो गई थी, जिसके बाद उनके हाथों के स्थान पर चांदी के हाथ लगाए गए हैं। गए हैं। राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित झंडेवाला मंदिर झंडेवाली देवी को समर्पित एक सिद्धपीठ है । अपने धाार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के कारण राज्य सरकार ने भी दिल्ली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में इसे शामिल किया है । वर्ष भर बिना किसी भेदभाव के लाखों की संख्या में भक़्त लोग देश विदेश से दर्शन करने यहां आते हैं । नवरात्रों में यहां उमडती भक़्तजनों की भीड तो स्वयं में ही दर्शनीय बन जाती है । मंदिर में आने वाला प्रत्येक भक़्त यहां से मानसिक शांति और आनंद की अनुभूति लेकर ही जाता है । प्रत्येक भक़्त को आशीर्वाद के रूप में देवी का प्रसाद मिलता है । झंडेवाला मंदिर का धाार्मिक ही नही ऐतिहासिक महत्व भी है । झंडेवाला मंदिर का इतिहास 18वाीं सदी के उत्तरार्ध से प्रारंभ होता है । आज जिस स्थान पर मंदिर स्थित है उस समय यहां पर अरावली पर्वत श्रॄंखला की हरी भरी पहाडियाँ, घने वन और कलकल करते चश्में बहते थे । अनेक पशु पक्षियों का यह बसेरा था । इस शांत और रमणीय स्थान पर आसपास के निवासी सैर करने आया करते थे । ऐसे ही लोगों में चांदनी चौक के एक प्रसिद्ध कपडा व्यपारी बद्री दास भी थे । बद्री दास धार्मिक वॄत्ति के व्यक्ति थे और वैष्णो देवी के भक़्त थे । वे नियमित रूप से इस पहाडी स्थान पर सैर करने आते थे और ध्यान में लीन हो जाते थे । एक बार ध्यान में लीन बद्री दास को ऐसी अनुभूति हुई कि वही निकट ही एक चश्में के पास स्थित एक गुफा में कोई प्राचीन मंदिर दबा हुआ है । पुनः एक दिन सपने में इसी क्षेत्र में उन्हें एक मंदिर दिखाई पडा और उन्हें लगा की कोई अदृश्य शक्ति उन्हें इस मंदिर को खोज निकालने के लिए प्रेरित कर रही है । इस अनोखी अनुभूति के बाद बद्री दास ने उस स्थान को खोजने में ध्यान लगा दिया और एक दिन स्वप्न में दिखाई दिए झरने के पास खुदाई करते समय गहरी गुफा में एक मूर्ति दिखाई दी । यह एक देवी की मूर्ति थी परंतु खुदाई में मूर्ति के हाथ खंडित हो गए इसलिए उन्होंने खुदाई में प्राप्त मूर्ति को उस के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उसी स्थान पर रहने दिया और ठीक उसके ऊपर देवी की एक नयी मूर्ति स्थापित कर उसकी विधिवत प्राण प्रतिष्ठा करवायी । इस अवसर पर मंदिर के ऊपर एक बहुत बडा ध्वज लगाया गया जो पहाडी पर स्थित होने के कारण दूर - दूर तक दिखाई देता था जिसके कारण कालान्तर में यह मंदिर झंडेवाला मंदिर के नाम से विख्यात हो गया । खुदाई में प्राप्त मूर्ति जिस स्थान पर स्थापित है वह स्थान गुफा वाली माता के नाम से विख्यात हो गया । गुफा वाली देवी जी के खंडित हाथों के स्थान पर चांदी के हाथ लगाये गये और इस मूर्ति की पूजा भी पूर्ण विधि विधान से की जाने लगी । वही पर खुदाई में प्राप्त एक चट्टान के ऊपर बने शिवलिंग को भी स्थापित किया गया है जिस पर नाग - नागिन का जोडा उकेरा हुआ है । यह प्राचीन गुफा वाली माता और शिवलिंग भी भक़्तों की श्रद्धा का केंद्र है । इसी गुफा में जगाई गई ज्योतियाँ भी लगभग आठ दशकों से अखंड रूप में जल रही है । मंदिर की स्थापना के साथ ही इस स्थान पर भक़्तों का आना जाना प्रारंभ हो गया और धीरे - धीरे समय के साथ मंदिर का स्वरूप भी बदलता गया । बद्री दास जी ने जोकि अब तक भगत बद्री दास के नाम