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सादगी और दरियादिली थी रतन टाटा की पहचान

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार देर दुनिया को अलविदा कह दिया। 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन मुंबई के एक अस्पताल में हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का निधन दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे हुआ। रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे। इसके बावजूद वे कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं।    यह कंपनियां छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं। इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। रतन नवल टाटा जमशेदजी टाटा के परपोते थे, जिन्होंने टाटा समूह की स्थापना की थी। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ था। 1948 में उनके माता-पिता के अलग हो जाने के बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया। चार मौकों पर शादी के करीब आने के बावजूद रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की। उन्होंने एक बार स्वीकार किया था कि लॉस एंजिल्स में काम करने के दौरान उन्हें प्यार हो गया था, लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण लड़की के माता-पिता ने उसे भारत आने से देने से मना कर दिया।   *ऐसा था रतन टाटा का सफर* सरल व्यक्तितत्व के धनी टाटा एक कॉरपोरेट दिग्गज थे, जिन्होंने अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते एक अलग तरह की छवि बनाई थी। रतन टाटा 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में बीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद पारिवारिक कंपनी में शामिल हो गए। उन्होंने शुरुआत में एक कंपनी में काम किया और टाटा समूह के कई व्यवसायों में अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद 1971 में उन्हें समूह की एक फर्म ‘नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी’ का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। एक दशक बाद वह टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने। 1868 में कपड़ा और व्यापारिक छोटी फर्म के रूप में शुरुआत करने वाले टाटा समूह ने शीघ्र ही खुद को एक वैश्विक महाशक्ति में बदल दिया। देखते ही देखते समूह नमक से लेकर इस्पात, कार से लेकर सॉफ्टवेयर, बिजली संयंत्र और एयरलाइन तक फैला गया।    1991 में अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह के चेयरमैन का पदभार संभाला। जेआरडी टाटा पांच दशक से भी अधिक समय से इस पद पर थे। रतन टाटा दो दशक से अधिक समय तक समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी ‘टाटा संस’ के चेयरमैन रहे। इस दौरान समूह ने तेजी से विस्तार करते हुए वर्ष 2000 में लंदन स्थित टेटली टी को 43.13 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा। टाटा ने 2004 में दक्षिण कोरिया की देवू मोटर्स के ट्रक-निर्माण परिचालन को 10.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा। टाटा ने एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस समूह को 11 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा। टाटा ने फोर्ड मोटर कंपनी से मशहूर ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा। 2009 में रतन ने दुनिया की सबसे सस्ती कार को मध्यम वर्ग तक पहुंचाने का अपना वादा पूरा किया।   *दरियादिली के मामले में भी रतन टाटा का कोई सानी नहीं* भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक होने के साथ-साथ वह अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए भी जाने जाते थे। परोपकार में उनकी व्यक्तिगत भागीदारी बहुत पहले ही शुरू हो गई थी। वर्ष 1970 के दशक में उन्होंने आगा खान अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परियोजना की शुरुआत की, जिसने भारत के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में से एक की नींव रखी। दरियादिली के मामले में भी रतन टाटा का कोई सानी नहीं रहा। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने पीएम केयर्स फंड में 500 करोड़ की बड़ी राशि दान की थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 10, 2024

