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उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री के रूप में 3 साल पूरे.. कड़े फैसलों के कारण चर्चा में रहे

उत्तराखंड,10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे कर लिए हैं। धामी सरकार ने आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन तीन सालों में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक सहिंता को लागू करने सहित नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून जैसे कई बड़े फैसले लिए तो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में बड़े निवेश को भी आकर्षित करने में सफल रहे।    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 4 जुलाई 2021 को पहली बार बीजेपी हाईकमान ने राज्य का सीएम बनाया था। युवा धामी के चयन और नेतृत्व क्षमता को लेकर तब तमाम तरह की अटकलों और चर्चाएं हुए लेकिन दृढ़ इरादों के पक्के धामी ने अपने छोटे से कार्यकाल से ही तब दर्शा दिया था कि वे लंबी रेस के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं। नतीजा, सीएम धामी के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्य की सत्ता में लगातार दूसरी बार कोई दल ने वापसी की।   सीएम धामी ने अपनी दूसरी इनिंग की शुरुआत करने से पहले ही जनता जनार्दन से सत्ता में आने पर समान नागरिक सहिंता को लागू करने का वादा किया और इस साल सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों से पहले धामी ने इस फैसले को धरातल पर उतारते हुए देश में वो कर दिखाया जो आज तक किसी राज्य ने नहीं किया है। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया। आज मुख्यमंत्री धामी ने सीएम के रूप में तीन साल पूरे किये तो सुबह से ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर समान नागरिक संहिता सहित तमाम ऐतिहासिक निर्णय  एक्स पर ट्रेंड करते रहे।   *धामी के वे निर्णय जो बन गए नज़ीर* समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखंड बना। प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून बनाया गया और लागू भी किया गया। उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण कानून लागू। प्रदेश में दंगारोधी कानून। लैंड जेहाद पर एक्शन देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया गया। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है। सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण। राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला।    राज्य में फ्री जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है। आयुष्मान योजना के अनुसार उत्तराखंड में इस योजना के तहत 55 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं जा चुके हैं, जिसमें से 9 लाख 11 हजार मरीजों का फ्री उपचार हो रहा है। उत्तराखंड नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बना। नारी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में विभिन्न देशों के उद्योगपतियों द्वारा 3.56 लाख करोड़ के 1,779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। राज्य सरकार 20 फीसदी करार को धरातल पर उतार चुकी है।   *राज्य गठन से चला आ रहा मिथक टूटा:* मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के दौरान हुए विधानसभा चुनाव 2022 में सबसे बड़ा मिथक टूटा. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस के सत्ता पर काबिज होने की परिपाटी राज्य गठन से ही चली आ रही थी. लेकिन पहली बार साल 2022 में भाजपा दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई. हालांकि, इतना जरूर रहा कि साल 2017 के दौरान भाजपा को मिले परिणामों के मुकाबले साल 2022 में उतनी सीटें हासिल करने में भाजपा कामयाब नहीं हो पाई. इसके बाद साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर हैट्रिक लगाते हुए भाजपा ने पांचों लोकसभा सीटों पर तीसरी बार जीत दर्ज की.   *आगामी चुनाव सरकार के लिए बड़ी चुनौती:* साल 2022 विधानसभा चुनाव और साल 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए आगामी प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को जीतने की बड़ी चुनौती है. इसके साथ ही आगामी नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव भी होने हैं. ऐसे में धामी सरकार इन चुनाव में भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह कमाल दिखा पाएगी या नहीं यह एक बड़ा सवाल है. लेकिन इन चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन करना, सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.   *चारधाम, आपदा और कांवड़ यात्रा चुनौती:*  उत्तराखंड चारधाम की यात्रा चल रही है. हालांकि, मॉनसून सीजन के चलते धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम हो गई है. लेकिन इन मॉनसून सीजन के दौरान भी चारधाम की यात्रा सही ढंग से संचालित हो और सकुशल श्रद्धालु दर्शन कर अपने गंतव्य को वापस लौट जाए, यह सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. मॉनसून सीजन के दौरान प्रदेश की स्थितियां बद से बदतर हो जाती है. क्योंकि अत्यधिक भारी बारिश के चलते प्रदेश की तमाम स्थानों पर आपदा जैसे हालात बन जाते हैं और इन्हीं आपदाओं के चलते काफी जान- माल का नुकसान होता है. इस आपदा सीजन में जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए क्विक रिस्पांस और पुनर्वानुमान की बड़ी चुनौती है. यही नहीं, इसी महीने कांवड़ की यात्रा भी शुरू होने जा रही है. ऐसे में चारधाम यात्रा और आपदा सीजन के बीच कांवड़ यात्रा का बेहतर प्रबंधन सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.   *यूसीसी विधेयक पास करने वाली पहली विधानसभा:* मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की दिशा में अंतिम चरण में काम कर रही है. दरअसल, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता पर काबिज हुए सीएम धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने का निर्णय लिया था. जिसके लिए पांच सदस्य विशेषज्ञ समिति ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार किया. इसके बाद सारी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए फिर राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा गया. जिस पर मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था.   लेकिन अभी तक राज्य में उच्च लागू नहीं हो पाई है कि इसे लागू करने के लिए नियम तैयार करने की जरूरत थी. लिहाजा, यूसीसी के नियम और पोर्टल को तैयार करने के समितियां का गठन किया गया. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर महीने तक उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा.   *तमाम कानूनों को लेकर चर्चाओं में आए सीएम धामी:* राज्य की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने इन तीन सालों के कार्यकाल के दौरान कई बड़े निर्णय के तहत कई ऐसे कानूनों को धरातल पर उतारा जो एक नजीर बन गए हैं. इन बड़े कानूनों में नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून, लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई, भ्रष्टाचार रोकने के लिए 1064 बनाया गया, हाउस ऑफ हिमालयन ब्रांड तैयार किया. प्रदेश की महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया. इसके साथ ही तमाम अन्य योजनाएं जैसे कि वात्सल्य योजना, लखपति दीदी योजना, नई खेल नीति, घर-घर प्रमाण पत्र पहुंचने की व्यवस्था, सरकारी अस्पतालों में 207 निशुल्क जांच की सुविधा के साथ ही तमाम अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इन्हीं निर्णयों के चलते सीएम धामी चर्चाओं में आए. इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारी को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान भी किया गया.   *चारधाम यात्रा और वनाग्नि कांड पर झेलनी पड़ी फजीहत:* उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालू धामों के दर्शन करने पहुंचे थे. जिसके चलते धामों में की गई व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. अत्यधिक भीड़ होने के कारण शुरुआती दौर में श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. चारधाम यात्रा के दौरान पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते सरकार को फजीहत झेलनी पड़ी थी. इसके बाद सीएम धामी ने खुद यात्रा की कमान संभाली और वीवीआईपी दर्शन पर रोक लगाने के साथ ही श्रद्धालुओं को संख्या सीमित कर दी थी.   इसके अलावा, हालही में हुए वनाग्नि कांड के दौरान वन विभाग के कई कर्मचारियों की मौत हो गई थी. जिस दौरान भी सीएम धामी को काफी फजीहत झेलनी पड़ी. हालांकि, सरकार इस घटना पर बड़ा एक्शन लेते हुए कई अधिकारियों पर कार्रवाई की.   *विधानसभा भर्ती घोटाले में हुई फजीहत:* मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के दौरान जुलाई 2022 में विधानसभा भर्ती घोटाला का मामला सामने आया था. साथ ही अगस्त 2022 में विधानसभा में हुई भर्तियों की सूची वायरल हुई. इसके बाद सीएम धामी के निर्देश पर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया गया. फिर रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर साल 2016 में की गई 150 तदर्थ नियुक्तियां, साल 2020 में हुईं 6 तदर्थ नियुक्तियां, साल 2021 में हुईं.    72 तदर्थ नियुक्तियों के साथ ही उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द की गई थी.वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश की जनता, पीएम मोदी और भाजपा के आलाकमान का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें देवभूमि उत्तराखंड में मुख्य सेवक के रूप में काम करने का अवसर मिला. इन तीन सालों में ऐतिहासिक निर्णय लिए गए. साथ ही कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार किसी पार्टी पर जनता ने लगातार दूसरी बार भरोसा जताया. जिसके चलते पार्टी के मूल सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए कामों को आगे बढ़ाया है. इन तीन सालों में 14 हजार 800 पदों पर भर्तियां की गई. स्वरोजगार के क्षेत्र में काम किया. महिला उत्थान के लिए काम किया. इसके साथ ही इन तीन सालों में तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024

