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○ विद्या भवन में मोदी हाऊस बना चैम्पियन
○ कोणार्क के तीन दिवसीय खेलों के समापन अवसर खिलाड़ी किए पुरस्कृत, बढाया हौसला
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इसे कहते हैं चमत्कार! गर्भ में मरने वाला था बच्चा, अचानक जापान से आया खून और फिर हो गया कमाल
नई दिल्ली, 17 जून 2024 (यूटीएन)। ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज नई दिल्‍ली ऐसे ही देश का सबसे अच्‍छा अस्‍पताल नहीं है. यहां के डॉक्‍टर्स मरीजों के लिए भगवान हैं. तभी जिस महिला के 7 बच्‍चे गर्भ में ही मर चुके थे और आठवां बच्‍चा भी मौत के मुंह में समाने जा रहा था, एम्‍स उसके लिए किसी देव स्‍थान की तरह सामने आया और फिर जो चमत्‍कार हुआ, वह आश्‍चर्यचकित करने वाला है. हरियाणा के एक गांव की गरीब महिला जब एम्‍स में आई तो उसके 7 बच्‍चे गर्भ में ही मर चुके थे. आसपास के दर्जनों डॉक्‍टर उसे कह चुके थे कि वह मां नहीं बन पाएगी, हालांकि पांच साल की शादी में उसने एक बार फिर गर्भवती होने का फैसला किया. इस बार वह आठवीं बार मां बनने जा रही थी लेकिन उसके साथ फिर वही होने वाला था कि उसके शरीर में बनी एंटीबॉडीज उसके बच्‍चे को पेट के अंदर-अंदर ही खत्‍म किए दे रही थीं. एम्‍स के गायनेकोलॉजी एंड ओबीएस विभाग की एचओडी डॉ. नीना मल्‍होत्रा बताती हैं कि हिस्‍ट्री देखने के बाद एम्‍स में आई इस महिला की सभी जांचें की गईं. हालांकि इस ब्‍लड ग्रुप को ही डायग्‍नोस करना काफी क्रिटिकल था लेकिन एम्‍स के हेमेटोलॉजी विभाग ने सिर्फ ब्‍लड ही नहीं बल्कि जीन की भी जांच की, जिसमें पता चला कि इस महिला का आर-एच नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप था, जो बच्‍चे को नहीं चढ़ पा रहा था. साथ ही इस महिला में एंटीबॉडीज थीं जो इस बच्‍चे को भी खत्‍म कर देंगी, ऐसे में इस बच्‍चे को बचाने का एक ही तरीका था कि मां के पेट के अंदर ही बच्‍चे को ये ब्‍लड चढ़ाया जाए. *भारत में नहीं मिला ब्‍लड* डॉ. नीना कहती हैं कि आरएच नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप रेयर ऑफ द रेयरेस्‍ट है और एक लाख लोगों में किसी एक का ही होता है. ऐसे में बच्‍चे को बचाने के लिए भारत के सभी बड़े अस्‍पतालों और ब्‍लड बैंकों में इस ब्‍लड का पता लगाया गया तो यहां यह ब्‍लड नहीं मिला. हालांकि अंतर्राष्‍ट्रीय दुर्लभ ब्‍लड पैनल में एक भारतीय व्‍यक्ति इस ब्‍लड ब्‍लड ग्रुप का मिल गया लेकिन उसने खून देने से मना कर दिया. इसके बाद इस रेयर ब्‍लड की मांग इंटरनेशनल ब्‍लड रजिस्‍ट्री के सामने की गई, जिसमें जापान की रेड क्रॉस सोसायटी ने इस खून के उपलब्‍ध होने की बात कही. *48 घंटे में भारत पहुंचा खून* उसके बाद जापान से इस ब्‍लड की 4 यूनिट तत्‍काल भारत भेजी गईं. 48 घंटे में यह ब्‍लड भारत के एम्‍स पहुंच गया और महिला के पेट के अंदर ही बच्‍चे को चढ़ाया गया. इसके बाद महिला की डिलिवरी हुई और स्‍वस्‍थ बच्‍ची पैदा हुई. *एम्‍स में आए कई केस, लेकिन ये पहली तरह का* डॉ. नीना बताती हैं कि आमतौर पर खून की जरूरत किसी एक्‍सीडेंटल केस, सर्जरी या गर्भावस्‍था के दौरान ही पड़ती है. एम्‍स में हफ्ते में 5 या 6 केस ऐसे आते हैं जिनमें मां से बच्‍चे को खून नहीं चढ़ता और महिला व बच्‍चे को ब्‍लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है, लेकिन यह पहला मामला था जब आरएच नेगेटिव मदर और बच्‍चे के अलग जीन की पहचान कर, बाहर से रेयर ब्‍लड मंगवाकर, पेट में बच्‍चे को चढ़ाकर बचाया गया. *डॉक्‍टर्स ही नहीं सोशल सपोर्ट सिस्‍टम भी जरूरी* डॉ. नीना कहती हैं कि इस केस में जितनी मेहनत एम्‍स के डॉक्‍टरों ने की, उतनी ही एम्‍स के ब्‍लड बैंक, एनजीओ, सोशल सपोर्ट सिस्‍टम ने भी की, यही वजह थी कि भारत में कई जगह अनुमति लेने के बाद अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ब्‍लड की मांग किए जाने के बाद इतनी जल्‍दी जापान से खून मंगाया जा सका और बच्‍चे की जान बच गई. *पिछले साल का है मामला, अब जर्नल में छपा* डॉ. नीना कहती हैं कि दरअसल ये मामला पिछले साल का है, जब एम्‍स में यह महिला आई थी. चूंकि यह भारत का पहला मामला था जब जीन की पहचान कर, रेयरेस्‍ट ब्‍लड विदेश से मंगाकर बच्‍चे को बचाया जा सका. इसलिए इसे इंटरनेशनल जर्नल में भेजा गया. जहां यह अभी पब्लिश हुआ है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 17, 2024
