-
○ दो उपकेंद्र सहित लुहारा टाउन की बत्ती गुल, 24 घंटे से पांच हजार परिवारों की बढ़ी परेशानी
○ मंडोला विहार तक मैट्रो की मांग को लेकर संघर्ष समिति को ग्रामीण देंगे पूरा सहयोग , मुख्यमंत्री से मिलेंगे समिति के पदाधिकारी
○ असारा को नगर पंचायत बनाने, झूंडपुर में लघु सेतु की मांग तथा दो विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की मांग पर मिले नकारात्मक उत्तर
○ भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल
○ देश को इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता और कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य : नितिन गडकरी
नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल – मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7078277779 / +91 9927127779 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
National
भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 21वें स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है और दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। विकसित भारत 2047 के लिए स्वास्थ्य सेवा में बदलाव"। "भारत की मेडटेक क्रांति की रूपरेखा: 2047 तक मेडटेक विस्तार का रोडमैप" विषय पर पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है, क्योंकि देश की बढ़ती स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं, तकनीकी नवाचारों, सरकारी सहायता और उभरते बाजार के अवसरों द्वारा संचालित इसकी अपार विकास क्षमता है। उन्होंने बताया कि भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का आकार लगभग 14 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2030 तक इसके 30 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है और दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडटेक उद्योग न केवल स्वास्थ्य सेवा का एक घटक है, बल्कि एक उत्प्रेरक है जो रोगियों, भुगतानकर्ताओं, प्रदाताओं और नियामकों को एक मजबूत और अधिक न्यायसंगत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए जोड़ता है। उन्होंने कहा, "मेडटेक की यह अनूठी स्थिति ही भारत और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा वितरण और परिणामों में क्रांतिकारी बदलाव लाने का वादा करती है। स्वास्थ्य सेवा में एआई के वादे पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि "स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों को सुविधाजनक बनाने और उनसे निपटने तथा नए अवसरों की खोज के लिए नए तरीके बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा के भीतर एआई नवाचार महत्वपूर्ण है। श्रीमती पटेल ने चिकित्सा उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने, अनुसंधान को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "प्रमुख नीतिगत निर्णयों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति देना और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी देना शामिल है, जो विनियामक सुव्यवस्थितता, बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान एवं विकास, निवेश आकर्षण और मानव संसाधन विकास को संबोधित करता है। इसमें उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, एनआईपीईआर में पाठ्यक्रम और मेडटेक शिक्षा को मजबूत करने की पहल शामिल हैं।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्यात और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएमडी) का गठन और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्धन परिषद (एनएमडीपीसी) का पुनर्गठन शामिल है। उन्होंने कहा, "इन निकायों का उद्देश्य चिकित्सा उपकरण निर्यात को सुविधाजनक बनाना, विनियामक चुनौतियों का समाधान करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है, जिससे वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजार में भारत की स्थिति को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ चिकित्सा उपकरण पार्कों को बढ़ावा देने की योजना के शुभारंभ के बारे में भी बताया, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को 100-100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना (पीआरआईपी) और 500 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ "चिकित्सा उपकरण उद्योग को मजबूत करने की योजना" का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना, कौशल विकास का समर्थन करना और उद्योग के विकास को बढ़ावा देना है।" उन्होंने कहा कि ये प्रयास आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो मेडटेक उद्योग में आत्मनिर्भरता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित है। इस बात को रेखांकित करते