आगामी 17 जुलाई को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से सेब मंडी पिंजौर का उद्घाटन किया जा रहा है

कालका, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। आगामी 17 जुलाई को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से सेब मंडी पिंजौर का उद्घाटन किया जा रहा है, जिसको लेकर प्रशासन व भाजपा नेता तैयारियों में जुटे हुए है। इसी के मद्देनजर भाजपा नेता संतराम शर्मा द्वारा नुक्कड़ बैठके कर लोगो को ज्यादा से ज्यादा संख्या में कार्यक्रम में पहुंचने का निमंत्रण दिया व भाजपा द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओ के बारे अवगत करवाया।   शर्मा ने सोमवार को कालका अप्पर मोहल्ला सहित अन्य जगाहो पर नुक्कड़ बैठक कर लोगो की समस्याएं सुनी ओर उन्हे समारोह में पहुचने का न्योता दिया। उन्होने लोगो को बताया कि बड़े स्तर ओर नई सुविधाओ से लैस इस सेब मंडी में जहां क्षेत्रवासियो को ताजी सब्जियां, फल खरीदने को मिलेगी, वहीं मंडी से रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।   उन्होने कहा कि सरकार की ओर से यह क्षेत्रवासियो दी जा रही एक सौगात है, इसलिए हमारा भी कर्तव्य बनता है कि मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपनी भागीदारी दिखाए। उन्होने बताया कि इस मौके पर मुख्यमंत्री के समक्ष शहर के प्रमुख मुद्दो को भी रखा जाएगा। बताया कि कार्यक्रम के तहत आगे भी इसी प्रकार नुक्कड़ बैठके जारी रहेंगी।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

Ujjwal Times News

Jul 10, 2024

कार्यकर्ता को बतौर सम्मान व समस्याओं के समाधान हेतु नगर निकायों में नामित हों सभासद

बड़ौत, 07 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भाजपा निकाय प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एड अंकित लपराना ने लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात कर जिले में नामित सभासदो की नियुक्त किये जाने की मांग उठाई। इस दौरान उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को श्रीमद् भगवत् गीता भेंट की।    निकाय प्रकोष्ठ संयोजक ने कहा कि, पिछले 10 वर्षों से नगर निकायों में नामित सभासदो की नियुक्ति नहींं की गई है, जबकि पुराने कार्यकर्ता को सम्मान के रूप में तथा नगर की समस्या के त्वरित समाधान के लिए  नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों में नामित सदस्यों की नियुक्ति की जानी चाहिए। बता दें कि, निकायों में जनता द्वारा सभासद चुने जाने के साथ राज्य सरकार स्तर पर सभासद नामित किए जाने की व्यवस्था रही है।   जिसपर योगी सरकार में अभी तक अमल न होने से कार्यकर्ताओं में भी उत्साह उतना नहींं रह पाता। अंकित लपराणा ने बताया कि, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता ने जनपद में लोकसभा चुनाव में मेहनत और लगन से काम किया है। इसका ही फल है कि, जिले में गंठबंधन के प्रत्याशी की लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हुई है। उन्होंने कहा कि, भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दिए जाने से पार्टी संगठन को और अधिक मजबूती मिलती है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 7, 2024

शहरी निकाय मंत्री ने मॉडल शौचालय, मॉडल पार्क, बस क्यू शेल्टर का जल्दी निर्माण करने के दिए निर्देश

