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भ्रष्टाचार खत्म करा दो अथवा कम करा दो, भाजपा के नगर महामंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

बडौत, 18 जून 2024 (यूटीएन)। अब तो भाजपाई भी तहसील और विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने लगे हैं। इतना ही नहीं, भ्रष्टाचार को कम अथवा समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखने को मजबूर हो रहे हैं।    भाजपा के नगर महामंत्री तथा पूर्व सभासद राकेश विश्वकर्मा, तहसील में दस्तावेज लेखक भी हैं, जो भ्रष्टाचार के तरीके को बड़ी नजदीकी से देखते और सहन करते रहते हैं। अपने पत्र में राकेश विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि, तहसील में कार्यरत ज्यादातर लेखपाल आदि ने अपने सहायक रखे हुए हैं, जिनकी मार्फत रिश्वत ली जाती है। भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद् आदि संगठनों से संबद्ध राकेश विश्वकर्मा ने भ्रष्टाचार को खत्म करने अथवा कम कराने का विकल्प भी अपने पत्र में दिया है।    अब देखना है कि, भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के पदाधिकारी द्वारा लिखे पत्र को कब और कैसे संज्ञान लिया जाता है या फिर रिश्वत यूं ही चलती रहेगी। अब तो भाजपाई भी तहसील और विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने लगे हैं। इतना ही नहीं, भ्रष्टाचार को कम अथवा समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखने को मजबूर हो रहे हैं।    भाजपा के नगर महामंत्री तथा पूर्व सभासद राकेश विश्वकर्मा, तहसील में दस्तावेज लेखक भी हैं, जो भ्रष्टाचार के तरीके को बड़ी नजदीकी से देखते और सहन करते रहते हैं। अपने पत्र में राकेश विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि, तहसील में कार्यरत ज्यादातर लेखपाल आदि ने अपने सहायक रखे हुए हैं, जिनकी मार्फत रिश्वत ली जाती है। भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद् आदि संगठनों से संबद्ध राकेश विश्वकर्मा ने भ्रष्टाचार को खत्म करने अथवा कम कराने का विकल्प भी अपने पत्र में दिया है।    अब देखना है कि, भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के पदाधिकारी द्वारा लिखे पत्र को कब और कैसे संज्ञान लिया जाता है या फिर रिश्वत यूं ही चलती रहेगी।   संवाददाता, आशीष चंद्रमौलि।।

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Jun 18, 2024

एम्स की नेत्र विशेषज्ञ की डॉ. देवांग को मिला बड़ा सम्‍मान, काला मोतिया के इलाज पर की है रिसर्च

नई दिल्ली, 18 जून 2024 (यूटीएन)। ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्‍ली के डॉ. आरपी सेंटर फॉर ऑप्‍थेल्मिक साइंसेज की प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवांग एंग्‍मो को एशिया पैसिफिक ग्‍लूकोमा सोसायटी की ओर से एपीजीएस यंग इन्‍वेस्टिगेटर अवॉर्ड 2024 से सम्‍मानित किया गया है. यह अवॉर्ड डॉ. देवांग को आंखों को अंधा बना देने वाली बीमारी ग्‍लूकोमा को लेकर पिछले 14 साल से की जा रहीं मल्‍टीपल सर्जिकल रिसर्च के लिए दिया गया है.   बता दें कि एम्‍स का आरपी सेंटर देश के सबसे अच्‍छे आंखों के अस्‍पताल कम रिसर्च सेंटर में से एक है जहां मरीजों के इलाज के साथ-साथ बीमारियों और उनके इलाज पर रिसर्च और स्‍टडीज लगातार जारी रहते हैं. इस सम्‍मान को हासिल करने वाली डॉ. देवांग बताती हैं कि भारत में ग्‍लूकोमा पर सर्जिकल रिसर्च और मेडिकल मैनेजमेंट में रिसर्च लगातार हो रहे हैं. भारत में सबसे कॉमन काला मोतिया एंगल क्‍लोजर ग्‍लूकोमा है. ग्‍लूकोमा के इलाज में काम आ रही नई तकनीक और नई-नई मशीनों पर किए गए सर्जिकल रिसर्च में ग्‍लूकोमा के अन्‍य कारणों का भी पता चल रहा है, जबकि कुछ साल पहले तक सिर्फ किताबों में लिखे कारणों को ही मान लिया जाता था.   इन रिसर्च का फायदा ये हुआ है कि अब अलग-अलग कारणों से ग्‍लूकोमा के शिकार हुए मरीजों में अलग-अलग सर्जरी करने का रास्‍ता मिल गया है. यही वजह है कि अब ग्‍लूकोमा का बेहतर इलाज मिल पा रहा है. डॉ. कहती हैं कि मेडिकेशन, लेजर और सर्जरी को लेकर हो रहीं रिसर्च मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होने जा रही हैं. पुरस्‍कार से सम्‍मानित होने पर डॉ. देवांग कहती हैं, ‘2010 से मैं ग्‍लूकोमा यानि काला मोतिया पर रिसर्च कर रही हूं. ये अभी तक की गईं रिसर्च को लेकर दिया गया है. इतना ही नहीं ग्‍लूकोमा को लेकर की जा रही जागरुकता भी इसमें शामिल है. लोगों को इस बीमारी से बचने और सही समय पर इलाज लेने के लिए प्रेरित करना भी इसमें शामिल हैं.   ग्‍लूकोमा एक इरिवर्सिवल ब्‍लाइंडनेस वाली बीमारी है. अगर यह एक बार बीमारी हो जाए तो इससे होने वाले नुकसान को ठीक करना असंभव है लेकिन दवाओं के माध्‍यम से आने वाले समय में होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. सफेद मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद रोशनी वापस आ जाती है लेकिन काला मोतिया में ऐसा संभव नहीं हो पाता. यही वजह है कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया में यह अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 18, 2024

