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दिल्ली सरकार के कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति न होने से एडहॉक टीचर्स में रोष

दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकांश कॉलेजों में 80 फीसदी शिक्षकों के पद भरे जा चुके है

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Sat, Jun 8, 2024 12:36 PM

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नई दिल्ली, 08 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में अभी तक चार कॉलेज दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज, भाष्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस व अदिति महाविद्यालय ने अपने यहाँ सहायक प्रोफेसर के पदों के विज्ञापन निकाले है बाकी 8 कॉलेजों ने अभी तक शिक्षकों के पदों को भरने संबंधी विज्ञापन न निकाले जाने के कारण वहाँ पढ़ा रहे एडहॉक टीचर्स में गहरा रोष व्याप्त है । उनका कहना है कि वे पिछले एक दशक से पढ़ा रहे हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकांश कॉलेजों में 80 फीसदी शिक्षकों के पद भरे जा चुके है लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक अपने यहाँ स्थायी सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं की। 
 
इन कॉलेजों में लगभग 600 शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की जानी है । फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में भी सहायक प्रोफेसर के पदों पर जल्द से जल्द स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कराए ताकि विश्वविद्यालय से एडहॉकइज्म ( तदर्थवाद ) समाप्त हो और इन कॉलेजों के शिक्षकों में भी स्थायित्व हो ।  फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेज है । इन कॉलेजों में पिछले एक दशक से स्थायी सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति नहीं हुई थीं ।
 
इन कॉलेजों में लगभग 600 पदों पर सहायक प्रोफेसरों की स्थायी नियुक्ति की जानी है । बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले दो साल से डीयू से संबद्ध कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है जिसमें लगभग 50 से अधिक कॉलेजों ने अपने यहाँ स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली है । बाकी कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया जारी थी लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण 12 मार्च से चार जून तक के लिए नियुक्तियों को रोक दिया गया था । अगले सप्ताह से पुनः स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी । अभी तक इन कॉलेजों व विभागों में  लगभग 4600 पदों पर स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है । 
 
डॉ. सुमन ने कुलपति को बताया है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेज है । चार कॉलेज पहले ही विज्ञापन निकाल चुके है । 8 कॉलेज जिन्होंने अभी तक सहायक प्रोफेसर के विज्ञापन नहीं निकाले है उनमें भीमराव अंबेडकर कॉलेज , महाराजा अग्रसेन कॉलेज , महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन , केशव महाविद्यालय , भगिनी निवेदिता कॉलेज, इंदिरा गांधी  फिजिकल एजुकेशन एंड साइंस कॉलेज , शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्ट्डीज , शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस आदि कॉलेज है। डॉ.सुमन ने कुलपति को यह भी  बताया है कि पिछले सप्ताह उन्होंने दिल्ली सरकार के कुछ कॉलेजों का दौरा किया ।
 
वहाँ के शिक्षकों में सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति न होने के कारण गहरा रोष व्याप्त है । उनका कहना है कि पिछले दो साल में कुछ कॉलेजों में एक बार शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति होने पर प्रिंसिपलों ने दूसरी बार फिर से ओबीसी सेकेंड ट्रांच ( ओबीसी दूसरा विस्तार ) के पदों को निकालकर भरना शुरू कर दिया है लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने यहाँ नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करना तो दूर विज्ञापन भी नहीं निकाले । यहाँ के शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित है , इनमें बहुत से शिक्षक तो 40 और 50 साल की उम्र पार कर चुके है ,यदि वे यहाँ स्थायी नहीं हुए तो कहां जाएंगे , उन्हें यह चिंता सता रही है ?
 
डॉ.सुमन का यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में से चार कॉलेज भाष्कराचार्य कॉलेज , दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज व आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज व अदिति महाविद्यालय ने अपने यहाँ स्थायी सहायक प्रोफेसरों के पदों का विज्ञापन निकाल दिए है । इन कॉलेजों के विज्ञापन आने के बाद अन्य कॉलेजों ने अपना रोस्टर तैयार किया हुआ है । यदि यहाँ के कॉलेज की गवर्निंग बॉडी चाहे तो विज्ञापन जल्द आ सकते हैं । डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में से बहुत से एडहॉक टीचर्स स्थायी होकर दूसरे कॉलेजों में जा चुके है । कॉलेजों ने एडहॉक टीचर्स के स्थान पर गेस्ट टीचर्स लगा लिए है ।
 
ये कॉलेज एडहॉक व गेस्ट टीचर्स के सहारे पर चल रहे हैं ।  उन्होंने कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह से मांग की है कि दिल्ली सरकार के जिन चार कॉलेजों ने इन पदों को भरने के विज्ञापन निकाल दिए है उन कॉलेजों में जल्द से जल्द स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कराए तथा जिन आठ कॉलेजों ने विज्ञापन नहीं निकाले है ऐसे कॉलेजों को नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए विज्ञापन निकालने के लिए प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी करे । ताकि कॉलेजों से पूरी तरह एडहॉकइज्म समाप्त किया जा सकें ।
 
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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