कालका,06 जुलाई  2024 (यूटीएन)। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री  सुभाष सुधा ने आज नगर परिषद कालका के विकास कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कामों में मिली कमियों पर मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों के कार्यालय में बैठकर फाइलें कैंसिल करने से काम नहीं चलने वाला है। सभी अधिकारियांे को फिल्ड में उतरकर मौका-मुआयना करना होगा। उन्होंने निगम आयुक्त को कहा कि पंचकूला की तर्ज पर कालका में भी मॉडल शौचालय, मॉडल पार्क, ग्रीन बेल्ट का सौंदर्यकरण, बस क्यू शेल्टर और अग्रसेन चैक का सौंदर्यकरण किया जाए।    सुभाष सुधा ने अधिकारियों को निर्देश देेते हुए कहा कि कालका के प्रत्येक पार्षद के कहने पर उनके वार्डों में 200-200 एलईडी लाइटों को लगवाया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग को पैसों की कमी नहीं आने दी जाएगी। अधिकारी स्वयं रुचि लेकर अपने कामों को करवाएं। कामों को करवाते समय स्थानीय लोगों को साथ जोड़ें।   शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने नगर परिषद कालका को पिंजौर में बस अड्डा पर बस क्यू शेल्टर का निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले नए क्यू शेल्टर का निर्माण किया जाए। इसके बाद जर्जर हालत के क्यू शेल्टर को तोड़ा जाए। पूर्व विधायक लतिका शर्मा ने कहा कि यहां पर पिंजौर से जाने वाले यात्री अपनी बस लेतेे हैं। तेज धूप और बरसात से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।   *अग्रसेन चैंक का होगा सौंदर्यकरण*   सुभाष सुधा ने पिंजौर के अग्रसेन चैक का सौंदर्यकरण करने के लिए निर्देश दिए। इसके लिए विभाग की तरफ से पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। मौके पर दुकानदारों ने साथ लगती सरकारी जमीन पर पक्की दुकान बनवाने की गुहार लगाई। मंत्री ने एसडीएम कालका को जगह के बारे में पूरी जानकारी लेकर संभव होने पर दुकानों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।   *सीवरेज कनेक्शन प्राथमिक के आधार पर हों शुरू*    सुभाष सुधा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शर्मा कॉलोनी में सीवरेज कनेक्शन किए जाए, ओपन ड्रेन और पास हुए एसटीपी का निर्माण किया जाए। सफाई की समस्या के चलते सीवरेज निर्माण का कार्य ओपन किया जाए। निकाय मंत्री को कॉलोनी निवासियों ने बताया कि बरसात के समय में यहां पर हिमाचल के परमाणु क्षेत्र तक का पानी आकर जमा हो जाता है। शहरी स्थानीय मंत्री ने देवीदास रोड पर 30 साल पुराने जर्जर शौचालय के स्थान पर मॉडल शौचालय का एक महीने में निर्माण करने के निर्देश दिए। साथ ही सिविल लाइन को चालू हाथ में रखने के निर्देश दिए।   *ग्रीन पार्क का किया जाएगा सौंदर्यकरण*   सुभाष सुधा ने मॉडल टाउन कॉलोनी और मुख्य कालका रोड के बीच की जगह पर ग्रीन बेल्ट में पार्क विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पार्क विकसित होने के बाद लोगों को सुबह सैर करने के लिए उचित स्थान मिल पाएगा। इसके साथ ही यहां के वातावरण में सुधार होगा और जगह की साफ सफाई भी हो जाएगी। मॉडल टाउन के दुकानदारों की मांग पर शौचालय का निर्माण करने के नगर परिषद कालका के अधिकारियों को निर्देश दिए।   *पार्षद के साथ की मीटिंग*   शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने पिंजौर गार्डन स्थित मोटल रेस्टोरेंट में नगर परिषद कालका के पार्षदों व कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनी और उनको निपटाने के लिए मौके पर ही अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दिए। कालका की गांधी लाइब्रेरी में दुकानदारों ने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री  सुभाष सुधा का स्वागत किया।   *श्री काली माता मंदिर में की पूजा-अर्चना*   शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री सुभाष सुधा ने श्री काली माता मंदिर कालका में मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की। महामाई का आशीर्वाद लिया। इस दौरान मंदिर कमेटी की तरफ से पार्किंग की व्यवस्था करवाने की गुहार लगाई थी।    *ये रहे मौजूद*   इस मौके पर नगर निगम पंचकूला आयुक्त सचिन गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, पूर्व विधायक कालका लतिका शर्मा, एसडीएम कालका लक्षित सरीन, जिला महामंत्री किशोरी शर्मा, मंडल अध्यक्ष नराता राणा, श्री काली माता मंदिर कालका के सचिव पृथ्वी सिंह, पार्षद गोल्डी वाल्मीकि, पार्षद विनोद , संजीव कौशल, सुदर्शन कंसल, चेतन अग्निहोत्री समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 6, 2024

वारिस पंजाब दे' चीफ अमृपाल सिंह ने लोकसभा में ली सांसद की शपथ, विशेष विमान से लाया गया दिल्ली

नई दिल्ली, 06 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार लोकसभा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है. शपथ ग्रहण करने के बाद उसे संसद से बाहर लाया गया. अमृतपाल सिंह को सांसद के रूप में शपथ ग्रहण के लिए 5 जुलाई की सुबह विशेष विमान से नई दिल्ली ले जाया गया. अमृतपाल जिन्होंने पंजाब के खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता है, उन्हें शपथ ग्रहण के लिए चार दिन की पैरोल दी गई है, जो 5 जुलाई से शुरू हुई है.   *अमृतपाल को लाने पंजाब पुलिस गई थी असम* अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से एक लाख 97 हजार 120 वोटों से जीत दर्जी की. उन्होंने कांग्रेस उम्मदीवार कुलबीर सिंह जीरा को हाराय था. पंजाब पुलिस की आठ सदस्यीय टीम गुरुवार को अमृतपाल को नई दिल्ली लाने के लिए डिब्रूगढ़ जेल पहुंची. अधिकारी ने बताया कि असम पुलिस और जिला प्रशासन की एक टीम जेल से एयरपोर्ट तक उनके साथ गई थी.   *पेरोल के दौरान अमृतपाल को सख्त आदेश* खडूर साहिब लोकसभा से जीते निर्दलीय उम्मदीवार अमृतपाल सिंह के पेरोल को लेकर सख्त आदेश था कि वे या उनके रिश्तेदार दिल्ली की यात्रा के दौरान कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे. इसके अलावा, वीडियोग्राफी या बयानों के प्रसार सहित किसी भी तरह की मीडिया कवरेज पर सख्त प्रतिबंध है.   पिछले महीने चुनाव जीतने के बाद अमृतपाल सिंह के माता-पिता तरसेम सिंह और बलविंदर कौर और उनकी पत्नी किरणदीप कौर ने जेल में बंद कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी. अमृतपाल और उनके एक चाचा सहित संगठन के दस सदस्य राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत के तहत अलग-अलग जेलों में बंद हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 6, 2024

