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तारीख, जगह और एक खास कार्यक्रम; 'मोदी सरकार की हुई वापसी तो इस बार शपथ ग्रहण होगा खास

नई दिल्ली, 05 जून 2024  (यूटीएन)। नतीजों से पहले ही दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हो रही है। वहीं यह खबर सामने आ रही है कि एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित बीजेपी नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के अलावा एक बड़े राजनीतिक कार्यक्रम की योजना बना रही है। यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में इस वीकेंड आयोजित हो सकता है। यह 'राजनीतिक कार्यक्रम' आधिकारिक शपथ ग्रहण के दिन ही भारत मंडपम या कर्तव्य पथ पर आयोजित होने की संभावना है। इसे 'भारत की सांस्कृतिक विरासत' के प्रदर्शन के रूप में आयोजित करने की तैयारी है जिसमें संभवतः साउंड और लाइट शो भी शामिल होगा। इसमें विदेशी सरकारों के प्रतिनिधियों सहित 8 से 10 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है।   एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन यह 9 जून को हो सकता है। 2019 में, सरकार ने परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद 30 मई को शपथ ली। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'राजनीतिक कार्यक्रम' पर चर्चा की गई है साथ ही 'बड़ी सभा' की मेजबानी की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई, खास तौर पर मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए। पार्टी नेता ने कहा, 'माना जाता है कि इस कार्यक्रम पर वरिष्ठ नेतृत्व ने चर्चा की है और रामलीला मैदान, लाल किला से लेकर भारत मंडपम और यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर तक कई जगहों को विकल्प के तौर पर चुना गया है।   गर्मी को देखते हुए यह कार्यक्रम भारत मंडपम या यशोभूमि में आयोजित किए जाने की संभावना है। भारत मंडपम पिछले साल सफल जी20 शिखर सम्मेलन और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन स्थल था। 4 जून यानी कल होने वाली मतगणना से पहले राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से 28 मई को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के लिए सजावटी इनडोर और सजावटी पौधों को लेकर टेंडर जारी किया जा चुका है। यह टेंडर आज खुलेगा और ठेकेदार के पास ऑर्डर पूरा करने के लिए पांच दिन का समय होगा। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पिछले सप्ताह ही शुरू हो गई थीं। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) इस आयोजन पर 'पहले से ही काम कर रहा है। वहीं लोकसभा सचिवालय देशभर से नवनिर्वाचित सांसदों की यात्रा, हवाईअड्डे और रेलवे स्टेशनों पर उनके आगमन और राजधानी में उनके ठहरने की सुविधा के लिए तैयारियां कर रहा है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 5, 2024

मतगणना से पहले विपक्ष ने उठाया पोस्टल बैलेट पर सवाल तो चुनाव आयोग ने बता दिया पूरा कानून

नई दिल्ली, 05 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती शुरू होने में कम समय बचा है। वोटों की गिनती से पहले विपक्षी धड़े वाले इंडिया गठबंधन ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। इंडिया गठबंधन की तरफ से पोस्टल बैलेट की गिनती से जुड़ा मुद्दा चुनाव आयोग के समक्ष रखा गया। निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 4 जून को ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ के नतीजों से पहले डाक मत पत्रों की गिनती कर उनके परिणाम घोषित किए जाएं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्वाचन आयोग को मतगणना प्रक्रिया पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करना चाहिए और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इस पर चुनाव आयोग की तरफ से सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की तरफ से जवाब दिया गया।   पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होगी   मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पोस्टल बैलेट की जो स्कीम है उसका रूल है 54ए जिसे 1954 में लाया गया था। उस समय में बहुत अधिक पोस्टल बैलेट नहीं होते थे। पोस्टल बैलेट में सीनियर सिटीजन नहीं, विक्लांग लोग शामिल नहीं थे। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ रही है। समग्र चुनाव के लिए यह जरूरी है कि हम इस सुविधा को बढ़ाएं। राजीव कुमार ने कहा कि पत्रकारों के लिए भी पोस्टल बैलेट की सुविधा दी गई। जरूरी सेवा वालों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रूल है वो स्पष्ट रूप से कहता है कि पोस्टल बैलेट की गणना पहले होगी। इसलिए पूरे देश में सभी केंद्रों पर इसकी गणना पहले ही होगी। इस बारे में कोई शंका नहीं है। इसके आधे घंटे के बाद ईवीएम की काउंटिंग शुरू होगी। उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में भी यही हुआ। उसके बाद हुए विधानसभा के चुनाव और यहां तक कि रविवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के चुनाव में भी यही हुआ।   यह प्रक्रिया 70 साल से चल रही है   कुमार ने रविवार को आयोग से मुलाकात करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे सात दशकों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं। कुमार ने कहा कि कुछ मांग बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई थीं। हमनें उनकी सभी मांगें मान लीं। उन्होंने संकेत दिया कि बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दे चुनाव नियमावली का हिस्सा थे। कुमार ने कहा कि यह प्रक्रिया 70 सालों से चल रही है। हमने हर निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं। ये हमारे आदेश हैं और ये कोई मजाक नहीं है... सभी को हैंडबुक/नियमावली का पालन करने का निर्देश दिया गया है।   64.2 करोड़ लोगों ने वोट डाल बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड   मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल और डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान तथा सुरक्षा कर्मी शामिल रहे। जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ- कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत वोटिंग हुई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 5, 2024

