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○ Rose Sardana All Set to Dazzle in Bhool Bhulaiyaa 3: A Laughter Riot Awaits
○ Ekta Tiwari Pays Tribute to Ratan Tata: A Legacy of Humanity, Vision, and Humility
○ Aalekh Foundation as His YISFF Award-Winning Hit 'Thi Thi Thara' Captivates Global Audiences
○ She's still taking revenge for that: Vivian Dsena on wife Nouran Aly
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International
ट्रूडो सरकार पर भरोसा नहीं, भारत ने कनाडा से वापस बुलाया उच्चायुक्त
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत ने कनाडा को लेकर और सख्त कदम उठा लिया है. अपने कनाडा के उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है. इसके साथ ही भारत ने ‘निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों तथा अधिकारियों' को भी वापस बुलाने का फैसला किया है. इससे पहले भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को समन भेजकर तलब किया गया है. दिन में भी भारत ने कनाडा को जमकर सुनाया था. जाहिर है इससे भारत-कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों के समाप्त होने का भी अंदेशा बढ़ गया है. दरअसल, कनाडा ने कल भारत को एक ‘‘राजनयिक संचार भेजा, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में जांच से संबंधित मामले में ‘निगरानी वाले व्यक्ति' हैं.'' इससे भारत स्तब्ध रह गया. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 15, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा पर रवाना
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की अपनी आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुईं। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की एक साथ तीन अफ्रीकी देशों की पहली यात्रा है। राष्ट्रपति मुर्मू अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बौने के निमंत्रण पर 13 अक्टूबर को अल्जीरिया पहुंचेंगी। वह इस अफ्रीकी देश में 15 अक्टूबर तक रहेंगी। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। *दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता* इस यात्रा से भारत और अल्जीरिया के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूती मिलेगी। दोनों देश तेल, गैस, रक्षा एवं अंतरिक्ष सहयोग जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में और नजदीक आएंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की इस यात्रा में दोनों राष्ट्रपतियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। काउंसिल ऑफ नेशन (अल्जीरियाई संसद के ऊपरी सदन) और नेशनल पीपुल्स असेंबली (निचले सदन) के अध्यक्षों सहित कई अल्जीरियाई गणमान्य व्यक्ति भी इस बैठक में शामिल होंगे। *भारत-अल्जीरिया के बीच आर्थिक मंच को करेंगी संबोधित* इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू भारत-अल्जीरिया के बीच आर्थिक मंच और सिदी अब्देल्ला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पोल विश्वविद्यालय को संबोधित करेंगी। वह जार्डिन डी'एस्साई के हम्मा गार्डन में इंडिया कॉर्नर का भी उद्घाटन करेंगी। इसके बाद इस उत्तरी अफ्रीकी देश से भारतीय राष्ट्रपति 16 अक्टूबर को पड़ोसी देश मॉरिटानिया जाएंगी। मॉरिटानिया इस समय अफ्रीकी संघ का अध्यक्ष भी है। *मॉरिटानिया में भारतीय समुदाय के लोगों से भी करेंगी बात* मॉरिटानिया पहुंच कर राष्ट्रपति मुर्मू अपने समकक्ष मोहम्मद औलद शेख अल गजौनी से बातचीत करेंगी। मॉरिटानिया प्रधानमंत्री मोख्तार औलद दजय और विदेश मंत्री मोहम्मद सलीम औलद मरजूक के उनसे मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा भारत-मॉरिटानिया द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देगी। *मलावी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक* इसके बाद मलावी के राष्ट्रपति डॉ. लाजरस मैकार्थी चकवेरा के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू 17-19 अक्टूबर तक मॉरिटानिया से पूर्वी अफ्रीकी देश पहुंचेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू मलावी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद वह देश के व्यापारिक और उद्योग जगत के नेताओं और भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगी। अपनी यात्रा के अगले चरण में वह देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा करेंगी।' विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 13, 2024
विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान, एससीओ की बैठक में होंगे शामिल
नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। यहां वह एससीओ की बैठक में शामिल होंगे। 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में बैठक होगी। 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 9 साल बाद पाकिस्तान जाएंगे। एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में जयशंकर हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक का न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था, 'बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।'इससे पहले जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर अब खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है।' जयशंकर ने आगे कहा था, 'जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहांआर्टिकल 370 खत्म हो गई है। यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।' विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 5, 2024
नेपरविले में हुआ 4 दिवसीय भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले का आयोजन
शिकागो, 04 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। इलिनोइस के नेपरविले मे भारतीय मूल के प्रमुख व्यवसायी और इंडियन अमेरिकन बिजनेस काउंसिल के चेयरमेन अजित सिंह व डीट्राइबल्स फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासो से भारत के कारीगरों को अमेरिका में बढ़ावा देने के उद्देश्य से 4 दिवसीय स्वदेशी मेले का भव्य आयोजन किया। भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले में विभिन्न भारतीय कलाकृतियों, हथकरघा उत्पादों, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गयी और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साओ, भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष, राष्ट्रीय भारत हथकरघा संवर्धन परिषद की विकास आयुक्त डाक्टर एम बीना, नेपरविले के मेयर स्कॉट वेहरली, कांग्रेसमैन बिल फोस्टर, कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति, शिकागो के एल्डरमैन डेविड मूर, इलिनोइस राज्य की सीनेटर लॉरा एलमैन, ऑरोरा की एल्डरवुमेन श्वेता बैद और ड्यूपेज काउंटी बोर्ड की सदस्य पैटी गुस्टिन सहित कई गणमान्य अतिथियों ने मेले में भाग लिया। पद्मश्री कैलाश खेर को भारतीय स्वदेशी मेले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। मेले में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व दिया। मेले में पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा प्रस्तुत संगीत, हथकरघा प्रदर्शनी, गरबा और डांडिया नृत्य आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। डीट्राइबल्स फाउंडेशन की संस्थापक दीपाली सरावगी ने मेले में आने वाले स्वयंसेवकों, प्रायोजकों और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। अजित सिंह ने बताया कि 4 दिवसीय मेले में 30 हजार से अधिक लोगों ने विजिट किया और 105 से अधिक विक्रेताओं ने भाग लिया। कहा कि वे भविष्य में भी भारतीय और अमेरिकी व्यापार को बढ़ावा देने और दोनों देशों की संस्कृतियों का आदान-प्रदान करने और आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के मेलों का आयोजन करते रहेंगे। इस अवसर पर भारतीय और अमेरिकी समुदाय के हजारों लोग उपस्थित थे। बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।
admin
Oct 4, 2024
एशिया पावर इंडेक्स:जापान को पछाड़कर तीसरा सबसे ताकतवर देश बना भारत
नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। एशिया पावर इंडेक्स में जापान को पछाड़कर भारत तीसरा सबसे ताकतवर देश बन गया है। बुधवार को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत के तेज आर्थिक विकास, युवा जनसंख्या, अर्थव्यवस्था का विस्तार की वजह से भारत की स्थिति बेहतर हुई है। साथ ही ये भारत की दुनिया में बढ़ती साख को भी दर्शाता है। *एशिया प्रशांत क्षेत्र के ताकतवर देशों की सूची दर्शाता है एशिया पावर इंडेक्स* मंत्रालय ने बयान में कहा कि 'एक बड़े बदलाव के तहत भारत ने जापान को पछाड़कर एशिया पावर इंडेक्स में तीसरे सबसे ताकतवर देश का दर्जा हासिल किया है। ये भारत की दुनियाभर में बढ़ रही साख को दर्शाता है।' एशिया पावर इंडेक्स की शुरुआत साल 2018 में लॉवी इंस्टीट्यूट द्वारा की गई थी। इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में सालाना आधार पर ताकतवर देशों की एक सूची तैयार की जाती है। इसमें एशिया प्रशांत के 27 देशों की स्थिति का आकलन किया जाता है। *इन वजहों से बढ़ रही दुनिया में भारत की साख* मंत्रालय ने बताया कि एशिया पावर इंडेक्स