से विख्यात हो चुके थे, आसपास की जमीनों को मंदिर के विस्तार के लिए खरीद लिया । भगत बद्री दास ने अपना शेष जीवन माँ झंडेवाली की सेवा में ही समर्पित कर दिया । समय बीतने के साथ ही मंदिर का स्वरूप बदलने लगा और धीरे - धीरे हरी भरी अरावली की पहाडियों पर स्थान - स्थान पर भवन इमारतें बनने लगी । भारत विभाजन के समय शरणार्थियों के रूप में राजधानी दिल्ली में आने वाले लोग जहां तहां बस गए जिससे इस स्थान का स्वरूप भी बदल गया । वर्तमान में यह स्थान राजधानी के केंद्र में स्थित अनेक प्रसिद्ध एवं अति व्यस्त व्यापारिक केंद्रो से घिरा हुआ है जिसमें पहाडगंज, करोल बाग, सदर बाजार, झंडेवालान आदि उल्लेखनीय हैं । भगत बद्री दास जी के स्वर्गवास के पश्चात उनके सुपुत्र श्रीरामजी दास और फिर पौत्र श्याम सुंदर ने मंदिर के दायित्व को संभाला और अनेक विकास कार्य इस स्थान पर करवाये । श्याम सुंदर ने वर्ष 1944 में मंदिर की व्यवस्थाओं और इससे जुडे कार्यक्रमों को सुंदर ढंग से चलाए रखने के लिए एक सोसायटी का गठन कर उसे विधिवत कानूनी स्वरूप प्रदान किया और सोसायटी का नाम बद्री भगत झंडेवाला टेम्पल सोसायटी रखा गया । इस सोसायटी के गठन के बाद झंडेवाला मंदिर का प्रबन्ध, सभी चल अचल संपत्तियाँ और कार्यक्रम इस समिति के अधीन हो गए । वर्तमान में झंडेवाला देवी मंदिर एक सिद्ध धार्मिक प्रतिष्ठान होने के साथ - साथ सामाजिक एवं सेवा कार्यों का एक बहुत बडा संस्थान बन चुका है जिसके अंतर्गत जनहित के अनेक सेवा प्रकल्प चल रहे हैं । वर्ष में दो बार आने वाले नवरात्रों के अतिरिक़्त सभी प्रसिद्ध धार्मिक उत्सवों का आयोजन मंदिर में बहुत विशाल स्तर पर किया जाता है जिसमें लाखों भक़्त सम्मिलित होते हैं । जैसे - जैसे मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या बढती गयी सोसायटी ने अपने भक़्तों के प्रति सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए अनेक सेवा प्रकल्प प्रारंभ किये । विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 9, 2024
धार्मिक लीला कमेटी:चित्रकूट में भारत मिलाप की लीला का मंचन हुआ
नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। धार्मिक लीला कमेटी ने लाल किला मैदान स्थित माधव दास पार्क में रामलीला में चित्रकूट में भरत मिलाप का मंचन कराया। कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता, सचिव प्रदीप शरण और प्रवक्ता रवि जैन ने बताया कि भरत, शत्रुघ्न, माताओं और अयोध्या वासियों के साथ चित्रकूट पहुंचते हैं। भरत राम से अयोध्या लौटने का आग्रह करते हैं, लेकिन राम अपने वचन का पालन करते हुए मना कर देते हैं। अंततः भरत, राम की चरण पादुकाएं लेकर अयोध्या लौटते हैं और पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर राजकाज संभालते हैं। इसके बाद राम, लक्ष्मण और सीता पंचवटी की ओर प्रस्थान करते हैं। वहां सूर्पणखा राम से विवाह का प्रस्ताव रखती है, जिसे राम विनम्रता से अस्वीकार कर लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। लक्ष्मण सूर्पणखा के दुष्ट व्यवहार से परेशान होकर उसकी नाक काट देते हैं। अपमानित सूर्पणखा अपने भाइयों खर और दूषण से सहायता मांगती है, जो राम पर आक्रमण करते हैं। राम युद्ध में खर-दूषण और उनके राक्षसों का वध करते हैं। सूर्पणखा अपनी अपमान की कथा लेकर रावण के पास जाती है, जो सीता का हरण करने की योजना बनाता है। मारीच