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○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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Education
सेंट एंजेल्स के मेधावी छात्र माज राजपूत ने 715 अंक व अर्जुन शर्मा ने 710 अंक प्राप्त कर बनाया कीर्तिमान
बागपत, 08 जून 2024 (यूटीएन)। सेंट एंजेल्स पब्लिक स्कूल के प्रतिभाशाली 9 छात्र-छात्राओं ने देश की प्रतिष्ठित मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा नीट क्वालिफ़ाई कर जनपद के लिए बनाया नया कीर्तिमान। समारोह पूर्वक मेधावियों को किया गया सम्मानित। सैंट एंजिल्स के छात्र माज राजपूत, अर्जुन शर्मा, कीर्ति, अर्पित देव शर्मा, आर्यन मनी, हिमाद्री, मानवी त्यागी, सागर व सोनिया ने देश की प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' को उत्तीर्ण कर, अपने स्कूल व जनपद का नाम रोशन किया। इस अवसर पर स्कूल कैंपस में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि प्रमुख समाजसेवी अभिमन्यु गुप्ता सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, विशिष्ट अतिथि जयकुमार जिला संयोजक श्रम प्रकोष्ठ भाजपा, श्रीप्रकाश मलिक जिला कार्यकारणी सदस्य भाजपा, स्कूल प्रबंधक अजय गोयल व प्रधानाचार्य दीपक वर्मा ने नीट प्रवेश परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमुख समाजसेवी अभिमन्यु गुप्ता, जयकुमार, प्रकाश मलिक, स्कूल प्रबंधक अजय गोयल व प्रधानाचार्य दीपक वर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया। इसके उपरांत मुख्य अतिथिगण व विशिष्ट अतिथियों ने स्कूल के मेधावियों को ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। बताया गया कि, मेधावी छात्र माज राजपूत ने 715 अंक व ऑल इंडिया रैंक 132, अर्जुन शर्मा ने 710 अंक व ऑल इंडिया रैंक 432 प्राप्त किए,जो जनपद में नया कीर्तिमान है। इसके अलावा कीर्ति ने 91.79 परसेंटाइल, अर्पित देव शर्मा ने 90.74 परसेंटाइल, आर्यन मनी ने 88.35 परसेंटाइल, हिमाद्री ने 87.64 परसेंटाइल ,मानवी त्यागी ने 82.0 परसेंटाइल, सागर ने 79.20 परसेंटाइल व सोनिया ने 62.68 परसेंटाइल प्राप्त कर नीट क्वालीफाई किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अभिमन्यु गुप्ता ने मेधावी छात्र व छात्राओं को अपने संबोधन में कहा कि आपने उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अपने स्कूल, जनपद, अपने शिक्षकों एवं अपने माता-पिता का मान बढ़ाया है। आप इस देश के भावी डॉक्टर बनें एवं दीन दुखियों की सहायता करके अपने परिवार समाज एवं राष्ट्र की उन्नति का आधार बनें।स्कूल प्रबंधक अजय गोयल ने कहा कि, बागपत जनपद में ऐसा पहली बार हुआ कि, 'नीट' परीक्षा में बागपत जनपद के इश छात्रों ने 715 अंक व 710 अंक प्राप्त किए हैं। इस ऐतिहासिक सफलता के लिए हर कोई गौरवान्वित है। इस अवसर पर डॉ० मयंक गोयल, अमन गोयल, सहित शिवम, अमन, कुलदीप, अमित, दिवाकर, मनीष, सनोज, अरुण,राजीव हनुराज, संजय, ज्योति, शिखा, ममता, निधि, शालु आदि शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
admin
Jun 8, 2024
शैक्षणिक वर्ष 24-25 के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने जारी की यूजी एडमिशन पॉलिसी
नई दिल्ली, 01 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 24--25 के लिए अपनी स्नातक (यूजी) एडमिशन पॉलिसी लॉन्च कर दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूजी एडमिशन पोर्टल “कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस)” की लॉन्चिंग के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक दाखिलों के पहले फेस की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और एनसीवेब के लिए भी दाखिला पॉलिसी जारी की गई। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीयू रजिस्ट्रार डॉ.विकास गुप्ता ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र से सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए भी अब सभी कॉलेजों एवं विभागों की प्रत्येक कक्षा में एक--एक सीट आरक्षित रखी जाएगी । गौरतलब है कि पिछले वर्ष डीयू ने देश में पहली बार अनाथ विद्यार्थियों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की थी। प्रैस कॉन्फ्रेंस के पश्चात डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. बलराम पाणी ने लैपटॉप पर बटन दबा कर सीएसएएस पोर्टल की विधिवत लांचिंग की। इस अवसर पर बुलेटिन ऑफ इन्फॉर्मेशन भी जारी किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीयू दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो और डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी भी उपस्थित रहे। रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता ने बताया कि सीयूईटी स्कोर के आधार पर स्नातक कक्षाओं में लगभग 71 हजार सीटों पर कुल 79 प्रोग्रामों में दाखिले किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 69 कॉलेजों/ विभागों के बीए प्रोग्रामों में कुल 183 कंबिनेशन उपलब्ध हैं। रजिस्ट्रार ने यह बताया कि सीयूईटी रिजल्ट घोषित होने के बाद सीएसएएस के दूसरे फेज की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि एसओएल के लिए 3 जून से दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी जबकि “नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब)” के लिए दाखिला प्रक्रिया आज से ही शुरू हो रही है। डॉ गुप्ता ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर अब तक की जानकारी साझा करते हुए बताया कि पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) प्रोग्रामों, बीटेक और पांच वर्षीय लॉ इंटीग्रेटेड प्रोग्रामों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 25 अप्रैल से शुरू की गई थी। इन प्रोग्रामों की पहली आवंटन सूची 20 जून तक जारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि 27 मई तक हुए पंजीकरणों के अनुसार पीजी में 80,346, बीटेक में 9052 और पांच वर्षीय लॉ इंटीग्रेटेड प्रोग्रामों में 7362 पंजीकरण हो चुके हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने यूजी एडमिशन और सीएसएएस के बारे में तथा एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने एसओएल के दाखिलों के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। *दो चरणों में होगा सीएसएएस (यूजी) पंजीकरण* डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएसएएस (यूजी) पंजीकरण दो चरणों में बांटा गया है। पहला चरण, 28 मई से शुरू हो गया है। यह एक सरल पंजीकरण प्रक्रिया है जिसमें प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को अपने व्यक्तिगत विवरण और बारहवीं कक्षा में प्राप्त शैक्षणिक अंक भरने होंगे। सीयूईटी(यूजी)--2024 सीएसएएस(यूजी)-- 2024 में आवेदन करने के लिए आवेदन संख्या अनिवार्य होगी। उम्मीदवार का नाम, हस्ताक्षर और फोटो