डेटा सुरक्षा कानून के तहत नियमों का मसौदा अंतिम चरण में
नई दिल्ली, 17 जून 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डेटा सुरक्षा कानून के तहत नियमों का मसौदा तैयार करने का काम अंतिम चरण में है. उन्होंने आगे कहा कि उद्योग जगत से व्यापक परामर्श की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को दोगुना करने और नौकरियों के अवसर बढ़ाने की कोशिश करेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने भरोसा दिया कि विनियामक कार्य में निरंतरता देखने को मिलेगी. माइक्रोन और टाटा समूह के सेमीकंडक्टर संयंत्र भी तय समयसीमा के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं. डिजिटल निजी डेटा संरक्षण डीपीडीपी अधिनियम को लागू करने की प्रक्रिया 'डिजाइन के द्वारा डिजिटल' के सिद्धांत पर आधारित होगी. इससे काम करने के नए तरीके का रास्ता खुलेगा. वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''हमने दिसंबर के आसपास नियमों का मसौदा तैयार करने का काम शुरू कर दिया था. डीपीडीपी नियमों का मसौदा काफी हद तक तैयार हो चुका है. हम अब उद्योग से परामर्श शुरू करेंगे और जितना संभव हो उतना व्यापक रूप से आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि दूरसंचार अधिनियम और डीपीडीपी अधिनियम दोनों में व्यापक परामर्श की जरूरत है. उन्होंने वादा किया कि डीपीडीपी के नियमों को भी जल्दबाजी में नहीं बनाया जाएगा. इस सप्ताह की शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले वैष्णव ने कहा कि उन्होंने डेटा सुरक्षा नियमों पर चल रहे कार्य की समीक्षा की और वह परिणामों से खुश हैं. उन्होंने कहा कि उद्योग और हितधारकों के विचारों के आधार पर इसमें बदलाव किए जाएंगे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 17, 2024
एक फाल्ट ठीक करने में छह घंटे रही बिजली आपूर्ति बाधित,गर्मी से उबलते रहे कस्बावासी
खेकड़ा,17 जून 2024 (यूटीएन)। लाइन में फाल्ट के चलते खेकड़ा कस्बे में रविवार को 6 घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति ठप्प रही,जिससे लोगों का गर्मी में बुरा हाल बना रहा। उद्योग धंधे भी प्रभावित रहे। कस्बे में रविवार सुबह करीब 8 बजे बिजली लाइन में फाल्ट बन गया। संविदाकर्मी लाइनमेन फाल्ट को तलाशने में जुट गए। दोपहर 12 बजे जाकर उन्हें फाल्ट मिला। इसके बाद उन्होंने फाल्ट को ठीक कर आपूर्ति शुरू कराई,लेकिन इसके बाद हर आधा पौने घंटे में लाइनों में फाल्ट बनते रहे और बिजली आपूर्ति ठप्प होती रही। कुल मिलाकर 6 घंटे से अधिक समय तक कस्बे में आपूर्ति ठप्प रही, जिससे लोगों का गर्मी में बुरा हाल बना रहा। पेयजल तक के लिए भी वे तरसते रहे। उद्योग धंधों में भी उत्पादन प्रभावित बना रहा। शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी के कारण दोपहर में बाजार भी सूना पड़ा रहा। विभागीय जेई चन्द्रप्रकाश का कहना है कि ,भीषण गर्मी में आपूर्ति का निर्बाध बनाए रखना चुनौती बना हुआ है, फिर भी विभागीय कर्मी लगातार जुटे रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Jun 17, 2024
दिल्ली में जल संकट को लेकर सड़क पर उतरी भाजपा
नई दिल्ली, 17 जून 2024 (यूटीएन)। देश की राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर हाहाकार जारी है। दिल्ली की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है, लेकिन पानी नहीं मिल रहा है। पानी की किल्लत को लेकर भाजपा ने रविवार को दिल्ली में जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन किया। दिल्ली के सदर बाजार में प्रवीण शंकर कपूर, पूर्व मेयर जयप्रकाश जेपी और तमाम भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से जो बड़े-बड़े वादे किए थे, वो कहां हैं। दिल्ली की जनता पानी की समस्या से परेशान है, उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। इस दौरान