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केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की प्रमुख बातें

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश की। इस बजट की प्रमुख बातें निम्‍नलिखित हैं : *बजट अनुमान 2024-25:* o  ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये  o  कुल व्‍यय: 48.21 लाख करोड़ रुपये o  सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़ o  वित्‍तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत। •  सरकार का लक्ष्‍य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है। •  मुद्रास्‍फीति कम, स्‍थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्‍य की ओर जारी है। •  कोर मुद्रास्‍फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत। •  बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्‍य वर्ग पर विशेष ध्‍यान है.   *रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं* •  4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल। 1. योजना क- पहली बार वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा। 2. योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्‍ट स्‍केल पर प्रोत्‍साहन राशि उपलब्‍ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है। 3. योजना ग- नौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्‍ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्‍त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपये प्रत्‍येक महीना भुगतान करेगी। 4. कौशल के लिए नई केन्‍द्र प्रायोजित योजना •  अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा। •  1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों का उन्‍नयन किया जाएगा। 5. पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए  नई योजना।   *‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :* 1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता 2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4. विनिर्माण और सेवाएं 5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अवसंरचना 8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और 9. अगली पीढ़ी के सुधार  *प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता* •  कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।  •  किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। •  प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। •  प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। •  तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा।   *प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण* •  प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण  में रोजगार सृजन,  योजना ग- नियोक्‍ताओं को मदद। •  कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए o  औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्‍थापना।  o  महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन o  महिला स्‍वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना *कौशल विकास* o  प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्‍द्र प्रायोजित नई योजना। o  7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना। o  सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता। *प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय* *पूर्वोदय* •  अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास। •  21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट का नया विद्युत संयंत्र शामिल। *आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम* •  बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की  विशेष वित्तीय सहायता। •  विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में औद्योगिक केन्‍द्र। *महिलाओं के नेतृत्‍व विकास* महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान •  जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे।  *उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं* उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्‍ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलना। प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं *विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना* •  गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी योजना। *संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता* • एमएसएमई को उनके संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था। *मुद्रा लोन* •  ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है। *ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना* •  खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया।  *फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां* •  एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। *ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र* •  एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे। *महत्वपूर्ण खनिज मिशन* •  घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना होगी। *खनिजों का अपतटीय खनन* •  पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू होगी। *डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) अनुप्रयोग* •  ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा प्रदायगी और शहरी शासन के क्षेत्र में डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास। *प्राथमिकता 5: शहरी विकास* *आवागमन उन्मुखी विकास* •  30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। *शहरी आवास* •  प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा।  *स्ट्रीट मार्केट* •  अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना। *प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा* *ऊर्जा परिवर्तन* •  रोजगार, विकास और पर्यावरण स्थायित्व की आवश्यकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज। *पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी* •  विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति। *छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास* •  भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। *उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट* •  उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्‍तावित। ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप • ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट' पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त विनियम। *प्राथमिकताः 7 अवसंरचना* *केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश* पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान। राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना में निवेश •  राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान। *प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना* (पीएमजीएसवाई) • 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा। *सिंचाई और बाढ़ उपशमन* • बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्‍य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता। सरकार बाढ़, भूस्‍खलन और अन्‍य संबंधित परियोजनाओं के लिए असम, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।  *पर्यटन* विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्‍यापक विकास।  •  ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता। *प्राथमिकता 8: नवाचार, अनुसंधान और विकास* • मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड।  • वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पूल व्यवस्था। *अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था* • अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि। *प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार* *ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य* • सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार • संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, • वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण • भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और • कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना। *शहरी भूमि संबंधी कार्य* • शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा। *श्रमिकों के लिए सेवाएं* • ऐसे वन स्‍टॉप समाधान के लिए ई-श्रम पोर्टल को अन्‍य पोर्टलों से जोड़ना। • तेजी से बदलते श्रमिक बाजार,  कौशल संबंधी जरूरतों और उपलब्‍ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए मुक्‍त आर्किटेक्‍चर डाटाबेस। • रोजगार के इच्‍छुक लोगों को संभावित नियोक्‍ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रणाली। *एनपीएस वात्‍सल्‍य* • नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्‍सल्‍य। *अप्रत्‍यक्ष कर* *जीएसटी* • जीएसटी की सफलता से उत्‍साहित होकर, जीएसटी के शेष क्षेत्रों तक विस्‍तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना। क्षेत्र विशेष के लिए सीमा शुल्‍क के प्रस्‍ताव *औषधियां एवं चिकित्‍सा उपकरण* • कैंसर की तीन दवाइयां- ट्रेस्‍टुजुमाब डिरूक्‍सटीकेन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमैब को सीमा शुक्‍ल से पूरी तरह छूट। • चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्‍सरे ट्यूब और मेडिकल एक्‍सरे मशीनों में इस्‍तेमाल हेतु फलैट पैनल डिडेक्‍टरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क में बदलाव। *मोबाइल फोन और संबंधित पुर्जे* • मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्‍बली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। *कीमती धातु* • सोने और चांदी पर सीमा शुल्‍क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया और प्‍लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया। *अन्‍य धातु* • लौह, निकेल और ब्लिस्‍टर तांबे पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। • लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। • तांबा स्‍क्रैप पर 2.5 प्रतिशत रियायती मूलभूत सीमा शुल्‍क। *इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स* • रेजिस्‍टरों के विनिर्माण हेतु ऑक्‍सीजन मुक्‍त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। *रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स* • अमोनियम नाइट्रेट पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया। *प्‍लास्टिक* पीवीसी फ्लैक्‍स बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया। दूरसंचार उपकरण • विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरण के पी.सी.बी.ए. पर बीसीडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *व्यापार सुविधा* • घरेलू विमानन और नाव तथा जलयान के एमआरओ उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से मरम्मत के लिए आयात की गई वस्‍तुओं के निर्यात के लिए समयावधि को छह महीनों से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव। • वारंटी वाली वस्‍तुओं को मरम्मत के लिए पुनः आयात करने की समय-सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रस्ताव। *महत्वपूर्ण खनिज* • 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट। • 2 महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव। *सौर ऊर्जा* • सोलर सैल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्‍क के दायरे से बाहर। *समुद्री उत्पाद* • कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले विभिन्‍न कच्‍चे माल को भी सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव। *चमड़ा और कपड़ा* • बत्तख या हंस से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव। • स्पैन्डेक्स यार्न के विनिर्माण के लिए मिथाइलेन डाईफिनाइल डाईआईसोसाएनेट (एमडीआई) पर बीसीडी को कुछ शर्तों के साथ 7.5 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *प्रत्यक्ष कर* • करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों जारी रहेंगे। • सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर। • वित्त वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत कर व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने सरलीकृत कर व्‍यवस्‍था का लाभ उठाया। *धर्मार्थ संस्थाओं और टीडीएस का सरलीकरण* • धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव। • विभिन्‍न भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जाएगा। • म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त करने का प्रस्‍ताव। • ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणी फाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव। *पुनः निर्धारण का सरलीकरण* किसी कर निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन से पांच वर्षों के बाद किसी कर निर्धारण को नए सिरे से केवल तभी खोला जा सकेगा जब कर से छूट प्राप्त आय 50 लाख या उससे अधिक हो। सर्च मामलों में समय सीमा को दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव। कैपिटल गेन का सरलीकरण और युक्तिकरण • कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में लघु अवधि के लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगेगा। • सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घ अवधि के लाभों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। • परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव। *करदाता सेवाएं* • सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन सम्मिलित हैं, को अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा। *मुकदमेबाजी और अपील* • अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 का प्रस्ताव। • टैक्स अधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख रुपये, 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव। • अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी को कम करने और निश्चितता प्रदान करने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार। *रोजगार और निवेश* • स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव। • भारत में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रस्ताव। देश में अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हार्बर दरों का प्रावधान। •  विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *कर आधार का विस्तार* •  फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • प्राप्तकर्ता के द्वारा शेयरों की पुनः खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगेगा। *सामाजिक सुरक्षा लाभ* एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। •  20 लाख रूपये तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर-दांडिक बनाने का प्रस्ताव। *वित्त विधेयक के अन्य प्रमुख प्रस्ताव* • 2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस। *नई कर व्‍यवस्‍था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव* • वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रूपये से बढ़ाकर 75,000 रूपये करने का प्रस्ताव। • पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये करने का प्रस्ताव। *कर दरों का संशोधित संरचना:* 0-3 लाख रूपये   शून्य   3-7 लाख रूपये   5 प्रतिशत   7-10 लाख रूपये   10 प्रतिशत   10-12 लाख रूपये   15 प्रतिशत   12-15 लाख रूपये   20 प्रतिशत   15 लाख रूपये से अधिक   30 प्रतिशत   नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में ₹ 17,500/- तक की बचत होगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

