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आपातकाल के विरोध में कालादिवस मनाते हुए भाजपा द्वारा संगोष्ठी, उस दौरान प्रताड़ित हुओं को किया सम्मानित

बागपत, 26 जून 2024 (यूटीएन)। सन् 1975 में देश की प्रधानमंत्री रहीं स्व इंदिरा गांधी की ओर से उस समय 25 जून से लगाई गई इमरजेंसी को याद करते हुए भाजपा नेताओं ने काला दिवस के रूप में मनाया तथा संगोष्ठी का आयोजन कर उस दौरान हुई ज्यादतियों के लिए कांग्रेस की आलोचना की। भाजपा के जिला कार्यालय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता रहे क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मनोज पौशवाल ने कहा कि, आपातकाल इस देश में आजादी की दूसरी लड़ाई की तरह था। सत्ता पर काबिज रहने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया। मीडिया पर शिकंजा कसा गया। आज यह काला दिवस हमें याद दिलाता है कि।    कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के उस संविधान को रौंदा, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है। कहा कि,  देश‌-प्रदेश के साथ ही बागपत में भी अच्छी सड़कें हैं। यहाँ से दिल्ली की दूरी 2 घंटे से आधे घंटे में हो गयी है। एक - दो नहीं 3 एक्सप्रेस-वे बागपत जिले को मिले हैं। अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष वेदपाल उपाध्याय ने कहा कि , उस दौरान कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया और सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं। याद दिलाया कि, उस समय विपक्ष के बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।   कार्यक्रम में आपातकाल के समय प्रताड़ना झेलने वाले व परिजनों को शाल औढाककर सम्मान दिया गया।संचालन जिला महामंत्री व कार्यक्रम संयोजिका सरिता चौधरी ने किया।महामंत्री एड बिजेंद्र शर्मा, विनोद बाल्मीकि,उपाध्यक्ष राकेश जैन, कवरपाल गुर्जर, जिला मीडिया प्रभारी पवन शर्मा, महेन्द्र भड़ाना, सत्यपाल उपाध्याय, सुधीर ठाकुर, मंडल अध्यक्ष संदीप वशिष्ठ, सत्यबीर सिंह बड़का, मनीष कुशवाहा, सन्दीप प्रजापति, मंजीत गुर्जर, कपिल देव दोघट, देवेन्द्र खौखर, मंडल प्रभारी डॉ विनय त्यागी, आत्माराम मौर्य, शराफत अली, अंजू खौखर, प्रतिभा शर्मा डिमरी, रोकी शर्मा, पदम सिंह, सचिन आर्य आदि मौजूद रहे।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 26, 2024

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष की मांग सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। शराब घोटाला मामले में 2 घंटे तक चली पूछताछ के बाद देर शाम सीएम अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद एक बार फिर देश की सियासत गर्म हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल के तत्काल इस्तीफे की मांग की है।    दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली का हर नागरिक संतुष्ट है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे मुख्यमंत्री को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने साफ कहा है कि सीएम केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। वह अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में शराब घोटाला 2021-22 में शुरू हुआ था और एक के बाद एक खुलासे ने यह बताया है कि कैसे भ्रष्टाचार हुआ और मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।   *दिल्ली बीजेपी की मांग- सीएम पद से इस्तीफा दें*   दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराते हुए तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज दिल्ली का हर नागरिक संतुष्ट है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे मुख्यमंत्री को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार की हार है। सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।   *कोर्ट से नहीं मिली राहत और देर शाम गिरफ्तारी*   गुरुवार दिनभर केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई चली। सारी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सीएम की गिरफ्तारी से सुरक्षा संबंधी मांग को नहीं माना था। इसके तुरंत बाद ईडी ने केजरीवाल को 10वां समन जारी किया था। समन जारी करने के बाद देर शाम ईडी के अधिकारी केजरीवाल के घर पहुंचे। वहां उनके घर और बाकी चीजों की तलाशी के साथ सवाल जवाब हुए। 2 घंटे तक चली इस कार्रवाई के बाद दिल्ली के सीएम को गिरफ्ताक कर लिया गया। एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि 55 वर्षीय आप के राष्ट्रीय संयोजक को शुक्रवार को यहां एक अदालत में पेश किया जाएगा और ईडी मामले में पूछताछ के लिए उनकी हिरासत मांगेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