शख्स ने की पीएम मोदी का चुनाव रद्द करने की अपील, हाई कोर्ट बोला- 'आपको इलाज की जरूरत

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने संबंधी याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इसमें लगाए गए आरोप मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में एकल न्यायाधीश के फैसले से सहमत है. सिंगल न्यायाधीश ने पहले ही याचिका खारिज कर दी थी.    पीठ ने अपीलकर्ता से कहा कि आप ठीक तो हैं. उसने कहा कि अपीलकर्ता को चिकित्सा सहायता की जरूरत है. पीठ ने संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी, उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को चिकित्सा स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के मद्देनजर उसपर याचिकाकर्ता पर नजर रखने का निर्देश दिया.   *कैप्टन दीपक कुमार ने दायर की थी याचिका* कैप्टन दीपक कुमार की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि मोदी और उनके सहयोगियों ने 2018 में एअर इंडिया की उस उड़ान की दुर्घटना का षड्यंत्र रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया, जिसके पायलट याचिकाकर्ता खुद थे. कुमार ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी ने झूठी शपथ ली है जो निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र सौंपे जाने के बाद होनी चाहिए थी.   *गृह मंत्री शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया आरोप* याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील देते हुए आरोप लगाया कि मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्हें लोकसभा से बर्खास्त किया जाना चाहिए. याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इस अपील में सभी आरोप अपीलकर्ता की मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं और इसमें कोई प्रमाण नहीं हैं.   *पीठ ने याचिका को लेकर लगाई फटकार* पीठ ने कहा, ‘‘आप ठीक तो हैं? आपकी अर्जी अधूरी है. यह एक विषय से दूसरे विषय की ओर जा रहा है. यह झूठी शपथ लेने के आरोप से इस दिशा में जा रहा है कि आप तीन लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने उस विमान की दुर्घटना कराई जो आप उड़ा रहे थे. आप अपनी बेटी के लापता होने से लेकर इस बात के आरोप लगा रहे हैं कि कोई पूर्व प्रधान न्यायाधीश आपकी हत्या की कोशिश कर रहे थे. आप ठीक तो हैं? कोई इंसान इस याचिका को नहीं समझ सकता.   *याचिकाकर्ता ने क्या कहा?* इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘हां, मैं ठीक हूं श्रीमान, याचिका बहुत स्पष्ट है. हां मेरी बेटी का अपहरण हुआ और इसकी पुलिस रिपोर्ट है. मेरा भी अपहरण किया गया था और थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने मुझसे सौदेबाजी की कि अगर मैं मुंह बंद रखूंगा तो वे मेरी बेटी को मुझे वापस कर देंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे: राज्यसभा में प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा, 'कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य है।   *हमारे 10 साल हुए अभी 20 साल बाकी*  प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था, हालांकि उनकी पार्टी ही उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे।   ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि जिन्होंने ये बार-बार ढोल पीटा था कि ये एक तिहाई सरकार है, उनके मुंह में घी शक्कर। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं, 20 और बाकी हैं। अभी एक तिहाई हुआ कार्यकाल हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।   *'संविधान को जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया'* अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संविधान हमारे लिए सिर्फ संविधान के अनुच्छेद भर नहीं हैं बल्कि इसकी भावना भी हमारे लिए अहम है। किसी भी परिस्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान को लेकर घूमते हैं, उन्होंने उसका विरोध किया था। संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है।   अब जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है। संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना विकसित हो, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।   *'भ्रम की राजनीति के बजाय भरोसे की राजनीति को जनता ने दी तरजीह'* देश की जनता ने हमें जो तीसरी बार अवसर दिया है, वो अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को मजबूती देने के लिए, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए देश को करोड़ों लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया। ये चुनाव 10 वर्षों की सिद्धि पर तो मुहर है ही, साथ ही भविष्य के संकल्पों पर भी मुहर है।   देश की जनता का भरोसा हम पर है और इसी भरोसे पर जनता ने हमें फिर से मौका दिया है। देश ने पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवें नबर पर पहुंचते देखा है। देश की जनता ने प्रोपेगैंडा (भ्रम की राजनीति) को खारिज कर परफॉर्मेंस (भरोसे की राजनीति) को तरजीह दी है। इस बार देश की जनता ने हमें पांचवे नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंचाने का जनादेश दिया है और हम इस संकल्प को पूरा करके रहेंगे।   *'अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को बदल देंगे'* प्रधानमंत्री ने कहा 'यह सदी, तकनीक की सदी है। हम नए-नए क्षेत्रों में अपनी पहचान छोड़ रहे हैं। हम अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को पूरी तरह से बदल देंगे। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे। गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे। जो लोग ऑटो पायलट मोड में रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं, ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं, लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं।   *'मैदान छोड़कर भाग जाना ही विपक्ष के नसीब में लिखा है'* प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के वॉकआउट पर प्रधानमंत्री ने कहा 'पूरा देश देख रहा है कि जिन्होंने झूठ फैलाया, उनमें सच सुनने की भी ताकत नहीं है। उनमें सच का सामना करने की ताकत नहीं है।   उन्होंने जो सवाल उठाए थे, विपक्ष में उनका जवाब सुनने की भी ताकत नहीं है। ये उच्च सदन का अपमान कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा हुआ है।   *किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ये बातें कही* 'किसान कल्याण हमारी सरकार के केंद्र में हैं। हमारी योजनाओं का लाभ देश के 10 करोड़ किसानों को हुआ है। हम किसानों को तीन लाख करोड़ दे चुके हैं। वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं। हमारी सरकार ने किसानों को 12 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया।   60 हजार करोड़ की कर्जमाफी पर इतना हल्ला मचाया था, लेकिन उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। उनमें भी गरीब किसान का नाम-ओ-निशान नहीं था। हमने कृषि को व्यापक रूप में देखा और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया।   *'ट्रांसजेंडर्स के लिए बनाया कानून'* प्रधानमंत्री ने कहा 'सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है। दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित ट्रांसजेंडर वर्ग है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना तरक्कीपसंद है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई।   *बंगाल की घटनाओं को लेकर विपक्ष को घेरा* प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्पनीय पीड़ा होती है। महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का मनमाना रवैया है, ये चिंताजनक है। कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा।   एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है। वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है।   *'खरगे जी खुद दीवार बनकर खड़े हो गए, परिवार बच निकला'* लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'हमारे कांग्रेस के लोग खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है?  क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है? इन चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर ही आ रहा है, लेकिन दुनिया में भी उमंग और आनंद का माहौल है। खड़गे जी ने उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है। पराजय का ठीकरा जिन पर फूटना चाहिए था, उन्हें खड़गे जी ने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए। परिवार बच निकला।   *भाषण के दौरान विपक्ष का वॉकआउट* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने जवाब के दौरान उच्च सदन को कुछ गलत बातें बताई।    *झूठ बोलना प्रधानमंत्री की आदत: मल्लिकार्जुन खरगे* खरगे ने वॉकआउट के तुरंत बाद पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, झूठ बोलना, लोगों को गुमराह करना और सच से परे बातें कहना उनकी आदत है। मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि आप संविधान के बारे में बात कर रहे हैं तो संविधान आपने नहीं बनाया। आप लोग उसके विरोध में थे।    *वॉकआउट करने वालों में सोनिया गांधी- शरद पवार भी शामिल* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान खरगे के साथ वॉकआउट करने वालों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार शामिल थे। खरगे का बचाव करते हुए पवार ने मांग की कि प्रधानमंत्री या राज्यसभा को उनका सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह संवैधानिक पद पर हैं।   *विपक्ष के नेता का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी: शरद पवार* पवार ने कहा, वह (मल्लिकार्जुन खरगे) संवैधानिक पद पर हैं। चाहे वह प्रधानमंत्री हों या सदन के सभापति, उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन आज इस सबको नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है और इसलिए हम बाहर चले गए।    *सदन को नहीं, मर्यादा को छोड़कर भाग गए हैं: जगदीप धनखड़* विपक्ष के वॉकआउट के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक, अमर्यादित आचरण से दुखी हूं। शासन लगातार तीसरे कार्यकाल में है। मैंने चर्चा की और मैंने अनुरोध किया कि नेता प्रतिपक्ष को बिना रोक-टोक बोलने का अवसर दिया। आज वे सदन छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा छोड़कर गए हैं।    धनखड़ ने आगे कहा, आज उन्होंने (विपक्ष) मुझे पीठ नहीं दिखाई है। बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई है। आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया है। बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली है। भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती है। मैं इस आचरण की निंदा करता हूं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा:वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में आज दिल्ली भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को हिंसक समुदाय बताने के ब्यान के खिलाफ कांग्रेस मुख्यालय के समीप जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी को देश के हिंदुओं से माफी मांगने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिगेट्स को तोड़कर कांग्रेस मुख्यालय की ओर बढ़ने की कोशिश की जिसके बाद दूसरे बेरिगेट्स  के सामने उन्हें रोका गया और पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद तेजस्वी सूर्या, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष सागर त्यागी एवं अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अनिस अब्बासी सहित अन्य पदाधिकारियों को डिटेन कर तिलक मार्ग थाने ले गई।   जहां से कुछ देर बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हिंदू संस्कृति को गाली देना, हिंदुओं को गाली देना, उन्हें आतंकवादी कहना, यह सब चुनावी हिन्दू राहुल गांधी की साजिश है जिसका जवाब देश के करोड़ों हिन्दू जरुर देंगे। एक तरफ आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता कहते हैं और दूसरी तरफ हिन्दू हिंसक होता है यह संसद में चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू हिंसक होता तो अब तक काशी एवं मथुरा से मस्जिद हटकर मंदिर बन गये होते। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन के अंदर सोची समझी राजनीतिक चाल चली है क्योंकि उन्हें अपनी बहन प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़वाना है।   उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तो खुद पश्चिमी सभ्यता के बीच बड़े हुए हैं, वे हिन्दू संस्कृति को कभी नहीं समझ सकते, लेकिन राहुल गांधी को हिन्दू समाज के ताकत का अंदाजा नहीं है। सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरी भारतीय संस्कृतिक को गाली दी है और उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी ही पड़ेगी। इस बात को लेकर हम दिल्ली के हर घर-घर तक लेकर जाएंगे और सभी को राहुल गांधी के इस बयान से अवगत कराएंगे। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जिसके पिता ने अपने आप को हिंदू बाई एक्सिडेंट कहा हो उसके बेटे से हमें ऐसी ही उम्मीद थी। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से पूरे हिंदू समाज को आतंकवादी, हिंसक कहा है, यह अक्षम्य अपराध है और राहुल गांधी जब तक माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि 26/11 के टेरर अटैक को पूरी कांग्रेस पार्टी ने हिंदू संगठनों के उपर डालने की कोशिश की थी।   दिग्विजय सिंह ने तो सैफरन टेरर के ऊपर किताब का विमोचन भी किया था। देश के अंदर 80 फीसदी दंगे कांग्रेस पार्टी की सरकार के रहते हुए हैं। कांग्रेस ने आतंकवाद को पनाह देने का काम किया है और इसलिए संप्रदायिक दंगे होते रहे हैं। जिस धर्म ने 5000 वर्ष से अधिक समय से समाज को सौहार्द और शांति का मंत्र दिया है, ऐसे हिंदू समाज को अपमानित करने की साजिश राहुल गांधी द्वारा कि गई है। मनोज तिवारी ने कहा कि अब चिंतन करने की जरुरत है कि क्या ऐसे ही हिंदू समाज अपना अपमान सहता रहेगा।   कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ा था, इंडी गठबंधन नेता काफी समय से हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते रहे हैं, ऐसी स्थिति में देश के सभी हिंदुओं को सोचने की जरुरत है और हर स्तर पर ऐसे लोगों को जवाब देने की जरुरत है। योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि लोकसभा के अंदर कांग्रेस नेता जिस प्रकार से व्यवहार कर रहे थे, उससे साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी को लोकसभा सदन की मर्यादा का ख्याल भी नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान भी उनका व्यवहार निंदनीय था। हिंदू देवी देवताओं का अपमान करना एक साजिश है जो एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए राहुल गांधी ने सदन के अंदर करी थी।   नई दिल्ली से सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि राहुल गांधी का बयान उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है। हिंदू तो वसुधैव कटूंबकम वाले हैं जो पूरे विश्व को एक मानते हैं लेकिन राहुल गांधी एक चुनावी हिन्दू हैं जो इसे नहीं समझेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सदन को गुमराह किया और देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं ठेस पहुंचाई है। सरदार अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कांग्रेस एक छटपटाहट के दौर से गुजर रही है जहाँ उसके नेता एक वर्ग को राजनीतिक रूप से खुश करने के लिए कांग्रेस नेता शांति सौहार्द के प्रतीक हिन्दू समाज को बदनाम करने में लगे हैं। दिल्ली एवं देश की जनता अब हिन्दुओं के अपमान के लिए राहुल गांधी को कभी माफ नही करेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

