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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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जमानत खारिज करने को न्याय की जीत बताया ,नगरपालिका चेयरपर्सन परिवार ने प्रयागराज हाईकोर्ट का जताया आभार
खेकड़ा,26 मई 2024 (यूटीएन)। नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन नीलम धामा के देवर व उसके साथी को गोली बरसा कर मौत के घाट उतरने के सजायाफ्ताओं की जमानत याचिका खारिज होने को चेयरपर्सन और उनके परिजन न्याय की जीत बता रहे हैं। उन्होंने निर्णय के लिए प्रयागराज उच्च न्यायालय का आभार जताया है। बता दें कि, कस्बे में फरवरी 2017 में चेयरपर्सन नीलम धामा के देवर पुष्पेंद्र और उसके साथी बासिद को गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। पुष्पेंद्र के बड़े भाई सुरेंद्र धामा ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पूर्व चेयरपर्सन संगीता धामा के पति रोहतास सहित कर्मवीर, सहदेव, जयवीर, रोहन, रामकुमार, परविंदर को नामजद किया गया था व दो हमलावरों को अज्ञात दर्शाया था। मुकदमे की सुनवाई के बाद बागपत न्यायाधीश ने सातों नामजदो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेल में रहते हुए इन सभी ने उच्च न्यायालय प्रयागराज में जमानत के लिए रिट दायर की थी। न्यायालय ने मंगलवार को दोनों पक्षों के वकीलों के तर्कों को सुनने के बाद सभी की जमानत याचिका निरस्त कर दी। चेयरपर्सन नीलम धामा, उनके परिजन सुनील धामा व डा सुरेंद्र धामा आदि ने इसे न्याय की जीत बताया। कहा कि, उच्च न्यायालय ने न्याय हित में फैसला कर उनके परिजनों और समर्थको को बड़ी राहत पहुंचाई है। इसके लिए उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
May 26, 2024
अवर अभियंता से बदसलूकी कर अभीलेख फाड़ने का प्रयास, मुकदमा दर्ज
अमीनगर सराय, 26 मई 2024 (यूटीएन)। तीन दिन पूर्व क्षेत्र के कमाला गांव के 33/11 विद्युत उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता के वसूली करने गांव में जाने पर ग्रामीणों ने की बदसलूकी। साथ ही सरकारी अभिलेखों को फाड़ने का प्रयास कर दोबारा गांव आने पर जान से मरने की दी गई धमकी। घटना के संबंध में अवर अभियंता ने चार के विरुद्ध तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। 33/11विद्युत उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता विशाल कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि, 20 मई को अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ राजस्व वसूली के लिए गांव गया हुआ था।गांव पहुंचने पर वसूली करने लगे, तो वहां गांव के ही सोनू,जेनू ,जयप्रकाश व जितेंद्र वहां आ गए और उनके साथ गली गलोच करने लगे। जब इसका विरोध किया, तो चारो ने बकायेदारों की सूची फाड़ने का प्रयास किया और सभी को दोबारा गांव में घुसने पर जान से मरने की धमकी दी। पीड़ित अवर अभियंता विशाल कुमार ने सिंघावली अहीर थाने में घटना की तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक एमएस गिल का कहना है कि सोनू, जेनु ,जयप्रकाश, जितेंद्र के विरुद्ध सरकारी कार्य ने बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
May 26, 2024
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी के संबंधी के निधन पर शोक,शहर कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि
बडौत,26 मई 2024 (यूटीएन)। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी के संबंधी तथा लखनऊ के प्रसिद्ध समाजसेवी बीसी मिश्रा के निधन के समाचार से स्थानीय शहर कांग्रेस ने शोकसभा आयोजित कर दी भावभीनी श्रद्धांजलि व रखा दो मिनट का मौन। शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक में महान समाजसेवी तथा शिक्षा के क्षेत्र में नामचीन संस्था अंबालिका इंस्टिट्यूट के संस्थापक बीसी मिश्रा के निधन पर शोक व्यक्त किया गया तथा उनके कार्यों को हजारों युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल करने वाला बताया तथा भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। बता