Health

पिंजौर के सीताराम मंदिर में निशुल्क मेडिकल कैंप में भारी संख्या में लोगों ने उठाया कैंप का लाभ

पिंजौर, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। पंडित केदारनाथ हॉस्पिटल और चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पिंजौर में रविवार को निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। यह मेडिकल कैंप सीताराम मंदिर में सुबह 10 बजे शुरू हुआ और इसका शुभारंभ राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा किया गया। इस कैंप में विभिन्न प्रकार के टेस्ट नि:शुल्क किए गए और 367 लोगों का स्वास्थ्य जांच किया गया। 78 लोगों ने विभिन्न प्रकार के ब्लड टेस्ट भी कराए। कैंप में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर्स की टीम ने आंखों, हड्डी रोग, और जनरल रोग से संबंधित मरीजों की जांच की और उन्हें संबंधित दवाइयाँ नि:शुल्क दीं।    कालका और पिंजौर के लोगों ने इस कैंप का लाभ उठाया और अपना स्वास्थ्य चेकअप करवाया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने स्वास्थ्य जांच के लिए आए लोगों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लंबे समय से लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के मेडिकल कैंप आयोजित किए जाते हैं। शर्मा ने कहा कि हर रविवार को अंबाला कैंट में भी ऐसे मेडिकल कैंप लगाए जाते हैं और अब कालका और पिंजौर में भी नियमित रूप से लगाए जाएंगे। उनका लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य चेकअप किया जाए और जिनका उपचार नहीं हो सकता, उन्हें पीजीआई में उपचार के लिए भेजा जाए।   *शर्मा परिवार के प्रयासों से अंबाला में कोरोना काल से लग रहे कैंप*   पंडित केदारनाथ अस्पताल और चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पिछले कई वर्षों से समाज सेवा के कार्य किए जा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विनोद शर्मा, अंबाला नगर निगम मेयर शक्ति रानी शर्मा, और सांसद कार्तिकेय शर्मा के प्रयासों से पूरे अंबाला को सैनिटाइज करवाया गया और इम्यूनिटी बूस्टर किट का वितरण किया गया था। अंबाला में आयोजित इन मेडिकल कैंपों में जरूरतमंदों को निशुल्क दवा वितरित की गई और आंखों के रोगियों के लिए निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा भी प्रदान की गई।   *पंडित विनोद शर्मा और मेयर शक्तिरानी शर्मा ने बच्चों को साइकिलें और जूते बांटे*   शर्मा परिवार हमेशा से समाज सेवा में अग्रणी रहा है। अंबाला की मेयर बनने के बाद शक्ति रानी शर्मा ने समाजसेवा के कार्यों को और बढ़ावा दिया। पंडित विनोद शर्मा और मेयर शक्ति रानी शर्मा ने अंबाला के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को जूते और साइकिलें वितरित कीं। पंडित विनोद शर्मा का कहना है कि साइकिल मिलने से बच्चे समय पर स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। मेयर शक्ति रानी शर्मा का कहना है कि साइकिल मिलने से बच्चों को दूर स्कूल जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी और वे अच्छे से पढ़ाई में मन लगा सकेंगे। इस प्रकार के आयोजनों से समाज के हर वर्ग को लाभ मिल रहा है और स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो रही हैं।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 24, 2024