ओम बिरला चुने गए लोकसभा के अध्यक्ष; प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी आसन तक लेकर गए

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। भाजपा सांसद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार ओम बिरला लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव का सभी के सामने रखा।   ध्वनिमत के आधार पर उन्होंने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान खास बात यह भी रही कि आम बिरला को आसन तक ले जाने के लिए पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी साथ आए। राहुल को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है। ओम बिरला सबसे सक्रिय सांसदों में रहे, स्पीकर के रूप में कड़े फैसले लेने के लिए भी जाने गए।    राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला राजस्थान में तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। बतौर सांसद पहले कार्यकाल में  86 फीसदी उपस्थिति के साथ 671 प्रश्न और 163 बहसों में भागीदारी की थी। 2019 में दूसरी बार सांसद बनने पर लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। बिरला के कार्यकाल में नए संसद भवन का निर्माण हुआ।  तीन आपराधिक कानून, अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिकता संशोधन अधिनियम समेत कई ऐतिहासिक कानून भी पारित हुए।  उन्होंने लोकसभा के 100 सांसदों के निलंबन व संसद की सुरक्षा पर कुछ कड़े फैसले लिए।   *बिरला के नाम दर्ज होगा यह रिकॉर्ड*   पांचवीं बार ऐसा हो रहा है कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे पीठासीन अधिकारी रहे, जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए हैं। बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार की रात को राहुल गांधी को लोकसभा का नेता प्रतिपक्ष चुना। 16वीं लोकसभा में कांग्रेस के 44 व 17वीं में 52 सांसद जीते थे। इस बार पार्टी के 99 सांसद जीते हैं। हालांकि राहुल गांधी की ओर से वायनाड सीट खाली करने से यह संख्या 98 रह गई है। इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए यह पर्याप्त है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

वीरांगना दुर्गावती प्रशासनिक क्षमता व शौर्य की मिसाल तथा समाज उत्थान के संकल्प की प्रेरक

बागपत, 25 जून 2024 (यूटीएन)। सपा के जनपदीय कार्यालय पर वीरांगना महारानी दुर्गावती का बलिदान दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्वाभिमान सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष रविंद्र देव ने कहा कि, गोंड वीरांगना महारानी दुर्गावती का बलिदान दिवस समाज के लोगोंं को एकजुट करने का एक अवसर है। ऐसी वीरांगना से शिक्षा लेकर हमें समाज के उत्थान का संकल्प लेना चाहिए।   जिलाध्यक्ष रविंद्र देव ने बताया कि, रानी दुर्गावती का जन्म 05 अक्टूबर 1524 में बांदा जिले के चंदोल वंश के राजा कृति सिंह के यहां हुआ था। विवाह गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम सिंह के पुत्र दलपत शाह से हुआ, लेकिन दुर्भाग्यवश 04 वर्ष बाद ही राजा दलपत शाह का निधन हो गया था। पति के निधन के समय दुर्गावती का पुत्र नारायण तीन वर्ष का ही था, इसलिए रानी को स्वयं शासन संभालना पड़ा।    सपा नेता ने बताया कि, वर्तमान जबलपुर शहर उनके राज्य का केंद्र था। रानी ने 16 वर्ष तक इस क्षेत्र में शासन किया। इनकी प्रशासनिक क्षमता और शौर्य के चर्चे आज तक प्रेरित करते हैं। 24 जून, 1564 को वह युद्धभूमि में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुईं। इनके संघर्षों से आज की युवा पीढ़ी और बालिकाओं को प्रेरणा लेने की जरुरत है। इस मौके पर दिलशाद उस्मानी, संजय डीलर, रिजवान, सुरेंद्र सिंह, राहुल यादव, विक्रांत यादव, मेहबूब अल्वी, सन्नी सुलानिया, फुरकान पहलवान, मातू जाटव आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 25, 2024