भारत के हथियारों की दुनिया में धूम मची

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। हथियारों को निर्यात करने में भारत तेजी से आगे बढ़ा है. पहले भारत सबसे ज्यादा हथियार आयात करता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. इकोनॉमिक सर्वे 2024 में पता चला कि भारत ने 85 देशों को ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर पिनाका रॉकेट और तोपें बेची हैं. हथियार खरीदने वालों में आर्मेनिया और फिलीपीन्‍स, इटली, मालदीव, रूस, श्रीलंका, यूएई, सऊदी अरब, पोलैंड, मिस्र, इजरायल और स्‍पेन चिली शामिल हैं. इन देशों में तोप के गोले भी भेज रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के वित्तीय वर्ष में भारत का डिफेंस प्रॉडक्शन 74,054 करोड़ रुपये का था, जो 2023 में बढ़कर 1,08,684 करोड़ पहुंच गया है. 2015 से 2019 के बीच में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश था, लेकिन वह अब टॉप 25 हथियार निर्यातक देशों में शामिल हो गया है.    *सरकार ने इन योजनाओं का मिल रहा फायदा* दरअसल, भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीम लॉन्च कीं, जिनमें पीएलआई समेत कई सारे इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. हाल ही में सरकार ने कई हथियार निर्यात करने को भी मंजूरी दी. आंकड़ों की मानें तो अभी 100 से अधिक कंपनियां हथियार और उपकरण निर्यात कर रही हैं. इनमें डोर्नियर 228 विमान, तोपें, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्‍टम, बॉडी आर्मर, हेलमेट, गोला बारूद, रडार, तोप के गोले समेत कई तरह के उपकरण हैं. सबसे ज्यादा HAL कंपनी विमानों की सप्लाई कर रही है, जिसका फायदा भी मिल रहा है.   *चीन को भी दिया संदेश* वहीं, भारत में निर्मित फाइटर जेट तेजस भी विदेशों में सप्लाई होने वाला है, जिसको लेकर कई देशों ने रुचि दिखाई है. इसके अलावा भारत की कंपनी एचएएल कई हेलीकॉप्टर भी निर्यात कर चुकी है. भारत आर्मेनिया और फिलीपीन्‍स जैसे देशों को हथियार दे रहा है. फिलीपीन्‍स को भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल देकर चीन को भी एक संदेश दे दिया है.          

