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ऐसे थे अपने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम: राष्ट्रपति होकर भी मेहमानों का खर्च उठाया, 24 बच्चों की जिंदगी भी बचाई

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश के 11वें राष्‍ट्रप‍ति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 15 अक्टूबर को 93वीं जयंती है। कलाम के जन्‍मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए आज हम आपको बताते हैं अपने कलाम साहब से जुड़े के जीवन से जुड़े रोचक किस्‍से जिनसे उनकी सादगी सौम्‍यता समर्पण और ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। देश के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 15 अक्टूबर यानी कल जयंती है। सादगी, सौम्‍यता, समर्पण और ईमानदारी की मिसाल रहे डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित धनुषकोडी में हुआ था।   देश के युवाओं के दिलों पर राज करने वाले मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति  आज देश में हर कोई उन्हें याद कर रहा है। कलाम का व्यक्तित्व सिखाता है कि इंसान की सबसे बड़ी खूबसूरती उसकी विनम्रता है। सिर से पांव तक लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत रहे कलाम साहब की हर एक बात निराली थी, महात्मा गांधी के बाद लोगों के लिए पूज्यनीय बने कलाम के बारे में कहा जाता है कि वे कुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे। इसी की वजह से उनके कर्मों में गीता का असर और बोली में कुरान की मिठास दिखती थी। सादा जीवन उच्च विचार को मानने वाले कलाम साहब के जीवन से जुड़े ऐसे बहुत सारे किस्से हैं, जो आपको हर पल नई बातों को सोचने के लिए प्रेरित करते है। ऐसा ही एक रोचक किस्सा है, उनके राष्ट्रपति भवन जाने का।   *धरोहर के नाम पर थे सिर्फ दो सूटकेस* दरअसल डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को जब राष्ट्रपति चुना गया, तो उनके स्वागत में राष्ट्रपति भवन को जमकर सजाया गया। तमाम तैयारियां यह सोचकर की गईं कि नये राष्ट्रपति का सामान ठीक ढंग से रखा जायेगा। क्योंकि हर किसी को उम्मीद थी कि देश के राष्ट्रपति के पास कम से कम ट्रक भरकर सामान तो होगा ही लेकिन हुआ इससे ठीक उलट क्योंकि कलाम साहब राष्ट्रपति भवन महज दो सूटकेस लेकर पहुंचे थे और यही उनकी पूरी जिंदगी की धरोहर थी। डॉ. कलाम ने देश के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एसएलवी-3 को विकसित करने के लिए निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।   वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति तक का सफर तय करने के बाद भी कलाम ने एक भी संपत्त‍ि अपने नाम पर नहीं जोड़ी। जो था वो सब दान कर दिया। जिंदगी भर कलाम साहब ने जहां भी नौकरी की, वहीं के गेस्ट-हाउस या फिर सरकारी आवासों में जीवन व्यतीत किया। पूरी जिंदगी शिक्षा और देश के नाम करने वाले कलाम साहब को बच्चों से बहुत प्रेम था और ये संयोग ही था कि जब उन्होंने अंतिम सांस ली तो उससे पहले भी वो बच्चों को ही ज्ञान का पाठ पढ़ा रहे थे। कलाम की जयंती पर आइए हम आपको बताते हैं, उनकी निजी जिंदगी से जुड़े कुछ बेहद अहम और सीख देने वाले किस्से।   *किस्सा नंबर-1:  ऐसे बना 'कलाम सूट'* बात उन दिनों की है, जब  25 जुलाई 2002 डॉ. कलाम राष्ट्रपति बने थे। दर्जी कलाम के लिए बंद गले के सूट लेकर आए थे, लेकिन कलाम को ये सूट पसंद नहीं आए। कलाम ने कहा- मैं तो इसको पहनकर सांस ही नहीं ले सकता। दर्जी परेशान होकर सोचने लगे कि क्या किया जाए। तब कलाम ने सलाह दी-  आप इसे गर्दन के पास से थोड़ा काट दीजिए। इसके बाद दर्जी ने वैसा ही किया। फिर क्‍या था कलाम के इस कट सूट को 'कलाम सूट' कहा जाने लगा।   *किस्सा नंबर-2: जब अटल ने लगाया गले, दिया मंत्री बनने का प्रस्ताव* पत्रकार राज चेंगप्पा ने अपनी किताब 'वेपंस ऑफ पीस' जिक्र किया है। यह किस्सा भी डॉ कलाम से जुड़ा है। दरअसल, एक बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब कलाम का अटल बिहारी वाजपेयी से परिचय कराया तो उन्होंने कलाम से हाथ मिलाने की बजाए उन्हें गले लगा लिया था। इसके बाद जब अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने कलाम को अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया था, लेकिन डॉ. कलाम ने विनम्रतापूर्वक इस पद को अस्वीकार कर दिया था। कलाम ने कहा था- 'रक्षा शोध और परमाणु परीक्षण कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। वो अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों को निभाकर देश की बेहतर सेवा कर सकते हैं।'   *किस्सा नंबर-3: राष्ट्रपति भवन में रखा परिवार के खर्च हिसाब* डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सचिव रहे पीएम नायर ने एक एक इंटरव्यू में बताया था- मई 2006 की बात है।  कलाम राष्ट्रपति थे, उन्होंने अपने परिवार के करीब 52 लोगों को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया था। ये लोग आठ दिन तक राष्ट्रपति भवन में रुके थे। इस दौरान कलाम ने उनके राष्ट्रपति भवन में रुकने का किराया तक अपनी जेब से चुकाया था।    *किस्सा नंबर-4: तंजानिया के बच्चों की बचाई जिंदगी* सितंबर 2000 की बात है। कलाम तंजानिया की यात्रा पर गए थे। इस दौरान उनको पता चला कि वहां जन्मजात दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों की इलाज की कमी के चलते मौत हो रही हैं। कलाम ने तत्कालीन एयर इंडिया के अध्यक्ष वी तुलसीदास से इन बच्चों को दारेसलाम से हैदराबाद लाने को कहा। कलाम के कहने पर करीब 24 बच्चों को भारत लाया गया। यहां उनका ऑपरेशन हुआ। कलाम ने 15 अक्टूबर 2005 को अपने 74 वें जन्मदिन की शुरुआत हृदय रोग से पीड़ित तंजानिया के बच्चों से मिलकर की। उन्होंने हर बच्चे के सिर पर हाथ फेरा और उन्हें टॉफी का एक एक डिब्बा दिया, जिन्हें वो दिल्ली से लेकर आए थे।   *भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन*' स्वभाव से बेहद ही हंसमुख और कविताओं के शौकीन 1962 में 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' में आये थे। डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था जिसके बाद ही भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी इन्हें प्रदान किया जाता है। डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स) को डिजाइन किया।   *विज्ञान सलाहकार* इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया था। डॉक्टर कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे। उन्होंने स्ट्रेटेजिक मिसाइल्स सिस्टम का उपयोग आग्नेयास्त्रों के रूप में किया। इसी प्रकार पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर विस्फोट भी परमाणु ऊर्जा के साथ मिलाकर किया। इस तरह भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता अर्जित की। डॉक्टर कलाम ने भारत के विकासस्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की।   *भारत रत्न' से सम्मानित किया गया* यह भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे। 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में वापस निदेशक के तौर पर आये और उन्होंने अपना सारा ध्यान 'गाइडेड मिसाइल' के विकास पर केन्द्रित किया। जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ। कलाम को 1989 में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। डाक्टर कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 1997 में सम्मानित किया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 15, 2024

