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जेडीयू ने ठोकी रेल और कृषि मंत्रालय पर दावेदारी साथ ही 4-5 मंत्री पद मांगे

नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। देश में एनडीए की नई सरकार बनने जा रही है. जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू की अहम भूमिका रहेगी, क्योंकि नीतीश कुमार के बिना केंद्र में सरकार बनना मुश्किल था. नीतीश कुमार ने भी एनडीए को अपने पूर्ण समर्थन की बात कह दी है. दिल्ली में हुई एनडीए की तमाम बैठकों में वो शामिल हुए और प्रधानंमत्री मरेंद्र मोदी को लोकसभा में एनडीए का नेता चुने जाने का समर्थन भी किया है.    *जेडीयू मंत्री मदन सहनी का बयान*   इस बीच नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता मदन सहनी ने शनिवार को बड़ी डिमांड की है. मदन सहनी ने कहा कि जेडीयू से चार-पांच मंत्री बनने चाहिए और रेल मंत्रालय भी जेडीयू को मिलना चाहिए. बिहार ने लोकसभा चुनाव में इतना अच्छा परिणाम दिया है तो ज्यादा से ज्यादा मंत्री भी बिहार के बनने चाहिए. ताकि बिहार का ज्यादा विकास हो.  बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने रेल के साथ-साथ कृषि मंत्रालय पर भी दावा ठोका है. उनका कहना है कि ये दोनों मंत्रालय जेडीयू के खाते में आने चाहिए.   *बिहार में एनडीए ने 40 में से 30 सीटें जीतीं*   दरअसल लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए ने 40 में से 30 सीटें जीती हैं. इनमें बीजेपी की 12, जदयू की 12, एलजेपीआर की 5 और हम की 1 सीट शामिल है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में बीजेपी के जितने मंत्री बनेंगे उतने ही जेडीयू के भी बनेंगे, लेकिन जेडीयू के नोताओं और मंत्रियों का कहना है कि जेडीयू को 4 मंत्री पद और उसमें एक रेल मंत्रालय होना चाहिए, जबकि बीजेपी रेल मंत्रालय अपने पास ही रखना चाहती है. इधर बिहार के जेडीयू नेताओं का कहना है कि बिहार को रेल मंत्रालय हमेशा मिलता रहा है. अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में भी नीतीश कुमार रेल मंत्री थे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 9, 2024

तीसरी बार मोदी को सरकार बनाने के लिए बुलावे पर भाजपाइयों द्वारा जश्न

बागपत, 08 जून 2024 (यूटीएन)। केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का गठन होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने तथा राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित किए जाने की खुशी में भाजपा जिला कार्यालय में विजय उत्सव मनाया गया, जहां भाजपा के सभी संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जमकर खुशियां और मिठाइयां बांटी ।  इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष वेदपाल उपाध्याय ने कहा कि, देश में तीसरी बार मोदी सरकार बनने जा रही है। इस सरकार को बनाने में हर कार्यकर्ता का परिश्रम है। इसलिए तीसरी बार सरकार बनने पर प्रत्येक कार्यकर्ता उत्साहित है। कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में अंतिम व्यक्ति के लिए विकास कार्य किये गये हैं।  और अब तीसरे कार्यकाल में देश नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। मोदी सरकार जनता की उम्मीद और आकांक्षाओं पर खरी उतरेगी। जिला मीडिया प्रभारी पवन शर्मा ने कहा कि, का दिन हमारे लिए खुशी का दिन है। भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता खुशी मना रहा है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और हमारे प्रधानमंत्री तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर आसीन होंगे। हम सब आज के दिन को उत्सव की तरह मना रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए।  राज्यमंत्री केपी मलिक प्रतिनिधि पंकज मलिक, जिला उपाध्यक्ष अनिल चौहान, कुलदीप भारद्वाज, जिला महामंत्री विनोद वाल्मीकि, जिला मंत्री सत्यपाल उपाध्याय, पूर्व जिला मंत्री विनोद पांचाल, मंडल अध्यक्ष संदीप प्रजापति, मनीष कुशवाहा, संजय उपाध्याय, राजीव धामा, मनजीत गुर्जर, योगेश गुर्जर, डॉ विनय त्यागी, प्रतिभा शर्मा डिमरी, प्रभात स्वामी, सुनिता यादव, प्रज्ञा बालियान, नीतू सेन, काजल तोमर, मीनाक्षी नायक, प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

