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○ डॉ. शिवराम मीना ने दिल्ली में संभाला सहायक निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क का पदभार
○ प्रहलाद नगरी जन कल्याण समिति अध्यक्ष शिवम द्विवेदी ने मौनी अमावस्या को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की उठाई मांग
○ हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबन्धन समिति का पहला आम चुनाव शांतिपूर्वक ढंग से हुआ संपन्न - मोनिका गुप्ता
○ दाता राम पुरोहित एवं उनके परिवार को गढ़वाल सभा की सदस्यता से निलंबित किया गया
○ राहुल के वीडियो में दिखे मरीज एम्स के हैं भी या नहीं: डॉ रीमा दादा
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National
डॉ. शिवराम मीना ने दिल्ली में संभाला सहायक निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क का पदभार
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, राजस्थान सरकार की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के निर्णयानुसार मंगलवार को डीआईपीआर के 23 अधिकारियों की पदोन्नति के आदेश जारी किए गए थे। आयुक्त सुनील शर्मा द्वारा जारी पदोन्नति आदेशों की अनुपालना में बुधवार को राजस्थान सूचना केंद्र नई दिल्ली में कार्यरत डॉ. शिवराम मीना ने सहायक निदेशक के नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण कर किया। इस अवसर पर डॉ. मीना ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित आयुक्त डीआईपीआर और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 20, 2025
राहुल के वीडियो में दिखे मरीज एम्स के हैं भी या नहीं: डॉ रीमा दादा
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर दिल्ली के एम्स अस्पताल के बाहर का वीडियो शेयर किया था और वहां की स्थिति को नरक जैसा बताते हुए दिल्ली और केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, एम्स के बाहर मरीज और उनके परिजन नरक जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं और इस स्थिति के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों जिम्मेदार हैं। अब इस मामले में एम्स की ओर से सफाई दी गई है। अस्पताल की प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने कहा कि एम्स मरीजों को बेस्ट क्वालिटी ट्रीटमेंट देता है और 18,000 - 20,000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसके अलावा एम्स का कहना है कि वीडियो से यह बात साबित नहीं होती कि इसमें दिखाए गए सभी मरीज दिल्ली एम्स के हैं या नहीं। एएनआई से बात करते हुए, डॉ रीमा दादा ने कहा, हर दिन कुल 35-40 हजार लोग एम्स आते हैं। हम बहुत सस्ती कीमत पर स्वास्थ्य सेवा देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मरीजों के इंतजार का समय कम हो गया है। नए वार्ड भी शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा, एम्स का काफी विस्तार होने से मरीजों का इंतजार का समय कम हो गया है। मरीजों एक ही इमारत के नीचे कई सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। हैं। डायग्नोस्टिक फैसिलिटी 24/7 और 365 दिन चल रही हैं, जिससे मरीजो को वेटिंग टाइम भी कम हो गया है। मरीज़ विश्राम सदन में भी रह सकते हैं। राहुल गांधी ने पिछले दिनों एम्स के बाहर मौजूद कई मरीजों के परिजन से मुलाकात की थी और उनकी मुश्किलों के बारे में जाना था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शनिवार को इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया खाते से पोस्ट किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर यह वीडियो पोस्ट कर दावा किया कि एम्स के बाहर नरक जैसे हालात हैं। राहुल गांधी ने सवाल किया कि बड़े-बड़े दावे करने वाली केंद्र और दिल्ली सरकार ने इस मानवीय संकट पर आंखें क्यों मूंद ली हैं? उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “राष्ट्रीय स्वास्थ्यसेवा व्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो चुकी है, और एम्स दिल्ली में सस्ते और सटीक इलाज की उम्मीद में मरीज भारी कीमत चुका रहे हैं। कुछ दिनों पहले एम्स, दिल्ली के बाहर पहुंच कर मरीजों और सुविधाओं का हाल जानने पहुंचा - नज़ारा दिल दहला देने वाला था।” उन्होंने कहा, “देश के अलग-अलग कोनों से आए मरीज और उनके परिवार, जो