Education

मेधावी छात्राएं जियालाल प्रेमवती सम्मान से विभूषित, शिक्षा का लाभ और प्राप्ति जीवन पर्यंत अभिमन्यु गुप्ता

बागपत,22 मई 2024  (यूटीएन)। अग्रवाल मंडी टटीरी के वैदिक कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा 6 से 11 तक की 22 मेधावी छात्राओं को जियालाल प्रेमवती सम्मान से किया गया विभूषित। प्रसिद्ध समाजसेवी ईश्वर अग्रवाल अमीनगर सराय द्वारा अपने माता-पिता की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष मेधावी छात्र छात्राओं को प्रदान किया जाता है ।इस पुरस्कार में सम्मान पत्र एवं उपहार प्रदान कर छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया जाता है।    छात्राओं को सम्मानित करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी व एमजेएफ लायन अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि,मेधावी छात्राएं परिवार, विद्यालय एवं समाज का गौरव हैं। शिक्षा जीवन पर्यंत आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है। लायन अनिल गांधी ला डॉक्टर रामलाल ला डॉक्टर योगेश चौधरी ला मनोज गुप्ता चौ प्रेम सिंह एवं क्लब के सचिव एमजेएफ ला  पंकज गुप्ता द्वारा शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया।    कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती गायत्री वर्मा द्वारा छात्राओं से ग्रीष्मकालीन छुट्टी का सदुपयोग करने का आह्वान किया तथा लायन ईश्वर अग्रवाल एवं लायंस क्लब का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर श्रीमती सविता सैनी श्रीमती मंजू लता श्रीमती प्रतिभा श्रीमती मिथिलेश अशोक यादव सचिन कुमार श्रीमती बाला देवी विकास कुमार सहित विद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं।    मेधावी छात्राओं में कक्षा 6 में वैष्णवी वर्मा प्रथम, कक्षा 7 में  कु राशि ,कक्षा 8 में कु डिंपी , कक्षा 9 में कु इच्छा अग्रवाल ,कक्षा 10 में कु तनु तथा कक्षा 11 कला वर्ग में कु नेहा व विज्ञान वर्ग में जाह्नवी कुशवाहा प्रथम रही। यह पुरस्कार द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली छात्राओं को भी दिया गया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 22, 2024

डीयू कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले पिछले 5 वर्षों के आंकड़े मंगवाने की मांग

