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भगवान् के मस्तकाभिषेक में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

बिनौली,06 मई 2024  (यूटीएन)। बरनावा के श्री चंद्रप्रभ  दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में रविवार को भगवान का मस्तकाभिषेक धूमधाम के साथ भक्तिभाव पूर्वक किया गया ,जिसमें आसपास के जनपदों सहित कई प्रांतों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।    मस्ताभिषेक सर्वप्रथम सौभाग्य विवेक जैन, विकास जैन, अमित जैन के परिवार को मिला। इसके उपरांत मंदिर में आए सभी श्रद्धालुओं ने क्रमवार भगवान का महाभिषेक किया। इस दौरान कार्यक्रम में चमत्कारी दिव्य शांतिमंत्रों के साथ भगवान के मस्तक पर  विश्वशांति की कामना  के साथ शांतिधारा की गई। अमित जैन ने भगवान का मार्जन किया। मार्जन के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान की भक्ति की।    विधानाचार्य पं अंशुल जैन शास्त्री ने धर्म सभा में कहा कि, धर्म अभिव्यक्ति नहीं अनुभूति है,धर्म वाणी का विलास नहीं, जीवन का निचोड़ है। धर्म अहिंसा संयम तप है। धर्महीन जीवन बकरी के गले में लगे धन के समान अकार्यकारी है। धर्म आत्मा का जागरण है, तो परमात्मा मार्ग का प्रकाश है। जैसे कोयल और कौवे में एक रंगरुपता होने के उपरांत भी अभिव्यक्ति दोनों की एक नहीं है, हंस और बगुला में भी रंग की एकरूपता है, किंतु दोनों में जमीन-आसमान का अंतर है।   एक के अंदर छल कपट माया की कलुषता है। दूसरे के अंदर शांत परिणाम तथा नीर क्षीर को पृथक पृथक करने की सामर्थ्य है। उस धर्म का जागरण होना चाहिए ,जो तुम्हें परमहंस बना दे। आयोजन में क्षेत्र अध्यक्ष जीवंधर जैन, महामंत्री पंकज जैन, पवन जैन, भागचंद जैन, संदीप जैन, हंस कुमार जैन, विनेश जैन,प्रवीण जैन,सतेंद्र जैन अशोक जैन, ललित  शास्त्री, नेहा जैन आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 6, 2024

खाना खाने के दौरान छींटाकशी हुई गुस्से में तब्दील दुल्हा हुआ फरार, बारातियों को किया बंधक

बडौत,06 मई 2024  (यूटीएन)। खाने को लेकर हुई छींटाकशी के बाद दूल्हे पर लगा दहेज का आरोप। मामले को गंभीर होता देख दूल्हा हुआ विवाह मंडप से फरार।कन्या पक्ष ने दूल्हे पक्ष के लोगों को बनाया बंधक।बाद में बड़े बुजुर्गों की सूझबूझ से मामला सुलझा लिया गया।    नगर में एक विवाह मंडप में एक गांव से शनिवार की रात एक बारात आई थी ,जिसमें किसी मामले को लेकर दूल्हा पक्ष एवं दुल्हन पक्ष के बीच खाना खाने के दौरान महिलाओं में कहासुनी हो गई । इस दौरान दूल्हा भी महिलाओं के बीच बैठा हुआ था, तभी महिलाओं ने दूल्हे पर आरोप जड दिया कि ,दूल्हा दहेज में 10 लाख रुपए व एक गाड़ी मांग रहा है।   इस बात का पता दुल्हन पक्ष को लगा ,तो वहां पर हंगामा खड़ा हो गया। मामले की गंभीरता व लोगों का गुस्सा बढता देख दूल्हा बारात से अपने दोस्तों के साथ फरार हो गया।वहीं घटना को लेकर बडी देर तक हंगामा होता रहा। तब कहीं समाज के वरिष्ठ लोगों ने किसी तरह मामले को शांत कराया और शादी की रस्में पूरी कराकर दुल्हन को विदा कराया।    उक्त वाकये शनिवार की रात, नगर के एक मैरिज होम में हुआ है। इस दौरान विवाह मंडप के अंदर बरातियों में मारपीट भी हुई। मामला यहां तक पहुंच गया था कि ,लड़की पक्ष के लोगों ने बारात को बंधक तक बना लिया। समझौता और दुल्हन की विदाई के बाद उक्त मामले में दूल्हा व दुल्हन पक्ष की तरफ से कोई तहरीर कोतवाली में नहीं दी गई , लेकिन यह घटना दिन भर लोगों में चर्चा का विषय बनी रही।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 6, 2024