इलाज की आस में यहां पहुंचे हैं, सड़कों और सबवे में ठंड और गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं। सर पर छत, पेट में अन्न और तो और पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। उनके मुताबिक, कैंसर से लेकर हृदय की परेशानी हर परिवार के पास ऐसी एक दर्दनाक कहानी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “उत्तर प्रदेश, बिहार, असम जैसे सुदूर राज्यों से इलाज के लिए आने वाले इन लोगों के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। बस एक उम्मीद ले कर दिल्ली आए हैं, शायद वो या उनके परिजन स्वस्थ हो जाएं, बस किसी तरह जान बच जाए - एक दफे डॉक्टर से बात हो जाए, कोई सलाह-सांत्वना मिल जाए।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की नाकामी साफ दिखाई देती है। राहुल गांधी ने सवाल किया, “क्या यही हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था है?”राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीमारों की देखभाल, सुविधा और इलाज ये किसी भी सरकार की सबसे बुनियादी जिम्मेदारी है जिसमें राज्य और केंद्र सरकारें पूरी तरह असफल रही हैं। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 20, 2025
सफाई कर्मचारियों को सस्ते मकान के लिए केजरीवाल ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को खत
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्‍ली चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में सफाई कर्मचारियों को घर बनाने के लिए सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराई जानी चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से सस्ती जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है. केजरीवाल का कहना है कि यदि जमीन उपलब्ध कराई जाती है, तो दिल्ली सरकार इस पर घर बनाकर सफाई कर्मचारियों को देगी और सफाई कर्मचारी मासिक किस्त के जरिए मकान और जमीन की रकम का पैसा लौटाएंगे. केजरीवाल के अनुसार, यह योजना कामयाब होने पर सभी सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जा सकता है. अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा, "मैं एनडीएमसी और एमसीडी क्षेत्रों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के एक अति महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं. ये कर्मचारी हमारे शहर की स्वच्छता व्यवस्था की रीढ़ हैं. वे नौकरी के दौरान सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आवासों में रहते हैं, लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें ये घर खाली करने पड़ते हैं. वे अपना खुद का घर खरीदने या दिल्ली में महंगे किराए पर घर लेने में असमर्थ होते हैं, जिससे वे और उनके परिवार असुरक्षित स्थिति में आ जाते हैं. अरविंद केजरीवाल का कहना है, "चूंकि दिल्ली में जमीन से जुड़े मामले केंद्र सरकार के अधीन आते हैं, इसलिए आपसे अनुरोध है कि केंद्र सरकार सफाई कर्मचारियों के लिए रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराए. दिल्ली सरकार इन जमीनों पर इनके लिए घर बनाकर देगी और कर्मचारी इन घरों की लागत को आसान किस्तों में सरकार को वापस चुका देंगे. यह समस्या सभी सरकारी कर्मचारियों की है, खासकर निचले तबके के कर्मचारियों की. केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "इसलिए मेरी आपसे अपील है कि यह योजना सफाई कर्मचारियों से शुरू की जाए और उसके बाद सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू की जाए. मुझे विश्वास है कि आप इस प्रस्ताव से सहमत होंगे और इस पर शीघ्र कार्य योजना बनाकर काम करेंगे." अपने ऊपर हुए हमले पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह का कैंपेन हम देख रहे हैं इस तरह का कैंपेन दिल्ली के लोगों ने देखा नहीं है, इस तरह की हिंसा नहीं देखी है. एक पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर हमला करने की कोशिश की जाए. देश और समाज के लिए मेरा जीवन समर्पित है. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे बुरी तरह से चुनाव हार रहे हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 20, 2025
इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म तो फिर कैसे राजनीतिक चंदे में आया उछाल?