दें कि, महान शिक्षाविद बीसी मिश्रा, राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता तथा उत्तर भारत के प्रसिद्ध कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के समधी तथा सीएलपी लीडर विधान सभा सदस्य आराधना मिश्रा मोना के ससुर थे। मिश्रा के लंबी बीमारी से चलते लखनऊ के बड़े चिकित्सालय में निधन पर बागपत जनपद में कांग्रेसियों में शोक की लहर फैल गई। शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्व बीसी मिश्रा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देने वालों में पं घनश्याम शर्मा, चौ रामकुमार सिंह, चौ यशवीर सिंह, शिक्षक नेता मनीष जैन, सुशील कुमार प्रधानाचार्य,संजय कुमार,राकेश कुमार समीम खान, किसान नेता समरपाल, मैनेजर सतपाल शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।संचालन सोनू पंडित बिजरोल ने किया। सुधीर कान्त शर्मा मेरठ, अशोक शर्मा हापुड़, मुकेश शर्मा खतौली आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
May 26, 2024
घटना के तीन माह बाद कोर्ट के आदेश पर प्रधानपति सहित 9 लोगों के खिलाफ हुई रिपोर्ट दर्ज
बालैनी,26 मई 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के दत्तनगर गांव में मकान तोड़ने का विरोध करने पर मारपीट कर घायल करने के आरोपी प्रधानपति और उसके साथियो के विरुद्ध कोर्ट के आदेश पर हुई रिपोर्ट दर्ज। पुलिस जांच में जुटी। दत्त नगर गांव में एक युवक के ऊपर धारधार हथियारो से जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। कोर्ट के आदेश पर प्रधानपति सहित 9 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज करते हुए पुलिस मामले की जांच मे जुटी गई है। घटना के संबंध में गाँव के महेश गिरी ने बताया कि , करीब तीन माह पहले गांव का प्रधानपति अपने साथियो सहित बुलडोजर लेकर उसके भाई राकेश गिरी के मकान पर पहुँचा और उसका मकान तोड़ने लगा। उसके भाई ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। जब वह अपनी जान बचाने के लिये अपने घर मे घुस गया ,तो प्रधानपति अपने साथियो के साथ धारधार हथियार लेकर घर मे घुस आया और भाई राकेश पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बताया कि, इस दौरान सूचना पाकर मौके पर पहुँची पुलिस ने उसे उपचार के लिये पिलाना सीएचसी भिजवाया, लेकिन तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने प्रधानपति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नही की थी। बुधवार को कोर्ट के आदेश पर प्रधानपति लोकेश सहित संदीप, पिंकू, ओमपाल, कांति, सुनीता,रितेश,सचिन और मनोज के खिलाफ गंभीर धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज हुई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 26, 2024
भीषण गर्मी और हैंडपंप खराब, कुछ कीजिये साहब!
छपरौली, 26 मई 2024 (यूटीएन)। सरकार स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का लाख दावा कर ले, लेकिन शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों तक में पेयजल की स्थिति अभी भी जस की तस है। सरकार ने भीषण गर्मी को देखते हुए इंडिया मार्का हैंडपंपों को शीघ्र मरम्मत कराए जाने का फरमान जारी किया था, इसके बावजूद अधिकतर नल खराब हैं या दूषित जल दे रहे हैं। इस दौरान लोगों के बार-बार शिकायत किए जाने पर भी विभाग मौन है। छपरौली नगर पंचायत क्षेत्र के इंडिया मार्का हैंडपंपों की स्थिति यह है कि, विभिन्न वार्डों में लगे आधा दर्जन से अधिक हैंडपंप या तो खराब हैं, या फिर दूषित जल दे रहे हैं।