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○ सिरसली के जंगल में शिकारियों के खटके में फंसा तेंदुआ, 4 घंटे के बाद किया गया रेस्क्यू
○ होली चाइल्ड एकेडमी में हुआ मातृ पितृ पूजन
○ भाजपा ओबीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष द्वारा नगरपालिका के सफाई ठेके व विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत
○ विद्या भवन में मोदी हाऊस बना चैम्पियन
○ कोणार्क के तीन दिवसीय खेलों के समापन अवसर खिलाड़ी किए पुरस्कृत, बढाया हौसला
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दो दिन पूर्व हुई सन्नी की हत्या में नामजद एक अभियुक्त गिरफ्तार, आलाकत्ल डंडा व घटना में प्रयुक्त कार बरामद
बडौत, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। दो दिन पूर्व देवेन्द्र सिंह पुत्र स्व रामचन्द्र सिंह निवासी ग्राम बिजरौल द्वारा तीन नामजद व एक अज्ञात पर अपने पुत्र सन्नी की हत्या का आरोप लगाते हुए लिखित तहरीर दी थी, जिसमें कहा गया था कि,अभियुक्त शांतनु पुत्र ओमपाल, विशु पुत्र सहदेव तथा शुभम पुत्र राजेन्द्र निवासीगण ग्राम बिजरौल थाना बड़ौत व एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके पुत्र सनी की हत्या कर दी है तथा साक्ष्य मिटाने की नीयत से शव को नवनिर्मित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के पास फेंक दिया। पुलिस द्वारा थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार चहल तथा इंस्पेक्टर विनोद कुमार के नेतृत्व में हत्याकांड के खुलासे के लिए वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत 1 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है, जिसके कब्जे से आलाकत्ल 1 डण्डा व घटना में प्रयुक्त एक गाड़ी स्विफ्ट डिजायर नं एचआर 55 एएन-1656 बरामद की है। गिरफ्तार अभियुक्त विशु पुत्र सहदेव ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान बताया कि, उसकी मृतक सनी से दीपावली वाले दिन कहासुनी व गाली-गलौच हो गयी थी, जिसका बदला लेने के लिए स्वयं, शान्तनु व शुभम के साथ मृतक सनी को शराब पीने के बहाने अपनी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर से कन्डेरा गाँव को जाने वाले रोड पर लेकर गया था। रास्ते में ट्यूबवैल के पास शराब पी तथा गाडी की डिग्गी से डन्डे निकाल कर हमने सन्नी के सिर पर कई बार वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी। उसके बाद हम सनी की लाश को इसी गाडी में रखकर साक्ष्य मिटाने की नियत से नव निर्मित दिल्ली देहरादून हाईवे पर फेंक कर गाँव आ गये थे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Nov 15, 2024
रिपोर्ट: डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय
नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। डायबिटीज ने 2022 में दुनियाभर में 82.8 करोड़ लोगों को अपना शिकार बनाया। इसमें एक चौथाई भारतीय हैं। विश्व मधुमेह दिवस पर जारी लैंसेट की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2022 में भारत में करीब 21.2 करोड़ लोग इससे पीड़ित थे। एनसीडी-आरआईएससी के मुताबिक, साल 1990 के आंकड़ों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों की संख्या चार गुना अधिक बढ़ी है। इसमें कम उम्र के लोगों के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़त हुई है। *युवाओं की बढ़ती संख्या* दुनियाभर में 30 और उससे अधिक उम्र के 44.5 करोड़ युवा ऐसे हैं, जो डायबिटीज से ग्रसित होने के बाद उचित उपचार नहीं करवा पा रहे हैं। अध्ययन के अनुसार 2022 में दुनियाभर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लगभग 82.8 करोड़ लोग टाइप1 और टाइप2 डायबिटीज से पीड़ित थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले अनुमान लगाया था कि लगभग 42.2 करोड़ लोगों को पुरानी बीनारी के कारण इलाज न मिलने के कारण इसके आंकड़े बढ़े हैं। *अध्यन में हुआ खुलासा* अध्ययन में कहा गया है कि 1990 के बाद से डायबिटीज की वैश्विक दर लगभग 7 