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केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की प्रमुख बातें

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश की। इस बजट की प्रमुख बातें निम्‍नलिखित हैं : *बजट अनुमान 2024-25:* o  ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये  o  कुल व्‍यय: 48.21 लाख करोड़ रुपये o  सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़ o  वित्‍तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत। •  सरकार का लक्ष्‍य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है। •  मुद्रास्‍फीति कम, स्‍थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्‍य की ओर जारी है। •  कोर मुद्रास्‍फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत। •  बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्‍य वर्ग पर विशेष ध्‍यान है.   *रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं* •  4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल। 1. योजना क- पहली बार वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा। 2. योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्‍ट स्‍केल पर प्रोत्‍साहन राशि उपलब्‍ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है। 3. योजना ग- नौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्‍ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्‍त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपये प्रत्‍येक महीना भुगतान करेगी। 4. कौशल के लिए नई केन्‍द्र प्रायोजित योजना •  अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा। •  1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों का उन्‍नयन किया जाएगा। 5. पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए  नई योजना।   *‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :* 1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता 2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4. विनिर्माण और सेवाएं 5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अवसंरचना 8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और 9. अगली पीढ़ी के सुधार  *प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता* •  कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।  •  किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। •  प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। •  प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। •  तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा।   *प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण* •  प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण  में रोजगार सृजन,  योजना ग- नियोक्‍ताओं को मदद। •  कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए o  औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्‍थापना।  o  महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन o  महिला स्‍वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना *कौशल विकास* o  प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्‍द्र प्रायोजित नई योजना। o  7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना। o  सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता। *प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय* *पूर्वोदय* •  अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास। •  21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट का नया विद्युत संयंत्र शामिल। *आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम* •  बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की  विशेष वित्तीय सहायता। •  विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में औद्योगिक केन्‍द्र। *महिलाओं के नेतृत्‍व विकास* महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान •  जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे।  *उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं* उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्‍ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलना। प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं *विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना* •  गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी योजना। *संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता* • एमएसएमई को उनके संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था। *मुद्रा लोन* •  ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है। *ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना* •  खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया।  *फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां* •  एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। *ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र* •  एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे। *महत्वपूर्ण खनिज मिशन* •  घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना होगी। *खनिजों का अपतटीय खनन* •  पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू होगी। *डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) अनुप्रयोग* •  ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा प्रदायगी और शहरी शासन के क्षेत्र में डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास। *प्राथमिकता 5: शहरी विकास* *आवागमन उन्मुखी विकास* •  30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। *शहरी आवास* •  प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा।  *स्ट्रीट मार्केट* •  अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना। *प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा* *ऊर्जा परिवर्तन* •  रोजगार, विकास और पर्यावरण स्थायित्व की आवश्यकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज। *पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी* •  विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति। *छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास* •  भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। *उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट* •  उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्‍तावित। ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप • ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट' पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त विनियम। *प्राथमिकताः 7 अवसंरचना* *केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश* पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान। राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना में निवेश •  राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान। *प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना* (पीएमजीएसवाई) • 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा। *सिंचाई और बाढ़ उपशमन* • बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्‍य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता। सरकार बाढ़, भूस्‍खलन और अन्‍य संबंधित परियोजनाओं के लिए असम, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।  *पर्यटन* विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्‍यापक विकास।  •  ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता। *प्राथमिकता 8: नवाचार, अनुसंधान और विकास* • मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड।  • वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पूल व्यवस्था। *अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था* • अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि। *प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार* *ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य* • सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार • संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, • वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण • भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और • कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना। *शहरी भूमि संबंधी कार्य* • शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा। *श्रमिकों के लिए सेवाएं* • ऐसे वन स्‍टॉप समाधान के लिए ई-श्रम पोर्टल को अन्‍य पोर्टलों से जोड़ना। • तेजी से बदलते श्रमिक बाजार,  कौशल संबंधी जरूरतों और उपलब्‍ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए मुक्‍त आर्किटेक्‍चर डाटाबेस। • रोजगार के इच्‍छुक लोगों को संभावित नियोक्‍ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रणाली। *एनपीएस वात्‍सल्‍य* • नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्‍सल्‍य। *अप्रत्‍यक्ष कर* *जीएसटी* • जीएसटी की सफलता से उत्‍साहित होकर, जीएसटी के शेष क्षेत्रों तक विस्‍तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना। क्षेत्र विशेष के लिए सीमा शुल्‍क के प्रस्‍ताव *औषधियां एवं चिकित्‍सा उपकरण* • कैंसर की तीन दवाइयां- ट्रेस्‍टुजुमाब डिरूक्‍सटीकेन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमैब को सीमा शुक्‍ल से पूरी तरह छूट। • चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्‍सरे ट्यूब और मेडिकल एक्‍सरे मशीनों में इस्‍तेमाल हेतु फलैट पैनल डिडेक्‍टरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क में बदलाव। *मोबाइल फोन और संबंधित पुर्जे* • मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्‍बली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। *कीमती धातु* • सोने और चांदी पर सीमा शुल्‍क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया और प्‍लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया। *अन्‍य धातु* • लौह, निकेल और ब्लिस्‍टर तांबे पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। • लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। • तांबा स्‍क्रैप पर 2.5 प्रतिशत रियायती मूलभूत सीमा शुल्‍क। *इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स* • रेजिस्‍टरों के विनिर्माण हेतु ऑक्‍सीजन मुक्‍त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। *रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स* • अमोनियम नाइट्रेट पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया। *प्‍लास्टिक* पीवीसी फ्लैक्‍स बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया। दूरसंचार उपकरण • विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरण के पी.सी.बी.ए. पर बीसीडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *व्यापार सुविधा* • घरेलू विमानन और नाव तथा जलयान के एमआरओ उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से मरम्मत के लिए आयात की गई वस्‍तुओं के निर्यात के लिए समयावधि को छह महीनों से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव। • वारंटी वाली वस्‍तुओं को मरम्मत के लिए पुनः आयात करने की समय-सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रस्ताव। *महत्वपूर्ण खनिज* • 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट। • 2 महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव। *सौर ऊर्जा* • सोलर सैल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्‍क के दायरे से बाहर। *समुद्री उत्पाद* • कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले विभिन्‍न कच्‍चे माल को भी सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव। *चमड़ा और कपड़ा* • बत्तख या हंस से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव। • स्पैन्डेक्स यार्न के विनिर्माण के लिए मिथाइलेन डाईफिनाइल डाईआईसोसाएनेट (एमडीआई) पर बीसीडी को कुछ शर्तों के साथ 7.5 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *प्रत्यक्ष कर* • करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों जारी रहेंगे। • सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर। • वित्त वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत कर व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने सरलीकृत कर व्‍यवस्‍था का लाभ उठाया। *धर्मार्थ संस्थाओं और टीडीएस का सरलीकरण* • धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव। • विभिन्‍न भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जाएगा। • म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त करने का प्रस्‍ताव। • ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणी फाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव। *पुनः निर्धारण का सरलीकरण* किसी कर निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन से पांच वर्षों के बाद किसी कर निर्धारण को नए सिरे से केवल तभी खोला जा सकेगा जब कर से छूट प्राप्त आय 50 लाख या उससे अधिक हो। सर्च मामलों में समय सीमा को दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव। कैपिटल गेन का सरलीकरण और युक्तिकरण • कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में लघु अवधि के लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगेगा। • सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घ अवधि के लाभों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। • परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव। *करदाता सेवाएं* • सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन सम्मिलित हैं, को अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा। *मुकदमेबाजी और अपील* • अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 का प्रस्ताव। • टैक्स अधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख रुपये, 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव। • अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी को कम करने और निश्चितता प्रदान करने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार। *रोजगार और निवेश* • स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव। • भारत में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रस्ताव। देश में अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हार्बर दरों का प्रावधान। •  विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *कर आधार का विस्तार* •  फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • प्राप्तकर्ता के द्वारा शेयरों की पुनः खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगेगा। *सामाजिक सुरक्षा लाभ* एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। •  20 लाख रूपये तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर-दांडिक बनाने का प्रस्ताव। *वित्त विधेयक के अन्य प्रमुख प्रस्ताव* • 2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस। *नई कर व्‍यवस्‍था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव* • वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रूपये से बढ़ाकर 75,000 रूपये करने का प्रस्ताव। • पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये करने का प्रस्ताव। *कर दरों का संशोधित संरचना:* 0-3 लाख रूपये   शून्य   3-7 लाख रूपये   5 प्रतिशत   7-10 लाख रूपये   10 प्रतिशत   10-12 लाख रूपये   15 प्रतिशत   12-15 लाख रूपये   20 प्रतिशत   15 लाख रूपये से अधिक   30 प्रतिशत   नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में ₹ 17,500/- तक की बचत होगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