मेरे भीतर असीम ऊर्जा अगले 25 साल देश को समर्पित करे जनता; कन्याकुमारी प्रवास के बाद प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 05 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 की राजनीतिक व्यस्तताओं के बाद आध्यात्मिक यात्रा पर तमिलनाडु के कन्याकुमारी में प्रवास किया। विवेकानंद मेमोरियल में 45 घंटे के ध्यान के बाद प्रधानमंत्री ने भारत के भावी विकास और देश की वास्तविक ताकत का उल्लेख करते हुए खास संदेश दिया है। पीएम मोदी ने कहा, हमें प्राचीन मूल्यों को आधुनिक स्वरूप में अपनाकर विरासतों को आधुनिक ढंग से दोबारा परिभाषित करना होगा। उन्होंने कहा, हमें पुरानी पड़ चुकी सोच और मान्यताओं का परिमार्जन करना होगा। समाज को पेशेवर निराशावादियों के दबाव से बाहर निकालने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नकारात्मकता से मुक्ति सफलता की सिद्धि तक पहुंचने की पहली जड़ी-बूटी है। सफलता सकारात्मकता की गोद में ही पलती है। इस संदेश के साथ उन्होंने देशवासियों से अगले 25 वर्ष केवल और केवल राष्ट्र के लिए समर्पित करने का आह्वान भी किया।   स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा........   प्रधानमंत्री ने कहा, 'मेरे मन में विरक्ति का भाव और तीव्र हो गया...मेरा मन बाह्य जगत से पूरी तरह अलिप्त हो गया। इतने बड़े दायित्वों के बीच ऐसी साधना कठिन होती है, पर कन्याकुमारी की भूमि और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा ने इसे सहज बना दिया। मैं सांसद के तौर पर अपना चुनाव भी काशी के मतदाताओं के चरणों में छोड़कर यहां आया था। इस विरक्ति के बीच, शांति और नीरवता के बीच, मेरे मन में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, भारत के लक्ष्यों के लिए निरंतर विचार उमड़ रहे थे।   कन्याकुमारी में भारत का वैचारिक संगम; समुद्रों में मिलती हैं देश की पवित्र नदियां.......   पीएम मोदी ने कहा, कन्याकुमारी का यह स्थान हमेशा से मेरे मन के अत्यंत करीब रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी...यह हर देशवासी के अंतर्मन में रची-बसी हमारी साझी पहचान है। कन्याकुमारी संगमों के संगम की धरती है। हमारे देश की पवित्र नदियां अलग-अलग समुद्रों में जाकर मिलती हैं और यहां उन समुद्रों का संगम होता है। और यहां एक और महान संगम दिखता है-भारत का वैचारिक संगम! यहां विवेकानंद शिला स्मारक के साथ ही संत तिरुवल्लूवर की विशाल प्रतिमा, गांधी मंडपम और कामराजर मणि मंडपम हैं।    भारत की ताकत एक अवसर है..........   एक जून को कन्याकुमारी से दिल्ली लौटते समय शाम 4.15 बजे से सात बजे के बीच नोट लिखा। उन्होंने इसकी शुरुआत में लिखा, 'कन्याकुमारी में तीन दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा के बाद मैं अभी दिल्ली के विमान में सवार हुआ हूं। बकौल प्रधानमंत्री मोदी, 'आज के वैश्विक परिदृश्य में, एक युवा राष्ट्र के रूप में भारत की ताकत एक अवसर है, ऐसे समय में हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।   भारत का गवर्नेंस मॉडल दुनिया के कई देशों के लिए मिसाल............   तीन दिवसीय ध्यान के दौरान अपने विचारों के बारे में बताते हुए पीएम ने लिखा, 'वैराग्य, शांति और मौन के बीच, मेरा मन निरंतर भारत के उज्ज्वल भविष्य के बारे में, भारत के लक्ष्यों के बारे में सोच रहा था।' उन्होंने कहा कि भारत हजारों वर्षों से विचारों का उद्गम स्थल रहा है। हमने जो अर्जित किया उसे कभी निजी संपत्ति नहीं माना। हमने इसे कभी आर्थिक या भौतिक मापदंडों से नहीं मापा, इसलिए 'इदं न मम' यानी यह मेरा नहीं है, भारत के चरित्र का अंतर्निहित और स्वाभाविक हिस्सा बन चुका है। भारत का गवर्नेंस मॉडल दुनिया के कई देशों के लिए मिसाल बन चुका है।   ध्यान की अवस्था में पहुंचते ही राजनीति और बाहरी दुनिया से अलगाव की भावना महसूस हुई.........   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का विकास पथ हमें गौरवान्वित करता है। साथ ही 140 करोड़ नागरिकों को यह जिम्मेदारियों की याद भी दिलाता है। उन्होंने कहा कि हमें एक भी पल बर्बाद किए बिना अधिक कर्तव्यों और बड़े लक्ष्यों की तरफ बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें नए ख्वाब देखने होंगे, इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सपने को जीना शुरू करना होगा।   आध्यात्मिक अनुभव का जिक्र कर बोले प्रधानमंत्री,राजनीतिक बहस शून्य में विलीन........   प्रधानमंत्री ने अपने लेख में लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम दौर में मतदान का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव अमृत काल का पहला चुनाव है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा के बाद जब मैं अभी-अभी दिल्ली के लिए विमान में सवार हुआ हूं। पूरे दिन काशी और अन्य सीटों पर मतदान की चर्चा रही। उन्होंने अपने आध्यात्मिक अनुभव का जिक्र करते हुए कहा, जैसे ही वे ध्यान की अवस्था में पहुंचे, सभी गरमागरम राजनीतिक बहसें, जवाबी हमले और आरोप-प्रत्यारोप शून्य में विलीन हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें बाहरी दुनिया से अलगाव की भावना महसूस हुई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 5, 2024

लापता जेंटलमेन' के सवाल पर बोले चुनाव आयुक्त हम हमेशा यहीं थे

नई दिल्ली, 04 जून 2024  (यूटीएन)। चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। ऐसा पहली बार है जब जब इलेक्शन बीत जाने के बाद बाद चुनाव आयोग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा इस बार का चुनाव कई मायनों में खास रहा। कई मामलों में नए रिकॉर्ड बने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब हमने इलेक्शन में 100 प्रेस नोट जारी किए। राजीव कुमार ने कहा कि हमने 4 एम की बात की थी। किसी भी नेता के मुंह से कोई ऐसी बात न निकले जिससे महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचे। इसका पूरा ध्यान रखा गया और किसी ने ऐसा किया तो सख्त एक्शन लिया। 31 करोड़ महिला वोटर्स हैं, यह आंकड़ा दुनिया में सबसे अधिक है। हमें इन महिला मतदाताओं का खड़े होकर सम्मान करना चाहिए। निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा 'लापता जेंटलमेन' नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा नहीं बचा जिसका हेलीकॉप्टर चेक न हुआ हो। यह संदेश था कि जो टीम काम कर रही है वह डरेगी नहीं। इसका नतीजा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान नकदी, मुफ्त उपहारों, मादक पदार्थ और शराब समेत 10,000 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की गयी जबकि 2019 में 3,500 करोड़ रुपये की जब्ती की गयी थी। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए करीब चार लाख वाहनों, 135 विशेष ट्रेनों और 1,692 उड़ानों का इस्तेमाल किया गया।   कई दलों के प्रतिनिधिमंडलों द्वारा उठाए सभी मुद्दों को हल किया गया। इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की 495 शिकायतों में से 90 प्रतिशत से अधिक का निस्तारण किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सभी विकास कार्य रुक जाते थे, निर्वाचन आयोग ने 95-98 फीसदी परियोजनाओं में अर्जियां मिलने के 48 घंटे के भीतर अनुमति दी। 2024 के आम चुनाव में केवल 39 पुन: मतदान हुए जबकि 2019 में 540 पुन: मतदान कराए गए थे जम्मू कश्मीर में चार दशकों में सर्वाधिक 58.58 प्रतिशत मतदान और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।   भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यह बात कही। राजीव कुमार ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल और डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान तथा सुरक्षा कर्मी शामिल रहे। लोकसभा चुनाव सात चरण में आयोजित किए गए थे, जो 19 अप्रैल से शुरू हुए थे और एक जून को संपन्न हुए।   ऐसा पहली बार है जब चुनाव आयोग ने मतदान समाप्त होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इससे पहले रविवार दिन में विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इन दिशानिर्देशों में, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के नतीजों से पहले डाक मत पत्रों के परिणामों की घोषणा करना भी शामिल है। आयोग से मुलाकात करने वाले नेताओं में कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी भी शामिल थे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 4, 2024

