Politics

सीएम नायब सिंह सैनी ने कालका से ‘धन्यवाद रैली का आगाज 25 करोड़ के विकास कार्यों का किया उद्घाटन

कालका, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की।सरकार बनने के बाद प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त करने लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कालका अनाज मंडी से अपनी ‘धन्यवाद रैली’ की शुरुआत की। इस दौरान उनके साथ सांसद कार्तिकेय शर्मा, कालका विधायक शक्ति रानी शर्मा और कई अन्य लोग शामिल हुए।इस कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भाग लिया। सीएम ने कालका माता मंदिर में जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। इसके बाद सैनी ने हरियाणा के लोगों का आभार व्यक्त किया और राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का विश्वास जताया।   *25 करोड़ की परियोजनाओं बारे जानकारी दी, कालका विधायक शक्ति रानी शर्मा का धन्यवाद किया* सीएम नायब सैनी ने बड़ी संख्या में लोगों के रैली में आने और उनके उत्साह की सराहना की और लोगों की प्रतिक्रिया पर अपनी खुशी जाहिर की। सीएम ने कालका निर्वाचन क्षेत्र में 25 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं के उद्घाटन पर प्रकाश डाला, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और किसानों के कल्याण जैसे क्षेत्रों को कवर करते हुए पीएम के विकसित भारत के दृष्टिकोण के तहत क्षेत्रीय विकास के लिए निरंतर प्रयासों का संकल्प लिया। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने कालका रैली को प्रगति का उत्सव बताया। उन्होंने विपक्ष की आलोचना की और कांग्रेस पर समाधान के बजाय विवादों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनावों के दौरान मतदाताओं की समझदारी की प्रशंसा की और उन्हें सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए बधाई दी। सीएम ने विधायक शक्ति रानी शर्मा को समुदाय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया और हर समय जनता के लिए सुलभ और उत्तरदायी बने रहने की सरकार की प्रतिज्ञा की पुष्टि की।    *दो कार्यकाल में 712 करोड़ के विजय कार्य हुए* सीएम ने दो कार्यकालों में कालका में 712 करोड़ रुपये के विकास पर प्रकाश डाला, जिसमें 83 में से 59 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। योजनाओं में पिंजौर और मोरनी में साहसिक खेलों के साथ कालका को पर्यटन केंद्र में बदलना, सड़कों को उन्नत करना और बुनियादी ढांचे में सुधार करना शामिल है। उन्होंने पिंजौर में 220 केवी सबस्टेशन सहित राष्ट्रीय राजमार्गों, पुलों, स्वास्थ्य और बिजली सुविधाओं पर प्रगति की घोषणा की। किसानों को सीधे भुगतान, अग्निवीरों के लिए नौकरी में आरक्षण और ड्रोन दीदी योजना जैसी पहलों पर जोर दिया गया, साथ ही महिलाओं और पुलिस भर्ती के लिए नई योजनाओं पर भी जोर दिया गया। उन्होंने व्यवहार्यता जांच के बाद मांगों को संबोधित करने का वादा किया और स्कूल की मरम्मत, पार्क और विकास परियोजनाओं के लिए ₹10 करोड़ आवंटित किए।   *नायब सिंह सैनी जन कल्याण के प्रति समर्पित नेता, बोले संसद कार्तिकेय शर्मा* सांसद कार्तिकेय शर्मा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जन कल्याण के लिए समर्पित एक गतिशील और अथक नेता हैं। उन्होंने हरियाणा के विकास में इसके महत्व पर जोर देते हुए कालका से "धन्यवाद यात्रा" शुरू करने के लिए आभार व्यक्त किया। कालका की हल की गई शिकायतों और चल रही प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने वादों को पूरा करने और प्रभावशाली k के लिए सीएम की प्रतिबद्धता की सराहना की। शर्मा ने सीएम को उम्मीदों से बढ़कर बताया, अक्सर अघोषित वादों को पूरा करते हैं और सुबह से देर रात तक जनता के साथ उनके अथक जुड़ाव की प्रशंसा की। उन्होंने हरियाणा और कालका द्वारा दिए गए ऐतिहासिक जनादेश को मान्यता देते हुए समापन किया, जो क्षेत्रीय प्रगति में एक मील का पत्थर है।   *कालका विधायक ने कालका की भूमि पर आने पर सीएम का आभार जताया, कई मांगों को भी रखा* कालका विधायक शक्ति रानी शर्मा ने माता कालका देवी की पवित्र भूमि पर आने के लिए सीएम नायब सैनी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने हरियाणा में कालका निर्वाचन क्षेत्र की अग्रणी स्थिति और राज्य का शीर्ष प्रदर्शन करने वाला निर्वाचन क्षेत्र बनने की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति पर जोर दिया। विधायक ने हरियाणा में भाजपा की ऐतिहासिक तीसरी बार जीत सुनिश्चित करने में कालका के लोगों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने चुनावी वादों को पूरा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की कि कल्याणकारी योजनाएं सबसे हाशिए पर पड़े व्यक्तियों को भी लाभान्वित करें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने किसानों की आय को दोगुना करने और भारत में प्रति व्यक्ति किसान आय में शीर्ष स्थान प्राप्त करने सहित हरियाणा की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कालका की विकासात्मक जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, शक्ति रानी शर्मा ने कई प्रमुख मांगों को रेखांकित किया।   इनमें रोजगार के अवसर पैदा करना, फिल्म सिटी के प्रस्ताव को क्रियान्वित करना और ऐतिहासिक चिड़ियाघर के साथ पिंजौर गार्डन को बहाल करना शामिल था। उन्होंने कौशल्या बांध के सौंदर्यीकरण, पांडव विरासत स्थलों को पुनर्जीवित करने और मोरनी को राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अन्य मांगों में एक नया खेल स्टेडियम बनाना, एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करना और बड़े पैमाने पर संचालन के लिए पिंजौर हवाई अड्डे का विस्तार करना शामिल था। उन्होंने रायपुर रानी को तहसील या उप-मंडल का दर्जा देने, मोरनी के उच्च मांग वाले आलू के लिए खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने और सामुदायिक केंद्र बनाने की भी मांग की। अंत में, उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के 313 स्कूलों के जीर्णोद्धार की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, जिन्हें असुरक्षित घोषित किया गया है। शक्ति रानी शर्मा ने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के अथक प्रयासों को स्वीकार करते हुए कहा कि ये मांगें कालका के समग्र विकास और इसके निवासियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