वह सदर बाजार के विधायक इमरान हुसैन पर भी हमलावर नजर आए। पूर्व मेयर जयप्रकाश जेपी ने कहा कि सदर बाजार में दिल्ली की जनता के पैसे से बोरिंग की पाइप लाइन बिछाई गई थी, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। बोरिंग की इस पाइप लाइन में भी बड़ा घोटाला किया गया है। दिल्ली की जनता इस सरकार को माफ नहीं करेगी। संगम विहार के पास महरौली-बदरपुर रोड पर भी भाजपा नेताओं ने पानी की किल्लत को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस मौके पर दक्षिणी दिल्ली के नवनिर्वाचित सांसद रामवीर बिधूड़ी भी मौजूद रहे। इस दौरान लोगों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जल संकट के लिए भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि पानी की समस्या को लेकर हम लोगों ने प्रदर्शन किया है। सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली की जनता अगर पानी के लिए तरस रही है तो इसके लिए आम आदमी पार्टी और उनकी सरकार जिम्मेदार है। इनके विधायक और मंत्री पानी की चोरी करते हैं, पानी की बर्बादी रोक नहीं पाए। लीकेज और चोरी रोक ली जाती तो दिल्ली की जनता को पानी के लिए तरसना नहीं पड़ता। बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से जल संकट बना हुआ है। दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या को लेकर हाहाकार मचा है। जल संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी भी लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 17, 2024
स्पीकर पद पर घमासान! जेडीयू तैयार, लेकिन टीडीपी पर फंसा पेंच
नई दिल्ली, 17 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा स्पीकर का चुनाव 26 जून को होना है. ऐसे में अभी से ही स्पीकर पद को लेकर एनडीए और इंडिया अलायंस में शामिल दलों के बीच जुबानी हमले तेज हो गए हैं. इंडिया अलायंस के नेताओं ने एनडीए के घटक दल टीडीपी को लोकसभा स्पीकर के पद पर समर्थन देने की बात कही है तो दूसरी ओर जेडीयू ने भी अपने इरादे साफ कर दिए हैं. *स्पीकर पद पर क्या है टीडीपी का रुख* लोकसभा स्पीकर पर टीडीपी ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया जाना चाहिए. टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने कहा, ''एनडीए के सहयोगी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि स्पीकर के लिए उम्मीदवार कौन होगा. आम सहमति बन जाने के बाद हम उस उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और टीडीपी समेत सभी सहयोगी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. *क्यों महत्वपूर्ण है भाजपा के लिए स्पीकर पद* हालांकि, टीडीपी ने स्पीकर की कुर्सी पर अपना दावा पेश करने के विकल्प को खारिज नहीं किया है. ऐसे में जेडीयू के रुख से बीजेपी की स्थिति मजबूत हुई है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी स्पीकर का पद अपने उम्मीदवार के लिए रखना चाहती है और उसने इस बारे में अपने सहयोगियों से बात भी कर ली है. क्योंकि 1999 में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में थी और उस दौरान सरकार को विश्वास मत से गुजरना पड़ा था, जो वह संसद में नहीं बन पाई. उस समय टीडीपी सांसद जीएमसी बालयोगी स्पीकर थे. *क्या हुआ था 1999 में?* दरअसल, 1999 में जयललिता के नेतृत्व वाली एआईडीएमके ने वाजपेयी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, इसके बाद वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार एक वोट से गिर गई थी, क्योंकि अध्यक्ष के रूप में बालयोगी ने ओडिशा के तत्कालीन कांग्रेस के मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग को वोट देने की अनुमति दी. वह तीन महीने पहले ही सीएम बने थे, लेकिन उन्होंने तब तक सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया था. *कितनी है एनडीए की संख्या?* एनडीए सरकार के लिए टीडीपी और जेडीयू का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से कम हैं. इसके अलावा टीडीपी को 16 सीटें मिलीं, जबकि जेडीयू को 12 सीटें मिलीं. इसी के बाद ही एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल पाया. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 17, 2024