युवक से मारपीट कर हजारों की नगदी व सोने की चेन लूटी, भाकियू अम्बावता ने बढ़ती लूट पर जताई चिंता

चांदीनगर, 18 जून 2024 (यूटीएन)। करावलनगर दिल्ली निवासी एक युवक से भैडापुर के समीप कार सवार बदमाशों ने मारपीट कर हजारों रुपये की नगदी और चेन लूट ली। पीड़ित ने थाना चांदीनगर में तहरीर दी है।   करावलनगर दिल्ली निवासी सुमित पुत्र देशराज ने बताया कि, वह शामली से कार द्वारा अपने तीन दोस्तों के साथ करावलनगर दिल्ली लौट रहे थे। इसी दौरान भैडापुर के समीप कार रोककर बाथरूम के लिए उतरा था, तभी कार सवार बदमाश वहा पहुंचे और उन्होंने उसकी आंख पर घूसा मारकर घायल कर दिया व उसके गले से एक तोले की सोने की चेन और कार के डेश बोर्ड में रखे बीस हजार रुपये लेकर फरार हो गये । पीड़ित किसी तरहा धोली प्याऊ चौकी पहुंचें और घटना की जानकारी दी व थाने में भी तहरीर दी।    थाना प्रभारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि, दोनों पक्षों मे रटौल नहाने को लेकर कहासुनी हुई थी जो भैडापुर के पास मारपीट मे बदल गयी । लूट का आरोप गलत है।उधर लूट की बढ़ती घटनाओं को लेकर भाकियू अम्बावता के जिलाध्यक्ष मनोज प्रधान ने बैठक कर लूट की घटनाओं पर चिंता जतायी व कहा कि, दो दिन पहले भागौट के समीप रटौल के एक युवक से दो हजार की लूट हुई थी, वहीं अब करावलनगर के लोगों से लूट हुई है।लूट की वारदातों को लेकर पुलिस को मुकदमा दर्ज करना चाहिए।कहा कि, वह एसपी से मिल लूट की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की गश्त बढानें की मांग करेगे बैठक  रज्जू,रवि,नितिन,गौरव, बबली,संजय,तिरलोक आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 18, 2024

साप्ताहिक मार्केट बंदी कराने के लिए डिप्टी सीएम ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र

बडौत,18 जून 2024 (यूटीएन)। बाजारों में साप्ताहिक बंदी संघर्ष के श्रमिकों को एक बार फिर मिला उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य का साथ। जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उन्होंने साप्ताहिक बंदी लागू कराने के दिए निर्देश। वहीं पत्र प्राप्ति से उत्साहित श्रमिकों ने आदेश का पालन न करा पाने की स्थिति में श्रम प्रवर्तन अधिकारी का पुतला दहन करने की दे डाली चेतावनी। बाजारों में साप्ताहिक बंदी के आदेश को प्रभावी तरीके से लागू कराने को संघर्ष कर रहे बडौत श्रमिक एसो के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने आगामी बुधवार को नगर के बाजार गुलज़ार रहने की स्थिति में श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पुतला दहन करने की चेतावनी दी है।   समझा जाता है कि,उनकी यह चेतावनी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा एसो के अध्यक्ष को लिखे गए पत्र से उत्साहित होकर की गई है। डिप्टी सीएम ने बागपत के डीएम को बुधवार में साप्ताहिक मार्केट बंदी के आदेश को प्रभावी ढंग से लागू कराने को लिखित निर्देश दिए हैं।   बता दें कि, 11 जून को बड़ौत श्रमिक एसोशिएशन बागपत के अध्यक्ष प्रवीण वर्मा ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखकर बुधवार साप्ताहिक मार्केट बंदी के आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करा कर साप्ताहिक अवकाश दिलाने की मांग की थी।जिस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 14 जून पत्र द्वारा डीएम बागपत को आदेश दिए जाने की बात कही।   अब श्रमिक एसोसिएशन ने तय किया है कि,इस आदेश के बावजूद अगर आगामी बुधवार को साप्ताहिक मार्केट बंदी के दिन बड़ौत का मार्केट गुलजार रहता है, तो बड़ौत के श्रमिक बड़ौत श्रम प्रवर्तन अधिकारी का पुतला दहन किया जाएगा। यह कार्यक्रम नगर के बीच बाज़ार लगी नेहरू मूर्ति के सामने दहन करेंगे ।   संवाददाता,आशीष चंद्रमौलि ।