शाह, राजनाथ, शिवराज से गडकरी तक... बजट में किस मंत्री को मिला सबसे ज्यादा पैसा

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश कर दिया. सीतारमण के मुताबिक, बजट में गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं पर फोकस रखा गया है. हर बार की तरह इस बार भी आम बजट में मंत्रालय के लिए भी पैसा आवंटित किया गया है. आइए जानते हैं कि मोदी सरकार ने मंत्रालयों के लिए कितने पैसों का प्रावधान किया गया है. बजट 2024-25 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सबसे ज्यादा पैसा मिला है. यह मंत्रालय नितिन गडकरी के पास है. बजट में नितिन गडकरी के परिवहन मंत्रालय के लिए 544128 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.    *रक्षा मंत्रालय को 454773 करोड़ रु* इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रक्षा मंत्रालय है, जो राजनाथ सिंह के पास है. बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए 454773 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अमित शाह के गृह मंत्रालय के लिए 150983 करोड़ का प्रावधान किया गया है.    *कृषि के लिए 151851 करोड़ का प्रावधान* वहीं, शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्रालय के लिए बजट में 151851 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा हेल्थ मिनिस्ट्री के लिए 89287 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह मंत्रालय जेपी नड्डा के पास है.इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान के शिक्षा मंत्रालय के लिए 125638 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, विदेश मंत्रालय के लिए 22155 करोड़ का प्रावधान किया गया है. शहरी विकास के लिए बजट में 82577 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय को 68769 करोड़ रुपये, आईटी और दूरसंचार मंत्रालय के लिए 116342 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, ग्रामीण विकास के लिए 265808 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, इस साल मैंने ग्रामीण अवसंरचना सहित ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.    *4 साल में सबसे कम हुआ साइज, वित्त मंत्री ने रक्षा बजट में की 1.67 लाख करोड़ की कटौती* बजट में उन्होंने कृषि से लेकर युवाओं के कौशल विकास तक कई सेक्टरों के लिए ऐलान किए. वहीं दूसरी ओर इस बजट में रेलवे और डिफेंस जैसे सेक्टरों को निराशा हाथ लगी. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में जहां रेलवे का एक ही बार जिक्र किया, वहीं रक्षा क्षेत्र के बजट में भारी-भरकम कटौती कर दी गई.   *अंतरिम बजट की तुलना में इतनी बड़ी कटौती* वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे पहले फरवरी में आए अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 6.21 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था. यानी चार महीने पहले आए अंतरिम बजट की तुलना में अब पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब डिफेंस सेक्टर के बजट में इस तरह की कटौती हुई है.   इस तरह बढ़ रहा था रक्षा क्षेत्र पर खर्च इससे पहले मोदी सरकार के कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र का बजट लगातार बढ़ता गया था. इस बार के बजट से पहले पिछले चार साल में रक्षा बजट का आकार लगभग 30 फीसदी बढ़ा था. साल 2020 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ने 4.71 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. उसके बाद 2021 के बजट में रक्षा क्षेत्र के खर्च को बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये किया गया था. *4 साल में सबसे कम हुआ रक्षा बजट* साल 2022 के बजट में पहली बार रक्षा बजट का आकर 5 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था और 5.25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. वहीं पिछले साल यानी 2023 के बजट में रक्षा क्षेत्र को मोदी सरकार ने 5.94 लाख करोड़ रुपये दिया था. चार महीने पहले आए अंतरिम बजट में तो रक्षा बजट का साइज बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया था. हालांकि इस बार रक्षा क्षेत्र को 4.54 लाख करोड़ रुपये मिले हैं, जो 4 साल में सबसे कम हैं. साल 2019 में रक्षा क्षेत्र को इससे भी कम 3.19 लाख करोड़ रुपये मिले थे.   *6 लाख करोड़ से ज्यादा की थी उम्मीद* पिछले साल आए बजट तक देखें तो बीते 4 साल के दौरान रक्षा क्षेत्र के बजट में 6.5 फीसदी की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी हो रही थी. मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों का ज्यादा से ज्यादा सामान खुद तैयार करे और आयात पर निर्भरता कम हो. इसके साथ ही सरकार का जोर सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है. ऐसे में लोग रक्षा क्षेत्र का बजट 6 लाख करोड़ रुपये से तो ऊपर ही रहने की उम्मीद कर रहे थे.   *रेलवे सेक्टर हो गया इग्नोर, वित्त मंत्री के भाषण में सिर्फ एक बार आया जिक्र* वित्त वर्ष 2024-25 के बजट से उम्मीद लगाए बैठे रेल यात्रियों के हाथ एक बार फिर निराशा आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को संसद में नया बजट पेश किया. उनके बजट भाषण में रेलवे सेक्टर पूरी तरह से हााशिए पर खिसक गया और करीब डेढ़ घंटे के भाषण में सिर्फ एक बार रेलवे का जिक्र आया.   *साल 2016 में आया था आखिरी रेल बजट* कुछ साल पहले तक बजट के सीजन में रेल बड़ा आकर्षण हुआ करता था. अभी बहुत समय नहीं बीता है, जब अलग से रेल बजट आया करता था और उसे खूब सुर्खियां मिली करती थीं. हालांकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सितंबर 2016 में रेल बजट को आम बजट में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई. उसके बाद 2017 में जब बजट पेश हुआ तो रेल बजट उसका एक हिस्सा बन चुका था.   *आंध्र प्रदेश के बहाने हुआ एक बार जिक्र* हालांकि अलग से रेल बजट समाप्त होने के बाद संयुक्त बजट में भी रेलवे की अच्छी-खासी हिस्सेदारी होती थी. बजट में रेलवे को लेकर कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया जाता था. ऐसा पहली बार हुआ है, जब बजट में रेलवे इस तरह से हाशिए पर खिसका हो और पूरे बजट भाषण में उसके हिस्से में सिर्फ एक बार का जिक्र आया हो. दिलचस्प है कि वह एक जिक्र भी सीधे-सीधे रेलवे के कारण नहीं हुआ. वित्त मंत्री ने वह एकमात्र जिक्र आंध्र प्रदेश में इंफ्रा प्रोजेक्ट के बारे में बोलने के दौरान किया.   *इन उम्मीदों पर बजट में फिरा पानी* बजट से पहले लोग रेलवे को लेकर काफी उम्मीद लगाए हुए थे. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में रेलवे पर काफी काम भी किया है. हाल-फिलहाल में एक के बाद एक कई रेल दुर्घटनाएं सामने आई हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि बजट में रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने संबंधी उपायों का ऐलान किया जा सकता है. वहीं रेल यात्रा से जुड़ी सालों पुरानी टिकट नहीं मिलने की समस्या के समाधान की भी उम्मीद की जा रही थी. ऐसा माना जा रहा था को मोदी सरकार बजट में नई व आधुनिक ट्रेनों की सौगात रेल यात्रियों को दे सकती है.   *वरिष्ठ नागरिकों-महिलाओं को रियायत नहीं* रेल यात्रियों में वरिष्ठ नागरिकों को महिलाओं को कोविड के बाद से समाप्त रियायत बहाल होने की भी उम्मीद थी. कोविड से पहले तक वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को रेल टिकट पर विशेष रियायत मिलती थी. लॉकडाउन के बाद जब दोबारा ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो इस रियायत को समाप्त कर दिया गया. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बजट में रियायतें दोबारा चालू हो सकती हैं. हालांकि सरकार ने इस मुद्दे पर अपना रुख हमेशा साफ रखा था कि उसका इरादा इन रियायतों को फिर से शुरू करने का नहीं है.   *जानिए किसे-कितनी राशि आवंटित की गई?* मंत्रालय। ** राशि (करोड़ रुपए में) वित्त मंत्रालय 1858158.52 रक्षा मंत्रालय 621940.85 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 278000.00 रेल मंत्रालय 255393.00 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 223323.36 गृह मंत्रालय 219643.31 ग्रामीण विकास मंत्रालय 180233.43 रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय 168499.87 संचार मंत्रालय 137293.90 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय 132469.86 शिक्षा मंत्रालय 120627.87 जल शक्ति मंत्रालय 98713.78 स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 90958.63 आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय 82576.57 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 26092.19 परमाणु ऊर्जा विभाग 24968.98 श्रम और रोजगार मंत्रालय 22531.47 विदेश मंत्रालय 22154.67 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय 22137.95 इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 21936.90 ऊर्जा मंत्रालय 20502.00 नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय ऊर्जा 19100.00 विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय 16628.12 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 15930.26 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता 14225.47 अंतरिक्ष विभाग 13042.75 आदिवासी मामलों का मंत्रालय 13000.00 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय 11469.14 भारी उद्योग मंत्रालय 7242.00 मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय 7137.68 कानून और न्याय मंत्रालय 6788.33 पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय 5900.00 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 5453.83 कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय 4520.00 वस्त्र मंत्रालय 4417.03 सूचना और प्रसारण मंत्रालय 4342.55 आयुष मंत्रालय 3712.49 युवा मामले एवं खेल मंत्रालय 3442.32 पर्यावरण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय जलवायु परिवर्तन 3330.37 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 3290.00 संस्कृति मंत्रालय 3260.93 अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय 3183.24 पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय 3064.80 कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय 2667.06 पर्यटन मंत्रालय 2479.62 कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय 2379.87 बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय 2377.49 नागरिक उड्डयन मंत्रालय 2357.14 खान मंत्रालय 1941.06 राष्ट्रपति, संसद, संघ लोक सेवा आयोग और उपराष्ट्रपति का सचिवालय 1884.92 पंचायती राज मंत्रालय 1183.64 सहकारिता मंत्रालय 1183.39 योजना मंत्रालय 837.26 इस्पात मंत्रालय 325.66 कोयला मंत्रालय 192.55 संसदीय मामलों का मंत्रालय 64.00 कुल योग 4820512.08.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