में पता चला है कि क्षेत्रीय ताकतों की सूची में भी भारत की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है और भारत का प्रभाव भी बढ़ रहा है। भारत के उछाल में सबसे अहम फैक्टर इसका आर्थिक विकास है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी के बाद जबरदस्त आर्थिक रिकवरी की, जिसकी वजह से भारत की आर्थिक क्षमताओं में 4.2 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश के आर्थिक विकास में इसकी बड़ी जनसंख्या की अहम भूमिका है और मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के चलते भारत दुनिया दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। *युवा जनसंख्या भारत की ताकत* भारत को अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंदियों चीन और जापान की तुलना में जनसांख्यिकी का भी फायदा मिला है। चीन और जापान जहां अपनी बुजुर्ग होती जनसंख्या से जूझ रहे हैं, वहीं भारत के पास विशाल युवा आबादी है, जो इसके आर्थिक विकास को आने वाले दशकों में मजबूती देती रहेगी। क्वाड और विभिन्न वैश्विक संगठनों में भारत की मौजूदगी से कूटनीति की दुनिया में भी भारत का प्रभाव बढ़ा है। एशिया पावर इंडेक्स में किसी भी देश की ताकत का आकलन उसकी आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, भविष्य के संसाधनों, आर्थिक साझेदारी, रक्षा नेटवर्क, कूटनीतिक प्रभाव और सांस्कृतिक प्रभाव के आधार पर किया जाता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Sep 25, 2024
शॉर्ट नोटिस पर शेख हसीना ने मांगी भारत आने की इजाजत:एस जयशंकर
नई दिल्ली, 06 अगस्त 2024 (यूटीएन)। भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. बिगड़े हालातों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बोलते हुए मंगलवार को कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना ने बहुत ही कम समय में भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. विदेश मंत्री ने बताया कि हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध मिला. जिसके बाद वह सोमवार को दिल्ली पहुंचीं. एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि बांग्लादेश के हालात पर भारत सरकार नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी और उनका अनुरोध स्वीकार कर उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई. इसके साथ ही भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. *भारत सरकार पिछले 24 घंटे से ढाका के संपर्क में* एस जयशंकर ने आगे कहा, "पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अभी यही स्थिति है. मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के बारे में संवेदनशील मुद्दों के संबंध में सदन की समझ और समर्थन की मांग करता हूं, जिस पर हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है." जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के मामले में स्थिति पर नजर रख रही है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना के जाने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई है. *'बीएसएफ को चौकसी बढ़ाने और अलर्ट रहने के दिए निर्देश'* विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये भी बताया कि कुछ ग्रुप और संगठन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी कर रहे हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से कानून और व्यवस्था बहाल होने तक हम बेहद चिंतित रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा बलों को भी इस हालात के मद्देनजर सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. *करीब 19 हजार भारतीय बांग्लादेश में फंसे* राज्य सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, " अनुमान है कि वहां 19,000 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से लगभग 9,000 भारतीय छात्र हैं. हालांकि, इनमें से कई छात्र जुलाई में आ गए थे. हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति पर नजर रख रहे हैं." विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Aug 6, 2024
राष्ट्रपति भवन में हुआ वियतनाम के प्रधानमंत्री का जबरदस्त स्वागत