यह एग्जिट पोल नहीं, बल्कि मोदी पोल है: राहुल गांधी

नई दिल्ली, 03 जून 2024  (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल में तीसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान है। एग्जिट पोल के आंकड़ों को इंडिया ब्लॉक के नेता ने मानने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने एग्जिट पोल के नतीजों को एक मनोवैज्ञानिक खेल बताया। इन्हीं सब को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आज एक बैठक की। बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने इस दौरान सिद्धू मूसेवाला के एक गाने की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि यह मोदी मीडिया पोल है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों के साथ बैठक की।    बैठक में कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'ये एग्जिट पोल झूठे हैं। इंडिया गठबंधन को 295 सीटों से कम सीटें नहीं मिलने जा रही हैं। ये एग्जिट पोल फर्जी हैं क्योंकि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मनोवैज्ञानिक खेल खेल रहे हैं।  विपक्षी दलों, चुनाव आयोग, मतगणना एजेंटों, रिटर्निंग अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा माहौल बना रहे हैं कि वे वापस आ रहे हैं लेकिन वास्तविकता पूरी तरह से अलग है।   राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, 'यह एग्जिट पोल नहीं है। यह मोदी मीडिया पोल है। यह मोदी जी का पोल है। उनका फैंटेसी पोल है।' इंडिया अलायंस के लिए सीटों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, 'क्या आपने सिद्धू मूसे वाला का गाना 295 सुना है? 295।' एग्जिट पोल पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, 'हमें विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में दो तिहाई सीटें जीतेगी। इस देश के लोग बदलाव चाहते हैं।   सभी कार्यकर्ता आश्वस्त हैं और मुझे नहीं लगता कि हम कर्नाटक में हारने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल पर गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, 'पहले भाजपा कहती थी कि हम सभी 26 सीटें पांच लाख वोटों के अंतर से जीतेंगे, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कह रहे हैं। 12 सीटों पर हम भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं और कांग्रेस 4-5 सीटें जीतेगी।   पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, 'सभी सर्वेक्षणों में कांग्रेस पार्टी को सात से नौ सीटें दी गई हैं। हम नौ सीटों पर आगे हैं, एक सीट आप के खाते में जाएगी और तीन सीटें ऐसे उम्मीदवारों को मिलेंगी जो किसी भी तरह से एनडीए या पीएम मोदी की मदद नहीं करेंगे। मेरा मानना है कि इंडिया गठबंधन को कम से कम 10 सीटें मिलेंगी... पंजाब में एनडीए को एक भी सीट नहीं मिलने जा रही है।    राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, 'राजस्थान में इंडिया गठबंधन 11-12 सीटें जीतने जा रहा है और आठ सीटों पर एक करीबी मुकाबला है। वे (एनडीए) राज्य में सात सीटों तक सीमित हैं। हमें किसी भी कीमत पर भाजपा से एक सीट ज्यादा मिलने वाली है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 3, 2024

शैक्षणिक वर्ष 24-25 के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने जारी की यूजी एडमिशन पॉलिसी