निशुल्क नेत्र शिविर में 190 मरीजों की जांच 16 का मोतियाबिंद आपरेशन के लिए चयन

बड़ौत,18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। तहसील क्षेत्र के शबगा गांव में वार्ड नंबर 12 से जिला पंचायत सदस्य सुनील कुमार आर्य के प्रतिनिधि वरिष्ठ समाजसेवी मा प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में एडीके जैन हॉस्पिटल खेकड़ा के डॉक्टरों द्वारा चौधरी ओमप्रकाश के आवास पर नेत्र शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें 190 मरीजों की आंखों की जांच की गई। जिला पंचायत सदस्य सुनील कुमार आर्य के प्रतिनिधि मा प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में शबगा गांव में चौ ओमप्रकाश के आवास पर एडीके जैन खेकड़ा के अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा आई कैंप का आयोजन हुआ ,जिसका उद्घाटन पूर्व प्रबंधक शिक्षा प्रेमी समाजसेवी धर्मेंद्र पवार ने फीता काटकर किया।    इस कैंप में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी काफी संख्या में मरीज पहुंचे। डॉक्टरों द्वारा 190 मरीजों की निशुल्क जांच की गई ,जिसमें 90 मरीजों को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए तथा 70 मरीजों को निशुल्क दवाई दी गई । 16 मरीजों को ऑपरेशन के लिए अस्पताल में अपने साथ ले जाया गया, जिनकी आंखों का ऑपरेशन एडीके जैन हॉस्पिटल खेकड़ा में किया जायेगा।    इस मौके पर क्षेत्र के जाने-माने समाजसेवी मा प्रह्लाद सिंह आर्य ने कहा कि समाज की सेवा करने से पुण्य  मिलता है ,दुनिया में समाज सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। इस अवसर पर रालोद बडौत विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष अमित चिकारा बडावद ने कहा कि ,समय-समय पर जनपद बागपत में आंखों के निशुल्क कैंप लगाने का कार्य गांव में किया जा रहा है ,सम्मानित बुजुर्गों के की आंखों की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।इस मौके पर भोपाल सिंह दरोगा ,श्रीपाल शर्मा  भीम प्रधान, मास्टर रामपाल चेयरमैन धर्मपाल चेयरमैन प्रमोद पवार शिव कुमार आर्य अमित चिकारा अंकुर पवार आदि उपस्थित रहे।   संवाददाता, आशीष चंद्रमौलि।

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Jul 18, 2024

बिना पैथोलॉजिस्ट के लगाया रक्तदान शिविर, युवक चक्कर खाकर गिरा

अमीनगर सराय,18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। कस्बा स्थित एक निजी क्लीनिक पर लगाए गए रक्तदान शिविर में रक्तदान करने आए एक युवक को आया चक्कर। युवक सीढ़ियों से गिरकर हुआ घायल। युवक के परिजनों ने सीएमओ बागपत व  जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग।    कस्बे के हिसावदा संपर्क मार्ग पर स्थित मुकुट वर्मा नर्सिंग होम में बुधवार को रक्तदान शिविर का कार्यक्रम था। पूठड़ निवासी युवक मनीष यादव क्लीनिक पर रक्तदान करने आया।  रक्तदान के बाद युवक को चक्कर आने लगे। चिकित्सक ने उन्हें आराम को कहा, युवक जैसे ही सीढ़ियों से उतरा, उसे चक्कर आया और नीचे गिर पड़ा, जिससे उसके सर में चोटें आई।    युवक ने होश में आने पर परिजनों को फोन किया। मौके पर पहुंचे परिजनों ने  हंगामा कर दिया। वहीं युवक मनीष ने बताया कि, ना तो उसके खून की जांच की गई और ना ही यहां फार्मसिस्ट था । रक्तदान शिविर बृहस्पतिवार 18 जुलाई को लगना था ,लेकिन एक दिन पहले लगा दिया।   युवक के परिजनों ने बागपत जिलाधिकारी सहित सीएमओ बागपत से शिविर लगाने की शिकायत की। सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए पिलाना सीएचसी से एक टीम जांच  के लिए भेजी। मौके पर पुलिस सहित टीम मौजूद रही। जांच करने आए चिकित्सक रविशंकर ने बताया कि, एक दिन पहले कैंप लगाया गया, मेडिकल स्टूडेंट रक्तदान कर रहे थे, इमरजेंसी ट्रे उपलब्ध नहीं थी और बिना पैथोलॉजिस्ट के रक्तदान शिविर लगाया गया।   संवाददाता, सीआर यादव।

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Jul 18, 2024

नगर के अस्पताल के कमियां होंगी दूर, मंत्री ने दिया भाजपा नेता बिजेंद्र शर्मा को आश्वासन

बड़ौत, 16 जुलाई 2024 (यूटीएन)। नगर के कोताना रोड़ पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों व स्वास्थ्य संसाधनों की कमी को दूर करने समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर भाजपा के जिला महामंत्री एड बिजेंद्र शर्मा सोमवार को लखनऊ में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से मिले। इस दौरान उन्होंने बताया कि नगर की आबादी लगभग 150,000 है। साथ ही चारों तरफ बड़ी आबादी के साथ देहात के गांव लगते हैं, जो अपना उपचार कराने के लिए सीएचसी पर आते हैं।    भाजपा नेता ने स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर सच्चाई बयां करते हुए कहा कि, सीएचसी होने के बाद भी यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ सामान्य डॉक्टरों की भी कमी रहती है। बच्चों के इलाज के लिए भी कोई डॉक्टर नहीं है। हड्डियों के इलाज के लिए ऑर्थोपेडिक डॉक्टर नहीं है। उन्होंने जल्द ही संबंधित डॉक्टरों की नियुक्ति करने का स्वास्थ्य मंत्री से निवेदन किया।   वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि, अस्पताल की सभी समस्याओं को निश्चित रूप से दूर किया जाएगा, जिससे अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को मिल सकें।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 16, 2024

संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ रोको डायरिया भी शुरू, प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सत्यापन टीम तैयार

बागपत, 15 जुलाई 2024 (यूटीएन)। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के जहां दस्तक अभियान शुरू हो गया है वहीं अब, रोको डायरिया अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके क्रम में आंगनवाड़ी आशा घर-घर पहुंचकर दस्तक दे रहे हैं, साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर निगरानी भी की जा रही है। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ सरूचि शर्मा ने मॉनिटरिंग की।   प्रदेश के समस्त जनपदो में दिमागी बुखार, वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के सम्बन्ध में व्यापक जन-जागरूकता हेतु दिनांक 11 से 31 जुलाई के मध्य दस्तक अभियान आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन बीमारियों के बचाव तथा उपचार के संम्बन्ध में जानकारी देंगे।   इसके साथ ही जनपदों में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम की सभी अन्तर्विभागीय गतिविधियाँ यथावत जारी रहेंगी,आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा गृह भ्रमण कर दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों से बचाव तथा इसके उपचार के विषय में स्वास्थ्य शिक्षा तथा आवश्यक जानकारी देते हुये जन-जागरूकता का कार्य भी किया जा रहा है ।    इस अभियान के जरिये स्वास्थ्य शिक्षा एवं व्यवहार परिवर्तन के संदेश को गाँव के हरएक घर व परिवार तक पहुंचाने का लक्ष्य है। आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा गृह भ्रमण कर यह जानकारी देनी है, कि रोगों से बचाव हेतु क्या करना है, क्या नहीं करना है, ताकि जनमानस समय रहते सही उपाय अपनाने के लिये जागरूक बनें।   अभियान को प्रभावी बनाने मेंं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं में आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम, स्कूल शिक्षक और ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की अहम भूमिका है। इस अभियान में बुखार के रोगियों का निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में त्वरित तथा सही उपचार कराऐ जाने पर विशेष बल दिया जाना है।   आशा कार्यकर्त्रियों की इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चितीकरण तथा उनके द्वारा किये गये कार्यों का न्यूनतम 10 प्रतिशत सत्यापन जनपद स्तर पर किया जायेगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 15, 2024

छोटे परिवारों से पूरा होगा विकसित भारत का लक्ष्य: जेपी नड्डा

नई दिल्ली, 12 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विकसित भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब भारत का हर परिवार स्वस्थ होगा। यह केवल छोटे परिवारों से ही संभव है। इसके लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहीं। नड्डा ने कहा कि महिलाओं को परिवार नियोजन के अधिकारों और अनचाहे गर्भधारण के मामलों को रोकने के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।    मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतराल विषय पर आयोजित बैठक में नड्डा ने कहा कि केंद्र और राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक बोझ वाले राज्यों, जिलों और ब्लॉक तक गर्भनिरोधकों की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी में भारत का पांचवां स्थान है। जनसंख्या दिवस पर हमें जनसंख्या को स्थिर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करने का संकल्प लेना होगा।   उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को इच्छा और सूचना के बाद जन्म के उद्देश्य के साथ चलाया जाए। सरकार का फोकस युवा, किशोर, महिला, बुजु्र्ग समेत सभी के सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य पर है। इसके लिए सहयोगी रवैये के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। सही समय, जन्म के बीच अंतराल, परिवार का सही आकार और गर्भनिरोधकों को स्वैच्छिक रूप से अपनाने को सशक्त बनाना स्वस्थ और खुशहाल परिवारों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है।    *मिशन परिवार विकास पर की बात* बैठक के दौरान नड्डा ने मिशन परिवार विकास पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की सबसे सफल योजना है। इसे शुरुआत में सात राज्यों के 14 बड़े जिलों में लागू किया गया है। बाद में इसे अन्य सभी जिलों और छह पूर्वोत्तर राज्यों में लागू किया जाएगा। उन्होनें योजना के प्रभाव के बारे में बताते हुए राज्यों में गर्भनिरोधकों की पहुंच और मातृ-शिशु दर में आई कमी को लेकर भी चर्चा की। इस योजना से राज्यों में कुल प्रजनन दर टीएफआर में कमी आई।    नड्डा ने कहा कि टीएफआर को स्थिर रखने के लिए लगातार काम करने की जरूरत है। नड्डा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीएफआर स्तर को कम करने के प्रयासों में लापरवाही न बरतने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि राज्यों के इनपुट और एनएफएचएस डाटा के आधार पर उन इलाकों के लिए योजनाएं बनाई जाएं, जहां टीएफआर अच्छा नहीं है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 12, 2024