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गई है। इसमें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में डायबिटीज के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। *भारत के डाटा पर उठे सवाल* लैंसेट की रिपोर्ट में भारत में 21 करोड़ से अधिक मधुमेह रोगी होने के दावे पर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। दरअसल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया अध्ययन के अनुसार भारत में 2023 में 10.1 करोड़ मधुमेह रोगी ही हैं। आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार प्री डायबिटीक लोगों की संख्या 13 करोड़ से अधिक है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 15, 2024
खतरनाक: भारत समेत कुछ देशों तक बेची जा रही घटिया हल्दी, सीसे की मात्रा मानक से 200 गुना ज्यादा
नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। भारत के कुछ हिस्सों से लिए हल्दी के नमूनों में लेड (सीसे) की मात्रा तय मानकों से 200 गुना अधिक पाई गई है। यहां तक कि पाकिस्तान और नेपाल में बेची जा रही हल्दी में सीसे की मात्रा तय मानकों से कई गुना अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। यह खुलासा भारत और अमेरिका के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में किया गया है। *शोधकर्ताओं ने किया खुलासा* शोधकर्ताओं ने दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल के 23 प्रमुख शहरों से इकट्ठा किए गए हल्दी के नमूनों का विश्लेषण किया है। इस दौरान हल्दी के कुल 356 नमूने एकत्र किए गए। अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन, हूवर इंस्टिट्यूशन, प्योर अर्थ और नई दिल्ली स्थित फ्रीडम एम्प्लॉयबिलिटी अकादमी के शोधकर्ताओं ने 180 नमूने हल्दी की जड़ों के और 176 नमूने हल्दी पाउडर से लिए थे। इसमें से 14 फीसदी नमूनों में लेड का स्तर दो माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से अधिक था, जबकि सात फीसदी नमूनों में लेड का स्तर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा जारी मानकों से कहीं ज्यादा था। भारत के पटना और पाकिस्तान के कराची तथा पेशावर से लिए हल्दी के नमूनों में सीसे का स्तर 1,000 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से अधिक पाया गया, यानी इनमें लेड का स्तर तय मानकों से करीब 200 गुना अधिक था। *पॉलिश की गई हल्दी की जड़ें सबसे अधिक प्रदूषित* शोधकर्ताओं का कहना है कि पॉलिश की गई हल्दी की जड़ें सबसे अधिक प्रदूषित पाई गईं। हल्दी को पीला और चमकदार बनाने के लिए लेड क्रोमेट नामक जहरीले केमिकल का उपयोग किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं। *एफएसएसएआई के नियम* एफएसएसएआई द्वारा जारी नियमों के अनुसार हल्दी में लेड क्रोमेट, स्टार्च या किसी भी अन्य तरह का रंग नहीं होना चाहिए। शीषे की वजह से दुनिया में सालाना लगभग 55.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह एक तरह का हैवी मेटल है जो शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक है। *10 माइक्रोग्राम है मानक* लखनऊ, चंडीगढ़, भुवनेश्वर, अमृतसर, चेन्नई और गुवाहाटी से लिए नमूनों में भी लेड की मात्रा एफएसएसएआई द्वारा तय सीमा से अधिक पाई गई। एफएसएसएआई अधिनियम, 2011 के मुताबिक साबुत और पिसी हल्दी में स्वीकार्य सीमा 10 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम है। गुवाहाटी से लिए नमूनों में लेड का अधिकतम स्तर 127 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम रहा कराची से लिए गए हल्दी के आधे नमूनों में लेड मौजूद था। इसकी औसत मात्रा तीन माइक्रोग्राम प्रति ग्राम रही। जबकि अधिकतम स्तर 2,936 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम तक था। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 15, 2024
अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, 'राष्ट्र बोध' के लिए अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अतुलनीय
नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। अनेक कारणों से लंबे समय में समाज में यह मान्यता स्थापित हो गई है कि भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका कमजोर थी। वे अशिक्षित थीं और घर-परिवार हो या शासन-प्रशासन, उनका स्थान महत्त्वपूर्ण नहीं था और उन्हें कोई अधिकार हासिल नहीं था। लेकिन भारत के इतिहास में ऐसी अनेक महिलाएं हुई हैं जो इस प्रचलित अवधारणा का खंडन करती हैं। जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर समाज में न केवल सम्मान हासिल किया, बल्कि देश और समाज के उत्थान में इतनी महान भूमिका अदा की, जिसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता डॉ. कृष्ण गोपाल ने ये बातें अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्मशती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के लंबे असर के कारण लोगों के अंदर स्व का भाव कमजोर हो गया। आक्रांताओं के कारण समाज की कोई महिला सुरक्षित नहीं रही। इससे लोगों का स्वाभिमान कमजोर हो गया। माता अहिल्याबाई होल्कर ने इस बात को समझा और यह भी समझा कि राष्ट्र को मजबूत करने के लिए लोगों में स्वाभिमान की भावना भरना आवश्यक है। यही कारण है कि उन्होंने अपने निजी कोश से उस कालखंड में 200 मंदिरों का निर्माण करवाया। इंदौर राजघराने की माता अहिल्याबाई होल्कर के इस योगदान का यह परिणाम हुआ कि लोगों में आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई। इसी तरह विदेशी आक्रांताओं से पीड़ित समाज के बीच शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। बड़ी चतुराई से उन्होंने एक छोटा साम्राज्य स्थापित किया। 1674 में हिंदू पादशाही की स्थापना हुई। 1680 में शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई। लेकिन इस छोटे से काल खंड में ही उन्होंने जनमानस में गजब की प्रेरणा भर दी। उनकी मृत्यु के 26 साल बाद तक औरंगजेब उस छोटे से साम्राज्य लड़ता रहा और अंत में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ही उसकी मृत्यु हो गई। शिवाजी की इस पूरी शक्ति के पीछे उनकी माता जीजाबाई की प्रेरणा ही काम कर रही थी। माता जीजाबाई के इस अद्भुत योगदान को इतिहास कभी भूल नहीं सकता। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशती समारोह समिति के कार्याध्यक्ष उदयनराजे होलकर ने कार्यक्रम के पश्चात सबका धन्यवाद किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 15, 2024
सराय काले खां चौक का नाम अब मोदी सरकार ने किया बिरसा मुंडा चौक
नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के सराय कालेखां आईएसबीटी चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महान स्वतंत्रता सेनानी और जननायक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर यह जानकारी दी. भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, मैं ऐलान करता हूं आईएसबीटी बस स्टैंड के पास जो बड़ा चौक है, उसका नाम भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाता है. ताकि न सिर्फ दिल्ली के नागरिक बल्कि पूरे देश के लोग इस प्रतिमा का दर्शन करेंगे और उनके नाम से हम जीवन भर प्रेरणा ले सकेंगे. इसके अलावा इस चौक के पास ही बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया गया है। दिल्ली के बांसेरा उद्यान में हुए इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. *बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण* केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "अभी हमारे एलजी साहब ने मुझे बताया कि ये 30 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन जिस पर ये बांसेरा बनाया गया है, कभी कूड़े का ढेर हुआ करता था और आज यहां लाखों पक्षी आते हैं। जब कोई सरकार लोगों और समाज के कल्याण को ध्यान में रखकर आती है, तो ये उसका उत्तम उदाहरण है. गृहमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा,'जब सरकार मन में जन कल्याण का उद्देश्य लेकर निकलती है तो जैसे सराय काले खां का विकास किया गया है. ये पार्क इसका उदाहरण है. झारखंड में सिद्धों कानो का या बिरसा मुंडा हो, राजस्थान का आंदोलन, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना. इन सब जगह आदिवासियों के नेत्रित्व में आंदोलन चला. पूर्वोत्तर में नागा, खासी में आदिवासी आंदोलन चला, लेकिन दुर्भाग्य से इनका नाम भुला दिया गया. लेकिन मोदी सरकार 2014 से ये काम कर रही है और आदिवासियों से जुड़े तीन संग्रहालयों का निर्माण किया गया है. 