रोजगार से आयकर तक बजट के दस बड़े एलान

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवर को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बार के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स समाप्त करने और नई कर प्रणाली के तहत कर दरों में बदलाव करने का भी एलान किया है। वित्त मंत्री ने पहली बार नौकरी करने वालों को भी राहत देने से जुड़ी घोषणाएं की हैं। आइए 10 बिंदुओं में समझते हैं बजट से जुड़ी खास बातें।   *1. पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा* सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है रोजगार और कौशल विकास। इसके तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ी मदद मिलने जा रही है। फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।   *2. पीएफ में एक महीने का योगदान सरकार देगी* सरकार रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को भी फायदा देने जा रही है। यह फायदा भविष्य निधि यानी पीएफ में एक महीने के योगदान के रूप में होगा।   *3. एक करोड़ युवाओं को टॉप-500 कंपनियों में 12 महीने इंटर्नशिप और हर महीने भत्ता* वित्त मंत्री निर्मण सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसमें युवाओं को कारोबार के वास्तविक माहौल को जानने और अलग-अलग पेशे की चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। यही नहीं, उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।   *4. नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव* नई कर प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनरों को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव से 10 लाख से ज्यादा वेतन पाने वालों को 17,500 रुपये की बचत होगी। नई कर प्रणाली में टैक्स स्लैब इस तरह से तैयार किया गया है। शून्य - 3 लाख रुपये - 0 3 से 7 लाख रुपये - 5% 7 से 10 लाख रुपये - 10% 10 से 12 लाख रुपये - 15% 12 से 15 लाख रुपये - 20% 15 लाख से ज्यादा - 30%  *5. म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर अब नहीं लगेगा टीडीएस* चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।  विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा। म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है। ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है। *6. पीएम गरीब कल्याण योजना 5 साल के लिए बढ़ी* हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंतरिम बजट में हमने विकसित भारत को रोडमैप को देने का वादा किया था। *7. मोबाइल फोन और उपकरण सस्ते होंगे* वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन और उपकरणों के सस्ते होने से जुड़े एलान किए हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन में इजाफा हुआ है। इस कारण मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाया जाएगा। घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। इसकी समग्र समीक्षा की जाएगी ताकि इसे और आसान किया जा सके।    *8. कैंसर की तीन और दवाओं को पूरी तरह से सीमा शुल्क से मुक्त किया गया* वित्त मंत्री ने कैंसर के मरीजों के लिए तीन और दवाओं को पूरी तरह सीमा शुल्क से मुक्त करने का एलान किया है। इसके साथ ही एक्सरे ट्यूब, फ्लैट पैनल डिटेक्टर में भी सीमा शुल्क घटाने का एलान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क छह फीसदी और प्लेटिनम पर 6.4 फीसदी घटाया गया।   *9. बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये* बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा। पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी।   *10. वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े जरूरी एलान किए* वित्त मंत्री ने पर्यटन के विकास पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान रहने ही बात अपने बजट भाषण में कही है। उन्होंने महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर निर्माण के एलान की बात कही है। गया के विष्णुपद मंदिर में भी कॉरिडौर बनाया जाएगा। यह काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर जैसे ही होंगे राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा। नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास करेगी। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी।   *आम बजट में सरकार ने नौ प्राथमिकताएं गिनाईं, ये हैं* 1. खेती में उत्पादकता  2. रोजगार और क्षमता विकास 3. समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय  4. विनिर्माण और सेवाएं  5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अधोसरंचना 8. नवाचार, शोध और विकास 9. अगली पीढ़ी के सुधार.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

ऐतिहासिक, दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है आम बजट: पुष्कर सिंह धामी

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आम बजट 2024-25 को लेकर प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह बजट भारतवासियों की आकांक्षाओं को साकार करेगा व  देश को नई दिशा और गति प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जो बजट सदन के पटल पर रखा है वह ऐतिहासिक, दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है।    *पैकेज पर जताया पीएम व वित्त मंत्री का आभार* मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट 2024-25 में उत्तराखण्ड में दैवीय आपदा से होने वाले नुकसान के लिए विशेष सहायता पैकेज देने की घोषणा करने हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं वित्त मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष पैकेज के माध्यम से प्रदेश में आपदाओं से होने वाली क्षति राज्य की विकास की गति को बाधित नहीं कर सकेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की शुरुआत के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।   मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए 25,000 ग्रामीण क्षेत्रों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चरण चार शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी को और मज़बूती मिलेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

व्यापारियों के साथ विधायक ने की चर्चा...