सुबह की चाय, खाने की दाल से हवाई सफर तक, हर जगह है टाटा

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। टाटा टी, टाटा नमक, टाटा संपन्न दाल, टाटा संपन्न मसाले, टाटा मोटर्स की कारें, टाटा समूह की एयरलाइन यानी एयर इंडिया, विस्तारा ये कुछ उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि टाटा समूह आपकी रोज की दिनचर्या में कैसे शामिल है। देश के सबसे प्रतिष्ठित होटल चेन ताज होटल्स भी टाटा समूह ही चलाता है   तो देश की सबसे बड़ी एयर लाइन्स एयर इंडिया की शुरुआत भी टाटा समूह ने की थी। वर्षों बाद इस एयरलाइन कंपनी का संचालन फिर से टाटा समूह के पास आ चुका है। आईटी सेक्टर जिसके बिना के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, उसकी सबसे प्रतिष्ठित कंपनी टीसीएस भी टाटा समूह का हिस्सा है। टाटा समूह हर क्षेत्र में काम कर रहा है। आज इसकी गिनती देश और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित कारोबारी समूहों में होती है।   *क्या है टाटा समूह?* टाटा समूह 30 कंपनियों का एक कारोबारी समूह है। समूह की स्थापना 1868 में उद्यमी जमशेदजी नुसरवानजी टाटा ने एक निजी व्यापारिक फर्म के रूप में की थी। यह समूह ऑटोमोबाइल, रसायन, उपभोक्ता उत्पाद, ऊर्जा, इंजीनियरिंग, वित्तीय सेवाएं, सूचना प्रणाली, सामग्री और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में काम करता है।   टाटा का कारोबार छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में है और 20वीं शताब्दी की शुरुआत से भारतीय उद्योग में इस समूह ने खुद को अग्रणी बनाए रखा है। कपड़ा निर्माण, लोहा और इस्पात और पनबिजली में आने से पहले समूह ने शुरुआती तौर पर कच्चे माल के व्यापार के जरिए से 19वीं शताब्दी के अंत में कमाई की थी। बाद में इसने रसायन, विमानन, ऑटोमोबाइल और अंततः सूचना प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विस्तार किया।    *टाटा समूह कितना बड़ा है?* 2023-24 में टाटा कंपनियों का कुल राजस्व 165 बिलियन डॉलर से अधिक था। ये कंपनियां सामूहिक रूप से 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती हैं। 31 मार्च 2024 तक 365 बिलियन डॉलर से अधिक के संयुक्त बाजार पूंजीकरण के साथ 26 सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध टाटा उद्यम हैं। टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी और प्रमोटर है। टाटा संस की इक्विटी शेयर पूंजी का 66 प्रतिशत हिस्सा परोपकारी ट्रस्टों के पास है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका सृजन और कला एवं संस्कृति जैसे क्षेत्रों में मदद करते हैं।   किन क्षेत्रों में काम करती हैं टाटा की कंपनियां?   *आईटी* *टीसीएस:* सूचना तकनीकी के क्षेत्र में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) काम करती है। यह 56 वर्षों से अधिक समय से दुनिया के कई सबसे बड़े व्यवसायों के साथ उनके परिवर्तन की यात्रा में भागीदार है। टीसीएस एक आईटी सेवा, परामर्शदाता कंपनी है।   *टाटा एलेक्सी:* इसकी शुरुआत 1989 में में हुई थी। टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा के लिए एक वैश्विक डिजाइन और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता है।   *टाटा डिजिटल:* टाटा समूह ने डिजिटल व्यवसायों का निर्माण करने के लिए टाटा डिजिटल की स्थापना की है जिसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करना है।    *टाटा टेक्नोलॉजीज:* यह एक वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवा कंपनी है। टाटा टेक्नोलॉजीज का मिशन ग्राहकों दुनिया को चलाने, उड़ान भरने, निर्माण करने और खेती करने में मदद करने का है।   *स्टील* *टाटा स्टील:* यह दुनिया के सबसे विविध एकीकृत स्टील उत्पादकों में से एक है। टाटा स्टील की वार्षिक कच्चे स्टील उत्पादन क्षमता 35 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। कंपनी की विनिर्माण संपत्तियां भारत, नीदरलैंड, ब्रिटेन और थाईलैंड में फैली हुई हैं।   *ऑटो:* *टाटा मोटर्स:* यह एक अग्रणी वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माता है। टाटा मोटर्स लिमिटेड $44 बिलियन मूल्य की कंपनी है। 2008 से जगुआर लैंड रोवर टाटा मोटर्स का हिस्सा है जो ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव निर्माता है। यह दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध प्रीमियम कारों को डिजाइन, निर्माण और बेचती है।   *ऑटोकॉम्प:* ऑटो क्षेत्र में टाटा समूह की एक अन्य कंपनी टाटा ऑटोकॉम्प है। यह कंपनी व्यवसायिक वाहनों का उत्पादन करती है। इसके साथ ही कंपनी भारतीय और वैश्विक ऑटोमोटिव ओईएम के साथ-साथ टियर 1 आपूर्तिकर्ताओं को उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है।   *उपभोक्ता और खुदरा:*  *टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स:* इस क्षेत्र टीसीएस: सूचना तकनीकी के क्षेत्र में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) काम करती है। यह 56 वर्षों से अधिक समय से दुनिया के कई सबसे बड़े व्यवसायों के साथ उनके परिवर्तन की यात्रा में भागीदार है। टीसीएस एक आईटी सेवा, परामर्शदाता कंपनी है।   *टाटा एलेक्सी:* इसकी शुरुआत 1989 में में हुई थी। टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा के लिए एक वैश्विक डिजाइन और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता है।   *टाटा डिजिटल:* टाटा समूह ने डिजिटल व्यवसायों का निर्माण करने के लिए टाटा डिजिटल की स्थापना की है जिसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करना है।    *टाटा टेक्नोलॉजीज:* यह एक वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवा कंपनी है। टाटा टेक्नोलॉजीज का मिशन ग्राहकों दुनिया को चलाने, उड़ान भरने, निर्माण करने और खेती करने में मदद करने का है।   *स्टील* *टाटा स्टील:* यह दुनिया के सबसे विविध एकीकृत स्टील उत्पादकों में से एक है। टाटा स्टील की वार्षिक कच्चे स्टील उत्पादन क्षमता 35 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। कंपनी की विनिर्माण संपत्तियां भारत, नीदरलैंड, ब्रिटेन और थाईलैंड में फैली हुई हैं।   *ऑटो:* टाटा मोटर्स: यह एक अग्रणी वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माता है। टाटा मोटर्स लिमिटेड $44 बिलियन मूल्य की कंपनी है। 2008 से जगुआर लैंड रोवर टाटा मोटर्स का हिस्सा है जो ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव निर्माता है। यह दुनिया की कुछ सबसे प्रसिद्ध प्रीमियम कारों को डिजाइन, निर्माण और बेचती है।   *ऑटोकॉम्प:* ऑटो क्षेत्र में टाटा समूह की एक अन्य कंपनी टाटा ऑटोकॉम्प है। यह कंपनी व्यवसायिक वाहनों का उत्पादन करती है। इसके साथ ही कंपनी भारतीय और वैश्विक ऑटोमोटिव ओईएम के साथ-साथ टियर 1 आपूर्तिकर्ताओं को उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है।   *उपभोक्ता और खुदरा:*  टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स: इस क्षेत्र में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का नाम आता है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक केंद्रित उपभोक्ता उत्पाद कंपनी है जो टाटा समूह के प्रमुख खाद्य और पेय से जुड़े कारोबार में छत्र के रूप में काम करती है। टाटा नमक, टाटा संपन्न, टाटा टी, टेटली, हिमालयन और वाइटेक्स जैसे ब्रांड इसी का हिस्सा हैं। देश मेंं स्टारबग्स का संचालन भी टाटा समूह की यह कंपनी करती है।     *बुनियादी ढांचा:*  टाटा पावर: इस क्षेत्र में टाटा पावर एक अग्रणी एकीकृत बिजली कंपनी है। टाटा पावर भारत के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय व्यापार समूह टाटा समूह का एक हिस्सा है।   *पर्यटन और यात्रा:* इस क्षेत्र में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियां कारोबार करती हैं। इनमें सबसे चर्चित नाम ताज है। ताज को दुनिया के सबसे मजबूत होटल ब्रांड और भारत के सबसे मजबूत ब्रांड के रूप में स्थान दिया। में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का नाम आता है।   टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक केंद्रित उपभोक्ता उत्पाद कंपनी है जो टाटा समूह के प्रमुख खाद्य और पेय से जुड़े कारोबार में छत्र के रूप में काम करती है। टाटा नमक, टाटा संपन्न, टाटा टी, टेटली, हिमालयन और वाइटेक्स जैसे ब्रांड इसी का हिस्सा हैं। देश मेंं स्टारबग्स का संचालन भी टाटा समूह की यह कंपनी करती है।     विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 10, 2024

स्थिरता सुधारों में कठोरता लाती है और विकास प्रक्रिया को बढ़ावा देती है: अमित शाह