मोदी कैबिनेट में दमदारी के साथ मंत्री पद की रेस में ‘ड्रीम गर्ल

मथुरा,08 जून 2024  (यूटीएन)। लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर हेमा मालिनी केंद्रीय मंत्रिमंडल की दौड़ में शामिल हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम तक मंत्रालय तय हो जाएंगे। इनमें हेमा मालिनी को भी जिम्मेदारी मिल सकती है। बृहस्पतिवार सुबह हेमामालिनी दिल्ली को रवाना हो गईं। वह दिल्ली में नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी। मथुरा सीट पर भाजपा से जीते किसी भी सांसद को अब तक केंद्रीय मंत्री की जिम्मदारी नहीं मिली है।   प्रमुख धार्मिक पयर्टन स्थल होने से यहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में मथुरा को केंद्र में मंत्री पद मिलता है तो यहां की केंद्र से जुड़ेे अनेक मुद्दों का प्रभावी समाधान होने की उम्मीद है। यहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। परिवहन और ट्रांसपोर्ट सेवा में व्यापक सुधार की गुंजाइश है। ब्रॉडगेज रेल लाइन का प्रोजेक्ट अधर में लटका है। श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से एयरपोर्ट की मांग उठ रही है। उद्यम के लिहाज से साड़ी कारोबार सूरत के बाद यहां सबसे बड़ा है। यहां विकास का पहिया उस रफ्तार से नहीं घूमा, जितने की जरूरत है।  मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।

