International

डायग्नोस्टिक्स उद्योग के 2028 तक 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना

नई दिल्ली, 06 नवंबर 2024 (यूटीएन)। फिक्की-बीडीओ इंडिया ने दो दिवसीय ‘फिक्की हील 2024’ के दौरान ‘डायग्नोस्टिक्स की पहुंच का विस्तार: डिजिटल लाभ’ जारी किया। रिपोर्ट में भारतीय डायग्नोस्टिक उद्योग की वर्तमान स्थिति का पता लगाया गया है, जिसमें डायग्नोस्टिक सेवाओं की पहुंच, सामर्थ्य और स्थिरता की चुनौतियों और विनियामक सुधारों की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करने में डिजिटल नवाचारों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि डायग्नोस्टिक्स प्रभावी स्वास्थ्य सेवा वितरण का आधार है और उद्योग की अनुमानित वृद्धि इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।    इस क्षेत्र के वर्तमान 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2028 तक 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच महत्वपूर्ण असमानताओं के साथ विकास असमान रहा है। फिक्की-बीडीओ रिपोर्ट में कहा गया है कि आबादी के एक बड़े हिस्से को अभी भी गुणवत्तापूर्ण निदान सेवाओं तक पहुँच नहीं है, इस अंतर को पाटने के लिए अभिनव दृष्टिकोणों की आवश्यकता पर बल दिया गया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जैसे-जैसे भारत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) की दिशा में प्रयास कर रहा है, डिजिटल और टेली-डायग्नोस्टिक्स विशेष रूप से ग्रामीण और कम सेवा वाले क्षेत्रों में निदान सेवाओं तक बेहतर पहुँच को सक्षम कर सकते हैं, लागत कम कर सकते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान कर सकते हैं।   ये संवर्द्धन भारत में स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य असमानताओं को कम करने के लक्ष्य तक पहुँचने में सहायता करेंगे। अधिक महत्वपूर्ण रूप से, डिजिटल और टेली-डायग्नोस्टिक्स के उपयोग को स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में एकीकृत करने के लिए, सरकारी एजेंसियों, स्वास्थ्य संस्थानों, प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ और उनके बीच समन्वय आवश्यक है। इन हितधारकों को मुद्दों को हल करने, विशेषज्ञता प्रदान करने और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के ताने-बाने में डिजिटल डायग्नोस्टिक्स के सफल एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है, जिससे एक निर्बाध पारिस्थितिकी तंत्र सक्षम हो सके।   आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में डिजिटल डायग्नोस्टिक्स के एकीकरण की सुविधा के लिए एक केंद्रीकृत मंच प्रदान करता है; रोगी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को संग्रहीत और प्रबंधित करता है; डेटा सुरक्षा और पहुँच सुनिश्चित करता है। एबीडीएम विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के बीच अंतर-संचालन सुनिश्चित करने के लिए तैयार है, जो प्रभावी डेटा साझाकरण और उपयोग के लिए आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और रोगियों के बीच एबीडीएम के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उसे अपनाना इसकी पूरी क्षमता का एहसास कराने के लिए महत्वपूर्ण है। फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. ओम मनचंदा ने कहा, “डायग्नोस्टिक्स का भविष्य डिजिटल तकनीकों को अपनाने की हमारी क्षमता में निहित है।    यह पेपर हमारे सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान करता है और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जो नीति निर्माताओं और उद्योग के हितधारकों को डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को अपनाने के लिए मार्गदर्शन कर सकता है।” बीडीओ इंडिया में पार्टनर डॉ. ध्रुबा घोष ने कहा, “यह ज्ञान पत्र भारत में वर्तमान डायग्नोस्टिक परिदृश्य को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करता है। डिजिटल नवाचारों का लाभ उठाकर, हम गुणवत्तापूर्ण डायग्नोस्टिक सेवाओं तक पहुँच में उल्लेखनीय सुधार कर सकते हैं, जिससे देश भर में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए रोगी परिणामों और दक्षता में सुधार करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ाया जा सकता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 6, 2024