दिल्ली एस्म में हार्ट और न्यूरो की ओपीडी के लिए बनेगा नया ब्लॉक

नई दिल्ली, 11 जुलाई  2024 (यूटीएन)। मरीजों के हित में एम्स ने एक और पहल की है, जिसके तहत अब हार्ट और न्यूरो की ओपीडी के लिए नया सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक बनाया जाएगा। यहां पर कार्डियोलॉजी, कार्डिएक सर्जरी, न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी की ओपीडी होगी। मरीजों का एडमिशन कार्डिएक न्यूरो सेंटर में होगा।   नए ब्लॉक में सिर्फ ओपीडी होगी और पुराने ब्लॉक में सिर्फ एडमिशन और सर्जरी होंगी। एम्स के डायरेक्टर ने बताया कि हमारा मकसद मरीजों को बेहतर सुविधा देना है। इस कड़ी में नया ओपीडी ब्लॉक बनाने का फैसला किया गया है।   *मरीजों की सुविधा के लिए बड़ा फैसला* दरअसल, एम्स में ओपीडी में लगभग 12 से 13 हजार मरीज‌‌ रोज आते हैं। इनमें हर डिपार्टमेंट के मरीज शामिल होते हैं। सभी जनरल विभागों की ओपीडी नई बिल्डिंग में शुरू हो चुकी है, जो पूरी तरह से एयर कंडीशनिंग, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाओं से लैस है। हार्ट और न्यूरो की बीमारियों के इलाज के लिए एम्स में कार्डिएक न्यूरो सेंटर है।   7 फ्लोर की इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर ओपीडी होती है। इसमें बारी-बारी से अलग-अलग दिन कार्डियोलॉजी, कार्डिएक सर्जरी, न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी की ओपीडी होती है।   *ज्यादा भीड़ के मद्देनजर उठाया गया कदम* जगह कम होने की वजह से यहां पर भीड़ ज्यादा होती है। मरीज के साथ अटेंडेंट भी होते हैं। सभी के बैठने के लिए जगह नहीं होती है, क्योंकि कुर्सियां लगाने तक के लिए स्पेस नहीं बचा है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए एम्स प्रशासन ने ओपीडी का एक्सटेंशन प्लान बनाया है, जिसके काम की शुरुआत जल्द हो सकती है।   *क्या बोले एम्स के डायरेक्टर* इस बारे में एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि नई ओपीडी के पास जगह तय हो गई है। यहीं पर नई बिल्डिंग बनेगी। यह ओपीडी के साथ एक सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक होगा। इसका टेंडर अलॉट कर दिया गया है और जल्द इसके काम की शुरुआत होगी।    डॉ. श्रीनिवास ने कहा कि अभी जहां पर हार्ट और न्यूरो की ओपीडी चल रही है, वह पूरी तरह से नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी। इससे यहां पर मरीजों को स्पेस ज्यादा मिलेगा और सुविधाएं भी बेहतर होंगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में मेन एम्स परिसर से सभी ओपीडी मस्जिद मोठ एरिया में शिफ्ट की जा सकते हैं, जिसमें आरपी सेंटर भी हो सकता है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 11, 2024

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध पर चिकित्सा पेशेवरों का राष्ट्रीय गठबंधन बनाया