जीव दया संस्थान अमीनगर सराय ने की 500 से अधिक बकरों के जीवन की रक्षा
बागपत, 15 जून 2024 (यूटीएन)। जनपद बागपत के अमीनगर सराय कस्बे में हिसावदा रोड़ पर स्थित जीव दया संस्थान बकराशाला ने अपना पहला स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर समाज के लोगों ने बकरा ईद पर बली के लिए बिकने वाले 500 से अधिक बकरों के जीवन की रक्षा के लिए धन का संग्रह किया। जीव दया संस्थान में पक्षियों के नये अस्पताल और पक्षियों के जीवन की रक्षा के लिए बाईक एम्बुलेंस का शुभारम्भ हुआ। संस्थान की और से समाज सेवी दिनेश जैन ने बताया कि पक्षियों का यह अस्पताल जनपद बागपत और आस-पास के क्षेत्र के पक्षियों की जीवन की रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा। अब अनेकों बीमार और घायल पक्षियों का समय पर ईलाज हो सकेगा और हजारों पक्षियों के जीवन की रक्षा की जा सकेगी। इस अवसर पर संस्थान परिसर में निशुल्क नेत्र जांच शिविर और हड्ड़ी से जुड़ी बीमारियो की जांच लिए निशुल्क शिविर लगाया गया, जिसमें सैकड़ों मरीजों ने अपनी जांच करायी। जीव दया संस्थान के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें भगवान की भक्तिमय अराधना के साथ-साथ जीवों की रक्षा पर आधारित बहुत ही सुन्दर नाटिका प्रस्तुत की गयी। संस्थान की और से सभी अतिथियों को पगड़ी, पटका पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और संस्थान को अर्थिक सहयोग करने वाले दानदाताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में आये हजारों लोगों ने पिछले वर्ष बचाये गये सैंकडों बकरों को आहार खिलाया और जीव दया संस्थान बकराशाला में श्रमदान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मिक्की फैशन के मनोज जैन, सराय के सर्राफ अनिल जैन, अग्रवाल मिष्ठान भण्ड़ार सराय के ईश्वर अग्रवाल, समाज सेवी संजय गर्ग, एसएस जैन सभा सराय के प्रधान विरेन्द्र जैन, जैन समाज सराय के प्रधान विनोद जैन, सराय के सर्राफ अभिषेक जैन, सराय के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश जैन, विकास जैन उर्फ टोनी, सराय के ऋषभ जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन, अमीनगर सराय की चेयरमैन सुनीता मलिक, मनोज जैन, प्रदीप जैन, संदीप जैन, विकास जैन, अनुज जैन बड़ौत, आशीष जैन बड़ौत सहित हजारों लोग उपस्थित थे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
admin
Jun 16, 2024
Radhika Vidyasagar : Father-child relationships have evolved recently
Mumbai, June 16, 2024 (UTN). While she shared a close but rather disciplined and strict relationship with her father, actress Radhika Vidyasagar says that her daughter shares a fun relationship with her husband, and the two are like friends. The actress, who is currently seen in Rahul Tewary and Rolling Tales production’s Udne Ki Aasha and also recently made her Hindi film debut with Munjya, produced by Maddock films, says that days such as Father's Day must be celebrated every day. “Happy Father's Day to all the fathers out there! I don't believe in celebrating just one day as Father's Day. As a typical Indian woman, I have a typical Indian relationship with my father, which is characteristic of the 70s and 80s. My dad, an ex-serviceman, was very disciplined and strict. Our relationship was built more on respect and discipline than on friendship, unlike today's more friendly father-child relationships. My father has taught me many valuable lessons. He instilled in me a love for plants and animals, especially dogs and cats. My father is a big pet lover and gardener, and these passions have been passed down to me. My bond with pets and my love for gardening are directly inherited from him,” she says. She adds, “I believe that every day should be celebrated as Father's Day and Mother's