2026 से पहले ये तीन संग्रहालय जनता के लिए खुलेंगे. 75 साल में पहली बार किसी आदिवासी को राष्ट्रपति बनने का मौका मोदी सरकार ने किया है. बता दें कि नाम बदलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. यूपी में 2022 में हुई निकाय चुनाव से पहले नाम बदलने की कवायद काफी तेज हो गई थी. राजधानी लखनऊ के लालबाग तिराहे का नाम बदलकर सुहेलदेव राजभर तिराहा कर दिया गया था. वहीं, मोहन भोग चौराहे से कोठारी बंधु तक सड़क का नाम बदलकर कल्याणेश्वर हनुमान मंदिर मार्ग कर दिया गया था. इसके साथ ही विराम खण्ड राम भवन चौराहे का नाम बदलकर शहीद मेजर कमल कालिया चौराहा कर दिया गया था. वहीं, बर्लिंगटन चौराहे को अशोक सिंघल चौराहा कर दिया गया था. नाम बदलने का चलन सिर्फ बीजेपी शासित इलाकों में ही नहीं देखने मिला. बल्कि, कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार वाले केरल ने भी कुछ महीनों पहले अपने राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था. जून महीने में केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया गया था. *केरल ने की थी नाम 'केरलम' करने की मांग* केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने तब कहा था कि हमारे राज्य का मलयालम में नाम केरलम है. 1 नवंबर, 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था. केरल का जन्मदिन भी 1 नवंबर को है. मलयालम भाषी समुदायों के लिए एक संयुक्त केरल बनाने की जरूरत राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही दृढ़ता से उभरी थी. लेकिन हमारे राज्य का नाम संविधान की पहली अनुसूची में केरल के रूप में लिखा गया है'. उन्होंने कहा था कि विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे 'केरलम' के रूप में संशोधित किया जाए. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Nov 15, 2024
कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद : हरदीप सिंह पुरी
नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत उम्मीद कर रहा है कि अमेरिका और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों में कच्चे तेल का अधिक उत्पादन होने से बाजार में शांति होगी और कीमतों में स्थिरता आएगी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 12वें पीएसई शिखर सम्मेलन में पुरी ने कहा कि पश्चिमी गोलार्ध के देश अधिक उत्पादन कर रहे हैं, जिससे पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक को भी उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रभावित किया जा सकता है। इससे वे अधिक कमाई कर सकेंगे। तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को परेशान करता है क्योंकि उन्हें न केवल ईंधन खरीदने पर अतिरिक्त खर्च करना पड़‌ता है, बल्कि इससे मुद्रास्फीति भी आती है जो उनके लोगों की क्रय शक्ति को कम करती है। उन्होंने कहा, आज पश्चिमी गोलार्थ से वैश्विक बाजार में अधिक उत्पादन आ रहा है। ब्राजील, गुयाना, कनाडा और अमेरिका अधिक उत्पादन कर रहे है... अधिक से अधिक तेल आने के कारण, उम्मीद है कि बाजार की स्थिति शांत हो जाएगी। पुरी ने कहा कि इससे कुछ हद तक उन उत्पादकों को भी लाभ होगा जिन्होंने तेल उत्पादन में कटौती म की है, ताकि अधिक राजस्व स अर्जित करने के लिए अधिक उत्पादन किया जा सके। कच्चे तेल निर्यातक देशों के संगठन और रूस स के नेतृत्व वाले सहयोगी (संयुक्त रूप से ओपेक) ने 2022 के अंत से कीमतों को बढ़ाने और मांग को ग पूरा करने के लिए उत्पादन में