नई दिल्ली, 19 मई 2024  (यूटीएन)। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ( दिल्ली विश्वविद्यालय ) के चेयरमैन व पूर्व डीयू एडमिशन कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि शैक्षिक सत्र --2024 --25 में  दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में यूजी, पीजी , पीएचडी , बीएड , एमएड , बी.लिब , एम. लिब , बीएएलएड,  डिप्लोमा कोर्स , सर्टिफिकेट कोर्स आदि पाठ्यक्रमों में एससी, एसटी, ओबीसी ,पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस कोटे में  एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन डीयू के विभागों व कॉलेजों के प्रिंसिपल / संस्थानों के निदेशकों को सर्कुलर जारी करके उनसे  पिछले पांच वर्षों के आंकड़े मंगवाकर उनकी जांच करवाएं , पता चलेगा कि कॉलेजों ने अपने यहां स्वीकृत सीटों से ज्यादा एडमिशन दिया लेकिन उन्होंने सामान्य सीटों की एवज में एससी/एसटी , ओबीसी , ईडब्ल्यूएस व पीडब्ल्यूडी कोटे की सीटों को नहीं भरा । बता दें कि  गत वर्ष भी नार्थ कैम्पस व साउथ कैम्पस के बेहतर कॉलेजों में बहुत से पाठ्यक्रमों में सीटें खाली रह गई ।   उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि कुछ कॉलेज यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी  आरक्षण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते । डॉ. सुमन ने पत्र में लिखा है और बताया है कि डीयू के विभागों में लगभग-80  विभाग जहां  स्नातकोत्तर डिग्री, पीएचडी, सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स , डिग्री कोर्स आदि कराएं जाते हैं। इसी तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय में तकरीबन 79  कॉलेज है जिनमे स्नातक, स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजों व विभागों में हर साल स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर  ईडब्ल्यूएस कोटा बढ़ने के बाद लगभग 72 हजार से अधिक  छात्र-छात्राओं के प्रवेश होते हैं। डॉ. सुमन ने बताया है कि डीयू कॉलेजों में हर साल  स्वीकृत सीटों से 10 फीसदी ज्यादा एडमिशन होते है ।  उन्होंने यह भी बताया है कि  कॉलेज अपने स्तर पर 10 फीसदी सीटें बढ़ा लेते हैं। बढ़ी हुई सीटों पर अधिकांश कॉलेज आरक्षित वर्गों की सीटें नहीं भरते। उन्होंने बताया है कि पिछले चार साल से  सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। जो अब बढ़कर 25 फीसदी सीटों का इजाफा हो चुका है । इन वर्गों के छात्रों की सीटें भी खाली रह जाती है ।  इस तरह से विश्वविद्यालय के आंकड़ों की माने तो 72 हजार से ज्यादा सीटों पर हर साल एडमिशन होता है फिर भी एससी /एसटी , ओबीसी व पीडब्ल्यूडी छात्रों की सीटें खाली रह जाती है । बता दें कि आरक्षित सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय के पास छात्र होते हैं लेकिन परसेंटेज कम नहीं की जाती जिसके कारण सीटें खाली रह जाती है ।    डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर आरक्षित सीटों को भरने के लिए कई स्पेशल स्पॉट राउंड चलाते है लेकिन  उसमें भी जो कट ऑफ जारी की जाती है  मामूली छूट दी जाती है जिससे एससी, एसटी, ओबीसी कोटे की सीटें कभी पूरी नहीं भरी जाती । ये सीटें हर साल खाली रह जाती है। गत वर्ष भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आरक्षित सीटों को भरने के लिए कई "स्पेशल स्पॉट राउंड " चलाये गए  लेकिन कट ऑफ कम नहीं किए जाने के कारण आरक्षित वर्गो के विद्यार्थियों की सीटें खाली रह गई । उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन व डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर यदि चाहते तो कट ऑफ कम करके सीटों को भरा जा सकता था । उनका कहना है कि इस बार यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इंट्रेंस टेस्ट से पूर्व कॉलेजों से स्वीकृत सीटों के आंकड़े मंगवा ले और हर लिस्ट के बाद सीटों का ब्यौरा रखें तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है । यदि उसके बाद भी कॉलेज आरक्षित कोटा पूरा नहीं करते है तो उनका अनुदान बंद कर देना चाहिए । उनका यह भी कहना है कि एडमिशन लेने वाले तमाम छात्रों की सूची कॉलेज व विश्वविद्यालय वेबसाइट पर डाला जाए । उन्होंने यह भी बताया है कि एससी/एसटी व ओबीसी के बहुत से छात्र कॉलेज छोड़कर चले जाते है या बीच में ( ड्रॉप आउट ) छोड़कर चले जाते है उसके भी आंकड़े कॉलेज नहीं देते । डॉ.सुमन ने कॉलेजों से छात्रों की सीटों का बैकलॉग , शॉर्टफाल व ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स का डाटा मंगवाने की भी मांग की है जिससे एडमिशन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी ।    *कॉलेजों में बने सेल*    डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि यूजीसी के सख्त निर्देश है कि हर कॉलेज में एससी, एसटी और ओबीसी सेल की स्थापना की जाये। एडमिशन की प्रक्रिया को देखने के लिए मोनेटरिंग कमेटी बनाई जाए , इसके अलावा छात्रों , कर्मचारियों व शिक्षकों की समस्याओं के समाधान करने हेतु ग्रीवेंस कमेटी  बने । उन्होंने बताया है कि  कुछ कॉलेजों ने इन कमेटियों /सेल की स्थापना की है । इनको चलाने के लिए आरक्षित वर्ग से शिक्षकों की नियुक्ति भी की है लेकिन ये सेल कोई काम नहीं करते , केवल कागजों में कार्य कर रहे हैं। सेल में नियुक्त किए गए शिक्षकों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की कोई पावर नहीं दी गई जिसके आधार पर विश्वविद्यालय को लिखा जाए। साथ ही सेल में प्रिंसिपलों द्वारा ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है जो उनके चहेते होते है ।  उन्होंने यह भी बताया है कि प्रत्येक कॉलेज में आरक्षित वर्गो के शिक्षकों/कर्मचारियों/छात्रों के लिए ग्रीवेंस सेल बनाया गया है। इस सेल का कार्य आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों के साथ होने वाले  जातीय भेदभाव, नियुक्ति, पदोन्नति व प्रवेश आदि समस्याओं का समाधान समय--समय पर कराना है। साथ ही समय-समय पर यूजीसी को आरक्षित शिक्षकों/कर्मचारियों/ छात्रों की रिपोर्ट तैयार कर यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय , संसदीय समिति व एससी/एसटी कमीशन को उनके आंकड़े भेजना आदि है ।   उनका कहना है कि यदि ग्रीवेंस सेल सही ढंग से अपनी भूमिका का निर्वाह करे तो कॉलेजों में होने वाले एडमिशन, अपॉइंटमेंट और प्रमोशन संबंधी कोई समस्या न हो लेकिन ये सेल प्रिंसिपलों के इशारों पर कार्य करते हैं। फोरम  ने वीसी को लिखे पत्र में मांग की है कि शैक्षिक सत्र 2024-25 की  एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व छात्रों के कॉलेजों/ विभागों से आंकड़े मंगवाये। उनका कहना है कि यदि संभव हो तो दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर कॉलेजों के लिए अलग से एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित करे। इस कमेटी में आरक्षित वर्गों के शिक्षकों को ही रखा जाए । कमेटी इन कॉलेजों का दौरा कर शिक्षकों/कर्मचारियों/छात्रों से उनकी समस्याओं पर बातचीत करे। उन्होंने बताया है कि इन कॉलेजों में सबसे ज्यादा समस्या शिक्षकों का रोस्टर, स्थायी नियुक्ति, पदोन्नति के अलावा कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, पेंशन के अतिरिक्त छात्रों के प्रवेश संबंधी समस्या, छात्रवृत्ति का समय पर ना मिलना, रिमेडियल क्लासेज न लगना , सर्विस के लिए स्पेशल क्लासिज , स्पेशल कोचिंग एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों के सामने आती है ।   इनके सामने आने वाली समस्याओं पर उन छात्रों से बातचीत करे साथ ही कॉलेजों में जिन सुविधाओं का अभाव है उस पर एक रिपोर्ट तैयार करे। कमेटी इस रिपोर्ट को यूजीसी, एमएचआरडी,, एससी, एसटी कमीशन, संसदीय समिति को भेजे। इसके अलावा इस रिपोर्ट को मीडिया में सार्वजनिक करे ताकि आम आदमी को पता चल सके कि विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में किस तरह से भेदभाव की नीति अपनाई जाती है। फोरम ने वीसी से यह भी मांग है कि यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय द्वारा समय-समय पर  केंद्र सरकार की आरक्षण संबंधी सर्कुलर जारी करती है ताकि इन सुविधाओं का लाभ आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को मिले इसके लिए उसे विश्वविद्यालय,कॉलेज,संस्था को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होता है लेकिन कोई भी कॉलेज रोस्टर, छात्रों के प्रवेश संबंधी आंकड़े, शिक्षकों के खाली पदों की संख्या , कर्मचारियों के पदों की जानकारी आदि को वेबसाइट पर नहीं डालते जबकि यूजीसी हर साल आरक्षण संबंधी जानकारी को वेबसाइट पर अपलोड़ करने संबंधी सर्कुलर जारी करता है। इस संदर्भ में भी कॉलेज प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी किया जाये और उनसे कॉलेज का एडमिशन बुलेटिन व प्रोस्पेक्टस की कॉपी मंगवाई जाए ताकि कितने छात्रों का इस वर्ष एडमिशन होगा ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 19, 2024