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Jun 8, 2024

शपथग्रहण समारोह में ट्रांसजेंडरों और सफाई कर्मचारियों को भी न्योता

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव की रैलियों में महिलाओं के आगे सर झुकाकर नमन, अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाले कारीगरों पर पुष्प वर्षा या फिर प्रयागराज में कुंभ आयोजन को सफल बनाने वाले कर्मचारियों का पैर धुलना हो, पीएम मोदी हमेशा लोगों और अपने विरोधियों को चौंकाते आए हैं। लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी ने इस बार भी कुछ नया किया है। मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर काम करने वाले मजदूरों, ट्रांसजेंडरों, सफाई कर्मचारियों को भी न्योता भेजा गया है। साथ ही साथ सुरक्षा व्यवस्था भी काफी टाइट होने वाली है। सिक्योरिटी ऐसी रहेगी जिसके बाद एक परिंद भी पर नहीं मार पाएगा।   *कैसी होगी सुरक्षा जानिए* सूत्रों ने बताया कि 9 जून को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन जैसी ही सुरक्षा व्यवस्था होगी। मध्य दिल्ली की सुरक्षा के लिए खुफिया एजेंसियों और सशस्त्र बलों के साथ समन्वय में जमीन से हवा तक निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। किसी भी खतरे से निपटने के लिए हर तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। यह सुरक्षा इसलिए भी इतनी टाइट रखी जा रही है, क्योंकि इस शपथ ग्रहण समारोह में कई देशों के हुक्मरान शामिल होंगे। इसमें बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका दक्षिण एशियाई देशों के शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।   *वीवीआईपी की सुरक्षा के ये इंतजाम* सुरक्षा के दो अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं उनके काफिले की आवाजाही और होटल तथा कार्यक्रम स्थल के बीच मार्ग की सुरक्षा। प्रत्येक गणमान्य व्यक्ति को एक कॉल साइन दिया जाएगा, जिसे समारोह की सुबह बताया जाएहा। इसका उपयोग काफिले की आवाजाही और राष्ट्रपति भवन तथा कर्तव्य पथ तक उनके मार्ग के समन्वय के लिए किया जाएगा। गुरुवार दोपहर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में व्यवस्थाओं की बारीकियों पर चर्चा के लिए एक विस्तृत विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया। चर्चाओं से अवगत एक डीसीपी रैंक के अधिकारी के अनुसार, बैठक के दौरान जी-20 के दौरान अपनाए गए उपायों को दोहराने का निर्णय लिया गया। अधिकारी ने कहा, 'इसका मतलब है कि प्रत्येक होटल में डीसीपी रैंक के स्थल कमांडर होंगे, जहां विदेशी राष्ट्राध्यक्ष ठहरेंगे। वे विशेष आयुक्त रैंक के जोनल/वर्टिकल कमांडरों को रिपोर्ट करेंगे।   खुफिया एजेंसियां अपने विदेशी समकक्षों के साथ समन्वय कर रही हैं, जो अपने-अपने गणमान्य व्यक्तियों की तत्काल सुरक्षा घेरे का निर्माण करेंगे। दिल्ली पुलिस आयोजन स्थलों और मार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए उसे दी गई जानकारी पर काम कर रही है। प्रत्येक विदेशी नेता की खतरे की धारणा का व्यक्तिगत रूप से अध्ययन किया जा रहा है। घुसपैठ चेतावनी प्रणाली और मुद्रा पहचान से पुलिस को संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया, 'अगर कोई पुरुष या महिला दीवार फांदते हुए पकड़ा जाता है या असामान्य शारीरिक हरकतें जैसे रेंगना या लंगड़ाकर चलना या पीठ झुकाकर चलना आदि दिखाता है, तो एडवांस एआई-आधारित कैमरे और सॉफ्टवेयर अलार्म बजाएंगे और सुरक्षा को सचेत करेंगे।   *परिंदा पर भी नहीं मार पाएगा* होटल के कर्मचारियों की जांच और पृष्ठभूमि की जांच विशेष शाखा और सुरक्षा इकाई द्वारा की जा रही है और जी-20 के दौरान तैयार की गई सत्यापन रिपोर्टों का भी फिर से अध्ययन किया जा रहा है। प्रत्येक मंजिल के लिए कर्मचारियों का अलग-अलग समूह होगा और उनकी आवाजाही हर समय होटल की उसी मंजिल तक सीमित रहेगी। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों के पास कम से कम दो कमरे होंगे जो नियंत्रण कक्ष के रूप में काम करेंगे। समारोह के दौरान राज्य की सीमाएँ सील रहेंगी, लेकिन मॉल, बाज़ार, स्मारकों और पूजा स्थलों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल, कमांडो इकाइयाँ और विशेष वाहनों के साथ स्ट्राइक बलों द्वारा अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी।   *बिंदुवार समझिए पूरा सुरक्षा घेरा* > जी 20 सम्मेलन की तरह ही सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा रही है। > विदेशी मेहमानों के ठहरने वाले होटलों की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी चिंता है। > कारों का आवागमन और रास्तों की सुरक्षा अहम ज़िम्मेदारी होगी। > ताज, मौर्य, लीला और ओबेरॉय - ये चार बड़े होटल कड़ी सुरक्षा के घेरे में होंगे। > हर होटल में डीसीपी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए जाएंगे। > चारों स्पेशल कमिश्नरों को कुल मिलाकर जिम्मेदारी दी जाएगी। ये अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो और सेना की यूनिटों के साथ मिलकर काम करेंगे। *जांच-पड़ताल और पहचान * >हर मंजिल के लिए अलग-अलग कर्मचारी होंगे। इन्हें हर समय उसी मंजिल पर रहना होगा, दूसरी मंजिलों पर जाने की इजाजत नहीं होगी। >सम्मेलन के दौरान होटल के कर्मचारियों के आने-जाने के लिए खास तरह से प्रोग्राम किए गए कार्ड इस्तेमाल किए जाएंगे। >होटल के सभी कर्मचारियों की जांच की जाएगी। इसके लिए जी20 सम्मेलन के लिए बने विशेष जांच फॉर्म और रिपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। *चील जैसी पैनी निगरानी* >हर होटल में कम से कम एक कमरा सुरक्षा विभाग ले सकता है। इस कमरे को कंट्रोल रूम बना दिया जाएगा। >होटल के इस कंट्रोल रूम को पुलिस की केंद्रीय निगरानी प्रणाली सी4आई (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटिंग और इंटेलिजेंस) से जोड़ा जाएगा। >होटल की छतों और आसपास की ऊंची इमारतों पर रात में देखने वाले दूरबीन से लैस स्नाइपर तैनात किए जाएंगे। ये स्नाइपर हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

शीर्ष चार मंत्रालय हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी बीजेपी