भारी ह कटौती की है। ओपेकू के सदस्य वर्तमान में कुल 58.6 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) या वैश्विक स मांग का लगभग 5.7 प्रतिशत उत्पादन कटौती कर रहे हैं। बाद में पत्रकारों से उन्होंने कहा के कि ओपेकू उत्पादन में कटौती के अपने फैसले की सक्रियता से स समीक्षा कर रहा है और एक या दो महीने में इस मुद्दे पर निर्णय ले सकता है। सीआईआई पीएसई काउंसिल के अध्यक्ष और तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के अध्यक्ष और सीईओ अरुण कुमार सिंह ने नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी सहयोग, पीएम इंटर्नशिप योजना जैसी कौशल विकास पहल और पीएसई के भीतर अत्याधुनिक तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला। सिंह ने कहा, "कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकों को एकीकृत करने से पीएसई उद्योग 4.0 के साथ तालमेल रख सकेंगे।" उन्होंने व्यवसायों पर मुकदमेबाजी की उच्च लागत के प्रभाव को भी संबोधित किया, तथा वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र, विशेष रूप से मध्यस्थता, को व्यावसायिक वातावरण का समर्थन करने के लिए अधिक लागत प्रभावी और कुशल तरीके के रूप में वकालत की। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और सामाजिक प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करने में भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच परिवर्तनकारी तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये सहयोगात्मक प्रयास उद्योगों में लचीलापन और सतत विकास के निर्माण के लिए एक आधार के रूप में काम करते हैं, जो नवाचार और साझेदारी के माध्यम से आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है। सीआईआई पीएसई काउंसिल की सह-अध्यक्ष और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुश्री वर्तिका शुक्ला ने भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में पीएसई के भीतर नवाचार और बुनियादी ढांचे के विकास की भूमिका को रेखांकित किया। स्वदेशी लड़ाकू जेट, रडार सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास में भारत के रक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने आयात निर्भरता को कम करने और उच्च तकनीक क्षमताओं का निर्माण करने की देश की क्षमता की ओर इशारा किया। उन्होंने पारदर्शिता और शासन के महत्व पर भी जोर दिया, उत्कृष्टता और जवाबदेही की वकालत की क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने उद्देश्यों को पूरा करने और भारत के सतत विकास पथ में योगदान देने का प्रयास करते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Nov 15, 2024
कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की अहम भूमिका होगी : सीआईआई पीएसई शिखर सम्मेलन
नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। शुद्ध शून्य के मामले में अग्रणी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसई) अपने व्यावसायिक संचालन को प्रभावी ढंग से कार्बन मुक्त करने और उत्सर्जन से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं, यह बात 14 नवंबर को नई दिल्ली में सीआईआई पीएसई शिखर सम्मेलन में ‘भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर मार्ग: विरासत से भविष्य को उत्प्रेरित करने तक पीएसई की भूमिका’ पर पूर्ण सत्र के दौरान ऑयल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ रंजीत रथ ने कही। उन्होंने कहा कि पीएसई की जिम्मेदारी न केवल व्यवसाय चलाने की है, बल्कि सामाजिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के इरादे से ऐसा करना है। डॉ रथ ने कहा, “पीएसई की सामूहिक खरीद का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा असर पड़ता है। चाहे वह तेल और गैस, स्टील, कोयला या बड़े पैमाने के उपकरण के लिए हो, पीएसई न केवल देश के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को सुविधाजनक बनाते हैं, बल्कि युवा उद्यमियों को बड़ा