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध पर चिकित्सा पेशेवरों का राष्ट्रीय गठबंधन (एनएएमपी-एएमआर) बनाकर एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। यह अग्रणी पहल देश भर के 52 चिकित्सा विशेषज्ञ संगठनों/संघों के नेताओं और प्रतिनिधियों को एक साथ लाती है, जो इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकट के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए एक साझा मंच पर एकजुट होते हैं।   भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा एनएएमपी-एएमआर का गठन एएमआर की मूक महामारी से निपटने के लिए एक ठोस राष्ट्रीय प्रयास की शुरुआत है जो हमारे देश के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है। अकेले 2019 में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध 297,000 मौतों के लिए जिम्मेदार था और हमारे देश में 1,042,500 मौतों से जुड़ा था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में एनएएमपी-एएमआरका उद्देश्य इस संकट का सीधा समाधान करना है।     एनएएमपी-एएमआर के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सैनी ने देश को खतरे में डालने वाली  की मूक महामारी को रेखांकित किया। "एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध हमारे राष्ट्र के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। 2019 में, हमारे देश में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के कारण 297,000 मौतें हुईं और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से जुड़ी 1,042,500 मौतें हुईं।डॉ. सैनी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा एनएएमपी-एएमआर का गठन इस संकट से सीधे निपटने के लिए एक ठोस राष्ट्रीय प्रयास की शुरुआत है।   नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल द्वारा प्रतिनिधित्व की गई सरकार ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध को संबोधित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। डॉ. पॉल ने समृद्धि, जीडीपी और विभिन्न स्वास्थ्य पहलुओं सहित विकसित भारत पर एएम के संभावित प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आईएमए की एनएएमपी-एएमआर पहल की सराहना की और इसे सही दिशा में उठाया गया सही कदम बताया। डॉ. पॉल ने इसे राष्ट्रीय आंदोलन बनाने के लिए सभी संगठनों को एक बैनर के तहत एकजुट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।   डब्ल्यूएचओ इंडिया की उप प्रमुख सुश्री पेडेन ने एएमआर को संबोधित करने की वैश्विक तात्कालिकता पर जोर दिया और इसे 2050 तक मृत्यु का संभावित प्रमुख कारण बताया। उन्होंने इस वैश्विक खतरे के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। डब्ल्यूएचओ के एएमआर और आईपीसी के लिए टीम फोकल प्वाइंट डॉ. अनुज शर्मा ने एनएएमपी-एएमआर के गठन के लिए एक साथ आए सभी 52 चिकित्सा संगठनों/संघों के प्रति आभार व्यक्त किया।   चिकित्सा पद्धति की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्नत चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने एंटीबायोटिक दवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग कब और कैसे किया जाए, यह समझने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला। बुनियादी बातों से शुरू करके और चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करके, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रथाओं में योगदान दे सकते हैं और एएमआर से लड़ सकते हैं।   एएमआर पर चिकित्सा पेशेवरों का राष्ट्रीय गठबंधन हमारे समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य आपात स्थितियों में से एक को संबोधित करने के लिए एक एकीकृत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। सहयोगी प्रयासों, रणनीतिक योजना और सरकारी सहायता के माध्यम से, आईएमए की एनएएमपी-एएमआर पहल का उद्देश्य एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के प्रभाव को कम करने के वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाना है।

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Jul 10, 2024

तैयारी: स्कूलों से होगी सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीकाकरण की शुरुआत, पीएम मोदी लॉन्च कर सकते हैं अभियान

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। देश में जल्द ही सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होगा। इसके तहत सबसे पहले स्कूलों में जाकर जिला स्वास्थ्य टीमें नौ से 14 साल की छात्राओं को टीका देंगी। स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से इसकी रूपरेखा तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि एक से दो सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पहले 100 दिन के कार्यकाल को लेकर समीक्षा बैठक होगी, जिसमें अभियान लॉन्च करने का दिन तय होगा।   संभावना है कि दिल्ली में एक स्कूल से पीएम मोदी इस अभियान को लॉन्च कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर का टीका शामिल करने की तैयारी लगभग पूरी है। अंतिम घोषणा का इंतजार है। इसके टीके की एक खुराक असरदार है। देश के कुछ क्षेत्रों में स्वतंत्र तौर पर इसका टीकाकरण किया जा रहा है। यह स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन सेरवावैक नाम से बाजार में उपलब्ध है।   *सिक्किम के मॉडल पर अभियान* स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सिक्किम सरकार ने हाल ही में सर्वाइकल कैंसर को लेकर टीकाकरण अभियान चलाया है, जिसमें नौ से 13 साल की छात्राओं का टीकाकरण किया गया। कुल 25 हजार छात्राओं का लक्ष्य रखा गया, जिसमें लगभग 95 फीसदी सफलता हासिल हुई है। सिक्किम सरकार के मॉडल को बेहतर उदाहरण मानते हुए देशभर में सबसे पहले स्कूलों को लक्षित करने का फैसला लिया गया।   *हर सात मिनट में एक मौत* सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला विश्व में चौथा और भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है। जिसकी वजह से देश में हर सात मिनट में एक महिला रोगी दम तोड़ रही है। हर साल करीब एक लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।   *सीरम ने तैयार किया है टीका*  इस जानलेवा बीमारी से महिलाओं को बचाने के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने नया टीका विकसित किया है, जिसे साल भर पहले लॉन्च किया गया। यह टीका भारतीय बाजार में करीब दो हजार रुपये प्रति खुराक की कीमत में उपलब्ध है, लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करते हुए सभी राज्यों के सहयोग से देशभर में निशुल्क उपलब्ध कराना चाहती है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024