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड बंद किए जाने के बावजूद राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में उछाल आया है। इलेक्टोरल बॉन्ड बंद होने के बाद अब ‘इलेक्टोरल ट्रस्ट’ के माध्यम से राजनीतिक दलों को डोनेशन मिल रही है। 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड योजना रद्द होने के बाद प्रमुख योगदानकर्ता प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को मिलने वाले कॉर्पोरेट डोनेशन की बाढ़ आ गई। साल 2023-24 में ट्रस्ट को मिले 1075.7 करोड़ रुपये के डोनेशन का तीन-चौथाई हिस्सा 16 फरवरी से 31 मार्च, 2024 के बीच आया। *कितनी बढ़ गई डोनेशन की रकम* पिछले वित्त वर्ष के लिए प्रूडेंट की डोनेशन रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों को वितरण के लिए इसे प्राप्त दान 2022-23 में 363 करोड़ रुपये से लगभग तीन गुना बढ़कर 1075.7 करोड़ रुपये हो गया। यह रिपोर्ट अब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। हालांकि आम चुनावों से पहले राजनीतिक दान में वृद्धि होना असामान्य नहीं है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 1 अप्रैल, 2023 से 15 फरवरी, 2024 के बीच 278.6 करोड़ रुपये का योगदान आया। जबकि 16 फरवरी, 2024 से 31 मार्च, 2024 के बीच यह बढ़कर 797.1 करोड़ रुपये हो गया। *सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बदला रूट* यह पूरी संभावना है कि कॉरपोरेट दान को सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद बंद हुए बॉन्ड रूट से इलेक्टोरल ट्रस्ट रूट की ओर मोड़ दिया गया है। प्रूडेंट के कॉरपोरेट दानदाताओं की संख्या भी पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 22 से बढ़कर 2023-24 में 83 हो गई। 2023-24 में प्रूडेंट को योगदान देने वाले प्रमुख कॉरपोरेट्स में आर्सेलर समूह और डीएलएफ लिमिटेड (प्रत्येक ने 100 करोड़ रुपये); माथा प्रोजेक्ट्स एलएलपी (75 करोड़ रुपये); मारुति सुजुकी और सीईएससी लिमिटेड (प्रत्येक ने 60 करोड़ रुपये) ने डोनेशन दिया। इसके अलावा हेटेरो ग्रुप (55 करोड़ रुपये); टीवीएस ग्रुप और अपोलो टायर्स (प्रत्येक ने 50 करोड़ रुपये); सिप्ला (35.2 करोड़ रुपये); और जीएमआर ग्रुप (26 करोड़ रुपये) भी डोनेशन देने वालों में शामिल रहे। दूसरी सबसे बड़ी बॉन्ड खरीदार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी प्रूडेंट को 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया। हालांकि यह बॉन्ड के खत्म होने से काफी पहले की बात है। *किस इलेक्टोरल ट्रस्ट को कितना डोनेशन* इलेक्टरोल बॉन्ड के उलट चुनावी ट्रस्टों को डोनर के नाम के साथ प्राप्त प्रत्येक व्यक्तिगत योगदान की घोषणा करनी होती है। साथ ही, उन्हें राजनीतिक दलों में बांटे गए प्रत्येक योगदान की घोषणा करनी होती है। साथ ही पार्टी का नाम भी बताना होता है। हालांकि, यहां यह नहीं बताया गया है कि किस कॉरपोरेट ने किसी व्यक्तिगत पार्टी को कितना योगदान दिया है। 2023-24 के लिए विभिन्न चुनावी ट्रस्टों की योगदान रिपोर्ट के अनुसार, जो अब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, केवल पांच ट्रस्टों ने योगदान की घोषणा की है। इनमें प्रूडेंट (1,075.7 करोड़ रुपये), ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट (132.5 करोड़ रुपये), जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट (9 करोड़ रुपये), परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट (1 करोड़ रुपये) और आइन्जीगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट (17.2 लाख रुपये) का नाम है। *किस दल को कितना चंदा* प्रूडेंट को मिले 1075.7 करोड़ रुपये के चंदे को छह पार्टियों में बांटा गया। इसमें सबसे ज्यादा 723.8 करोड़ रुपये बीजेपी को, 156.4 करोड़ रुपये कांग्रेस को, 85 करोड़ रुपये बीआरएस को, 72.5 करोड़ रुपये वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को, 33 करोड़ रुपये टीडीपी को और 5 करोड़ रुपये जनसेना पार्टी को मिले। ट्रायम्फ ने बीजेपी को 127.5 करोड़ रुपये और डीएमके को 5 करोड़ रुपये दिए। जयभारत ट्रस्ट ने बीजेपी को 5 करोड़ रुपये, डीएमके को 3 करोड़ रुपये और एआईएडीएमके को 1 करोड़ रुपये का चंदा दिया। दिलचस्प बात यह है कि परिवर्तन ने अपने दानकर्ताओं की पहचान नहीं बताई। उसने कहा कि 2023-24 में उसका 1 करोड़ रुपये का दान इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दिया गया। 2023-24 में ट्रायम्फ को डोनेशन देने वाले प्रमुख लोगों में चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट्स (50 करोड़ रुपये), सीजी पावर (30 करोड़ रुपये), कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (25.5 करोड़ रुपये), ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स (25 करोड़ रुपये) और ईआईडी पैरी (2 करोड़ रुपये) शामिल हैं। जयभारत को लक्ष्मी मशीन वर्क्स (8 करोड़ रुपये) और सुपर सेल्स इंडिया (1 करोड़ रुपये) से डोनेशन मिला। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Jan 20, 2025