सीयूईटी (यूजी) - 2024 पोर्टल से स्वतः एकीकृत हो जाएगा। ये फ़ील्ड गैर-संपादन योग्य होंगे। उम्मीदवार की एक सक्रिय ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर दर्ज करने का प्रावधान होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय से सभी संचार केवल सीएसएएस-2024 आवेदन पत्र में प्रस्तुत ईमेल आईडी पर किए जाएंगे। उसके पश्चात उम्मीदवार को अपना व्यक्तिगत विवरण जैसे कि माता-पिता का नाम, श्रेणी / उपश्रेणी / जाति / अधिसंख्य कोटा, लिंग आदि भरना होगा। एक बार भरा गया ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण नहीं बदला जाएगा। इसलिए उम्मीदवारों को ये विवरण भरते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। शैक्षणिक अनुभाग में, उम्मीदवारों को अपनी बारहवीं कक्षा में प्राप्त अंकों का विवरण भरना होगा। जिन छात्रों ने सीबीएसई से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है, उनके लिए मार्कशीट उनके डिजीलॉकर के माध्यम से ऑटो-एकीकृत हो जाएगी। इसके बाद, उम्मीदवार अतिरिक्त श्रेणी, यदि कोई हो, का चयन करेंगे और अंत में पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने के लिए आगे बढ़ेंगे। यूआर, ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए पंजीकरण शुल्क 250/- रुपये है, जबकि यह रु. एससी/एसटी/ और पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों के लिए 100 रुपए है। इस प्रक्रिया से सीएसएएस (यूजी) 2024 का पहला चरण पूरा होगा। सीएसएएस (यूजी) प्रक्रिया का दूसरा चरण सीयूईटी (यूजी) परिणामों की घोषणा के साथ शुरू होगा। दूसरे चरण में भाग लेने के लिए, उम्मीदवारों को अपने सीएसएएस डैशबोर्ड पर लॉग इन करना होगा और वरीयता भरने का कार्य पूरा करना होगा। दूसरे चरण में, उम्मीदवारों को बारहवीं कक्षा में उनके द्वारा पढ़े गए विषयों को उन विषयों से जोड़ना होगा जिनमें वे सीयूईटी (यूजी) में उपस्थित हुए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय केवल उन्हीं सीयूईटी भाषा/डोमेन पेपरों पर विचार करेगा जो उम्मीदवार द्वारा बारहवीं कक्षा में पढ़े गए विषय के समान/समान हों। उम्मीदवार द्वारा प्रदान की गई विषय मैपिंग और कार्यक्रम-विशिष्ट पात्रता आवश्यकताओं के आधार पर, उम्मीदवार प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अपने संचयी अंक देख पाएंगे जो वे प्रवेश के लिए पात्र हैं। विश्वविद्यालय उम्मीदवारों के योग्यता अंकों की गणना के लिए एनटीए द्वारा प्रदान किए गए अंकों पर विचार करेगा। सीएसएएस प्रवेश नीतियों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार को सलाह दी जाती है कि वह अधिकतम संख्या में कार्यक्रम/ कॉलेजों का चयन करें। विश्वविद्यालय उम्मीदवारों को प्राथमिकताएँ भरने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगा। हालांकि, अंतिम समय की जल्दबाजी से बचने के लिए उम्मीदवारों को उन कार्यक्रमों और कॉलेजों को शॉर्टलिस्ट करना शुरू कर देना चाहिए जिनमें वे रुचि रखते हैं। सबमिट करने से पहले, उम्मीदवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्राथमिकताओं का क्रम उसकी पसंद के अनुसार है। वरीयता-भरने के चरण की समय सीमा के बाद कार्यक्रम + कॉलेज संयोजन वरीयता सूची को संपादित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, यानी, उम्मीदवार अपनी प्राथमिकताओं के क्रम को नहीं बदल सकता है या कोई और कार्यक्रम/कार्यक्रम और/या कॉलेज/जोड़/हटा नहीं सकता है। सीएसएएस नीति के अनुसार, विश्वविद्यालय उस समय उपलब्ध डेटा के आधार पर वरीयता-भरने के चरण के समापन पर एक सिम्युलेटेड रैंक की भी घोषणा करेगा। उम्मीदवार सिम्युलेटेड रैंक के आधार पर अपनी प्राथमिकताओं को फिर से जोड़/हटा/पुनः व्यवस्थित कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि एक बार किसी विशेष दौर में सीट आवंटित हो जाने के बाद, उम्मीदवार को दिए गए आवंटन दौर के लिए निर्दिष्ट अंतिम तिथि/समय से पहले आवंटित सीट को 'स्वीकार' करना होगा। किसी विशेष आवंटित सीट की स्वीकृति का प्रावधान केवल उस दौर के लिए मान्य होगा जिसमें सीट उम्मीदवार को आवंटित की गई थी। निष्क्रियता/कोई कार्रवाई न करने को आवंटित सीट की गैर-स्वीकृति के रूप में माना जाएगा। यदि किसी उम्मीदवार को किसी विशेष दौर में कई सीटों की पेशकश की जाती है, तो उसे "स्वीकार" करना होगा और केवल एक आवंटित सीट पर प्रवेश लेना होगा। एक बार जब उम्मीदवार अंतिम रूप से आवंटित सीट को "स्वीकार" कर लेता है, तो संबंधित कॉलेज उम्मीदवार द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों की पात्रता और वैधता की जांच करेगा। कॉलेज दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और अपनी मंजूरी देगा। अनुमोदन प्राप्त होने पर, उम्मीदवारों को निर्धारित समय के भीतर प्रवेश शुल्क का भुगतान करना होगा। विश्वविद्यालय ने यह भी जानकारी दी है कि प्रत्येक आवंटन दौर के समापन के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों में प्रत्येक कार्यक्रम में रिक्त सीटों का विवरण प्रकाशित करेगा। सभी प्रवेशित उम्मीदवारों के पास इस स्तर पर "अपग्रेड" या "फ्रिज" चुनने का विकल्प होगा। जिन अभ्यर्थियों ने अपना प्रवेश सुरक्षित कर लिया है, वे उन प्राथमिकताओं को पुनः क्रमित करने में सक्षम होंगे जो उस प्राथमिकता से अधिक हैं जिसमें उन्होंने प्रवेश लिया है। जो उम्मीदवार 'अपग्रेड' का विकल्प चुनते हैं, उन्हें उनके द्वारा प्रस्तुत उच्च प्राथमिकता पर अपग्रेड करने पर विचार किया जाएगा। अपग्रेड होने वाले उम्मीदवार को अपग्रेड की गई सीट को 'स्वीकार' करना होगा और अपग्रेड की गई आवंटित सीट पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी। एक उम्मीदवार जिसने आवंटित सीट पर प्रवेश ले लिया है और इसे जारी रखना चाहता है, उसे अपने डैशबोर्ड के माध्यम से 'फ्रीज' अनुरोध प्रस्तुत करना चाहिए। 'फ्रिज' का चयन करने पर, ऐसे उम्मीदवार को कभी भी "अपग्रेडेशन" का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं दी जाएगी। *मिड एंट्री प्रावधान* विश्वविद्यालय ने उन उम्मीदवारों को समायोजित करने का भी प्रावधान किया है जो निर्धारित पंजीकरण अवधि के भीतर खुद को पंजीकृत करने में विफल रहते हैं। मिड एंट्री प्रावधान के तहत विश्वविद्यालय उन उम्मीदवारों को अवसर देने के लिए एक मिड एंट्री चरण खोलेगा जो सीएसएएस (यूजी)-2024 के लिए आवेदन करने में असफल रहे और सीएसएएस (यूजी)--2024 में भाग लेने के इच्छुक हैं। ऐसा उम्मीदवार 1000 रुपये (गैर-वापसी योग्य) के शुल्क का भुगतान करके मिड एंट्री में प्रवेश कर सकता है। हालाँकि, मिड एंट्री वालों को प्रारंभिक आवेदन चरण के दौरान सीएसएएस (यूजी) -2024 के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आवंटित सीटों पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं होगा। नियमित सीएसएएस (यूजी)-2024 राउंड पूरे करने के बाद, यदि सीटें खाली रहती