डीजल में 15% इथेनॉल मिलाने पर शोध उन्नत चरणों में: नितिन गडकरी

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। डीजल में 15% इथेनॉल मिलाने पर शोध उन्नत चरणों में है, और सरकार ठोस सबूतों के आधार पर इसे प्राथमिकता देने की संभावनाओं की तलाश कर रही है, यह बात नई दिल्ली में 12वें सीआईआई बायोएनर्जी शिखर सम्मेलन 2024 “भविष्य को ईंधन देना - भारत के हरित विकास लक्ष्यों को सुरक्षित करना” में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में इथेनॉल मिश्रण 2014 में 1.53% से बढ़कर 2024 में 15% हो गया है। इस प्रगति से प्रेरित होकर, सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20% मिश्रण तक पहुँचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। मंत्री ने संकेत दिया कि इथेनॉल इकोसिस्टम बनाने की प्रगति - जहाँ इथेनॉल पंप इथेनॉल उत्पादन को पूरक बना सकते हैं और इथेनॉल से चलने वाले वाहनों को लॉन्च करने की दिशा में चार राज्यों - कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में तेज़ी से काम हो रहा है। "इंडियन ऑयल ने 400 इथेनॉल पंप स्टेशन लगाने का फैसला किया है। हम जल्द ही इस पर हितधारकों के साथ बैठक कर रहे हैं। हम सुजुकी, टाटा और टोयोटा सहित ऑटोमेकर्स से भी मिल रहे हैं। इन ऑटोमेकर्स ने फ्लेक्स-इंजन वाली कारें लॉन्च करने का फैसला किया है।   टीवीएस, बजाज, होंडा जैसे अन्य वाहन निर्माता इथेनॉल बाइक के साथ तैयार हैं और अपनी बाइक लॉन्च करने के लिए इथेनॉल पंप आने का इंतज़ार कर रहे हैं। वे अपनी बाइक लॉन्च करने के लिए इथेनॉल पंप का इंतज़ार कर रहे हैं। मैं इन चार राज्यों में इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूँ जहाँ पंपों की घोषणा की गई है - कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र" मंत्री ने कहा। उन्होंने कहा कि देश ‘ज्ञान से धन’ के युग से ‘अपशिष्ट से धन’ के युग में पहुंच गया है। सीएनजी के बारे में मंत्री ने कहा, "सीएनजी में 475 से अधिक परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, और पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी, कर्नाटक सहित अन्य जगहों पर 40 से अधिक परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। उनमें से अधिकांश ने चावल के भूसे के उपयोग के कारण व्यवहार्यता पाई है। वर्तमान में चावल के भूसे से सीएनजी में रूपांतरण अनुपात लगभग 5:1 (टन में) है। हमें गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता है कि कौन सा बायोमास हमें अधिक कुशलता से सीएनजी दे सकता है। हमें नगरपालिका के ठोस कचरे को बायो-सीएनजी में बदलने की आगे की तकनीकों का भी पता लगाने की आवश्यकता है, जहां कच्चे माल की लागत शून्य हो जाती है। इस क्षेत्र में एक पायलट परियोजना भी चल रही है"।   उद्योग से बायोमास के सबसे कुशल स्रोतों पर शोध पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए- साथ ही किफायती लागत पर उन बायोमास के कुशल परिवहन पर भी, गडकरी ने कहा, "हम जानते हैं कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना (स्टबल बर्निंग) कितनी बड़ी समस्या है और यह दिल्ली सहित पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का कारण कैसे बनता है। इंडियन ऑयल ने इसका उपयोग करके उस समस्या का कुछ समाधान करने के लिए पानीपत में एक संयंत्र शुरू किया है। बायोमास के रूप में। हम वर्तमान में पराली का पाँचवाँ हिस्सा उपयोग करने में सक्षम हैं, लेकिन अगर हम ठीक से योजना बनाते हैं, तो अगले कुछ वर्षों में हम पराली से निकलने वाले मौसमी वायु-प्रदूषण की समस्या को हल कर सकते हैं"। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान इस बात पर शोध कर रहा है कि कैसे जैव-बिटुमेन का उत्पादन हमारे बिटुमेन आयात को कम कर सकता है, मंत्री ने कहा। ऐसे समय में जब दुनिया के कुछ हिस्से आपस में युद्ध कर रहे हैं, और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं व्याप्त हैं, भारत का वार्षिक जीवाश्म ईंधन आयात बिल 22 लाख करोड़ रुपये है जो अच्छा संकेत नहीं है, मंत्री ने कहा। उन्होंने कहा कि हमें ईंधन में आत्मनिर्भरता, कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हमारे किसानों को समृद्ध बनाने के लिए जैव ईंधन का लाभ उठाने की आवश्यकता है।   अगर हम सही मायने में और पूरी तरह से जैव ईंधन क्षेत्र के मूल्य को महसूस कर सकते हैं, और कृषि अर्थव्यवस्था को इसमें पूरी तरह से एकीकृत कर सकते हैं, तो हमारे सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान मौजूदा 14-15% से बढ़कर 20% को पार कर सकता है। गडकरी ने कहा, "हमारे किसान अन्नदाता से आगे बढ़कर ऊर्जादाता, ईंधनदाता और हाइड्रोजनदाता बनेंगे।" इससे पहले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि ईंधन की आपूर्ति के लिए ईंधन जलाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, "पीएम गति शक्ति का उपयोग करके आपूर्ति श्रृंखला या मार्ग अनुकूलन के माध्यम से, हमने अनाज में प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है।  इसी तरह की चीज हम इथेनॉल में कर रहे हैं।" अगले साल 20% मिश्रण के लिए, हमें 1700 करोड़ लीटर इथेनॉल क्षमता की आवश्यकता है। इसमें से 1650 लीटर करोड़ क्षमता का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 20% मिश्रण तुरंत संभव है। इथेनॉल मिश्रण में भारत की प्रगति ने वैश्विक प्लेटफार्मों को चकित कर दिया है, क्योंकि हम अगले साल तक 20% मिश्रण प्राप्त करने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जो 2013-14 में सिर्फ 1.5% था। सितंबर 2024 तक, हम उल्लेखनीय 15% मिश्रण तक पहुँच चुके हैं। यह उपलब्धि हमारे विकसित होते जैव ऊर्जा क्षेत्र और पीएम गति शक्ति योजना का लाभ उठाते हुए।   आपूर्ति श्रृंखलाओं के हमारे अनुकूलन का प्रमाण है। श्री चोपड़ा ने कहा कि जैसे-जैसे मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं, हम मानव उपभोग को प्राथमिकता देते हुए फीडस्टॉक विविधीकरण पर जोर देते हुए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना जारी रख रहे हैं। अपने संबोधन में, सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा, "जैव ईंधन क्षेत्र में त्वरित गति न केवल सतत विकास को सक्षम कर रही है, बल्कि कई अन्य के अलावा कृषि मूल्य श्रृंखलाओं, ग्रामीण भारत में उद्यमशीलता उपक्रमों में अवसर पैदा करते हुए समावेशी विकास भी कर रही है। जैव ईंधन पहलों के माध्यम से उत्पन्न आर्थिक गुणक जबरदस्त हैं और यह जो सामाजिक परिवर्तन का वादा करता है वह अभूतपूर्व है। सीआईआई एयरोस्पेस समिति के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा, "भारत वास्तविक समय विश्लेषण और परिचालन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है जो उड़ान दक्षता को बढ़ाते हैं और ईंधन की खपत को कम करते हैं।" उन्होंने कहा कि टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) से विमानन के लिए 2050 तक अपने शुद्ध-शून्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक डीकार्बोनाइजेशन का 50-65% योगदान करने का अनुमान है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण फोकस बन गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 15, 2024