सोचने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं।” गवर्नमेंट-ई-मार्केटप्लेस (जैम) के अतिरिक्त सीईओ अजीत बी चव्हाण ने कहा, "हमने 2016 से इस प्लेटफॉर्म पर जो 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है, उसमें से लगभग 39 प्रतिशत एमएसई के पास गया है, जिससे घरेलू छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिला है।" उन्होंने कहा कि जैम पोर्टल से सरकार को कम से कम 10 प्रतिशत की बचत हुई है, जिसे अन्य सामाजिक विकास कार्यक्रमों में लगाया जा सकता है। लगभग 1.6 लाख महिला-नेतृत्व वाले एमएसई और 27,000 स्टार्टअप जैम पोर्टल पर कारोबार कर रहे हैं और प्लेटफॉर्म का लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 1 लाख स्टार्टअप करना है। उन्होंने कहा कि सभी डीपीआईआईटी-पंजीकृत स्टार्टअप को प्लेटफॉर्म पर नामांकित किया जाएगा। चव्हाण ने कहा कि इस साल पोर्टल के जरिए 5-6 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी होने की उम्मीद है उन्होंने कहा कि हमें न केवल परिचालन संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए बल्कि अधिक शोध करने के लिए भी उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी ने 2038 तक शुद्ध शून्य परिचालन उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए 24 अरब अमेरिकी डॉलर का बजट रखा है। सीआईआई पीएसई काउंसिल की सह-अध्यक्ष सुश्री वर्तिका शुक्ला ने पीएसई के लिए अपने निर्णय लेने, निवेश और परिवर्तन के हिस्से के रूप में स्थिरता और नवाचार को देखने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “पीएसई ने इस्पात, बिजली, परमाणु ऊर्जा और रक्षा आदि सहित हर क्षेत्र में धन और मूल्य जोड़ा है। उन्होंने न केवल तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध किया है, बल्कि सामाजिक रूप से भी योगदान दिया है।” और स्थिरता, एमएसएमई और प्रौद्योगिकी का समर्थन करने में पीएसई के योगदान पर प्रकाश डाला। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 15, 2024
गेटवे इंटरनेशनल स्कूल में बाल दिवस पर हुए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
बागपत, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। गेटवे इंटरनेशनल स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष्य में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के अंतर्गत सभी शिक्षकों ने हिस्सा लिया तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। जिसके अंतर्गत एक से बढ़कर एक प्ररेणादायीं गीत तथा एक नाटिका प्रस्तुत की गई। इस नाटिका के मंचन में बच्चों की चुलबुलाहट तथा शैतानियों को बहुत सुंदर तरीके से चित्रित किया गया। इसके साथ ही सभी शिक्षकों ने बच्चों की यूनिफॉर्म पहनकर विभिन्न छात्र-छात्राओं के रोल को अदा किया तथा गेटवे कैबिनेट के द्वारा दी जाने वाली सभी ड्यूटीज को पूरा किया। साथ ही इस अवसर पर शिक्षकों तथा छात्रों के बीच रस्सा कसी का मैच भी हुआ, जिसके अंतर्गत छात्रों ने बाजी मारी। इसके अलावा बच्चों का वॉलीबॉल का मैच, म्यूजिकल चेयर तथा रनिंग इवेंट कराए गए। छोटे बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के झूले तथा खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने पूरे हर्षोल्लास के साथ प्रतिभाग़ किया। कार्यक्रम के अंतर्गत मिस्टर इंडिया नाटिका को खूब सराहा गया। इसके साथ ही विद्यालय में सभी बच्चों को बाल दिवस के उपलक्ष्य में चॉकलेट भी वितरित की गई। इसके साथ ही गेम्स के विजेताओं व म्यूजिकल बैंड, परेड के बच्चों को सम्मानित किया गया। इससे पूर्व विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित चौहान के द्वारा बच्चों में नेतृत्व की भावना जागृत करने के लिए मंच से किसी भी बच्चे को एक दिन के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य की जिम्मेदारियो को संभालने के लिए आमंत्रित किया। उनके आमंत्रण पर एक दिन के लिए प्रधानाचार्य का कार्यभार कक्षा 11 की छात्रा अविका व उप