हैं तो विश्वविद्यालय प्रवेश के स्पॉट राउंड की घोषणा कर सकता है। इष्टतम सीट आवंटन प्राप्त करने के लिए और ड्रॉप आउट के कारण सीटें खाली होने की स्थिति से बचने के लिए, आवंटन के पहले दौर में सभी कॉलेज में सभी प्रोग्रामों के लिए यूआर, ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस श्रेणियों में 20% और एससी, एसटी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 30% अतिरिक्त आवंटन में किया जाएगा। हालांकि, जिन कॉलेजों में पिछले साल निकासी स्वीकृत सीटों के 5% से कम थी वहाँ यूआर/ ओबीसी -एनसीएल/ ईडब्ल्यूएस के लिए 10% और एससी/ एसटी/ पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 15% अतिरिक्त आवंटन किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइट को देखते रहें। सीएसएएस एकमात्र ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए सभी कॉलेजों में सभी प्रोग्रामों में प्रवेश दिया जाएगा। विश्वविद्यालय केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मान्यता देगा जिन्हें विश्वविद्यालय की सामान्य सीट आवंटन प्रणाली के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। *यूजी में ईसीए और स्पोर्ट्स और अन्य सुपरन्यूमैरेरी कोटा में प्रवेश* दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत 26 गेम्स/स्पोर्ट्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत 14 श्रेणियों (एनएसएस और एनसीसी सहित) की पहचान की है। विश्वविद्यालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कॉलेज की कुल स्वीकृत संख्या का 5% ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए आवंटित किया जाएगा। कॉलेज ईसीए और स्पोर्ट्स के लिए 1% से 4% के बीच आवंटन कर सकता है, जो कॉलेज में अधिकतम 5% प्रवेश के अधीन है। इसके अलावा, किसी भी कार्यक्रम के लिए कोटा की निर्धारित सीटों में से 20% से अधिक सीटें आवंटित नहीं की जाएंगी। उदाहरण के लिए , मान लें कि एक कॉलेज की क्षमता 1000 है, तो 50 सीटें कॉलेज के ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए होंगी। यदि कॉलेज खेल को 3% और ईसीए को 2% देने का निर्णय लेता है, तो खेल के लिए 30 सीटें और ईसीए के लिए 20 सीटें निर्धारित की जा सकती हैं। ऐसे मामले में, किसी विशेष कार्यक्रम में खेल कोटा के लिए 6 से अधिक सीटें आवंटित नहीं की जा सकतीं; इसी तरह, एक कार्यक्रम में ईसीए कोटा के लिए 4 से अधिक सीटें आवंटित नहीं की जा सकती हैं। विश्वविद्यालय का यह भी कहना है कि स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के आधार पर प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार अधिकतम तीन खेलों के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें केवल 01 मई 2021 से 30 अप्रैल 2024 के बीच जारी पिछले तीन (03) वर्षों के अधिकतम तीन मेरिट/भागीदारी खेल प्रमाणपत्रों की स्व-सत्यापित प्रतियां अपलोड करनी होंगी। इसी प्रकार, ईसीए सुपरन्यूमैरेरी कोटा के आधार पर प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार अधिकतम तीन ईसीए श्रेणियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रत्येक ईसीए श्रेणी के लिए जिसमें उम्मीदवार आवेदन कर रहा है, उसे केवल 01 मई 2021 से 30 अप्रैल 2024 के बीच जारी किए गए पिछले तीन (03) वर्षों के अधिकतम सर्वश्रेष्ठ पांच (05) स्व-सत्यापित प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे। ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा में प्रवेश के लिए, संयुक्त ईसीए मेरिट (सीईएम) और संयुक्त स्पोर्ट्स मेरिट (सीएसएम) सीट आवंटन का आधार होंगे। ईसीए/स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए आवेदन करने पर प्रत्येक के लिए 100/- रुपये का अतिरिक्त शुल्क (गैर-वापसी योग्य) होगा। ईसीए और खेल के अलावा, विश्वविद्यालय ने कुछ अन्य अतिरिक्त कोटा भी निर्धारित किए हैं। इनमें बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति (पीडब्ल्यूबीडी, सशस्त्र बलों (सीडब्ल्यू) के कार्मिकों के बच्चे/विधवाएं), कश्मीरी प्रवासी (केएम), जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस), सिक्किम के छात्रों के लिए सीटों का नामांकन और अनाथ शामिल हैं। *एसओएल और एनसीवेब में प्रवेश प्रक्रिया* विश्वविद्यालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया है कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) के स्नातक प्रोग्रामों में प्रवेश के लिए सीयूईटी की बाध्यता नहीं है। इन संस्थानों में प्रवेश बारहवीं कक्षा में प्राप्त अंकों की योग्यता के आधार पर होता है। प्रो. पायल मागो ने बताया कि स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के 8 पीजी प्रोग्रामों और 9 यूजी प्रोग्रामों सहित पीजी डिप्लोमा इन आटोमेटेड एंड डिजिटल लाइब्रेरी मैनेजमेंट में प्रवेश 3 जून से शुरू हो रहा है। उन्होंने बताया कि सीयूईटी की घोषणा के बाद प्रवेश लेने वाले उम्मीदवारों को किसी भी कठिनाई से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि एसओएल उन उम्मीदवारों की पूरी फीस वापस कर देगा, जो विश्वविद्यालय के प्रवेश बंद होने की अंतिम तिथि से पहले अपना प्रवेश वापस ले लेंगे। इसके लिए मात्र 500 रुपए ही प्रशासनिक शुल्क के रूप में फीस से काटे जाएंगे। गौरतलब है कि एनसीवेब स्नातक कार्यक्रम पेश करता है जहां दिल्ली एनसीटी की छात्राएं ही आवेदन कर सकती हैं। एनसीवेब के दो स्नातक कार्यक्रम बी.ए. और बी.कॉम. में दिल्ली विश्वविद्यालय के 26 संबद्ध कॉलेजों में लगभग 15,000 सीटें हैं। *एडमिशन सपोर्ट सिस्टम करेगा भावी विद्यार्थियों की सहायता* भावी विद्यार्थियों की मदद के लिए विश्वविद्यालय ने एक एडमिशन सपोर्ट सिस्टम भी स्थापित किया है। इस पर सूचना के बुलेटिन, दृश्य पात्रता को दर्शाने वाले इन्फोग्राफिक्स और फ़्लोचार्ट एवं वीडियो, वेबिनार और फॉर्म भरने की वीडियो रिकॉर्डिंग आदि जैसे जानकारी सभी प्रारूपों में उपलब्ध है। चैट बोट्स और ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन सपोर्ट प्रदान की जा रही है। स्नातक प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए उम्मीदवार पर, स्नातकोत्तर प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए पर और पीएचडी प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए ईमेल पर लिख सकते हैं। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध है। उम्मीदवारों के लिए प्रवेश शाखा में हेल्पडेस्क की सुविधा भी स्थापित की गई है। वे जो चाहें, किसी भी मदद के लिए कॉल कर सकते हैं। *शिकायतों का होगा निपटारा* विश्वविद्यालय प्रवेश से संबंधित शिकायतों को संभालने और उनके हल के आसान और कुशल तरीके के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करने की भी योजना बना रहा है। प्रवेश शाखा ने यह भी घोषणा की है कि वे एक श्रृंखला आयोजित करेंगे जिसमें सीएसएएस फॉर्म भरने, सही प्रमाण पत्र/दस्तावेज़ अपलोड करने, आरक्षण नीतियों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित पहलुओं को शामिल किया जाएगा जिन्हें उम्मीदवारों को कार्यक्रम चुनने से पहले ध्यान में रखना चाहिए। *भावी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह* दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा सभी भावी विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश से संबंधित सभी अपडेट, प्रोग्राम और दिशा निर्देशों के लिए नियमित रूप से विश्वविद्यालय की एडमिशन वेबसाइट और उनके डैशबोर्ड की जाँच करते रहें। आवंटित सीट को स्वीकार करने, प्रवेश शुल्क का भुगतान करने और कॉलेज द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने में विफल रहने पर आवंटित सीट को अस्वीकार कर दिया जाएगा। उम्मीदवारों को सतर्क रहना चाहिए और केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए। सभी प्रामाणिक सूचनाओं, घोषणाओं और प्रोग्रामों के लिए उम्मीदवारों को केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही जाना चाहिए। फोरम ऑफ एकेडमिक्स फार सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शैक्षिक सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को जो जानकारी दी है उसका स्वागत किया है साथ ही यह चिंता भी व्यक्त की है कि हर साल आरक्षित वर्ग की सीटें खाली रह जाती है । उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि दाखिला प्रक्रिया शुरू करने से पहलेे कॉलेजों से अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति ,अन्य पिछडा वर्ग , पीड़ब्ल्यूड़ी की कितनी सीटें बनती है उनकी सीटों का ब्यौरा विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजें , साथ ही कॉलेज़ अपनी वेबसाइट पर भी डाले ताकि पता चल सके कि आरक्षित वर्गों की कितनी सीटें है । उन्होंने यह भी मांग की है कि कॉलेज यह भी वेबसाइट पर जारी करें कि गत वर्ष कॉलेज़ ने इन वर्गों का कोटा कितना भरा था । डॉ. हंसराज सुमन यह विश्वविद्यालय यह भी मांग की है कि आरक्षिट वर्गो के दाखिला प्रक्रिया को देखने के लिए अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति दाखिला समिति व ग्रीवेन्स कमेटी भी गठित की जाए । इस कमेटी में कॉलेजों के शिक्षकों को रखा जाए । कमेटी को यह पावर दी जाए कि वह हर वर्गो की सीटों को भरवाने में मदद करें । उन्होंने विश्वविद्यालय से यह भी मांग की है कॉलेजों में बनने वाली हर कमेटी का बोर्ड बनाकर सूचना पट पर लगवाया जाए व कमेटी के सदस्यों की सूची वेबसाईट पर भी जारी की जाए । इसके अलावा आरक्षित वर्ग के छात्रों के जाति प्रमाण पत्र संबंधित जानकारी को भी वेबसाईट्स पर सूचित करे । उनका यह भी कहना है कि हर साल अक्टूबर / नवंबर तक दाखिला प्रक्रिया चलती है जिसके कारण पहले सैमेस्टर में ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते इसलिए विश्वविद्यालय को एक समय सीमा के अंदर दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए । विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 1, 2024
दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोबेशन काल में महिला शिक्षिकाओं को मिलेगा मातृत्व अवकाश
नई दिल्ली, 01 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार ने सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यो , संस्थानों के निदेशक को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि जो कॉलेज /संस्थान प्रोबेशन अवधि के विस्तार की स्थिति के संबंध में स्पष्टीकरण मांग रहे हैं जिन महिलाओं को उनके प्रोबेशन अवधि के दौरान मातृत्व अवकाश दिया गया है । बता दें कि हाल ही में विभिन्न विभागों / कॉलेजों में स्थायी हुई सहायक प्रोफेसर के पदों पर महिला शिक्षिकाओं द्वारा प्रोबेशन अवधि के दौरान मातृत्व अवकाश लेने को लेकर कॉलेजों व विश्वविद्यालय के बीच पत्राचार चल रहा था जिसे विश्वविद्यालय ने सर्कुलर जारी कर विराम लगा दिया है और कहा है कि मातृत्व अवकाश में प्रोबेशन अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा , मातृत्व अवकाश के समय प्रोबेशन अवधि के समय को भी सर्विस में जोड़ा जाएगा तथा प्रमोशन के समय वह अवधि जुड़ेगी । फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने महिला शिक्षिकाओं को प्रोबेशन अवधि में दिया जा रहा मातृत्व अवकाश पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय का यह स्वागत योग्य कदम है । फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी कॉलेजों को सर्कुलर में कहा गया है कि दो से कम जीवित बच्चों वाली स्थायी महिला शिक्षिका और गैर -शिक्षण कर्मचारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर 180 दिनों से अधिक की अवधि के लिए पूर्ण वेतन पर मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है । यह भी स्पष्ट किया है कि पूरे कैरियर में दो बार इसका लाभ दिया जाएगा । साथ ही इस संबंध में निर्धारित नियमों के अनुसार छुट्टी खाते से डेबिट नहीं किया जाएगा । उन्होंने बताया है कि विश्वविद्यालय ने सर्कुलर में कहा है कि प्रोबेशन के दौरान मातृत्व अवकाश प्राप्त शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान किया जा सकता है इसलिए प्रोबेशन अवधि के विस्तार का सवाल ही नहीं उठता , यदि वह सफलता पूर्वक प्रोबेशन अवधि पूरी कर लेती है । डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एक दशक बाद विभागों / कॉलेजों में लगभग 4600 स्थायी सहायक प्रोफेसर शिक्षकों की नियुक्ति हुई है । इन नियुक्तियों में अधिकतर महिला शिक्षिकाओं की हुई है । स्थायी नियुक्ति के पश्चात कुछ महिला शिक्षिकाओं की ओर से मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया तो उनकी छुट्टी को प्रोबेशन अवधि में न जोड़े जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय में शिकायत की थी । महिला शिक्षिकाओं की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए उसके उत्तर में डीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार (कॉलेजिज ) ने कॉलेज प्राचार्यो , संस्थानों , निदेशक को सर्कुलर जारी कर कहा है कि स्थायी महिला शिक्षिकाओं के लिए प्रोबेशन के दौरान मातृत्व अवकाश का समय प्रोबेशन अवधि में जुड़ेगा । विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 1, 2024
शिक्षक संघ का दावा,माध्यमिक के 70 विद्यालयों के शिक्षकों का मई का वेतन उनके खातों में 1 जून को : वीरेंद्र सिंह