फ्रांस 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों को देगा पढ़ाई का मौका': फ्रांसीसी राजदूत

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। फ्रांस जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करने की इच्छा रखने वाले युवाओं और दोनों देशों के बीच के शैक्षिक संबंध में और मजबूती के लिए भारत में फ्रांस के राजदूत थियरी माथू ने भारतीय छात्रों को भरोसा दिलाया कि 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों को फ्रांस बुलाया जाएगा। फ्रांसीसी के राजदूत थियरी माथू ने कहा कि फ्रांस दोनों देशों के शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह बात बुधवार को चूज फ्रांस टूर 2024 के दौरान कही।   उन्होंने कहा इस टूर के जरिये फ्रांस का लक्ष्य 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों को पढ़ाई के लिए अपने देश बुलाना है। यह टूर फिलहाल भारत के पांच शहरों नई दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, हैदराबाद और बंगलूरू में 19 से 27 अक्तूबर तक है। टूर में अब तक 11,000 से अधिक छात्रों और माता-पिता ने पंजीकरण कराया है। इस टूर में 57 फ्रेंच विश्वविद्यालय और संस्थान भारतीय छात्रों को कई शैक्षिक कार्यक्रमों की पेशकश कर रहे हैं। टूर का उद्देश्य छात्रों को व्यापार, इंजीनियरिंग, और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में अध्ययन के लिए आकर्षित करना है।   इसके साथ ही राजदूत माथू ने इस बात पर जोर दिया कि जो भारतीय छात्र फ्रांस में पढ़ाई करेंगे, उन्हें फ्रांस और भारत दोनों में अच्छे करियर के अवसर मिलेंगे। उनका कहना है कि भारत और फ्रांस के बीच मजबूत शैक्षिक और रणनीतिक साझेदारी बनाने का लक्ष्य है, और इस साझेदारी में फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Oct 27, 2024

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दी चेतावनी: कुछ खतरनाक ताकतें भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहीं

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि कुछ खतरनाक ताकतें भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। वे भारत का खराब रंग सबको दिखाना चाहती हैं। ऐसे प्रयासों को बेअसर करने के लिए जवाबी हमला जरूरी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि इन खतरनाक ताकतों को मानवाधिकार पर उपदेश और व्याख्यान देना तक पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा, आपात काल और 1984 के सिख दंगे कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो स्वतंत्रता की नाजुकता की याद दिलाती हैं।    धनखड़ ने कहा कि कुछ खतरनाक ताकतें हैं, जो गलत तरीके से हमें कलंकित करना चाहती हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों के जरिये हमारे मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाने के लिए भी योजना बनाकर रखी है। ऐसी ताकतों को बेअसर करने की जरूरत है। यह भारत में फिट होने के लिए जवाबी हमले और प्रतिघात करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ताकतों ने सूचकांकों और रैंक के जरिये दुनिया को भारत का खराब रंग दिखाने की कोशिश की है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत सरकार ने कोविड महामारी के दौरान  80 करोड़ लोगों को जाति और पंथ की परवाह किए बिना राशन मुहैया कराया, लेकिन फिर भी भूख सूचकांक में भारत की रैंकिंग खराब दिखाई गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 19, 2024