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Jul 24, 2024

जन-केंद्रित बजट:संजीव पुरी, अध्यक्ष, सीआईआई

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नई सरकार के पहले बजट ने नौकरियों के सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत और न्यायसंगत विकास के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। बजट 2025-26 समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करता है ताकि प्रत्येक भारतीय नए और प्रगतिशील भारत की विकास आकांक्षाओं में एक इक्विटी धारक बन सके। विकसित भारत के लिए बजट में अनावरण की गई नौ प्रमुख प्राथमिकताएँ एक समावेशी लचीले, समृद्ध, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और तकनीकी रूप से उन्नत भारत के लिए एक व्यापक खाका प्रदान करती हैं, जो 2047 में विकसित भारत की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।   बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही कृषि, शहरी विकास, राज्यों को अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करने, उपभोग, निवेश और मांग के चक्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने, स्टार्ट-अप और महिलाओं को समर्थन देने आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह समय के साथ लिया गया कदम है और लोगों को सशक्त बनाने और उपभोग और विकास को गति प्रदान करते हुए विकास को समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। ऐसा करने में, वित्त मंत्री को चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को उम्मीद से बेहतर जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर लाकर चतुर वित्तीय प्रबंधन का प्रदर्शन करने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए, जबकि पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा, जो कि चुनौतीपूर्ण बाहरी परिवेश और भारत पर इसके प्रभाव को देखते हुए कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।   वहीं सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि केंद्रीय बजट समावेशन के साथ विकास को आगे बढ़ाने के लिए भारत की सफल समग्र आर्थिक रणनीति को निरंतरता प्रदान करता है केंद्रीय बजट 2024-25 निवेश और सुधारों के नेतृत्व में सरकार की पिछली दो कार्यकालों की सफल आर्थिक रणनीति को आगे बढ़ाता है और समावेशन और सशक्तिकरण पर केंद्रित है। रोजगार सृजन और विकास के दोहरे उद्देश्यों के साथ अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ सहयोग की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है। 5 वर्षों की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान, भारत के युवाओं को भारत की विकास कहानी में भाग लेने के लिए सशक्त बनाने में मदद करेगा।   महिलाओं और लड़कियों के लिए योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास एक उच्च प्राथमिकता बनी हुई है। रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) के तहत घोषित तीन योजनाएं वास्तव में स्वागत योग्य हैं और सीआईआई की सिफारिशों के अनुरूप हैं।   सब्जी क्लस्टर स्थापित करना, कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को बढ़ावा देना और सहकारी समितियों को बढ़ावा देना जैसी पहल भारतीय किसानों को सशक्त बनाएगी और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी। बजट में सभी के लिए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से घोषित नौ प्राथमिकताओं ने भारत को निरंतर उच्च विकास पथ पर अग्रसर होने के लिए मंच तैयार किया है, जो कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