धान फसल अवशेषो का प्रबंधन करने वाले किसानो को मिलेगें एक हजार रू0 प्रति एकड

पंचकूला, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। उपायुक्त डाॅ यश गर्ग ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंचकूला द्वारा पिछले वर्षो के भांति स्टेट प्लान फसल अवशेष प्रबंधन (SB-82) के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के दौरान फसल धान अवशेषो को खेत में मिलाने या बेलर द्वारा गांठ बनाने वाले किसानो को प्रति एकड 1000/- रू0 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। श्री गर्ग ने कहा कि फसल धान अवशेषों को जलाने से पर्यावरण दूषित होता है।    इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक कृषि अभियन्ता, गोपीराम सांगवान द्वारा स्कीम की जानकारी देते हुए बताया है कि किसानों इस स्कीम हेतू विभागीय वैबसाईट पर 30 नवंबर तक आवेदन करना होगा। इसके लिए किसानों का मेरा फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त किसानों को बेलर द्वारा गांठ बनाने का प्रमाणपत्र भी देना होगा। किसान धान के खेत में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, हैरो, रोटावेटर, रिवर्सिबल एम0 बी0 प्लो एवं जीरो टिल सीड ड्रिल की मदद से फसल अवशेषो को मिट्टी में मिलाकर अथवा बेलर द्वारा गांठे बनवाकर इस स्कीम का लाभ ले सकते है।   किसानों फसल अवशेष प्रबंधन करते समय जी0पी0एस0 लोकेशन की फोटो भी लेनी होगी। प्रोत्सहान राशि के सत्यापन हेतूू ग्राम स्तरीय कमेटी के सत्यापन उपरान्त किसानों के खातो प्रोत्सहान राशि डी0बी0टी के माध्यम से दी जाएगी।  उन्होने बताया कि किसान अधिक जानकारी के लिए उप-निदेशक, कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, पंचकूला कार्यालय तथा सहायक कृषि अभियन्ता, पंचकुला, कृषि भवन, सैक्टर-21, पंचकुला कार्यालय से संपर्क कर सकते है।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Oct 15, 2024

उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के चेयरमैन एवं सदस्य मंच की कार्यवाही पंचकूला में 15 अक्तूबर को की जाएगी

पंचकूला, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए निगम द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम सर्कल फोरम पंचकूला के उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के चेयरमैन एवं सदस्य मंच की कार्यवाही 15 अक्तूबर को सुबह 11.30 बजे से अधीक्षण अभियंता, पंचकूला के कार्यालय, एससीओ नंबर-96, पहली मंजिल, सेक्टर-5, पंचकूला में की जाएगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए बिजली विभाग के एक प्रवक्कता ने बताया कि।   मंच के सदस्य, पंचकूला जिले के उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की समस्याओं की सुनवाई करेंगे  जिनमें मुख्यतः बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से सम्बंधित शिकायतें, कनैक्शन काटने और जोड़ने बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा, विश्वसनीयता में कमी और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना आदि शामिल हैं। बहरहाल, मंच द्वारा बिजली अधिनियम की धारा 126 तथा धारा 135 से 139 के अन्तर्गत बिजली चोरी और बिजली के अनधिकृत उपयोग के मामलों में दंड तथा जुर्माना और धारा 161 के अन्तर्गत जांच एवं दुर्घटनाओं से सम्बंधित मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी। सभी उपभोक्ताओं से अनुरोध किया जाता है कि अपनी शिकायतों के निवारण के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Oct 15, 2024

रालोद जिलाध्यक्ष डॉ सुभाष गुर्जर ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित सांसद डॉ सांगवान का जताया आभार

बागपत, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। रालोद सांसद डॉ राजकुमार सांगवान की पहल रंग लाई। बावली के सैंट्रल स्कूल के बच्चों की सुरक्षा हेतु बनेगा फुट ओवर ब्रिज। इसके लिए सांसद ने सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर की थी मांग। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी ने अपने पत्र में उक्त जानकारी देते हुए बताया कि, सांसद डा राजकुमार सांगवान के अतिविशिष्ट पत्र, जो कि उन्होंने सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सम्बोधित किया था तथा जिसके माध्यम से उनके केन्द्रीय विद्यालय, बावली जनपद-बागपत के सामने छात्रों को रोड़ क्रासिंग के लिए एक छोटा कट देने अथवा फुट ओवर ब्रिज, स्पीड़ ब्रेकर या रंबल स्ट्रीट बनाने एवं बस स्टॉप बनवाने पर विचार करने हेतु कहा गया था।   बताया कि, मुख्यालय द्वारा-709बी पर दो स्थानों पर एफओबी निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसके अनुसार केन्द्रीय विद्यालय, बावली के सामने एफओबी निर्माण हेतु संविदाकार (ठेकेदार) की नियुक्ति कर दी गयी है। ठेकेदार के द्वारा कार्य प्रारम्भ करने हेतु उक्त स्थान पर प्रभावित हो रही बिजली, आदि की यूटिलिटी को हटाये जाने सम्बन्धी कार्यवाही की जा रही है। कहा कि, ठेकेदार द्वारा शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारम्भ किये जाने की सम्भावना है। रालोद जिलाध्यक्ष डॉ सुभाष गुर्जर ने सांसद डॉ सांगवान के सफल प्रयास की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024

डॉ सुभाष गुर्जर का पैतृक गांव निरोजपुर गुर्जर में अभूतपूर्व भव्य स्वागत, भावुक हुए रालोद जिलाध्यक्ष