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Jun 18, 2024

पूर्वी नहर यमन में पानी न आने से सूख रही फसलें, रालोद नेता राजेन्द्र शर्मा ने दिल्ली में चीफ से की वार्ता

बडौत,18 जून 2024 (यूटीएन)। प्रदेश और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को लाभान्वित करने के लिए रालोद कार्यकर्ता चलाएंगे अभियान।किसानों,  कमेरों, व्यापारियों सहित युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए भी रालोद रहेगा सक्रिय।    रालोद के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि, प्रदेश और केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी के चलते हमारा नैतिक दायित्व है कि, अपने नेता तथा पार्टी सुप्रीम जयंत चौधरी के दिशा निर्देशों के तहत जन जन की उम्मीदों को पूरा करने के लिए सतत् प्रयास जारी रखें। कहा कि, योजनाबद्ध तरीके से हर क्षेत्र में वरीयता के आधार पर विकास व समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। इसी क्रम में भीषण गर्मी के बावजूद पूर्वी नहर यमन में पानी न आने से जहां किसानों की फसलें सूख रही हैं।   इसके लिए तत्काल ही दिल्ली में नहर यमन के चीफ से वार्ता कर नहर में पानी छोडे जाने की मांग की गई, जिस पर उन्होंने अगले दो दिन में नहर यमन और उसके सहायक राजबाहों में पानी छोडे जाने की बात कही।    रालोद नेता राजेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में जितेंद्र प्रधान सूप, सतेन्द्र नसौली, सुभाष बावली तथा प्रदीप शर्मा खेडकी आदि ने सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर को पश्चिम उप्र की चौगामा नहर में बरसों से पानी न छोडे जाने की बात भी रखी।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 18, 2024

सेब (फल) व सब्ज़ी मंडी की आधिकारिक उद्घाटन की घोषणा पर जताया आभार

पिंजौर, 18 जून 2024 (यूटीएन)। पिंजौर के एक निजी होटल में प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक लतिका शर्मा ने कहा कि एचएमटी में नवनिर्मित सेब (फल) व सब्ज़ी मंडी के आधिकारिक उद्घाटन की घोषणा सूबे की नायाब सरकार द्वारा की जा चुकी है। आगामी 15 जुलाई को इसका विधिवत तरीक़े से शुभारंभ कर दिया जाएगा। तारीख़ का ऐलान होने से आढ़ती एसोसिएशन में ख़ुशी की लहर छा गई है। पूर्व विधायक लतिका शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री कँवर पाल गुज्जर का आभार व्यक्त किया है। ज्ञात रहे विगत मंगलवार को ही पूर्व विधायक लतिका शर्मा सेब (फल) व सब्ज़ी मंडी के आढ़तियों को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री कँवर पाल गुज्जर से मुलाक़ात की थी। पूर्व विधायक की माँग पर कार्यवाही करते हुए कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध करवाने को कहा था। इस मौक़े पर नगर परिषद चेयरमैन कृष्ण लाल लाम्बा, मण्डल महामंत्री हरीश मोंगा-राजेंद्र शर्मा, ब्लॉक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि तिलकराज शर्मा, वाईस चेयरमैन राम कृष्ण वर्मा, चेयरमैन सतबीर राणा, ज़िला पार्षद बहादुर राणा ककराली, आढ़ती अनूप चौहान, ब्लॉक समिति सदस्य देवेंद्र शास्त्री, वरिष्ठ नेता विजय कलिया, आदि उपस्थित रहे। *सरसों के ख़राबे पर बोई सूरजमुखी, ख़रीद की माँग को किया पूरा* ज़िला परिषद सदस्य बहादुर राणा ककराली ने बताया कि रायपुररानी में किसानों द्वारा सरसों फ़सल की बिजाई की गई थी पिछले दिनों बेमोसामी बरसात के कारण फसल ख़राब हो गई और फिर किसानों द्वारा सरसों की जगह सूरजमुखी की बिजाई कर दी थी। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर सरसों पंजीकृत होने के कारण किसानों को अपनी सूरजमुखी फसल बेचने में बहुत सी कठिनाइयों का सामना कर पड़ रहा था जिसे पूर्व विधायक लतिका शर्मा के सामने रखा गया। पूर्व विधायक ने इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों से बात कर हमारी इस समस्या से निदान दिलाया। अब हम सभी किसान अपनी सूरजमुखी की फसल को सरकार द्वारा निर्धारित क़ीमतों पर बेच सकेंगे। हम सब किसान साथी मैडम लतिका शर्मा का आभार व्यक्त करते हैं। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jun 18, 2024