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव के फाइनल नतीजों में जिस तरह से बीजेपी बहुमत से दूर रह गई, एनडीए में शामिल सहयोगी दलों ने मंत्रालयों को लेकर डिमांड तेज कर दी है। टीडीपी, जेडीयू और एनडीए के अन्य सहयोगी केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों पर नजर गड़ाए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, शुरुआती चर्चा में बीजेपी ने रक्षा मंत्रालय, वित्त विभाग, गृह और विदेश मंत्रालय पर अपनी दावेदारी जताई है। टीडीपी और जेडीयू दोनों ही दलों ने स्पीकर पद मांगा है, लेकिन कथित तौर पर बीजेपी इसके तैयार नजर नहीं आ रही।   *जेडीयू-टीडीपी ने रख दी अपनी डिमांड* चुनाव नतीजों में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए में प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों की डिमांड रख दी है। उधर मोदी के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार अपने सहयोगियों को अहम मंत्रालय आसानी से नहीं देना चाहेगा। टीडीपी और जेडीयू जिनके पास क्रमशः लोकसभा की 16 और 12 सीटें हैं, सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने पसंदीदा मंत्रालयों की डिमांड बीजेपी आलाकमान के सामने रख दी है। यही नहीं उनकी निगाहें अपने पसंदीदा मंत्रालयों पर बनी हुई है। शुरुआती चर्चा के आधार पर सहयोगी दल हर चार सांसदों पर एक मंत्री की मांग कर रहे हैं।   *कैसे सभी को साधेंगे नरेंद्र मोदी* कथित तौर पर, टीडीपी चार कैबिनेट पदों की मांग कर रही है, जबकि जेडीयू तीन मंत्रियों की मांग कर रही है। इसके अतिरिक्त, 7 सीटों के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और पांच सीटों के साथ चिराग पासवान की एलजेपी को दो-दो मंत्रालय मिलने की उम्मीद है। चंद्रबाबू नायडू भी लोकसभा अध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन बीजेपी इस मांग को स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रही है। टीडीपी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी मांग कर सकती है।   *रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मामलों अपने हाथ में रखेगी बीजेपी!* बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से 32 सीटें कम हैं, मोदी 3.0 के लिए इन सहयोगियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पास कुल मिलाकर 40 सांसद हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले दो मंत्रिमंडलों में, जहां बीजेपी ने अकेले ही बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था, एनडीए के सहयोगी प्रमुख कैबिनेट पदों पर कब्जा नहीं कर सके थे। हालांकि, 2024 के रिजल्ट में बीजेपी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। इसी के परिणामस्वरूप मंत्रिपरिषद में बीजेपी कोटे के मंत्रियों की संख्या कम हो सकती है और सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। हालांकि, यह संभावना कम ही है कि बीजेपी मुख्य मंत्रालयों पर समझौता करेगी। रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मामलों के अलावा भाजपा बुनियादी ढांचा विकास, कल्याण, युवा मामले और कृषि से संबंधित मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहेगी।   *रेल-सड़क भी अपने पास ही रखने की कोशिश* इसके अतिरिक्त, बीजेपी का दावा है कि पिछली एनडीए सरकारों के तहत रेलवे और सड़क परिवहन आदि में बड़े सुधार किए गए हैं। पार्टी इन्हें सहयोगियों को देकर सुधारों की गति को धीमा नहीं करना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे परंपरागत रूप से सहयोगी दलों के पास रहा है और बीजेपी ने काफी प्रयास के बाद इसे वापस अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। बीजेपी पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय जेडीयू को देने पर विचार कर सकती है, जबकि नागरिक उड्डयन और इस्पात जैसे विभाग टीडीपी को दिए जा सकते हैं। भारी उद्योग का प्रभार शिवसेना को दिया जा सकता है।   *टीडीपी-जेडीयू को मिल सकते हैं ये मंत्रालय* चर्चा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एनडीए के सहयोगियों को वित्त और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में राज्य मंत्री नियुक्त किया जा सकता है। पर्यटन, एमएसएमई, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सामाजिक न्याय और अधिकारिता जैसे अन्य मंत्रालय भी सहयोगी दलों को सौंपे जाने की संभावना है। चंद्रबाबू नायडू लोकसभा अध्यक्ष पद पर जोर देते रहेंगे तो बीजेपी उन्हें उपसभापति पद की पेशकश कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकती है। फिलहाल आखिरी फैसला जल्द होने के आसार हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