बडौत,01 जून 2024 (यूटीएन)। स्थानीय जनता वैदिक इंटर कॉलेज में पत्रकारों के साथ वार्ता करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्र सिंह तथा जिला मंत्री सतवीर सिंह ने बताया कि यह पहला अवसर है ,जिसमें 71 विद्यालयों में से 70 विद्यालयों का एक साथ वेतन शिक्षकों के खातों में पहुंच जाएगा। जो विद्यालय बचा है वह एकमात्र हजारीलाल इंटर कॉलेज खैला है। जिसका अभी तक वेतन बिल पारित ही नहीं हो सका है।जिले के शिक्षकों ने प्रदेशीय कार्यकारिणी सदस्य एवं शिक्षक नेता वीरेंद्र सिंह सहित जिला संगठन की मेहनत और वेतन भुगतान में मिली सफलता पर खुशी व्यक्त की है तथा कहा कि,संगठन के दबाव से ही संभव हो सका है। शिक्षक नेता वीरेंद्र सिंह ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी देते हुए कहा कि, अभी भी शिक्षकों के ढ़ेरो प्रकरण जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लंबित हैं। जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है ,जो प्रधानाचार्य व शिक्षक सेवानिवृत हो गए हैं अभी तक उनकी पेंशन की स्वीकृत नहीं हो सकी है तथा जीपीएफ के प्रकरण भी शिक्षा निदेशक मेरठ कार्यालय से स्वीकृत होने पर भी चेक निर्गत नहीं किये जा रहे हैं। शिक्षकों के चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान तथा मृतक आश्रितों के नियुक्ति के प्रकरण भी लटके पड़े हैं, जिनपर कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। वार्ता के दौरान संघ के प्रदेशीय नेता वीरेंद्र सिंह ने कहा कि, कार्य लम्बित होने तथा भुगतान में बिना किसी कारण के देरी से शिक्षक बेहद परेशान हैं तथा इन मामलों पर शिक्षक संघ के पदाधिकारी 3 जून को जिला विद्यालय निरीक्षक से मुलाकात कर सकारात्मक समाधान करने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर मीडिया प्रभारीअजय राज शर्मा व इंद्रपाल सिंह भी मौजूद रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Jun 1, 2024
१०वीं एवं १२वीं कक्षा में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए प्रोत्साहन समारोह का आयोजन
कालका, 31 मई 2024 (यूटीएन)। हित चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा १०वीं एवं १२वीं कक्षा में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए प्रोत्साहन समारोह का आयोजन किया । समारोह में मु य अतिथि के तौर पर ब्रह्मर्षि कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन की प्रधानाचार्यी स्वामी डॉक्टर अमृता दीदी ने शिरकत की। हित चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक हितेश पाहवा द्वारा स्वामी डॉ अमृता दीदी को फुल बुके देकर और उनका आशीर्वाद लेते हुए समारोह में उनका स्वागत किया । समारोह का शुभ आरंभ स्वामी डॉक्टर अमृता दीदी के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान २१ स्कूलों में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कालका, आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल कालका, सोफिया कान्वेंट स्कूल, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिटना, आईशर स्कूल परवाणू, सेपीएंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पीसी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पिंजोर,न्यू इंडिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल पिंजौर, सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल एचएमटी, विराट नगर स्कूल, शैमफर्ड स्कूल पिंजौर, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल पिंजौर, जेपी गुरुकुल स्कूल, नोबल हाई स्कूल, सरस्वती हाई स्कूल, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल चिकन, अकालजोत स्कूल, आजाद पब्लिक स्कूल, अमरावती विद्यालय, लिटिल लावर स्कूल पंचकूला, जवाहर नवोदय मोली के कुल १४७ छात्रों को स्मृति चिन्ह और मेडल पहनकर अमृता दीदी द्वारा स मानित किया गया। इस मौके पर स्वामी डॉक्टर अमृता दीदी ने सभी छात्रों को परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । उन्होंने कहा कि बहुत ही हर्ष की बात है कि हमारे क्षेत्र से इस तरह बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं और यदि हमारे युवा पीढ़ी पढ़ी-लिखी होगी तो एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा। वही हितेश पाहवा कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों, स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों के लिए खानपान की विशेष व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर रोहताश आर्य, परमजीत शर्मा, दीक्षा पाहवा, मधु पाहवा, वरदान पाहवा, शेरचंद चावला, मुकेश पसरीचा,किरण पसरीचा, शशि गुप्ता, आहूजा पंचकूला आदि भी मौजूद रहे। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
May 31, 2024
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कर्मचारी कल्याण की दिशा में सक्रिय कदम
नई दिल्ली, 25 मई 2024 (यूटीएन)। कर्मचारी कल्याण को प्राथमिकता देने वाले एक सराहनीय कदम में, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ने हील फाउंडेशन के सहयोग से अपने द्वारका परिसर में एक मुफ्त निवारक स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया। शिविर का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा ने किया। विश्वविद्यालय के लगभग 600 कर्मचारी अत्याधुनिक हेल्थ पॉड (एटीएम) का इस्तेमाल करके व्यापक स्वास्थ्य मूल्यांकन से गुजरेंगे। मोबाइल स्वास्थ्य जांच शिविर की सुविधा हील फाउंडेशन द्वारा की गई थी। निवारक स्वास्थ्य जांच शिविर का उद्घाटन करते हुए, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा ने कहा, “निवारक स्वास्थ्य सेवा सर्वोपरि है। यह पहल हमारे मूल्यवान संकाय/विभाग और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी इस पहल की बहुत सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं, और हम निकट भविष्य में इस कार्यक्रम को अपने अन्य परिसरों और कॉलेजों में विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं। आज का निवारक स्वास्थ्य जांच शिविर हमारे कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का शीघ्र पता लगाने और उनकी रोकथाम के लिए चयापचय स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण बातों की नियमित निगरानी बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है। एटीएम जैसे दिखने वाले हेल्थ पॉड्स 20 महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मापदंडों के लिए एक नान-इनवेलिव स्क्रीनिंग (बिना चार-फाड़ वाली जांच) प्रदान करते हैं, जिनमें एसपीओ2, रक्तदाब, बीएमआई, कमर और कूल्हे का अनुपात, हड्डियों में खनिज की मात्रा, नाड़ी, तापमान, विसेरल फैट (आंतों के आसपास जमा होने वाली वसा), शरीर की कोशिकाओं का द्रव्यमान, शरीर में वसा का प्रतिशत, वजन और ईसीजी शामिल हैं। शरीर से संबंधित ये बातें अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और पुरानी बीमारियों को रोकने के लिए आवश्यक हैं। हील फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने निवारक स्क्रीनिंग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “व्यापक निवारक स्वास्थ्य जांच की पेशकश करके, हम एक स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक सक्रिय कदम उठा रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में इस सेवा का विस्तार करने के लिए तैयार हैं ताकि कोई भी कर्मचारी इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाए। यह पहल ऐसे समय में आई है जब निवारक स्वास्थ्य उपायों को विश्व स्तर पर महत्व मिल रहा है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती घटनाओं के साथ, नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी हो गई है। हेल्थ पॉड्स द्वारा प्रदान की जाने वाली जांचे त्वरित और नान-इनवेसिव (बिना चार-फाड़ वाली) हैं और रिपोर्ट भी तुरंत मिल जाती है। इन विशेषताओं से यह व्यस्त पेशेवरों के लिए एक व्यावहारिक उपाय बन जाता है। यह स्वास्थ्य जांच शिविर निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य जागरूकता की संस्कृति के निर्माण के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है। जब संस्थाएं स्वास्थ्य संरक्षकों की भूमिका निभाएंगी, तब इसका प्रभाव स्वस्थ समुदायों और अधिक मजबूत कार्यबल में देखने को मिलेगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
May 25, 2024
नगर के माउंट लिटरा ज़ी स्कूल के समारोह में 100 से अधिक छात्र- छात्राएं पुरस्कृत
बड़ौत, 23 मई 2024 (यूटीएन)। नगर के माउंट लिटरा ज़ी स्कूल में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में 100 से अधिक छात्रों को शैक्षिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रबंध समिति अध्यक्ष बिजेंद्र कुमार जैन, प्रधानाचार्य निशांत कुमार, अक्षत जैन, हिमांशु जैन आदि ने दीप ज्योति प्रज्वलित करते हुए किता । इस दौरान मुख्य अतिथियों में सेंट्रल ज़ी स्कूल डायरेक्टर किरण सिंह, आरएसडी चित्रा जोशी, नितिन शाह, डॉ अनिल जैन, डॉ रिचा वशिष्ठ, डॉ. विकास वशिष्ठ व डॉ अमिता चिकारा को स्मृति चिह्न देकर व शाल औढाकर सम्मानित किया। सभी अतिथियों ने मेधावी छात्रों को ट्रॉफी और प्रमाणपत्र प्रदान किए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य निशांत कुमार ने स्वागत भाषण से करते हुए की ,साथ ही उपलब्धियों पर बधाई देते हुए सम्मान समारोह के महत्व पर प्रकाश डाला। शैक्षिक सत्र 2023-24 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ट्रॉफी दी गई। इसके साथ ही विद्यालय के प्रमुख पदों की घोषणा की गई और हेड बॉय, हेड गर्ल, हाउस कैप्टन सहित अन्य पदों पर नियुक्त छात्रों को बैज लगाए गए तथा अपने दायित्वो का निर्वाह करते हुए शपथ ग्रहण कराई गई। सम्मान समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए, जिसमें छात्रों ने भारतीय पारंपरिक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। संस्थापक हंस कुमार जैन और अध्यक्ष बिजेंद्र कुमार जैन ने छात्रों को शुभाशीष प्रदान किया और उनकी मेहनत व समर्पण की सराहना की। प्रधानाचार्य निशांत कुमार ने छात्रों को हमेशा आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। समारोह का सफल संचालन नीलम भारद्वाज, सेजल तोमर, अन्वेशा, वान्या तोमर व चांदनी दीक्षित ने संयुक्त रूप से किया। समारोह में छात्रों और अभिभावकों के चेहरे खुशी से चमकते नजर आए, वहीं कार्यक्रम की सफलता में स्कूल स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 23, 2024
मेधावी छात्राएं जियालाल प्रेमवती सम्मान से विभूषित, शिक्षा का लाभ और प्राप्ति जीवन पर्यंत अभिमन्यु गुप्ता
बागपत,22 मई 2024 (यूटीएन)। अग्रवाल मंडी टटीरी के वैदिक कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा 6 से 11 तक की 22 मेधावी छात्राओं को जियालाल प्रेमवती सम्मान से किया गया विभूषित। प्रसिद्ध समाजसेवी ईश्वर अग्रवाल अमीनगर सराय द्वारा अपने माता-पिता की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष मेधावी छात्र छात्राओं को प्रदान किया जाता है ।इस पुरस्कार में सम्मान पत्र एवं उपहार प्रदान कर छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया जाता है। छात्राओं को सम्मानित करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी व एमजेएफ लायन अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि,मेधावी छात्राएं परिवार, विद्यालय एवं समाज का गौरव हैं। शिक्षा जीवन पर्यंत आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है। लायन अनिल गांधी ला डॉक्टर रामलाल ला डॉक्टर योगेश चौधरी ला मनोज गुप्ता चौ प्रेम सिंह एवं क्लब के सचिव एमजेएफ ला पंकज गुप्ता द्वारा शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया। कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती गायत्री वर्मा द्वारा छात्राओं से ग्रीष्मकालीन छुट्टी का सदुपयोग करने का आह्वान किया तथा लायन ईश्वर अग्रवाल एवं लायंस क्लब का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर श्रीमती सविता सैनी श्रीमती मंजू लता श्रीमती प्रतिभा श्रीमती मिथिलेश अशोक यादव सचिन कुमार श्रीमती बाला देवी विकास कुमार सहित विद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं। मेधावी छात्राओं में कक्षा 6 में वैष्णवी वर्मा प्रथम, कक्षा 7 में कु राशि ,कक्षा 8 में कु डिंपी , कक्षा 9 में कु इच्छा अग्रवाल ,कक्षा 10 में कु तनु तथा कक्षा 11 कला वर्ग में कु नेहा व विज्ञान वर्ग में जाह्नवी कुशवाहा प्रथम रही। यह पुरस्कार द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली छात्राओं को भी दिया गया। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 22, 2024
डीयू कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले पिछले 5 वर्षों के आंकड़े मंगवाने की मांग
नई दिल्ली, 19 मई 2024 (यूटीएन)। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ( दिल्ली विश्वविद्यालय ) के चेयरमैन व पूर्व डीयू एडमिशन कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि शैक्षिक सत्र --2024 --25 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में यूजी, पीजी , पीएचडी , बीएड , एमएड , बी.