अब तो बड़ी कंपनियों के सीइओ को भी नहीं छोड़ रहे साइबर क्रिमिनल

नई दिल्ली, 18 जून 2024 (यूटीएन)। हाल ही में पुणे स्थित एक रियल एस्टेट फर्म को ₹4 करोड़ का चूना लगा, जब साइबर अपराधियों ने कंपनी के चेयरमैन के रूप में एक अकाउंट अधिकारी को धोखा देकर कंपनी के फंड को फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की लोकल यूनिट में में फाइनेंस कंट्रोलर करोड़ों रुपये के इसी तरह के घोटाले का शिकार हो गया, जब चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर छुट्टी पर थे।   *एडवांस हुए फिशिंग अटैक*   फिशिंग हमले अधिक एडवांस हो गए हैं। साइबर अपराधी ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए बड़े लोगों पर नजर रख रहे हैं। एक्सपर्ट्स ने कहा कि पिछले एक साल में, उन्होंने तथाकथित व्हेलिंग अटैक या सीईओ धोखाधड़ी की घटनाओं में कम से कम दो से तीन गुना वृद्धि देखी है। इसमें घोटालेबाज सोशल इंजीनियरिंग का यूज करके टॉप कॉर्पोरेट अधिकारी बन जाते हैं। इसके बाद वे कर्मचारियों को पैसे भेजने, संवेदनशील डेटा प्रदान करने, गिफ्ट कार्ड खरीदने या नेटवर्क एक्सेस की अनुमति देने के लिए धोखा देते हैं। इन घटनाओं से अक्सर वित्तीय नुकसान, डेटा ब्रीच और कुछ मामलों में कंपनियों के लिए ऑर्गनाइजेशन रेपुटेशन को नुकसान होता है।   *सीइओ लेवल अधिकारियों के साथ बढ़ी घटनाएं*   ईवाई इंडिया के फोरेंसिक एंड इंटीग्रिटी सर्विसेज के पार्टनर रंजीत बेल्लारी ने कहा कि यह एक बड़ा नेक्सस है; संगठित आपराधिक गिरोह इसमें सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि हम पिछले सात-आठ सालों से सोशल इंजीनियरिंग धोखाधड़ी की जांच कर रहे हैं, लेकिन सीईओ/सीएक्सओ-स्तर के अधिकारियों को निशाना बनाने वालों की संख्या में हाल ही में बढ़ोतरी हुई है। बेल्लारी का कहना है कि धोखेबाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे बॉट-आधारित अटैक कर रहे हैं। इसमें अधिकारियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल और अन्य उपलब्ध कंटेंट की स्टडी करके बहुत ही विश्वसनीय मेल तैयार कर रहे हैं जो वैलिड लगते हैं।   *किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं*   बेल्लारी ने कहा कि ये हमले आंशिक रूप से कम अवेयरनेस के कारण प्रभावी हैं। इसलिए भी क्योंकि धोखेबाजों को एहसास हो गया है कि सीनियर अधिकारियों से मिले ईमेल पर कर्मचारियों से ऐक्शन करवाना आसान है। धोखे से बचने की पहली लाइन है कि आपको किसी व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। कंपनियां अब कर्मचारियों के लिए अवेयरनेस सेशन भी करवा रही हैं। हालांकि, अधिकत मामलों में, यह रिएक्विट होने के बजाय प्रोएक्टिव होता है।   *अधिकांश मामलों की रिपोर्ट नहीं*   कई मामलों में, कंपनियां और व्यक्ति इस फैक्ट को छिपाने की कोशिश करते हैं कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। इसका अर्थ है कि मामलों की वास्तविक संख्या रिपोर्ट की गई संख्या से कई गुना अधिक होने की संभावना है। केवल कॉर्पोरेट कर्मचारी ही नहीं, बल्कि आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट के फैकल्टी को भी हैकर्स से निदेशक या शीर्ष अधिकारियों के रूप में ईमेल या व्हाट्सएप मैसेज मिले। एक आईआईएम निदेशक ने को बताया कि कथित तौर पर उनकी तरफ से भेजे गए मेल कई फैकल्टी मेंबर्स को भेजे गए थे। इसमें गिफ्ट कार्ड खरीदने और डिटेल भेजने के लिए कहा गया था। निदेशक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ है। हमने अब और अधिक सख्त सिस्टम लागू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे फिर से निशाना बनाए जाने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अन्य संस्थानों में उनके कई साथियों को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा है।   *ब्रांड की बदनामी नहीं चाहते*   ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर और लीडर-साइबर अक्षय गार्केल के अनुसार, कभी-कभी किसी बड़ी कंपनी (जिसका सालाना रेवेन्यू 50,000-100,000 करोड़ रुपये होता है) के लिए यह सोचना बेहतर होता है कि नियोक्ता ब्रांड को नुकसान पहुंचाने के बजाय छोटी रकम, जैसे कि 3-4 करोड़ रुपये तक, को राइटऑफ कर देना बेहतर है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहने के बाद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सभी मामलों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।   गार्केल ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे विशुद्ध रूप से फाइनेंशियल मोटिव छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने आने वाले मामलों में सुरक्षा जागरूकता के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। ऐसी घटनाओं की निगरानी और उन्हें रोकने में और अधिक बेहतर तरीके से काम करने की आवश्यकता है।   *साइबर अटैक का खतरा*   लगभग हर कोई साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील है। इसकी वजह है कि ऐप्स और वेब साइट्स की तरफ से जुटाई गई पर्सनल जानकारी लीक हो सकती है। इससे घोटालेबाजों को कॉन्फिडेंशियल जानकारी तक एक्ससे मिल सकता है। धोखाधड़ी का पता लगाने वाली कंपनी आईडीएफवाई के सीईओ अशोक हरिहरन ने कहा कि उनकी कंपनी को भी निशाना बनाया गया था। एक महीने पहले ही, कंपनी के 650 कर्मचारियों में से 50-60 को हरिहरन से एक ईमेल मिला था। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी का पता लगाने के बिजनेस में होने के कारण, कोई भी इसके झांसे में नहीं आया, लेकिन ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।   हरिहरन कहते हैं कि पर्सनल डिटेल आसानी से उपलब्ध है। यह ऐप या डेटा ब्रोकर से हो सकता है जो इसे बेच रहे हैं। यह डार्क वेब पर सिर्फ 100-200 रुपये में उपलब्ध है। इसके अलावा, फैक्ट यह है कि यूपीआई के माध्यम से पैसे का ट्रांसफर बेहद आसान हो गया है। इसने, इसे अधिकांश धोखाधड़ी का आधार बना दिया है।   इसे बड़े पैमाने पर चलाना बहुत आसान है। हाल ही में पुणे स्थित एक रियल एस्टेट फर्म को ₹4 करोड़ का चूना लगा, जब साइबर अपराधियों ने कंपनी के चेयरमैन के रूप में एक अकाउंट अधिकारी को धोखा देकर कंपनी के फंड को फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की लोकल यूनिट में में फाइनेंस कंट्रोलर करोड़ों रुपये के इसी तरह के घोटाले का शिकार हो गया, जब चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर छुट्टी पर थे।   *एडवांस हुए फिशिंग अटैक*   फिशिंग हमले अधिक एडवांस हो गए हैं। साइबर अपराधी ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए बड़े लोगों पर नजर रख रहे हैं। एक्सपर्ट्स ने कहा कि पिछले एक साल में, उन्होंने तथाकथित व्हेलिंग अटैक या सीईओ धोखाधड़ी की घटनाओं में कम से कम दो से तीन गुना वृद्धि देखी है। इसमें घोटालेबाज सोशल इंजीनियरिंग का यूज करके टॉप कॉर्पोरेट अधिकारी बन जाते हैं। इसके बाद वे कर्मचारियों को पैसे भेजने, संवेदनशील डेटा प्रदान करने, गिफ्ट कार्ड खरीदने या नेटवर्क एक्सेस की अनुमति देने के लिए धोखा देते हैं। इन घटनाओं से अक्सर वित्तीय नुकसान, डेटा ब्रीच और कुछ मामलों में कंपनियों के लिए ऑर्गनाइजेशन रेपुटेशन को नुकसान होता है।   *सीइओ लेवल अधिकारियों के साथ बढ़ी घटनाएं*   ईवाई इंडिया के फोरेंसिक एंड इंटीग्रिटी सर्विसेज के पार्टनर रंजीत बेल्लारी ने कहा कि यह एक बड़ा नेक्सस है; संगठित आपराधिक गिरोह इसमें सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि हम पिछले सात-आठ सालों से सोशल इंजीनियरिंग धोखाधड़ी की जांच कर रहे हैं, लेकिन सीईओ/सीएक्सओ-स्तर के अधिकारियों को निशाना बनाने वालों की संख्या में हाल ही में बढ़ोतरी हुई है। बेल्लारी का कहना है कि धोखेबाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे बॉट-आधारित अटैक कर रहे हैं। इसमें अधिकारियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल और अन्य उपलब्ध कंटेंट की स्टडी करके बहुत ही विश्वसनीय मेल तैयार कर रहे हैं जो वैलिड लगते हैं।   *किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं*   बेल्लारी ने कहा कि ये हमले आंशिक रूप से कम अवेयरनेस के कारण प्रभावी हैं। इसलिए भी क्योंकि धोखेबाजों को एहसास हो गया है कि सीनियर अधिकारियों से मिले ईमेल पर कर्मचारियों से ऐक्शन करवाना आसान है। धोखे से बचने की पहली लाइन है कि आपको किसी व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। कंपनियां अब कर्मचारियों के लिए अवेयरनेस सेशन भी करवा रही हैं। हालांकि, अधिकत मामलों में, यह रिएक्विट होने के बजाय प्रोएक्टिव होता है।   *अधिकांश मामलों की रिपोर्ट नहीं*   कई मामलों में, कंपनियां और व्यक्ति इस फैक्ट को छिपाने की कोशिश करते हैं कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। इसका अर्थ है कि मामलों की वास्तविक संख्या रिपोर्ट की गई संख्या से कई गुना अधिक होने की संभावना है। केवल कॉर्पोरेट कर्मचारी ही नहीं, बल्कि आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट के फैकल्टी को भी हैकर्स से निदेशक या शीर्ष अधिकारियों के रूप में ईमेल या व्हाट्सएप मैसेज मिले। एक आईआईएम निदेशक ने को बताया कि कथित तौर पर उनकी तरफ से भेजे गए मेल कई फैकल्टी मेंबर्स को भेजे गए थे। इसमें गिफ्ट कार्ड खरीदने और डिटेल भेजने के लिए कहा गया था। निदेशक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ है। हमने अब और अधिक सख्त सिस्टम लागू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे फिर से निशाना बनाए जाने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अन्य संस्थानों में उनके कई साथियों को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा है।   *ब्रांड की बदनामी नहीं चाहते*   ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर और लीडर-साइबर अक्षय गार्केल के अनुसार, कभी-कभी किसी बड़ी कंपनी (जिसका सालाना रेवेन्यू 50,000-100,000 करोड़ रुपये होता है) के लिए यह सोचना बेहतर होता है कि नियोक्ता ब्रांड को नुकसान पहुंचाने के बजाय छोटी रकम, जैसे कि 3-4 करोड़ रुपये तक, को राइटऑफ कर देना बेहतर है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहने के बाद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सभी मामलों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।   गार्केल ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे विशुद्ध रूप से फाइनेंशियल मोटिव छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने आने वाले मामलों में सुरक्षा जागरूकता के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। ऐसी घटनाओं की निगरानी और उन्हें रोकने में और अधिक बेहतर तरीके से काम करने की आवश्यकता है।   *साइबर अटैक का खतरा*   लगभग हर कोई साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील है। इसकी वजह है कि ऐप्स और वेब साइट्स की तरफ से जुटाई गई पर्सनल जानकारी लीक हो सकती है। इससे घोटालेबाजों को कॉन्फिडेंशियल जानकारी तक एक्ससे मिल सकता है। धोखाधड़ी का पता लगाने वाली कंपनी आईडीएफवाई के सीईओ अशोक हरिहरन ने कहा कि उनकी कंपनी को भी निशाना बनाया गया था। एक महीने पहले ही, कंपनी के 650 कर्मचारियों में से 50-60 को हरिहरन से एक ईमेल मिला था। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी का पता लगाने के बिजनेस में होने के कारण, कोई भी इसके झांसे में नहीं आया, लेकिन ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।   हरिहरन कहते हैं कि पर्सनल डिटेल आसानी से उपलब्ध है। यह ऐप या डेटा ब्रोकर से हो सकता है जो इसे बेच रहे हैं। यह डार्क वेब पर सिर्फ 100-200 रुपये में उपलब्ध है। इसके अलावा, फैक्ट यह है कि यूपीआई के माध्यम से पैसे का ट्रांसफर बेहद आसान हो गया है। इसने, इसे अधिकांश धोखाधड़ी का आधार बना दिया है। इसे बड़े पैमाने पर चलाना बहुत आसान है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 18, 2024