Sachin Brar

Dec 19, 2024

वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी सदस्यों के लिए सभी पार्टियों से मांगे गए नाम

नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कमेटी सदस्यों के लिए सभी दलों से नाम मांगे हैं. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने का काम किया. कांग्रेस ने कभी किसी एससी, एसटी को कानून मंत्री बनाने के बारे में नहीं सोचा है. कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब का नाम लेकर बार-बार जो पाप किया है, वो धूल नहीं सकता है.   *राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित* कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मंगलवार को संसद सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीआर अंबेडकर का अपमान किया. कांग्रेस राज्यसभा में अमित शाह की ओर से दिए गए भाषण के लिए मांफी मांगने की बात कही, जिसके बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान का बचाव किया. रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वोट बैंक की राजनीति के लिए अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करना जारी रखती है, जबकि विपक्षी राज्यसभा में जय भीम का नारा लगाते हैं. विपक्षी सांसदों ने डॉ. बीआर अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बुधवार को जय भीम का नारा लगाते हुए हंगामा किया, जिसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने दोपहर दो बजे तक के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी है.   *अमित शाह के बयान पर संसद परिसर में प्रदर्शन* इससे पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर संसद भवन के मकर द्वार के पास विरोध जताते हुए नारेबाजी की. उन्होंने जय भीम और बाबासाहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारे लगाए. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, डीएमके नेता टी आर बालू और कई विपक्षी सांसद बाबासाहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए.   ह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है. उन्होंने कहा, "आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. ये एक फैशन हो गया है." उनके भाषण के इसी हिस्से को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 19, 2024