डीयू के पूर्व छात्रों ने आधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय विकसित कराया

नई दिल्ली, 18 मई 2024  (यूटीएन)। दिल्ली  विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के छह पूर्व छात्र व शिक्षकों ने मिलकर पदमश्री डॉ.एस.आर.रंगनाथन के नाम पर डीयू के उत्तरी परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय को गोद लिया है , जो पूरी तरह से डिजिटल होगी । विश्वविद्यालय में इस तरह का पहला अध्ययन कक्ष होगा जिसमें 100 छात्र एक साथ बैठकर अध्ययन कर सकेंगे । इस अध्ययन कक्ष में एक ओपन लाइब्रेरी ,10 से अधिक कंप्यूटर वर्क स्टेशन, इंटरनेट के अतिरिक्त ऑडियो -वीडियो की सुविधाएं उपलब्ध कराई है। दिल्ली विश्वविद्यालय की ट्यूटोरियल बिल्डिंग में बनाए गए अध्ययन कक्ष का उद्घाटन डीयू के  कुलपति, प्रोफेसर योगेश सिंह ने किया ।   इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ,दक्षिणी परिसर निदेशक ,प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह थे । कार्यक्रम में डीन, प्रोफेसर अमिताव चक्रवर्ती , प्रोफेसर रजनी अब्बी , प्रोफेसर गीता भट्ट ,प्रोफेसर अनिल राय , प्रो.बीपी सिंह , प्रो.एन के. कक्कड़ , प्रो.रविंद्र कुमार ,प्रो.रूपम कपूर , प्रो.ममता शर्मा , प्रो.विजय लक्ष्मी सिंह , प्रो.अमित कुमार सिंह ,प्रो.रंजन त्रिपाठी ,प्रो.नीरा अग्निमित्र ,डॉ. केपी चिन्दा ,डॉ.हंसराज सुमन ,डॉ. मनोज कुमार केन,आदि के अलावा डीन ,कॉलेजों के प्रिंसिपल , विभागों के प्रोफेसर व पीएचडी शोधार्थी भी उपस्थित थे ।    अध्ययन कक्ष के उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी संस्थान में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय एक महत्वपूर्ण संसाधन है, पुस्तकालय के बिना छात्र का ज्ञान अधूरा है उसके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास पुस्तकालय के माध्यम से ही होता है ।   उन्होंने बताया कि नई डिजिटल पुस्तकालय के खुलने से ऐसे लोगों को अवसर मिलेगा जो इस विश्वविद्यालय से शिक्षा  ग्रहण कर रहे हैं या करके चले गए और अब वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं , वे इस अध्ययन कक्ष में बैठकर अध्ययन कर सकेंगे । प्रोफेसर सिंह ने पूर्व छात्रों द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि हमारे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए इस तरह की  की संस्कृति को बढ़ाने के लिए हर कॉलेज / विभाग के पूर्व छात्रों को आगे आना चाहिए ।   उन्होंने यह आह्वान किया कि जिस तरह से हमारे छह पूर्व छात्रों ने आधुनिक सुविधाओं से अध्ययन कक्ष एवं पुस्तकालय विकसित कराके इसे गोद लिया है , मुझे आशा है कि भविष्य में इस तरह के नेक कार्य से अवश्य कुछ लोग प्रेरणा लेंगे और विकसित भारत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे । उन्होंने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि पढ़ने वाले लोगों के लिए अपने आसपास लाइब्रेरी का निर्माण अवश्य कराए और उस लाइब्रेरी में पुस्तकें दान करें ताकि ज्ञान का ज्यादा से ज्यादा विस्तार हो ।    पुस्तकालय विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा कि पुस्तकालय एक ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से छात्रों को सूचना और संसाधनों को सभी तक पहुंचाना है । पुस्तकें छात्र को पढ़ने के लिए तैयार करती है जिससे ज्ञान का विकास होता है , पुस्तकों के बिना छात्रों का कोई अस्तित्व नहीं है । पुस्तकें ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण कर उसे अपनी भाषा , साहित्य , संस्कृति व जन सरोकारों से जोड़ती है ।  वर्तमान पुस्तकालय में भौतिक और डिजिटल रूप में विभिन्न सेवाएं प्रदान की जायेगी । पुस्तकें , पत्र -पत्रिकाएं , ईबुक , ऑडियो बुक ही नहीं बल्कि लाइब्रेरी में कम्प्यूटर , स्मार्ट डिजिटल बोर्ड , डिजिटल पोडियम आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी ।   प्रोफेसर सिंह ने बताया है कि दिल्ली  विश्वविद्यालय के किसी  विभाग ने / विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार है कि अपने अल्मा मेटर के ऋृण चुकाने और छात्रों और शोधार्थियों  के लिए बुनियादी ढांचे का एक आत्मनिर्भर मॉडल बनाने के लिए इस तरह की नई पहल की शुरुआत की है । इसमें लेक्चर हॉल अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे एयर-कंडीशन, ओपन लाइब्रेरी, वर्कस्टेशन, हाई कॉन्फ़िगरेशन स्मार्ट बोर्ड और शिक्षण और अनुसंधान के लिए अन्य आवश्यक सेवाओं से सुसज्जित बनाया है । उन्होंने यह भी बताया है कि इस अध्ययन कक्ष में किसी भी संकाय से  स्नातकोत्तर व पीएचडी शोधार्थी आकर अध्ययन कर सकेंगे ।   प्रोफेसर के.पी. सिंह ने  बताया कि डॉ. एस.आर. रंगनाथन व्याख्यान कक्ष एवं पुस्तकालय को पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के छह पूर्व छात्रों एवं शिक्षकों ने मिलकर इस अध्ययन कक्ष का निर्माण कर उन्हें समर्पित किया है । प्रोफेसर सिंह ने बताया है कि हम छह छात्र व शिक्षकों का सपना था कि हमारी आने वाली पीढ़ी को विश्व स्तरीय शिक्षण सुविधाएं मिले ताकि वे यहाँ पर अध्ययन करके राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देकर भारत को विकसित भारत बनाने में मदद करें । यह अध्ययन कक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को भी प्लेटफार्म पर आने का अवसर देगा ।जिसमें 100 छात्र एक साथ बैठकर अध्ययन कर सकेंगे ।   अध्ययन  कक्ष को गोद लेने वालों में पुस्तकालय विज्ञान के छह पूर्व छात्र व शिक्षकों में प्रोफेसर के.पी.सिंह , प्रो.मीरा , डॉ.ज्ञानेन्द्र नारायण सिंह , डॉ. विजय गौतम , डॉ. मनीष कुमार एवं डॉ.पिंकी शर्मा आदि है । पुस्तकालय विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ने कुलपति को एक मांग पत्र भी दिया जिसमें नवीन सूचनाओं से जोड़कर लाइब्रेरी के अध्ययन कक्ष को ओर बेहतर बनाने की अपील की । कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का धन्यवाद विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कुमार भट्ट ने किया ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 18, 2024