कालका,20 जुलाई  2024 (यूटीएन)। कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने शुक्रवार को कृष्णा कैफे में पार्षद व शहरी अध्यक्ष उजाला बख्शी के द्वारा आयोजित शिमला रोड अपर बाजार कमेटी घर चौंक के दुकानदारों और व्यापारियों के साथ संवाद कार्यक्रम में व्यापारियों की दिक्कतों को सुना और बीजेपी के 10 साल के तानाशाही कार्यकाल पर भी चर्चा हुई। पहले व्यापारियों ने कहा कि आज तक कालका में पार्किंग की व्यवस्था नही हो सकी है।   जाम की वजह से दुकानदारी प्रभावित हो रही है, ग्राहक नही आता है। क्योंकि वाहन पार्क करने की जगह नही हैं। सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है और लावारिश पशुओं की वजह से बहुत परेशानी है। इसके साथ ही चोरी की घटनाओं से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है l जिन दुकानों में चोरी हुई है आज तक चोर नही पकड़े गए है l अधिकारियों के जनता दरबार में बीजेपी के लोग बैठे रहते हैं। जो लोगों की शिकायतों में दखलअंदाजी करते हैं। व्यापारियों ने आयोजित मीटिंग में कई समस्याएं रखी गई है।   स्थानीय विधायक प्रदीप चौधरी ने व्यापारियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि विधानसभा की हर समस्या हमने विधानसभा सत्र में रखी। पार्किंग, पीने के पानी, सफाई व्यवस्था और सड़कों की बदहाली बताई परंतु सरकार ने कोई ध्यान नही दिया। पार्टी के नेताओं, पार्षदों के साथ की स्थानीय समस्याओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिले। लेकिन अधिकारी बीजेपी की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं। सरकार ने हमारे क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है। लोगों की समस्याओं को हमेशा दरकिनार किया है।   यहां पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल आए थे तो पार्किंग को लेकर अधिकारियों को रिपोर्ट देने को कहा परंतु आज तक कुछ नही हुआ। जाम की समस्या बहुत गंभीर बनी हुई है। पीने के पानी को लेकर आज तक कोई सिस्टम नही बनाया गया है। तीन पेयजल नलकूप लगने थे वो नही लगाए गए है। नगर परिषद का बुरा हाल है।   बेजेपी सरकार की गलत नीतियों से आज व्यापारी, कर्मचारी, महिला, युवा समेत हर वर्ग दुखी और परेशान है। महंगाई चरम पर है। सब्जियों के दाम आसमान छू रही हैं। परिवार पहचान पत्र और अन्य कागजी जाल में लोगों को उलझाया हुआ है। इस मौके पर उजाला बख्शी, अजय सिंगला, सुनील शाम, हरभजन सिंह, सुरेन्द्र चौहान, संतोष शर्मा, अशोक छाबड़ा , राज कुमार छाबड़ा , जगदीश वर्मा , शिव कुमारी, रिंकू गुप्ता , नरेश धीमान , संजीव गुप्ता , मैडम सोढ़ी ,मदन ,गिरीश ,मास्टर किशन, प्रमोद कुमार, सन्नी इत्यादि मौजूद थे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 20, 2024

सरकार 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है: पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 11 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि सरकार अपने पहले दो कार्यकालों के परिणामों को प्राप्त करने और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए तीन गुना अधिक गति, तीन गुना अधिक कार्य और तीन गुना अधिक प्रयास लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा, “तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप इंडिया पहल, बढ़ते बुनियादी ढांचे के निवेश, विनिर्माण में निवेश से व्यापार, व्यवसाय, नौकरियों और निर्यात के लिए बहुत सारे अवसर पैदा हो रहे हैं। हम अगले 3-4 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।   ‘फिक्की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक’ को संबोधित करते हुए गोयल ने आगे कहा कि भारत जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, वह उद्योग जगत की इच्छाओं से गहराई से मेल खाता है। भारत में अभी भी बहुत संभावनाएं हैं, क्योंकि हम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बना रहे हैं, भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल कर रहे हैं, भारत से काम करने वाले अधिक से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र बना रहे हैं, ताकि हम सेवा निर्यात बढ़ा सकें। गोयल ने कहा, “सरकार उद्योग के साथ मिलकर 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह संभव है, इसे हासिल किया जा सकता है, बशर्ते इसके लिए सही आधार मौजूद हों और साथ ही मजबूत मैक्रो इकोनॉमी भी इसका समर्थन करे।   गोयल ने जोर देकर कहा कि ‘विकसित भारत’ के विजन को हासिल करने के लिए उद्योग को सहयोग करने और अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और स्थिरता में अधिक निवेश करने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने उद्योग से सरकार को सुझाव देने में अधिक मांग करने और सक्रिय होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार ‘जन विश्वास 2.0’ को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। “हम उद्योग के हितों को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ कैसे जोड़ सकते हैं।   उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन हमें आपसे (उद्योग जगत से) आगे आकर इस बात पर संतुलित दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है कि क्या आवश्यक है, साथ ही गैर-अपराधीकरण और अनुपालन बोझ को कम करने से संबंधित समस्याओं पर भी विचार करना चाहिए। फिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनीश शाह ने भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार करने की लागत को कम करने और व्यापार करने की आसानी में सुधार करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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Jul 11, 2024

इलेक्ट्रॉनिक्स भारतीय अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक परिवर्तन में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा: एस कृष्णन