नई दिल्ली, 03 अगस्त 2024 (यूटीएन)। वियतनाम के प्रधानमंत्री फैम मिन्ह चिन्ह का गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद उन्हें लेने पहुंचे। इसके बाद चिन्ह को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया। दोनों नेताओं ने बाद में प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। पीएम मोदी ने इस दौरान चिन्ह का हाथ उठाकर उन्हें गले भी लगाया। *हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं की बैठक* राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत के बाद वियतनाम के पीएम ने राजघाट का दौरा किया। यहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पीएम मोदी और मिन्ह ने हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। द्विपक्षीय संबंध और मजबूत करने पर दोनों देशों का जोर* इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बुधवार को वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देने पर चर्चा की। जयशंकर ने मुलाकात की जानकारी देते हुए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में चिन्ह के योगदान को सराहा। *बुनियादी ढांचे में निवेश करें भारतीय कारोबारी* चिन्ह ने कहा, मैंने कई भारतीय कारोबारियों से बात की है। उनसे बुनियादी ढांचे में निवेश करने का आह्वान किया है, जिसमें रणनीतिक बुनियादी ढांचा, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सांस्कृतिक और बाकी सभी क्षेत्र शामिल हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 3, 2024
वियतनाम के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंधों का आह्वान किया
नई दिल्ली, 31 जुलाई 2024 (यूटीएन)। वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने वियतनाम और भारत के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग का आह्वान किया है, उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार में 20 बिलियन डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। फिक्की और सोशलिस्ट रिपब्लिक ऑफ वियतनाम के दूतावास द्वारा आयोजित वियतनाम-भारत व्यापार मंच में बोलते हुए, प्रधानमंत्री चिन्ह ने वियतनाम की आर्थिक उपलब्धियों को रेखांकित किया और भारतीय व्यवसायों को बुनियादी ढांचे, डिजिटल प्रौद्योगिकी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।अपने संबोधन में, पीएम चिन्ह ने वियतनाम और भारत के बीच 2,000 साल पुरानी पुरानी दोस्ती पर जोर दिया। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत करने पर प्रकाश डाला, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने "सभी क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक नया रास्ता खोल दिया है।" प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और बहुपक्षवाद की वियतनाम की विदेश नीति पर जोर देते हुए कहा कि देश का लक्ष्य "दुनिया भर के सभी देशों का एक अच्छा दोस्त और विश्वसनीय भागीदार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य बनना है।" प्रधानमंत्री चिन्ह ने भारतीय व्यवसायों को वियतनाम में और अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, डिजिटल परिवर्तन, हरित हाइड्रोजन, फार्मास्यूटिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि वियतनाम वर्तमान में अपनी 33% फार्मास्यूटिकल्स भारत से प्राप्त करता है और "हमारे लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा में मदद करने के लिए वियतनाम में एक उचित फार्मास्यूटिकल पारिस्थितिकी तंत्र" स्थापित करने में रुचि व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने भारतीय व्यवसायों से वियतनामी कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत करने की सुविधा प्रदान करने का भी आह्वान किया और भारतीय व्यवसायों से वियतनाम को एक रणनीतिक गंतव्य के रूप में विचार करने का आग्रह किया। चिन्ह ने खुलासा किया कि उन्होंने कई भारतीय कंपनियों से मुलाकात की है जिन्होंने वियतनाम में निवेश करने का संकल्प लिया है। उन्होंने इन प्रतिबद्धताओं का स्वागत किया और निरंतर निवेश और सहयोग की आशा व्यक्त की। इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, जितिन प्रसाद ने भारत और वियतनाम के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग का आह्वान किया, उनकी विकास रणनीतियों की पूरक प्रकृति और पारस्परिक लाभ की क्षमता पर जोर दिया। प्रसाद ने भारत और वियतनाम के बीच आर्थिक तालमेल पर प्रकाश डाला, और कहा कि दोनों देश औसत वैश्विक आर्थिक विकास दर से लगभग दोगुनी गति से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे दोनों देश अपने विनिर्माण कौशल को बेहतर बनाने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और विश्व अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।" मंत्री ने एक-दूसरे के बाजारों में अवसरों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया, उन्होंने बताया कि बड़े वैश्विक बाजार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन द्विपक्षीय व्यापार की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने हनोई में 33वें वियतनाम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अतिथि के रूप में भारत की हालिया भागीदारी का उल्लेख किया, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों का संकेत देता है। प्रसाद ने आग्रह किया, "मेरा मानना है कि हमारे व्यवसायों को वास्तव में एक-दूसरे पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, जितना हम वर्तमान में कर रहे हैं उससे कहीं अधिक।" उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा देने और समर्थन देने की भारत सरकार की इच्छा व्यक्त की। मंत्री ने चल रही व्यापार वार्ताओं का उल्लेख किया, जिसमें 2009 के भारत-आसियान व्यापार और माल समझौते की समीक्षा शामिल है, जिसे 2025 तक पूरा किया जाना है, और इंडो-पैसिफिक आर्थिक रूपरेखा वार्ता। ये भारत और वियतनाम के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ा सकते हैं। अपने स्वागत भाषण में, फिक्की के पूर्व अध्यक्ष संदीप सोमानी ने भारत और वियतनाम के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार 14.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें और वृद्धि की संभावना है। सोमानी ने पूरक व्यापार लाभों और विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते निवेश पर जोर दिया। उन्होंने कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, आईसीटी और नवीकरणीय ऊर्जा को सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में पहचाना। पर्यटन, विशेष रूप से बौद्ध-केंद्रित और गंतव्य शादियों को एक आशाजनक जुड़ाव क्षेत्र के रूप में उजागर किया गया। सोमानी ने आपसी समझ को मजबूत करने में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के संपर्क के महत्व पर भी जोर दिया। इस कार्यक्रम में दा नांग, वियतनाम और अहमदाबाद, गुजरात, भारत के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ भी हुआ। *इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान कई समझौता ज्ञापनों की घोषणा की गई। इनमें शामिल हैं:* 1. वियतनाम एयरलाइंस और इनोवेशन इंडिया के बीच फिल्म लव इन वियतनाम और भारत-वियतनाम मैत्री महोत्सव - नमस्ते वियतनाम महोत्सव 2024 के तीसरे संस्करण से संबंधित सहकारी गतिविधियों में समझौता ज्ञापन। 2. एविएशन, एयरपोर्ट और लॉजिस्टिक्स उद्योग में सहयोग पर सोविको और अडानी के बीच समझौता ज्ञापन। 3. अपशिष्ट उपचार संयंत्र के विकास, वित्तपोषण, निर्माण, संचालन और रखरखाव पर टीएंडटी समूह और रामकी समूह के बीच मास्टर भागीदारी समझौता। 4. फार्मास्युटिकल औद्योगिक पार्क के बारे में सहयोग पर टीएंडटी समूह और रामकी के बीच समझौता ज्ञापन। 5. ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्ट ग्लोबल और क्रेसेंडो वर्ल्डवाइड के बीच समझौता ज्ञापन। 6. ट्रेडिंग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्ट ग्लोबल और अरिटा के बीच समझौता ज्ञापन। 7. ट्रेडिंग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्ट ग्लोबल और जीसीसीआई के बीच समझौता ज्ञापन। 8. ट्रेडिंग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्ट ग्लोबल और एफ आई आई के बीच समझौता ज्ञापन। 9. वियतनाम में स्टम्प्यूटिक्स उत्पादों के वितरण और नई तकनीकों और तकनीकों (स्टेम सेल) को लागू करने के साथ-साथ वियतनाम में एक लैब स्थापित करने के लिए सहयोग करने के लिए होआंग लैम फार्मास्युटिकल एंड कॉस्मेटिक्स जेएससी और स्टम्प्यूटिक्स रिसर्च के बीच समझौता ज्ञापन। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 31, 2024
कारगिल विजय दिवस: 25 साल पहले पिता ने पाकिस्तान को धूल चटाई और अब बेटा कमान संभाले बैठा है
नई दिल्ली, 27 जुलाई 2024 (यूटीएन)। कारगिल विजय दिवस भारत के 140 करोड़ लोगों को गर्व महसूस कराने वाला दिन है। हर साल 26 जुलाई को यह दिन पूरा देश सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन 1999 में कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराया था। यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला था। यह दिवस उन सभी वीर भारतीय सैनिकों को याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने इस युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। कारगिल युद्ध में असाधारण वीरता दिखाने वाली 8 माउंटेन डिवीजन के लिए यह साल खास है। 