नई दिल्ली, 01 जून 2024  (यूटीएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 24--25 के लिए अपनी स्नातक (यूजी) एडमिशन पॉलिसी लॉन्च कर दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूजी एडमिशन पोर्टल “कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस)” की लॉन्चिंग के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक दाखिलों के पहले फेस की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और एनसीवेब के लिए भी दाखिला पॉलिसी जारी की गई। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीयू रजिस्ट्रार डॉ.विकास गुप्ता ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र से सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए भी अब सभी कॉलेजों एवं विभागों की प्रत्येक कक्षा में एक--एक सीट आरक्षित रखी जाएगी ।  गौरतलब है कि पिछले वर्ष डीयू ने देश में पहली बार अनाथ विद्यार्थियों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की थी। प्रैस कॉन्फ्रेंस के पश्चात डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. बलराम पाणी ने लैपटॉप पर बटन दबा कर सीएसएएस पोर्टल की विधिवत लांचिंग की। इस अवसर पर बुलेटिन ऑफ इन्फॉर्मेशन भी जारी किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीयू दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो और डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी भी उपस्थित रहे।  रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता ने बताया कि सीयूईटी स्कोर के आधार पर स्नातक कक्षाओं में लगभग 71 हजार सीटों पर कुल 79 प्रोग्रामों में दाखिले किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 69 कॉलेजों/ विभागों के बीए प्रोग्रामों में कुल 183 कंबिनेशन उपलब्ध हैं। रजिस्ट्रार ने यह बताया कि सीयूईटी रिजल्ट घोषित होने के बाद सीएसएएस के दूसरे फेज की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि एसओएल के लिए 3 जून से दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी जबकि “नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब)” के लिए दाखिला प्रक्रिया आज से ही शुरू हो रही है।   डॉ गुप्ता ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर अब तक की जानकारी साझा करते हुए बताया कि पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) प्रोग्रामों, बीटेक और पांच वर्षीय लॉ इंटीग्रेटेड प्रोग्रामों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 25 अप्रैल से शुरू की गई थी। इन प्रोग्रामों की पहली आवंटन सूची 20 जून तक जारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि 27 मई तक हुए पंजीकरणों के अनुसार पीजी में 80,346, बीटेक में 9052 और पांच वर्षीय लॉ इंटीग्रेटेड प्रोग्रामों में 7362 पंजीकरण हो चुके हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने यूजी एडमिशन और सीएसएएस के बारे में तथा एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने एसओएल के दाखिलों के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।    *दो चरणों में होगा सीएसएएस (यूजी) पंजीकरण* डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएसएएस (यूजी) पंजीकरण दो चरणों में बांटा गया है। पहला चरण, 28 मई से शुरू हो गया है। यह एक सरल पंजीकरण प्रक्रिया है जिसमें प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को अपने व्यक्तिगत विवरण और बारहवीं कक्षा में प्राप्त शैक्षणिक अंक भरने होंगे। सीयूईटी(यूजी)--2024 सीएसएएस(यूजी)-- 2024 में आवेदन करने के लिए आवेदन संख्या अनिवार्य होगी। उम्मीदवार का नाम, हस्ताक्षर और फोटो सीयूईटी (यूजी) - 2024 पोर्टल से स्वतः एकीकृत हो जाएगा। ये फ़ील्ड गैर-संपादन योग्य होंगे। उम्मीदवार की एक सक्रिय ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर दर्ज करने का प्रावधान होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय से सभी संचार केवल सीएसएएस-2024 आवेदन पत्र में प्रस्तुत ईमेल आईडी पर किए जाएंगे। उसके पश्चात उम्मीदवार को अपना व्यक्तिगत विवरण जैसे कि माता-पिता का नाम, श्रेणी / उपश्रेणी / जाति / अधिसंख्य कोटा, लिंग आदि भरना होगा। एक बार भरा गया ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण नहीं बदला जाएगा। इसलिए उम्मीदवारों को ये विवरण भरते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।   शैक्षणिक अनुभाग में, उम्मीदवारों को अपनी बारहवीं कक्षा में प्राप्त अंकों का विवरण भरना होगा। जिन छात्रों ने सीबीएसई से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है, उनके लिए मार्कशीट उनके डिजीलॉकर के माध्यम से ऑटो-एकीकृत हो जाएगी। इसके बाद, उम्मीदवार अतिरिक्त श्रेणी, यदि कोई हो, का चयन करेंगे और अंत में पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने के लिए आगे बढ़ेंगे। यूआर, ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए पंजीकरण शुल्क 250/- रुपये है, जबकि यह रु. एससी/एसटी/ और पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों के लिए 100 रुपए है। इस प्रक्रिया से सीएसएएस (यूजी) 2024 का पहला चरण पूरा होगा। सीएसएएस (यूजी) प्रक्रिया का दूसरा चरण सीयूईटी (यूजी) परिणामों की घोषणा के साथ शुरू होगा। दूसरे चरण में भाग लेने के लिए, उम्मीदवारों को अपने सीएसएएस डैशबोर्ड पर लॉग इन करना होगा और वरीयता भरने का कार्य पूरा करना होगा। दूसरे चरण में, उम्मीदवारों को बारहवीं कक्षा में उनके द्वारा पढ़े गए विषयों को उन विषयों से जोड़ना होगा जिनमें वे सीयूईटी (यूजी) में उपस्थित हुए हैं।   दिल्ली विश्वविद्यालय केवल उन्हीं सीयूईटी भाषा/डोमेन पेपरों पर विचार करेगा जो उम्मीदवार द्वारा बारहवीं कक्षा में पढ़े गए विषय के समान/समान हों। उम्मीदवार द्वारा प्रदान की गई विषय मैपिंग और कार्यक्रम-विशिष्ट पात्रता आवश्यकताओं के आधार पर, उम्मीदवार प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अपने संचयी अंक देख पाएंगे जो वे प्रवेश के लिए पात्र हैं। विश्वविद्यालय उम्मीदवारों के योग्यता अंकों की गणना के लिए एनटीए द्वारा प्रदान किए गए अंकों पर विचार करेगा। सीएसएएस प्रवेश नीतियों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार को सलाह दी जाती है कि वह अधिकतम संख्या में कार्यक्रम/ कॉलेजों का चयन करें। विश्वविद्यालय उम्मीदवारों को प्राथमिकताएँ भरने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगा। हालांकि, अंतिम समय की जल्दबाजी से बचने के लिए उम्मीदवारों को उन कार्यक्रमों और कॉलेजों को शॉर्टलिस्ट करना शुरू कर देना चाहिए जिनमें वे रुचि रखते हैं।   सबमिट करने से पहले, उम्मीदवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्राथमिकताओं का क्रम उसकी पसंद के अनुसार है। वरीयता-भरने के चरण की समय सीमा के बाद कार्यक्रम + कॉलेज संयोजन वरीयता सूची को संपादित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, यानी, उम्मीदवार अपनी प्राथमिकताओं के क्रम को नहीं बदल सकता है या कोई और कार्यक्रम/कार्यक्रम और/या कॉलेज/जोड़/हटा नहीं सकता है। सीएसएएस नीति के अनुसार, विश्वविद्यालय उस समय उपलब्ध डेटा के आधार पर वरीयता-भरने के चरण के समापन पर एक सिम्युलेटेड रैंक की भी घोषणा करेगा। उम्मीदवार सिम्युलेटेड रैंक के आधार पर अपनी प्राथमिकताओं को फिर से जोड़/हटा/पुनः व्यवस्थित कर सकते हैं।    उन्होंने यह भी बताया है कि एक बार किसी विशेष दौर में सीट आवंटित हो जाने के बाद, उम्मीदवार को दिए गए आवंटन दौर के लिए निर्दिष्ट अंतिम तिथि/समय से पहले आवंटित सीट को 'स्वीकार' करना होगा। किसी विशेष आवंटित सीट की स्वीकृति का प्रावधान केवल उस दौर के लिए मान्य होगा जिसमें सीट उम्मीदवार को आवंटित की गई थी। निष्क्रियता/कोई कार्रवाई न करने को आवंटित सीट की गैर-स्वीकृति के रूप में माना जाएगा। यदि किसी उम्मीदवार को किसी विशेष दौर में कई सीटों की पेशकश की जाती है, तो उसे "स्वीकार" करना होगा और केवल एक आवंटित सीट पर प्रवेश लेना होगा। एक बार जब उम्मीदवार अंतिम रूप से आवंटित सीट को "स्वीकार" कर लेता है, तो संबंधित कॉलेज उम्मीदवार द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों की पात्रता और वैधता की जांच करेगा। कॉलेज दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और अपनी मंजूरी देगा।   अनुमोदन प्राप्त होने पर, उम्मीदवारों को निर्धारित समय के भीतर प्रवेश शुल्क का भुगतान करना होगा। विश्वविद्यालय ने यह भी जानकारी दी है कि प्रत्येक आवंटन दौर के समापन के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों में प्रत्येक कार्यक्रम में रिक्त सीटों का विवरण प्रकाशित करेगा। सभी प्रवेशित उम्मीदवारों के पास इस स्तर पर "अपग्रेड" या "फ्रिज" चुनने का विकल्प होगा। जिन अभ्यर्थियों ने अपना प्रवेश सुरक्षित कर लिया है, वे उन प्राथमिकताओं को पुनः क्रमित करने में सक्षम होंगे जो उस प्राथमिकता से अधिक हैं जिसमें उन्होंने प्रवेश लिया है। जो उम्मीदवार 'अपग्रेड' का विकल्प चुनते हैं, उन्हें उनके द्वारा प्रस्तुत उच्च प्राथमिकता पर अपग्रेड करने पर विचार किया जाएगा। अपग्रेड होने वाले उम्मीदवार को अपग्रेड की गई सीट को 'स्वीकार' करना होगा और अपग्रेड की गई आवंटित सीट पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी। एक उम्मीदवार जिसने आवंटित सीट पर प्रवेश ले लिया है और इसे जारी रखना चाहता है, उसे अपने डैशबोर्ड के माध्यम से 'फ्रीज' अनुरोध प्रस्तुत करना चाहिए। 'फ्रिज' का चयन करने पर, ऐसे उम्मीदवार को कभी भी "अपग्रेडेशन" का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं दी जाएगी।     *मिड एंट्री प्रावधान* विश्वविद्यालय ने उन उम्मीदवारों को समायोजित करने का भी प्रावधान किया है जो निर्धारित पंजीकरण अवधि के भीतर खुद को पंजीकृत करने में विफल रहते हैं। मिड एंट्री प्रावधान के तहत विश्वविद्यालय उन उम्मीदवारों को अवसर देने के लिए एक मिड एंट्री चरण खोलेगा जो सीएसएएस (यूजी)-2024 के लिए आवेदन करने में असफल रहे और सीएसएएस (यूजी)--2024 में भाग लेने के इच्छुक हैं। ऐसा उम्मीदवार 1000 रुपये (गैर-वापसी योग्य) के शुल्क का भुगतान करके मिड एंट्री में प्रवेश कर सकता है। हालाँकि, मिड एंट्री वालों को प्रारंभिक आवेदन चरण के दौरान सीएसएएस (यूजी) -2024 के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आवंटित सीटों पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं होगा।   