शाह, राजनाथ, शिवराज से गडकरी तक... बजट में किस मंत्री को मिला सबसे ज्यादा पैसा

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश कर दिया. सीतारमण के मुताबिक, बजट में गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं पर फोकस रखा गया है. हर बार की तरह इस बार भी आम बजट में मंत्रालय के लिए भी पैसा आवंटित किया गया है. आइए जानते हैं कि मोदी सरकार ने मंत्रालयों के लिए कितने पैसों का प्रावधान किया गया है. बजट 2024-25 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सबसे ज्यादा पैसा मिला है. यह मंत्रालय नितिन गडकरी के पास है. बजट में नितिन गडकरी के परिवहन मंत्रालय के लिए 544128 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.    *रक्षा मंत्रालय को 454773 करोड़ रु* इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रक्षा मंत्रालय है, जो राजनाथ सिंह के पास है. बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए 454773 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अमित शाह के गृह मंत्रालय के लिए 150983 करोड़ का प्रावधान किया गया है.    *कृषि के लिए 151851 करोड़ का प्रावधान* वहीं, शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्रालय के लिए बजट में 151851 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा हेल्थ मिनिस्ट्री के लिए 89287 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह मंत्रालय जेपी नड्डा के पास है.इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान के शिक्षा मंत्रालय के लिए 125638 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, विदेश मंत्रालय के लिए 22155 करोड़ का प्रावधान किया गया है. शहरी विकास के लिए बजट में 82577 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय को 68769 करोड़ रुपये, आईटी और दूरसंचार मंत्रालय के लिए 116342 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, ग्रामीण विकास के लिए 265808 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, इस साल मैंने ग्रामीण अवसंरचना सहित ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.    *4 साल में सबसे कम हुआ साइज, वित्त मंत्री ने रक्षा बजट में की 1.67 लाख करोड़ की कटौती* बजट में उन्होंने कृषि से लेकर युवाओं के कौशल विकास तक कई सेक्टरों के लिए ऐलान किए. वहीं दूसरी ओर इस बजट में रेलवे और डिफेंस जैसे सेक्टरों को निराशा हाथ लगी. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में जहां रेलवे का एक ही बार जिक्र किया, वहीं रक्षा क्षेत्र के बजट में भारी-भरकम कटौती कर दी गई.   *अंतरिम बजट की तुलना में इतनी बड़ी कटौती* वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे पहले फरवरी में आए अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 6.21 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था. यानी चार महीने पहले आए अंतरिम बजट की तुलना में अब पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब डिफेंस सेक्टर के बजट में इस तरह की कटौती हुई है.   इस तरह बढ़ रहा था रक्षा क्षेत्र पर खर्च इससे पहले मोदी सरकार के कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र का बजट लगातार बढ़ता गया था. इस बार के बजट से पहले पिछले चार साल में रक्षा बजट का आकार लगभग 30 फीसदी बढ़ा था. साल 2020 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ने 4.71 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. उसके बाद 2021 के बजट में रक्षा क्षेत्र के खर्च को बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये किया गया था. *4 साल में सबसे कम हुआ रक्षा बजट* साल 2022 के बजट में पहली बार रक्षा बजट का आकर 5 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था और 5.25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. वहीं पिछले साल यानी 2023 के बजट में रक्षा क्षेत्र को मोदी सरकार ने 5.94 लाख करोड़ रुपये दिया था. चार महीने पहले आए अंतरिम बजट में तो रक्षा बजट का साइज बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया था. हालांकि इस बार रक्षा क्षेत्र को 4.54 लाख करोड़ रुपये मिले हैं, जो 4 साल में सबसे कम हैं. साल 2019 में रक्षा क्षेत्र को इससे भी कम 3.19 लाख करोड़ रुपये मिले थे.   *6 लाख करोड़ से ज्यादा की थी उम्मीद* पिछले साल आए बजट तक देखें तो बीते 4 साल के दौरान रक्षा क्षेत्र के बजट में 6.5 फीसदी की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी हो रही थी. मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों का ज्यादा से ज्यादा सामान खुद तैयार करे और आयात पर निर्भरता कम हो. इसके साथ ही सरकार का जोर सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है. ऐसे में लोग रक्षा क्षेत्र का बजट 6 लाख करोड़ रुपये से तो ऊपर ही रहने की उम्मीद कर रहे थे.   *रेलवे सेक्टर हो गया इग्नोर, वित्त मंत्री के भाषण में सिर्फ एक बार आया जिक्र* वित्त वर्ष 2024-25 के बजट से उम्मीद लगाए बैठे रेल यात्रियों के हाथ एक बार फिर निराशा आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को संसद में नया बजट पेश किया. उनके बजट भाषण में रेलवे सेक्टर पूरी तरह से हााशिए पर खिसक गया और करीब डेढ़ घंटे के भाषण में सिर्फ एक बार रेलवे का जिक्र आया.   *साल 2016 में आया था आखिरी रेल बजट* कुछ साल पहले तक बजट के सीजन में रेल बड़ा आकर्षण हुआ करता था. अभी बहुत समय नहीं बीता है, जब अलग से रेल बजट आया करता था और उसे खूब सुर्खियां मिली करती थीं. हालांकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सितंबर 2016 में रेल बजट को आम बजट में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई. उसके बाद 2017 में जब बजट पेश हुआ तो रेल बजट उसका एक हिस्सा बन चुका था.   *आंध्र प्रदेश के बहाने हुआ एक बार जिक्र* हालांकि अलग से रेल बजट समाप्त होने के बाद संयुक्त बजट में भी रेलवे की अच्छी-खासी हिस्सेदारी होती थी. बजट में रेलवे को लेकर कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया जाता था. ऐसा पहली बार हुआ है, जब बजट में रेलवे इस तरह से हाशिए पर खिसका हो और पूरे बजट भाषण में उसके हिस्से में सिर्फ एक बार का जिक्र आया हो. दिलचस्प है कि वह एक जिक्र भी सीधे-सीधे रेलवे के कारण नहीं हुआ. वित्त मंत्री ने वह एकमात्र जिक्र आंध्र प्रदेश में इंफ्रा प्रोजेक्ट के बारे में बोलने के दौरान किया.   *इन उम्मीदों पर बजट में फिरा पानी* बजट से पहले लोग रेलवे को लेकर काफी उम्मीद लगाए हुए थे. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में रेलवे पर काफी काम भी किया है. हाल-फिलहाल में एक के बाद एक कई रेल दुर्घटनाएं सामने आई हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि बजट में रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने संबंधी उपायों का ऐलान किया जा सकता है. वहीं रेल यात्रा से जुड़ी सालों पुरानी टिकट नहीं मिलने की समस्या के समाधान की भी उम्मीद की जा रही थी. ऐसा माना जा रहा था को मोदी सरकार बजट में नई व आधुनिक ट्रेनों की सौगात रेल यात्रियों को दे सकती है.   *वरिष्ठ नागरिकों-महिलाओं को रियायत नहीं* रेल यात्रियों में वरिष्ठ नागरिकों को महिलाओं को कोविड के बाद से समाप्त रियायत बहाल होने की भी उम्मीद थी. कोविड से पहले तक वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को रेल टिकट पर विशेष रियायत मिलती थी. लॉकडाउन के बाद जब दोबारा ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो इस रियायत को समाप्त कर दिया गया. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बजट में रियायतें दोबारा चालू हो सकती हैं. हालांकि सरकार ने इस मुद्दे पर अपना रुख हमेशा साफ रखा था कि उसका इरादा इन रियायतों को फिर से शुरू करने का नहीं है.   *जानिए किसे-कितनी राशि आवंटित की गई?* मंत्रालय। ** राशि (करोड़ रुपए में) वित्त मंत्रालय 1858158.52 रक्षा मंत्रालय 621940.85 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 278000.00 रेल मंत्रालय 255393.00 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 223323.36 गृह मंत्रालय 219643.31 ग्रामीण विकास मंत्रालय 180233.43 रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय 168499.87 संचार मंत्रालय 137293.90 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय 132469.86 शिक्षा मंत्रालय 120627.87 जल शक्ति मंत्रालय 98713.78 स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 90958.63 आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय 82576.57 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 26092.19 परमाणु ऊर्जा विभाग 24968.98 श्रम और रोजगार मंत्रालय 22531.47 विदेश मंत्रालय 22154.67 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय 22137.95 इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 21936.90 ऊर्जा मंत्रालय 20502.00 नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय ऊर्जा 19100.00 विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय 16628.12 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 15930.26 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता 14225.47 अंतरिक्ष विभाग 13042.75 आदिवासी मामलों का मंत्रालय 13000.00 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय 11469.14 भारी उद्योग मंत्रालय 7242.00 मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय 7137.68 कानून और न्याय मंत्रालय 6788.33 पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय 5900.00 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 5453.83 कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय 4520.00 वस्त्र मंत्रालय 4417.03 सूचना और प्रसारण मंत्रालय 4342.55 आयुष मंत्रालय 3712.49 युवा मामले एवं खेल मंत्रालय 3442.32 पर्यावरण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय जलवायु परिवर्तन 3330.37 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 3290.00 संस्कृति मंत्रालय 3260.93 अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय 3183.24 पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय 3064.80 कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय 2667.06 पर्यटन मंत्रालय 2479.62 कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय 2379.87 बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय 2377.49 नागरिक उड्डयन मंत्रालय 2357.14 खान मंत्रालय 1941.06 राष्ट्रपति, संसद, संघ लोक सेवा आयोग और उपराष्ट्रपति का सचिवालय 1884.92 पंचायती राज मंत्रालय 1183.64 सहकारिता मंत्रालय 1183.39 योजना मंत्रालय 837.26 इस्पात मंत्रालय 325.66 कोयला मंत्रालय 192.55 संसदीय मामलों का मंत्रालय 64.00 कुल योग 4820512.08.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

