-
○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल – मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7078277779 / +91 9927127779 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
advertisment
बिज़नस
एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
National
Nov 16, 2024
पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
National
Nov 16, 2024
आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
National
Nov 16, 2024
रिपोर्ट: डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय
National
Nov 15, 2024
खतरनाक: भारत समेत कुछ देशों तक बेची जा रही घटिया हल्दी, सीसे की मात्रा मानक से 200 गुना ज्यादा
National
Nov 15, 2024
अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, 'राष्ट्र बोध' के लिए अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अतुलनीय
National
Nov 15, 2024
ग्लेडिएटर 2:दिल थाम कर देखेंगे फिल्म के एक्शन सींस रोम के योद्धा की एक अद्भुत कहानी की अगली कड़ी
National
Nov 15, 2024
सराय काले खां चौक का नाम अब मोदी सरकार ने किया बिरसा मुंडा चौक
National
Nov 15, 2024
कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद : हरदीप सिंह पुरी
National
Nov 15, 2024
कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की अहम भूमिका होगी : सीआईआई पीएसई शिखर सम्मेलन
National
Nov 15, 2024
advertisment
मनोरंजन
एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
National
Nov 16, 2024
पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
National
Nov 16, 2024
आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
National
Nov 16, 2024
रिपोर्ट: डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय
National
Nov 15, 2024
खतरनाक: भारत समेत कुछ देशों तक बेची जा रही घटिया हल्दी, सीसे की मात्रा मानक से 200 गुना ज्यादा
National
Nov 15, 2024
अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, 'राष्ट्र बोध' के लिए अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अतुलनीय
National
Nov 15, 2024
ग्लेडिएटर 2:दिल थाम कर देखेंगे फिल्म के एक्शन सींस रोम के योद्धा की एक अद्भुत कहानी की अगली कड़ी
National
Nov 15, 2024
सराय काले खां चौक का नाम अब मोदी सरकार ने किया बिरसा मुंडा चौक
National
Nov 15, 2024
कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद : हरदीप सिंह पुरी
National
Nov 15, 2024
कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की अहम भूमिका होगी : सीआईआई पीएसई शिखर सम्मेलन
National
Nov 15, 2024
बौद्ध मूल्य एशियाई राष्ट्रों के लिए बंधन की शक्ति हैं: पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन
बौद्ध समुदाय की आध्यात्मिक निरंतरता और आपसी मेलजोल के लिए पवित्र बौद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी को और अधिक प्रोत्साहित किया
नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। एशियाई संस्कृति, परंपरा और मूल्य इतिहास के हमलों को सहते हुए भी अडिग रहें हैं, जो बुद्ध के अंतर्निहित मूल्यों का प्रमाण है। पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बुद्ध की शिक्षाएं दर्शन शास्त्र के साथ-साथ व्यवहारिक रूप से भी एशिआई राष्ट्रों और संस्कृतियों को संकट के समय में स्थिर रखने में मदद करती हैं। संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) द्वारा आयोजित पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन का विषय था 'एशिया को मजबूत बनाने में बौद्ध धम्म की भूमिका', जिसमें 32 देशों के 160 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। महासंघ के सदस्य, विभिन्न मठवासी परंपराओं के प्रमुख, भिक्षु, भिक्षुणियां, राजनयिक समुदाय के सदस्य, बौद्ध अध्ययन के शिक्षक, विशेषज्ञ और विद्वान, लगभग 700 प्रतिभागियों ने इस विषय पर उत्साहपूर्वक चर्चा की। इसे ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन और महत्वपूर्ण आयोजन बताते हुए वियतनाम के राष्ट्रीय वियतनाम बौद्ध संघ के उपाध्यक्ष थिच थीएन टैम ने कहा कि इसने बौद्ध विरासत के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की है, जिसकी जड़ें यहां हजारों वर्षों से है और जो पूरे एशिया में सांस्कृतिक कूटनीति और आध्यात्मिक समझ को आकार देती रही है।
उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में वर्तमान समय की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में बौद्ध धम्म की स्थायी प्रासंगिकता को प्रदर्शित किया है तथा आध्यात्मिक मार्गदर्शक और सांस्कृतिक सेतु के रूप में धम्म की शक्ति को रेखांकित किया है, जो सीमाओं के पार शांति, करुणा और समझ को बढ़ावा देने में सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो दिनों में हुई चर्चाओं की विविधता और गहराई ने राष्ट्रों को एकजुट करने में बौद्ध धम्म की महत्वपूर्ण भूमिका को सुदृढ़ किया है तथा अहिंसा, नैतिक अखंडता और सामूहिक कल्याण के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। श्रीलंका से अमरपुरा महानिकाय के महानायके, वासकादुवे महिंदावांसा महानायके थेरो, ने कहा कि यह तथ्य कि विभिन्न परंपराओं के महान गुरु यहां अहिंसा और शांति पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं, जबकि बाहर जो दुनिया है वो बंदूकों और रॉकेटों से अपने और इस ग्रह को नष्ट कर रही है, यह दर्शाता है कि हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। "हमें अपने दिल में उस ऊर्जा को पैदा करना है, उसे फैलाते रहना है; एक दिन निश्चित रूप से हम अपना लक्ष्य प्राप्त करेंगे," उनके उत्साहवर्धक शब्द थे।