अगले 10 साल एनडीए की सरकार रहेगी: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। इस दौरान उन्होंने बैठक में मौजूद सभी गणमान्य जनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ''मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं, एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और मेरा व्यक्तिगत सपना है। मैं लोकतंत्र की समृद्धि के बारे में सोचता हूं तो मानता हूं कि मध्यम वर्ग के जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना अच्छा है। आज के तकनीक के दौर में हम यह कर सकते हैं। हम विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे।   विस्तार से कहूं तो सदन में किसी भी दल का कोई भी प्रतिनिधि होगा, मेरे लिए सब बराबर हैं। जब मैं सबका प्रयास करता हूं तो सदन में भी सब बराबर हैं। यह भी भाव है, जिसके कारण 30 साल से एनडीए आगे बढ़ा है। सबको गले लगाने में हमने कोई कमी नहीं रखी है। हमने 2024 में जिस टीम भावना से काम किया है और जमीनी स्तर पर किया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ तस्वीरों के लिए नेताओं ने हाथ हिलाए और फिर तुम तुम्हारे रास्ते और हम हमारे रास्ते। हमने वाकई एकदूसरे का सहयोग किया है। हर किसी ने यही सोचा कि जहां कम, वहां हम। मैं कह सकता हूं कि हमारा 10 साल का अनुभव है। भारत के हर क्षेत्र और हर नागरिक की आकांक्षा और राष्ट्र की आकांक्षाओं के बीच अटूट नाता होना चाहिए। बीच से हवा न गुजर सके, ऐसा जुड़ाव होना चाहिए।   *दक्षिण और जय जगन्नाथ का जिक्र करना नहीं भूले कहा- ओडिशा में 25 साल विकास यात्रा चलेगी* पीएम मोदी ने कहा, ''दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। कर्नाटक और तेलंगाना को देखिए। अभी-अभी तो वहां सरकारें बनी थीं। पलभर में ही लोगों का भम्र टूट गया और एनडीए को गले लगा लिया। तमिलनाडु की टीम को भी बधाई देना चाहता हूं। वहां हमारा एनडीए समूह बढ़ा भी है। कइयों को पता था कि शायद सीटें न जीत पाएं, लेकिन फिर कहते रहे कि हम साथ रहेंगे। आज तमिलनाडु में भले ही हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन जिस तेजी से एनडीए का वोट शेयर बढ़ा है, वह साफ-साफ कह रहा है कि कल में क्या लिखा हुआ है। केरल में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बलिदान किया है। इतना जुल्म विचारधारा रखने वालों पर हुआ होगा, तो वह केरल में हुआ है।   लेकिन हम परिश्रम की पराकाष्ठा में पीछे नहीं रहे। पीढ़ियां खपा दीं। और आज केरल से संसद में हमारा पहला प्रतिनिधि आ गया। अरुणाचल में लगातार हमारी सरकार बनती रही है। आंध्र में ऐतिहासिक रूप में सर्वोच्च सीटें मिली हैं... और ये पवन, ये पवन नहीं आंधी है। आंध्र ने इतना बड़ा जनमत हमारे लिए दिया है। महाप्रभु जगन्नाथ जी को याद करता हूं तो हमेशा याद करता हूं कि ये गरीबों के देवता हैं। वहां जो क्रांति-रूप परिणाम आया है, उसे देखकर कह सकता हूं कि विकसित भारत का जो सपना है, आने वाले 25 साल महाप्रभु जगन्नाथ जी की कृपा से ओडिशा देश की विकास यात्रा के ग्रोथ इंजन में से एक होगा।   *'महिलाओं के नेतृत्व में विकास'* उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी हमारा कमिटमेंट है। वह दिन दूर नहीं होगा, जब सदन में माताएं-बहनें ज्यादा संख्या में नेतृत्व करती दिखाई देंगे। हमने महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट देने वाल पार्टी रहे हैं। हम जी-20 समिट से भी इस बात को आगे बढ़ा रहे हैं- महिलाओं के नेतृत्व में विकास।   *'एनडीए का यह कार्यकाल बड़े फैसलों और तेज विकास का'* पीएम ने कहा कि एनडीए का यह कार्यकाल बड़े फैसलों और तेज विकास का है। हम समय नहीं गंवाना चाहते। हम पांच नंबर से तीन नंबर की अर्थव्यवस्था पर पहुंच रहे हैं। यह खाली पांच-तीन का आंकड़ा नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा, उससे सरलता बढ़ेगी, देश की जरूरतें पूरी करने का सामर्थ्य बढ़ेगा। राज्यों का सहयोग भी इसमें उतना ही महत्वपूर्ण रहेगा। मेरा आग्रह है कि प्रतिस्पर्धी सहयोगात्मक संघवाद। हम अच्छा करने की स्पर्धा करें। जी-20 समिट हम एक जगह से कर सकते हैं, लेकिन हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठकें हुईं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