सेंट एंजेल्स स्कूल में किया गया टॉपर्स विद्यार्थियों को सम्मानित

बागपत, 17 मई 2024  (यूटीएन)। सेंट एंजेल्स पब्लिक स्कूल बागपत के छात्र-छात्राओं ने हर बार की तरह इस बार भी शानदार सफलता प्राप्त की। पिछले कई वर्षों से सेंट एंजेल्स के विद्यार्थी सीबीएसई की कक्षा 12 व कक्षा 10 के परीक्षा परिणामों में जनपद  बागपत में टॉपर्स रहे हैं। इस बार भी कक्षा 12 व कक्षा 10 के परीक्षा परिणाम में स्कूल के छात्र-छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया एवं जनपद टॉपर्स की सूची में नाम दर्ज कराया। इस अवसर पर स्कूल कैंपस में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्कूल प्रबंधक अजय गोयल व प्रधानाचार्य दीपक वर्मा ने मेधावी छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कक्षा 12 के परीक्षा परिणाम में स्कूल की मेधावी छात्रा हिमाद्री गोयल ने विज्ञान वर्ग में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर बागपत जनपद में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। हिमाद्री ने इंग्लिश में 100 अंक, फिजिक्स में 95 अंक, केमिस्ट्री में 95 अंक, बायोलॉजी में 97 व पेंटिंग में 100 अंक प्राप्त किये। इसके अलावा आकांक्षा गर्ग ने 97 प्रतिशत, रोहन वर्मा ने 93.6 प्रतिशत, शौर्य ढाका ने 93 प्रतिशत, काव्या धामा ने 92.8 प्रतिशत, शिवानी धामा ने 91.4 प्रतिशत, सोनिया ने 91.2 प्रतिशत, निशांत व नितिन ने 90.4 प्रतिशत, नव्या ने 90.2 प्रतिशत, आदित्य जिंदल ने 89.8 प्रतिशत, सुहानी ने 89 प्रतिशत, वरुण शर्मा ने 88.8 प्रतिशत, अंकिता रानी ने 88.6 प्रतिशत, सागर ने 87.8 प्रतिशत, रौनक ने 87.4 प्रतिशत व आर्यन ने 87.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जनपद में परचम लहराया। कक्षा 10 के परीक्षा परिणाम में यश मित्तल ने 97 प्रतिशत, यश चौहान ने 95.2 प्रतिशत, यानिका शर्मा ने 94.2 प्रतिशत, स्नेहा जैन ने 93.8 प्रतिशत, मिस्टी गर्ग ने 92.6 प्रतिशत, पूजा चौहान ने 92.4 प्रतिशत, खुशी ने 91.4 प्रतिशत, क्षमा यादव ने 90.8 प्रतिशत, अभिनव बंसल ने 90.6 प्रतिशत, युगांक ने 90 प्रतिशत, नमन ने 89.2 प्रतिशत, भूमिका ने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जनपद टॉपर्स की सूची में नाम दर्ज कराया। मेधावियो ने अपनी सफलता का श्रेय स्कूल के शिक्षकों को दिया। इस अवसर पर बबलेश, राजीव, अमन, शिवम, कुलदीप, मुकेश, अमित, दिवाकर, मनीष, सनोज, गौरव, हनुराज, इमरान, दीपक, अरुण, शिखा, रीना, रुचि, अंजलि, गौरव आदि शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।  बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