अंजान कोई व्यक्ति छपरौली में इंडिया मार्का हैंडपंप देखकर अपनी प्यास बुझाने हैंडपंप पर जाता है, तो तेज आवाज आती है, यह पानी मत पीजिए, यह दूषित पानी है, बीमार पड़ जाएंगे। इसी तरह अन्य पर भी यही सवाल खड़ा होता है। ऐसे में राहगीरों के समक्ष प्यास के चलते , आगे कुआं, पीछे खाई की स्थिति आ जाती है। लोग मजबूरी में बोतल का पानी खरीद कर पीते हैं। नगर के इलाहबाद बैंक निकट, देवगौड़ा रोड, विद्या मंदिर, पाठशाला रोड, टांडा रोड के अधिकांश इंडिया मार्का हैंडपंपों की स्थिति यही है। यही हालत थाना चौराहे का भी है। यहां भी अधिकतर नल खराब पड़े हैं, जो दूषित जल दे रहे हैंं। कई बार अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं बता दें कि,प्राथमिक विद्यालय के बाहर का हैंडपंप तो पिछले एक साल से खराब है । इस नल को ठीक कराने के लिए कई बार प्रार्थना पत्र भी दिया गया, लेकिन विभाग मौन है। छपरौली निवासी श्रीपाल ने बताया कि, यह नल दो सालों से खराब है। भीषण गर्मी में यहां राहगीर व गांव के कई परिवार के लोग पानी पीते थे। अब नल न होने से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कस्बा निवासी लोगों ने बताया कि कई नल बंद पड़े हैं और लोग दूषित जल पीने को मजबूर हैं।अधिकांश बीमारी भी दूषित जल पीने से होती हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में नल का खराब होना विभाग की उदासीनता को दिखाता है, जल्द कार्रवाई नहीं की गई ,तो लोग आंदोलन के लिए भी विवश होंगे। इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष धर्मेन्द्र खोखर ने बताया कि, नगर क्षेत्र में हैंडपंपों की रिबोरिंग की जानी है, विभाग को लिखा गया है, टीम के आने का इंतजार है, उनके आने पर जल्दी ही स्वच्छ जल मिलने लगेगा। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 26, 2024
गर्मी में घट रही है रोग निरोधक क्षमता,बीमारियां बढ़ी, 11-3 बजे तक धूप से बचें बुजुर्ग व बच्चे : डॉ विजय कुमार
बडौत,26 मई 2024 (यूटीएन)। तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में लू या हीटवेव अधिक चलने व तापमान बढने से गर्मी में बच्चे और बुजुर्ग बीमारी की चपेट में अधिक आ रहे हैं। चिकित्सकों का मानना है कि,गर्मी के कारण उनमें रोग निरोधक क्षमता कम होने से बीमारी का अधिक खतरा रहता है।साथ ही अधिक पसीना आने से सोडियम की कमी होने लगती है, जिसके कारण चक्कर आने की भी समस्या बढ़ जाती है। इसलिए उनको सुबह 11 से 3 बजे तक विशेष रूप से धूप से बचने की सलाह दी जा रही है। नगर में स्थित सीएचसी अधीक्षक डॉ विजय कुमार का कहना है कि, धूप के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे सिर दर्द तथा अधिक देर तक धूप में रहने से चक्कर आने की समस्या आ जाती है। इसके साथ ही गर्मी के कारण अस्पताल में डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं, इनमें सबसे अधिक मरीज बच्चे और बुजुर्ग हैं।इस दौरान लोगों को दवा के साथ गर्मी से बचाव की सलाह दी जा रही है। सीएचसी अधीक्षक डॉ विजय कुमार लोगों को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक घर से बाहर न निकलने और जरूरी होने पर सिर को गमछा अथवा अन्य किसी कपड़े से ढककर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि, सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक गर्मी चरम पर होती है ,जिससे बीमारी होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ विजय कुमार ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि, इस समय लू की चपेट मैं आने से बचें।बताया कि, गर्मी में डायरिया के मरीज बढ़े हैं, इनमें बच्चे और बुजुर्ग अधिक हैं। लोगों को गर्मी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 26, 2024
बिजली विभाग: हटाए गए लाइनमैनों को फिर से ड्यूटी पर लेने के नाम पर अवैध वसूली का आरोप
बड़ौत, 26 मई 2024 (यूटीएन)। एक तरफ जनपद में बिजली संकट गहराया हुआ है और लोग सड़कों पर उतरकर बिजली विभाग के खिलाफ हंगामा-प्रदर्शन करने में लगे हैं, वहीं बिजली विभाग के अधिकारी, बिजली आपूर्ति को दुरस्त करने की बजाए लाइनमैनों को हटाने व लगाने की कार्रवाई में जुटे हैं। आरोप है कि, शिकायतों के बाद हटाएं गए छह लाइनमैनों मेें से दो लाइनमैनों से मोटी रकम वसूलकर फिर से ड्यूटी पर बुला लिया गया है। बता दें कि, मुख्य शिकायत केंद्र पर तैनात अवर अभियंता गुलशन कन्नौजिया ने कुछ महीने पहले छह संविदा कर्मियों को उपभोक्ताओं से अवैध वसूली करने, ड्यूटी में लापरवाही व अनियमितता बरतने पर हटा दिया था। अब फिर से उन 6 में से ही 2 लाइनमैनों को ड्यूटी पर रख लिया गया है।