कांग्रेस ने आंबेडकर की विरासत को मिटाने की कोशिश की: पीएम मोदी

नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। बीआर आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह की ओर से दिए गए बयान पर देश में राजनीति गरम है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर बीजेपी से माफी मांगने की बात कह रही है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस ने जो आंबेडकर का अपमान किया है, उसे वे छिपा नहीं सकते. एक वंश के नेतृत्व वाली पार्टी ने आंबेडकर की विरासत को मिटाने की चाल चली.   *कांग्रेस ने आंबेडकर की विरासत को मिटाने की कोशिश की'* सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर पीएम मोदी ने कहा, "भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है. कांग्रेस ने दो बार बाबा साहेब को चुनाव में हराने की चाल चली. पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया. उन्हें भारत रत्न देने से इनकार कर दिया गया. कांग्रेस ने उनकी तस्वीर को  संसद के सेंट्रल हॉल में गौरव का स्थान देने से इनकार किया.   पीएम मोदी ने कहा, "संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास की पर्दाफाश किया. उन्होंने जो तथ्य पेश किए हैं, उससे कांग्रेस घबरा गई है और इसलिए अब नाटक कर रही है.   *अमित शाह के किस बयान पर मचा बवाल* संसद में गृह मंत्री अमित शाह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट से बीआर आंबेडकर के इस्तीफे का जिक्र कर रहे थे. कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए उन्होंने पूछा कि आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से क्यों इस्तीफा दे दिया था? उन्होंने कहा, "अब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार से अधिक लो, लेकिन साथ में आंबेडकर के प्रति आपका भाव क्या है, ये वह बताएंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 19, 2024

व्हिप के बावजूद 20 से अधिक भाजपा सांसद सदन से रहे नदारद

नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। लोकसभा में मंगलवार को 'वन नेशन-वन इलेक्शन' विधेयक पेश किया गया। इस मौके पर सदन में अनुपस्थित रहने वाले सांसदों को भारतीय जनता पार्टी नोटिस भेज सकती है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने मंगलवार को अपने लोकसभा सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हीप जारी किया था। जब विधेयक के लिए वोटिंग हुई तो भाजपा के 20 सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। इसी को लेकर पार्टी ने इन लोगों को नोटिस भेजने का फैसला लिया है।   *जेपीसी के पास भेजा विधेयक* गौरतलब है, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 जिसे एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक के रूप में जाना जाता है, इसे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पेश किया। पेश किए जाने के बाद विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है।   *पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट* लोकसभा में यह विधेयक पेश किए जाने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के बाद पर्चे से मतदान हुआ और तब जाकर यह विधेयक लोकसभा में पेश हो सका। देशभर में एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर पिछले साल सितंबर में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसी साल सितंबर में मोदी कैबिनेट ने इस रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। इस रिपोर्ट में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर सुझाव दिए गए थे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 18, 2024

पहले फिलिस्तीन तो अब बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को लेकर प्रियंका गांधी का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई सांसद शामिल हुए. प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की. कांग्रेस सांसदों ने नारेबाजी करते हुए केंद्र की मोदी सरकार से यह अपील की कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को तुरंत रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं. केंद्र सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि वहां के हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.   कांग्रेस के नेताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अपना इकबाल दिखाना चाहिए. बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा सुनिश्चित कराते हुए उन्हें न्याय दिलाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में देश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर इस्लामी तत्वों द्वारा गंभीर हमला किया गया है.नई दिल्ली ने ढाका में अंतरिम सरकार के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बार-बार अपील की है.   विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले महीने कहा था, "अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. हम चरमपंथी बयानबाजी, हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं से चिंतित हैं. इन घटनाक्रमों को केवल मीडिया की अतिशयोक्ति के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता. हम एक बार फिर बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान करते हैं.   *कल "फिलिस्तीन" लिखा बैग लेकर पहुंची थीं* कांग्रेस नेता और वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी सोमवार को संसद परिसर में एक बैग लेकर पहुंचीं, जिस पर "फिलिस्तीन" लिखा हुआ था और उसके साथ प्रतीक चिन्ह भी थे, जिसमें एक तरबूज भी शामिल था. तरबूज को फिलिस्तिनियों के विरोध और एकजुटता के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है. इस कदम की भाजपा ने आलोचना की और उनके इस कदम को "तुष्टिकरण" करार दिया. बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "गांधी परिवार तुष्टिकरण का झोला ढो रहा है." उन्होंने कहा, इसी तुष्टिकरण की वजह से उन्हें (कांग्रेस) चुनावों में हार मिली है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 18, 2024

कांग्रेस ने मढा प्रदेश सरकार पर कुशासन का आरोप, 18 को लखनऊ में विधानसभा घेराव की घोषणा