स्वर्ण मृग का रूप धारण कर पंचवटी में आता है। सीता उसे देखकर मुग्ध हो जाती हैं और राम से उसे लाने का आग्रह करती हैं। राम, लक्ष्मण को सीता की सुरक्षा में छोड़कर मृग का पीछा करते हैं। मारीच राम की आवाज में "हे लक्ष्मण!" पुकारता है। लक्ष्मण कुटिया के बाहर लक्ष्मण रेखा खींचकर राम की सहायता के लिए जाते हैं, तभी रावण साधु का वेश धरकर सीता का हरण कर लेता है। धार्मिक लीला माधव दास पार्क में विदेशी गणमान्य व्यक्ति लाल किला मैदान में महामहिम एच डिलम मॉरीशस के उच्चायुक्त ,महामहिम डॉ. सुरेंद्र थापा सीडीए - नेपाल दूतावास, महामहिम जगन्नाथ सामी फिजी के उच्चायुक्त ,महामहिम अरुणकोएमर हार्डियन सूरीनाम के राजदूत, केन्या के उच्चायुक्त ,रूस का दूतावास ,महामहिम डॉ माजिन अल मसूद अरब लीग स्टेट्स मिशन के राजदूत , लेसोथो का दूतावास ,महामहिम गैनबोल्ड दंबजाव मंगोलिया के राजदूत,महामहिम क्षेनुका श्रीलंका के उच्चायुक्त एवं महामहिम के एल गंजू कोमोरोस के महावाणिज्य दूत रामलीला देखने के लिए आए तथा भगवान श्री राम की जीवन लीला को देखकर काफी प्रभावित हुए। इस अवसर पर सभी विदेशी मेहमानों को स्मृति चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया गया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 9, 2024
भारत मोबाइल कांग्रेस 'एस्पायर' स्टार्ट-अप कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का अनावरण करने के लिए तैयार
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत मोबाइल कांग्रेस 2024 'एस्पायर' स्टार्ट-अप कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का अनावरण करने के लिए 900 से अधिक स्टार्ट-अप आईएमसी के फ्लैगशिप प्रोग्राम 'एस्पायर' के साथ 5 जी उपयोग के मामलों, एआई, डीप टेक, इलेक्ट्रॉनिक्स, एंटरप्राइज़, ग्रीन टेक, उद्योग पर प्रदर्शन और चर्चाओं के लिए 4.0, सुरक्षा, अर्धचालक, स्मार्ट गतिशीलता, स्थायित्व, और दूरसंचार उपकरण अन्य लोगों के बीच इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2024 दृष्टिकोण के रूप में, आईएमसी ने आज की छाप के दूसरे संस्करण की घोषणा की, फ्लैगशिप स्टार्ट- पिछले संस्करण में पेश किया गया कार्यक्रम। कार्यक्रम पिछले साल एक सफलता थी जिसमें 400 से अधिक स्टार्टअप शामिल थे और प्रौद्योगिकी में विभिन्न क्षेत्रों में अपने नवाचारों को प्रदर्शित करते थे। भारत का आठवां संस्करण मोबाइल कांग्रेस 15 -18 अक्टूबर से नई दिल्ली में प्रगति मैदान में होने वाली है, जो दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (कोई) द्वारा सह-होस्ट किया गया है। एस्पायर के आगामी संस्करण के लिए, आईएमसी ने उत्कृष्टता इंडिया (टीसीओई), दूरसंचार उपकरण और सेवाओं के निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) और टाई दिल्ली-एनसीआर के दूरसंचार केंद्रों के साथ साझेदारी की है, 900 से अधिक स्टार्टअप के साथ 900 से अधिक स्टार्टअप प्रदर्शित होने और चर्चा करने में भाग लेने की उम्मीद है 5 जी उपयोग के मामलों, एआई, दीप टेक, इलेक्ट्रॉनिक्स, एंटरप्राइज़, ग्रीन टेक, उद्योग 4.0, सुरक्षा, अर्धचालक, स्मार्ट गतिशीलता, स्थायित्व और दूरसंचार उपकरण सहित श्रेणियां। इनमें से 400 से अधिक स्टार्टअप से एआई और गहरे तकनीक की आवश्यकता और महत्व का प्रदर्शन करने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम स्टार्टअप संस्थापकों, कीनोट्स