Ujjwal Times News

May 17, 2024

गुरुकुल विद्यापीठ का छात्र शिवांशु बना डिस्ट्रिक्ट टापर, पाए 97.8 प्रतिशत अंक

खेकड़ा,16 मई 2024  (यूटीएन)। कस्बे के गुरुकुल विद्यापीठ का कक्षा 12 का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा, जिसमें शिवांशु ने 97.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला टॉपर बना। किया। विज्ञान वर्ग में पलक ने 96.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। नगर की होली चाइल्ड एकेडमी की भारती ने 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।इसके साथ ही भारती और पलक ने भी जनपद की टॉप टेन लिस्ट में स्थान प्राप्त किया। गुरुकुल विद्यापीठ की प्रधानाचार्या प्रभा सिंघल ने बताया कि ,विद्यालय का कक्षा 12 का परीक्षा परिणाम बच्चों की मेहनत और शिक्षकों के समुचित मार्गदर्शन के समन्वय से बेहतर रहा। वाणिज्य वर्ग में शिवांशु ने 97.8 प्रतिशत, शगुन ने 85.4 प्रतिशत और नंदिनी ने 81.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किया। विज्ञान वर्ग में पलक ने 96.2 प्रतिशत, हर्ष ने 94 प्रतिशत और कृतिका ने 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कला वर्ग में नेहा ने 92.2 प्रतिशत, आरती ने 87.2 प्रतिशत और रितिका ने 86.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वहीं कक्षा दस में अंशुल वार्ष्णेय ने 90.2 प्रतिशत, क्रिस्टी धामा ने 87.8 प्रतिशत और लकी यादव ने 87.6 प्रतिशत प्राप्त किए।   बडागांव की स्यादवाद जैन एकेडमी की प्रधानाचार्या सीमा दुग्गल ने बताया कि कक्षा 12 में छात्राओं ने बाजी मारी। आयुषी ने 96.2 प्रतिशत, कशिश ने 93 प्रतिशत और रशिका ने 90.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।   होली चाइल्ड एकेडमी के प्रबंधक ब्रजपाल धामा ने बताया कि, विद्यालय के सभी विद्यार्थियों का परिणाम बेहतर रहा। कक्षा 12 में भारती धामा ने 96 प्रतिशत, अथर्व ने 95 प्रतिशत और तनिष्का ने 92.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वहीं कक्षा दस में अंशिका तोमर ने 94.8 प्रतिशत, तनु धामा ने 94.6 प्रतिशत और शिव प्रताप ने 92.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय का गौरव बढाया।   कोणार्क विद्यापीठ के प्रबंधक देवेन्द्र धामा ने बताया कि, परीक्षा परिणाम उत्साहवर्धक रहा। कक्षा 12 में प्रगति तेवतिया ने 94.4 प्रतिशत, यश नैन ने 93.4 प्रतिशत और कार्तिक त्यागी ने 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कक्षा 10 में मानवी ने 95.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर गौरव बढाया।   जैन एकेडमी के प्रधानाचार्य पूरण चंद शर्मा ने बताया कि, कक्षा 12 विज्ञान में मानसी ने 96 प्रतिशत, मेघा ने 94 प्रतिशत, दिव्या मुदगल ने 92 प्रतिशत प्राप्त किए। वाणिज्य वर्ग की छवि ने 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कला वर्ग में प्रियांशी ने 90.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वहीं कक्षा दस में माही नैन ने 93 प्रतिशत, रिया यादव ने 90 प्रतिशत, आर्यन ने 88 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।   जेपी एकेडमी के प्रबंधक जगपाल सिंह ने बताया कि ,कक्षा 12 में यशी ने 92.7 प्रतिशत, वंशिका ने 90.7 प्रतिशत और अभिजीत तेवतिया ने 82.1 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कक्षा दस में इशिका ने 94.3 प्रतिशत अंक प्राप्त कर नाम रौशन किया।   डूंडाहैडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रबंधक संजीव यादव व प्रधानाचार्या रागिनी चौधरी ने बताया कि, कक्षा 12 में कार्तिकेय यादव ने 94.6 प्रतिशत, निहारिका जैन ने 93 प्रतिशत और हर्षित चौधरी ने 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कक्षा दस में समक्ष सिंह ने 94 प्रतिशत, धैर्य ने 93 प्रतिशत, अजय, इशिका और यशस्वी ने संयुक्त रूप से 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 16, 2024

नयी पीढ़ी को चरित्र निर्माण व उत्तम स्वास्थ्य हेतु आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा आवासीय शिविर 8 व 13 जून से