जेपी नड्डा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बने राज्यसभा में नेता सदन

नई दिल्ली, 25 जून 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा में नेता सदन बनाए गए हैं। वो केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की जगह लेंगे। मोदी सरकार 3.0 में जेपी नड्डा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्हें सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय सौंपा गया है। केंद्रीय मंत्री बनाने के बाद अब जेपी नड्डा को राज्यसभा में भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।   *पीयूष गोयल की जगह संभालेंगे जिम्मेदारी*   बता दें कि जेपी नड्डा फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पार्टी अध्यक्ष के रूप में 30 जून को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में उनकी जगह किसी नए चेहरे को बीजेपी संगठन की जिम्मेदारी मिल सकती है। जेपी नड्डा को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद ही ये बात साफ हो चुकी थी। अब उन्हें बीजेपी ने राज्यसभा में नेता सदन की अहम जिम्मेदारी दी है। अब तक पीयूष गोयल राज्यसभा में नेता सदन थे, लेकिन इस बार वो लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। वहीं अब ये जिम्मेदारी नड्डा संभालेंगे।   लोकसभा में सदस्यों ने ली शपथ इधर 18वीं लोकसभा के लिए संसद सदस्यों के शपथ लेने का सिलसिला जारी है। सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने पर प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने उन्हें 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई। सदन के नेता होने के नाते लोकसभा में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ दिलाई गई। प्रधानमंत्री के बाद कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश का नाम पुकारा गया लेकिन वह सदन में मौजूद नहीं थे। इसके बाद टीआर बालू का नाम प्रोटेम स्पीकर ने पुकारा लेकिन वह भी सदन में मौजूद नहीं थे।   *मोदी मंत्रिमंडल ने भी ली संसद सदस्य के रूप में शपथ*   फिर राधा मोहन सिंह को संसद सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके बाद फग्गन सिंह कुलस्ते ने संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। इसके बाद केंद्रीय मंत्रियों को शपथ दिलाई गई जिनमें सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शपथ ली। राजनाथ सिंह के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन जयराम गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, एचडी कुमारस्वामी, पीयूष गोयल ने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ली। इसके बाद पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सर्वानंद सोनवाल, डॉ वीरेंद्र कुमार, राम मोहन नायडू, प्रहलाद जोशी, जुएल ओरम, गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, चिराग पासवान, किरेन रिजिजू, चंद्रशेखर पेम्मसानी व अन्य मंत्रियों ने शपथ ली।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 25, 2024