नई दिल्ली, 11 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विनिर्माण भारतीय अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक परिवर्तन में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा और इलेक्ट्रॉनिक्स इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा। हमें अगले पांच वर्षों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक्स में घरेलू मूल्य-वर्धन को 18-20% से बढ़ाकर 35-40% करना चाहिए। एमएसएमई इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के विनिर्माण में उनकी बड़ी भूमिका होगी” एस कृष्णन, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नई दिल्ली में सीआईआई एमएसएमई ग्रोथ समिट में अपने संबोधन के दौरान कहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटलीकरण एमएसएमई सेगमेंट के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।   क्लस्टर-आधारित सुविधाओं के माध्यम से छोटे खिलाड़ियों द्वारा प्रौद्योगिकी को अपनाना और मौजूदा सुविधाओं को फिर से तैयार करना इस सेगमेंट के लिए डिजिटल होने के लिए लागत प्रभावी तरीके हैं। डिजिटल अर्थव्यवस्था के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकार का आकलन करने के लिए काम कर रहा है। एमएसएमई मंत्रालय की अतिरिक्त विकास आयुक्त डॉ. इशिता गांगुली त्रिपाठी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पंजीकृत एमएसएमई में महिलाओं की भागीदारी को 39% से बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए "7 ए" का लाभ उठाने पर जोर दिया।   उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य, जागरूकता, जवाबदेही, गठबंधन और उपलब्धि। इसके अलावा उन्होंने कहा कि एमएसएमई को नियामक आवश्यकताओं और ईएसजी अनुपालन के बारे में शिक्षित करना उनके सतत विकास के लिए आवश्यक है। इसमें सरकार और बड़े उद्यम एमएसएमई का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ टी कोशी ने कहा, "हमें एमएसएमई को डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाने में मदद करने की आवश्यकता है। ओएनडीसी नेटवर्क छोटे खुदरा विक्रेताओं को समान अवसर प्रदान करता है और ऋण, बाजार तक पहुंच और कौशल तक पहुंच प्रदान करता है।   सीआईआई छोटे, असेवित और कम सेवा वाले व्यवसायों को शामिल करने और एक समग्र डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में एक महत्वपूर्ण भागीदार हो सकता है। नेटवर्क एक नए घटक के रूप में बीमा भी जोड़ रहा है, जो जल्द ही दिखाई देगा। सीआईआई नेशनल एमएसएमई काउंसिल के अध्यक्ष समीर गुप्ता ने कहा, "एसएमई को सशक्त बनाना सिर्फ एक व्यावसायिक रणनीति से कहीं अधिक है; यह आर्थिक जीवन शक्ति, रोजगार सृजन और सतत विकास का मार्ग है। अभिनव वित्तपोषण तंत्र शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकते हैं, एसएमई की अप्रयुक्त क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं और उन्हें उल्लेखनीय विकास और सफलता की ओर ले जा सकते हैं।   सीआईआई नेशनल एमएसएमई काउंसिल के सह-अध्यक्ष एम पोन्नुस्वामी ने कहा कि सरकार एमएसएमई को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके, सहायक नीतियां तैयार करके और एमएसएमई के लिए एक आरएंडडी फंड स्थापित करके प्रौद्योगिकी अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मास्टरकार्ड के दक्षिण एशिया के मुख्य परिचालन अधिकारी विकास वर्मा ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में सतत विकास को बाधित करने वाली तीन प्रमुख चुनौतियां हैं  'भुगतान प्राप्त करें, पूंजी प्राप्त करें, डिजिटल बनें'।   डिजिटलीकरण एमएसएमई को औपचारिक ऋण तक पहुंच, असामयिक भुगतान को सुव्यवस्थित करने और बाजार पहुंच का विस्तार करने में मदद कर सकता है। सीआईआई राष्ट्रीय एमएसएमई परिषद के सह-अध्यक्ष अशोक सैगल ने कहा कि एमएसएमई के लिए व्यापार करने में आसानी ईओडीबी को बढ़ाने के लिए सरकार की पहल, सभी हितधारकों के समर्थन के साथ, भारत के एमएसएमई क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण और मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता हासिल करने में मदद करेगी।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 11, 2024