25 साल पहले इस डिवीजन ने दुश्मनों को धूल चटाई थी। अब इसी डिवीजन की कमान मेजर जनरल सचिन मलिक संभाल रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कारगिल युद्ध के वक्त उनके पिता पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक सेनाध्यक्ष थे। जनरल वीपी मलिक ने अपने करियर में 8 माउंटेन डिवीजन का नेतृत्व किया था। *भारत का सबसे यादगार युद्ध* कारगिल युद्ध भारत के लिए एक यादगार जीत थी। यह युद्ध दुनिया के सबसे कठिन ऊंचाई वाले युद्धों में से एक था। 8 माउंटेन डिवीजन ने इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जनरल वीपी मलिक के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ बाहर किया था। यह जीत भारतीय सेना की वीरता और साहस का प्रतीक है। मेजर जनरल सचिन मलिक के 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभालने से इस डिवीजन का गौरव और बढ़ गया है। पिता और पुत्र, दोनों का इस डिवीजन से गहरा नाता रहा है। *25वीं वर्षगांठ* जनरल वीपी मलिक ने 25वीं वर्षगांठ पर युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा, 'यह 25वीं वर्षगांठ है, जो एक विशेष अवसर है। मैं हमेशा यहां युद्ध में शहीद हुए अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि देने और हमारी सेना द्वारा किए गए सभी अच्छे कार्यों को याद करने आता हूं।' इस बार यह मौका और भी खास बन गया क्योंकि सचिन भी इस मौके पर मौजूद थे। सचिन उसी डिवीजन की कमान संभाल रहे हैं जहां जनरल मलिक ने युद्ध लड़ा था। जनरल मलिक ने कहा, 'इस साल यह इसलिए भी खास हो गया है क्योंकि सचिन यहां है और वह उसी डिवीजन की कमान संभाल रहा है जहाँ मैंने युद्ध लड़ा था, उसी जगह पर जहाँ हमने युद्ध लड़ा था।' 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाला बड़ी चुनौती मेजर जनरल सचिन मलिक ने 8 माउंटेन डिवीजन की कमान की चुनौतियों पर बात की। 8 माउंटेन डिवीजन नियंत्रण रेखा पर कठिन परिस्थितियों में काम करता है। मेजर जनरल मलिक इसे एक सौभाग्य और एक बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं इसे एक सौभाग्य के साथ-साथ एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में देखता हूं।' मेजर जनरल मलिक ने 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली है। यह डिवीजन 1963 से हमेशा ऑपरेशन में रही है, इसलिए इसे 'फॉरएवर इन ऑपरेशन्स' कहा जाता है। कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर, मेजर जनरल मलिक ने कहा कि उनकी डिवीजन के अधिकांश सैनिक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं। ऐसा इसलिए है ताकि दोबारा कारगिल जैसी कोई घटना न हो सके। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इन चोटियों पर बहुत खून बहा है। हम कभी किसी को दोबारा ऐसा करने नहीं देंगे। हमें हमेशा सतर्क रहना होगा। कभी भी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा कभी न हो। ये चोटियां... इन पर बहुत खून बहाया गया है' मेजर जनरल मलिक ने 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभालने को एक बड़ा सम्मान बताया है। उन्होंने कहा, '8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभालना एक बहुत बड़ा सम्मान है, जिसे 'फॉरएवर इन ऑपरेशन्स' डिवीजन के रूप में जाना जाता है- यह अपनी स्थापना (1963 में) के समय से ही हमेशा ऑपरेशन में रही है।' उन्होंने आगे कहा, 'जब हम कारगिल युद्ध की रजत जयंती मना रहे हैं, तो हमें यह याद रखना होगा कि मेरे डिवीजन का बड़ा हिस्सा नियंत्रण रेखा पर तैनात है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसा कुछ दोबारा न हो। ' उन्होंने इस जिम्मेदारी को महत्वपूर्ण बताया। उनके अनुसार, 'पहली बात जो दिमाग में आती है वह है भारी जिम्मेदारी। ये चोटियां... इन पर बहुत खून बहाया गया है और ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हम कभी भी किसी को दोबारा ऐसा करने दें। इसलिए हमें हमेशा पूरी तरह से सतर्क रहना होगा, हमें हर चीज के लिए तैयार रहना होगा और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उस प्रकृति का कुछ भी दोबारा न हो।' फरवरी में मेजर जनरल सचिन मलिक ने माउंटेन डिवीजन के 42वें जनरल ऑफिसर कमांडिंग का पद संभाला। *पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े* कारगिल युद्ध मई और जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया था। पाकिस्तान से घुसपैठियों ने एल ओ सी के भारतीय हिस्से पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना और वायु सेना ने बहादुरी से उनसे मुकाबला किया और कई सामरिक चौकियों पर फिर से कब्जा कर लिया। इससे घुसपैठियों को बाकी चौकियों से पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 27, 2024
भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम को जल्द लग सकते हैं पंख!