हम हारे कहां से भाई, ये एनडीए की महाविजय; जीत पचाना जानते हैं: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का नेता चुने जाने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसदीय दल को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एनडीए सरकार को सबसे सफल गठबंधन बताया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष और उनके इंडी गठबंधन को जमकर घेरा। उन्होंने ईवीएम को लेकर भी विपक्षी गठबंधन को जमकर खरी-खोटी सुनाई।   *ये लोग ईवीएम की अर्थी निकालने की तैयारी में थे* पीएम मोदी ने कहा, ''जब चार जून के नतीजे आए तो मैं काम में व्यस्त था। बाद में फोन आना शुरू हुए। मैंने कहा कि ये आंकड़े तो ठीक हैं, ये बताओ कि  ईवीएम जिंदा है या मर गया? क्योंकि ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और लोकतंत्र की प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा दिया जाए। ये लगातार ईवीएम को गाली देते रहे। ये ईवीएम की अर्थी निकालने की तैयारी में थे। शाम आते-आते उनकी जुबान में ताले लग गए और ईवीएम ने उन्हें चुप करा दिया। यह ताकत लोकतंत्र और चुनाव आयोग की है।   आशा करता हूं कि पांच साल ईवीएम नहीं सुनाई देगा, लेकिन 2029 में हम जाएं तो शायद ये फिर ईवीएम कहने लगेंगे। चुनाव में हर तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए गए ताकि चुनाव आयोग के काम में रुकावट आए। कैसे रुकावट डालें, इसका प्रयास करते रहे। चुनाव जब चरम पर थे, तब चुनाव आयोग की ताकत का बड़ा हिस्सा अदालतों में जा रहा था। कितनी निराशा था उन लोगों में। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।   *ये विदेश में जाकर कहते हैं कि यहां लोकतंत्र नहीं है* उन्होंने कहा, ''इंडी गठबंधन वाले जब ईवीएम का जिक्र करते थे तो मैं इसे चुनाव के रूप में नहीं देखता। मैं मानता हूं कि ये तीसरी शताब्दी के लोग हैं। ये तकनीक को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। जब हम यूपीआई लेकर आए, तब ये मानने को तैयार नहीं हुए। आधार देश की पहचान है, कई देश ऐसी व्यवस्था चाहते हैं। इन्होंने इसका भी विरोध किया। इंडी गठबंधन तकनीक का विरोधी है। विश्व में भारत के लोकतंत्र की ताकत को कम आंकने की प्रयास होते हैं। मैं ढिंढोरा पीटता हूं कि हमारे यहां लोकतंत्र है, ये विदेश में जाकर कहते हैं कि यहां लोकतंत्र नहीं है, मोदी आकर बैठ गया है। ये लोग भारत को बदनाम करने का षड्यंत्र करते हैं। अब लगता है कि दुनिया भी हमारे लोकतंत्र की ओर आकर्षित होगी।   *ये नतीजे एनडीए की महाविजय है* पीएम मोदी ने कहा, ''जब 1 जून को मतदान प्रक्रिया पूरी हुई और 4 जून को नतीजे आए। उसके बीच योजनाबद्ध तरीके से देश को हिंसा की आग में झोंकने का काम हुआ। आप पहले भारत की लोकतंत्र व्यवस्था का अनादर करते हैं, फिर आग लगाने की बात करते हैं। उन्होंने लगातार देश को बांटने का प्रयास किया। ये नतीजे एनडीए की महाविजय है। आपने देखा कि दो दिन सब कैसे चला। जैसे हम हार चुके हैं, हम तो गए। उन्हें असल में अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना था तो काल्पनिक बातें कीं।   गठबंधन के इतिहास में आंकड़ों के हिसाब से देखें तो यह गठबंधन की सबसे मजबूत सरकार है। देशवासी जानते हैं कि न हम हारे थे, न हारे हैं, लेकिन 4 जून के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है, वह हमारी पहचान बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं। हम जानते हैं कि विजय की गोद में उन्माद पैदा नहीं होता और न ही पराजित लोगों का उपहास करने के हमारे संस्कार हैं।   *हम हारे कहां से भाई, कांग्रेस की तीन चुनाव में कुल सीटें भी हमसे कम * उन्होंने कहा, ''किसी भी बच्चे से पूछो कि लोकसभा चुनाव से पहले किसकी सरकार थी, वह कहेगा एनडीए। नतीजों के बाद किसकी सरकार बनी, वह कहेगा एनडीए। तो हारे कहां से भाई? पहले भी एनडीए, आज भी एनडीए, कल भी एनडीए। 10 साल बाद भी कांग्रेस सौ के आंकड़े को पार नहीं कर पाई। अगर मैं 2014, 2019, 2024 के तीन चुनाव को जोड़ू तो उन्हें जितनी कुल सीटें इन चुनावों में मिली हैं, उससे ज्यादा सीटें हमें इस चुनाव में मिली हैं। इंडी गठबंधन वालों को अंदाज नहीं है। वे पहले तो डूब रहे थे, अब वे तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं।   *उनमें संस्कार आएं, इसके लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा* उन्होंने कहा, ''इंडी गठबंधन वाले देश के सामान्य नागरिकों की समझ को नहीं समझना चाहते। भारत के सामान्य व्यक्ति की भी एक समझ है। जो जमीन से जुड़ा रहता है, वह समझ को पहचानता है। ये लोग वहां नहीं हैं। इन लोगों का 4 जून के बाद जो व्यवहार रहा है, मैं आशा करता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे, लेकिन शायद उनमें यह संस्कार आएं, इसके लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा। ये वो लोग हैं, जो अपने प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करते थे, कागज फाड़ देते थे। मैं क्वालिटी डिबेट को मिस कर रहा था, लगता है कि अब वह कमी नहीं खलेगी। भले ही वो विपक्ष में हैं, लेकिन वे राष्ट्र के विपक्ष नहीं हैं। वे हमारे विपक्ष में हैं। राष्ट्र में हमारा कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है। ये 2024 का जनादेश एक बात को बार-बार मजबूती दे रहा है कि देश को आज के वातावरण में सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर ही भरोसा है।   *नाम बदल लिया, लेकिन उनकी पहचान घोटालों की है* पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए ने अपनी छवि सुधारने के लिए नाम बदल दिया, लेकिन पहचान घोटालों की है। नाम बदलने के बाद भी देश उनके घोटालों को नहीं भूला, उन्हें नकारा है। इंडी गठबंधन के एक व्यक्ति का विरोध करने के एक सूत्रीय एजेंडे के कारण जनता ने उन्हें फिर से विपक्ष में बैठा दिया है। एनडीए विकसित भारत के संकल्प और सकारात्मक सोच को लेकर चुनाव में गया था, जबकि हमारे सामने जो लोग थे, वे भम्र फैलाने, झूठ फैलाने का काम करता था।   नामांकन में जाएंगे तो भी देखेंगे कि हमारा एक-एक दृश्य देखिए और उनका एक-एक दृश्य देखिए। तस्वीरें खींचने आ गए, गठबंधन का एलान कर दिया, लेकिन कितने राज्यों में आपस में लड़ते रहे। अब कह रहे हैं कि गठबंधन तो सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था। बिखराव शुरू हो चुका है। वे सिर्फ सत्ता-सुख के लिए एकदूसरे का साथ देने की कोशिश कर रहे थे।   *कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं* उन्होंने कहा, ''ये लोग झूठ बोलते रहे हैं। चुनाव के समय उन्होंने नागरिकों को गुमराह करने के लिए पर्चियां बांटीं। दो दिन से देख रहा हूं कि कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं कि ये पर्ची है, एक लाख रुपया लाओ। यानी आपने जनता की आंखों में कैसे धूल झोंकी? अब उन्हें धक्का मारा जा रहा है। यह देश के गरीबों का अपमान है। देश ऐसी हरकतों को न भूलता है, न माफ करता है। हमारे लिए यह संतोष की बात है कि हमने कमिटमेंट से काम किया। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जुटेंगे दुनियाभर के नेता