लिब , एम. लिब , बीएएलएड, डिप्लोमा कोर्स , सर्टिफिकेट कोर्स आदि पाठ्यक्रमों में एससी, एसटी, ओबीसी ,पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस कोटे में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन डीयू के विभागों व कॉलेजों के प्रिंसिपल / संस्थानों के निदेशकों को सर्कुलर जारी करके उनसे पिछले पांच वर्षों के आंकड़े मंगवाकर उनकी जांच करवाएं , पता चलेगा कि कॉलेजों ने अपने यहां स्वीकृत सीटों से ज्यादा एडमिशन दिया लेकिन उन्होंने सामान्य सीटों की एवज में एससी/एसटी , ओबीसी , ईडब्ल्यूएस व पीडब्ल्यूडी कोटे की सीटों को नहीं भरा । बता दें कि गत वर्ष भी नार्थ कैम्पस व साउथ कैम्पस के बेहतर कॉलेजों में बहुत से पाठ्यक्रमों में सीटें खाली रह गई । उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि कुछ कॉलेज यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आरक्षण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते । डॉ. सुमन ने पत्र में लिखा है और बताया है कि डीयू के विभागों में लगभग-80 विभाग जहां स्नातकोत्तर डिग्री, पीएचडी, सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स , डिग्री कोर्स आदि कराएं जाते हैं। इसी तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय में तकरीबन 79 कॉलेज है जिनमे स्नातक, स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजों व विभागों में हर साल स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर ईडब्ल्यूएस कोटा बढ़ने के बाद लगभग 72 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के प्रवेश होते हैं। डॉ. सुमन ने बताया है कि डीयू कॉलेजों में हर साल स्वीकृत सीटों से 10 फीसदी ज्यादा एडमिशन होते है । उन्होंने यह भी बताया है कि कॉलेज अपने स्तर पर 10 फीसदी सीटें बढ़ा लेते हैं। बढ़ी हुई सीटों पर अधिकांश कॉलेज आरक्षित वर्गों की सीटें नहीं भरते। उन्होंने बताया है कि पिछले चार साल से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। जो अब बढ़कर 25 फीसदी सीटों का इजाफा हो चुका है । इन वर्गों के छात्रों की सीटें भी खाली रह जाती है । इस तरह से विश्वविद्यालय के आंकड़ों की माने तो 72 हजार से ज्यादा सीटों पर हर साल एडमिशन होता है फिर भी एससी /एसटी , ओबीसी व पीडब्ल्यूडी छात्रों की सीटें खाली रह जाती है । बता दें कि आरक्षित सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय के पास छात्र होते हैं लेकिन परसेंटेज कम नहीं की जाती जिसके कारण सीटें खाली रह जाती है । डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर आरक्षित सीटों को भरने के लिए कई स्पेशल स्पॉट राउंड चलाते है लेकिन उसमें भी जो कट ऑफ जारी की जाती है मामूली छूट दी जाती है जिससे एससी, एसटी, ओबीसी कोटे की सीटें कभी पूरी नहीं भरी जाती । ये सीटें हर साल खाली रह जाती है। गत वर्ष भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आरक्षित सीटों को भरने के लिए कई "स्पेशल स्पॉट राउंड " चलाये गए लेकिन कट ऑफ कम नहीं किए जाने के कारण आरक्षित वर्गो के विद्यार्थियों की सीटें खाली रह गई । उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन व डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर यदि चाहते तो कट ऑफ कम करके सीटों को भरा जा सकता था । उनका कहना है कि इस बार यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इंट्रेंस टेस्ट से पूर्व कॉलेजों से स्वीकृत सीटों के आंकड़े मंगवा ले और हर लिस्ट के बाद सीटों का ब्यौरा रखें तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है । यदि उसके बाद भी कॉलेज आरक्षित कोटा पूरा नहीं करते है तो उनका अनुदान बंद कर देना चाहिए । उनका यह भी कहना है कि एडमिशन लेने वाले तमाम छात्रों की सूची कॉलेज व विश्वविद्यालय वेबसाइट पर डाला जाए । उन्होंने यह भी बताया है कि एससी/एसटी व ओबीसी के बहुत से छात्र कॉलेज छोड़कर चले जाते है या बीच में ( ड्रॉप आउट ) छोड़कर चले जाते है उसके भी आंकड़े कॉलेज नहीं देते । डॉ.सुमन ने कॉलेजों से छात्रों की सीटों का बैकलॉग , शॉर्टफाल व ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स का डाटा मंगवाने की भी मांग की है जिससे एडमिशन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी । *कॉलेजों में बने सेल* डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि यूजीसी के सख्त निर्देश है कि हर कॉलेज में एससी, एसटी और ओबीसी सेल की स्थापना की जाये। एडमिशन की प्रक्रिया को देखने के लिए मोनेटरिंग कमेटी बनाई जाए , इसके अलावा छात्रों , कर्मचारियों व शिक्षकों की समस्याओं के समाधान करने हेतु ग्रीवेंस कमेटी बने । उन्होंने बताया है कि कुछ कॉलेजों ने इन कमेटियों /सेल की स्थापना की है । इनको चलाने के लिए आरक्षित वर्ग से शिक्षकों की नियुक्ति भी की है लेकिन ये सेल कोई काम नहीं करते , केवल कागजों में कार्य कर रहे हैं। सेल में नियुक्त किए गए शिक्षकों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की कोई पावर नहीं दी गई जिसके आधार पर विश्वविद्यालय को लिखा जाए। साथ ही सेल में प्रिंसिपलों द्वारा ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है जो उनके चहेते होते है । उन्होंने यह भी बताया है कि प्रत्येक कॉलेज में आरक्षित वर्गो के शिक्षकों/कर्मचारियों/छात्रों के लिए ग्रीवेंस सेल बनाया गया है। इस सेल का कार्य आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों के साथ होने वाले जातीय भेदभाव, नियुक्ति, पदोन्नति व प्रवेश आदि समस्याओं का समाधान समय--समय पर कराना है। साथ ही समय-समय पर यूजीसी को आरक्षित शिक्षकों/कर्मचारियों/ छात्रों की रिपोर्ट तैयार कर यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय , संसदीय समिति व एससी/एसटी कमीशन को उनके आंकड़े भेजना आदि है । उनका कहना है कि यदि ग्रीवेंस सेल सही ढंग से अपनी भूमिका का निर्वाह करे तो कॉलेजों में होने वाले एडमिशन, अपॉइंटमेंट और प्रमोशन संबंधी कोई समस्या न हो लेकिन ये सेल प्रिंसिपलों के इशारों पर कार्य करते हैं। फोरम ने वीसी को लिखे पत्र में मांग की है कि शैक्षिक सत्र 2024-25 की एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व छात्रों के कॉलेजों/ विभागों से आंकड़े मंगवाये। उनका कहना है कि यदि संभव हो तो दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर कॉलेजों के लिए अलग से एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित करे। इस कमेटी में आरक्षित वर्गों के शिक्षकों को ही रखा जाए । कमेटी इन कॉलेजों का दौरा कर शिक्षकों/कर्मचारियों/छात्रों से उनकी समस्याओं पर बातचीत करे। उन्होंने बताया है कि इन कॉलेजों में सबसे ज्यादा समस्या शिक्षकों का रोस्टर, स्थायी नियुक्ति, पदोन्नति के अलावा कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, पेंशन के अतिरिक्त छात्रों के प्रवेश संबंधी समस्या, छात्रवृत्ति का समय पर ना मिलना, रिमेडियल क्लासेज न लगना , सर्विस के लिए स्पेशल क्लासिज , स्पेशल कोचिंग एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों के सामने आती है । इनके सामने आने वाली समस्याओं पर उन छात्रों से बातचीत करे साथ ही कॉलेजों में जिन सुविधाओं का अभाव है उस पर एक रिपोर्ट तैयार करे। कमेटी इस रिपोर्ट को यूजीसी, एमएचआरडी,, एससी, एसटी कमीशन, संसदीय समिति को भेजे। इसके अलावा इस रिपोर्ट को मीडिया में सार्वजनिक करे ताकि आम आदमी को पता चल सके कि विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में किस तरह से भेदभाव की नीति अपनाई जाती है। फोरम ने वीसी से यह भी मांग है कि यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय द्वारा समय-समय पर केंद्र सरकार की आरक्षण संबंधी सर्कुलर जारी करती है ताकि इन सुविधाओं का लाभ आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को मिले इसके लिए उसे विश्वविद्यालय,कॉलेज,संस्था को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होता है लेकिन कोई भी कॉलेज रोस्टर, छात्रों के प्रवेश संबंधी आंकड़े, शिक्षकों के खाली पदों की संख्या , कर्मचारियों के पदों की जानकारी आदि को वेबसाइट पर नहीं डालते जबकि यूजीसी हर साल आरक्षण संबंधी जानकारी को वेबसाइट पर अपलोड़ करने संबंधी सर्कुलर जारी करता है। इस संदर्भ में भी कॉलेज प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी किया जाये और उनसे कॉलेज का एडमिशन बुलेटिन व प्रोस्पेक्टस की कॉपी मंगवाई जाए ताकि कितने छात्रों का इस वर्ष एडमिशन होगा । विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