कांग्रेस का वार: 'खुशी है कि वित्त मंत्री ने हमारा घोषणापत्र पढ़ा

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। बजट पेश होते ही कांग्रेस ने चुटकी ली। कहा कि खुशी है कि वित्त मंत्री ने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। वहीं, सबसे पुरानी पार्टी ने यह भी कहा कि बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है। दरअसल, वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है, जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ पांच हजार रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।   *पहली नौकरी पक्की...* पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है, जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।   *सरकार ने कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ा* पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को अपना लिया है।’ उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है। काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती। मैं शीघ्र ही छूटे हुए बिंदुओं की सूची बनाऊंगा।   *सरकार ने माना कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट* कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल के इनकार के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।   *वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली* रमेश ने सोशल मीडिया मंच पर कहा, ‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है, जिसमें इसका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे पहली नौकरी पक्की कहा गया था। हालाकि, अपनी चिरपरिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने दावा किया, ‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।    *राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया* मोदी 3.0 के पहले बजट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता जमकर तारीफ कर रहे हैं. वहीं इस बजट को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया. राहुल गांधी ने इस बजट को सहयोगियों को खुश करने वाला बताया है. उन्होंने कहा, बजट में अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे (सहयोगियों) खोखले वादे किए गए. राहुल ने कहा, ये बजट अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया है. इससे अडानी अंबानी को लाभ होगा और आम भारतीय को कोई राहत नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी पेस्ट करार दिया. राहुल ने दावा किया कि बजट कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट से कॉपी किया गया है.    *बजट पर क्या बोले खरगे?* उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसे कॉपी पेस्ट बजट करार दिया. खरगे ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का नकलची बजट. मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है, ताकि एनडीए बची रहे. ये देश की तरक्की का नहीं मोदी सरकार बचाओ बजट है.    *बजट पर क्या बोलीं मायावती?* बसपा अध्यक्ष मायावती ने संसद में पेश केन्द्रीय बजट को अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा बताया है. मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्ना सेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है.   मायावती ने कहा, देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) | 

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Jul 24, 2024

रोजगार से आयकर तक बजट के दस बड़े एलान

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवर को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बार के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स समाप्त करने और नई कर प्रणाली के तहत कर दरों में बदलाव करने का भी एलान किया है। वित्त मंत्री ने पहली बार नौकरी करने वालों को भी राहत देने से जुड़ी घोषणाएं की हैं। आइए 10 बिंदुओं में समझते हैं बजट से जुड़ी खास बातें।   *1. पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा* सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है रोजगार और कौशल विकास। इसके तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ी मदद मिलने जा रही है। फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।   *2. पीएफ में एक महीने का योगदान सरकार देगी* सरकार रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को भी फायदा देने जा रही है। यह फायदा भविष्य निधि यानी पीएफ में एक महीने के योगदान के रूप में होगा।   *3. एक करोड़ युवाओं को टॉप-500 कंपनियों में 12 महीने इंटर्नशिप और हर महीने भत्ता* वित्त मंत्री निर्मण सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसमें युवाओं को कारोबार के वास्तविक माहौल को जानने और अलग-अलग पेशे की चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। यही नहीं, उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।   *4. नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव* नई कर प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनरों को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव से 10 लाख से ज्यादा वेतन पाने वालों को 17,500 रुपये की बचत होगी। नई कर प्रणाली में टैक्स स्लैब इस तरह से तैयार किया गया है। शून्य - 3 लाख रुपये - 0 3 से 7 लाख रुपये - 5% 7 से 10 लाख रुपये - 10% 10 से 12 लाख रुपये - 15% 12 से 15 लाख रुपये - 20% 15 लाख से ज्यादा - 30%  *5. म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर अब नहीं लगेगा टीडीएस* चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।  विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा। म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है। ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है। *6. पीएम गरीब कल्याण योजना 5 साल के लिए बढ़ी* हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंतरिम बजट में हमने विकसित भारत को रोडमैप को देने का वादा किया था। *7. मोबाइल फोन और उपकरण सस्ते होंगे* वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन और उपकरणों के सस्ते होने से जुड़े एलान किए हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन में इजाफा हुआ है। इस कारण मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाया जाएगा। घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। इसकी समग्र समीक्षा की जाएगी ताकि इसे और आसान किया जा सके।    *8. कैंसर की तीन और दवाओं को पूरी तरह से सीमा शुल्क से मुक्त किया गया* वित्त मंत्री ने कैंसर के मरीजों के लिए तीन और दवाओं को पूरी तरह सीमा शुल्क से मुक्त करने का एलान किया है। इसके साथ ही एक्सरे ट्यूब, फ्लैट पैनल डिटेक्टर में भी सीमा शुल्क घटाने का एलान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क छह फीसदी और प्लेटिनम पर 6.4 फीसदी घटाया गया।   *9. बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये* बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा। पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी।   *10. वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े जरूरी एलान किए* वित्त मंत्री ने पर्यटन के विकास पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान रहने ही बात अपने बजट भाषण में कही है। उन्होंने महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर निर्माण के एलान की बात कही है। गया के विष्णुपद मंदिर में भी कॉरिडौर बनाया जाएगा। यह काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर जैसे ही होंगे राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा। नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास करेगी। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी।   *आम बजट में सरकार ने नौ प्राथमिकताएं गिनाईं, ये हैं* 1. खेती में उत्पादकता  2. रोजगार और क्षमता विकास 3. समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय  4. विनिर्माण और सेवाएं  5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अधोसरंचना 8. नवाचार, शोध और विकास 9. अगली पीढ़ी के सुधार.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