हुए कि स्वस्थ जनसंख्या उत्पादकता को बढ़ावा देती है, आर्थिक विकास को गति देती है और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करती है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि “स्वास्थ्य सेवा न केवल एक सामाजिक अनिवार्यता है, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता भी है।” उन्होंने कहा कि भारत का स्वास्थ्य सेवा एजेंडा प्रत्येक नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवा को वहनीय, सुलभ और समावेशी बनाने पर केंद्रित है और इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2047 तक विकसित देश बनने के भारत के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण घटक है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मजबूत स्वास्थ्य सेवा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली में निवेश देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने, नवाचार को बढ़ावा देने और सतत प्रगति सुनिश्चित करने के लिए ये आवश्यक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने पीएम-जेएवाई, पीएम-एबीएचआईएम और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी पहलों के साथ महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे किफायती देखभाल तक पहुँच का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, "मूल्य-आधारित देखभाल मॉडल और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से, विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्वास्थ्य सेवा को बदलने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी, निवारक स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य सेवा कार्यबल के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने और भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण होगा। श्रीमती पुण्य श्रीवास्तव ने पंचकूला में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा शुरू किए गए 100 दिवसीय गहन टीबी अभियान के बारे में भी गणमान्य व्यक्तियों को जानकारी दी। उन्होंने 2025 तक टीबी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अभियान का समर्थन करने के महत्व पर जोर दिया और आयोजकों को इस पहल को और बढ़ावा देने के लिए अगले दो दिनों में टीबी पर एक संक्षिप्त सत्र आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने निजी क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवा नेताओं और नागरिक समाज के सहयोग से भारत के स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन देते हुए अपने भाषण का समापन किया। "लक्ष्य 2047 तक भारत को स्वास्थ्य सेवा वितरण में वैश्विक नेता के रूप में बदलना है, जिसका लक्ष्य एक स्वस्थ, मजबूत और समृद्ध भारत बनाना है। भारत के स्वास्थ्य सेवा भविष्य को आकार देने में निजी क्षेत्र की भूमिका एक जिम्मेदारी और अवसर दोनों है। इस दृष्टिकोण को अपनाने से, प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी, जिससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। सीआईआई नेशनल हेल्थकेयर काउंसिल के अध्यक्ष और मेदांता - द मेडिसिटी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ नरेश त्रेहान; सीआईआई के सह-अध्यक्ष और मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ दिलीप जोस; अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुश्री सुनीता रेड्डी और सीआईआई की उप महानिदेशक सुश्री अमिता सरकार इस अवसर पर उपस्थित थीं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 20, 2024
देश को इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता और कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य : नितिन गडकरी
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत को ग्लोबल ईवी मार्केट का लीडर बनने की संभावनाओं पर दिया जोर देते हुए कहा कि सरकार का प्रमुख लक्ष्य देश में इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना एवं कार्बन न्यूट्रल बनाना है। आज यहां 21वें ईवी एक्सपो के शुभारंभ के अवसर पर विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। नितिन गडकरी ने प्रदूषण को नियंत्रित करने और ₹22 लाख करोड़ के वार्षिक फॉसिल फ्यूल इंपोर्ट पर निर्भरता घटाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की मंशा को दोहराते हुए कहा कि देश को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर ले जाना और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य है। इस आयोजन के तहत आयोजित 8वीं कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री की स्थिरता पर चर्चा हुई। यह कॉन्फ्रेंस इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें ईवी इंडस्ट्री के प्रतिनिधि, नियामक संस्थाओं के अधिकारी और उद्यमी शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने प्रदूषण को नियंत्रित करने और ₹22 लाख करोड़ के वार्षिक फॉसिल फ्यूल इंपोर्ट पर निर्भरता घटाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की मंशा को दोहराते हुए कहा कि देश को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर ले जाना हमारा लक्ष्य है। गडकरी ने कहा कि इस वर्ष भारत में में भारत में 30 लाख इलैक्ट्रिक वाहन रजिस्टर हुए, जिससे उनकी बिक्री में 45% की बढ़ोतरी हुई और मार्केट पेनिट्रेशन 6.4% तक पहुंच गया। खास बात यह रही कि कुल दो-पहिया वाहनों की बिक्री में से 56% इलेक्ट्रिक थे, जिसमें 400 से अधिक स्टार्टअप्स का अहम योगदान रहा। उन्होंने भविष्य की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि 2030 तक भारतीय ईवी मार्केट ₹20 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। 2028 तक हाइब्रिड और ईवी का मार्केट शेयर 8% तक पहुंचने का अनुमान है। जिससे ईवी फाइनेंस मार्केट का आकार ₹4 लाख करोड़ तक होने की संभावना है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत के पास 60 लाख टन लिथियम का भंडार है, जो वैश्विक स्टॉक का 6% है और 60 करोड़ ईवी के निर्माण के लिए पर्याप्त है। सरकार इन भंडारों के उपयोग में तेजी लाने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लिथियम-आयन बैटरी की जीवनचक्र लागत 115 प्रति किलोवाट-घंटा है, जो अगले छह महीनों में 100 से कम होने की संभावना है। नितिन गडकरी ने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी रिसाइक्लिंग मार्केट 2030 तक ₹50,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस समय का लाभ उठाकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईवी उत्पादन को दस गुना बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय ईवी इंडस्ट्री को विश्व स्तर पर, खासकर चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतरीन तकनीक और गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। उन्होंने साबित तकनीक, आर्थिक व्यवहार्यता, कच्चे माल की उपलब्धता और उत्पादों की मार्केटेबिलिटी को सफलता के चार महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है और ईवी इंडस्ट्री की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। सही तकनीक, भविष्य की योजना और रिसर्च के साथ भारत वैश्विक बाजार में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने अपने सपने को साझा करते हुए कहा कि भारत को दुनिया का नंबर वन ऑटोमोबाइल हब बनाना और ईवी सेक्टर से बड़ा योगदान लेकर यह उपलब्धि अगले पांच वर्षों में हासिल करना उनका लक्ष्य है। इस सम्मेलन में सौरभ दलैला, डायरेक्टर आईसीएटी,बलराज भनोट, पूर्व चेयरमैन टीईडी कमेटी ,यशपाल सचर,अनुज शर्मा, अध्यक्ष, इलेक्ट्रिक व्हीकल फेडरेशन राजीव अरोड़ा, आयोजक ईवी एक्सपो कॉन्फ्रेंस में ईवी इंडस्ट्री की स्थिरता और भविष्य पर कई पैनल चर्चाएं हुईं। प्रदर्शनी की मुख्य बातें: 21वें ईवी एक्सपो में अत्याधुनिक इनोवेशन, इंडस्ट्री सहयोग, और नई टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भारत और विदेश के लगभग 200 प्रदर्शकों की भागीदारी है। एक्सपो उद्यमियों, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री लीडर्स भाग ले रहे हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 20, 2024
मुफासा द लॉयन किंग:शाहरुख खान की आवाज, शानदार विजुअल्स, दिल जीत लेगी मूवी
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। साल 2019 में आई हॉलीवुड की फिल्म 'द लायन किंग' की कहानी हम सभी को पता है. उस फिल्म में एक महान राजा मुफासा को दिखाया गया था जिसकी बहुत दुखद मौत हो जाती है. उस फिल्म में मुफासा की कहानी आखिर क्या है इसके बारे में नहीं बताया गया था. लेकिन अब, आप लोगों को मुफासा की कहानी के बारे में जानने का मौका मिलेगा क्योंकि आज थिएटर्स में 'मुफासा: द लायन किंग' रिलीज हो गई है. एक बड़ा सा जंगल, जहां थे ढेर सारे पशु-पक्षी और जंगल का राजा शेर। ऐसी कहानियां हर बच्चे के बचपन का हिस्सा हैं। दादी-नानी से जंगल और शेर की कहानियां हर बच्चा रस लेकर सुनता रहा है। यही वजह है कि डिज्नी की 1994 में आई एनिमेटेड म्यूजिकल ड्रामा फिल्म 'द लॉयन किंग' नब्बे के दशक के बच्चों की चहेती रही है। जबकि, 2019 में इसका रीबूट वर्जन भारत में शाहरुख खान और उनके बेटे आर्यन खान की आवाज की जुगलबंदी के कारण चर्चा में रहा। अब इस क्लासिक फिल्म का प्रीक्वल 'मुफासा: द लायन किंग' पर्दे पर दस्तक दे रहा है। यह मां-बाप से बिछड़े एक होनहार शेर के जंगल का महान राजा मुफासा बनने की कहानी है। कभी बॉलीवुड के