रियल एस्टेट विकास के लिए ऋण दरों को तर्कसंगत बनाना जरूरी: संजीव कुमार अरोड़ा

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विकासशील भारत के लिए रियल एस्टेट की बदलती गतिशीलता पर एसोचैम राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए संजीव कुमार अरोड़ा, सदस्य, हरियाणा रेरा ने कहा कि यह क्षेत्र किस तरह लोगों की सेवा कर रहा है और रियल एस्टेट और निर्माण में शामिल होकर, यह बड़े स्तर पर सामाजिक संतुष्टि में योगदान दे रहा है। घर खरीदारों को सपनों का घर उपलब्ध कराना और पैसे का पूरा मूल्य प्रदान करना इस उद्योग को महत्वपूर्ण बनाता है। रियल एस्टेट क्षेत्र अर्थव्यवस्था के निर्माण में प्रमुख चालक के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, जो भारत की आबादी का 4% है। तेजी से शहरीकरण और स्मार्ट शहरों की शुरूआत, सभी के लिए आवास, एफडीआई नियमों में ढील से भी इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2025 तक कुल एफडीआई निवेश 20% की दर से बढ़ रहा है।   हरियाणा रेरा के सदस्य अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने रेरा अधिनियम 2016 कैसे पेश किया, जिसका उद्देश्य अनुशासित विकास और स्थिरता समाधानों के साथ क्षेत्र की पारदर्शिता है। अधिनियमन के बाद से पूरे भारत में रेरा के तहत लगभग 1,25,000 परियोजनाएं पंजीकृत की गईं। शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आई है। एक पीपीपी मॉडल पेश किया गया है जो अधिक अनुशासित और दीर्घकालिक विकास के लिए अधिक से अधिक परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। ऋण दरों को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है ताकि अधिक लोग आगे आ सकें और बिल्डर कम से कम संभव लागत पर देने में प्रसन्न हों। अपने स्वागत भाषण में प्रदीप अग्रवाल, अध्यक्ष, राष्ट्रीय रियल एस्टेट, आवास और शहरी विकास परिषद, एसोचैम ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आवास और रियल एस्टेट क्षेत्र को निरंतर बढ़ावा और काम की आवश्यकता है जिससे रोजगार भी मिलेगा।   विजन यह है कि प्रत्येक परिवार के पास घर और नौकरी का अवसर होगा क्योंकि यह क्षेत्र भारत को शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट 24 लाख करोड़ का बाजार है और इसका जीडीपी में योगदान करीब 13.8% है। पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 3 करोड़ घर बनाए गए हैं और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी, जीएसटी, रेरा व्यवस्था जैसे सरकारी सुधारों के साथ। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद रेरा के तहत 86% प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए और समय पर डिलीवर किए गए। इसने प्रतिबद्धता और गुणवत्ता दिखाने में नियामकों की भूमिका की शुरुआत की। अर्बनब्रिक डेवलपमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री विनीत रेलिया ने रियल एस्टेट सेक्टर में बदलती गतिशीलता और कीमतों में बड़ी उछाल के बारे में बात की। एक समय था जब रियल एस्टेट सेक्टर जरूरत के आधार पर फलता-फूलता था, लेकिन अब यह अपग्रेडेशन और लाइफस्टाइल विकल्पों की ओर बढ़ गया है।    इसने डेवलपर्स पर उच्च गुणवत्ता के साथ मांग को पूरा करने और डिलीवरी के समय के लिए तैयार होने का बहुत बड़ा प्रभाव डाला। अगर सरकार आने वाले वर्षों में सामर्थ्य के संबंध में इस क्षेत्र का समर्थन नहीं करती है तो यह एक डाउनसाइकिल होगा। सुश्री सोनल मेहता, सीनियर वीपी-स्ट्रेटेजी एंड अलायंस, रिसर्जेंट इंडिया लिमिटेड ने सेक्टर के विकास के परिप्रेक्ष्य पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की और बताया कि आने वाले वर्षों में सही नीतियों और सुधारों के साथ इस क्षेत्र की चुनौतियों का कैसे समाधान किया जा सकता है।   बरसात के मौसम में दिल्ली एनसीआर और मुंबई जैसे प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों में मौसम की स्थिति के बारे में बढ़ती चिंताओं को इंफ्राकॉर्प (बहरीन) में इंडिया प्रोजेक्ट्स के सीईओ गौरव जैन ने उठाया। उन्होंने यह भी चर्चा की कि कैसे उचित जल निकासी प्रणालियों के साथ इन परिदृश्यों को कम करने में बुनियादी ढांचे का विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुनियादी ढांचा कम महत्वपूर्ण हो गया है, और बाजार मानकों और इंजीनियरिंग नींव को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। एसोचैम और रिसर्जेंट इंडिया लिमिटेड द्वारा ‘विकसित भारत के लिए रियल एस्टेट की बदलती गतिशीलता- अवसर और चुनौतियां’ शीर्षक से एक संयुक्त ज्ञान रिपोर्ट का अनावरण किया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024

किडनी कांड: 500 लोगों की बदली गई, सबसे एक बात कहकर बांग्लादेश से लाते; नोएडा के दो अस्पताल में हुए अधिक 'पाप'