नियमित सीएसएएस (यूजी)-2024 राउंड पूरे करने के बाद, यदि सीटें खाली रहती हैं तो विश्वविद्यालय प्रवेश के स्पॉट राउंड की घोषणा कर सकता है। इष्टतम सीट आवंटन प्राप्त करने के लिए और ड्रॉप आउट के कारण सीटें खाली होने की स्थिति से बचने के लिए, आवंटन के पहले दौर में सभी कॉलेज में सभी प्रोग्रामों के लिए यूआर, ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस श्रेणियों में 20% और एससी, एसटी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 30% अतिरिक्त आवंटन में किया जाएगा। हालांकि, जिन कॉलेजों में पिछले साल निकासी स्वीकृत सीटों के 5% से कम थी वहाँ यूआर/ ओबीसी -एनसीएल/ ईडब्ल्यूएस के लिए 10% और एससी/ एसटी/ पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 15% अतिरिक्त आवंटन किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइट को देखते रहें। सीएसएएस एकमात्र ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए सभी कॉलेजों में सभी प्रोग्रामों में प्रवेश दिया जाएगा। विश्वविद्यालय केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मान्यता देगा जिन्हें विश्वविद्यालय की सामान्य सीट आवंटन प्रणाली के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।   *यूजी में ईसीए और स्पोर्ट्स और अन्य सुपरन्यूमैरेरी कोटा में प्रवेश* दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत 26 गेम्स/स्पोर्ट्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत 14 श्रेणियों (एनएसएस और एनसीसी सहित) की पहचान की है। विश्वविद्यालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कॉलेज की कुल स्वीकृत संख्या का 5% ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए आवंटित किया जाएगा। कॉलेज ईसीए और स्पोर्ट्स के लिए 1% से 4% के बीच आवंटन कर सकता है, जो कॉलेज में अधिकतम 5% प्रवेश के अधीन है। इसके अलावा, किसी भी कार्यक्रम के लिए कोटा की निर्धारित सीटों में से 20% से अधिक सीटें आवंटित नहीं की जाएंगी। उदाहरण के लिए , मान लें कि एक कॉलेज की क्षमता 1000 है, तो 50 सीटें कॉलेज के ईसीए और स्पोर्ट्स  सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए होंगी। यदि कॉलेज खेल को 3% और ईसीए को 2% देने का निर्णय लेता है, तो खेल के लिए 30 सीटें और ईसीए के लिए 20 सीटें निर्धारित की जा सकती हैं।   ऐसे मामले में, किसी विशेष कार्यक्रम में खेल कोटा के लिए 6 से अधिक सीटें आवंटित नहीं की जा सकतीं; इसी तरह, एक कार्यक्रम में ईसीए कोटा के लिए 4 से अधिक सीटें आवंटित नहीं की जा सकती हैं। विश्वविद्यालय का यह भी कहना है कि स्पोर्ट्स  सुपरन्यूमैरेरी कोटा के आधार पर प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार अधिकतम तीन खेलों के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें केवल 01 मई 2021 से 30 अप्रैल 2024 के बीच जारी पिछले तीन (03) वर्षों के अधिकतम तीन मेरिट/भागीदारी खेल प्रमाणपत्रों की स्व-सत्यापित प्रतियां अपलोड करनी होंगी। इसी प्रकार, ईसीए  सुपरन्यूमैरेरी कोटा के आधार पर प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार अधिकतम तीन ईसीए श्रेणियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।   प्रत्येक ईसीए श्रेणी के लिए जिसमें उम्मीदवार आवेदन कर रहा है, उसे केवल 01 मई 2021 से 30 अप्रैल 2024 के बीच जारी किए गए पिछले तीन (03) वर्षों के अधिकतम सर्वश्रेष्ठ पांच (05) स्व-सत्यापित प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे। ईसीए और स्पोर्ट्स  सुपरन्यूमैरेरी कोटा में प्रवेश के लिए, संयुक्त ईसीए मेरिट (सीईएम) और संयुक्त स्पोर्ट्स मेरिट (सीएसएम) सीट आवंटन का आधार होंगे। ईसीए/स्पोर्ट्स  सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए आवेदन करने पर प्रत्येक के लिए 100/- रुपये का अतिरिक्त शुल्क (गैर-वापसी योग्य) होगा। ईसीए और खेल के अलावा, विश्वविद्यालय ने कुछ अन्य अतिरिक्त कोटा भी निर्धारित किए हैं। इनमें बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति (पीडब्ल्यूबीडी, सशस्त्र बलों (सीडब्ल्यू) के कार्मिकों के बच्चे/विधवाएं), कश्मीरी प्रवासी (केएम), जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस), सिक्किम के छात्रों के लिए सीटों का नामांकन और अनाथ शामिल हैं।    *एसओएल और एनसीवेब में प्रवेश प्रक्रिया* विश्वविद्यालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया है कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) के स्नातक प्रोग्रामों में प्रवेश के लिए सीयूईटी की बाध्यता नहीं है। इन संस्थानों में प्रवेश बारहवीं कक्षा में प्राप्त अंकों की योग्यता के आधार पर होता है। प्रो. पायल मागो ने बताया कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के 8 पीजी प्रोग्रामों और 9 यूजी प्रोग्रामों सहित पीजी डिप्लोमा इन आटोमेटेड एंड डिजिटल लाइब्रेरी मैनेजमेंट में प्रवेश 3 जून से शुरू हो रहा है।   उन्होंने बताया कि सीयूईटी की घोषणा के बाद प्रवेश लेने वाले उम्मीदवारों को किसी भी कठिनाई से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि एसओएल उन उम्मीदवारों की पूरी फीस वापस कर देगा, जो विश्वविद्यालय के प्रवेश बंद होने की अंतिम तिथि से पहले अपना प्रवेश वापस ले लेंगे। इसके लिए मात्र 500 रुपए ही प्रशासनिक शुल्क के रूप में फीस से काटे जाएंगे। गौरतलब है कि एनसीवेब स्नातक कार्यक्रम पेश करता है जहां दिल्ली एनसीटी की छात्राएं ही आवेदन कर सकती हैं। एनसीवेब के दो स्नातक कार्यक्रम बी.ए. और बी.कॉम. में दिल्ली विश्वविद्यालय के 26 संबद्ध कॉलेजों में लगभग 15,000 सीटें हैं।    *एडमिशन सपोर्ट सिस्टम करेगा भावी विद्यार्थियों की सहायता* भावी विद्यार्थियों की मदद के लिए विश्वविद्यालय ने एक एडमिशन सपोर्ट सिस्टम भी स्थापित किया है।  इस पर सूचना के बुलेटिन, दृश्य पात्रता को दर्शाने वाले इन्फोग्राफिक्स और फ़्लोचार्ट एवं वीडियो, वेबिनार और फॉर्म भरने की वीडियो रिकॉर्डिंग आदि जैसे जानकारी सभी प्रारूपों में उपलब्ध है। चैट बोट्स और ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन सपोर्ट प्रदान की जा रही है। स्नातक प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए उम्मीदवार पर, स्नातकोत्तर प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए पर और पीएचडी प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए ईमेल पर लिख सकते हैं। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध है। उम्मीदवारों के लिए प्रवेश शाखा में हेल्पडेस्क की सुविधा भी स्थापित की गई है। वे जो चाहें, किसी भी मदद के लिए कॉल कर सकते हैं।    *शिकायतों का होगा निपटारा* विश्वविद्यालय प्रवेश से संबंधित शिकायतों को संभालने और उनके हल के आसान और कुशल तरीके के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करने की भी योजना बना रहा है। प्रवेश शाखा ने यह भी घोषणा की है कि वे एक श्रृंखला आयोजित करेंगे जिसमें सीएसएएस फॉर्म भरने, सही प्रमाण पत्र/दस्तावेज़ अपलोड करने, आरक्षण नीतियों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित पहलुओं को शामिल किया जाएगा जिन्हें उम्मीदवारों को कार्यक्रम चुनने से पहले ध्यान में रखना चाहिए।    *भावी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह* दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा सभी भावी विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश से संबंधित सभी अपडेट, प्रोग्राम और दिशा निर्देशों के लिए नियमित रूप से विश्वविद्यालय की एडमिशन वेबसाइट और उनके डैशबोर्ड की जाँच करते रहें। आवंटित सीट को स्वीकार करने, प्रवेश शुल्क का भुगतान करने और कॉलेज द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने में विफल रहने पर आवंटित सीट को अस्वीकार कर दिया जाएगा। उम्मीदवारों को सतर्क रहना चाहिए और केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए। सभी प्रामाणिक सूचनाओं, घोषणाओं और प्रोग्रामों के लिए उम्मीदवारों को केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही जाना चाहिए।  फोरम ऑफ एकेडमिक्स फार सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शैक्षिक सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को जो जानकारी दी है उसका स्वागत किया है साथ ही यह चिंता भी व्यक्त की है कि हर साल आरक्षित वर्ग की सीटें खाली रह जाती है ।   उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि दाखिला प्रक्रिया शुरू करने से पहलेे कॉलेजों से अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति ,अन्य पिछडा वर्ग , पीड़ब्ल्यूड़ी की कितनी सीटें बनती है उनकी सीटों का ब्यौरा विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजें , साथ ही कॉलेज़ अपनी वेबसाइट पर भी डाले ताकि पता चल सके कि आरक्षित वर्गों की कितनी सीटें है । उन्होंने यह भी मांग की है कि कॉलेज यह भी वेबसाइट पर जारी करें कि गत वर्ष कॉलेज़ ने इन वर्गों का कोटा कितना भरा था ।     डॉ. हंसराज सुमन यह विश्वविद्यालय यह भी मांग की है कि आरक्षिट वर्गो के दाखिला प्रक्रिया को देखने के लिए अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति दाखिला समिति व ग्रीवेन्स कमेटी भी गठित की जाए । इस कमेटी में कॉलेजों के शिक्षकों को रखा जाए । कमेटी को यह पावर दी जाए कि वह हर वर्गो  की सीटों को भरवाने में मदद करें । उन्होंने विश्वविद्यालय से यह भी मांग की है कॉलेजों में बनने वाली हर कमेटी का बोर्ड बनाकर सूचना पट पर लगवाया जाए व कमेटी के सदस्यों की सूची वेबसाईट पर भी जारी की जाए । इसके अलावा आरक्षित वर्ग के छात्रों के जाति प्रमाण पत्र संबंधित जानकारी को भी वेबसाईट्स पर सूचित करे । उनका यह भी कहना है कि हर साल अक्टूबर / नवंबर तक दाखिला प्रक्रिया चलती है जिसके कारण पहले सैमेस्टर में ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते इसलिए विश्वविद्यालय को एक समय सीमा के अंदर दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 1, 2024