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते के आखिर में प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। साल 2014 की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में दुनियाभर के नेता जुटेंगे। इनमें श्रीलंका, नेपाल, मॉरिशस आदि के राष्ट्र प्रमुख शामिल हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया है।   *श्रीलंका के राष्ट्रपति होंगे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल*   श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को बुधवार को लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए की जीत की बधाई दी। सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया कि 'इस जीत से पता चलता है कि भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तरक्की और समृद्धि में विश्वास जताया है। सबसे करीबी पड़ोसी होने के नाते श्रीलंका की सरकार भारत के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने की तरफ देख रही है।   श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया विभाग ने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि 'दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति विक्रमासिंघे को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया, जिसे राष्ट्रपति विक्रमासिंघे ने स्वीकार कर लिया।   *नेपाली पीएम प्रचंड भी हो सकते हैं शामिल*   नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं। नेपाल के विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की दिल्ली यात्रा का कार्यक्रम बनाने में व्यस्त है, जहां वे प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हालांकि मंत्रालय ने बताया कि अभी तक दौरे की पुष्टि होनी बाकी है। जैसे ही तारीख तय हो जाएगी तो औपचारिक एलान कर दिया जाएगा।    नेपाल के प्रधानमंत्री ने मंगलवार को फोन करके पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई भी दी थी। दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत भी हुई। साल 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दुनियाभर के नेताओं को आमंत्रित किया  गया था, तो नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुशीला कोइराला भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।    *इन नेताओं को भी किया गया आमंत्रित*   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि अभी तक दोनों नेताओं के भारत दौरे की पुष्टि नहीं हुई है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