नेपाल से लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष खेंपो चिमेड ने सुझाव दिया कि इस सभा से पता चलता है कि संघ के कई विद्वान और जानकार सदस्य हैं, यह समय इस महान ज्ञान और ऐतिहासिक ज्ञान को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने का है। उन्होंने कहा, "ज्ञान को हस्तांतरित करने के लिए मठवासी शिक्षा के लिए हिमालय में एक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करके ऐसा किया जा सकता है।"
अपने विशेष संबोधन में, धर्मशाला, भारत से ड्रेपुंग लोसेलिंग मठ के क्यबजे योंगज़िन लिंग रिनपोछे ने कहा कि यद्यपि तिब्बतियों को अपनी भूमि छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन इसका परिणाम यह हुआ कि वे पूरी दुनिया में फैल गए और दुनिया भर में सैकड़ों मठ बन गए। "अब बहुत से लोग बौद्ध धर्म के बारे में जानते हैं, हमें तिब्बती संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित करना होगा, और जैसा कि दलाई लामा वकालत करते हैं, प्राचीन भारतीय नालंदा परंपरा को पुनर्जीवित करना होगा। अपने ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ मजबूत संबंध बनाएं, आध्यात्मिक रूप से सहयोग करें और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें। आइए हम यहां मौजूद सभी लोगों द्वारा दिखाए गए समर्पण से प्रेरित होकर आगे बढ़ें, "उनके उत्साहवर्धक शब्द थे।
अपने समापन भाषण में, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव शत्से खेंसुर जंगचुप चोएडेन ने सभा को आशीर्वाद देते हुए, बुद्ध धम्म की जन्मस्थली से विश्व से बौद्ध मूल्यों को बढ़ावा देने का आह्वान किया, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सद्भाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन के समापन पर दिल्ली घोषणापत्र पढ़ते हुए आईबीसी के महानिदेशक श्री अभिजीत हलदर ने कहा कि गहन विचार-विमर्श और साझा आकांक्षाओं का कुल निचोड़ जो सामने आया, उसका उद्देश्य एक दयालु, सामंजस्यपूर्ण और समावेशी एशिया को बढ़ावा देना था। भविष्य में जिन क्षेत्रों में काम करने की आवश्यकता है, वे हैं: बौद्ध धम्म के सिद्धांत के आधार पर एशियाई देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना। बौद्ध साहित्य पर काम करना, विशेष रूप से पाली भाषा पर, जिसमें बुद्ध के मूल शब्द, दर्शन और उसको व्यवहारिक रूप देना शामिल है। बौद्ध समुदाय की आध्यात्मिक निरंतरता और आपसी मेलजोल के लिए पवित्र बौद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं को शामिल करते हुए एक नए मूल्य-आधारित समाज का निर्माण करना, युवाओं को अधिक सक्रिय रूप से शामिल करने की दिशा में कार्य करना।
बौद्ध कला और विरासत (वास्तुकला सहित) की ऐतिहासिक यात्रा को बढ़ावा देना और साझा करना।
बौद्ध तीर्थयात्रा और जीवंत विरासत के माध्यम से एशियाई बौद्ध सर्किट को जोड़ना। बुद्ध धम्म के वैज्ञानिक और चिकित्सीय पहलुओं की प्रासंगिकता को पहचानना। बुद्ध की शिक्षाएं हम सभी को एकजुट और एक साथ बांधती हैं, जो इसकी समकालीन प्रासंगिकता को सुदृढ़ करती हैं। इस शिखर सम्मेलन में नैतिक शासन, करुणामयी कार्रवाई और सजगता के साथ सतत विकास के लिए मार्गदर्शक ढांचे के रूप में बौद्ध धम्म की भूमिका की पुनः पुष्टि हुई। आईबीसी के महानिदेशक ने कहा कि बौद्ध राष्ट्रों और आईबीसी की सामूहिक प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करेगी कि बुद्ध धम्म का स्थायी संदेश एक सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध भविष्य की ओर एशिया की यात्रा को प्रेरित और समर्थन करना जारी रखे।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
नेशनल
एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
National
Nov 16, 2024
पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
National
Nov 16, 2024
आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
National
Nov 16, 2024
रिपोर्ट: डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय
National
Nov 15, 2024
खतरनाक: भारत समेत कुछ देशों तक बेची जा रही घटिया हल्दी, सीसे की मात्रा मानक से 200 गुना ज्यादा
National
Nov 15, 2024
अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, 'राष्ट्र बोध' के लिए अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अतुलनीय
National
Nov 15, 2024
ग्लेडिएटर 2:दिल थाम कर देखेंगे फिल्म के एक्शन सींस रोम के योद्धा की एक अद्भुत कहानी की अगली कड़ी
National
Nov 15, 2024
सराय काले खां चौक का नाम अब मोदी सरकार ने किया बिरसा मुंडा चौक
National
Nov 15, 2024
कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद : हरदीप सिंह पुरी
National
Nov 15, 2024
कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की अहम भूमिका होगी : सीआईआई पीएसई शिखर सम्मेलन
National
Nov 15, 2024
इंटरनेशनल
एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
National
Nov 16, 2024
पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
National
Nov 16, 2024
आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
National
Nov 16, 2024
रिपोर्ट: डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय
National
Nov 15, 2024
खतरनाक: भारत समेत कुछ देशों तक बेची जा रही घटिया हल्दी, सीसे की मात्रा मानक से 200 गुना ज्यादा
National
Nov 15, 2024
अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, 'राष्ट्र बोध' के लिए अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अतुलनीय
National
Nov 15, 2024
ग्लेडिएटर 2:दिल थाम कर देखेंगे फिल्म के एक्शन सींस रोम के योद्धा की एक अद्भुत कहानी की अगली कड़ी
National
Nov 15, 2024
सराय काले खां चौक का नाम अब मोदी सरकार ने किया बिरसा मुंडा चौक
National
Nov 15, 2024
कच्चे तेल के अधिक उत्पादन से कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद : हरदीप सिंह पुरी
National
Nov 15, 2024
कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की अहम भूमिका होगी : सीआईआई पीएसई शिखर सम्मेलन
National
Nov 15, 2024
advertisment