बडौत,15 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। भाजपा पर देश में कुशासन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं ने 18 दिसम्बर को लखनऊ में जोरदार विरोध प्रदर्शन व विधानसभा घेराव के लिए जनपद से बड़ी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया है। नगर के बावली रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय पर पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी रामकुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय  के निर्देश पर लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेसजनों में जोश है।पूर्व प्रदेश महासचिव एवं निवर्तमान जिलाध्यक्ष चौ रामकुमार सिंह ने वरिष्ठ कांग्रेसजनो की मौजूदगी में कहा कि, भाजपा के कुशाशन के खिलाफ 18 दिसम्बर को जिले से बडी संख्या में पूरे जोश के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता लखनऊ मे विधानसभा का घेराव करने जाएंगे ।    कांग्रेस नेता ने कहा कि ,भाजपा सरकार से प्रदेश की आम जनता व किसान मजदूर व्यापारी भी तंग आ चुके हैं तथा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है । बिजली कंपनियों की निजीकरण की साजिश, युवाओं की समस्याएं, बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं ,ध्वस्त कानून व्यवस्था के साथ ही अपहरण ,महिलाओ की असुरक्षा , भय का वातावरण भी दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है । विकास के नाम पर जगह जगह सडकें टूटी पडी हैं व अधूरे पुल दर्दनाक घटनाएं दे रहे हैं फिर भी सरकार कुम्भकर्णी नींद में सोई है ।कांग्रेस नेता ने कहा कि, जनता को न्याय दिलाने मे कांग्रेस पार्टी अब चैन से नही बैठेगी ।                इस अवसर पर पीसीसी सदस्य अनिल तोमर बावली ,युवा कर्मठ नेता  रामहरी पंवार ने प्रेस वार्ता में कहा कि, कांग्रेस ने हमेशा गरीबों, मजदूरों व व्यापारियों के हितों के लिए कार्य किए हैं , जबकि आज युवा बेरोजगार घूम रहे हैं ,भाजपा के शासनकाल में किसानों का बकाया करना भुगतान भी नहीं हो रहा है, किसान खून के आंसू रो रहा है । इस मौके पर महिला जिलाध्यक्षा उर्मिला सिंह ,पूर्व जिला उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र राणा वरिष्ठ नेता रामकुमार मुखिया आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Dec 15, 2024

'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी दे दी। अब केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में इसे सदन में पेश कर सकती है। इससे पहले 'एक देश, एक चुनाव' पर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा।   *क्या है एक देश एक चुनाव की बहस?* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है। ये विचार इस पर आधारित है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। अभी लोकसभा यानी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव पांच साल के अंतराल में होते हैं। इसकी व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होता है, उसी के हिसाब से उस राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं।  हालांकि, कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के छह महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए। इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कराए गए। अब दिल्ली में चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है।   *एक देश एक चुनाव की बहस की वजह क्या है?* दरअसल, एक देश एक चुनाव की बहस 2018 में विधि आयोग के एक मसौदा रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी। उस रिपोर्ट में आर्थिक वजहों को गिनाया गया था। आयोग का कहना था कि 2014 में लोकसभा चुनावों का खर्च और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों का खर्च लगभग समान रहा है। वहीं, साथ-साथ चुनाव होने पर यह खर्च 50:50 के अनुपात में बंट जाएगा। सरकार को सौंपी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में विधि आयोग का कहना था कि साल 1967 के बाद एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया बाधित हो गई। आयोग का कहना था कि आजादी के शुरुआती सालों में देश में एक पार्टी का राज था और क्षेत्रीय दल कमजोर थे। धीरे-धीरे अन्य दल मजबूत हुए कई राज्यों की सत्ता में आए। वहीं, संविधान की धारा 356 के प्रयोग ने भी एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया को बाधित किया। अब देश की राजनीति में बदलाव आ चुका है। कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों की संख्या काफी बढ़ी है। वहीं, कई राज्यों में इनकी सरकार भी है।    *एक साथ चुनाव पर बनी समिति की सिफारिशें क्या थीं?* समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरणों में कार्यान्वित किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किये जायेंगे। दूसरे चरण में आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगर पालिका) किये जायेंगे। इसके तहत सभी चुनावों के लिए समान मतदाता सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू की जाएगी। वहीं एक कार्यान्वयन समूह का भी गठन किया जाएगा।   *कोविंद समिति ने यह भी कहा* 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए हैं। 1999 में विधि आयोग की 170वीं रिपोर्ट में पांच वर्षों में एक लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए चुनाव का सुझाव। 2015 में संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट में दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने के तरीके सुझाए गए। राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों सहित विभिन्न हितधारकों से व्यापक परामर्श किया। रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध है: https://onoe.gov.in  व्यापक फीडबैक से पता चला है कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 13, 2024