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में दिखेगी भारत की विविधता की एकता
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की पांच दिवसीय बैठकें सोमवार से दावोस में शुरू हो रही हैं। इन बैठकों में भारत की विविधता की एकता की झलक देखने को मिलेगी। डब्ल्यूईएफ में सोमवार से दुनिया के अमीर और ताकतवर लोग जुटेंगे। भारत इस बार अपना अब तक का सबसे बड़ा दल दावोस भेज रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), सरकार, नागरिक समाज और कला और संस्कृति के क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज शामिल हैं। *केंद्रीय मंत्री वैष्णव करेंगे भारतीय दल की अगुवाई* केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। उन्होंने दावोस रवाना होने से पहले कहा 'विश्व आर्थिक मंच में हमारी विचार प्रक्रिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक नीतियों, डिजिटल परिवर्तन और जिस तरह से भारत ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक नया डिजिटल ढांचा बनाया है, उसे समझने में बहुत रुचि है।' भारतीय प्रतिनिधिमंडल में चार अन्य केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के राम मोहन नायडू भी बैठक में शामिल होंगे। *तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी जाएंगे* इनके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री क्रमशः देवेंद्र फडणवीस, एन चंद्रबाबू नायडू और ए रेवंत रेड्डी भी बैठक में शामिल होंगे। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और तमिलनाडु के टीआर बी राजा, केरल के पी राजीव सहित कई अन्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री भी दावोस की बैठक में मौजूद रहेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में सात लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी डी श्रीधर बाबू और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निवेश के अपने हिस्से की तलाश कर रहे हैं। *इस साल वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा* बैठक से पहले, दुनियाभर के मुख्य अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उन्हें 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कमजोर होने की आशंका है। हालांकि, भारत की विकास दर कमजोर पड़ने के बावजूद सबसे तेज बनी रहेगी। विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2025 में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सर्वेक्षण में शामिल 56 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थितियों के कमजोर होने की आशंका जताई। केवल 17 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों का मानना था कि स्थिति में सुधार होगा। सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2025 में मजबूत वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत भी मजबूत वृद्धि की रफ्तार बनाए रखेगा। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित दुनिया के शीर्ष 60 राजनीतिक नेता डब्ल्यूईएफ की बैठक को संबोधित करेंगे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 20, 2025
भारत का आकाश एयर डिफेंस सिस्टम दूसरे खरीददारों की लाइन में
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। कुछ समय पहले तक भारतीय सेना अपनी रक्षा के लिए विदेशी तकनीकों पर निर्भर थी, लेकिन अब भारतीय रक्षा प्रणालियाँ पूरी दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवा रही हैं. इसका बेहतरीन उदाहरण है भारत का स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे आर्मेनिया ने खरीदा था. अब बाकी देशों की नजरें भी इस प्रणाली पर हैं और वे इसकी ताकत को समझने लगे हैं. आकाश सिस्टम जिसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर विकसित किया है. अब यह वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है. आर्मेनिया के बाद अब ओमान