बागपत, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे डॉ सुभाष गुर्जर का निरोजपुर गुर्जर में जोरदार स्वागत किया गया। उनके साथ सांसद डॉ राजकुमार सांगवान भी उपस्थित रहे।इस दौरानजैसे ही डॉ गुर्जर गांव पहुंचे, ग्रामीणों ने फूलों की मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।    रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी द्वारा जिलाध्यक्ष के रूप में सुभाष गुर्जर की नियुक्ति से अति उत्साहित ग्रामीणों ने कहा, यह स्वागत केवल एक सम्मान का प्रतीक नहीं, बल्कि उनके प्रति गांव वालों के अटूट स्नेह और विश्वास का भी प्रमाण है। डॉ सुभाष गुर्जर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए भावुक स्वर में कहा, “मैं अपने गांव के लोगों का आशीर्वाद लेने आया हूं। मेरे लिए यह सम्मान नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिसे मैं पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगा।   आप सबका साथ और आशीर्वाद मुझे और भी मजबूत बनाता है। इस मौके पर सांसद डॉ राजकुमार सांगवान ने कहा, “डॉ सुभाष गुर्जर के जिलाध्यक्ष बनने से जिले में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी। हम सब मिलकर क्षेत्र में ऐसे काम करेंगे, जो यहां के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।”गांव के बुजुर्गों ने डॉ गुर्जर को आशीर्वाद देते हुए उनकी तारीफ की, वहीं युवाओं ने उनके नेतृत्व को सराहा और भविष्य के प्रति उम्मीद जताई।    इस दौरान पूरे गांव में एक उत्सव जैसा माहौल था, जो इस बात का प्रतीक है कि डॉ सुभाष गुर्जर अपने गांव और क्षेत्र के लोगों के दिलों में विशेष स्थान रखते हैं।कार्यक्रम में डॉ कुलदीप उज्ज्वल, डॉ अजय तोमर विधायक, अमित चिकारा, अश्वनी तोमर, ओमबीर तोमर, पहलाद मास्टर, नरेंद्र भाटी, विनोद गुर्जर, नेपाल प्रधान, बिरम सिंह, धूम सिंह, धर्मवीर भगत जी, सुरजी, ओम प्रकाश प्रधान, संदीप प्रधान, सुनील डागर आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024

बसौद की संस्था द्वारा डॉ राजीव गुप्ता पुट्ठी को दिया गया "पथ प्रदर्शक सम्मान

बागपत, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश की आज़ादी के लिए क्रांतिकारी बने गांव बसौद स्थित युवा चेतना समिति ने मां अम्बा बालिका डिग्री कालेज ग्वालीखेडा के प्राचार्य, शिक्षाविद् डॉ राजीव गुप्ता पुट्ठी को "पथ प्रदर्शक सम्मान" से अलंकृत किया। आयोजित कार्यक्रम में युवा चेतना समिति के अध्यक्ष मा सत्तार अहमद व महासचिव समीर अहमद ने शिक्षाविद् डॉ राजीव गुप्ता पुट्ठी को पटका पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए कहा कि।   डॉ राजीव गुप्ता युवाओं के लिए प्रेरणाहैं। समीर अहमद ने कहा कि, डॉ राजीव गुप्ता के मार्गदर्शन में अनेक विद्यार्थी अपने मुकाम पर पहुंचे हैं। वहीं सम्मानित होने पर डॉ राजीव गुप्ता ने समिति परिवार का आभार व्यक्त किया और कहा कि,युवाओं को सही मार्गदर्शन करने में उन्हें आत्मीय सुख मिलता है।इस मौके पर समीर अहमद इदरीश प्रधान, असगर ठेकेदार, शौकत बीडीसी,अब्दुल वहीद नितिन विकास आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024

महाराजा अग्रसेन की जयंती की धूम, एक ईंट व एक रुपये के सहयोग की परंपरा महाराजा अग्रसेन की देन

छपरौली, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे में स्थित श्री सनातन धर्म ठाकुरद्वारा मन्दिर में महाराजा अग्रसेन जयंती मनाई गई, जिसमें कस्बे के व्यापारियों ने सांध्यकाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। श्रद्धालुओं ने धूमधाम से महाराजा अग्रसेन जंयती महोत्सव कार्यक्रम मनाया। महोत्सव में समाज को एकजुट करने का आह्वान किया गया। शुभारंभ हवन पूजन के साथ हुआ।    इस अवसर पर प्रधान नरेश गुप्ता व आचार्य संदीप गुप्ता ने समाज के लोगों को एकजुट होने व महाराज अग्रसैन के विचारों, सिद्धांतों पर चलने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि, महाराजा अग्रसेन ने एक ईंट और एक रुपए सिद्धांत की घोषणा की थी, जिसके अनुसार नगर में आने वाले हर नए परिवार को नगर में रहने वाले प्रत्येक परिवार की ओर से एक ईंट और एक रुपए दिया जाता था।   इसका मकसद होता था कि, ईंटों से वह घर का निर्माण कर सके और रुपए से अपना व्यापार शुरू कर सके। बताया कि,महाराजा अग्रसेन अग्रवाल समाज ही नहीं, बल्कि सभी जाति एवं वर्ग के प्रिय एवं हितैषी थे। इस दौरान समाज के प्रधान नरेश गुप्ता, राकेश, नंदकिशोर गुप्ता,दीपक गुप्ता, रामभरोसे गुप्ता, राकेश गुप्ता, प्रमोद गुप्ता, दिनेश बंसल, मोनू गुप्ता, सुशील गुप्ता, सोनू गुप्ता, निशांत जिंदल, आयुष गुप्ता आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024