और पैनल चर्चाओं के साथ फायरसाइड चैट भी होस्ट करेगा जहां सफल यूनिकॉर्न संस्थापक उद्यमिता पर अपनी व्यक्तिगत कहानियां, अंतर्दृष्टि और मूल्यवान सलाह साझा करेंगे। कार्यक्रम की प्रमुख हाइलाइट्स में डिट्सा और टीसीओई द्वारा 5 जी और 6 जी हैकथॉन शामिल होंगे, जिसमें शुरुआती चरणों के लिए निवेश अंतर्दृष्टि, अंतरराष्ट्रीय बाजार के अवसरों पर पूंजीकरण, आपकी डिजिटल संपत्तियों की रक्षा करने के लिए दिलचस्प विषयों पर चर्चाएं शामिल होंगी। पिछले साल की सफलता की कहानियों पर निर्माण, एस्पायर भी एसटीपीआई लीप के दूसरे संस्करण और निवेशक स्पीड डेटिंग सत्र के दूसरे संस्करण को भी देखेगा। एस्पायर के माध्यम से, आईएमसी का लक्ष्य लगभग 200 निवेशकों के साथ 500 से अधिक एक-से-एक बैठकें सक्षम करना है। यह आयोजन समर्पित नेटवर्किंग अवसरों की सुविधा प्रदान करता है, जिसमें 1: 1 निवेशक और उद्योग सलाहकार नेटवर्किंग जोन 40-50 से अधिक सलाहकार शामिल हैं, जहां स्टार्टअप संस्थापक व्यक्तिगत बातचीत में संलग्न हो सकते हैं और अपने क्षेत्रों में अनुभवी सलाहकारों से विशेषज्ञ प्रतिक्रिया की तलाश कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पांच मास्टर क्लास सत्र भी एआई, क्लाउड, सुरक्षा जैसे विषयों के आसपास और 21 से अधिक स्टार्टअप के साथ लाइव पिच सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जो निवेशकों को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप के लिए एक मंच प्रदान करने में मदद करेंगे। इनके साथ, रिवर्स पिचिंग निवेशकों, इनक्यूबेटर और त्वरक को खुद को पेश करने की अनुमति देगी, संस्थापकों को उनके उद्यम के लिए सबसे उपयुक्त फिट का चयन करने में मदद मिलेगी। एस्पायर प्रोग्राम का पहला संस्करण एक बड़ी सफलता थी, जहां नयन टेक, पार्कमेट और वाइसिसिव नामक तीन स्टार्टअप का चयन किए गए छः पिचों में से, निवेश को वित्त पोषित करने के लिए आगे चुना गया था। इसके अतिरिक्त, आईएमसी विभिन्न श्रेणियों में नवाचारों को प्रदर्शित करने वाले स्टार्टअप स्टालों के माध्यम से मार्गदर्शन करने के लिए एंजेल सहयोगी पर्यटन की मेजबानी करेगा। आईएमसी आईएमसी पारिस्थितिक तंत्र के भीतर अपने बड़े पैमाने पर दृश्यता प्रसार के लिए 50 चयन स्टार्टअप के साथ भी सहयोग करेगा। भारत के सीईओ रामकृष्ण पी। मोबाइल कांग्रेस ने कहा। भारतीय अर्थव्यवस्था के चमकते कवच के भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिक तंत्र ने देश की प्रतिष्ठा को आश्चर्यजनक नवाचारों और क्षेत्रों में योगदान के माध्यम से वैश्विक मोर्चे और योगदान के माध्यम से बढ़ाया है। भारत अब 1.28 लाख से अधिक स्टार्टअप दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत मोबाइल कांग्रेस 2024 में मौजूद एक समृद्ध दूरसंचार पारिस्थितिक तंत्र के साथ, अपने विशाल वैश्विक उपस्थिति और प्रदर्शक आधार के साथ, इस स्टार्टअप के लिए निर्बाध बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए आकांक्षा एक प्रमुख मंच होगा। अब, यह उद्योग, अकादमिक और सरकार के लिए पारिस्थितिक तंत्र की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने और एक सतत अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सहयोग करने का अवसर है। " आईएमसी 2024 में भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र से मौजूद कुछ प्रमुख निवेशकों में इयान अल्फा