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए प्रोग्राम के लिए जल्द ही अच्छी खबर सामने आ सकती है। राफेल फाइटर जेट बनाने वाली फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन ने उत्तर प्रदेश में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल एमआरओ सुविधा स्थापित करने के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है। कंपनी ने इसके भूमि अधिग्रहण के लिए आवेदन भी कर दिया है। वहीं, जेवर हवाई अड्डे के पास जो एमआरओ सुविधा बनाई जाएगी, उसमें भारत के मिराज 2000 और राफेल लड़ाकू जेट विमानों के बेड़ों की मेंटेनेंस होगी। वहीं कंपनी ने राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स खरीदना भी शुरू कर दिया है। *सरकार ला सकती है नई पॉलिसी* रक्षा सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के पास लंबे समय से पांचवी पीढ़ी के ट्विन इंजन 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए खरीदने का प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ है। वहीं कई निर्माताओं से सौदे को लेकर बात बन नही पा रही थी। अलग-अलग कंपनियों से टुकड़ों-टुकड़ों में जहाज खरीद के सौदों से आजिज आ चुकी सरकार नई नीति बनाने की तैयारी कर रही है। नई नीति के तहत चाहती है कि जो मैन्यूफैक्चरर भारत में फाइटर जेट की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाएगा, उसे ही सरकार प्राथमिकता देगी। साथ ही, सरकार की शर्तों में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी है। यह पहली बार होगा, जब सरकार टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ पूरे जहाज का निर्माण भारत में ही करने पर जोर दे रही है। फिलहाल कोई भी निर्माता इसके लिए आगे नहीं आया है। सरकार जल्द ही नई शर्तों के साथ ग्लोबल टेंडर भी जारी करने की तैयारी कर रही है। पहले खरीदे गए लड़ाकू विमानों के कई पार्ट्स ऑब्लिगेशंस के चलते पहले से ही भारत में बनाए जा रहे हैं। *नहीं होगा कोई भारतीय साझेदार* दसॉ एविएशन के भारत में एमआरओ सुविधा लगाने के फैसले को सरकार की इसी भावी नीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। खास बात यह होगी कि दसॉ एविएशन यह फैसिलिटी बिना रिलायंस डिफेंस की मदद के लगाएगा और इसका पूरा मालिकाना हक दसॉ एविएशन के पास होगा। दसॉ ने इस परियोजना के लिए अपने भारतीय साझेदार अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से अलग होने का फैसला किया है। नागपुर में दसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड डीआरएएल फाल्कन बिजनेस जेट और राफेल के लिए पार्ट्स बनाती है। सूत्रों के मुताबिक दसॉ एविएशन अपनी इस एमआरओ फैसिलिटी से इंडोनेशिया की जरूरतों को भी पूरा करेगी। इंडोनेशिया के पास 42 राफेल लड़ाकू विमान हैं। *राफेल का इंजन भारत में बनाने के लिए तैयार* सूत्रों ने बताया कि फ्रांस की मैक्रों सरकार और दसॉ ने भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर खरीदे गए पार्ट्स के साथ “मेक इन इंडिया” के तहत भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की लिखित पेशकश की है। इंजन निर्माता सफरॉन एसए हैदराबाद में राफेल लड़ाकू विमानों के इंजन की मरम्मत के लिए भी एक एमआरओ सुविधा बना रही है, जो 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगी। सफरॉन के मुताबिक अगर भारतीय वायुसेना के लिए राफेल फाइटर जेट का ऑर्डर आता है, तो वह भारत में एम-88 इंजन बनाने के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना अपनी जरूरतों को स्वदेशी विमानों से पूरा करना चाहती है। जीई-414 इंजन के साथ एचएएल का एलसीए मार्क II मिराज 2000 की जगह लेगा। लेकिन यह प्रोजेक्ट अगले 10 साल से पहले पूरा नहीं हो पाएगा। जिसे देखते हुए दसॉ एविएशन अपनी प्रोडक्शन यूनिट भारत में लगाना चाहती है। वहीं, फ्रांस लड़ाकू विमानों को निर्यात करने की भी अनुमति देगा। *भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स की खरीद शुरू* सूत्रों ने बताया