क्या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले हैं शिवराज सिंह चौहान?

नई दिल्ली, 06 जून 2024  (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन उसके नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटों के साथ तीसरी बार बहुमत हासिल किया है. ऐसे में एनडीए की सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो चुका है. इस बीच खबर आ रही है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी बड़ी जिम्मेदार सौंपने की तैयारी कर रही है.    शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. इसकी दो प्रमुख वजहें हैं, जिसमें से पहला ये कि बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है. दूसरी वजह ये है कि बीजेपी अब नए नेतृत्व की तलाश कर रही है, ताकि उसके विजन पर आगे बढ़ा जा सके.    *मोदी कैबिनेट में मिल सकती है जगह* हालांकि, शिवराज को लेकर इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में कोई प्रमुख मंत्रालय सौंपा जा सकता है. शिवराज समेत सभी नवनिर्वाचित सांसदों को इसलिए जल्दी-जल्दी दिल्ली बुलाया गया है. उनके अलावा एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और खुजराहो सांसद वीडी शर्मा भी दिल्ली पहुंच रहे हैं.    *विदिशा से शिवराज ने हासिल की बड़ी जीत* शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा चुनाव में विदिशा से 8 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. वह छठी बार सांसद चुने गए हैं. इससे पहले वह पांच बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने मध्य प्रदेश में क्लीन स्वीप करते हुए सभी 29 सीटों पर जीत हासिल की है. 1984 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब मध्य प्रदेश में किसी एक पार्टी ने लोकसभा की सभी सीटों पर जीत का परचम लहराया है.    *क्यों शिवराज को अध्यक्ष बनाने की हुई चर्चा?* दरअसल, जेपी नड्डा को 2020 में बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया. बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है. ऐसे में उनका कार्यकाल पहले ही खत्म हो गया था. हालांकि, फिर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाकर जून 2024 तक कर दिया गया. इस तरह जेपी नड्डा जून में अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे. ऐसे में जून के अंत तक बीजेपी को नया अध्यक्ष चुनना है. वहीं, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने के बाद भी शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था.   उनकी जगह मोहन यादव को सीएम की कुर्सी मिली. इसके बाद से ही चर्चा हो रही थी कि शिवराज को कोई बड़ा पद मिलने वाला है. अब यहां या तो शिवराज को नई सरकार में कोई बड़ा मंत्रालय मिल सकता है या फिर वह राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |  

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Jun 6, 2024

आप दिल्ली में अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव, कांग्रेस के साथ नहीं होगा गठबंधन

नई दिल्ली, 06 जून 2024  (यूटीएन)। आम आदमी पार्टी ने फैसला किया है कि वो दिल्ली विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी. पार्टी के सीनियर नेता गोपाल राय ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था. विधानसभा चुनाव हम अकेले लड़ेंगे. पार्टी ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं. बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन के तहत लोकसभा का चुनाव लड़ा.   दिल्ली के अलावा गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी लोकसभा चुनाव के गठबंधन हुआ. दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. पंजाब में पार्टी अकेले चुनाव लड़ी. वहां आप को तीन लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई.   इसके साथ ही गोपाल राय ने कहा, "आज विधायकों के साथ मीटिंग हुई है. परसों सभी पार्षदों के साथ बैठक होगी और 13 जून को दिल्ली के सभी कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी बैठक होगी. आचार संहिता के कारण विकास कार्य रुके हुए थे. फैसला हुआ है कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को विधायक अपने इलाक़ों में विकास कार्यों को लेकर काम करेंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 6, 2024