फेवरिट रहे लॉस्ट एंड फाउंड यानी मिलने-बिछड़ने की थीम पर आधारित यह फिल्म मनमोहन देसाई और बीआर चोपड़ा की फिल्मों की याद दिलाती है, जिसमें इमोशन, ड्रामा, कॉमेडी, रोमांस, एक्शन, सारे रस मौजूद हैं। *मुफासा- द लायन किंग' की कहानी* कहानी की शुरुआत सिंबा के अपने परिवार में एक नए सदस्य के इंतजार से होती है। इसी दौरान रफीकी सिंबा की बेटी कियारा को उसके दादा मुफासा के 'द लायन किंग' बनने की कहानी सुनाता है कि कैसे बाढ़ में माता-पिता को खोने वाला मुफासा डर के मारे तैरना भूल जाता है। तब एक दूसरा शेर टाका उसका हाथ थामता है, उसे बचाता है और अपने पिता के ऐतराज के बावजूद उसे भाई की जगह देता है। हालांकि, जब बाहरी कबीले के शेर उन पर हमला करते हैं तो भावी राजा टाका की बजाय मुफासा उनका मसीहा बनता है, जिसके चलते टाका के मां-बाप उसकी रक्षा की जिम्मेदारी मुफासा को सौंपकर दोनों को भगा देते हैं। अब दोनों एक सुरक्षित जगह मिलने की उम्मीद में आगे बढ़ते हैं। रास्ते में उन्हें एक मादा शेरनी सराबी मिलती है, जिस पर टाका का दिल आ जाता है। टाका सराबी को इंप्रेस करने के गुर मुफासा से ही सीखता है, पर जल्द ही सराबी को अहसास हो जाता है कि उसका हीरो टाका नहीं, मुफासा है और यही लव ट्राएंगल भाई जैसे मुफासा और टाका के बीच दुश्मनी की वजह बनता है। कहानी में आगे, धोखा खाया टाका कैसे बदला लेता है और कैसे टाका से स्कार बनता है? मुफासा बाहरी शेरों का सामना कैसे करता है? जंगल का राजा कैसे बनता है? यह सब आपको फिल्म देखकर पता चलेगा। इस फिल्म को दिलचस्प तरीके से बनाया गया है, विजुअल्स काफी अच्छे लगते हैं और वॉयस ओवर कमाल का है. इसे बिल्कुल देसी अंदाज दिया गया है, कुछ सीक्वेंस काफी कमाल के हैं, देखने में मजा आता है. बीच-बीच में कुछ सीन थोड़े लंबे और बोरिंग लगते हैं लेकिन उन्हें ज्यादा नहीं खींचा गया. फर्स्ट हाफ तो काफी कमाल है, सेकंड हाफ में शेरों का लव ट्राएंगल थोड़ा फनी लगता है. लेकिन आप हंसते-हंसते उसे झेल ही जाते हैं क्योंकि फिल्म बच्चों के लिए है. इस फिल्म में कमाल की वॉयस एक्टिंग की गई है. मुफासा को आवाज शाहरुख खान ने दी है और उनकी आवाज ने ही उस शेर को रोमांटिक बना दिया है. जब वो बोलते हैं 'मैं हूं ना' तो दिमाग में शाहरुख और सुष्मिता सेन वाला सीन खुद चलने लगता है. मुफासा के बेटे सिम्बा को आवाज आर्यन खान ने दी है और उनकी आवाज सुनकर लगता है कि उन्होंने वॉयस एक्टिंग की प्रॉपर ट्रेनिंग ली है. उन्होंने अपना काम परफेक्शन से किया है. छोटे मुफासा को छोटे खान अबराम ने आवाज दी है और कहते हैं न पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं ,वही हुआ है यहां. अबराम ने कमाल का काम किया है और उनकी आवाज काफी सूट करती है. श्रेयस तलपड़े ने टीमोन को आवाज दी है और संजय मिश्रा पम्बा की आवाज बने हैं, इन दोनों की जुगलबंदी कमाल की है, मकरंद देशपांडे रफीकी की आवाज बने हैं, मियांग चैंग ने टाका को अपनी आवाज ने जोरदार बना दिया है. बैरी जेनकिंस का डायरेक्शन अच्छा है, उन्होंने स्टोरी को सिंपल रखा है. वॉयस कास्टिंग पर अच्छा काम किया है. कुल मिलाकर बच्चों के साथ ये फिल्म देखी जा सकती है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 20, 2024
दिल्ली में सोनू सूद और यो यो हनी सिंह की फिल्म "फतेह" का गाना हिटमैन रिलीज हुआ
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। फिल्म अभिनेता सोनु सूद की आने वाली फिल्म फ़तेह का गाना हिटमैन और टीजर दिल्ली के पीवीआर प्लाजा में में रिलीज हो गया है। इस अवसर पर सोनू सूद अगर यो यो हनी सिंह दोनों मौजूद थे। सोनू सूद की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म फतेह का दूसरा ट्रैक हिटमैन जो एक धमाकेदार, डांस एंथम है।यो यो हनी सिंह का गाना हिटमैन लियो ग्रेवाल के बोल और बॉस्को मार्टिस की बेहतरीन कोरियोग्राफी में बनाया गया है। यो यो हनी सिंह के साथ मिलकर काम करने पर सोनू सूद ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा , यह सफ़र तब शुरू हुआ जब हम दोनों पंजाबी सालों पहले चंडीगढ़ में मिले थे। हनी का संगीत उस समय भी सड़कों की धड़कन था और आज भी है। हिटमैन के लिए उनके साथ काम करना ऐसा लगता है जैसे किस्मत ने साथ दिया हो। हनी सिंह ने कहा, मैं सोनू सर को 16 साल से भी ज़्यादा समय से जानता हूँ। तब उन्होंने कई फिल्म प्रोड्यूसर से मेरे लिए बात की मेरे बारे में बताया और मुझे फिल्मों में काम दिलाने की बहुत कोशिश की जब फतेह की बात आई तो मैंने उन्हें एक रफ गाना सुनाया था उन्होंने बोला मैं इसे अपनी फिल्म में लेना चाहता हूं मैंने बोला नहीं पाजी फतेह के लिए मैं स्पेशल गाना बना कर दूंगा आपको जो मैंने गाना सुनाया था वह फास्ट फूड था मैं आपके लिए स्पेशल पंजाब का सांग बना कर दूंगा हिटमैन मैने सोनू सूद के लिए स्पेशल गाना नहीं पंजाब का सरसों साग बनाया है जो धमाल मचाएगी ज़ी स्टूडियोज़ के उमेश केआर बंसल और शक्ति सागर प्रोडक्शंस की सोनाली सूद द्वारा निर्मित और अजय धामा द्वारा सह-निर्मित,फ़िल्म फ़तेह, साइबर अपराध के खिलाफ़ लड़ाई की एक मनोरंजक कहानी है। यह फिल्म 10 जनवरी, 2025 को रिलीज़ होने वाली है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Dec 20, 2024