ऐतिहासिक, दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है आम बजट: पुष्कर सिंह धामी

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आम बजट 2024-25 को लेकर प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह बजट भारतवासियों की आकांक्षाओं को साकार करेगा व  देश को नई दिशा और गति प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जो बजट सदन के पटल पर रखा है वह ऐतिहासिक, दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है।    *पैकेज पर जताया पीएम व वित्त मंत्री का आभार* मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट 2024-25 में उत्तराखण्ड में दैवीय आपदा से होने वाले नुकसान के लिए विशेष सहायता पैकेज देने की घोषणा करने हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं वित्त मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष पैकेज के माध्यम से प्रदेश में आपदाओं से होने वाली क्षति राज्य की विकास की गति को बाधित नहीं कर सकेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की शुरुआत के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।   मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए 25,000 ग्रामीण क्षेत्रों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चरण चार शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी को और मज़बूती मिलेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

भारतीय बोकिया खिलाड़ियों ने "वर्ल्ड बोकिया चैलेंजर 2024 मिस्र" 1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य पदक जीते

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। बोकिया एथलीटों ने काहिरा में आयोजित प्रतिष्ठित "वर्ल्ड बोकिया चैलेंजर 2024 मिस्र" प्रतियोगिता में पाँच अंतर्राष्ट्रीय पदक हासिल करके एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। बोकिया इंडिया के अतिरिक्त अध्यक्ष अशोक बेदी और बोकिया इंडिया के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह धालीवाल के नेतृत्व में टीम ने असाधारण कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए देश को सम्मान दिलाया। हिमाचल प्रदेश की अंजलि देवी ने महिला बोकिया श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। दिल्ली के सचिन चमारिया और गायत्री हुड्डा ने भी क्रमशः पुरुष बीसी3 और महिला बीसी1 श्रेणियों में रजत पदक हासिल करके भारत की सफलता में योगदान दिया।   इसके अलावा, सरिता द्विवेदी और गोविंद भाई ने BC3 महिला और बीसी2 पुरुष वर्ग में कांस्य पदक जीते, जो अनुकूली खेलों में भारत की बढ़ती प्रमुखता को रेखांकित करता है। बोकिया इंडिया के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह धालीवाल ने टीम की शानदार उपलब्धियों पर खुशी जताते हुए कहा, "हमें 'वर्ल्ड बोकिया चैलेंजर 2024 मिस्र' में अपने बोकिया खिलाड़ियों के असाधारण प्रदर्शन पर बेहद गर्व है। उनके समर्पण और प्रतिबद्धता ने वैश्विक मंच पर भारत को गौरव दिलाया है। यह सफलता कई लोगों को बोकिया को अपनाने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे एक स्वस्थ और अधिक सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा मिलेगा।" 2016 में स्थापित बोकिया इंडिया ने चुनौतियों के बावजूद पूरे देश में खेल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।   संगठन के प्रयासों ने, इसके खिलाड़ियों और सहयोगी कर्मचारियों के समर्पण के साथ, "वर्ल्ड बोकिया चैलेंजर 2024 मिस्र" जैसी उल्लेखनीय उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त किया है। यह सफलता बोकिया इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता हासिल करने के उनके संकल्प को मजबूत करती है। भविष्य की ओर देखते हुए, भारतीय बोशिया टीम ओलंपिक खेलों सहित भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए कठोर प्रशिक्षण और तैयारी पर केंद्रित है।   उनकी लचीलापन और उत्कृष्टता की खोज देश भर के एथलीटों के लिए प्रेरणा की किरण के रूप में काम करती है। खेल उपलब्धियों से परे, बोशिया सभी क्षमताओं वाले व्यक्तियों के लिए शारीरिक गतिविधि, मानसिक चपलता और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हुए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। बोशिया इंडिया देश भर में व्यक्तियों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने के लिए समावेशिता को बढ़ावा देना और खेलों की शक्ति का लाभ उठाना जारी रखता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