फंड, ट्राइफेक्टा कैपिटल, आपकी वेंचर वेंचर कैपिटल, टाइटन कैपिटल, सीफंड, रे कैपिटल, मेरेट वेंचर्स, जुलाई वेंचर्स, जिओगनेट (आरआईएल वेंचर्स), इन्फ्लेक्सर वेंचर्स, आईसीआईसीआई वेंचर, इयान अल्फा फंड, फाद कैपिटल, चंडीगढ़ एन्जिल्स नेटवर्क, एंथिल वेंचर्स, अंकुरित कैपिटल, एनीक्युट कैपिटल, एडवांटेज संस्थापक, 3 लाइन वीसी और अन्य। इस साल का आईएमसी 6 जी, 5 जी उपयोग-केस शोकेस, क्लाउड एंड एज कंप्यूटिंग, आईओटी, अर्धचालक, साइबर सुरक्षा, हरी तकनीक, सैटॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर स्पॉटलाइट के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी और परिपत्र अर्थव्यवस्था जैसे विषयों को भी उजागर करेगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 8, 2024
हरियाणा में कांग्रेस को हुड्डा-सैलजा की गुटबाजी ले डूबी
हरियाणा, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत पा लिया है। वर्तमान स्थिति के आधार पर कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारणों की चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के पीछे जो सबसे प्रमुख वजह सामने आ रही हैं, उनमें से एक राज्य में पार्टी के चेहरे पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के बीच के मतभेद भी हैं। *हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा सीएम पद के दावेदार की रेस में थे* हरियाणा में कुमारी शैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा दोनों ही सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं। यही वजह है कि दोनों नेताओं के बीच खटपट की खबरें अक्सर सुर्खियां बनती रही हैं। भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा के प्रमुख जाट नेता हैं और बीते कई वर्षों से वह हरियाणा में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भूपेंद्र हुड्डा का चेहरा ही आगे था, लेकिन उसमें कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार हरियाणा में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में भूपेंद्र हुड्डा शामिल तो हैं, लेकिन पार्टी ने अन्य नेता भी सीएम पद की रेस में बने हुए हैं, और इनमें सबसे प्रमुख चेहरा कुमारी शैलजा का है। कुमारी शैलजा हरियाणा में दलित राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं। साथ ही वह पांच बार सांसद रह चुकी हैं और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। *चुनाव प्रचार के दौरान ही दोनों की खटपट की खबरें बनीं थी सुर्खियां* कुमारी शैलजा ने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे संकेत दिए थे कि उनका नाम उन नेताओं में शामिल हैं, जिनके नाम पर पार्टी आलाकमान सीएम पद के लिए विचार कर सकता है। मतगणना से पहले कुमारी शैलजा ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात भी की थी। वहीं कुमारी शैलजा के सीएम पद पर दावे को लेकर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था 'लोकतंत्र में हर किसी का सीएम पद पर अधिकार है, लेकिन सीएम चुने जाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें विधायक अपना विचार देते हैं। उसके बाद पार्टी आलाकमान तय करता है।' *पार्टी आलाकमान की एकजुटता कराने की कोशिश भी हुई बेकार* चुनाव के दौरान भी हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिली थी। पार्टी आलाकमान को