आईसी 814: कंधार हाइजैक ने मैचबॉक्स को बड़े सपने देखने और ऊँचा उड़ने के लिए प्रेरित किया
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। आईसी 814: कंधार हाइजैक, एक ऐसा ड्रामा जो पाँच हवाई अड्डों, पाँच देशों, सात दिनों, 188 जानों और एक अरब भारतीय दिलों में फैला हुआ था, ने दुनिया भर में दर्शकों का प्यार हासिल किया। यह तीन हफ्तों तक वैश्विक टॉप 10 चार्ट्स में और भारतीय टॉप 10 चार्ट्स में 11 हफ्तों तक बना रहा। कहानी कहने की एक मास्टर क्लास," आईसी 814: कंधार हाइजैक गूगल पर शीर्ष खोजों में से एक था। सीरीज के बारे में बात करते हुए विजय वर्मा ने कहा, "स्क्रीन पर कैप्टन देवी शरण का किरदार निभाना मेरे लिए एक सम्मान की बात थी। अनुभव सर ने भारतीय सिनेमा के दिग्गजों को इस ऐतिहासिक घटना को फिर से बताने के लिए एकत्र किया। मैं इस मैटचबॉक्स शो को अपने जीवनभर का मान सम्मान मानूंगा. मैचबॉक्स शॉट्स के निर्माता संजय राउत्रे ने कहा, "यह वास्तव में दिल छू लेने वाली बात है कि आईसी 814: कंधार हाइजैक को वैश्विक दर्शकों से जो प्यार मिला है. दिसंबर 2024 भारतीय विमानन इतिहास के सबसे दर्दनाक हाइजैकिंग की 25वीं वर्षगांठ को चिह्नित करता है। एक शो जिसे शोध, लेखन और निर्माण में छह साल लगे, आईसी 814: कंधार हाइजैक कैप्टन देवी शरण और श्रीनजॉय चौधरी की पुस्तक फ्लाइट इन फियर: द कैप्टन स्टोरी का रूपांतरण है। मैचबॉक्स शॉट्स के तीन साझेदार वैश्विक दर्शकों के साथ गूंजने वाली असाधारण कहानियाँ बताने के अपने संकल्प में एकजुट हैं। अपनी परियोजनाओं के लिए सबसे अच्छे टीमों का निर्माण करते हैं, अपनी टीमों का पूरा समर्थन करते हैं, और मैटचबॉक्स शॉट्स को कहानीकारों के लिए एक आदर्श घर बनाते हैं। इस प्रोडक्शन हाउस के पास कई आशाजनक प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं, जिनमें हंसल मेहता, नवदीप सिंह, जसमीत रीं, सुदीप शर्मा, योगेश चांडेकर और वसन बाला जैसे प्रसिद्ध निर्माता शामिल हैं। मैचबॉक्स शॉट्स की निर्माता सरिता पाटिल ने कहा, "वास्तविक जीवन की कहानियाँ, जिन्हें प्रामाणिक रूप से, बारीकी से ध्यान रखते हुए बताया जाता है, दुनिया में गूंजती हैं। यह संभव नहीं होता अगर नेटफ्लिक्स ने मैटचबॉक्स पर विश्वास नहीं किया होता और अनुभव सिन्हा की रचनात्मक नेतृत्व नहीं होती। एक बड़ा धन्यवाद! अनुभव सिन्हा, आईसी 814: कंधार हाइजैक के निदेशक, कहते हैं, "ऐसी कहानियाँ सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होतीं; ये हमें असंभव विपत्ति का सामना करते हुए साहस, धैर्य और मानवता की याद दिलाती हैं। इस कहानी को स्क्रीन पर लाना एक विनम्र अनुभव था, और मैं इस प्यार के लिए बेहद आभारी हूं जो इसे दुनिया भर से मिला है। 29 अगस्त 2024 को रिलीज़ हुआ आईसी 814: कंधार हाइजैक जल्दी ही वैश्विक सनसनी बन गया। इसके रोमांचक कथानक, शक्तिशाली प्रदर्शन और बारीकी से ध्यान दिए गए विवरण के लिए सराहा गया, और शो ने आलोचकों और दर्शकों से जबरदस्त समीक्षा प्राप्त की, जिससे मैटचबॉक्स शॉट्स को प्रभावशाली कहानी कहने का एक प्रमुख केंद्र बना दिया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 20, 2024
साइबर क्राइम:अब तक 6 लाख से ज्यादा सिम और एक लाख से ज्यादा मोबाइल किए ब्लॉक
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। डिजिटल युग में पूरा विश्व इस समय साइबर अपराध से जूझ रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है. ऐसे में साइबर अपराधों से निपटने के लिए भारत सरकार कड़े कदम उठा रही है. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में भारत सरकार ने जानकारी दी कि इस साल नवंबर तक सरकार ने 6 लाख 69 हजार से ज्यादा सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं. सिम कार्ड के अलावा सरकार ने नवंबर तक 1 लाख 32 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन को भी ब्लॉक किया है, जो साइबर अपराधों में शामिल थे. *टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर सरकार कर रही कर्रवाई* महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि साइबर अपराधों में शामिल सिम कार्ड और मोबाइल फोन ब्लॉक करने के अलावा फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को रोकने के लिए भी सरकार टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बताया