इस संबंध में उपभोक्ता बबलू मलिक, सोनू तोमर, हिमांशु, योगेश तोमर, विकास आदि का आरोप है कि, विभागीय अधिकारियों का बिजली आपूर्ति पर कोई ध्यान के बदले संविदा कार्मिको की नियुक्ति और निष्कासन में ध्यान ज्यादा है। आरोप है कि,पहले लाइनमैनों को हटाया जाता है और फिर मोटी रकम वसूलकर ड्यूटी पर लगा दिया जाता है। पूरे शहर में इस समय बिजली संकट गहराया हुआ है। स्थानीय अधिकारी बिजली आपूर्ति को दुरस्त करने की बजाएं इस कार्रवाई में जुटे हैं। उन्होंने डीएम से मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की है। उधर इस संबंध में अवर अभियंता गुलशन कन्नौजिया ने बताया कि, उपभोक्ताओं से अवैध वसूली करने, ड्यूटी में लापरवाही करने व अन्य कारणों पर 6 लाइनमैनों को मेरे द्वारा हटाया गया था। अब फिर से बिना मेरी सहमति के 2 लाइनमैन ड्यूटी पर बुलाए गए हैं। यह किसका आदेश है, उनकी जानकारी में नहीं है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 26, 2024
जिलाधिकारी की अपील का असर, गौ संरक्षण के लिए भूसा दान हेतु दानदाताओं के बढते कदम
बागपत,26 मई 2024 (यूटीएन)। जनपद में निराश्रित बेसहारा गोवंश के संरक्षण की महत्ता के दृष्टिगत जनपद में स्थापित 27 गौशालाओ , वृहद गौ संरक्षण केंद्र ,अस्थाई गोआश्रय स्थल एवं कान्हा उपवन में कुल 5983 गोवंश संरक्षित हैं। गौ संरक्षण हेतु भूसा, हरा चारा चोकर व अन्य जरूरी सामान की पर्याप्त उपलब्धता हेतु जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह व्यक्तिगत रूप से रुचि ले रहे हैं। इसी क्रम में उनके द्वारा जनपद में एक अच्छी नई पहल प्रारंभ की गई है ,जिससे गोवंश के संरक्षण के लिए जनपद में ग्राम प्रधान ,किसान व अन्य नागरिक दानवीर के रूप में भूसा दान कर रहे हैं । मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि, गौशालाओं की व्यवस्था हेतु 18 क्यूआर कोड के माध्यम से दानवीरों द्वारा गौशालाओं को अच्छी तरीके से क्रियान्विति कराई जाने के लिए संकल्पित हैं, जिसमें दानवीरों द्वारा गौशालाओं की व्यवस्था में चारा, चौकर आदि के लिए दान दिया जा रहा है। जिलाधिकारी की पहल से लोग प्रेरित हो रहे हैं तथा क्यूआर कोड के माध्यम से अभी तक ₹ 31500 की धनराशि भी प्राप्त हुई है ,जो गौशालाओं में भूसा आदि के काम आएगी। अभी तक चार गौशालाओं में यह कलेक्शन हुआ है ,जो रमाला, किरठल,लुम्व व बदरखा में हैं। इसके साथ ही अब तक जनपद को 5100 कुंतल भूसा भी दान में प्राप्त हुआ है। इस संबंध में जनपदवासियों से पुनः अपील की गई है कि, भूसा दान ,हरा चारा व अन्य जरूरत का पदार्थ दान करने के लिए आगे आएं और भूसा दान अभियान से जुड़ें तथा भूसा दान करने में अपनी सहभागिता दें। कहा गया है कि, गौ संरक्षण के लिये किया गया दान बहुत ही पुण्य कार्य है।गौ संरक्षण के लिए जिलाधिकारी के निर्देशन में भूसा क्रय करने हेतु 61146 कुंतल का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसके क्रम में जनपद बागपत में 49534 कुंतल भूसा अब तक ट्रैक कर लिया है। बता दें कि, जनपद में तीन बृह्द गो संरक्षण केंद्र काकोर कला, विजवाड़ा, भगोट ग्राम पंचायत के अंतर्गत तथा नगला में बृहद गोसंरक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं जो जल्द ही क्रियान्वित कर दिए जाएंगे ,जिससे गोवंशों को इनका लाभ प्राप्त होगा । भूसा दान अभियान जनपद में 31 मई तक चलेगा । उन्होंने कहा ,ऐसे भूसा दानवीर व दानदाता, भूसा दान या क्यूआर कोड के माध्यम से आर्थिक सहायता में अपनी सहभागिता और जन सहयोग कर रहे हैं, उनके द्वारा यह एक सराहनीय पहल है और उनके द्वारा यह एक पुण्य कार्य है । स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 26, 2024
पांच साल के अंदर देशभर में लागू होगा यूसीसी:अमित शाह