अरविंद केजरीवाल को बहुत गंभीर बीमारी है - झूठ बोलने की बीमारी :वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली, 01 जून 2024  (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज अरविंद केजरीवाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हां अरविंद केजरीवाल को बहुत गंभीर बीमारी है झूठ बोलने की गंभीर बीमारी। जितने टेस्ट उन्होंने कहा है उसमें सिर्फ एक टेस्ट है जिसके लिए रात की फास्टिंग चाहिए और अन्य बाकी सभी टेस्ट आधे दिन में खत्म हो जाएंगे और शाम तक उसके रिजल्ट आ जाएंगे। बीमारीयों का बहाना बनाकर झूठी सहानुभूति लेना यह उनके स्वभाव में है और इसे दिल्ली एवं पंजाब की जनता समझ चुकी है।    वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अगर इतने ही बीमार थे तो आखिर वह राजनीतिक पर्यटन और चुनावी प्रचार में क्यों गए थे और यूरीन में जिस कीटोन बढ़ने की बात केजरीवाल कह रहे हैं दरअसल वह गर्मी एवं पानी कम पीने  के कारण होता है तो ऐसा लगता है कि वह खुद बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं ताकि मेडिकल बोर्ड में अपनी बीमारी को दिखा सके। उन्होंने कहा कि कोर्ट अपना काम कर रहा है और वहां भी मेडिकल टीम है जो इनको चेक करेगी।    दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल को शर्म होनी चाहिए कि उन्होंने दिल्ली को लूटने का काम किया है, उन्हें शर्म होनी चाहिए कि उन्होंने दिल्ली को शराब नगरी बनाने के काम किया है और उन्हें शर्म होनी चाहिए कि उन्होंने शराब की काली कमाई की दलाली खाई है, अस्पतालों में नकली दवाइयां दी है, मोहल्ला क्लीनिक में नकली और फर्जी टेस्ट करा कर उसके पैसे खाए हैं, शिक्षा क्रांति के नाम पर उन्होंने कमरे बनाने में भी चोरी की, दिल्ली जल बोर्ड को लूट और पैनिक बटन घोटाला किया इसकी भी केजरीवाल को शर्म होना चाहिए।   वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल की सरकार पानी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार खा चुकी है और दिल्ली में 24 घंटे पानी देने वाले केजरीवाल बताए कि आखिर आज दिल्ली की जनता सड़कों पर पानी के लिए भाग रहे हैं तो उसका कसूरवार कौन है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की जनता से पैसा लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों टैंकर माफियाओं के साथ भ्रष्टाचार कर रहे हैं।    भाजपा द्वारा जनता की आवाज को उठाने पर मंत्री अतिशि की आपत्ति करना चौंकने वाला है; प्रवीण शंकर कपूर   दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली सरकार की मंत्री मिस अतिशि द्वारा अपनी निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के कारण उत्पन्न कृत्रिम पानी की कमी के खिलाफ भाजपा को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए कड़ी निंदा की है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता ने कहा है कि मिस अतिशि को यह पता होना चाहिए कि मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में जनता के मुद्दों को उठाने का दिल्ली भाजपा का कर्तव्य है और कृत्रिम पानी की कमी और बिजली की कटौती दो ऐसे मुद्दे हैं।   कपूर ने कहा है कि मिस अतिशि भाजपा को पानी की कमी पर प्रदर्शन करने के लिए आलोचना कर रही हैं, लेकिन उनकी खुद की पार्टी "आप" ने आज भाजपा मुख्यालय पर दो बार प्रदर्शन की घोषणा की, लेकिन अंत में वे प्रदर्शन रद्द करने पर मजबूर हो गईं क्योंकि प्रदर्शन के लिए मुठ्ठी भर कार्यकर्ता भी नही जुटा पाई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 1, 2024