प्रधानाचार्य वंश चौहान को नियुक्त किया गया, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियां को बखूबी निभाया। प्रधानाचार्य अमित चौहान ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों में लीडरशिप की भावना जागृत होती है और वह आगे चलकर बिना हिचक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका गायत्री व शिक्षक राकेश द्वारा किया गया। संध्या, नताशा, शताक्षी, प्रसन्नता, पूजा, पुष्पा, हुमेरा द्वारा संस्कृति गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संजय शर्मा, अजय राणा, प्रतिभा राज, सवेरा, मनोरमा, नदीम अहमद आदि उपस्थित थे। बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।
admin
Nov 15, 2024
मवीकलां में आर्य समाज की स्वर्ण जयंती पर प्रबुद्ध व्यक्तियों को किया गया सम्मानित
बडौत, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। आर्य समाज मवीकलां के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आर्य समाज मंदिर में स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित किया गया। समारोह में शिक्षा, पर्यावरण, समाजिक व वैदिक प्रचार प्रसार के कार्यों से जुड़े जनपद के अराजनैतिक प्रबुद्ध व्यक्तियों को शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तथा आर्य समाज की कई इकाइयों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया गया। समाजिक संस्था आंखें मिडिया सोशल नेटवर्क के डायरेक्टर समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय, रविकुमार एडवोकेट, अनंगपाल आर्य, डॉ रामकुमार व अमित कुमार हुड्डा ने आर्य समाज की प्रधान श्रीमती सत्यवती आर्या कार्यक्रम संयोजक प्रो सुरेन्द्र पाल आर्य को पगड़ी, शाल व बरगद का पौधा भेंट करते हुए 50 पौधे रोपण करने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो सुरेन्द्र पाल आर्य ने कहा कि,वेद भारतीय संस्कृति के मूल आधार हैं। वैदिक संस्कृति और प्रकृति से जुड़े बिना मानव व मानवता को विकसित नहींं किया जा सकता। समारोह की अध्यक्षता प्रधानाचार्य भोपाल सिंह खोखर व संचालन प्रो सुरेन्द्रपाल आर्य ने किया। स्वर्ण जयंती सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले प्रबुद्ध व्यक्तियों में मुख्य रूप से प्रेमसिंह वेदवान, प्रधानाचार्य अनंगपाल आर्य सिनौली, योगाचार्य मुकेश कुमार वेदालंकार, समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय, भजन उपदेशक वेदपाल आर्य, तृषपाल आर्य, योगेन्द्र आर्य, दारा सिंह योगी, अशोक आर्य, अमरपाल सिंह, अश्विनी कुमार, सुशील कुमार, मंगल सिंह, सृष्टि आर्या, सविता आर्या,मुनेश‌ चौधरी, बृजेश आर्या, सीमा आर्या, राजकली देवी, नीलम आर्या आदि शामिल रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Nov 15, 2024
कमरे में ससुरालियों ने लगाए हिडेन कैमरे, विवाहिता ने दहेज के लिए उत्पीडन का लगाया आरोप
खेकड़ा, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। रटौल कस्बे की एक विवाहिता ने ससुरालियों पर दहेज के लिए शोषण करने व ब्लैकमेल करने के लिए बेडरूम में हिडेन कैमरा लगाकर अश्लील वीडियो बनाने का आरोप लगाया है। उसने कोतवाली में तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग भी की है। रटौल कस्बे की एक युवती की शादी करावल नगर के युवक के साथ हुई थी। युवती का आरोप है कि, शादी में दहेज में महंगी कार और सोने चांदी के लाखों रुपए के जेवर दहेज में दिए गए थे, लेकिन ससुरालिए उससे संतुष्ट नहीं हुए। वह उसे पर 10 लाख रुपए की नगदी दहेज में लाने का दबाव बनाने लगे। पति ने तो उसकी पिटाई भी करनी शुरू कर दी थी। बताया कि, जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने ब्लैकमेल करने के लिए उसके और उसके पति के सम्बंधो की वीडियो बनाने के लिए चोरी से उसके बेडरूम में हिडेन कैमरा लगा दिया। कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद का कहना है कि, जांच शुरू कर दी है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Nov 15, 2024