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 119वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह वर्ष भारतीय उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है और वह पीएचडीसीसीआई के 119वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए बहुत उत्साहित हैं। वे यहां विज्ञान भवन में पीएचडीसीसीआई के वार्षिक सत्र का विषय, “विकसित भारत@2047 - प्रगति के शिखर की ओर अग्रसर विषय पर आयोजित वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारतीय उद्योगों के आकार और पैमाने का विस्तार करने के लिए नीतिगत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया गया है। यह वास्तव में हमारे देश के लिए गौरव का क्षण है, भारत को अब विश्व पारिस्थितिकी तंत्र में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में पहचाना जा रहा है, और 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक विकसित भारत के रूप में उभरेगा, उन्होंने कहा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार के सक्रिय नीतिगत प्रयासों से भारत आने वाले वर्षों में हरित प्रौद्योगिकी से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक सभी क्षेत्रों में अग्रणी बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतिगत पहलों से समग्र विकास को बढ़ावा मिला है।   जिससे 60 करोड़ से अधिक लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। उन्होंने पीएचडीसीसीआई को अपने रचनात्मक सुझाव जारी रखने के लिए प्रेरित किया और आश्वासन दिया कि सरकार उन पर त्वरित कार्रवाई करेगी। संजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, पीएचडीसीसीआई ने गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री को बधाई दी और कहा कि सरकार ने देश के भीतर सुरक्षा की भावना और उद्योगपतियों में आगे बढ़ने का विश्वास पैदा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के निरंतर सहयोग और व्यापार एवं उद्योग के जीवंत प्रयासों से भारत आने वाले समय में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जिसे व्यापार करने में आसानी से बढ़ावा मिलेगा। संजीव अग्रवाल ने बहुत आशावाद के साथ कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में भारत आने वाले समय में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरेगा। संउ अग्रवाल, अध्यक्ष, पीएचडीसीसीआई; हेमंत जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पीएचडीसीसीआई; राजीव जुनेजा, उपाध्यक्ष, पीएचडीसीसीआई; और डॉ रंजीत मेहता, सीईओ और महासचिव, पीएचडीसीसीआई ने अमित शाह के साथ मंच साझा किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 10, 2024

रतन टाटा के निधन पर उद्योग जगत ने जताया गहरा शोक

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय उद्योग के टायकून रतन टाटा के निधन पर उद्योग जगत में गहरा शोक है। सभी प्रमुख उद्योग पतियों के साथ साथ उद्योग संगठनों ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रमुख उद्योग संगठनों सीआईआई, फिक्की और एसोचैम ने रतन टाटा के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। रतन टाटा के स्थायी प्रभाव को याद करते हुए, फिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनीश शाह ने कहा, "फिक्की रतन टाटा को न केवल एक सफल व्यवसायी के रूप में बल्कि एक ऐसे रोल मॉडल के रूप में याद करता है, जिन्होंने ईमानदारी, विनम्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के मूल्यों को अपनाया। नैतिक पूंजीवाद के उनके दृष्टिकोण और व्यवसाय को सामाजिक भलाई के लिए एक शक्ति के रूप में उपयोग करने के उनके प्रयासों ने उद्यमियों और कॉर्पोरेट नेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया है।" रतन टाटा के निधन से भारतीय व्यापार जगत में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे भरना मुश्किल होगा। फिक्की उनके शोक संतप्त परिवार और मित्रों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।   वहीं सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा, "भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। उत्कृष्टता की उनकी अटूट खोज, सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और भारतीय कॉर्पोरेट परिदृश्य में क्रांति लाने वाली अग्रणी भावना ने भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर पहुंचा दिया। मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी विनम्रता, ईमानदारी और दयालु मूल्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत होंगे। वे भारतीय उद्योग जगत में हम सभी के लिए एक महान गुरु और मार्गदर्शक के रूप में खड़े रहे और हमें सर्वश्रेष्ठ तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया। उनकी अमूल्य विरासत हमें आने वाले समय में प्रेरित करेगी। उनके प्रियजनों और टाटा परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ"। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा रतन टाटा वास्तव में एक नेता, राष्ट्र निर्माता, परोपकारी, एक वैश्विक उद्यमी और बहुत कुछ का आदर्श उदाहरण थे। अपने कद के बावजूद उनका दयालु, नरम और विनम्र स्वभाव प्रेरणादायक और दुर्लभ था। सीआईआई में हमें दी गई उनकी सलाह हमेशा व्यावहारिक होती थी।   जो भारतीय व्यवसायों की वैश्विक स्तर पर क्षमता और सबसे बढ़कर भारतीय कंपनियों को समाज में एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए एक सार्थक भूमिका कैसे निभानी चाहिए, इस पर उनके विश्वास को प्रदर्शित करती थी। सीआईआई की राष्ट्रीय परिषद के लगभग दो दशकों तक सदस्य के रूप में, वे सीआईआई के लिए एक मार्गदर्शक रहे। समाज की भलाई के लिए अपने सहज जुनून के साथ, उन्होंने सीआईआई द्वारा एड्स के लिए इंडिया बिजनेस ट्रस्ट की स्थापना का नेतृत्व किया, जिसे वैश्विक स्तर पर उच्च प्रशंसा मिली। यह सीआईआई के लिए एक बड़ा सम्मान था कि उन्होंने पहला सीआईआई अध्यक्ष पद स्वीकार किया, जो सभी क्षेत्रों में भारतीय उद्योग के उनके व्यापक नेतृत्व को देखते हुए एक स्वाभाविक प्राप्तकर्ता था। भारतीय उद्योग को वैश्वीकरण, प्रतिस्पर्धी और जिम्मेदार बनाने के लिए उनके नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने सीआईआई के प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया और भारतीय उद्योग के लिए विश्वसनीयता स्थापित करने और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने के लिए चर्चाओं का नेतृत्व किया। सीआईआई उनके योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।   उन्होंने वास्तव में भारतीय उद्योग के लिए आगे का रास्ता तय किया, इसे वैश्विक बनाया और दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी। हम सीआईआई में टाटा परिवार के साथ मिलकर एक सच्चे नेता और ऐसी महान आत्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस लिमिटेड के चेयरमैन आर दिनेश ने कहा रतन टाटा का निधन देश, भारतीय उद्योग और पूरे समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। हमारे देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हमेशा हमारी यादों में रहेगा और उनकी विरासत भारतीय उद्योग के भविष्य में हमेशा के लिए गूंजती रहेगी। उन्होंने वास्तव में भारत को बड़े सपने देखने और नई सीमाओं को पार करके इन सपनों को साकार करने का रास्ता दिखाया है। भारतीय उद्योग उन्हें बहुत याद करेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और बजाज फिनसर्व लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने कहा, “भारत के अग्रणी प्रकाशपुंज, रतन टाटा अपनी विनम्रता के साथ-साथ अपनी साहसिक व्यावसायिक रणनीतियों के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने मुट्ठी भर उद्योगपतियों का प्रतिनिधित्व किया।    जिन्होंने भारत को बहुत कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद की। अपने बुढ़ापे में भी, उन्होंने युवा उद्यमियों को प्रेरित करना और उनका समर्थन करना जारी रखा! उनकी आत्मा उन कई लोगों में जीवित है जिन्हें उन्होंने छुआ। ओम शांति। भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष और फोर्ब्स मार्शल के सह-अध्यक्ष डॉ. नौशाद फोर्ब्स ने कहा, "वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं। अपने गहन विचार, साहसी निवेश और अभिनव विचारों के साथ, उन्होंने भारतीय उद्योग के लिए नए मानक स्थापित किए। उन्होंने नैतिकता और व्यवसाय के सच्चे उद्देश्य के इर्द-गिर्द देश के लिए एक वैश्विक ब्रांड छवि स्थापित की। अपार जुनून और प्रतिबद्धता वाले व्यक्ति, उनके परोपकार ने समाज को वापस देने का उदाहरण स्थापित किया। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से, वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे मैं हमेशा सलाह लेता था, जिसे वह खुलकर साझा करते थे, और जो निरंतर प्रेरणा देते थे। राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति"। एसोचैम ने रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक प्रतिष्ठित नेता बताया, जिनका प्रभाव कॉर्पोरेट इंडिया से परे था, जिससे वे अपार सद्भावना वाले वैश्विक नेता बन गए। टाटा ने न केवल एक अच्छी तरह से विविधतापूर्ण टाटा समूह को दुनिया के कई देशों में पहुँचाया।   बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, स्टील और आतिथ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक परिदृश्य पर भारत की ब्रांड इक्विटी में भी बहुत योगदान दिया। उनका जीवन भारत के उद्यमियों के लिए वैश्विक स्तर पर सोचने और आगे बढ़ने, एक बेदाग प्रतिष्ठा और कॉर्पोरेट प्रशासन के बहुत उच्च मानक को बनाए रखने के लिए एक प्रेरणा होगा। सूद ने कहा टाटा के व्यक्तित्व की एक परिभाषित विशेषता विभिन्न व्यवसायों और कंपनियों में नेतृत्व का निर्माण करने, शेयरधारकों के मूल्य और सबसे बढ़कर, बड़े पैमाने पर समाज सहित हितधारकों के हित में योगदान देने की उनकी प्रतिबद्धता थी। ''उन्होंने कई स्टार्टअप को प्रेरित किया और उन्हें आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो बदले में मूल्य श्रृंखला के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यवसाय प्रतिमान बदल रहे हैं'' दुनिया टाटा को स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके परोपकारी योगदान के लिए भी याद रखेगी, जिन्होंने दूसरों के लिए मानक स्थापित किए'' टाटा समूह को विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा मौलिक अनुसंधान में विश्व स्तरीय संस्थानों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। टाटा परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, एसोचैम ने शीर्ष चैंबर के साथ टाटा के जुड़ाव को याद किया, जिनके 104 वर्षों के वंश ने राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण समय को टाटा समूह के साथ साझा किया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 10, 2024