चुनाव से पहले दिल्ली की महिलाओं को आप सरकार का तोहफा

नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। महिला सम्मान योजना को दिल्ली कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। हालांकि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे बढ़ाकर 2100 रुपये करने का एलान भी किया है। आज सुबह हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में महिला सम्मान योजना को मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले वित्त विभाग ने इस योजना पर आपत्ति जताई थी। अरविंद केजरीवाल ने इसे आप की सातवीं रेवड़ी बताया था।   इस योजना की घोषणा करते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली सरकार ने अपना वादा पूरा किया है। दिल्ली में महिला सम्मान योजना लागू कर दी गई है। महिलाओं के खाते में 1000 रुपये डाले जाएंगे। 2025 में सरकार बनने पर इसे 2100 रुपये कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद पैसा आना शुरू हो जाएगा। ये सम्मान महिलाओं का अधिकार है। केजरीवाल जो ठान लेता है वो करके रहता है। जो बोला वो करके दिखाया माताओं-बहनों को उनका हक मिलेगा।   केजरीवाल ने कहा कि मैंने वादा किया था कि हर महिला को 1,000 रुपये दूंगा। आज सुबह आतिशी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। अब यह योजना दिल्ली में लागू हो गई है। 10-15 दिन में चुनावों की घोषणा हो जाएगी, इसलिए अभी खाते में पैसे ट्रांसफर करना संभव नहीं है। कुछ महिलाओं ने कहा कि महंगाई के चलते 1000 रुपये काफी नहीं होंगे। इसलिए कल से 2100 रुपये प्रति माह के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।   इस योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए चालू वित्त वर्ष में 2000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान भी किया गया था। इसके तहत आधी आबादी सशक्त होगी। आम आदमी पार्टी ने भरोसा जताया कि दिल्ली की महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रयासों से भगवान राम का आशीर्वाद सभी दिल्लीवालों को मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे किताबों की जरूरत तो पूरी होगी ही, अगर वे पढ़ाई के लिए कोचिंग करना चाहती हैं तो इससे उन्हें राहत मिलेगी। इतना ही नहीं व्यक्तिगत खर्च के लिए भी उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होगी।    *किसे मिलेगा योजना का लाभ* 18 साल से ऊपर की हर महिला को प्रति महीना 1000 की राशि मिलेगी। योजना के लिए योग्य वे महिला होंगी जो अभी सरकार की किसी पेंशन स्कीम का हिस्सा नहीं हैं। सरकारी कर्मचारी नहीं है। इनकम टैक्स नहीं देती है। स्कीम के लिए पात्र महिला को एक फॉर्म भरना होगा और सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा कि वह किसी सरकारी योजना का हिस्सा नहीं है, सरकारी कर्मचारी नहीं है और इनकम टैक्स पेयर नहीं है। फॉर्म के साथ हर महिला को आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 13, 2024