भी इस आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने के लिए उत्सुक हो गया है. ओमान जो मध्य पूर्व में स्थित है अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए आकाश प्रणाली के प्रति रुचि दिखा रहा है. ये स्वदेशी मिसाइल सिस्टम जो शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम है ये 20 किमी तक के वर्टिकल और 25 किमी तक के हॉरिजॉन्टल लक्ष्य को पहचानने और नष्ट करने की क्षमता रखता है. *आकाश सिस्टम की ताकत और विशेषताएं* आकाश सिस्टम की एक प्रमुख विशेषता ये है कि यह एक साथ चार एरियल टारगेट को एंगेज कर सकता है. इसका मुकाबला S400 जैसे विश्व प्रसिद्ध प्रणालियों से किया जा सकता है, लेकिन इसकी रेंज कम होने के बावजूद इसकी गति और प्रभावशीलता बिल्कुल अद्वितीय है. माना जा रहा है कि ओमान के लिए ये प्रणाली आदर्श साबित हो सकती है क्योंकि इसकी रेंज छोटे देशों के लिए उपयुक्त है और यह किफायती भी है. ओमान को अपनी हवाई रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है खासकर यमन में असुरक्षा और सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की सैन्य मौजूदगी की वजह से. *ओमान के लिए सस्ता और प्रभावी विकल्प* आकाश सिस्टम ओमान के लिए एक अहम कदम हो सकता है क्योंकि ये महंगी तकनीक जैसे रूस के S-400 की जरूरत को खत्म कर सकता है. इसके अलावा इसकी रखरखाव के लिए ओमान को बड़े पैमाने पर संसाधनों की जरूरत नहीं होगी. इसकी सटीकता और प्रभावशीलता ओमान की सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन समाधान साबित हो सकती है. आकाश की तकनीक को देखते हुए इसे भारत के आयरन डोम के रूप में भी देखा जा सकता है जो भारत की सैन्य क्षमता को और भी मजबूत करेगा. *भारत की स्वदेशी तकनीक का वैश्विक महत्व* आकाश सिस्टम सिर्फ आर्मेनिया या ओमान तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि आने वाले समय में ये कई अन्य देशों में भी इस्तेमाल होगा. भारत की स्वदेशी तकनीक ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय रक्षा उद्योग अब पूरी दुनिया के लिए एक अहम खिलाड़ी बन चुका है. भारत के पास पहले से ही कई बेहतरीन रक्षा प्रणालियां हैं जैसे S-400, पिनाका और स्पाइडर जो भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाती हैं. बता दें कि आकाश जैसे स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम से भारत की सैन्य क्षमता अब और भी मजबूत हो गई है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 20, 2025
किसानों और केंद्र के बीच 14 फरवरी को अहम बैठक
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। केंद्र सरकार 14 फरवरी को चंडीगढ़ में आंदोलन कर रहे किसानों के साथ उनकी मांगों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी. ये जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने दी. ये फैसला तब लिया गया जब केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. 54 दिनों से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को देखते हुए केंद्र सरकार ने उनसे मेडिकल सहायता लेने की अपील की है. केंद्र के प्रतिनिधि प्रिय रंजन ने कहा "हमने उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. हमने उन्हें अनुरोध किया है कि वे अपना अनशन खत्म करें और मेडिकल सहायता लें ताकि वह प्रस्तावित बैठक में हिस्सा ले सकें. *डल्लेवाल की हालत गंभीर* डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर भूख हड़ताल पर हैं. ऐसे में किसानों ने उनकी स्थिति को "गंभीर" बताया है. डल्लेवाल का वजन 20 किलो तक कम हो चुका है और उन्होंने अब तक मेडिकल सहायता लेने से इनकार कर दिया है. किसानों और केंद्र सरकार के बीच पिछले साल 8, 12, 15 और 18 फरवरी को बातचीत हुई थी, लेकिन सभी बैठकें असफल रहीं. किसानों की मुख्य मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी है. किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा की खनौरी और शंभू सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. *बातचीत के बाद भी नहीं निकला समाधान* शनिवार को 10 और किसानों ने खनौरी सीमा पर अनशन शुरू किया जिससे भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की संख्या 121 हो गई है. किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार से मिली ताजा प्रस्तावना पर वे चर्चा करेंगे. आंदोलनकारी किसानों का मानना है कि ये बातचीत उनके संघर्ष को एक नई दिशा दे सकती है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Jan 20, 2025