भारत में अगली औद्योगिक क्रांति जैव प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होगी’ – डॉ. जितेन्द्र सिंह

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने किफायती, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा तथा चिकित्सा पर्यटन के लिए वैश्विक केन्द्र के रूप में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर जोर दिया, जो एक महत्वपूर्ण राजस्व जनरेटर बन गया है। वे नई दिल्ली में सीआईआई के छठे फार्मा एवं जीवन विज्ञान शिखर सम्मेलन 2024 को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिसमें उद्यम निधियों तथा नीतियों के शुभारंभ का उल्लेख किया गया, जिसने जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में महत्वपूर्ण वृद्धि को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप की संख्या 2014 में मात्र 50 से बढ़कर अब 5,000 से अधिक हो गई है, जो जैव अर्थव्यवस्था पर भारत के बढ़ते फोकस को दर्शाता है। उन्होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच मजबूत सहयोग का आग्रह किया।    डॉ. सिंह ने एक मजबूत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी अगली औद्योगिक क्रांति का केंद्र बिंदु होगी। डॉ. सिंह ने भारत की जैव अर्थव्यवस्था के विकास पर जोर दिया, जिसमें 2014 से दस गुना वृद्धि देखी गई है, और एक समावेशी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता को दोहराया जो बौद्धिक संपदा, डेटा संरक्षण और नैदानिक ​​परीक्षणों को संतुलित करता है। उनकी टिप्पणियों में स्वास्थ्य सेवा और जैव प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक नेता के रूप में भारत की भूमिका के लिए आशावाद परिलक्षित हुआ, साथ ही आगे की चुनौतियों और अवसरों को भी संबोधित किया। भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव डॉ. अरुणिश चावला ने फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के महत्वपूर्ण मील के पत्थर को रेखांकित किया “पिछले महीने, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी भारत के लिए चौथा सबसे बड़ा निर्यात विनिर्माण उद्योग बन गया। भारत दुनिया की एक विश्वसनीय फार्मेसी और जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान दोनों में एक भविष्य का वैश्विक नेता बनने का लक्ष्य बना रहा है”।   उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय लेखा डेटा के अनुसार, ये दोनों क्षेत्र अन्य विनिर्माण क्षेत्रों की तुलना में औसतन उत्पादन के लिए दोगुना मूल्य उत्पन्न करते हैं। बाजार विश्लेषकों और निवेशकों का अनुमान है कि आगे चलकर इन क्षेत्रों से रिटर्न एनएसई और बीएसई के उद्योग औसत से काफी अधिक होने जा रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास और फोकस क्षेत्रों पर ध्यान दिया जो उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर स्पेस में आवश्यक गहन कार्य के लिए अनुसंधान और विकास और नियामक प्रणालियों के महत्व को सामने रखा। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र ने कई रूढ़ियों को तोड़ा है, भारत अब पिछले वित्तीय वर्ष में आयात की तुलना में अधिक थोक दवाओं का निर्यात कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला कि जिन क्षेत्रों पर आगे ध्यान देने की आवश्यकता है, वे नीति, शिक्षाविद और औद्योगिक ढांचे हैं। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले ने अपने संबोधन में भारत की प्रगति में जैव प्रौद्योगिकी की भावी भूमिका पर जोर दिया तथा वैश्विक मान्यता एवं सहयोग पर प्रकाश डाला।    उन्होंने बायोई3 नीति पर जोर दिया - आर्थिक विकास को गति देने, पर्यावरण की रक्षा करने तथा रोजगार सृजन में जैव प्रौद्योगिकी का महत्व। उन्होंने कहा कि 'विकसित भारत 20247' की ओर भारत के मार्ग को 'मध्यम आय के जाल' से बाहर निकलने की आवश्यकता है, जो कई देशों के सामने चुनौती है। उन्होंने तकनीकी नवाचार में प्रतिमान बदलाव का आह्वान किया, अनुसंधान एवं विकास क्षमता का निर्माण करने, उद्योग निवेश बढ़ाने तथा भारत को आगे बढ़ाने के लिए जैव प्रौद्योगिकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। समापन में, उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विकास के एक अद्वितीय भारतीय मॉडल की आवश्यकता पर बल दिया जो इसके जनसांख्यिकीय और भौगोलिक लाभों का लाभ उठाता हो। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने सीडीएससीओ के तहत नियामक सुधारों की सराहना करते हुए 'विश्व की फार्मेसी' बनने की दिशा में भारत के कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दवा अनुमोदन को सुव्यवस्थित करने, देरी को कम करने और दक्षता बढ़ाने के लिए नए दृष्टिकोणों सहित सहयोगी प्रयासों के माध्यम से वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे सीडीएससीओ दवा अनुमोदन में तेजी लाने के लिए पुराने नियमों को संशोधित कर रहा है, विशेष रूप से जैविक और नवीन उपचारों के लिए, जबकि अनावश्यक प्रक्रियाओं को समाप्त कर रहा है। 20-60 दिनों से 3 दिनों से कम समय तक अनुमोदन के समय को कम करने के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली शुरू की गई है।   जिससे आयात प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। उन्होंने भारत को फार्मास्युटिकल इनोवेशन के लिए वैश्विक केंद्र बनाने में चल रहे सुधारों के महत्व को रेखांकित किया। भारत अब बार-बार होने वाले परीक्षणों से बचने के लिए चुनिंदा देशों से नैदानिक ​​​​डेटा स्वीकार कर रहा है, जिससे नई, बेहतर दवाओं के लिए तेजी से बाजार में प्रवेश को बढ़ावा मिल रहा है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के पॉल ने महामारी की तैयारियों में हासिल की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, सरकार, उद्योग और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने चार प्रमुख फोकस क्षेत्रों को रेखांकित किया: सरकारी नीति, डेटा प्रबंधन, नवाचार और विनिर्माण, और वैश्विक भागीदारी। उन्होंने सक्रिय अनुसंधान और विकास की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेष रूप से भविष्य की महामारियों के लिए प्रतिवाद विकसित करने और तेजी से वैक्सीन विकास के माध्यम से तैयारियों की आवश्यकता पर। पिछली महामारी से मिले सबक पर विचार करते हुए, उन्होंने कई प्लेटफ़ॉर्म पर वैक्सीन बनाने सहित औद्योगिक क्षमताओं के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने हितधारकों से भविष्य के प्रकोपों ​​के लिए तेज़ प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित करने के लिए "100-दिवसीय मिशन" मॉडल अपनाने का आग्रह किया, पूर्व-स्वीकृत वैक्सीन पाइपलाइनों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की वकालत की। उन्होंने महामारी की तैयारी में वैश्विक और स्थानीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए निरंतर नवाचार और एक नेटवर्क की स्थापना का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत आत्मनिर्भर बना रहे और भविष्य के स्वास्थ्य संकटों के लिए तैयार रहे।   डॉ. राजेश जैन, अध्यक्ष, सीआईआई राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी समिति ने अपने संबोधन में दवा और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के आकार को तीन गुना करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसका लक्ष्य 2047 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचना है। उन्होंने पिछले दशक में सरकार द्वारा किए गए सुधारों की प्रशंसा की, जिसने उद्योग को विशेष रूप से संरचनात्मक और प्रक्रिया सुधारों के माध्यम से फलने-फूलने में मदद की है। उन्होंने सरकार से पीएलआई योजना जैसी पहलों के माध्यम से समर्थन जारी रखने का आग्रह किया, जो सीधे उद्योग के विकास को प्रभावित करती है। उन्होंने नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने, आवेदनों में अतिरेक को कम करने और व्यापार करने में आसानी और दक्षता में सुधार के लिए अंतर-मंत्रालयी समन्वय को बढ़ावा देने की सिफारिश की। उन्होंने सरकार से डिजिटल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान में एआई, मशीन लर्निंग और बड़े डेटा एनालिटिक्स के एकीकरण की सिफारिश की। अंत में, उन्होंने सरकार से उद्योग के लिए टीकों की एक सूची प्रकाशित करने का आग्रह किया, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के साथ नवाचार प्रयासों को संरेखित करेगा और सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार करेगा। सीआईआई लाइफ साइंसेज समिट एक वार्षिक प्रमुख विचार नेतृत्व मंच है। यह फार्मास्यूटिकल और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्रों का एक सहक्रियात्मक संयोजन है और यह नियामक सुधारों के प्रभाव, हालिया तकनीकी रुझानों, अत्याधुनिक नवाचारों को बढ़ावा देने, बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर्स के भविष्य, कुशल प्रतिभा विकसित करने, समान स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने और अन्य प्रचलित वकालत मामलों पर चर्चा करने के लिए समर्पित एक मंच है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 9, 2024

वैश्विक मंदी के बावजूद भारत के फार्मा, मेडिटेक निर्यात में तेजी जारी रहने की उम्मीद: डॉ. अरुणिश चावला