देश को नारों की नहीं, ठोस काम की आवश्यकता है: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 25 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18वीं लोकसभा के प्रथम सत्र के आरंभ होने से पहले मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य का आरंभ करते हुए कहा कि आज का दिन संसदीय लोकतंत्र के लिए गौरव का दिन है, गर्व करने का दिन है क्योंकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार शपथ ग्रहण समारोह नई संसद में होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हार्दिक स्वागत करता हूं और सभी को बधाई देता हूं।" प्रधानमंत्री ने इस संसद के गठन को भारत के आम आदमी के संकल्पों को पूरा करने का माध्यम बताते हुए कहा कि यह नए उत्साह के साथ नई गति और ऊंचाई हासिल करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को साकार करने के लिए आज 18वीं लोकसभा शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि विश्व के सबसे बड़े चुनाव का भव्य आयोजन 140 करोड़ नागरिकों के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नतापूर्वक कहा, “चुनावी प्रक्रिया में 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया।   उन्होंने कहा कि “स्वतंत्रता के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर मिला है। यह अवसर 60 वर्षों के बाद आया है।” प्रधानमंत्री ने तीसरी बार सरकार चुनने के लिए नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सरकार की नीयत, नीतियों और लोगों के प्रति समर्पण पर मुहर लगाता है। प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा, "पिछले 10 वर्षों में हमने एक परंपरा स्थापित करने का प्रयास किया है क्योंकि हमारा मानना ​​है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है लेकिन देश चलाने के लिए सर्वसम्मति अत्यधिक आवश्यक है।" उन्होंने कहा कि सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि 140 करोड़ नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सर्वसम्मति हासिल की जाए और सभी को साथ लेकर मां भारती की सेवा की जाए। सभी को साथ लेकर चलने और भारतीय संविधान के दायरे में निर्णय लेने की गति बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने 18वीं लोकसभा में शपथ लेने वाले युवा सांसदों की संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की। भारतीय परंपराओं के अनुसार 18 की संख्या के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि गीता में 18 अध्याय हैं जो कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देते हैं।   पुराणों और उपपुराणों की संख्या 18 है, 18 का मूल अंक 9 है जो पूर्णता का प्रतीक है और भारत में मतदान की कानूनी आयु 18 वर्ष है।  मोदी ने कहा, "18वीं लोकसभा भारत का अमृत काल है। इस लोकसभा का गठन भी एक शुभ संकेत है।" प्रधानमंत्री ने कल यानी 25 जून को आपातकाल के 50 साल पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है। मोदी ने कहा कि भारत की नई पीढ़ी उस दिन को कभी नहीं भूलेगी जब लोकतंत्र को कुचलकर भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था और देश को जेलखाने में बदल दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि ऐसी घटना फिर कभी न हो। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे और भारत के संविधान के अनुसार आम नागरिकों के सपनों को पूरा करेंगे।" प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार की जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है क्योंकि लोगों ने तीसरी बार सरकार चुनी है। उन्होंने नागरिकों को विश्वास दिलाया कि सरकार पहले से तीन गुना अधिक श्रम करेगी और तीन गुना बेहतर परिणाम भी लाएगी। नवनिर्वाचित सांसदों से देश की बड़ी उम्मीदों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से आग्रह किया कि।   वे इस अवसर का उपयोग जन कल्याण और जन सेवा के लिए करें तथा जनहित में हर संभव कदम उठाएं। विपक्ष की भूमिका की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की जनता उनसे लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखते हुए अपनी भूमिका पूरी तरह निभाने की अपेक्षा करती है। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि विपक्ष इस पर खरा उतरेगा।" मोदी ने जोर देकर कहा कि लोग नारों के बजाय ठोस काम चाहते हैं तथा उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सांसद आम नागरिकों की उन अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों की जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि वे सामूहिक रूप से विकसित भारत के संकल्प को पूरा करें और लोगों का भरोसा मजबूत करें। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ नागरिकों का निर्धनता से बाहर आना एक नया विश्वास पैदा करता है कि भारत सफल हो सकता है और अतिशीघ्र निर्धनता से मुक्ति पा सकता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "हमारे देश के 140 करोड़ नागरिक कड़ी मेहनत करने में पीछे नहीं हटते। हमें उन्हें अधिकतम अवसर प्रदान करने चाहिए।" उन्होंने कहा कि यह सदन संकल्पों का सदन बनेगा और 18वीं लोकसभा आम नागरिकों के सपनों को साकार करेगी। प्रधानमंत्री ने सांसदों को बधाई देते हुए अपने वक्तव्य का समापन किया और उनसे अपनी नई जिम्मेदारी को पूरी लगन से निभाने का आग्रह किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 25, 2024

जमानत मिलने के बाद भी अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे केजरीवाल, हाई कोर्ट ने बेल ऑर्डर पर रोक लगाई