स्वामी वैष्णव बैरागी समाज के एकता सम्मेलन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन, अध्यक्ष बने मा भोपाल स्वामी

बडौत,06 मई 2024  (यूटीएन)। नगर के होटल में आयोजित भारतवर्षीय स्वामी, वैष्णव, बैरागी समाज द्वारा एकता सम्मेलन में किया गया राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन ।नव नियुक्त कार्यकारिणी को पगड़ी बाँधकर संगठन के प्रति समर्पित रहने की शपथ भी दिलायी गयी।    बिजरौल रोड़ स्थित टाऊन क्रश में भारतवर्षीय स्वामी, वैष्णव, बैरागी समाज द्वारा आयोजित एकता सम्मेलन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करते हुए संरक्षक के रूप में रामेश्वर दयाल व चरणसिंह स्वामी, अध्यक्ष पद पर मा भोपाल स्वामी, उपाध्यक्ष केपी स्वामी, महासचिव जितेन्द्र कुमार बली, संगठन मंत्री बिजेन्द्र दीक्षित सहारनपुर, कोषाध्यक्ष सचिन स्वामी, विधिक सलाहकार रविकुमार एडवोकेट, सदस्य सोनू स्वामी, प्रदीप, सचिन को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है।   इस अवसर पर भारतवर्षीय स्वामी, वैष्णव, बैरागी समाज की नव नियुक्त कार्यकारिणी को फूल-माला पहनाकर व पगड़ी बाँधकर सम्मानित किया गया तथा समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय द्वारा नव नियुक्त कार्यकारिणी को समाज व संगठन के प्रति समर्पित रहने की शपथ दिलायी गयी। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी रविकुमार कुमार एडवोकेट ने कहा कि, भारतवर्षीय स्वामी, वैष्णव, बैरागी समाज राष्ट्र को सर्वोपरि मानते हुए वैष्णव समाज के उत्थान व युवाओं के लिए समर्पित होकर कार्य करेंगा।    नवनियुक्तअध्यक्ष मा भोपाल स्वामी ने कहा ,वैष्णव समाज द्वारा संगठन की जो जिम्मेदारी सौंपी गयी है, पूर्ण निष्ठा और समर्पण भाव के साथ निर्वाह होगा। समाज में युवाओं महिलाओं की भागीदारी निश्चित की जाएगी।इस मौके पर ओमपाल स्वामी, सेवा राम स्वामी विपिन प्रधान, कुमारी रूद्राक्षी, रामनारायण आदि ने एकता सम्मेलन को सम्बोधित किया।   सम्मेलन की अध्यक्षता रामेश्वर दयाल स्वामी और संचालन रविकुमार एडवोकेट ने किया। इस अवसर पर पर मुख्य रूप से सत्य प्रकाश, सुभाष, जितेन्द्र कुमार बली, सुधीर स्वामी, डॉक्टर भजनलाल, सोनू,  अरूण प्रधान, नितिन, नीरज, कवरपाल आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 6, 2024

एंबुलेंस चालक ने बाइक में मारी टक्कर , तीन घायल, लगा जाम

अमींनगर सराय, 06 मई 2024  (यूटीएन)। मेरठ- बागपत मार्ग पर एम्बुलेंस ने बाइक सवार को मारी टक्कर, तीन घायल। घटनास्थल पर लगा जाम। मेरठ -बागपत हाईवे पर सराय मोड़ पर सड़क पार कर रहे बाइक सवार को प्राइवेट एम्बुलेंस ने टक्कर मार दी। टक्कर से बाइक पर सवार तीन गंभीर रूप से घायल हो गए, मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों  को सीएचसी भेजा।बताया कि,दत्तनगर निवासी रोहित अपनी मां राजवती व बहन मोनी को कस्बा सराय से लेकर अपने गांव जा रहा था।     जैसे ही रोहित ने सराय मोड़ चौराहे पार करना चाहा , वैसे ही मेरठ की ओर से आ रही तेज रफ्तार प्राइवेट एम्बुलेंस ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगने से बाइक सवार तीनों घायल हो दूर जा पड़े। दुर्घटना देख आसपास के दुकानदार मौके पर पहुंचे और घायलों को उठाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को पिलाना सीएचसी भेजा। दुर्घटना की वजह से लगे जाम हटवाने के लिए दुकानदारों ने एम्बुलेंस को सड़क से हटवाया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 6, 2024

पडोस की महिलाओं ने किया हमला, कुंडल भी खींच ले गये, घायल के उपचार को भेजा अस्पताल