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सरकार द्वारा भारत में औषधि विकास के लिए समर्थन बढ़ाने के साथ ही, चिकित्सीय क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए 16 ब्लॉकबस्टर अणुओं को लक्षित किया गया है। बुधवार कोफार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव अरुणीश चावला और भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने यहां सीआईआई फार्मा और लाइफ साइंसेज शिखर सम्मेलन के बाद संवाददाताओं को बताया। उन्होंने ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद भारत के फार्मास्युटिकल और मेडिटेक क्षेत्रों के निर्यात में चालू वित्त वर्ष में वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीद है। सरकार द्वारा भारत में औषधि विकास के लिए समर्थन बढ़ाने के साथ ही, चिकित्सीय क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए 16 ब्लॉकबस्टर अणुओं को लक्षित किया गया है।    फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव अरुणीश चावला ने संवाददाताओं को बताया कि इसमें कैंसर, मधुमेह, एचआईवी और तपेदिक शामिल हैं, जिनका भारत में उत्पादन किया जाना है। उन्होंने वैश्विक मंदी के बीच फार्मा उद्योग की निर्यात संभावनाओं पर एक प्रश्न के उत्तर में कहा, "हम हाल के आंकड़ों में निर्यात प्रवृत्तियों का विश्लेषण कर रहे हैं। भले ही वैश्विक स्तर पर निर्यात में सामान्य मंदी है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि भारतीय फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक और थोक दवा निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में दोहरे अंकों में बढ़ा है।" उन्होंने आगे कहा, "इस वर्ष के पहले चार महीनों में, ये निर्यात अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक निर्यात आइटम बन गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।   और यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जिसे पार कर लिया गया है"।  उन्होंने फार्मा और मेडिटेक उद्योग दोनों के मजबूत प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला। पिछले साल, उपभोग्य वस्तुएं और सर्जिकल क्षेत्र एक निर्यात-उन्मुख उद्योग बन गया। इमेजिंग डिवाइस, बॉडी इम्प्लांट और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक निर्यात जैसे अन्य सेगमेंट इस साल अच्छी वृद्धि दिखा रहे हैं। भारत के फार्मा और मेडिटेक निर्यात पर उत्साहित, उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि जब चालू वित्त वर्ष के लिए डेटा अंततः आएगा, तो आप खुद ही प्रभावशाली परिणाम देखेंगे"। भारत में दवा विकास के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "हमने पारंपरिक फार्मा क्षेत्र और नए उभरते बायोटेक और बायोसिमिलर क्षेत्र में ब्लॉकबस्टर अणुओं और ब्लॉकबस्टर दवाओं की पहचान करने के लिए।    अध्ययन और अनुप्रयुक्त अनुसंधान दोनों किए हैं। उन्होंने आगे कहा, "पेटेंट क्लिफ अध्ययनों ने हाल ही में 26 ब्लॉकबस्टर अणुओं की पहचान की है, इनमें से 16 पाइपलाइन में हैं। इनका उत्पादन भारत में किया जाएगा।  वे अनुमोदन और विनिर्माण लाइसेंस के विभिन्न चरणों में हैं।" हालांकि उन्होंने इन दवाओं को विकसित करने वाली कंपनियों के नाम के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन चालवा ने कहा, "ये ज्यादातर भारतीय कंपनियां हैं, और वे पीएलआई योजना, विकास, शोध, नैदानिक ​​परीक्षण करने और इन ब्लॉकबस्टर अणुओं के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन से मदद ले रही हैं"। उन्होंने कहा कि ये अणु छोटे और बड़े दोनों प्रकार के अणु हैं, जो कैंसर, मधुमेह, तपेदिक, एचआईवी और एंटीकोगुलेंट्स सहित अधिकांश चिकित्सीय क्षेत्रों के लिए लक्षित हैं।    चावला ने कहा कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने पहले ही कुछ अणुओं को मंजूरी दे दी है, उन्होंने कहा, "आगे बढ़ते हुए, हम उनकी मूल्य श्रृंखलाओं पर भी काम करेंगे, जिस तरह से हमने रासायनिक संस्थाओं की अपस्ट्रीम मूल्य श्रृंखलाओं के रूप में थोक दवाओं पर ध्यान केंद्रित किया है।" चावला ने कहा, "आप आगे इस दिशा में बहुत सारे काम होते हुए देखेंगे। हम सेल और जीन थेरेपी और हेल्थकेयर इकोसिस्टम को सुविधाजनक बनाने पर भी काम कर रहे हैं, जो आगे चलकर सामने आएंगे।" उन्होंने कहा कि सरकार अब जैविक इकाइयों के अपस्ट्रीम पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें विशेष रूप से अमीनो एसिड, न्यूक्लियोटाइड और वैक्सीन कच्चे माल जैसे बुनियादी अणु शामिल हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |  

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Oct 9, 2024

हरियाणा के कांग्रेस कार्यकर्ता बब्बर शेर: राहुल गांधी

हरियाणा, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने हरियाणा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बब्बर शेर बताते हुए उनका धन्यवाद कहा. जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया. इसे लेकर कांग्रेस सांसद ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया. प्रदेश में इंडिया गठबंधन की जीत संविधान की जीत है. लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है."   *हरियाणा के कार्यकर्ताओं को बताया बब्बर शेर* हरियाणा में इस बार कांग्रेस को किसान, पहलवान के मुद्दों पर 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद थी, ऐसा नहीं हो पाया. बीजेपी ने हरियाणा में हैट्रिक लगाकर बड़ी जीत हासिल की. हरियाणा में कांग्रेस की हार पर पार्टी के नेता राहुल गांधी ने नतीजों के विश्लेषण की बात कही है.   कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं. अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे. सभी हरियाणा वासियों को उनके समर्थन और हमारे बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए दिल से धन्यवाद. हक का, सामाजिक और आर्थिक न्याय का, सच्चाई का यह संघर्ष जारी रखेंगे, आपकी आवाज बुलंद करते रहेंगे."   *जम्मू क्षेत्र में एक सीट जीत सकी कांग्रेस* नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीट के साथ जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और वह अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस (6 सीट) के साथ केंद्र शासित प्रदेश में अगली सरकार बनाने के लिए तैयार है. जम्मू-कश्मीर चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उतना भी ठीक नहीं है, क्योंकि उसे जम्मू क्षेत्र में केवल एक सीट ही मिली.   लोकसभा चुनाव के बाद यह तय माना जा रहा था कि कांग्रेस हरियाणा में इस बार सरकार बना सकती है, लेकिन चुनाव रिजल्ट ने कांग्रेस की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फेर दिया. हरियाणा की हार के बाद महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में सहयोगियों के साथ सीटों का तालमेल करने में कांग्रेस की स्थिति अब कमजोर हो सकती है. इन दोनों राज्यों में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 9, 2024