पिता बनने में दिक्‍कतें झेल रहे पुरुषों पर एम्स ने की स्‍टडी, योग से गूंजेगी किलकारीv

नई दिल्ली, 17 जून 2024 (यूटीएन)। योग के रूप में भारत के पास कितना अनमोल खजाना है, यह बात अब मॉडर्न साइंस भी मानने लगी है. ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्‍ली में योग को लेकर हुई यह स्‍टडी इस बात की गवाह है कि योग हर मर्ज की दवा है. एम्‍स के गायनेकोलॉजी और एनोटॉमी विभाग ने किन्‍हीं कारणों से पिता नहीं बन पा रहे 239 पुरुषों पर किए रिसर्च और फिर उनमें से 60 लोगों को कराए गए योग के बाद ऐसा रिजल्‍ट देखने को मिला कि खुद डॉक्‍टर्स भी हैरान रह गए.   एम्‍स नई दिल्‍ली के एनाटॉमी विभाग में प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया कि आमतौर पर योग को लेकर लोगों की ये मानसिकता है कि मानसिक बीमारियों में योग असरदार है और फायदा पहुंचाता है लेकिन एम्‍स की हालिया स्‍टडी के नतीजे चौंकाने वाले हैं. योग करने से स्‍टडी में शामिल पुरुषों के स्‍पर्म के डीएनए की क्‍वालिटी में सुधार देखा गया है. स्‍टडी में शामिल योग इंटरवेंशन लेने वाले कुछ लोग जहां साधारण रूप से पिता बन पाने में सक्षम हुए वहीं जो लोग आईवीएफ की तरफ गए, उनमें भी सफलता की दर बढ़ गई.   *ऐसे शुरू हुई स्‍टडी*   डॉ. रीमा दादा ने बताया, ‘एम्‍स के गायनेकोलॉजी विभाग में कंसीव न कर पाने, बार-बार बच्‍चे गिरने या मिसकैरेज, पेट में ही भ्रूण के मर जाने की समस्‍या या आईवीएफ के लिए आने वाली फीमेल्‍स की सभी जांचें की गईं लेकिन महिलाओं में प्रेग्‍नेंसी, बच्‍चा बार बार गिरने या कंसीव न होने को लेकर कोई भी कमी सामने नहीं आई. लिहाजा इन केसेज को गायनी विभाग की एचओडी डॉ. नीना मल्‍होत्रा, डॉ. नीता सिंह और डॉ. वत्‍सला की ओर से हमारे विभाग में आगे की जांच के लिए भेजा गया.   ऐसे में सबसे पहले हमने 239 मेल्‍स पर स्‍टडी कर यह जांच की कि आखिर प्रेग्‍नेंसी और कंसीविंग में पिता का क्‍या रोल होता है. क्‍या इनका डीएनए खराब है, क्‍या इनके शुक्राणु का डीएनए नष्‍ट हो जाता है. क्‍या वजहें हैं कि उनकी पत्नियां कंसीव नहीं कर पा रही थीं और वे बाप नहीं बन पा रहे थे. इन सभी में स्‍पर्म फैक्‍टर एनालाइज किया गया. जिसमें इनके स्‍पर्म जीनोमिक इंटीग्रिटी, स्‍पर्म के डीएनए की क्‍वालिटी, जीन एक्‍सप्रेशन, टेलोमेयर की लंबाई, स्‍पर्म काउंट, तनाव आदि की स्‍टडी की गई.’   *60 लोगों को कराया योग*   डॉ. रीमा दादा बताती हैं, ‘239 मेल्‍स के स्‍पर्म, डीएनए और आरएनए की स्‍टडी के बाद हमने 60 लोगों को योग कराने के लिए चुना और लगातार 6 हफ्ते तक उन्‍हें योग कराया. इस दौरान रोजाना 2 घंटे का सेशन होता था जिसमें उन मेल्‍स की काउंसलिंग के अलावा योगासन, प्राणायाम और ध्‍यान क्रियाएं शामिल थीं. इन लोगों को सूर्य नमस्‍कार भी कराया गया. फिर 6 हफ्ते बाद हमने उन्‍हीं पैरामीटर के आधार पर देखा कि इन लोगों के स्‍पर्म की डीएनए क्‍वालिटी पहले से बेहतर हुई.   उनका आरएनए एक्‍सप्रेशन लेवल नॉर्मलाइज हुआ, डीएनए डैमेज कम हुआ, जीन के एक्‍सप्रेशंस में, टेलोमीयर लेंथ में भी सुधार आया. क्‍योंकि स्‍पर्म शरीर का एकमात्र ऐसा सेल है जिसमें अपने डीएनए को इंप्रूव करने या बचाने की क्षमता बहुत कम होती है, लेकिन योग से इसमें इंप्रूवमेंट देखा गया.   *कौन कौन से योग कराए गए*   डॉ. दादा कहती हैं कि इन लोगों को योगासनों के साथ ही प्राणायाम और ध्‍यान कराया गया. सूर्य नमस्‍कार कराया, त्रिकोण आसन, पेल्विक फ्लोर के लिए जरूरी योगासन कराए गए. इससे न केवल इनका तनाव का स्‍तर घटा बल्कि डीएनए की क्‍वालिटी में भी सुधार आया.   योगा से होगा, सच है कहावत..   डॉ. दादा कहती हैं कि इस स्‍टडी का निचोड़ यह है कि बच्‍चे पैदा करने में सिर्फ मां नहीं बल्कि पिता का भी अहम रोल है. बच्‍चा बार बार गिर रहा है तो वह मां की वजह से नहीं पिता के कमजोर डीएनए या स्‍पर्म की क्‍वालिटी के खराब होने की वजह से भी हो सकता है. ऐसे में जो लोग आईवीएफ या टेस्‍ट ट्यूब बेबी के लाखों खर्च करते हैं, इतना तनाव और कष्‍ट झेलते हैं, अगर वे योग, प्राणायाम और ध्‍यान करें तो उनके स्‍पर्म की डीएनए की क्‍वालिटी बेहतर होती है और वे नॉर्मली भी कंसीव कर सकते हैं. या फिर अगर वे टेस्‍ट ट्यूब बेबी के लिए जाते हैं तो उसका सक्‍सेज रेट भी बेहतर होगा. इसके अलावा जो बच्‍चा पैदा होगा, उसमें जेनेटिक बीमारियां कम होंगी और वह स्‍वस्‍थ होगा.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 17, 2024