कल्कि 2898 एडी की 6-टन वाली बुज्जी कार पूरे भारत में नेशनल टूर पर निकली

नई दिल्ली, 01 जून 2024  (यूटीएन)। क्या आपको वह रोमांचक क्षण याद है जब भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार प्रभास ने बुज्जी नामक भविष्य के तीन पहियों वाले वाहन में भव्य प्रवेश किया था? वह सिर्फ आगामी फिल्म कल्कि 2898 एडी  का एक दृश्य नहीं था  यह बुज्जी के लिए एक राष्ट्रव्यापी यात्रा की शुरुआत थी। बुज्जी, भारतीय इंजीनियरिंग का एक नमूना, 6 टन का इलेक्ट्रिक दिग्गज है जो सुर्खियां बटोर रहा है। हाल ही में, बुज्जी को चेन्नई की सड़कों पर घूमते हुए देखा गया, जिससे प्रशंसक आश्चर्यचकित रह गए, लेकिन चेन्नई सिर्फ पहला पड़ाव है।   यह नवोन्वेषी वाहन राष्ट्रव्यापी दौरे पर निकल रहा है, जिसके यात्रा कार्यक्रम में अगला स्थान मुंबई और दिल्ली का है। इसके बाद यह बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, आगरा, कानपुर, विजाग और विजयवाड़ा सहित शहरों को कवर करेगा।   राष्ट्रव्यापी दौरा प्रशंसकों को इस आश्चर्य को करीब से अनुभव करने का मौका देता है, जिससे कल्कि 2898 एडी  के लिए उत्साह और बढ़ जाता है। बुज्जी सिर्फ एक भविष्योन्मुखी वाहन नहीं है; यह महान रचना का 5वां नायक है। प्रशंसकों को फिल्म की दुनिया का स्वाद चखाने के लिए, निर्माताओं ने एक विचित्र एनिमेटेड प्रस्तावना, B&B: बुज्जी और भैरवा जारी की। प्राइम वीडियो पर 31 मई को रिलीज़ हुई यह 2-एपिसोड श्रृंखला दर्शकों को भैरव और उसके साथी, बुज्जी से परिचित कराती है।   उत्साह की बात करें तो, फिल्म में कई शानदार कलाकार हैं जिनमें अमिताभ बच्चन, कमल हासन, प्रभास, दीपिका पादुकोण और दिशा पटानी शामिल हैं। नाग अश्विन द्वारा निर्देशित, फिल्म एक डिस्टॉपियन भविष्य पर आधारित एक दृश्य तमाशा का वादा करती है। कल्कि 2898 एडी किसी अन्य फिल्म से अलग एक सिनेमाई अनुभव बनने के लिए तैयार है। अपने कैलेंडर चिह्नित करें - बुज्जी का दौरा जल्द ही आपके शहर में शुरू हो सकता है, और फिल्म 27 जून को दुनिया भर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।

Ujjwal Times News

Jun 1, 2024

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोबेशन काल में महिला शिक्षिकाओं को मिलेगा मातृत्व अवकाश

नई दिल्ली, 01 जून 2024  (यूटीएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार ने  सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यो , संस्थानों के निदेशक को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि जो कॉलेज /संस्थान प्रोबेशन अवधि के विस्तार की स्थिति के संबंध में स्पष्टीकरण मांग रहे हैं  जिन महिलाओं को उनके प्रोबेशन अवधि के दौरान मातृत्व अवकाश दिया गया है । बता दें कि हाल ही में विभिन्न विभागों / कॉलेजों में स्थायी हुई सहायक प्रोफेसर के पदों पर महिला शिक्षिकाओं द्वारा प्रोबेशन अवधि के दौरान मातृत्व अवकाश लेने को लेकर कॉलेजों व विश्वविद्यालय के बीच पत्राचार चल रहा था जिसे विश्वविद्यालय ने सर्कुलर जारी कर विराम लगा दिया है और कहा है कि मातृत्व अवकाश में प्रोबेशन अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा , मातृत्व अवकाश के समय प्रोबेशन अवधि के समय को भी सर्विस में जोड़ा जाएगा तथा प्रमोशन के समय वह अवधि जुड़ेगी ।   फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने महिला शिक्षिकाओं को प्रोबेशन अवधि में दिया जा रहा मातृत्व अवकाश पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय का यह स्वागत योग्य कदम है । फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि  विश्वविद्यालय द्वारा जारी कॉलेजों को सर्कुलर में कहा गया है कि दो से कम जीवित बच्चों वाली स्थायी महिला शिक्षिका और गैर -शिक्षण कर्मचारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर 180 दिनों से अधिक की अवधि के लिए पूर्ण वेतन पर मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है । यह भी स्पष्ट किया है कि पूरे कैरियर में दो बार इसका लाभ दिया जाएगा । साथ ही इस संबंध में निर्धारित नियमों के अनुसार छुट्टी खाते से डेबिट नहीं किया जाएगा । उन्होंने बताया है कि विश्वविद्यालय ने सर्कुलर में  कहा है कि प्रोबेशन के दौरान मातृत्व अवकाश प्राप्त शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान किया जा सकता है इसलिए प्रोबेशन अवधि के विस्तार का सवाल ही नहीं उठता , यदि वह सफलता पूर्वक प्रोबेशन अवधि पूरी कर लेती है ।   डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एक दशक बाद विभागों / कॉलेजों में लगभग 4600 स्थायी सहायक प्रोफेसर शिक्षकों की नियुक्ति हुई है । इन नियुक्तियों में अधिकतर महिला शिक्षिकाओं की हुई है । स्थायी नियुक्ति के पश्चात कुछ महिला शिक्षिकाओं की ओर से मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया तो उनकी छुट्टी को प्रोबेशन अवधि में न जोड़े जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय में शिकायत की थी । महिला शिक्षिकाओं की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए उसके उत्तर में डीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार (कॉलेजिज ) ने कॉलेज प्राचार्यो , संस्थानों , निदेशक को सर्कुलर जारी कर कहा है कि स्थायी महिला शिक्षिकाओं के लिए प्रोबेशन के दौरान मातृत्व अवकाश का समय प्रोबेशन अवधि में जुड़ेगा ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 1, 2024