उद्योग जगत को देश के फ़ैसलों के हिसाब से खुद को बदलना चाहिए : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली,11 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि उद्योग जगत को देश के राजनीतिक और रणनीतिक निर्णयों को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा. अगले दशक के लिए अर्थव्यवस्था की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास किए जाने चाहिए और युद्ध या किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचा जाना चाहिए. यह बात वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित वैश्विक आर्थिक नीति मंच 2024 के उद्घाटन सत्र के दौरान कही। सीआईआई के वैश्विक आर्थिक नीति मंच पर वित्तमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को अपनी ताकत हासिल करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे, क्योंकि किसी भी हिंसा या युद्ध से आपूर्ति शृंखला तथा खाद्य मूल्य शृंखला प्रभावित होती हैं.   वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति एक बड़ी चुनौती है। इसका पहला कारण आपूर्ति शृंखला में व्यवधान है। यह हम सभी पर निर्भर है। इसलिए यह जरूरी है कि उद्योग, सरकार, नीति निर्माता, नागरिक और नागरिक मंच सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास करें। सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को अपनी ताकत हासिल करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे और किसी भी झड़प या युद्ध से आपूर्ति शृंखला और खाद्य मूल्य शृंखला प्रभावित होगी।मंत्री ने दिल्ली में सीआईआई के वैश्विक आर्थिक नीति फोरम में कहा, ‘‘विश्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखता है।’’ आपूर्ति शृंखला के व्यवधानों से निपटने के तरीकों के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में आर्थिक प्राथमिकताओं को राजनीति और रणनीतिक जरूरतों के साथ मिलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "जब हम आपूर्ति शृंखलाओं को सुचारु आपूर्ति शृंखलाओं के रूप में बहाल करने करने की बात करते हैं, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह केवल अर्थशास्त्र नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है... हमें न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से भी अपने निर्णय स्वयं लेने होंगे।   सीतारमण ने कहा, "आपूर्ति शृंखलाओं को बहाल करना होगा, लेकिन आपको इसे फिर से स्थापित करना होगा, इसे फिर से पटरी पर लाना होगा, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि यह इतना फैल जाए कि कोई भी भू-राजनीतिक या रणनीतिक जोखिम हमारी भलाई के लिए खतरा न बने। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में सीखे गए सबक से हमें यह पता चलता है कि देश को अब पुनर्गठन करना होगा, और उद्योग को न केवल आर्थिक सिद्धांतों पर बल्कि अन्य आधारों पर भी खुद को पुनर्गठित करना होगा। सीतारमण ने कहा कि "पैमाने और विस्तार" तथा रोजगार सृजन के लिए बड़े, छोटे और मध्यम उद्योगों को मिश्रित करने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने टिप्पणी करते हुए कि पैमाना जोड़ना ही एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता कहा, "उद्योग को नई चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाने के तरीकों पर विचार करना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि यह देखते हुए कि आज अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली अधिकांश चुनौतियाँ - प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और सतत विकास, आपूर्ति श्रृंखलाएँ, आदि - वैश्विक प्रकृति की हैं, उद्योग, नीति निर्माताओं, नागरिकों और नागरिक मंचों के लिए समन्वित दृष्टिकोण के माध्यम से सामूहिक रूप से काम करना अनिवार्य हो गया है, ताकि मौजूदा चिंताओं को दूर किया जा सके और सदी के मध्य में प्रवेश करते समय वैश्विक दक्षिण में नागरिकों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जा सके। वित्त मंत्री ने इस विषय पर विस्तार से बताते हुए पाँच प्राथमिकताएँ बताईं, जिनके बारे में उनका मानना ​​है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दशकीय प्राथमिकताएँ होनी चाहिए, जो सम्मेलन का विषय है।   पहला है वैश्विक शांति बहाल करना, जिसके लिए सभी हितधारकों को भू-राजनीतिक व्यवधानों और युद्धों से बचने में मदद करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जो आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा करते हैं, खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं को प्रभावित करते हैं और मुद्रास्फीति को बढ़ावा देते हैं। दूसरे, घर्षण रहित आपूर्ति श्रृंखलाओं और उत्पादन केंद्रों के पीछे आर्थिक सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित करते हुए, उनका दृढ़ मत था कि आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के रास्ते में कोई भी राजनीतिक, भू-राजनीतिक या रणनीतिक जोखिम नहीं आना चाहिए जो विकास और कल्याण को बाधित करता है। वित्त मंत्री ने बाद में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को तीसरी प्राथमिकता के रूप में संदर्भित किया, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि कड़ी मेहनत से अर्जित धन, संपत्ति और जीवन को जलवायु संबंधी अनिश्चितताओं के लिए बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए, जबकि कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जहां किसानों को बेहतर आजीविका और उच्च आय हासिल करने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सकता है। हमें संसाधनों पर दबाव डाले बिना कृषि में सुधार के विभिन्न तरीकों पर विचार करना चाहिए।   उन्होंने कहा कि पानी की चुनौती एक और दशकीय प्राथमिकता होनी चाहिए। चौथी प्राथमिकता पर आते हुए, वित्त मंत्री ने पैमाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जो ताकत के साथ-साथ चर्चा का विषय होना चाहिए, जिसमें बड़े उद्योग के पास पैमाना होता है जबकि छोटे उद्योग के पास क्षैतिज पैमाना होता है, और दोनों को प्रगति के लिए मिलकर काम करना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि समावेशी विकास और जनसांख्यिकीय लाभांश को प्राप्त करने के लिए उद्यमों को पैमाने के आधार पर पूरे देश में फैलना चाहिए। प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए, मंत्री ने घोषणा की कि डिजिटल स्टैक के बाद भारत के लिए कृषि स्टैक अगली बड़ी चीज होगी। उन्होंने उद्योग से युवाओं के साथ काम करने और प्रबुद्ध स्वहित में कौशल विकास की सुविधा के लिए अपने निपटान में उपकरणों का उपयोग करने का भी आग्रह किया, जबकि अंतिम प्राथमिकता भविष्य की पीढ़ियों के हितों की रक्षा के लिए ऋण और वित्तीय सुरक्षा पर थी।   संजीव पुरी, अध्यक्ष, सीआईआई ने अपने परिचयात्मक भाषण के दौरान, पांच क्षेत्रों के बारे में बात की, जहां भारत ने मजबूत विकास, जलवायु प्रतिबद्धताओं, बड़े पैमाने पर समावेशी विकास के लिए सफल मॉडल, डिजिटलीकरण का लाभ उठाने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन बनाने सहित सकारात्मक योगदान दिया है।    सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष आर. दिनेश ने समापन भाषण के दौरान वित्त मंत्री को जीईपीएफ के लिए उनके प्रबल समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि सीआईआई वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दशकीय प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए मंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगा। सीआईआई द्वारा एक श्वेत पत्र लाया जाएगा जिसमें जीईपीएफ में विचार-विमर्श से उत्पन्न सिफारिशों को रेखांकित किया जाएगा। सीआईआई के महानिदेशक  चंद्रजीत बनर्जी ने मंच पर स्वागत भाषण दिया। जीईपीएफ के उद्घाटन सत्र के दौरान वित्त मंत्री भूटान  ल्योनपो लेके दोरजी और वित्त मंत्री, मालदीव गणराज्य मूसा ज़मीर भी मौजूद थे।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Dec 11, 2024