Day. However, since Father's Day is on the 16th and we're going to meet in Pune, we will try to celebrate. Coincidentally, this month is filled with special occasions for us—birthdays, anniversaries, Father's Day—all in June. We will have large family gatherings, and I look forward to all of it.” Talking about her father, she says, “My father is happiest when he is with his plants. Even at the age of 80, he spends his days gardening from morning till evening. He enjoys plucking mangoes and other fruits from his garden. Besides gardening, he finds joy in being with his patients, repairing his car and two-wheeler, and doing various tasks around the house. He also loves watching television and keeping up with the stock market, a habit he has maintained for years. Moreover, he loves travelling and makes sure to go on trips frequently. On this Father's Day, I wish him a very healthy and happy life.” She says that fathers today are expressive in their love for their kids. “I agree that fathers tend to be less expressive, but I see this changing with the new generation. For example, my daughter and my husband share a friendship-like bond rather than a traditional father-daughter relationship. Yes, our films and television are often dominated by motherly emotions, but this dynamic is evolving,” she says. Mumbai-Reporter, (Hitesh Jain).
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Jun 16, 2024
Though he did not stop me, he was not fully supportive of me going into full-time theater: Namita Lal
Mumbai, June 16, 2024 (UTN). Namita Lal, who has been a part of movies like Before Life After Death, Lihaaf, Country of the Blind, Oxygen, and My Goal: Football, says though her father was not supportive of her choosing a career in theater, he never stopped her. She says she will forever be grateful for that. Speaking on the occasion of Father’s Day, which will be celebrated on June 16, she said, “Though he did not stop me, he was not fully supportive of me going into full-time theater during college and after it, at that time, because he wanted me to be financially independent. And I thank him for that because it was important in those days and ages.” “If I had not been successful, I would have been dependent on my parents for my earnings, and that was not something he wanted to do. But when I moved out of my banking career, he supported me fully and wholeheartedly to now jump into this in my second inning. So that's again his contribution, which has been huge,” she added. Namita further said that she and her father are both very emotional people and would tear up easily. “He and I are both very emotional people. We cry even at the simplest of ads. If there's a father-daughter ad, an ad about jewelry, or an ad with a father saying goodbye to his daughter after marriage, we tear up,” she said. “Some of my favorite films have been about fatherhood. If you remember Babul with Amitabh Bachchan and Rani Mukherjee, both of us really loved that film. The portrayal of fathers in the movie resonated with me because it showed the kind of father he is. I've traveled extensively with him all over the world, whether it's been to places like Vietnam, Thailand, China, or London. He has always been very, very close to me,” she added. Plans for Father’s Day? “I hope to at least be with him on video on Father's Day and his special birthday coming up, and I always think about him in my prayers and gratitude,” she ended. Mumbai-Reporter, (Hitesh Jain).