मिस्टर एंड मिसेज माही: कमजोर कहानी पर भारी पड़ी राजकुमार-जाह्नवी की जोड़ी

नई दिल्ली, 01 जून 2024  (यूटीएन)। इमोशन, प्यार, तकरार... और बहुत कुछ, राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर की केमिस्ट्री आपको पसंद आने वाली है. फिल्म अच्छी है, कहानी भी ठीक है, सभी की एक्टिंग भी जबरदस्त है... बस नया कुछ नहीं है. बॉलीवुड के दो टैलेंटेड स्टार राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर एक बार फिर बड़े पर्दे पर साथ नजर आ रहे हैं. दोनों की फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. एक बार फिर फिल्ममेकर करण जौहर ने जाह्नवी पर भरोसा जताया है. अब देखना ये होगा कि जाह्नवी करण की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती हैं. शरण शर्मा के निर्देशन में बनी यह एक रोमांटिक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है, जिसे एक बार सिनेमाघरों में देखना तो बनता है.   मेरा बेटा बड़ा होकर इंजीनियर बनेगा...मेरी बेटी पढ़-लिखकर डॉक्टर बनेगी.' अक्सर आपने पेरेंट्स को अपने बच्चों से ये कहते सुना ही होगा. कुछ बच्चे अपने पेरेंट्स के सपनों को ही अपना सपना बनाकर उसके लिए मेहनत करने लगते हैं. तो कुछ बच्चे इस लीक से हटकर अपना सपना बुनने की कोशिश करते हैं. कभी-कभी इन सपनों को बुनते हुए वो मंजिल पा जाते हैं. तो वहीं कई इस कोशिश में फेल हो जाते हैं और निराशा मे अपना जीवन बिताते हुए नकारा कहलाते हैं. लेकिन कई बार इंसान इस निराशा में भी अपनी खुशी खोज ही लेता है, जो नहीं खोज पाता वो 'मिसेज माही का मिस्टर माही' बन जाता है. राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर स्टारर 'मिस्टर एंड मिसेज माही' ऐसी ही एक कहानी है. आइये आपको बताते हैं कैसी है 'मिस्टर एंड मिसेज माही' फिल्म, जिसे डायरेक्ट किया है शरण शर्मा ने. उन्होंने ही इसे निखिल मेहरोत्रा के साथ मिलकर लिखा भी है.   अब कहानी की बात की जाए, तो इसमें कुछ नयापन देखने को नहीं मिलता. इसलिए यह कह पाना कि यह फिल्म आप लोगों को काफी पसंद आएगी फिर भी एक्टिंग के साथ-साथ डायरेक्शन की वजह से आप इसे एक बार तो देख ही सकते हैं. बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म का क्या असर पड़ने वाला है, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिल्म में राजकुमार के साथ जाह्नवी की जोड़ी आपको बेहद पसंद आने वाली है. दोनों की केमिस्ट्री आपका दिल जीत लेगी. मिस्टर एंड मिसेज माही' कहानी है- महेंद्र अग्रवाल (राजकुमार राव) और महिमा अग्रवाल (जाह्नवी कपूर) की. दोनों एक जैसे हैं, माही नाम से लेकर क्रिकेट के लिए अटूट जोश तक, दोनों में बहुत कुछ कॉमन है.    महेंद्र बचपन से क्रिकेटर बनना चाहता था, लेकिन पिता (कुमुद मिश्रा) के दबाव में ज्यादा कोशिश नहीं कर पाया. आखिर में उसे दुकान पर बैठना पड़ा और इज्जत के अभाव में जिंदगी सिर्फ काट रहा है. उसके अंदर एक सनक है किसी भी तरह से स्टार बनने की. वहीं दूसरी तरफ महिमा है, जो बचपन में क्रिकेटर बनना चाहती थी, लेकिन पिता के दबाव में डॉक्टर बन गई.   अब वो सिर्फ क्रिकेट देखकर ही खुश हो जाती है. कैसे इन दो अलग-अलग मगर एक जैसे लोगों की शादी होती है और कैसे इनके अंदर का क्रिकेटर जागकर, फील्ड पर चौकों-छक्कों की बरसात करता है, ये आपको फिल्म देखने पर पता चलेगा. वैसे, फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है, जिससे आपको थोड़ी बोरियत जरूर महसूस होगी, लेकिन सेकंड हाफ आते-आते फिल्म की कहानी अच्छी स्पीड में चलने लगती है. इंटरवल के बाद की कहानी काफी सॉलिड है.   *फिल्म में है इमोशन्स का अंबार* 'मिस्टर एंड मिसेज माही' फिल्म को स्पोर्ट्स-ड्रामा जॉनर में ना डाल कर अगर सिर्फ ड्रामा-ड्रामा कहा जाता तो बेहतर होता. कोई ऐसा इमोशन बचा नहीं, जो इस फिल्म में ना हो. रोमांस, लड़ाई, जलन, गुस्सा, रोना-धोना, धोखा, प्रेरणा, सेलिब्रेशन, मेकर्स ने हर भावना का फिल्म में कूट-कूट कर इस्तेमाल किया है. चाहे पिता का पलभर में बेटे को नकारा साबित करना और उसका सेल्समैन बन जाना हो. या फिर बेटे का खुद को बेस्ट क्रिकेटर मानने से लेकर हारा हुआ महसूस करना, और पत्नी के कंधे पर बंदूक रखकर अपना उल्लू सीधा करना हो. फिर उस पत्नी का खुद के खेल पर भरोसा होने के बाद भी, अपने खेल का सारा दारोमदार पति पर छोड़ देना हो. फिल्म हर पल भावनात्मक उथल-पुथल से जूझती है.    बस जो नहीं दिखता है वो है क्रिकेट का खेल, जिसकी उम्मीद से शायद आप थियेटर जाने की सोचें. इसलिए हमने कहा कि अगर फिल्म को ड्रामा कहा जाता तो बेहतर होता. फिल्म कहीं भी आपको सरप्राइज नहीं करती है, लेकिन अच्छी बात ये है कि जिस ट्रैक से शुरू हुई उससे भटकती भी नहीं है. मिस्टर एंड मिसेज माही को देखने के लिए आपको ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, पर परिवार के साथ एक एंजॉयमेंट तो मिल ही जाएगा. हां, अगर आप हद से ज्यादा सेंसिटिव इंसान हैं तो साथ में रुमाल जरूर रख लीजिएगा.      *एक्टिंग* जाह्नवी कपूर और राजकुमार राव का काम अच्छा है. राजकुमार बेहद सधे हुए लगते हैं, लेकिन जब रोते हैं तो आपको 'लूडो' फिल्म के कबीर सागर की याद दिला जाएंगे. वहीं जाह्ववी जो फिल्म दर फिल्म बेहतर हो रही हैं, उनका हुलिया, डायलॉग डिलीवरी सब 'बवाल' फिल्म से लगते हैं. मन पर छाप छोड़ने वाला काम किया है कुमुद मिश्रा ने. अपने रोल में एकदम फिट कुमुद, कब एक खड़ूस बाप से मौकापरस्त और टॉप के सेल्समैन बन जाते हैं, आपको पता ही नहीं चलेगा. यकीन मानिए, आप उनके कैरेक्टर को गाली दे बैठेंगे कि 'कैसा बाप है यार.' वहीं राजकुमार राव की मां का रोल निभा रहीं जरीना वहाब के ज्यादा सीन नहीं हैं, लेकिन राजकुमार के साथ 5 मिनट के एक वन-टू-वन सीन में उन्होंने जैसे जान ही डाल दी. क्रिकेट कोच के रोल में राजेश शर्मा भी सही आइना दिखा जाते हैं.    *संगीत* संगीत की बात करें तो आदेश श्रीवास्तव, विशाल मिश्रा, तनिष्क बागची निश्चित रूप से आपको सुकून पहुंचाएंगे. कुल मिलाकर कहा जाए तो यह वन टाइम वॉचेबल फिल्म है.   *अंत में* क्रिकेट प्रेमियों को बता दें, 'मिस्टर एंड मिसेज माही' का महेंद्र सिंह धोनी से कोई कनेक्शन नहीं है. मिसेज माही ने बल्ला सिर्फ शॉट मारने के लिए उठाया है. उनका क्रिकेट खेलने से कोई लेना देना नहीं है. हां वो शॉट्स मारने के पोज करते हुए अच्छी लगी हैं. फिल्म में गाने ज्यादा नहीं हैं लेकिन जितने हैं वो सूटेबल हैं.   सुनने में अच्छे लगेंगे. पिक्चराइजेशन और स्क्रीनप्ले भी ठीक है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 1, 2024