ये शक्ति देने वाला बजट है: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया। बजट में किए गए प्रावधानों पर प्रधानमंत्री मोदी ने खुशी जताई और कहा कि यह बजट देश को समृद्धि की ओर लेकर जाएगा और इस बजट में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ये शक्ति देने वाला बजट है। ये किसानों-युवाओं को प्रगति की राह पर ले जाना वाला बजट है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये उनकी आर्थिक प्रगति में निरंतरता का बजट है। ये युवाओं को अनगिनत मौके देने वाला बजट है। इस बजट से मिडिल क्लास को नई ताकत मिलेगी। ये जनजातीय समाज, दलित, पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है। इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।' *रोजगार और स्वरोजगार पैदा करना हमारी सरकार की पहचान'*   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 'इस बजट से व्यापारियों, लघु उद्योगों को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। बजट में उत्पादन पर भी बल है, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी बल है। इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और गति को भी निरंतरता मिलेगी। रोजगार और स्वरोजगारों को पैदा करना हमारी सरकार की पहचान रही है। आज का बजट इसे और सुदृढ़ करता है।' प्रधानमंत्री के अनुसार, 'इस बजट में सरकार ने एमप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेटिव का एलान किया है। इस योजना के तहत जीवन में पहली नौकरी पाने वाले युवा की पहली तनख्वाह हमारी सरकार देगी। कौशल विकास और उच्च शिक्षा के लिए मदद हो या फिर एक करोड़ नौजवानों को इंटर्नशिप की योजना, इसे युवाओं के, गरीब के, मेरे बेटे-बेटी, देश की टॉप कंपनियों में काम करेंगे। उनके लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे।'   *'लघु उद्योग देश का केंद्र बना'*    प्रधानमंत्री के अनुसार, 'हमें हर शहर, हर गांव, हर घर आंत्रप्रेन्योर्स बनाने हैं। हमने बिना गारंटी मुद्रा लोन की लिमिट बढ़ाकर 10 लाख से 20 लाख किया गया है। इससे पिछड़े, दलितों, आदिवासियों को लाभ मिलेगा। हम मिलकर देश को औद्योगिक हब बनाएंगे। देश का एमएसएमई सेक्टर देश का केंद्र बना है। छोटे उद्योगों की बड़ी ताकत हमारा अहम कदम है। इस बजट में उनके लिए ईज ऑफ क्रेडिट बढ़ाने का इंतजाम किया गया है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम सब मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाएंगे। इस बजट में लघु उद्योगों के लिए ऋण की आसानी बढ़ाने वाली नई योजनाओं का ऐलान किया गया है। विनिर्माण और निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को हर जिले तक ले जाने के लिए बजट में अहम घोषणा की गई है। यह बजट स्टार्टअप, नवप्रवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ढेर सारे नए अवसर लेकर आया है।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

रेस्टोरेंट खाना खाने जाते हैं या मालिक का नाम देखने, कांवड़ यात्रा नेम प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या दलीलें