कि ऐसी कॉल्स, जो भारत से आती हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन असल में अंतरराष्ट्रीय हैं, उन्हें अब ब्लॉक की जा रही हैं. केंद्र सरकार साइबर अपराध से निपटने और कानून प्रवर्तन एजेंसी की क्षमता को मजबूत करने के लिए भी ठोस कदम उठा रही है. केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने सीवाई ट्रेन नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो पुलिस और न्यायिक अधिकारियों को साइबर अपराध की जांच, फॉरेंसिक और अभियोजन से जुड़े आधुनिक कौशल सिखाता है. *पुलिस को दी जा रही स्पेशल ट्रेनिंग* केंद्र सरकार के मुताबिक अब तक 98 हजार 698 से अधिक पुलिस अधिकारी ट्रेनिंग में शामिल हो चुके हैं और 75 हजार 591 को ट्रेनिंग पूरी होने पर प्रमाणपत्र भी दिए गए हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक निर्भया फंड के तहत महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम योजना के जरिए 131.60 करोड़ रुपये की सहायता भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की है, जिससे देशभर में 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फॉरेंसिक और प्रशिक्षण लैब स्थापित की गई हैं। साथ ही अब तक 24 हजार 600 से अधिक पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच और फॉरेंसिक में प्रशिक्षित किया जा चुका है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 20, 2024
आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सीआईआई ने यूके में उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय उद्योग परिसंघ प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ने और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए 18 दिसंबर 2024 को यूनाइटेड किंगडम में एक वरिष्ठ उद्योग प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के अन्य प्रमुख वरिष्ठ व्यापारिक नेताओं के साथ-साथ सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल कर रहे हैं। यह यात्रा भारत और यूके के बीच लंबे समय से चले आ रहे आर्थिक संबंधों को रेखांकित करती है, जो 2023 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 39 बिलियन पाउंड तक पहुँचने के साथ फल-फूल रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.8% की वृद्धि दर्शाता है। यात्रा के दौरान, सीआईआई प्रतिनिधिमंडल यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री द आरटी माननीय सर कीर स्टारमर केसीबी केसी एमपी से मुलाकात करेगा। सर क्लाइव एल्डर्टन, एचआरएच किंग चार्ल्स III के निजी सचिव; द आरटी माननीय जोनाथन रेनॉल्ड्स एमपी, व्यापार और व्यापार राज्य सचिव के साथ महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय जुड़ाव भी निर्धारित हैं; व्यापार नीति राज्य मंत्री डगलस अलेक्जेंडर सांसद राहेल रीव्स सांसद, यू.के. के राजकोष के चांसलर डेविड लैमी सांसद, विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के राज्य सचिव एड मिलिबैंड सांसद, राज्य सचिव, ऊर्जा सुरक्षा और नेट जीरो विभाग मैट कोलिन्स, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार। चर्चा भारत-यू.के. मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता को पुनर्जीवित करने, कराधान और व्यापार करने में आसानी के मुद्दों को हल करने और ऊर्जा और जलवायु, फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी, एआई, सुरक्षा, कौशल और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की खोज पर केंद्रित होगी। यात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “भारत-यू.के. संबंध और भी मजबूत होने वाले हैं, जिससे आपसी व्यापार वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और नवाचार और निवेश के नए अवसर खुलेंगे। 42 से अधिक वर्षों से, सीआईआई अपने लंदन कार्यालय के माध्यम से यू.के. में भारतीय व्यवसायों की आवाज़ रहा है, जो भारत-मुख्यालय वाली कंपनियों के साथ यू.के. इंडिया बिजनेस फोरम का नेतृत्व कर रहा है। हमने यू.के. क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग निकायों के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन स्थापित किए हैं, जबकि दोनों पक्षों के राजनयिक नेटवर्क के साथ घनिष्ठ सहयोग बनाए रखा है। हम यू.के. में इस व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए रोमांचित हैं, जो भारतीय और यू.के. कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने की एक वार्षिक पहल है। आगे चलकर हमारा ध्यान कौशल विकास, प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों पर होगा। हम निकट भविष्य में सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए यू.