दिल्ली जल संकट पर आतिशी बोल रहीं झूठ: योगेंद्र चंदोलिया

नई दिल्ली, 17 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में पानी की मांग आम दिनों की तुलना में ज्यादा है। लेकिन दिल्ली पानी की किल्लतों का भी सामना कर रहा है। लोगों को टैंकरों का पानी पाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है और लड़ झगड़ कर पानी लेना पड़ रहा है।   दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी कई बार यूपी और हरियाणा की सरकार से पानी छोड़ने की मांग कर चुकी हैं। इस बीच उत्तर पश्चिम दिल्ली के भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आतिशी का काम केवल झूठ बोलना हैं और जलबोर्ड का पूरा पैसा पावरफुल लोगों तक पहुंच रहा है।   *योगेंद्र चंदोलिया ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना*   योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, "890 क्यूसेक पानी छोड़ने का एग्रीमेंट हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार के बीच है। हरियाणा द्वारा 1049 क्यूसेक पानी हरियाणा लगातार दिल्ली के देता है। टैंकर माफिया यहां से पानी भरते थे। वीरेंद्र सचदेवा और मैंने इसकी शिकायत पुलिस से की। पुलिस अब यहां बैठती है।   1049 क्यूसेक पानी का इस्तेमाल दिल्ली की जनता के लिए होना था। दिल्ली सरकार के 5 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट है। एक ट्रीटमेंट प्लांट का उदाहरण देता हूं। वजीराबाद के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में 250 एमजीडी पानी को साफ करके स्टोर करने की क्षमता है। 2013 के अंदर दिल्ली सरकार ने टेंडर निकाला कि उसमें से गाद निकाला जाए।   *आतिशी केवल झूठ बोलने का काम करती हैं*   आज 11 साल हो गए हैं। हाईकोर्ट के कहने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। 94 फीसदी गाद वहां पर है। मात्रत्र 15 फीसदी पानी वहां पर आता है। भ्रष्टाचार के चलते जिस व्यक्ति को टेंडर देना चाहते थे, तो उसको इन्होंने नहीं दिया। दूसरी पार्टी को दे दिया। ये कोर्ट चले गए। कोर्ट ने इनके ऑर्डर को रद्द कर दिया लेकिन फिर भी काम शुरू नहीं हो सका।     10 साल से दिल्ली के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी केवल झूठ बोलने का काम करती हैं। 2013 तक दिल्ली का जलबोर्ड फायदे में होता था। आज 82 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है। सारा पैसा टैंकर माफियाओं के जरिए शक्तिशाली लोगों तक पहुंच गया है। आतिशी हरियाणा को बदनाम करना छोड़ दें।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jun 17, 2024

पुलिस इलेवन ने 126 रनो से पत्रकार इलेवन को दी करारी शिकस्त

पीलीभीत,17 जून 2024 (यूटीएन)। बिलसंडा कस्बा के गांधी स्मारक सुंदरलाल इंटर कॉलेज के मैदान पर चल रहे अंतर्जनपदीय क्रिकेट टूर्नामेंट में रविवार को पुलिस इलेक्न और पत्रकार इलेक्न के बीच फ्रेंडली मैच खेला गया l पुलिस टीम के कप्तान माधोटांडा  इंस्पेक्टर अचल कुमार की टीम ने टॉस जीतकर शानदार बैटिंग का प्रदर्शन किया  और 212 रनों का स्कोर धुआंधार बल्लेबाजी करते पत्रकार इलेक्न की टीम के मध्य  खड़ा कर दिया ।    वहीं दूसरी और पत्रकार इलेक्न की टीम के कप्तान दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता रिबिन शुक्ला उप कप्तान अनमोल शर्मा  की टीम ने अपनी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया पुलिस टीम के खिलाड़ियों की बेहतरीन बॉलिंग और फील्डिंग की वजह से पत्रकार इलेक्न की टीम के विकेट ताबड़तोड़  गिरने शुरू हो गए जिस कारण पत्रकार इलेक्न की टीम लेस  मात्र 96 रन बनाकर आउट हो गई । मैच जीतने की चाह में पत्रकारों की टीम में बाहर से बुलाए गए गए l    खिलाड़ी दूसरी बार भी पुलिस टीम का मुकाबला नहीं कर सके पुलिस टीम के कप्तान इंस्पेक्टर अचल कुमार की टीम  द्वारा गांधी स्मारक सुंदरलाल इंटर कॉलेज के ग्राउंड पर गत वर्ष भी पत्रकारों की टीम को पुलिस इलेक्न की टीम ने अपनी  बोलिंग का शानदार प्रदर्शन करते हुए परास्त कर जीत हासिल की थी पुलिस इलेक्न की टीम के खिलाड़ी ओमवीर ने सर्वाधिक रन बनाते हुए अपनी बल्लेबाजी का काफी शानदार प्रदर्शन किया l   पीलीभीत- स्टेट ब्यूरो, (अरुण मिश्रा) |

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Jun 17, 2024