May 19, 2024
डीयू के पूर्व छात्रों ने आधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय विकसित कराया
नई दिल्ली, 18 मई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के छह पूर्व छात्र व शिक्षकों ने मिलकर पदमश्री डॉ.एस.आर.रंगनाथन के नाम पर डीयू के उत्तरी परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय को गोद लिया है , जो पूरी तरह से डिजिटल होगी । विश्वविद्यालय में इस तरह का पहला अध्ययन कक्ष होगा जिसमें 100 छात्र एक साथ बैठकर अध्ययन कर सकेंगे । इस अध्ययन कक्ष में एक ओपन लाइब्रेरी ,10 से अधिक कंप्यूटर वर्क स्टेशन, इंटरनेट के अतिरिक्त ऑडियो -वीडियो की सुविधाएं उपलब्ध कराई है। दिल्ली विश्वविद्यालय की ट्यूटोरियल बिल्डिंग में बनाए गए अध्ययन कक्ष का उद्घाटन डीयू के कुलपति, प्रोफेसर योगेश सिंह ने किया । इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ,दक्षिणी परिसर निदेशक ,प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह थे । कार्यक्रम में डीन, प्रोफेसर अमिताव चक्रवर्ती , प्रोफेसर रजनी अब्बी , प्रोफेसर गीता भट्ट ,प्रोफेसर अनिल राय , प्रो.बीपी सिंह , प्रो.एन के. कक्कड़ , प्रो.रविंद्र कुमार ,प्रो.रूपम कपूर , प्रो.ममता शर्मा , प्रो.विजय लक्ष्मी सिंह , प्रो.अमित कुमार सिंह ,प्रो.रंजन त्रिपाठी ,प्रो.नीरा अग्निमित्र ,डॉ. केपी चिन्दा ,डॉ.हंसराज सुमन ,डॉ. मनोज कुमार केन,आदि के अलावा डीन ,कॉलेजों के प्रिंसिपल , विभागों के प्रोफेसर व पीएचडी शोधार्थी भी उपस्थित थे । अध्ययन कक्ष के उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी संस्थान में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय एक महत्वपूर्ण संसाधन है, पुस्तकालय के बिना छात्र का ज्ञान अधूरा है उसके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास पुस्तकालय के माध्यम से ही होता है । उन्होंने बताया कि नई डिजिटल पुस्तकालय के खुलने से ऐसे लोगों को अवसर मिलेगा जो इस विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं या करके चले गए और अब वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं , वे इस अध्ययन कक्ष में बैठकर अध्ययन कर सकेंगे । प्रोफेसर सिंह ने पूर्व छात्रों द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि हमारे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए इस तरह की की संस्कृति को बढ़ाने के लिए हर कॉलेज / विभाग के पूर्व छात्रों को आगे आना चाहिए । उन्होंने यह आह्वान किया कि जिस तरह से हमारे छह पूर्व छात्रों ने आधुनिक सुविधाओं से अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय विकसित कराके इसे गोद लिया है , मुझे आशा है कि भविष्य में इस तरह के नेक कार्य से अवश्य कुछ लोग प्रेरणा लेंगे और विकसित भारत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे । उन्होंने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि पढ़ने वाले लोगों के लिए अपने आसपास लाइब्रेरी का निर्माण अवश्य कराए और उस लाइब्रेरी में पुस्तकें दान करें ताकि ज्ञान का ज्यादा से ज्यादा विस्तार हो । पुस्तकालय विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा कि पुस्तकालय एक ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से छात्रों को सूचना और संसाधनों को सभी तक पहुंचाना है । पुस्तकें छात्र को पढ़ने के लिए तैयार करती है जिससे ज्ञान का विकास होता है , पुस्तकों के बिना छात्रों का कोई अस्तित्व नहीं है । पुस्तकें ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण कर उसे अपनी भाषा , साहित्य , संस्कृति व जन सरोकारों से जोड़ती है । वर्तमान पुस्तकालय में भौतिक और डिजिटल रूप में विभिन्न सेवाएं प्रदान की जायेगी । पुस्तकें , पत्र -पत्रिकाएं , ईबुक , ऑडियो बुक ही नहीं बल्कि लाइब्रेरी में कम्प्यूटर , स्मार्ट डिजिटल बोर्ड , डिजिटल पोडियम आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी । प्रोफेसर सिंह ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी विभाग ने / विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार है कि अपने अल्मा मेटर के ऋृण चुकाने और छात्रों और शोधार्थियों के लिए बुनियादी ढांचे का एक आत्मनिर्भर मॉडल बनाने के लिए इस तरह की नई पहल की शुरुआत की है । इसमें लेक्चर हॉल अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे एयर-कंडीशन, ओपन लाइब्रेरी, वर्कस्टेशन, हाई कॉन्फ़िगरेशन स्मार्ट बोर्ड और शिक्षण और अनुसंधान के लिए अन्य आवश्यक सेवाओं से सुसज्जित बनाया है । उन्होंने यह भी बताया है कि इस अध्ययन कक्ष में किसी भी संकाय से स्नातकोत्तर व पीएचडी शोधार्थी आकर अध्ययन कर सकेंगे । प्रोफेसर के.पी. सिंह ने बताया कि डॉ. एस.आर. रंगनाथन व्याख्यान कक्ष एवं पुस्तकालय को पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के छह पूर्व छात्रों एवं शिक्षकों ने मिलकर इस अध्ययन कक्ष का निर्माण कर उन्हें समर्पित किया है । प्रोफेसर सिंह ने बताया है कि हम छह छात्र व शिक्षकों का सपना था कि हमारी आने वाली पीढ़ी को विश्व स्तरीय शिक्षण सुविधाएं मिले ताकि वे यहाँ पर अध्ययन करके राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देकर भारत को विकसित भारत बनाने में मदद करें । यह अध्ययन कक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को भी प्लेटफार्म पर आने का अवसर देगा ।जिसमें 100 छात्र एक साथ बैठकर अध्ययन कर सकेंगे । अध्ययन कक्ष को गोद लेने वालों में पुस्तकालय विज्ञान के छह पूर्व छात्र व शिक्षकों में प्रोफेसर के.पी.सिंह , प्रो.मीरा , डॉ.ज्ञानेन्द्र नारायण सिंह , डॉ. विजय गौतम , डॉ. मनीष कुमार एवं डॉ.पिंकी शर्मा आदि है । पुस्तकालय विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ने कुलपति को एक मांग पत्र भी दिया जिसमें नवीन सूचनाओं से जोड़कर लाइब्रेरी के अध्ययन कक्ष को ओर बेहतर बनाने की अपील की । कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का धन्यवाद विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कुमार भट्ट ने किया । विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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May 18, 2024