चंपई सोरेन देंगे इस्तीफा, ''झारखंड के नए CM होंगे हेमंत सोरेन

झारखंड, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। बुधवार को रांची में होने वाली सत्तारूढ़ विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर विधायक दल का नेता चुना जाना तय है। चतरा के राजद विधायक और कैबिनेट मंत्री सत्यानंद भोक्ता  ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन को नेता चुना जाएगा। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन  पद से त्यागपत्र देंगे और उसके बाद नए मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन शपथ लेंगे। उनके साथ मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की सूची में उनका भी नाम है। यदि ऐसा होता है, तो सत्यानंद भोक्ता  के नाम एक नया कीर्तिमान  स्थापित होगा‌। चतरा के वे पहले विधायक होंगे, जो मंत्री के रूप में पांचवीं बार शपथ लेंगे। *जेल से बाहर आने के बाद पहली बैठक* हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से छूटने के बाद उनके नेतृत्व में यह पहली औपचारिक बैठक है। हेमंत सोरेन के जेल से छूटने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। रांची में होने वाली सत्तारूढ़ विधायकों की बैठक में जेएमएम, कांग्रेस और राजद समेत आईएनडीआईए में शामिल सभी दलों के विधायकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश हैं। *चंपई सोरेन के सभी कार्यक्रम रद्द* चंपई सोरेन ने भी अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। मंगलवार से ही सीएम चंपई सोरेन अपने आवास पर हैं। उनसे मुलाकात के लिए आने वाले लोगों को भी यह कहकर लौटा दिया कि मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है।