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित होटल और रेस्टोरेंट को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले सरकारी निर्देश पर रोक लगा दी है और कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले उनके निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 26 जुलाई को तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि खाद्य विक्रेताओं को मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।   *सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल*   सरकार के फैसले के खिलाफ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एक एनजीओ ने याचिका दायर की थी। एनजीओ का तर्क है कि यह निर्देश धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। इस बीच, कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए निर्देश दिया है कि दुकानदारों को केवल अपने द्वारा बेचे जाने वाले भोजन के प्रकार का उल्लेख करना होगा, न कि उनके या उनके कर्मचारियों के नाम का। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। एनजीओ की ओर से पेश हुए सीनियर वकील सीयू सिंह ने दलील दी कि उत्तर प्रदेश सरकार का निर्देश संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 17 का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण है और अस्पृश्यता को बढ़ावा देता है।   *'पूरी तरह मनमाना है आदेश'*   सीपी सिंह ने कहा, 'यह आदेश पूरी तरह से मनमाना है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। पुलिस आयुक्त के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है। यह केवल यह बताने की जरूरत है कि खाना शाकाहारी है या मांसाहारी। यह निर्देश न केवल ढाबों के लिए बल्कि अब हर विक्रेता के लिए है। इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता है। हमारा संविधान यह नहीं कहता है कि एक व्यक्ति को कुछ खास तरह का खाना परोसने वाले स्थानों को चलाने से रोक दिया जाए। शिव ढाबा पूरे भारत में एक सीरीज के रूप में है। फ्रैंचाइजी किसी भी मुस्लिम, जैन को दी जा सकती है।'   *महुआ मोइत्रा ने भी दायर की है याचिका*   पीठ ने पूछा कि क्या कोई औपचारिक आदेश है? सिंह ने कहा, 'प्रत्येक पुलिस आयुक्त ने आदेश जारी किया है। सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिकाकर्ता महुआ मोइत्रा की ओर से पेश होते हुए कहा कि यह एक गलत है। उन्होंने कहा, 'इसका जवाब हां या ना में नहीं दिया जा सकता है।' सिंघवी ने कहा, 'जब लोग उल्लंघन करते हैं तो कोर्ट कठोर होता है, चालाक बनने की कोशिश करते हैं तो कठोर होना पड़ता है।'   *'खाना खाने रेस्टोरेंट जाते हैं मालिक के नाम के लिए नहीं'*   पीठ ने पूछा, 'तो क्या उल्लंघन करने वालों के लिए कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है?' सिंघवी ने कहा, 'हां, जबरदस्ती है।' सिंह ने कहा, 'उनमें से ज्यादातर बहुत गरीब सब्जी और चाय की दुकान के मालिक हैं और इस तरह के आर्थिक बहिष्कार के अधीन होने पर उनको काफी नुकसान होगा। हमने पालन न करने पर बुलडोजर कार्रवाई का सामना किया है।' सिंघवी ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'कोई मालिक के नाम के लिए रेस्टोरेंट में प्रवेश नहीं करता है, बल्कि खाने के लिए प्रवेश करता है।'जस्टिस भट्टी ने कहा, 'डॉ सिंघवी, हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। इन आदेशों में सुरक्षा और स्वच्छता के भी आयाम हैं। आपका तर्क है कि इससे बहिष्कार हो रहा है, सही है?'   *दशकों से हो रहीं कांवड़ यात्राएं*   सिंघवी ने कहा, "कांवड़ यात्राएं दशकों से होती आ रही हैं। मुसलमानों सहित सभी धर्मों के लोग रास्ते में उनकी मदद करते हैं। अब आप बहिष्कृत कर रहे हैं। अब आपके ऐसे परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं जो कभी नहीं उठने चाहिए थे। यह कहने की ज़रूरत से कि क्या शुद्ध शाकाहारी हैं ... इससे ..." सिंघवी ने कहा, "हिंदुओं द्वारा चलाए जा रहे बहुत सारे शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट हैं। लेकिन अगर उनके पास मुस्लिम या दलित कर्मचारी हैं तो क्या आप कहेंगे कि आप वहां नहीं खाएंगे? वे बिना किसी कानूनी अधिकार के जारी किए जाते हैं।'   *डोमिनोज का भी हुआ जिक्र*   जस्टिस भाटी ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि इसमें क्या अच्छा है और क्या बुरा है। कुछ मांसाहारी लोग हलाल प्रमाणित मांस पसंद करेंगे। मैं जो समझ रहा हूं वह यह है कि आपने पहले कहा था कि आप प्रश्न का उत्तर हां या ना में नहीं दे सकते।' सिंघवी ने कहा, 'यह काफी हद तक हां है। क्योंकि उन्होंने इसे आदेश के रूप में स्टाइल किया है। जब मैंने हां या ना नहीं कहा तो मैं बहुत सतर्क हो रहा था। लेकिन सिंह की याचिका ने इसे स्पष्ट कर दिया है।' सिंघवी ने कहा, 'डोमिनोज इफेक्ट। यह अब हर जगह लागू किया जा रहा है। सैकड़ों लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं। हमें जागना होगा। विचार न केवल एक अल्पसंख्यक बल्कि दलितों को भी बाहर करने का है।'   *कांवड़िया क्या चाहते हैं?*   जस्टिस रॉय ने कहा, 'कांवड़ियों की क्या अपेक्षा है? वे शिव की पूजा करते हैं, हां? क्या वे उम्मीद करते हैं कि खाना एक खास समुदाय द्वारा पकाया और परोसा और उगाया जाएगा?' सिंघवी ने कहा, "यह डरावनी हद तक सही है। यह भयावह है।' जस्टिस रॉय ने कहा, "हम इसे इसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। दंडात्मक पहलू क्या है?" सिंघवी ने कहा, 'ये यात्राएं कल से नहीं बल्कि आजादी से पहले से होती आ रही हैं। आप कितना पिछड़ा एकीकरण करते हैं? रसोइया, सर्वर, उत्पादक को गैर अल्पसंख्यक होना चाहिए?' सिंह ने कहा, 'कुछ लोग बिना प्याज या लहसुन के भी चाहते हैं।' सिंघवी ने कहा, 'लेकिन हम मालिक से नहीं पूछेंगे।' जस्टिस भाटी ने कहा, 'इस पर मैं आपके साथ पूरी तरह से सहमत हूं। शहर का नाम बताए बिना मैं आपके साथ साझा करूंगा। दो शाकाहारी होटल थे, एक हिंदू द्वारा और एक मुस्लिम द्वारा। मैं बाद वाले के पास गया, क्योंकि मुझे वहां की स्वच्छता पसंद आई। वह दुबई से लौटा था। लेकिन उसने बोर्ड पर सब कुछ प्रदर्शित किया।'   *'लाखों लोगों को बाहर नहीं निकाल सकते'*   सिंघवी ने कहा, 'मैं एक गैर-अभ्यास करने वाला जैन हूं, लेकिन मैं जानता हूं कि समुदाय के लोग प्याज लहसुन नहीं खाते हैं।' जस्टिस रॉय ने कहा, 'विमान आदि हिंदू भोजन परोसते हैं ...' सिंघवी ने कहा, 'इसे यहीं ठीक करना होगा। नियम कहते हैं कि आपको केवल कैलोरी मान और शाकाहारी मांसाहारी का उल्लेख करना होगा।' जस्टिस भाटी ने कहा, "और लाइसेंस भी।" सिंघवी ने कहा, 'आप इस तरह लाखों लोगों को बाहर नहीं निकाल सकते ... ये भारत है।' जस्टिस भाटी ने कहा, 'लेकिन मोटे तौर पर ये स्वच्छता मानकों के लिए भी हैं?' सिंघवी ने कहा, "जब यह मामला सामने आएगा तो अदालत उसका अलग से निपटारा कर सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, लोगों के पास लाइसेंस भी नहीं होते हैं।'   'धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व को टारगेट करने वाला फैसला'   इस बीच सीनियर वकील हुजेफा अहमदी ने कहा, 'यह धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व को टारगेट करने वाला फैसला है। अहमदी डीयू प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकर पटेल की ओर से पेश हो रहे थे। अहमदी ने कहा, 'यह कई कानूनों का उल्लंघन करता है। यह अस्पृश्यता का एक रूप है और व्यापार को प्रतिबंधित करता है।' जस्टिस रॉय ने कहा, 'क्या कोई दूसरी तरफ से पेश हो रहा है?' इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ताओं के वकीलों की बात सुनी। यहां चुनौती एसएसपी मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी निर्देशों और उसके लिए कार्रवाई की धमकी को लेकर है। अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इन सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी किया जाए। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। तब तक इस आदेश पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार से नोटिस पर जवाब मांगा है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024