आरबीआई द्वारा नीतिगत दर के रुख में बदलाव एक बड़ा सकारात्मक कदम है: एसोचैम

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा को "यथार्थवादी और व्यावहारिक" बताते हुए, एसोचैम ने कहा कि समायोजन वापस लेने से 'तटस्थ' रुख में बदलाव ने अगली कुछ तिमाहियों में ब्याज दरों में गिरावट का संकेत दिया है, भले ही मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रेपो दरों को फिलहाल 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, "समायोजन वापस लेने से 'तटस्थ' रुख में बदलाव को एक सकारात्मक विकास के रूप में देखा जाना चाहिए, जो आरबीआई की लचीली मौद्रिक नीति की ओर इशारा करता है, जो घरेलू और वैश्विक घटनाओं से प्रेरित होगी।" उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत से नीचे आने तथा चालू त्योहारी सीजन में उपभोक्ता मांग में और तेजी आने के मद्देनजर घरेलू आर्थिक परिदृश्य आशाजनक दिख रहा है, लेकिन भू-राजनीतिक घटनाओं पर नजर रखने की जरूरत है, जैसा कि आरबीआई ने मौद्रिक नीति वक्तव्य में सही कहा है।    सूद ने कहा कि एसोचैम वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.2 प्रतिशत की अनुमानित समग्र जीडीपी वृद्धि के संबंध में केंद्रीय बैंक के आशावादी आकलन से सहमत है, जो कृषि में बेहतर संभावनाओं तथा ग्रामीण मांग में तेजी के कारण है। ''ट्रैक्टर तथा दोपहिया वाहनों की बिक्री तथा एफएमसीजी क्षेत्र जैसे कुछ उच्च आवृत्ति आंकड़ों में ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत पहले से ही दिखाई दे रहे हैं।'' एसोचैम महासचिव ने कहा कि मुद्रास्फीति के आंकड़ों को चार प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप लाने पर आरबीआई का स्पष्ट ध्यान दीर्घकालिक विकास के लिए अच्छा संकेत है। ''यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा कि भारत की कहानी लंबे समय तक मजबूत बनी रहे।'' उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक गतिशीलता की चुनौतियों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था ने लचीलापन दिखाया है, जैसा कि ऋण नीति वक्तव्य से पता चलता है। "इससे हमारे निर्यात में मदद मिलेगी और सीमा पार निवेश माहौल को बढ़ावा मिलेगा, हालांकि घटनाक्रम पर कड़ी नज़र रखना समझदारी है।"   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 9, 2024

कांग्रेस जाति का जहर फैला रही है, हरियाणा ने दो टूक कहा- देशविरोधी पॉलिटिक्स नहीं चलेगी: पीएम नरेन्द्र मोदी

हरियाणा, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव के रिजल्ट आने के बाद मंगलवार को बीजेपी ने दिल्ली स्थित अपने पार्टी मुख्यालय में आभार कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा- हरियाणा के लोगों ने कमाल कर दिया है। जनता के सामने कांग्रेस की पोल खुल चुकी है। उनका डिब्बा गोल हो गया है। वे सरकार से बाहर होते हैं तो उनकी हालत जल बिन मछली जैसी हो जाती है इसलिए वह समाज में जाति का जहर फैला रहे हैं। अलग-अलग वर्गों को भड़का रहे हैं।   पीएम ने कहा कि हरियाणा में गीता की धरती पर सत्य की जीत हुई है। जम्मू-कश्मीर में दशकों के इंतजार के बाद पहली बार शांतिपूर्ण चुनाव हुए। ये भारत के संविधान की जीत है, भारत के लोकतंत्र की जीत है। पीएम ने कहा कि नवरात्री का छठा दिन है मां कात्यायनी की आराधना का दिन है। मां कात्यायनी शेर पर विराजमान होकर हाथ में कमल को धारण किए हुए हम सभी को आशीर्वाद दे रही हैं। ऐसे पावन दिन हरियाणा में तीसरी बार कमल खिला है।   *भाजपा कार्यकर्ता न रुकने वाले हैं और न झुकने वालें हैं* पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पार्टी कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा - आप सब कार्यकर्ताओं का जितना अभिनंदन करूं कम है। देश के कोने-कोने में भाजपा जो कुछ भी है, हर संघर्ष को पार करते हुए लोगों के दिल में जो जगह बनी है, उसके मूल में हमारे कार्यकर्ता हैं। भाजपा के कार्यकर्ता न रुकने वाले हैं, न थकने वाले हैं और झुकने वाले तो बिल्कुल नहीं हैं।   *नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी बधाई* भाजपा की सरकार राष्ट्र को सर्वोपरि रखती है। भाजपा की सरकार गरीब कल्याण को सर्वोपरि रखती है। केंद्र सरकार पर जैसे 10 साल में भ्रष्टाचार नहीं है, वैसे ही हरियाणा की सरकार पर भी कोई दाग नहीं है।   पीएम ने कहा- मैं नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बधाई देता हूं। उन्होंने बहुत मेहनत की है। हरियाणा और जम्मू कश्मीर ने भाजपा को प्रेरित किया है। आज के जनादेश से भारत को दुनिया की तीसरी बड़ा महाशक्ति बनाने का संकल्प को मजबूती दी है। आप ने हर उस प्रेरणा को मजबूती दी है, जिसका मकसद लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का इरादा किया है।   *हरियाणा का बाजरा दुनिया के डाइनिंग टेबल पर पहुंचे* पीएम मोदी ने कहा- हरियाणा के गरीब 10 साल से डबल इंजन की सरकार को देख रहे हैं। अब हरियाणा की सरकार गरीब कल्याण के काम को और गति देगी।हरियाणा की ताकत को भाजपा औ मजबूती देगी। यहां का बाजरा जैसा मोटा श्रीअन्न दुनिया के डाइनिंग टेबल पर पहुंचे, हम ऐसा चाहते हैं। हरियाणा के छोरा-छोरी दुनिया में धूम मचा रहे हैं। आने वाली समय में भारत दुनिया में खेलों की महाशक्ति बनने जा रहा है। हरियाणा इसमें बड़ा योगदान करने जा रहा है।   *कश्मीर जला नहीं, बल्कि महक उठा* पीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में इस बार हुआ चुनाव ऐतिहासिक है। वहां देश का संविधान पूरी तरह से लागू होने के बाद पहली बार चुनाव हुए हैं। लोग कहते थे 370 हटेगा तो कश्मीर जल जाएगा, लेकिन कश्मीर जला नहीं बल्कि महक उठा है। पीएम ने कहा- हमारी सरकार ने वहां बीडीसी के चुनाव कराए। वहां हर स्तर पर अब जनता द्वारा चुने प्रतिनिधि काम करेंगे। बाबा साहेब अंबेडकर को इससे बड़ी श्रद्धांजलि और क्या होगी।   *कांग्रेस परजीवा पार्टी बन गई, तभी हरियाणा में हारी* पीएम मोदी ने कहा- आज के नतीजों ने एक और बात स्पष्ट की है कि कांग्रेस पूरी तरह से परजीवी पार्टी बन गई है। यहां हरियाणा में कांग्रेस किसी के साथ नहीं थी, अकेली थी, इसलिए हार गई। लोकसभा में कांग्रेस ने जितनी सीटें जीतीं अपने सहयोगियों की वजह से ही जीती हैं।   कांग्रेस ऐसी परजीवी पार्टी है जो अपने सहयोगियोों को ही निगल जाती है। कांग्रेस हर संस्था पर दाग लगाना चाहती है। आपको (जनता) याद होगा लोकसभा परिणाम आने से पहले कितना कोहराम मचाया था। वो भी इसलिए ताकि ये लोग चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा पर बट्टा लगा सकें। कांग्रेस की यही आदत रही है। कांग्रेस ऐसी ही करतूतें करती आ रही है।   *भारत को बांटने की अंतरराष्ट्रीय साजिश हो रही* अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत को बांटने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश हो रही है। आज मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कांग्रेस के चट्टे-बट्टे इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देशभक्त हरियाणा ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है।   *कांग्रेस ने 13 साल पहले असम की सत्ता में दोबारा वापसी की थी* पीएम ने कहा कि भाजपा कई राज्यों फिर से वापसी कर रही है। कांग्रेस की कैसी हालत है। करीब 13 साल पहले असम में कांग्रेस की सरकार सत्ता में दोबारा लौटी थी। इसके बाद जितने भी चुनाव हुए लोगों ने कांग्रेस को सेकेंड टर्म में मौका नहीं दिया है। कई राज्य ऐसे हैं जहां कांग्रेस 50-50, 60-60 साल पहले आई थी, तब से सत्ता में वापस आई ही नहीं।   *हरियाणा जीत की गूंज दूर-दूर तक जाएगी* पीएम ने कहा कि हरियाणा में लोगों ने हमारी सरकार ही नहीं बनाई, सीटें भी ज्यादा दी हैं और वोट शेयर भी ज्यादा दिया है। ऐसा लगता है हरियाणा के लोगों ने छप्पर फाड़कर दिया है। इस जीत की गूंज दूर-दूर तक जाएगी पीएम ने कहा कि भाजपा जहां-जहां सरकार बनाती है, जनता वहां लंबे समय तक भाजपा को मौका देती है। मोदी बोले- कांग्रेस की पोल खुली, उनका डिब्बा गोल:वे जाति का जहर फैला रहे, हरियाणा ने दो टूक कहा- देशविरोधी पॉलिटिक्स नहीं चलेगी   *गीता की धरती पर विकास, सुशासन की जीत हुई* पीएम ने कहा- जम्मू कश्मीर में दशकों की जीत के बाद आखिरकार शांतिपूर्ण चुनाव हुए। नतीजे आए, ये भारत के संविधान, लोकतंत्र की जीत है। वहां के लोगों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को ज्यादा सीट दी हैं, लेकिन वोट शेयर के हिसाब से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पीएम ने कहा कि मैं सभी कार्यकर्ताओं के तप के लिए नमन करता हूं। हरियाणा की जीत हरियाणा की टीम और नड्डा जी के प्रयासों की जीत है।   हरियाणा की जीत हमारे मुख्यमंत्री के कार्यों की भी जीत है। हरियाणा की जनता ने नया इतिहास को रच दिया है। हरियाणा का गठन 1966 में हुआ था। इतने दिनों में बड़े-बड़े दिग्गजों ने राज किया। एक समय हरियाणा के दिग्गजों का नाम पूरे देश में चर्चा में रहते थे। हरियाणा के लोगों ने हर 5 साल में सरकार बदली। पहली बार ऐसा हुआ है जब 5-5 साल को दो कार्यकाल पूरे करने वाली किसी सरकार को तीसरी बार मौका मिला हो।   *हरियाणा ने फिर कमाल कर दिया और कमल कमल कर दिया* अपने संबोधन में पीएम ने कहा- हम सबसे सुना है कि जहां दूध-दही का खाना, वैसा है अपना हरियाणा। हरियाणा ने फिर कमाल कर दिया और कमल कमल कर दिया है। आज नवरात्र का छठा दिन है। मां कात्यायनी शेर पर विराजमान हैं और हाथ में कमल धारण किए हुए हैं।आज नवरात्र का छठा दिन है। भाजपा की सरकार तीसरी बार हरियाणा में आई है। हमें हर जाति-हर वर्ग ने वोट दिया। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा कार्यालय पहूंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 9, 2024