नई दिल्ली, 22 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. बीते दिन गुरुवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी वो तिहाड़ से जेल से अगले कुछ दिनों तक बाहर नहीं आ पाएंगे. उनकी जमानत याचिका को ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर लगातार सुनवाई चल हो रही है. कोर्ट ने सोमवार तक लिखित दलील देने को कहा है, इसका मतलब मंगलवार या बुधवार तक ही आदेश आएगा.   यानि केजरीवाल को तब तक जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा. प्रवर्तन निदेशालय के वकील एसपी राजू ने कहा कि अदालत ने हमारी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, तब तक केजरीवाल की रिहाई पर लगी रोक जारी रहेगी.   *क्या कहा ईडी के वकील ने?* दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक लगाने पर एएसजी एसवी राजू ने कहा, "केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक लगा दी गई है और अंतिम आदेश 2-4 दिनों में आएगा और जमानत याचिका रद्द करने पर सुनवाई बाद में होगी और इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया गया है.   *राऊज ऐवेन्यू कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची ईडी* ईडी ने जस्टिस सुधीर कुमार जैन और जस्टिस रविन्द्र डुडेजा की पीठ के समक्ष निचली अदालत के जमानत आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेता, निचली अदालत के आदेश पर कार्रवाई नहीं की जाएगी.   *निचली अदालत ने एक लाख के मुचलके पर दी थी जमानत* कल गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने केजरीवाल को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया, लेकिन उन्हें राहत देने से पहले कुछ शर्तें भी लगाईं, जिसमें यह भी शामिल है कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. अदालत ने उनकी इस दलील को स्वीकार कर लिया था कि जांच एजेंसी ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के बाद से पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए हैं.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 22, 2024

प्रोटेम स्पीकर पर सियासी बवाल: 'संसदीय प्रक्रियाओं की अनदेखी करने का आरोप

नई दिल्ली, 22 जून 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने अपने आठ बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश के बजाय महताब को अस्थायी अध्यक्ष बनाए जाने को संसदीय मानदंडों को नष्ट करने का प्रयास बताया। वहीं, अब सुरेश ने भी कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा का वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उन्हें अस्थायी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था। भाजपा ने ऐसा करके दिखा दिया है कि वह संसदीय प्रक्रियाओं की अनदेखी करना जारी रखेगी जैसा कि वह पहले भी दो बार कर चुकी है।    *अतीत में अपनाई गई परंपराओं के खिलाफ फैसला* इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि सुरेश को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए था क्योंकि वह आठ बार के सांसद हैं, जबकि महताब सात बार के सांसद है। महताब को अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद सुरेश ने कहा कि यह अतीत में अपनाई गई परंपराओं के खिलाफ है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह फैसला देश में संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है। यह संकेत देता है कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी या अपने हितों के लिए उनका इस्तेमाल करेगी, जैसा कि उसने पहले भी दो बार किया है।   *कब होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव?* बता दें, अस्थायी अध्यक्ष 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और अध्यक्ष के चुनाव तक निचले सदन की अध्यक्षता करेंगे। वरिष्ठतम सदस्य को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त करने की परंपरा 1956 में नहीं थी जब सरदार हुकम सिंह को इस पद पर नियुक्त किया गया था। सन् 1977 में डीएन तिवारी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। वह भी सदन के वरिष्ठतम सदस्य नहीं थे। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ लेंगे। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है। सुरेश ने कहा कि इस फैसले से यह भी संकेत मिलता है कि भाजपा विपक्ष का अपमान करती रहेगी। उसके अवसरों को छीन लेगी और उसे वह पहचान नहीं देगी, जिसका वह हकदार है। उन्होंने (भाजपा) पिछली दो बार सत्ता में रहते हुए भी यही किया है।   *भाजपा के पास बहुमत नहीं* मवेलिक्कारा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ने कहा कि भाजपा के पास सदन में अपने दम पर बहुमत नहीं होने के बावजूद, जैसा कि उसने पिछली दो बार किया था, उसके खुद के आचरण में कोई बदलाव नहीं आया। पुरानी परंपराओं के अनुसार सबसे ज्यादा बार सांसद रहे लोकसभा सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा, 'यह परंपरा पहले भी अपनाई गई थी जब कांग्रेस, यूपीए, भाजपा और एनडीए सत्ता में थे।   *मुझे अस्थायी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था* सुरेश ने दावा किया कि पिछली बार मेनका गांधी प्रोटेम स्पीकर बनने के योग्य थीं, लेकिन उन्हें दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि उन्हें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया था। उन्होंने कहा, 'उनके बाद सबसे वरिष्ठ सांसद मैं और भाजपा के वीरेंद्र कुमार रहे। मगर कुमार को अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। इस बार भी कुमार और मैं सबसे वरिष्ठ सांसद थे। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और इसलिए, स्वचालित रूप से, लोकसभा नियमों, प्रक्रियाओं और परंपराओं के अनुसार, मुझे अस्थायी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था।' उन्होंने कहा, 'लोकसभा सचिवालय ने मेरे नाम की सिफारिश की थी, लेकिन जब केंद्र ने राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेजी तो मेरा नाम नहीं लिया गया।' केंद्र के इस फैसले की गुरुवार को कांग्रेस ने तीखी आलोचना की थी।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 22, 2024