पीएम मोदी अगले हफ्ते करेंगे रूस का दौरा

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अक्तूबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस का दौरा करेंगे। बता दें कि इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान में किया जा रहा है।   इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स सदस्यीय देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। पीएम मोदी इससे पहले जुलाई में भी रूस का दौरा कर चुके हैं। आठ जुलाई को पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया था। वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन को आयोजित करने के लिए रूस पहुंचे थे।    इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन के साथ वार्ता की, जिसके दौरान व्यापार और रक्षा सौदों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से भी सम्मानित किया गया था।   इसके अलावा पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा हुई। बता दें कि फरवरी 2022 में मास्को की तरफ से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी। इसके एक महीने बाद ही उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया था। पोलैंड की यात्रा खत्म कर वे ट्रेन से 10 घंटे का सफर करके यूक्रेन पहुंचे थे। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की।   *क्या है ब्रिक्स शिखर सम्मेलन*  ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स के सदस्य बने हैं। बढ़ी हुई सदस्यता के साथ ब्रिक्स दुनिया की 45 % आबादी और 28 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन बन गया है।     *चीनी राष्ट्रपति भी लेंगे हिस्सा*  रूस के कजान में आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। लगभग एक साल बाद पहली बार ऐसा होगा कि पीएम मोदी और जिनपिंग एक साथ एक मंच पर होंगे। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ही हुई थी।   ब्रिक्स की इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियान और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी होंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए भारत की तरफ से दिए गए शांति सहयोग प्रस्ताव पर रूसी कूटनीतिक सूत्रों ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि रूस ऐसे सभी प्रयासों का सम्मान करता है। लेकिन यूक्रेन अपनी शांति समझौता शर्तों पर ही बात करना चाहता है। ऐसे में फिलहाल न तो रूस साथ बैठने की स्थिति में है और न यूक्रेन इसके लिए राजी है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

ट्रूडो सरकार पर भरोसा नहीं, भारत ने कनाडा से वापस बुलाया उच्चायुक्त

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत ने कनाडा को लेकर और सख्त कदम उठा लिया है. अपने कनाडा के उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है. इसके साथ ही भारत ने ‘निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों तथा अधिकारियों' को भी वापस बुलाने का फैसला किया है.   इससे पहले भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को समन भेजकर तलब किया गया है. दिन में भी भारत ने कनाडा को जमकर सुनाया था. जाहिर है इससे भारत-कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों के समाप्त होने का भी अंदेशा बढ़ गया है.   दरअसल, कनाडा ने कल भारत को एक ‘‘राजनयिक संचार भेजा, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में जांच से संबंधित मामले में ‘निगरानी वाले व्यक्ति' हैं.'' इससे भारत स्तब्ध रह गया.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 15, 2024

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा पर रवाना

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की अपनी आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुईं। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की एक साथ तीन अफ्रीकी देशों की पहली यात्रा है। राष्ट्रपति मुर्मू अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बौने के निमंत्रण पर 13 अक्टूबर को अल्जीरिया पहुंचेंगी। वह इस अफ्रीकी देश में 15 अक्टूबर तक रहेंगी। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी।   *दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता* इस यात्रा से भारत और अल्जीरिया के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को और मजबूती मिलेगी। दोनों देश तेल, गैस, रक्षा एवं अंतरिक्ष सहयोग जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में और नजदीक आएंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की इस यात्रा में दोनों राष्ट्रपतियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। काउंसिल ऑफ नेशन (अल्जीरियाई संसद के ऊपरी सदन) और नेशनल पीपुल्स असेंबली (निचले सदन) के अध्यक्षों सहित कई अल्जीरियाई गणमान्य व्यक्ति भी इस बैठक में शामिल होंगे।   *भारत-अल्जीरिया के बीच आर्थिक मंच को करेंगी संबोधित* इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू भारत-अल्जीरिया के बीच आर्थिक मंच और सिदी अब्देल्ला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पोल विश्वविद्यालय को संबोधित करेंगी। वह जार्डिन डी'एस्साई के हम्मा गार्डन में इंडिया कॉर्नर का भी उद्घाटन करेंगी। इसके बाद इस उत्तरी अफ्रीकी देश से भारतीय राष्ट्रपति 16 अक्टूबर को पड़ोसी देश मॉरिटानिया जाएंगी। मॉरिटानिया इस समय अफ्रीकी संघ का अध्यक्ष भी है।   *मॉरिटानिया में भारतीय समुदाय के लोगों से भी करेंगी बात* मॉरिटानिया पहुंच कर राष्ट्रपति मुर्मू अपने समकक्ष मोहम्मद औलद शेख अल गजौनी से बातचीत करेंगी। मॉरिटानिया प्रधानमंत्री मोख्तार औलद दजय और विदेश मंत्री मोहम्मद सलीम औलद मरजूक के उनसे मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा भारत-मॉरिटानिया द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देगी।   *मलावी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक* इसके बाद मलावी के राष्ट्रपति डॉ. लाजरस मैकार्थी चकवेरा के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू 17-19 अक्टूबर तक मॉरिटानिया से पूर्वी अफ्रीकी देश पहुंचेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू मलावी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद वह देश के व्यापारिक और उद्योग जगत के नेताओं और भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगी। अपनी यात्रा के अगले चरण में वह देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा करेंगी।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 13, 2024

विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान, एससीओ की बैठक में होंगे शामिल

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। यहां वह एससीओ की बैठक में शामिल होंगे। 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में बैठक होगी। 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 9 साल बाद पाकिस्तान जाएंगे। एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में जयशंकर हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक का न्योता दिया था।   पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था, 'बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।'इससे पहले जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर अब खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है।' जयशंकर ने आगे कहा था, 'जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहांआर्टिकल 370 खत्म हो गई है। यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

नेपरविले में हुआ 4 दिवसीय भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले का आयोजन

शिकागो, 04 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। इलिनोइस के नेपरविले मे भारतीय मूल के प्रमुख व्यवसायी और इंडियन अमेरिकन बिजनेस काउंसिल के चेयरमेन अजित सिंह व डीट्राइबल्स फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासो से भारत के कारीगरों को अमेरिका में बढ़ावा देने के उद्देश्य से 4 दिवसीय स्वदेशी मेले का भव्य आयोजन किया। भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले में विभिन्न भारतीय कलाकृतियों, हथकरघा उत्पादों, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गयी और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया।   छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साओ, भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष, राष्ट्रीय भारत हथकरघा संवर्धन परिषद की विकास आयुक्त डाक्टर एम बीना, नेपरविले के मेयर स्कॉट वेहरली, कांग्रेसमैन बिल फोस्टर, कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति, शिकागो के एल्डरमैन डेविड मूर, इलिनोइस राज्य की सीनेटर लॉरा एलमैन, ऑरोरा की एल्डरवुमेन श्वेता बैद और ड्यूपेज काउंटी बोर्ड की सदस्य पैटी गुस्टिन सहित कई गणमान्य अतिथियों ने मेले में भाग लिया। पद्मश्री कैलाश खेर को भारतीय स्वदेशी मेले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। मेले में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व दिया।   मेले में पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा प्रस्तुत संगीत, हथकरघा प्रदर्शनी, गरबा और डांडिया नृत्य आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। डीट्राइबल्स फाउंडेशन की संस्थापक दीपाली सरावगी ने मेले में आने वाले स्वयंसेवकों, प्रायोजकों और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। अजित सिंह ने बताया कि 4 दिवसीय मेले में 30 हजार से अधिक लोगों ने विजिट किया और 105 से अधिक विक्रेताओं ने भाग लिया। कहा कि वे भविष्य में भी भारतीय और अमेरिकी व्यापार को बढ़ावा देने और दोनों देशों की संस्कृतियों का आदान-प्रदान करने और आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के मेलों का आयोजन करते रहेंगे। इस अवसर पर भारतीय और अमेरिकी समुदाय के हजारों लोग उपस्थित थे।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Oct 4, 2024