के. के माननीय प्रधान मंत्री, माननीय सर कीर स्टारमर के.सी.बी. के.सी. एमपी. के मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल के नेता और सी.आई.आई. के पूर्व अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा, “यह व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल एक महत्वपूर्ण क्षण में आया है, क्योंकि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा है और 2027 तक 5 ट्रिलियन यू.एस. डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा महत्वाकांक्षी "रोडमैप 2030" के तहत शुरू की गई भारत-यू.के. मुक्त व्यापार समझौता वार्ता, आपसी विकास और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। समय के साथ, भारत-यूके संबंध ऐतिहासिक संबंधों, आर्थिक तालमेल और बढ़ते भू-राजनीतिक संरेखण पर आधारित एक मजबूत, बहुआयामी साझेदारी में विकसित हुए हैं। हमें उम्मीद है कि यह प्रतिनिधिमंडल कई सफल व्यावसायिक सहयोगों का मार्ग प्रशस्त करेगा। हम यू.के. के माननीय प्रधान मंत्री, माननीय सर कीर स्टारमर के.सी.बी. के.सी. एमपी से उन क्षेत्रों पर मार्गदर्शन मांगेंगे, जिनमें बेहतर सहयोग के अवसर दिखाई दे सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल उन चर्चाओं को आगे बढ़ाना चाहता है, जो अधिक द्विपक्षीय निवेश, बढ़ी हुई व्यापार साझेदारी और साझा हितों के क्षेत्रों में मजबूत संबंधों का मार्ग प्रशस्त करेंगी। आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में सी.आई.आई. के निरंतर प्रयासों का उद्देश्य भारत-यू.के. संबंधों की पूरी क्षमता को साकार करना और दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए सतत विकास को बढ़ावा देना है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 19, 2024
वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी सदस्यों के लिए सभी पार्टियों से मांगे गए नाम
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कमेटी सदस्यों के लिए सभी दलों से नाम मांगे हैं. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने का काम किया. कांग्रेस ने कभी किसी एससी, एसटी को कानून मंत्री बनाने के बारे में नहीं सोचा है. कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब का नाम लेकर बार-बार जो पाप किया है, वो धूल नहीं सकता है. *राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित* कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मंगलवार को संसद सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीआर अंबेडकर का अपमान किया. कांग्रेस राज्यसभा में अमित शाह की ओर से दिए गए भाषण के लिए मांफी मांगने की बात कही, जिसके बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान का बचाव किया. रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वोट बैंक की राजनीति के लिए अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करना जारी रखती है, जबकि विपक्षी राज्यसभा में जय भीम का नारा लगाते हैं. विपक्षी सांसदों ने डॉ. बीआर अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बुधवार को जय भीम का नारा लगाते हुए हंगामा किया, जिसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने दोपहर दो बजे तक के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी है. *अमित शाह के बयान पर संसद परिसर में प्रदर्शन* इससे पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर संसद भवन के मकर द्वार के पास विरोध जताते हुए नारेबाजी की. उन्होंने जय भीम और बाबासाहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारे लगाए. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, डीएमके नेता टी आर बालू और कई विपक्षी सांसद बाबासाहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए. ह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है. उन्होंने कहा, "आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. ये एक फैशन हो गया है." उनके भाषण के इसी हिस्से को लेकर देश में राजनीति गरमा गई है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 19, 2024
कांग्रेस ने आंबेडकर की विरासत को मिटाने की कोशिश की: पीएम मोदी