कालका के कांग्रेसी नेताओ और हजारों कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करने पहुंचे वरुण चौधरी

पिंजौर, 20 जून 2024 (यूटीएन)। अंबाला लोकसभा से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी अंबाला लोकसभा जीतने के बाद पहली बार देर शाम पिंजौर में हल्का कालका के कांग्रेसी नेताओ और हजारों कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करने पहुंचे जहां भारी संख्या में कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता और इलाकावासी मौजूद रहे। वरुण चौधरी ने कार्यकर्ताओ का आभार प्रकट करते हुए ऐतिहासिक जीत पर इलाकावसियो का आभार प्रकट किया। इसके साथ ही सांसद वरुण चौधरी ने कहा कि हल्का कालका की समस्याओं को संसद के पटल पर मजबूती से उठाकर हल करवाने का कार्य भी किया जाएगा। कार्यक्रम के उपरांत कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का जन्मदिन भी वरुण चौधरी द्वारा केक काटकर मनाया गया । और कांग्रेसियों के साथ हर्षोल्लास से जन्मदिन को मनाया गया जहां राहुल गांधी के स्वस्थ और सफल जीवन के लिए मनोकामना की।दरअसल वरुण चौधरी अंबाला लोकसभा से सांसद निर्वाचित होने के उपरांत हर विधानसभा में जाकर कांग्रेसी नेताओ और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद कर रहे है, इसी श्रृंखला में वह कालका विधानसभा का धन्यवाद करने पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन विजय बंसल, नवदीप शर्मा, दीपांशु बंसल द्वारा किया गया जिसको विधायक कालका प्रदीप चौधरी, पूर्व विधायक लहरी सिंह, मनवीर गिल, पवन कुमारी, अजय सिंगला, बलविंदर चौधरी, सुनील शर्मा, सागर सोनकर, फोम लाल फिरोजपुर, शशि शर्मा, मनदीप, राजिंदर, अश्वनी नागरा, आदि नेताओ ने संबोधित कर कार्यकर्ताओ का आभार प्रकट किया। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।  

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Jun 20, 2024

प्रियंका गांधी का चुनावी डेब्यू कांग्रेस को क्या फायदा देने वाला है?