दिल्ली दंगों के आरोपी को ओवैसी ने दिया टिकट

नई दिल्ली,11 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी टिकट देने शुरू कर दिए हैं. ओवैसी की पार्टी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है और दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. ओवैसी के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा है और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं.   *हिंदुओं को मारने के लिए बम, पत्थर, गुलेल* बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जिस ताहिर हुसैन ने दिल्ली में सैकड़ो हिंदुओं की हत्या की साजिश रची थी. जिसके घर से हिंदुओं को मारने के लिए बम, पत्थर, गुलेल रखे थे. जिसने आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या 400 बार चाकुओं से गोद कर शव नाले में फेंक दिया था. ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं. अगर दिल्ली में दुबारा दंगे करवाने की कोशिश की गई तो अंजाम तुम्हारी सात पीढ़ियां याद रखेंगी.   *जेल में बंद ताहिर ने जॉइन की एआईएमआईएम* जेल में बंद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं. इसकी जानकारी खुद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर दी. एक फोटो शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा, 'एमसीडी पार्षद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे. उनके परिवार के सदस्य और समर्थक आज मुझसे मिले और पार्टी में शामिल हुए.   *दिल्ली हिंसा के आरोपी हैं ताहिर हुसैन* ताहिर हुसैन दिल्ली के नेहरू विहार से आम आदमी पार्टी से पार्षद रहे है. लेकिन, साल 2020 में दिल्ली दंगे में नाम सामने आने पर आम आदमी पार्टी ने ताहिर को पार्टी से निकाल दिया था. बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे. इस दंगे में कई लोग मारे गए थे, जबकि कई लोग घायल हुए थे. दंगे में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के शामिल होने के आरोप लगे थे और ताहिर के घर से पेट्रोल बम फेंकते हुए युवकों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे.   दिल्ली की एक कोर्ट ने इस साल मई में 2020 के दिल्ली दंगों के एक मामले में पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी थी और कहा था कि उनकी भूमिका 'दूरस्थ प्रकृति की' थी और वह पहले ही तीन साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुके हैं. हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी ताहिर हुसैन जेल में बंद हैं, क्योंकि वह दंगों के अन्य मामलों में भी आरोपी हैं, जिसमें सांप्रदायिक दंगे के पीछे साजिश और वित्तपोषण से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शामिल है.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |      

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Dec 11, 2024

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