छपरौली, 09 मई 2024  (यूटीएन)। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा नयी पीढ़ी को संस्कार, स्वास्थ्य और चरित्र निर्माण के लिए पांच दिवसीय शिविर 8 व 13 जून से बडौत में।किशोर एवं किशोरियों के लिए अलग अलग होंगे शिविर। बालिकाओं के लिए 13 जून से शिविर लगाए जाने की तैयारी।    जनपद बागपत के मंत्री रवि शास्त्री ने जून माह में लगने वाले योग एवं चरित्र निर्माण हेतु आवासीय शिविर के लिए जन संपर्क अभियान शुरू करते हुए नांगल के मॉडर्न एजुकेशन एकेडमी में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, शिक्षा और संस्कार से प्राप्त संगठित शक्ति से ही परिवार की एकता और वास्तविक विकास होता है। व्यक्ति जो भी कुछ करता है, वह सुख प्राप्ति व दुख निवृत्ति के लिए करता है ,इसके लिए  विकास करना आवश्यक है। इसलिए विकास करते हुए सुख प्राप्ति हो सके ,इसका आधार संगठन ही है।    इस दौरान क्षेत्र के आर्यन पब्लिक स्कूल ककोर आदर्श वैदिक विद्यालय इंटर कॉलेज नगला सिनोली, एम एजुकेशन पब्लिक स्कूल छपरौली, विजडम पब्लिक स्कूल, जनविजय इंटर कॉलेज, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय आदि में जनसंपर्क किया गया।इस अवसर पर प्रबंधक मोहन कुमार, योगेंद्र सरोहा  डॉ नीलम तोमर, जितेंद्र आर्य, हरेंद्र आर्य, सुनील आर्य, डॉ राम सिंह, विपिन राणाआदि उपस्थित रहे।   बताया कि, बडौत नगर के चौ केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल में आयोजित होने वाले दोनों आवासीय शिविरों के माध्यम से नयी पीढ़ी को निराशा और अंधकार से निकलने तथा चरित्र, स्वास्थ्य और संस्कार को प्रगति का मूल आधार बताते हुए स्वयं को गौरवान्वित करने की राह बताई जाएगी। आर्यवीर शिविरों के लिए आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र पाल‌ वर्मा, जिलाध्यक्ष सुशील राणा , कपिल आर्य आदि भी शिविरों की सफलता के लिए नई पीढ़ी से बहुत उम्मीद लगाए हैं।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |  

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May 9, 2024

शिक्षा,सेवा और सौहार्द के प्रति समर्पित समाजसेवी मा सत्तार अहमद को मिला नीरा अमृत सम्मान

बागपत,05 मई 2024  (यूटीएन)। इंसानियत को गौरवान्वित करने वाले बसौद निवासी मा सत्तार अहमद को शिक्षा, समाजसेवा, देशभक्ति के प्रति जागरूकता सहित अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए नीरा अमृत सम्मान से अलंकृत किया गया।    सम्मान के आयोजक डा हिमांशु शर्मा ने विदूषी और छात्राओं की शिक्षा के लिए समर्पित रही स्व नीरा अमृत अपने  मृदु व्यवहार और सौहार्द के लिए भी जानी जाती थी तथा उनके पति रामसेवक शर्मा आज भी ज्ञान की ज्योति जलाने में भरपूर सहयोग व निर्देशन में लगे रहते हैं। महान् विदूषी नीरा अमृत की स्मृति में शुरू किया गया यह सम्मान इसबार गांव बसौद निवासी मा सत्तार अहमद को दिया गया है, जिन्होंने बिजनौर में उर्दू टीचर के पद पर चयन को ठुकराते हुए मा- बाप की सेवा और समाज को सही राह दिखाने की ठानी तथा जीवन यापन के लिए खेती और दूध का व्यवसाय चुना।    मुस्लिम बाहुल्य गांव बसौद में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से वर्ष 1983 में एसआर माउंटेसरी स्कूल की स्थापना की और कक्षा 5 तक के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। वर्ष 2012 में स्कूल का नाम बदलकर एम अल अमन स्कूल रख दिया।    मा सत्तार का शगल है कि, उनके गांव में शादी होकर आयी बेटियों को इंटर और ग्रेजुएशन कराने और निर्धन बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उच्च शिक्षा दिलवाई जाए। मा सत्तार अहमद ने सम्मानित किये जाने के लिए आयोजनकर्त्ता डा हिमांशु शर्मा व उनके प्रतिनिधि विपुल जैन का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी नौशाबा, पुत्र समीर अहमद, पुत्रवधू रूबीना त्यागी, पुत्री तरन्नुम, राशिद, रहमान आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 5, 2024

रैगिंग रोकने के लिए यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को लागू कर रहे हैं कॉलेज