महाकुंभ, गणतंत्र दिवस से इसरो तक... 2025 की पहली 'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी बातें
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जनवरी को 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित किया. यह इस साल का पहला और इस रेडियो कार्यक्रम का 118वां एपिसोड था. इस बार आखिरी रविवार को गणतंत्र दिवस है इसलिए प्रधानमंत्री ने आज ही इस कार्यक्रम को संबोधित किया. पीएम मोदी के 'मन की बात' की बड़ी बातें...यह इस साल का पहला और इस रेडियो कार्यक्रम का 118वां एपिसोड था. दरअसल, ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है, लेकिन इस बार आखिरी रविवार को 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस है इसलिए पीएम मोदी आज यानी 19 जनवरी को ही इस कार्यक्रम को संबोधित किया. पीएम मोदी ने लोगों से कई अहम बातें कीं। पीएम मोदी ने बाबासाहब भीमराव आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुराने संबोधनों के कुछ अहम अंश भी सुनाए। उन्होंने कहा कि इस बार का 'गणतंत्र दिवस' बहुत विशेष है। ये भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष संविधान लागू होने के 75 साल हो रहे हैं। मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। संविधान सभा के दौरान अनेक विषयों पर लंबी-लंबी चर्चाएं हुईं। वो चर्चाएं संविधान सभा के सदस्यों के विचार, उनकी वो वाणी, हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। देश में जब 1951-52 में पहली बार चुनाव हुए, तो कुछ लोगों को संशय था, कि क्या देश का लोकतंत्र जीवित रहेगा? इन सब के बीच हमारे लोकतंत्र ने सारी आशंकाओं को गलत साबित किया। आखिर भारत लोकतंत्र की जननी है। मैं देशवासियों से कहूंगा कि वो ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में अपने मत के अधिकार का उपयोग करें, हमेशा करें, और देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिसा का हिस्सा भी बनें और इस प्रकिया को सशक्त भी करें। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर लगे महाकुंभ की चर्चा प्रमुखता से की। पीएम नरेंद्र माेदी ने कहा क‍ि महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है। चिरस्मरणीय जन सैलाब अकल्पनीय दृश्य और समता समरसता का असाधारण संगम दिखाई दे रहा है। इस बार कुंभ में कई दिव्य योग बन रहे हैं। ये उत्सव विविधता में एकता का है। संगम की रेती पर पूरे भारत के ही नहीं विश्व के लोग जुट रहे हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही परंपरा में कहीं कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं क‍िया जा रहा है। उन्होंने खुशी जाह‍िर की और संतोष जताया कि महाकुंभ में युवाओं की बड़ी भागीदारी दिख रही है। उन्‍होंने कहा क‍ि जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ, गर्व के साथ जुड़ जाती है तो उसकी जड़ें और मजबूत होती हैं। तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है। इस बार कुंभ के डिजिटल फुट प्रिंट भी इतने बड़े पैमाने पर दिख रहे हैं। कुंभ की ये वैश्विक लोकप्रियता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। देश की सांस्कृतिक विरासत का भान कराते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि महाकुंभ में भारत के दक्षिण से लोग आते हैं। भारत के पूर्व और पश्चिम से आते हैं। कुंभ में गरीब और अमीर सब एक हो जाते हैं। सब लोग संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं। एक साथ भंडारों में भोजन कर रहे हैं। प्रसाद ले रहे हैं, तभी तो कुंभ एकता का महाकुंभ है। यह आयोजन हमें ये भी बताता है कि कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं। उत्तर से दक्षिण तक मान्यताओं को मानने के तरीके एक जैसे ही हैं। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वैसे ही दक्षिण में गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम होते हैं। कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में गंगा सागर में मेले का भी विहंगम आयोजन हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ मेले में पूरी दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्‍था की डुबकी लगाई है। कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेला ये पर्व हमारे सामाजिक मेल जोल को सद्भाव को, एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम से मनी. पीएम मोदी ने कहा कि हमें विरासत को सहेजना है, प्रेरणा लेना है. प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि देश स्पेस तकनीक में नई ऊंचाई हासिल कर रहा है. पीएम मोदी ने पिक्सल का प्राइवेट सैटेलाइट बड़ी उपलब्धि है. स्पेस डॉकिंग की सफलता के लिए पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी. उन्होंने कहा कि स्पेस डॉकिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया. पीएम मोदी ने कहा कि 25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे है. ये दिन इसलिए अहम है, क्योंकि इस दिन भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी. हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में हमारे चुनाव आयोग को, लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी को, बहुत बड़ा स्थान दिया है. चुनाव आयोग ने हमारी मतदान प्रक्रिया को आधुनिक बनाया है, मजबूत किया है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही स्टार्टअप इंडिया के 9 साल पूरे हुए हैं. हमारे देश में जितने स्टार्टअप्स 9 साल में बने हैं, उनमें से आधे से ज्यादा टीयर 2 और टीयर 3 शहरों से हैं और जब यह सुनते हैं तो हर हिन्दुस्तानी का दिल खुश हो जाता है, यानि हमारा स्टार्टअप कल्चर बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है. 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। मैं चुनाव आयोग का भी धन्यवाद दूंगा, जिसने समय-समय पर हमारी मतदान प्रक्रिया को आधुनिक बनाया है, मजबूत किया है। भारतीय चुनाव आयोग ने निष्पक्ष चुनाव का अपना कमिटमेंट पूरा किया। असम में एक जगह है ‘नौगांव’। ‘नौगांव’ हमारे देश की महान विभूति श्रीमंत शंकरदेव का जन्म स्थान भी है। ये जगह बहुत ही सुंदर है। यहां हाथियों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते थे। गांव वालों की एक टीम बनी, जिसका नाम था ‘हाथी बंधु’। यहां गांववालों ने आपस में मिलजुल कर नेपियर घास लगाई। इसका असर ये हुआ कि हाथियों ने खेतों की ओर जाना कम कर दिया। मोदी ने कहा कि बीते दो महीनों में हमारे देश में दो नए टाइगर रिजर्व जुड़े हैं। इनमें से एक है छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और दूसरा है मध्य प्रदेश में रातापानी टाइगर रिजर्व। अरुणाचल प्रदेश में दीपक नाबाम ने सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। दीपक यहां लिविंग होम चलाते हैं। जहां मानसिक रूप से बीमार, शरीर से असमर्थ लोगों और बुजुर्गों की सेवा की जाती है, यहां पर ड्रग्स की लत के शिकार लोगों की देखभाल की जाती है। निकोबार जिले में वर्जिन कोकोनट ऑयल को हाल ही में जीआई टैग मिला है। इस ऑयल के उत्पादन से जुड़ी महिलाओं को संगठित कर सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए जा रहे हैं, उन्हें मार्केटिंग और ब्रांडिंग की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ये हमारे आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 23 जनवरी यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म-जयंती को अब हम ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाते हैं। कुछ साल पहले मैं उनके उसी घर में गया था, जहां से वे अंग्रेजों को चकमा देकर निकले थे। उनकी वो कार अब भी वहां मौजूद है। वो अनुभव मेरे लिए बहुत ही विशेष रहा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 20, 2025
दिल्ली में से करना चाहते थे गठबंधन, लेकिन केजरीवाल की हठधर्मिता आड़े आई: अजय माकन
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए हालांकि उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताते हुए विकल्प खुला रखा. माकन ने कहा "मेरी व्यक्तिगत राय है कि कांग्रेस को आप के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. मुझे ये भी लगता है कि 2013 में कांग्रेस को आप का समर्थन नहीं करना चाहिए था और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए था. यह मेरी व्यक्तिगत राय है." माकन ने ये भी दावा किया कि कांग्रेस ने हरियाणा और दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने खुद ही घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और दिल्ली में भी अपनी ताकत से चुनावी मैदान में उतरेगी. माकन के अनुसार "आप ने खुद ही ये तय किया कि वे दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेंगे. *पुराने बयान पर कायम माकन* माकन ने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अपने पुराने बयान पर कायम हैं जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल को "देशद्रोही" करार दिया था. माकन ने कहा "मैंने जो बयान दिया था वह मेरी व्यक्तिगत राय थी और मैं अब भी उसी पर कायम हूं." उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस का समर्थन करने की वजह से दिल्ली के लोगों को 2013 में परेशानी उठानी पड़ी और इसका फायदा भाजपा को हुआ. *कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होना जरूरी* माकन ने ये भी कहा कि अगर कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नहीं होगी तो भाजपा से मुकाबला करना मुश्किल होगा. उन्होंने ये तर्क दिया कि दिल्ली में आप का बढ़ता प्रभाव भाजपा को फायदा पहुंचाता है और इस स्थिति में एक मजबूत कांग्रेस ही भाजपा का मुकाबला कर सकती है. "कांग्रेस को कमजोर करके भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता" माकन ने कहा. *माकन ने आगे क्या कहा?* माकन ने दावा किया कि दिल्ली में आप ने कभी भाजपा के खिलाफ प्रभावी रूप से संघर्ष नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली में मजबूत होती तो भाजपा को दिल्ली में जीतने का मौका नहीं मिलता. माकन ने ये भी बताया कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी तो शिला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी ने सभी सात लोकसभा सीटें जीती थीं और भाजपा को दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा था. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Jan 20, 2025
शेड्स ऑफ़ इंडिया मैगजीन के दसवें संस्करण का हुआ शानदार विमोचन
नई दिल्ली, 19 जनवरी 2025 (यूटीएन)। सार्ट व राज फाउंडेशन की ओर से दिल्ली के गोदावरी आडिटोरियम में इंडिया की मोस्ट फैबुलस मैगज़ीन शेड्स ऑफ़ इंडिया के दसवे संस्करण का शानदार विमोचन किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बॉलीवुड सहित राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षिक आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी उत्तर भारत की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सुरेंद्र पाल सिंह, मोटू पतलू के रचियता हरविंदर मांकर, फेमस ब्रांड हाउस ऑफ़ चिकिन कारी से पूनम रावल, चिश्तिया सूफ़ी मिशन के चैयरमेन यासिर गुरदेज़ी, फेमस इन्फ्लुएंसर अंशिका गोयल, अब्या प्रोडक्शन से योगेश मलिक, राज फ़ॉउंडेशन से सोनिया राणा व शेड्स ऑफ़ इंडिया की डायरेक्टर सविता अरोड़ा एवं राखी तंवर द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस मौके पर कल्याण ट्रस्ट के बच्चो द्वारा गणेश वंदना पर सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली ब्लिंग्स क्लब की फाउंडर प्रेसिडेंट माधवी गुप्ता, इंदु तोमर, रविकांत शर्मा, एकता शर्मा, रेखा वोहरा, जसबीर कौर, गोल्डी रंधावा, अनिल कटोच, गौतम कपूर, यशपाल सिंह, मधु सूदन सोनी सहित सभी मेहमानो का स्वागत शेड्स ऑफ़ इंडिया की डायरेक्टर सविता अरोड़ा एवं राखी तंवर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शेड्स ऑफ़ इंडिया मैगज़ीन के कवर पेज पर छाये चिश्तिया सूफ़ी मिशन के चैयरमेन यासिर गुरदेज़ी के पोस्टर का अनावरण किया गया। इस मौके पर शेड्स ऑफ़ इंडिया मैगज़ीन द्वारा सोशल कॉज को लेकर मिस एंड मिसेज प्रतियोगिता भी हुई, जिसमे पहले महिलाओ ने रैंप वाक करते हुए ग्लैमर का तड़का लगाया, वही मॉडल्स ने भी रैम्प वॉक करते हुए स्लम मॉडल बच्चों के साथ जलवा बिखेरा। वही कुछ मॉडल्स ने जोड़े के साथ रैंप वॉक भी की। इस प्रतियोगिता की जूरी रही रुचिका कपूर व डॉ मोनिका ने विजेताओं की घोषणा की। इस प्रतियोगिता की मिसेज कैटेगरी की विजेता गुरुग्राम की रश्मि सोनी रही और हिमाचल कांगड़ा की वर्षा मिस कैटेगरी की विजेता रही। इस मौके पर शेड्स ऑफ़ इंडिया ने अपने 2025 का कैलेंडर भी लॉन्च किया। इसके साथ ही मैगज़ीन की फेस ऑफ़ द ईयर एकता शर्मा बनी, वही राज फाउंडेशन के बच्चो की जबरदस्त परफॉरमेंस ने सभी का फुल एंटरटेन किया। इस मौके पर फेमस कला ग्रुप अश्मिता थिएटर के कलाकारों ने नशा मुक्ति को लेकर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया। इस सफल कार्यक्रम को लेकर शेड्स ऑफ़ इंडिया की डायरेक्टर सविता अरोड़ा व राखी तंवर ने सभी का धन्यवाद किया। नेशनल अवार्डी और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन बागपत ने सार्ट द्वारा किये जा रहे सामाजिक और धार्मिक कार्यो की प्रशंसा करते हुए इनसे प्रेरणा लेने की बात कही। दिल्ली/रिपोर्टर, (विवेक जैन)।
Ujjwal Times News
Jan 19, 2025