नई दिल्ली, 26 मई 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार के अगले कार्यकाल में ही देशभर में समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी। शाह ने कहा कि अगर भाजपा की सत्ता में वापसी होती है तो सभी हितधारकों से व्यापक चर्चा के बाद यूसीसी को लाया जाएगा। एक इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का अगला कार्यकाल कई मायनों में अहम होगा क्योंकि इसी दौरान एक देश-एक चुनाव को भी लागू किया जाएगा। शाह ने कहा कि अब समय आ गया है, जब देशभर में एक साथ चुनाव हों। *यूसीसी लागू करना हमारी जिम्मेदारी* शाह ने कहा 'समान नागरिक संहिता हम पर एक जिम्मेदारी है, जिसे हमारे संविधान निर्माता हम पर, हमारी संसद पर और राज्य विधानसभाओं पर छोड़कर गए हैं। संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता भी शामिल है। यहां तक कि उस समय भी कानूनी विद्वानों जैसे केएम मुंशी, राजेंद्र बाबू, आंबेडकर जी ने कहा था कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होने चाहिए। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।' शाह ने कहा 'समान नागरिक संहिता हम पर एक जिम्मेदारी है, जिसे हमारे संविधान निर्माता हम पर, हमारी संसद पर और राज्य विधानसभाओं पर छोड़कर गए हैं। संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता भी शामिल है। यहां तक कि उस समय भी कानूनी विशेषज्ञों जैसे केएम मुंशी, राजेंद्र बाबू, अंबेडकर जी ने कहा था कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होने चाहिए। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। *'हमारे एजेंडे में 1950 से ही है समान नागरिक संहिता'* गृह मंत्री ने कहा कि 'भाजपा ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके एक प्रयोग किया है क्योंकि यह राज्यों और केंद्र दोनों का विषय है। समान नागरिक संहिता हमारे एजेंडे में साल 1950 से ही है और हाल ही में भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड में इसे लागू भी कर दिया गया है।' अमित शाह ने कहा 'मुझे लगता है कि समान नागरिक संहिता एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार होगा। उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए कानून की भी सामाजिक और कानूनी जांच भी होनी चाहिए और धार्मिक नेताओं से भी सलाह ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा 'मेरा मतलब है कि इस मुद्दे पर व्यापक बहस होनी चाहिए और अगर कुछ भी बदलाव की जरूरत महसूस होती है तो उत्तराखंड सरकार को वह बदलाव करना चाहिए। यह मामला कोर्ट में भी जरूर जाएगा और न्यायपालिका भी इस पर अपना विचार देगी। इसके बाद राज्य विधानसभाओं और संसद को भी इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कानून को लागू करना चाहिए। यही वजह है कि हमने अपने संकल्प पत्र में भी लिखा है कि भाजपा पूरे देश में समान नागिरक संहिता लागू करेगी। क्या देश में अगले पांच वर्षों में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा 'यह अगले कार्यकाल में हो सकता है। पांच साल इसके लिए पर्याप्त समय है। *'एक देश एक चुनाव' भी अगले कार्यकाल से ही लागू करने की तैयारी* एक देश एक चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने कहा 'पीएम मोदी ने रामनाथ कोविंद समिति का गठन किया था। मैं भी उसका सदस्य था। यह रिपोर्ट जमा कर दी गई है और अब समय भी आ गया है, जब देश में चुनाव एक साथ कराए जाएं।' उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में ही इसे लागू करने की कोशिश की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा एक साथ चुनाव कराने से चुनाव की लागत भी कम होगी। इन आम चुनाव में मतदाता भीषण गर्मी से परेशान हैं और इसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ा है। ऐसे में क्या चुनाव गर्मी के बजाय सर्दियों के मौसम में कराए जा सकते हैं? इसके जवाब में शाह ने कहा कि हम इस पर विचार कर सकते हैं। ऐसा हो सकता है। अभी स्कूली छात्रों की छुट्टियां चल रही हैं, जिसके चलते काफी परेशानी होती है। समय के साथ चुनाव होते होते गर्मियों के मौसम में होने लगे हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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May 26, 2024
एम्स समेत कई मेडिकल संस्थानों में बन रहे 'चलने वाले अस्पताल