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। किडनी का गैरकानूनी धंधा बांग्लादेश व भारत में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। गिरोह चार साल में करीब 500 लोगों की किडनी गैरकानूनी तरीके से प्रत्यारोपित कर चुके हैं। इसका खुलासा किडनी रैकेट के पर्दाफाश के बाद हुआ। किडनी बदलने के दौरान चार लोगों की जान भी जा चुकी है। किडनी प्रत्यारोपण अधिकतर नोएडा के यथार्थ व अपोलो में अस्पताल हुए हैं। दिल्ली के एक बड़े प्रतिष्ठित अस्पताल में केवल टेस्ट व जांच होती थीं।   अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह बांग्लादेश में ज्यादा सक्रिय था। गिरोह के सदस्य गरीब लोगों को भारत में नौकरी दिलाने के बहाने दिल्ली ले आते थे। भारत में उन्हें जसोला में किराए पर मकान लेकर या फिर गेस्ट हाउस में रखते थे। इसके बाद ये उन लोगों का पासपोर्ट जब्त कर लेते थे। इसके बाद गरीब बांग्लादेशियों पर किडनी डोनेट करने का दबाव बनाते थे। उनसे कहा जाता था कि नौकरी तभी मिलेगी जब आप किडनी बेचोगे।   इसकी एवज में उन्हें पैसे का भी लालच दिया जाता था। मजबूरन पीड़ित किडनी देने को तैयार हो जाता था। दूसरी तरफ ये बांग्लादेशियों के डायलिसिस अस्पतालों पर नजर रखते थे। वहां जरूरतमंदों से संपर्क साधते थे। ये किडनी प्राप्तकर्ता को भारत ले आते थे।   *मकान में ही नकली कागजात तैयार किए जाते थे* गिरोह के सदस्य किडनी डोनर व प्राप्तकर्ता के नकली कागजात किराये के मकान में तैयार करते थे। ये किडनी डोनर व प्राप्तकर्ता के बीच आपस में रिश्तेदार होने के कागजात बनाते थे। कागजात तैयार होने के बाद किडनी डोनर व प्राप्तकर्ता के दिल्ली के प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में टेस्ट होते थे। टेस्ट होने के बाद ये नोएडा के अस्पतालों में प्रत्यारोपण कराते थे। किडनी प्रत्यारोपण के करीब-करीब सभी ऑपरेशन इन्हीं दोनों अस्पतालों में हुए हैं।   * डॉ. डी विजय कुमारी ने किए हैं सभी ऑपरेशन * अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार नोएडा के इन दोनों की अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण डॉ. डी विजया कुमारी ने किए हैं। वह अपने सहायक विक्रम के जरिए ही इस गिरोह के संपर्क में आई थीं। वह पिछले चार सालों से इस गिरोह के लिए काम कर रहे हैं।   *बांग्लादेश उच्चायोग की सहायता ली जा रही* दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार इस गिरोह ने तीन से चार लोगों की जान ली है। किडनी लेने व प्राप्तकर्ता की ऑपरेशन के तीन से चार दिन बाद मौत हो गई। ऐसे में पुलिस ने मृत लोगों की पहचान करने के लिए बांग्लादेश उच्चायोग की सहायता ली है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार बांग्लादेशियों के बारे में बांग्लादेश उच्चायोग को सूचना दे दी है।   *पैसे का खेल ऐसे चलता था* 4.5 लाख टका गिरोह के सदस्य किडनी देने वाले को देते थे। 20 से 22 लाख प्राप्तकर्ता से लेते थे। 4 लाख डॉ. डी विजया कुमारी की पूरी टीम को मिलते थे। 1 लाख डॉ. डी विजया कुमारी अपने हिस्से के रूप में लेती थी। 4 लाख उस अस्पताल को दिए जाते थे जिनमें किडनी बदली जाती थी। 10 लाख गिरोह के लोग अपने पास रख लेते थे।   *मरीज से खुद पैसे लेती थी डॉ. विजया* दिल्ली के एक नामचीन निजी अस्पताल में कंस्लटेंट रही डॉ. डी विजया कुमारी का पैसे लेने का तरीका भी अलग था। पुलिस ने उसके दो बैंक खातों का पता लगा है। पीएनबी के खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा और दूसरे खाते में दो लाख रुपये से ज्यादा मिले हैं। दिल्ली पुलिस डॉ. डी विजया कुमारी के दोनों बैंक खातों की पिछले कई सालों की डिटेल खंगाल रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार नोएडा के एक अस्पताल से उसके सहायक विक्रम के बैंक खाते में पैसे आते थे। डॉक्टर के बैंक खाते में 90 हजार से एक लाख रुपये आते थे, जबकि नोएडा के ही दूसरे अस्पताल में वह मरीज से खुद पैसे लेती थी। इसके बाद वह सभी को पैसे बांटती थी। वह अपनी पूरी टीम के साढ़े तीन लाख से चार लाख रुपये रख लेती थी। अस्पताल को एक किडनी प्रत्यारोपण का चार लाख रुपये दिया जाता था।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024

पूर्वोत्तर में सतत विकास और समावेशी विकास की दिशा में सीआईआई का प्रयास

नई दिल्ली, 05 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विदेश और कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने इस बात पर जोर दिया कि सीएसआर न केवल एक नैतिक अनिवार्यता है, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सतत विकास और समावेशी विकास का एक महत्वपूर्ण चालक भी है। उन्होंने यह वक्तव्य सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव के समापन सत्र में दिया, जो एक दो दिवसीय पहल है, जिसमें क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय, सरकार, नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठन एक साथ आए।   मंत्री ने स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से हथकरघा और कपड़ा क्षेत्र में सतत आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में सीएसआर की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लगभग 27.83 लाख हथकरघा परिवार बुनाई और संबद्ध गतिविधियों में लगे हुए हैं, जिनमें से 87% ग्रामीण क्षेत्रों में और शेष 13% शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में देश के कुल चालू हथकरघों का लगभग 65.2% हिस्सा है, जिसमें असम हथकरघा श्रमिकों की संख्या में सबसे आगे है। इस क्षेत्र को समर्थन देकर, बड़ी संख्या में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना संभव है। उन्होंने क्षेत्र में हथकरघा क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सीएसआर निधि की वकालत की, क्योंकि उत्तर पूर्व कपड़ा क्षेत्र में कार्यबल का 50% योगदान देता है।   मार्गेरिटा ने कॉरपोरेट इंडिया को राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप दीर्घकालिक सीएसआर विज़न विकसित करने और अल्पकालिक आपदा राहत और पुनर्वास सहायता प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने निगमों को स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि स्थायी प्रभाव पैदा किया जा सके और क्षेत्र के विकास में योगदान दिया जा सके। इससे पहले, सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष और अमृत सीमेंट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप बागला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सीआईआई ने लगातार उत्तर पूर्वी क्षेत्र के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया है, जहां प्रत्येक विकास परियोजना सीधे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है।    नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट एक परिवर्तनकारी परियोजना है जिसे सीआईआई अगले 4-6 वर्षों में इस क्षेत्र के लिए शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईआई क्षेत्र की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहेगा। सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया, जो ज्ञान साझा करने, नवीन विचारों के आदान-प्रदान और उभरते सीएसआर रुझानों की जानकारी के लिए एक मंच प्रदान करता है।   सत्रह गैर सरकारी संगठनों ने कॉर्पोरेट समर्थन और सहयोग को आकर्षित करने के लिए अपनी पहल प्रस्तुत की, जबकि 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों ने संभावित भागीदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से संपर्क किया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया, जिसमें क्षेत्र में सफल सीएसआर पहलों पर प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त, सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने और क्षेत्र की विकास यात्रा की झलक प्रदान करने के लिए एक प्रदर्शनी लगाई गई।   सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव सतत विकास और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के बीच सहयोग की शक्ति का एक प्रमाण है। इस कार्यक्रम ने भविष्य की पहलों के लिए एक मिसाल कायम की है जो उत्तर पूर्व क्षेत्र के लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव ला सकती है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 5, 2024