विद्यांचल में एकत्र हुई दुर्गा वाहिनी की वीरानगनाओं ने हर्षाेल्लास से किया शस्त्र पूजन

खेकड़ा, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे में रविवार को दुर्गा वाहिनी की वीरांगनाओं ने शस्त्र पूजन का आयोजन किया। मंत्रोच्चार के साथ मां दुर्गा के अष्ट शस्त्रों का पूजन भारत मां की जय घोष के साथ संपन्न हुआ। विश्व हिंदू परिषद के घटक दल दुर्गा वाहिनी की वीरांगनाएं और सक्रिय स्वयंसेविकाएं रविवार को कस्बे के विद्यांचल स्कूल के प्रांगण में एकत्र हुई।    जहां शस्त्र पूजन कार्यक्रम बड़े हर्षाेल्लास से मनाया गया। उद्घाटन पूर्व प्रधानाचार्या राज गोस्वामी, समाजसेविका प्रेमलता शर्मा और दुर्गा वाहिनी की जिला सहसंयोजिका शालू ने श्रीराम दरबार, भारत माता तथा माँ काली के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किया। इस दौरान मां दुर्गे के अष्ट शस्त्रों का मंत्रों व जय श्री राम के उद्घोष के साथ पूजन किया गया।    यूट्यूब और बडी कंपनियों के माध्यम से कस्बे का नाम रोशन करने वाले गायक कलाकार राकेश धामा ने सांस्कृतिक भजनों से देशभक्ति का समां बांध दिया।अध्यक्षता मातृशक्ति जिला संयोजिका निशा त्यागी ने किया। मंच संचालन दुर्गा वाहिनी जिला संयोजिका अनु पंवार ने किया। कार्यक्रम में जिला मंत्री नितिन, आयुषी त्यागी, मानवी, कविता, अमित झा, देव सिरोही, हर्ष शर्मा एडवोकेट,वरुण वर्मा, पंकज शर्मा आदि शामिल रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024

ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे पर बड़ा हादसा मौके पर तीन की मौत, एक घायल

चांदीनगर, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे पर लहचौड़ा के समीप बड़ा हादसा।कैंटर से उतर रहे कई लोगों को ट्रक ने कुचला। हादसे में तीन की मौके पर मौत, जबकि एक गंभीर रुप से घायल । सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए बागपत भेज दिया, वहीं घायल को इलाज के लिए रटौल के निजी चिकित्सक के यहां पहुंचाया।    ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे पर लहचौडा गांव के समीप नन्हे पुत्र इंतजार निवासी देहरा, नाहल निवासी आकिल पुत्र इकबाल अपने साथियों के साथ कैंटर से गाजियाबाद की ओर से हरियाणा की तरफ जा रहे थे। जैसे ही वह लहचौड़ा गांव के समीप पहुंचे तो अपने कैंटर से नीचे उतरने लगे। तभी एक अज्ञात वाहन ने उन्हें कुचल दिया, जिसमें नन्हे पुत्र इंतजार निवासी देहरा, आकिल पुत्र इकबाल निवासी नाहल और एक अन्य साथी राजा निवासी देहरा की मौके पर ही मौत हो गई।   जबकि अनवार पुत्र इंतजार निवासी देहरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल का इलाज रटोल निजी चिकित्सक के यहां कराया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए बागपत भेज दिया है।  पुलिस ने कैंटर मालिक को फोन पर सूचना दी है। कैंटर में सभी लोग कहां जा रहे थे यह अभी पता नहीं चल पाया है । पुलिस ने घटना की सूचना परिजनों को दे दी है।परिजनों के आने पर ही घटना की जानकारी का पता चलेगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024