कि वहीं दसॉ एविएशन ने राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स खरीदना भी शुरू कर दिया है। टाइटेनियम का इस्तेमाल एडवांस लड़ाकू जेट के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दसॉ की इस पहले से भारतीय कंपनियों को एयरोस्पेस क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। साथ ही, भारत की “मेक इन इंडिया” पहल को भी मजबूती मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक भारत में राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माण का फैसला दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। क्योंकि दसॉ के पास क्रोएशिया, ग्रीस, सर्बिया, मिस्र, कतर, यूएई और इंडोनेशिया से पहले से ही लगभग 300 से ज्यादा लड़ाकू विमानों के ऑर्डर हैं। वहीं दसॉ के पास भारत के लिए अतिरिक्त विमान बनाने की क्षमता नहीं है। इसके अलावा फ्रांसीसी वायु सेना ने भी 42 और राफेल विमानों की मांग की है। इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के लिए बनाएगी इंजन सूत्रों ने बताया कि इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों आईएमआरएच के इंजन निर्माण के लिए सफरॉन कंपनी किसी भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम लगाने के लिए भी तैयार है, ताकि भारत को इमरजेंसी जरूरतों के लिए किसी तीसरे देश की ओर न देखना पड़े। दसॉ के इस ऑफर के पीछे खास बात यह है कि भारतीय वायुसेना को मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए कार्यक्रम के तहत नए लड़ाकू विमानों की लंबे समय से जरूरत है, जिसके तहत वे ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए ट्विन इंजन वाले 114 नए लड़ाकू विमान खरीदना चाहते हैं। भारतीय वायुसेना की कम होती लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए नए फाइटर एयरक्राफ्ट बड़ी जरूरत बनी हुए हैं। भारत के पास जो फिलहाल 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, उनमें पुराने हो चुके मिग 21, जगुआर के अलावा मिग-29 भी शामिल हैं, इनमें से सभी को 2029-30 तक रिटायर कर दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के अधिकांश स्क्वॉड्रनों में लगभग 270 सुखोई SU-30 MKI हैं, जिनमें ज्यादातर सर्विस के लिए ग्राउंड रहते हैं। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध ने जरूरी स्पेयर पार्ट्स की खरीद को और भी मुश्किल बना दिया है। *नेवी को चाहिए 26 मैरीटाइम स्ट्राइक राफेल* भारतीय वायुसेना पहले से ही हैमर और स्कैल्प मिसाइलों के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों को ऑपरेट कर रही है। जबकि भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत पर तैनाती के लिए 26 मैरीटाइम स्ट्राइक राफेल की खरीद सौदे की बातचीत कर रही है। भारत के अंबाला एयर बेस में राफेल के लिए पहले से ही बेस मेंटेनेंस डिपो, मरम्मत, प्रशिक्षण और सिमुलेटर मौजूद हैं। वहीं, भारतीय वायुसेना कतर के साथ 12 पुराने मिराज लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भी बातचीत कर रही है। लेकिन यह बहुत महंगा सौदा है। सूत्रों ने कहा कि 12 विमानों को भारतीय वायुसेना के मानकों के अनुसार अपग्रेड करना समझदारी नहीं है, क्योंकि इसकी लागत बहुत अधिक होगी। *चीन एलएसी पर बढ़ा रहा जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती* जिस तरह से चीन ने भारत से लगती सीमा पर मौजूद अपने एयरबेस में पांचवीं पीढ़ी के जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, उसे भारत के लिए कड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा था। चीन ने डब्ल्यू एस-15 इंजन विकसित किया है, इसे रूसी एएल-31 इंजन से रिवर्स इंजीनियरिंग किया है। जिसे देखते हुए भारत मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट में ज्यादा देरी नहीं कर सकता है। चीन हर साल जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ा रहा है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 3, 2024