लवकुश रामलीला: आकाश मार्ग में रथ पर सवार रावण ने किया सीता हरण

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश-विदेश में ख्याति प्राप्त लव कुश रामलीला कमेटी, लालकिला मैदान दिल्ली के अध्यक्ष अर्जुन कुमार बताया कि लीला मंच पर फिल्म नवरस कथा कालेज के हीरो पारितोष त्रिपाठी (इंडियन आईीहेल सुपर डान्सर फेम), फिल्म की हीराईन रेवती पिल्लई (टाईगर थ्री फेम) के साथ फिल्म डायरेक्टर, एक्टर प्रवीण हीगोनिया ने प्रभु श्री रामचन्द्र जी की वंदना की और आशीर्वाद लिया।    लीला के अध्यक्ष अर्जुन कुमार के अनुसार सुतिक्षण प्रसंग, अगस्त्य मुनि से भेंट, अगस्त्य मुनि द्वारा राम, लक्ष्मण को दिव्य अस्त्र देना, पचंवटी जयन्ता प्रसंग, सूर्पनखा प्रसंग, राम द्वारा खर-दूषण वध, रावण दरबार में सुर्पणखा द्वारा रावण को उकसाना, रावण का मारीच को स्वर्ण मृग बनना, मारीच वध, पंचवटी में लक्ष्मण द्वारा रेखा खीचना, साधुवेश में भिक्षा मांगना, सीता का अग्नि प्रवेश, सीता हरण, पंचवटी में सीता को ना पकार, राम-लक्ष्मण विलाप, रावण-जटायु युद्ध, जटायु मोक्ष तक की लीला का मंचन हुआ।   लीला पश्चात् कमेटी के महासचिव सुभाष गोयल, चैयरमैन पवन गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यभूषण जैन, सौरव गुप्ता, संदीप भूटानी, कोषाध्यक्ष अंकुर गोयल, लीला मंत्री प्रवीण सिंहल आदि सभी पदाधिकारियों ने आये हुए सभी अतिथियों का सम्मान किया और प्रभु श्रीराम की आरती एवं चरण वंदना के साथ लीला सम्पन्न हुई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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