भी इसकी खबर थी, यही वजह है कि राहुल गांधी की एक रैली में जब भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा मंच पर मौजूद थे तो राहुल गांधी ने दोनों के हाथ एक साथ उठाकर मतदाताओं के बीच एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की थी। कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी को देखते हुए पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने तो चुनाव प्रचार के दौरान कुमारी शैलजा को भाजपा में शामिल होने का ऑफर तक दे दिया था। खट्टर ने कहा था कि कांग्रेस में दलितों का अपमान हुआ है और शैलजा को अपशब्दों का सामना करना पड़ा है। अब वे घर बैठी हैं। यदि शैलजा बीजेपी में आती हैं तो वे उनके स्वागत के लिए तैयार हैं। अब तक के रुझानों से स्पष्ट है कि कांग्रेस को गुटबाजी भारी पड़ी है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 8, 2024
4 महीने, 16000 सभाएं, हरियाणा में आरएसएस ने बदल दिया पूरा गेम
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा विधानसभा चुनाव का रिजल्ट ने सभी पूर्व अनुमानों और एक्जिट पोल को झुठला दिया है यहां भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन रही है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी, जिस वजह से यह विधानसभा का चुनाव उनके लिए नाक की लड़ाई बन गई थी. हरियाणा में हुए इस चमत्कार के पीछे यदि देखा जाए तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बहुत बड़ी भूमिका रही है। *जमीनी स्तर पर काम कर रहा था संघ* भारतीय जनता पार्टी हरियाणा को अगर स्पष्ट बहुमत मिला है तो इसके पीछे आरएसएस की कड़ी मेहनत हैं. आरएसएस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के तमाम दिग्गज ताबड़तोड़ रैली कर लोगों को संबोधित कर रहे थे तो वहीं आरएसएस जमीनी स्तर पर काम कर रही थी. *आरएसएस ने की 16000 सभाएं* पिछले चार महीनों में आरएसएस ने हरियाणा में 16 हजार छोटी-छोटी सभाएं की, जिसने गैर-जाट मतदाताओं को जीतने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए इस बार आरएसएस ने अपने पारंपरिक तरीके से काम शुरू शुरू किया था. इस बार संघ के कार्यकर्ता लोगों के घर-घर जाने के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के बारे में लोगों को बता रही थी. आरएसएस उन तमाम सीटों का दौरा किया, जहां बीजेपी कमजोर नजर आ रही थी. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आरएसएस के बीच कई बैठकें भी हुई थीं, जिसमें उम्मीदवारों के चयन से लेकर बूथ स्तर के प्रबंधन पर चर्चा हुई थी. आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को हिंदू समाज से एकजुट होकर आपस में मतभेद और विवाद मिटाने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि हिंदू समाज को भाषा, जाति और प्रांत के मतभेद और विवाद मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 8, 2024
एम्स और फॉरेंसिंक विश्वविद्यालय नए कोर्स शुरू करेंगे