एशिया पावर इंडेक्स:जापान को पछाड़कर तीसरा सबसे ताकतवर देश बना भारत

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। एशिया पावर इंडेक्स में जापान को पछाड़कर भारत तीसरा सबसे ताकतवर देश बन गया है। बुधवार को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत के तेज आर्थिक विकास, युवा जनसंख्या, अर्थव्यवस्था का विस्तार की वजह से भारत की स्थिति बेहतर हुई है। साथ ही ये भारत की दुनिया में बढ़ती साख को भी दर्शाता है।    *एशिया प्रशांत क्षेत्र के ताकतवर देशों की सूची दर्शाता है एशिया पावर इंडेक्स* मंत्रालय ने बयान में कहा कि 'एक बड़े बदलाव के तहत भारत ने जापान को पछाड़कर एशिया पावर इंडेक्स में तीसरे सबसे ताकतवर देश का दर्जा हासिल किया है। ये भारत की दुनियाभर में बढ़ रही साख को दर्शाता है।' एशिया पावर इंडेक्स की शुरुआत साल 2018 में लॉवी इंस्टीट्यूट द्वारा की गई थी। इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में सालाना आधार पर ताकतवर देशों की एक सूची तैयार की जाती है। इसमें एशिया प्रशांत के 27 देशों की स्थिति का आकलन किया जाता है।   *इन वजहों से बढ़ रही दुनिया में भारत की साख* मंत्रालय ने बताया कि एशिया पावर इंडेक्स में पता चला है कि क्षेत्रीय ताकतों की सूची में भी भारत की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है और भारत का प्रभाव भी बढ़ रहा है। भारत के उछाल में सबसे अहम फैक्टर इसका आर्थिक विकास है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी के बाद जबरदस्त आर्थिक रिकवरी की, जिसकी वजह से भारत की आर्थिक क्षमताओं में 4.2 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश के आर्थिक विकास में इसकी बड़ी जनसंख्या की अहम भूमिका है और मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के चलते भारत दुनिया दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।    *युवा जनसंख्या भारत की ताकत* भारत को अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंदियों चीन और जापान की तुलना में जनसांख्यिकी का भी फायदा मिला है। चीन और जापान जहां अपनी बुजुर्ग होती जनसंख्या से जूझ रहे हैं, वहीं भारत के पास विशाल युवा आबादी है, जो इसके आर्थिक विकास को आने वाले दशकों में मजबूती देती रहेगी। क्वाड और विभिन्न वैश्विक संगठनों में भारत की मौजूदगी से कूटनीति की दुनिया में भी भारत का प्रभाव बढ़ा है। एशिया पावर इंडेक्स में किसी भी देश की ताकत का आकलन उसकी आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, भविष्य के संसाधनों, आर्थिक साझेदारी, रक्षा नेटवर्क, कूटनीतिक प्रभाव और सांस्कृतिक प्रभाव के आधार पर किया जाता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

शॉर्ट नोटिस पर शेख हसीना ने मांगी भारत आने की इजाजत:एस जयशंकर

नई दिल्ली, 06 अगस्त 2024 (यूटीएन)। भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. बिगड़े हालातों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बोलते हुए मंगलवार को कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना ने बहुत ही कम समय में भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. विदेश मंत्री ने बताया कि हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध मिला.   जिसके बाद वह सोमवार को दिल्ली पहुंचीं. एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि बांग्लादेश के हालात पर भारत सरकार नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी और उनका अनुरोध स्वीकार कर उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई. इसके साथ ही भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.    *भारत सरकार पिछले 24 घंटे से ढाका के संपर्क में* एस जयशंकर ने आगे कहा, "पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अभी यही स्थिति है. मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के बारे में संवेदनशील मुद्दों के संबंध में सदन की समझ और समर्थन की मांग करता हूं, जिस पर हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है." जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के मामले में स्थिति पर नजर रख रही है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना के जाने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई है.   *'बीएसएफ को चौकसी बढ़ाने और अलर्ट रहने के दिए निर्देश'* विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये भी बताया कि कुछ ग्रुप और संगठन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी कर रहे हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से कानून और व्यवस्था बहाल होने तक हम बेहद चिंतित रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा बलों को भी इस हालात के मद्देनजर सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.   *करीब 19 हजार भारतीय बांग्लादेश में फंसे* राज्य सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, " अनुमान है कि वहां 19,000 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से लगभग 9,000 भारतीय छात्र हैं. हालांकि, इनमें से कई छात्र जुलाई में आ गए थे. हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति पर नजर रख रहे हैं."   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 6, 2024

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