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। बीआर आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह की ओर से दिए गए बयान पर देश में राजनीति गरम है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर बीजेपी से माफी मांगने की बात कह रही है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस ने जो आंबेडकर का अपमान किया है, उसे वे छिपा नहीं सकते. एक वंश के नेतृत्व वाली पार्टी ने आंबेडकर की विरासत को मिटाने की चाल चली. *कांग्रेस ने आंबेडकर की विरासत को मिटाने की कोशिश की'* सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर पीएम मोदी ने कहा, "भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है. कांग्रेस ने दो बार बाबा साहेब को चुनाव में हराने की चाल चली. पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया. उन्हें भारत रत्न देने से इनकार कर दिया गया. कांग्रेस ने उनकी तस्वीर को संसद के सेंट्रल हॉल में गौरव का स्थान देने से इनकार किया. पीएम मोदी ने कहा, "संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास की पर्दाफाश किया. उन्होंने जो तथ्य पेश किए हैं, उससे कांग्रेस घबरा गई है और इसलिए अब नाटक कर रही है. *अमित शाह के किस बयान पर मचा बवाल* संसद में गृह मंत्री अमित शाह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट से बीआर आंबेडकर के इस्तीफे का जिक्र कर रहे थे. कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए उन्होंने पूछा कि आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से क्यों इस्तीफा दे दिया था? उन्होंने कहा, "अब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार से अधिक लो, लेकिन साथ में आंबेडकर के प्रति आपका भाव क्या है, ये वह बताएंगे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 19, 2024
एतिहासिक सफलता के साथ रशियन फिल्म फेस्टिवल 2024 का समापन
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। रशियन फिल्म फेस्टिवल 2024 ने भारत में अपने सफर को शानदार तरीके से पूरा किया। मुंबई और दिल्ली में आयोजित इस फेस्टिवल ने सिनेमा प्रेमियों और सांस्कृतिक प्रेमियों पर गहरी छाप छोड़ी। यह उत्सव मुंबई के सिनेपोलिस फन रिपब्लिक, अंधेरी में और दिल्ली के सिनेपोलिस, साकेत में चला। रोस्किनो और रूसी संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित इस फेस्टिवल की शुरुआत मुंबई में एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुई। इस मौके पर प्रमुख रशियन प्रतिनिधि, रूसी दूतावास के सांस्कृतिक अधिकारी और संस्कृति मंत्रालय के सदस्य मौजूद थे। समारोह का मुख्य आकर्षण मिखाइल लुकाचेव्स्की की फिल्म "ट्रायम्फ" थी, जिसे दर्शकों ने भरपूर सराहा। फेस्टिवल में दिखाई गई फिल्मों की थीम्स ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। फिल्मों के बाद हुए इंटरएक्टिव सेशन ने दर्शकों को रूसी सिनेमा और उसके विचारों को गहराई से समझने का मौका दिया। मुंबई में सफलता के बाद फेस्टिवल दिल्ली पहुंचा। सिनेपोलिस, साकेत में माहौल उत्साह से भरा हुआ था। यहां दिखाए गए फिल्म संग्रह में "आइस 3", "द फ्लाइंग शिप", "द पायरेट्स ऑफ द बराकुडा गैलेक्सी" और कालजयी क्लासिक "गेस्ट फ्रॉम द फ्यूचर" जैसी फिल्में शामिल थीं। इन फिल्मों को अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ दिखाया गया ताकि हर कोई इन्हें आसानी से समझ सके। इस फेस्टिवल की खासियत इसका दोस्ताना और पारिवारिक माहौल था, जिसने हर उम्र के दर्शकों को आकर्षित किया। हर शो हाउसफुल रहा, और जब मुंबई और दिल्ली में फेस्टिवल का समापन हुआ, तो हर दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट के साथ फिल्मों को विदाई दे रहा था। समापन समारोह में सिनेमा की ताकत का जश्न मनाया गया, जो भाषाओं और सीमाओं को पार कर अलग-अलग संस्कृतियों को एक साथ लाने में सक्षम है। दर्शकों ने फेस्टिवल की फिल्मों की शानदार क्यूरेशन की सराहना की, जिसने समकालीन और क्लासिक फिल्मों का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत किया। ओक्साना फ्रोलोवा, जो रॉस्किनो की डिप्टी डायरेक्टर और रशियन संस्कृति मंत्रालय की प्रतिनिधि हैं, ने भारत में रशियन फिल्मों को प्रदर्शित करने के महत्व पर जोर देते हुए भावुकतापूर्वक बात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच पारस्परिक प्रशंसा को भी रेखांकित किया और कहा कि भारतीय सिनेमा रूसी दर्शकों को लगातार प्रेरित करता रहा है। फ्रोलोवा ने कहा, “भारतीय अभिनेता और फिल्में रशियन जनता के दिलों में एक विशेष स्थान रखती हैं, और ऐसे आयोजन हमारे साझा सांस्कृतिक मूल्यों का उत्सव मनाते हैं, जो हमें एकजुट करते हैं।” रशियन फिल्म फेस्टिवल 2024 केवल एक फिल्म फेस्टिवल नहीं था, यह भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक पुल का प्रतीक था। इसने दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर सराहना और समझ को बढ़ावा दिया। जब फेस्टिवल का समापन हुआ, तो दर्शक 2025 के अगले संस्करण का बेसब्री से इंतजार करने लगे। इस ऐतिहासिक सफलता के साथ, रशियन फिल्म फेस्टिवल ने यह साबित कर दिया कि सिनेमा दिलों को जोड़ने और लोगों को प्रेरित करने का सबसे सशक्त माध्यम है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Dec 19, 2024