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। एम्स दिल्ली और राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय मिलकर एमएससी और पीचडी के कुछ नए पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है। इस संबंध में एम्स दिल्ली और राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय के बीच शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। एम्स की प्रोफेसर डॉक्टर रीमा दादा ने बताया कि दोनों संस्थान मिलकर फॉरेंसिक नर्सिंग, क्लीनिकल साइकोलॉजी जैसे क्षेत्रों में एमएससी और पीएचडी के पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए समझौता हुआ है। इसके अलावा एम्स की नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय जाकर प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे। एल्टीट्यूड मेडिसिन का कोर्स शुरू होगा। एम्स दिल्ली अपने संस्थान में पाठ्यक्रमों में विविधता लाने के लिए देश के कई संस्थानों के साथ मिलकर पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है। इससे पहले एम्स ने भारतीय सेना के साथ पहाड़ों पर होने वाली एल्टीट्यूड सिकनेस के लिए भी एमडी पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया था। डॉक्टरों ने बताया कि अधिक ऊंचाई पर चढ़ने या वहां रहने से बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें तीव्र पर्वतीय बीमारी जैसे दिमाग और फेफड़े से जुड़े गंभीर रोग हो सकते हैं। पाठ्यक्रम में इसी से संबंधित पढ़ाई की जाएगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 8, 2024
रोबोट पहुंचाएगा दवा, संक्रमण होगा कम; रोबोटिक इंवेंटरी सिस्टम लगाने पर काम कर रहा एम्स
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की मदद से चिकित्सा सुविधा में बदलाव ला रहा एम्स अब रोबोट से दवा पहुंचाएगा। इसके लिए एम्स ने स्टोर में दवाओं के भंडारण, वितरण और प्रबंधन के लिए स्वचालित रोबोटिक इंवेंटरी सिस्टम लगाने का फैसला लिया है। उम्मीद है कि 1 साल में यह सुविधा शुरू हो सकती है। दावा किया जा रहा है कि यह देश का पहला सरकारी संस्थान है जहां इस तरह की सुविधा होगी। हालांकि, इससे पहले दक्षिण भारत के कुछ निजी अस्पतालों में ऐसी सुविधा उपलब्ध होने की बात सामने आई है। सुविधा शुरू होने के बाद इसकी मदद से वार्ड में मरीजों को दवा आसानी से पहुंचाई जा सकेगी। मिली जानकारी के मुताबिक, एम्स के न्यू प्राइवेट वार्ड-तीन के बेसमेंट में दवा स्टोर विकसित कर स्वचालित रोबोटिक इंवेंटरी सिस्टम लगाया जाना है। यह पूरी प्रक्रिया एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर सिस्टम से लिंक होगी। इसमें रोबोटिक लिफ्ट होंगे जो स्टोर में दवा को रखने और वार्डों में दवा की मांग की आपूर्ति करने का काम करेगी। इस रोबोटिक सिस्टम की मदद से रोजाना करीब ढाई सौ ऑर्डर को पूरा किया जा सकेगा। दवा स्टोर व वार्ड में नर्सिंग स्टेशन पर एक डैशबोर्ड भी होगा। जहां दवा के स्टॉक, दवा की मांग, दवा जारी होने व दवा की लंबित मांग की जानकारी रियल टाइम में प्रदर्शित होगी। बता दें कि एम्स में केंद्रों के पास अपना अलग-अलग दवा का स्टोर है। इसे सेंट्रलाइज करने की दिशा में काम किया जा रहा है। ऐसी सूचना मिली है कि कार्डियक न्यूरो सेंटर (सीएनसी) व कई ब्लॉक के वार्ड में रोबोटिक सिस्टम व कंवेयर बेल्ट के जरिये दवा पहुंचाई जाएगी। इसे मिली जानकारी के मुताबिक यह पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा। इससे दवा देने को लेकर कोई गलती होने की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।बता दें कि एम्स में करीब 3000 बिस्तरों की सुविधा है यहां हमेशा मरीज बिस्तर खाली रहने के अभाव में वेटिंग पर रहते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 8, 2024