नई दिल्ली, 26 मई 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोग्य मैत्री प्रोजेक्ट के तहत पहले पोर्टेबल अस्पताल को तैयार किया गया है ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में पीड़ितों का तुरंत इलाज शुरू हो सके। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगले दो से तीन महीनों में देश के अलग- अलग हिस्सों में स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस समेत सभी बड़े मेडिकल संस्थानों में पोर्टेबल अस्पताल होंगे। प्रोजेक्ट भीष्म (सहयोग, हित और मैत्री के लिए भारत की स्वास्थ्य पहल) के साथ स्वदेशी रूप से इसे डिज़ाइन किया गया है। प्राकृतिक आपदाओं समेत किसी भी संकट की स्थिति में 200 पीड़ितों का इलाज किया जा सकता है। 72 क्यूब को जोड़कर एक पोर्टेबल अस्पताल तैयार किया जाता है, इसे हवाई, जल या फिर सड़क किसी भी मार्ग से ले जा सकते हैं। पहाड़ी इलाकों, दूर- दराज के इलाकों, नॉर्थ ईस्ट समेत ऐसे क्षेत्रों में अगर कोई आपदा आती है तो इन पोर्टेबल अस्पतालों को एम्स व दूसरे संस्थानों से तुरंत उन जगहों पर भेजा जाएगा और पीड़ितों का इलाज शुरू होगा। इस अस्पताल में बुलेट इंजरी, स्पाइनल, चेस्ट, इंजरी के साथ ही बर्न और स्नेक बाइट के मरीजों का भी इलाज हो सकता है। *वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में दिखाया जाएगा मॉडल* देश में पिछले दस वर्षों में एम्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में एम्स राजकोट, एम्स बठिंडा, पश्चिम बंगाल में एम्स कल्याणी, आंध्र प्रदेश में एम्स मंगलागिरी और एम्स रायबरेली देशवासियों को समर्पित किया गया है। वहीं एम्स रायबरेली, एम्स बठिंडा भी तैयार हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जिनीवा में 27 मई से शुरू होने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में भी भारत द्वारा तैयार किए गए पोर्टेबल अस्पताल के मॉडल को दिखाया जाएगा। इससे जुड़ी वीडियो को एक सेशन में दिखाया जाएगा और अलग- अलग देशों को बताया जाएगा कि भारत ने आपात स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कैसे नए प्रयोग किए हैं। विभिन्न देशों को बताया जाएगा कि भारत ने सबसे कम दामों में, सबसे उपयुक्त आपातकालीन मेडिकल रिस्पांस सिस्टम-भिष्म तैयार कर लिया है। इससे दूसरे देश भी अपने यहां इस मॉडल को लागू कर सकते हैं। इस क्यूब अस्पताल में वेंटिलेटर, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड सहित सभी आवश्यक उपकरण शामिल हैं। *कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स वाली स्टडी का मॉडल केवल फोन पर आधारित* स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स को लेकर की गई स्टडी केवल टेलिफोन पर की गई बातचीत पर आधारित थी और कोई साइंटिफिक आधार नहीं था। ऐसे में इस स्टडी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि किसी भी रिसर्च करने का एक तरीका होता है लेकिन इस रिसर्च की कार्यप्रणाली का कोई आधार ही नहीं था। बस लोगों से फोन किया गया और उसके आधार पर ही रिपोर्ट तय कर दी गई। इलाज के डॉक्युमेंट्स भी नहीं देखे गए। बीएचयू के रिसचर्स ने यह स्टडी की थी और एक विदेशी जर्नल में यह स्टडी (रिसर्च पेपर) प्रकाशित हुआ था। जिसके बाद आईसीएमआर ने इस स्टडी को भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित बताया था। दरअसल बीएचयू के रिसचर्स द्वारा जनवरी 2022 से अगस्त 2023 के बीच की गई इस स्टडी में दावा किया गया था कि 926 प्रतिभागियों में से लगभग 50 प्रतिशत ने संक्रमण की शिकायत की थी और स्ट्रोक और गुइलिन-बैरे सिंड्रोम के दुर्लभ जोखिम को बढ़ाया है। इस मुद्दे पर ICMR के डायरेक्टर जनरल ने बीएचयू में यह रिसर्च करने वाले लेखकों और न्यूजीलैंड स्थित ड्रग सेफ्टी जर्नल के संपादक को पत्र लिखा था। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर रिसर्च करने वालों ने आईसीएमआर को जवाब भेजा है और सूत्रों का दावा है कि उन्होंने माफी भी मांगी है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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May 26, 2024