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Jul 4, 2024

यह है राहुल का 'ऑफ द रिकॉर्ड' प्लान

नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राहुल गांधी के संसद में नेता प्रतिपक्ष बनने के साथ अब लोगों से जुड़ने का एक और नया तरीका ढूंढ निकाला है। यह तरीका राहुल गांधी का 'ऑफ द रिकॉर्ड' प्लान है। राहुल गांधी की रणनीति के मुताबिक आने वाले दिनों में वह देश के अलग-अलग लोगों से मुलाकात करने वाले हैं, जिसमें बहुत कुछ ऑफ द रिकॉर्ड चर्चा भी शामिल होगी। कांग्रेस पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों की मानें तो ऐसा करके राहुल गांधी देश की नब्ज को और गहराई से समझने के लिए इस नए प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक तकरीबन 27000 से ज्यादा मेल राहुल गांधी के दिए गए ईमेल पर पहुंच चुके थे।    राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के साथ शुरू हुआ मिलने जुलने का सिलसिला लगातार बढ़ता रहा है। इस कड़ी में राहुल गांधी ने अब कुछ ऐसा प्लान किया है, जिससे न सिर्फ लोगों बल्कि मीडिया के माध्यम से सीधे तौर पर जुड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों में शामिल एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि दरअसल राहुल गांधी इस बातचीत की व्यवस्था के माध्यम से उन लोगों से संपर्क स्थापित करना चाहते हैं, जो उनसे अपने दिल की बात कहना चाहते हैं। छात्रों से लेकर व्यापारी और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग समेत किसानों और सामाजिक संगठनों समेत अन्य वर्गों से जुड़े हुए लोग शामिल होंगे। हालांकि इस व्यवस्था के माध्यम से मिलने की प्रक्रिया क्या होगी, यह तो राहुल गांधी के पास आने वाले ईमेल के बाद तय होगी। लेकिन कहा यही जा रहा है कि राहुल गांधी अपने घर से लेकर कार्यालय में ऐसे लोगों से खुलकर मुलाकात करेंगे।    कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पीएल पुनिया कहते हैं कि राहुल गांधी से हर व्यक्ति सीधे तौर पर बात करना चाहता है। पुनिया कहते हैं कि लोगों को कहने के लिए बहुत कुछ है लेकिन सरकार जब बात नहीं सुनती है, तो उसके पास क्या विकल्प बचता है। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है सरकार और जनता के बीच बातचीत के इस गैप को पूरा करने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास करेगी। पार्टी के नेता पीएम पूनिया कहते हैं कि राहुल गांधी ने पहले ही संसद में जाकर यह बात कही है कि संसद में उनकी आवाज उन लोगों की आवाज होगी, जो सरकार से सवाल करना चाहते हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इसी कड़ी में राहुल गांधी की बातचीत का यह तरीका न सिर्फ लोगों को एक मजबूती दिलाएगा, बल्कि उनकी आवाज संसद में मजबूती से रखी भी जा सकेगी।   नेताओं के मुताबिक राहुल गांधी की ओर से बातचीत का यह प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के बाद उनके दिए गए ईमेल एड्रेस पर तकरीबन 27000 से ज्यादा मेल खबर लिखे जाने तक आ चुके थे। इसमें राहुल गांधी ने मीडिया इंटरव्यू से लेकर ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग करने तक का पूरा प्रयोजन किया है। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र चंदेल कहते हैं कि किसी नेता की ओर से ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग करने का यह एक पहले संदेश पब्लिकली भेजा गया है।    इसके अलावा ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग में बहुत कुछ ऐसी चीज होती हैं, जो नेता और मिलने वालों के बीच में होती हैं। जाहिर सी बात है कि ऐसी मुलाकात में होने वाली ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत से लोगों के बीच में राहुल गांधी के प्रति एक कॉन्फिडेंस बढ़ता हुआ दिखेगा। उनका कहना है कि सियासत में भरोसा बहुत बड़ी चीज होती है। अगर इस तरीके की बैठकों में राहुल गांधी और जनता के बीच में यह भरोसे की दीवार मजबूत होती गई, तो निश्चित तौर यह कांग्रेस पार्टी के लिए बूस्ट होगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 3, 2024