दैनिक भोजन में मोटा अनाज खाओ... मधुमेह और एनीमिया भगाओ; मिलेंगे प्रचुर मात्रा में पोषण तत्व

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दैनिक भोजन में मोटा अनाज शामिल करने से एनीमिया के साथ मधुमेह होने की आशंका कम होती है। साथ ही जिन्हें यह रोग हैं उनमें भी सुधार देखा गया है। एम्स ने अपने विश्लेषण के बाद यह दावा किया है। एम्स ने तीन स्तर पर मोटे अनाज का इस्तेमाल शुरू किया। सबसे पहले डॉक्टरों की कैंटीन में मोटे अनाज को शामिल किया गया। इसके बाद एम्स में भर्ती होने वाले मरीजों को भी मोटा अनाज देना शुरू हुआ।   साथ ही एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओपीडी में आने वाले मरीजों को खाने में मोटा अनाज शामिल करने की सलाह दी गई। तीन स्तर पर मोटे अनाज के इस्तेमाल के बाद यह पाया गया है कि केवल गेहूं और चावल खाने वाले लोगों के मुकाबले मोटा अनाज खाने वाले लोगों में पोषण तत्व ज्यादा मिले। ऐसे लोगों में मधुमेह और एनीमिया के मामले कम हुए हैं। एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर और एनीमिया नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता एवं उन्नत अनुसंधान केंद्र में प्रमुख अन्वेषक डॉ. कपिल यादव ने एम्स ने तीन स्तर पर मोटे अनाज के इस्तेमाल को बढ़ाया। इसके शुरुआती परिणाम बेहतर दिख रहे हैं।    मोटा अनाज भारत का पारंपरिक खाना है। इसमें प्रचुर मात्रा में पोषण तत्व हैं। यह हमारे शरीर की संरचना के आधार बने हुए हैं। इससे एलर्जी नहीं होती। यही कारण है कि इसकी मदद से मधुमेह, एनीमिया के साथ दूसरे रोगों की रोकथाम संभव हो सकेगी। बता दें कि देश की 50 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। वहीं मधुमेह के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।   *गेहूं के इस्तेमाल से बढ़ीं समस्याएं* एम्स के पूर्व प्रोफेसर डॉ. चंद्रकांत एस. पांडव ने कहा कि हजारों साल से भारतीय लोग मोटा अनाज खा रहे थे। ब्रिटिश काल में दैनिक भोजन में गेहूं को शामिल करने से आंत में सूजन की समस्या बढ़ी। इसके कारण शरीर में कई रोगों ने जन्म लिया। इसमें मधुमेह, मानसिक रोग सहित दूसरे विकार शामिल हैं।   यदि हम दैनिक खाने में मोटा अनाज शामिल करते हैं तो खाने का पोषक फिर से शरीर को मिलेगा। यह प्राकृतिक भोजन है। इससे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटिन सहित दूसरे तत्व आसानी से मिलते हैं। शरीर और मस्तिष्क को बैलेंस न्यूट्रिशन मिलने से  होता है।   *जठरांत्र के अच्छे बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद* सूजन का समाधान विषय पर दिल्ली में मोटे अनाज को लेकर हुए कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि मोटा अनाज हमारे जठरांत्र (आंत का हिस्सा) के अच्छे बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद है। बैक्टीरिया जठरांत्र के अलावा त्वचा और नाक में भी रहते हैं। हमारा शरीर इन बैक्टीरिया को खाना और पनाह देता है। इन बैक्टीरिया की मदद से उन फाइबर को डाइजेस्ट कर पाते हैं जिनके लिए शरीर सक्षम नहीं है। इसके अलावा ये बैक्टीरिया शरीर में ऐसे एंजाइम को तैयार करते हैं जिनकी मदद से शरीर को विटामिन मिलते हैं।   इसमें बी 1, बी 12, बी फोलिक एसिड सहित अन्य शामिल हैं। यदि शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की हानि होती है तो शरीर में कुपोषण के साथ, मोटाबॉलिक डिसऑर्डर, मानसिक रोग सहित जीवन शैली से जुड़े दूसरे रोग हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मोटा अनाज शरीर को ऐसे पोषक तत्व देता है जो हमारे अच्छे बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद हैं।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024