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए कॉलेजों/संस्थानों ने यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में शैक्षिक सत्र-2024-25 में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व विद्यार्थियों के लिए कॉलेजों ने अपने-अपने स्तर पर कमेटियाँ बनानी शुरू कर दी हैं। कमेटी में शिक्षकों , छात्रों व कर्मचारियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है । इसी कड़ी में अरबिंदो कॉलेज ने यूजीसी द्वारा जारी की गई।    गाइडलाइंस का पालन करते हुए कॉलेज को रैगिंग मुक्त बनाने के लिए उचित कदम उठाए हैं। अरबिंदो कॉलेज एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि किसी भी छात्र द्वारा कॉलेज में किसी अन्य छात्र को बोले गए शब्दों या लिखित अथवा किसी अन्य प्रकार से अपने से जूनियर छात्र को परेशान करने के उद्देश्य से उसके साथ अशिष्टता या दुर्व्यवहार करता है तो वह रैगिंग की श्रेणी में आएगा। कॉलेज में रैगिंग रोकने के लिए कमेटी गठित की गई और छात्र हित में कई निर्णय लिए गए । इसके अलावा स्टूडेंट्स ग्रीवेंस कमेटी , इंटरनल कम्पलेंड कमेटी तथा स्कॉलरशिप सेल आदि की कमेटियों का बोर्ड सूचनापट्ट पर लगाया गया है।    कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि रैगिंग रोकने के लिए विद्यार्थियों को कॉलेज खुलने के पहले ही दिन ओरिएंटेशन प्रोग्राम के माध्यम से जानकारी दी जाती है, साथ ही एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा यूजीसी की गाइडलाइंस को छात्रों में वितरित भी किया जाता है। फिर भी कोई छात्र रैगिंग करता हुआ पकड़ा जाता है तो कॉलेज उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि यूजीसी ने डीयू समेत सभी शिक्षण संस्थानों / कॉलेजों को सख्त निर्देश जारी किए हैं जिसमें रैगिंग रोकने के उपायों को आवश्यक रूप से लागू करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल बनाने, वर्कशाप करने, कैम्प लगाकर कानूनी पहलुओं के विषय में बताने का निर्देश दिया गया है।   उनका कहना है कि यूजीसी की गाइडलाइंस में स्पष्ट है कि शिक्षण संस्थानों / कॉलेजों में रैगिंग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।डॉ.हंसराज सुमन ने यह भी बताया है कि रैगिंग को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी दस्तों की स्थापना, एंटी रैगिंग सेल का गठन करने के अलावा कमेटी कॉलेज की महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, समय-समय पर विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने आदि कार्य करेगी।    उन्होंने यह भी बताया है कि यूजीसी व डीयू ने रैगिंग की घटनाओं से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर, विद्यार्थी टोल फ्री नंबर व एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी है इसमें छात्र अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत कर सकते हैं । उनका कहना है कि हमें अपने कॉलेज में अनुशासन की एक स्वस्थ परम्परा का निर्वाह करते हुए रैगिंग मुक्त बनाना है । डॉ.सुमन ने बताया है कि रैगिंग को लेकर इस साल यूजीसी ने सख्त कदम उठाए है , यूजीसी ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव और कॉलेज प्रिंसिपल की भी जवाबदेही तय की है। यदि कार्यवाही में देरी होती है और नियमों के मुताबिक एक्शन नहीं लेते है तो अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए ।   उनका कहना है कि लोगों के बीच सख्त संदेश जाए तभी रैगिंग के मामलों को कम किया जा सकता है और कुछ हद तक इसे रोका जा सकता है । यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपनी ड्यूटी समझकर रैगिंग जैसी बीमारी की रोकथाम करें । डॉ.सुमन ने बताया है कि हाल ही में यूजीसी ने पिछले साल रैगिंग संबंधी छात्रों की 1240 शिकायतें मिली थीं जिसमें से 1113 का निपटारा किया गया है । यूजीसी का कहना है कि अभी रैगिंग के 127 केस पेंडिंग है जिनकी जांच चल रही है। कॉलेजों में रैगिंग के केस न आएं इसके लिए छात्रों को वर्कशाप व सेमिनार के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता है ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएचडी एडमिशन में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का कोटा पूरा न भरने पर एससी/एसटी कमीशन में याचिका दायर

नई दिल्ली, 01 मई 2024  (यूटीएन)। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के अर्थशास्त्र विभाग में एससी/एसटी के उम्मीदवारों को पीएचडी एडमिशन में यूजीसी व भारत सरकार की आरक्षण नीति की सरेआम उल्लंघन किए जाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग , अनुसूचित जाति के कल्याणार्थ संसदीय समिति व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में एक विशेष याचिका दायर कर पीएचडी एडमिशन में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय कमेटी से जाँच कराने की मांग की है । फोरम के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन ने आयोग व संसदीय समिति में दायर याचिका में बताया है कि अर्थशास्त्र विभाग ने अपने यहाँ पीएचडी में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे । विभाग की अधिसूचना के अनुसार अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 11 सीटें , एससी 04 , एसटी --02 सीटें व ओबीसी कोटे  08 आरक्षित रखी गई थीं ।   लेकिन विभाग ने आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को पीएचडी एडमिशन में रोकने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमों को दरकिनार करते हुए अर्थशास्त्र विभाग ने अपने नियम बनाते हुए पीएचडी एडमिशन के लिए सीयूईटी में प्राप्त कटऑफ मार्क्स अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 55 प्रतिशत और एससी /एसटी के उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत कटऑफ रखी गई जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमानुसार पीएचडी एडमिशन के मानदंड  अनारक्षित उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत  और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 45 प्रतिशत कटऑफ रखी गई है । डॉ.सुमन ने बताया है कि अर्थशास्त्र विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय ,यूजीसी व भारत सरकार की आरक्षण नीति का सरेआम उल्लंघन करते हुए पीएचडी एडमिशन में आरक्षित श्रेणी का कोटा पूरा न देते हुए पीएचडी एडमिशन का परिणाम घोषित कर दिया गया जिसमें अनारक्षित श्रेणी के 14 उम्मीदवारों को रखा गया जबकि एससी 01 व एसटी  01   सीट को खाली छोड़ दिया गया । उनका कहना है कि विभाग ने किस आधार पर अनारक्षित उम्मीदवारों को 03 अतिरिक्त सीटें दी ।    इतना ही नहीं विभाग ने आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों की सीटों को अनारक्षित में बदल दिया गया । जबकि होना यह चाहिए था कि एसटी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं है तो उसे एससी उम्मीदवार को वह सीट दे दी जाती है  लेकिन अर्थशास्त्र विभाग ने अनारक्षित श्रेणी की 11 सीटों के स्थान पर 14 सीटें किस नियम के तहत यह सीट दी है । उनका यह भी कहना है कि विभाग ने आरक्षित सीटों को अनारक्षित सीटों में बदल दिया गया ।   इतना ही नहीं विभाग में  एससी /एसटी सीटों को जानबूझकर खाली रखा जाता है । बाद में यह कह दिया जाता है कि योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हुए ? डॉ.हंसराज सुमन ने यह भी  चिंता जताई है कि दिल्ली  विश्वविद्यालय के 102 साल के इतिहास में और देश की आजादी के 76 साल से अधिक समय के बाद भी  समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अभी तक दृष्टिकोण नहीं बदला है ? उन्होंने कहा है कि दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में यदि एससी/एसटी के छात्रों को  उच्च शिक्षा की अनुमति नहीं है  तो अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए उच्च विकास की सीढ़ी पर आगे बढ़ने का मार्ग कैसे प्रशस्त होगा यह सोचनीय विषय है ?  फोरम की  मांग हैं कि एससी/एसटी कमीशन डीयू के अर्थशास्त्र विभाग में पीएचडी एडमिशन में हुई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच तुरंत कराए और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को न्याय दिलाए ।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 1, 2024