admin
Jun 16, 2024
Saanand Verma: My father's significant role in my career and life cannot be overstated
Mumbai, June 16, 2024 (UTN). Be it the way his life turned out, or his career flourished; actor Saanand Verma regards his father to be a significant factor in the way things have transformed in his life. The actor who has been a part of films like ‘Mardaani’, ‘Raid’, ‘Babli Bouncer’ and OTT show, ‘Apharan’, says that he has learnt so much from his father from a very young age. “My father's significant role in my career and life cannot be overstated. He recognised my acting talent and encouraged me to perform. Even though we were poor and he ran a small business, he motivated me to work hard from a young age. He was resourceful, and perhaps that was a blessing in disguise, as it instilled in me a habit of hard work. Despite our poverty, I saw the positive side and worked hard. Because of that, I succeeded,” he says. He adds, “He viewed our struggles as hidden blessings, shaping my character through the hardships we endured together. His unwavering support taught me the value of hard work and perseverance, which eventually led me to success. My father, always optimistic and content, taught me to remain optimistic and positive in all situations. He emphasized the importance of not letting setbacks deter me and encouraged me to persevere through hard work.” He says that fathers often face the family’s hurdles on their own. “Fathers are often less expressive and vocal about their own feelings. When family members face stress, it's usually the head of the family, typically the father, who doesn't express his concerns openly. He tends to prioritize the well-being of the family over his own. This can lead to a sense of burden and stress, especially if the family members are heavily dependent on him. If the stress continues to mount, it can become overwhelming for both the father and the family members,” he says. However, he says that it is sad that fathers are not given as much importance when it comes to showing relationships in films and TV shows. “Our films and television often focus more on portraying the emotions of mothers compared to fathers. This is because the entertainment industry tends to capitalize on the dramatic potential inherent in maternal roles and storytelling. As a result, fathers, who may silently endure their struggles and stresses, are often overlooked. This imbalance leads to a greater prominence of mother's emotions in our films,” he says. He adds, “However, Anupam Kher's film Saaransh is something I related strongly to the father's emotions, a father's emotions are very strong but they don't express. And this is perfectly shown in Saaransh.” Mumbai-Reporter, (Hitesh Jain).
admin
Jun 16, 2024
This Father's Day, Zing Celebrates the Unseen Coach in Our Lives with #DadMyFirstCoach
Mumbai, June 16, 2024 (UTN). This Father's Day, Zing is proud to unveil its latest campaign, #DadMyFirstCoach, celebrating the unique and invaluable role that dads play in our lives. More than just providers and protectors, dads are often our first coaches, offering unwavering support and cheering us on through life's many challenges. These silent champions find joy in their children's small victories, knowing these moments pave the way for greater triumphs. Zing's new video beautifully captures the essence of fatherhood, highlighting the special ways dads express their love and support. They are our first coaches, biggest fans, and silent cheerleaders, always there to guide us toward success. This heartwarming tribute shines a light on the unsung heroes who shape our lives. Pankaj Balhara, Business Head at Zing, shared, “Most of us wouldn’t be where we are today without the guidance and support of our fathers. They are the silent spectators who watch our every move and guide us quietly, helping us become the best versions of ourselves. This Father’s Day, we are highlighting the often-unacknowledged role dads play in shaping our skills, resilience, and character – essentially, being our first coaches. Sometimes, the most significant victories come from the sidelines, by cheering on our children and celebrating their achievements. This video is a tribute to those dads who find their happiness in their children's success.” Join us in celebrating these remarkable role models this Father’s Day. Watch the #DadMyFirstCoach video and share your stories of the amazing dads who have helped you win in life. Let's honour the silent champions who win by watching us win. Mumbai-Reporter, (Hitesh Jain).
admin
Jun 16, 2024