नई दिल्ली, 19 जून 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अपना चुनावी डेब्यू करने जा रही हैं, जिस पल का इंतजार पार्टी कई सालों से कर रही थी, जिस बात की चर्चा सभी की जुबान पर थी, अब प्रियंका गांधी सक्रिय रूप से चुनावी राजनीति में एक्टिव दिखेंगी। वायनाड से उनका उपचुनाव लड़ना बड़े संदेश दे गया है। अगर प्रियंका वायनाड से यह चुनाव जीत जाती हैं, कांग्रेस के लिए हर मायने से फायदे की स्थिति रहने वाली है। यहां आपको बताते हैं 5 बड़े फायदे जो प्रियंका के चुनावी डेब्यू से कांग्रेस हासिल कर सकती है।   *दक्षिण में कांग्रेस होगी और ज्यादा मजबूत* कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत काफी अहम है। चुनावी नजरिए से समझें तो पार्टी वर्तमान में भी सबसे ज्यादा सीटें दक्षिण के राज्यों से हासिल करती है। लेकिन अभी तक राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के पास कोई दूसरा बड़ा या कहना चाहिए गांधी परिवार का चेहरा यहां मौजूद नहीं था। लेकिन अगर प्रियंका वायनाड से चुनाव जीत जाती हैं, उस स्थिति में पूरे केरल के साथ-साथ दक्षिण भारत में इसका असर देखने को मिलेगा। वायनाड को सिर्फ कांग्रेस की सुरक्षित सीट नहीं कहा जा सकता है, इसके ऊपर यहां की जनता के मन में एक भावनात्मक रिश्ता भी चलता है। इसी वजह से प्रियंका गांधी को भी वायनाड से अपार समर्थन मिल सकता है। वो समर्थन फिर कांग्रेस को खड़ा करने में मदद कर सकता है।    प्रियंका की इस बार की 2024 के चुनाव में मेहनत किसी से छिपी नहीं है, उनके प्रचार ने पार्टी को काफी फायदा पहुंचाया है। इसके ऊपर अगर दक्षिण भारत में कांग्रेस का प्रदर्शन देख लिया जाए, कहना गलत नहीं होगा यहां पर पार्टी का प्रदर्शन शानदार है। इस बार के चुनाव में 42 सीटें दक्षिण से निकली हैं, पिछली बार भी 29 सीटें जीती थीं और 2014 में 19। ऐसे में दक्षिण को बचाए रखना कांग्रेस के लिए जरूरी है और अभी के लिए पार्टी के लिए गांधी परिवार का ही कोई सदस्य यह टास्क कर सकता है।   *केरल में कांग्रेस को फायदा* केरल में कांग्रेस पार्टी इस समय काफी ताकतवर हो गई है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में केरल की 20 सीटों में से 17 पर सीटों पर कांग्रेस-यूडीएफ ने जीत का परचम लहराया था। अब 2026 में फिर केरल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जानकार मानते हैं कि लेफ्ट के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी हावी रहने वाली है, ऐसे में कांग्रेस के पास कमबैक करने का शानदार मौका है। वो मौका ज्यादा इसलिए बन सकता है क्योंकि प्रियंका गांधी वहां पर एक एक्स फैक्टर के रूप में उभर सकती हैं।   कांग्रेस के प्रचार को एक दिशा चाहिए होगी और वो दिशा प्रियंका देने में सक्षम हैं।यूपी जहां पर कांग्रेस पूरी तरह पस्त हो चुकी थी, वहां पर अपनी चुनावी मैनेजमेंट से प्रियंका ने काफी स्थिति बदली है, अब जब केरल की राजनीति में वे सक्रिय होने जा रही हैं, ऐसे में वहां भी उनका प्रचार कांग्रेस को सीधा फायदा पहुंचा सकता है।   *सशक्त महिला चेहरा* कांग्रेस पार्टी को एक महिला चेहरे की तलाश लंबे समय से है। यह वही पार्टी है जिसने इंदिरा गांधी जैसी नेता देखी है, जिसने सोनिया गांधी की लीडरशिप में जीत का स्वाद भी चखा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में चुनावी राजनीति में कांग्रेस की तरफ से कोई बड़ा महिला चेहरा नहीं दिखा है।   लेकिन अब अगर प्रियंका गांधी वायनाड से जीत जाती हैं, कांग्रेस को एक मजबूत महिला चेहरा मिलने वाला है। यह नहीं भूलना चाहिए कि यूपी के चुनाव के वक्त प्रियंका ने ही नारा दिया था- लड़की हूं लड़ सकती हूं। अब कांग्रेस ने उस नारे को साकार करने का काम कर दिया है। प्रियंका का चुनावी डेब्यू महिला वोटरों के बीच में भी तगड़ा मैसेज लेकर जाएगा।   *राहुल गांधी पर कम होगी निर्भरता* राजनीतिक जानकार ऐसा मानते हैं कि प्रियंका के चुनावी डेब्यू में इतना समय इसलिए लग गया क्योंकि पहले राहुल गांधी को सियासी रूप से स्थापित करना जरूरी था।कांग्रेस पार्टी के अंदर में भी एक धड़ा ऐसा मानता है कि राहुल की तुलना में प्रियंका गांधी ज्यादा आक्रमक अंदाज में राजनीति कर सकती हैं। ऐसे में पूरी संभावना थी कि राहुल की राजनीति पर प्रियंका की सियासत हावी हो जाती। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। राहुल गांधी ने खुद को साबित कर दिया है, हाल ही में चुनाव में उनके उठाए मुद्दों ने जनता के साथ कनेक्ट बैठाया है, उनका अपना अंदाज चर्चा में रहा है।ऐसे में अब प्रियंका गांधी का वक्त आ चुका है, वे भी चुनावी राजनीति में कूद सकती हैं।   उस स्थिति में उनकी और राहुल गांधी की ताकत एक समान हो जाएगी। तब राहुल पर निर्भरता कम होगी और कई मामलों में प्रियंका ही अहम रोल निभाती दिख सकती हैं। पार्टी में उनका कद पहले की तुलना में बढ़ सकता है। वैसे भी बताया जाता है कि कांग्रेस को कई बार मुश्किल स्थिति से निकालने में प्रियंका ने अहम योगदान दिया है। बात चाहे हाल में यूपी में अखिलेश संग गठबंधन पर सहमति करना हो या फिर कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार को गिराने से बचाना हो, प्रियंका ने आगे से लीड किया है।   *लोकसभा में राहुल-प्रियंका की केमिस्ट्री* अगर प्रियंका गांधी चुनावी डेब्यू में ही जीत हासिल कर लेती हैं, कांग्रेस पार्टी के लिए लोकसभा में स्थिति काफी मजबूत बन जाएगी। आगामी चुनाव में पहले ही मजबूत प्रदर्शन कर खुद की उपस्थिति जोरदार तरीके से सदन में पार्टी महसूस करवाने वाली है, उसके ऊपर अगर प्रियंका गांधी का भी साथ मिल गया तो बीजेपी की राह इस बार आसान नहीं रहने वाली है। पिछले कुछ सालों में राहुल गांधी ही अकेले पीएम मोदी को निशाने पर लेने का काम कर रहे थे, अडानी-अंबानी का लगातार मुद्दा उठाते।   लेकिन प्रियंका के साथ आ जान से कई दूसरे मुद्दों पर भी बहस होती दिख सकती है।प्रियंका एक अच्छी वक्ता हैं, यह चुनावी प्रचार के दौरान साबित हो चुका है, इसके ऊपर ठीक समय पर ठीक मुद्दे उठाने को लेकर भी वे जानी जाती हैं। कुछ लोग तो मानते हैं कि राहुल गांधी की तुलना में ज्यादा बेहतर मुद्दे और बेहतर अंदाज में प्रियंका उठाती हैं। ऐसे में अगर सदन में दोनों भाई-बहन एकजुट हो गए तो तीखे प्रहार के लिए मोदी सरकार को तैयार रहना पड़ेगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 19, 2024