सीसीएस विश्वविद्यालय से मान्य स्ववित्तपोषित बोर्ड के कालेजों की बैठक: महाविद्यालय पर समस्याओं के समाधान व सुझावों पर ध्यान न देने का आरोप

बागपत,01 मई 2024  (यूटीएन)। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के बोर्ड ऑफ़ कॉलेजेज की बैठक में प्रवेश संबंधी मुद्दों पर चौ चरण सिंह विश्वविद्यालय की एकतरफा नीति का विरोध किया गया। कहा गया कि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके द्वारा पूर्व में उठाई गई समस्याओं का समाधान न करके बंद कमरे में प्रवेश प्रक्रिया के नियम तैयार किए गए, जिससे  बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष एडवोकेट नितिन यादव ने बैठक में प्रवेश संबंधी मुद्दों पर विवि की एकतरफा नीति का विरोध किया और कहा कि,  बंद कमरे में नियमों को बनाता है और उसका नुकसान सेल्फ फाइनेंस संस्थानों के साथ ही छात्रों को भी उठाना पड़ता है।    29  जनवरी को संघ ने पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले एक बैठक सभी संस्थानों के साथ करने का सुझाव दिया ,लेकिन विवि ने ना तो बैठक ही आयोजित की और ना ही समस्याओं को समझने की पहल ही की। कहा कि, विवि ने जो प्रवेश नियम जारी किए हैं, उसमें आज भी कोविड -19  के समय कैसे प्रवेश करें- इसको भी सूचीबद्ध किया गया है, जबकि कोविड-19 के हालात अब नहीं हैं,  जिससे साफ है कि, प्रवेश समिति ने बंद कमरे में नियमों को बनाकर कॉलेजो और छात्रों पर थोप दिया है और समस्याओ को समझने और हल करने से उसका कोई सरोकार नहीं है।     संघ के महासचिव एवं ग्वालीखेडा स्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि, सहारनपुर विवि ने अपने संस्थानों के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं को जानने के बाद प्रवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, लेकिन सीसीएस विवि ने कॉलेजो का सुझाव लेना ही बंद कर दिया ,जबकि पूर्व में विवि पहले समस्याओं को सुनता था ,उसके बाद परीक्षा या प्रवेश के मुद्दो पर आगे बढ़ता था ,लेकिन अब विवि ,कालिजों से बिना विचार विमर्श किए ही काम कर रहा है ,जिससे कालिजों ओर छात्रों को अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।   वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अनिल शर्मा ने कहा कि, प्रवेश में मेरिट पर मेरिट लगने से छात्र हतोत्साहित होता है और मेरिट के बाद भी विवि पूरी प्रक्रिया को बाद में ओपन करता है और सीट उसके बाद भी खाली रहती हैं, तो इस तरह की प्रक्रिया को लागू करने का क्या लाभ ,जिसमे समय और संसाधन दोनों ख़राब हों।  स्ववित्तपोषित संस्थानों में पंजीकरण को अनिवार्य करते हुए सीधे प्रवेशलागू करे ,इससे सीट भी अधिकतम भरी जा सकेंगी साथ ही समय से प्रवेश प्रक्रिया भी पूर्ण होगी।   अभिनव राघव ने एलएलएम प्रवेश को लेकर विवि की नीतियों पर सवाल खड़े किये और कहा कि, जब हम अन्य कोर्स में पंजीकरण के बाद सीधे मेरिट से प्रवेश देते हैं, तो एलएलएम में प्रवेश परीक्षा की लम्बी प्रक्रिया से छात्रों को परेशान करने का क्या औचित्य है।  विवि अक्टूबर से नवंबर तक इस प्रक्रिया को लेकर जाता है ,ऐसे में एलएलएम में इच्छुक छात्र अन्य विवि में प्रवेश ले लेते हैं और इसका सीधा नुकासन स्ववित्तपोषित संस्थानों को उठाना पड़ता है।मांग की कि, विवि एलएलएम में भी सीधे पंजीकरण कराते हुआ अन्य कोर्स की तरह प्रवेश दे ,इससे कॉलेजो को समय से छात्र मिल सकेंगे।    बैठक में विवि द्वारा बिना समस्या व सुझाव  सुने ,सीधे प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने पर संघ अपनी आपत्ति राजभवन के साथ साथ शासन में भी दर्ज कराएगा और एकतरफा नीति से कॉलेजो को होने वाले नुकसान के साथ ही छात्रों के भविष्य को लेकर की जा रही अनदेखी पर कॉलेजों और  छात्रों की बात रखेगा। बैठक में 141  कॉलेजो के प्राचार्य, प्रबंधक एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। बैठक में डॉ सुमित नागर, डॉ मोनिका त्यागी, डॉ अनुज कुमार, डॉ अजय, डॉ अनिल शर्मा, डॉ ललित मोहन, डॉ नितिन राज वर्मा, डॉ प्रवीण कुमार,डॉ सीमा, डॉ अनुराग मांगलिक, आशा आदि ने अपने विचार रखे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

May 1, 2024