खेकड़ा,06 मई 2024  (यूटीएन)। कस्बे की नाला पार धोबियान बस्ती में एक महिला पर उसके घर में घुसकर हमला बोला गया। हमलावर उसके कान के कुंडल भी खींच ले गए, जिससे उसके कान भी घायल हो गए। पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई।   कस्बे की नाला पार धोबियान बस्ती में शमशाद का परिवार रहता है। शनिवार की सुबह परिवार के सभी लोग काम पर चले गए। घर में अकेले उसकी पुत्रवधु गुलसाना रह गई। तभी पड़ोसी परिवार की महिलाएं लाठी डंडे लेकर उनके घर में घुसी और उस पर हमला बोल दिया।   हमले के दौरान उन्होंने उसके कान से सोने के कुंडल भी खींच लिए ,जिससे उसके कान भी घायल हो गए। कोतवाली प्रभारी राजबीर सिंह का कहना है कि ,मामला नाली विवाद का है। घटना की रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। घायल महिला को उपचार दिलवाने के साथ चोटों का डाक्टरी परीक्षण कराया गया। हमलावरों को गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |    

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May 6, 2024

जनपद के 18 सरकारी खरीद केन्द्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष मात्र तीन प्रतिशत आया गेहूं

खेकड़ा,06 मई 2024  (यूटीएन)। गेहूं खरीद केन्द्रों को खुले एक माह से अधिक समय होने के बाद भी लक्ष्य के सापेक्ष्य 3 प्रतिशत ही गेहूं की खरीद हो पाई है। इस समय जनपद के 18 केन्द्र किसानों की बाट जोह रहे हैं , जबकि किसान प्राइवेट मिलों पर जा रहे हैं।वहीं सरकारी केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ हैै।   बता दें कि, जनपद बागपत में एक अप्रैल से 18 गेहूं खरीद केन्द्र खोले गए हैं। इन पर प्रत्येक में करीब 10 हजार किवंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया है। भाव भी 2275 रूपये घोषित हुआ, लेकिन पूरा अप्रैल माह बीत जाने के बाद भी मात्र छह हजार दो सौ तीस क्विंटल गेहूं ही खरीदा जा सका , जो एक लाख 60 हजार किवंटल के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र तीन प्रतिशत ही है। किसान सरकारी सस्थानों से विमुख होकर प्राइवेट आटा मिल या आढती को गेहूं दे रहे हैं , जिससे सरकारी तंत्र पिछडता जा रहा है। सरकारी रेट 2275, वहीं आटा मिल उन्हें 2300 रुपये दे रहा है।    पता यह भी चला है कि, किसान सरकारी तंत्र से खुश नही हैं। अधिक भाव, नगद पेमेंट और अन्य सुविधाओं के चलते किसान सरकारी केन्द्रों के बजाए प्राइवेट मिल को गेहूं दे रहे है। किसानों का कहना है कि ,सरकारी केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन, फरद, खाता नम्बर आदि औपचारिकताएं और फिर आनलाइन पेमेंट का इंतजार करना पडता है। वहीं प्राइवेट मिल संचालक 25 रुपये प्रति कुंतल अधिक की खरीद के साथ में पेमेंट भी नकद दे रहे है।   *क्या बोले विपणन अधिकारी*   विपणन अधिकारी अरुण टेग ने बताया कि सभी केन्द्रों पर किसानों के लिए शीतल जल, छाया के लिए टेंट आदि व्यवस्थाएं की गई है। एक माह बीत जाने पर भी लक्ष्य के सापेक्ष मात्र तीन प्रतिशत ही गेहूं आया है। किसानों से वार्ता की जा रही है।जल्द ही गेहूं की खरीद बढेगी।   *किस केन्द्र पर कितने किवंटल आया गेहूं*   खेकड़ा ब्लाक के रटौल में 21 सिंघौली तगा- 197,लहचौड़ा- 24 फिरोजपुर- 0.2 मुबारिकपुर- 1411 क्रय विक्रय खेकड़ा- 153 एफसीएस खेकड़ा- 172 तथा पिलाना ब्लाक के मुकारी में 800 बालैनी में 121खट्टा प्रह्लादपुर में 52 कुंतल खरीद हो सकी है। वहीं बागपत ब्लाक के टटीरी में 312 ,सरूरपुर कलां 722 एफसीएस बागपत 122 ,एफसीआई बागपत 604 कुंतल के साथ ही बडौत ब्लाक के एफसीएस बडौत 358 एफसीआई बडौत-894 तथा बिनौली ब्लाक के दाहा में 65 कुंतल गेहूं खरीद हुई। छपरौली ब्लाक के कुरडी नांगल में 197 कुंतल की खरीद के साथ ही कुल 6230 किवंटल गेहूं खरीद हो सकी है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 6, 2024

रूढ़िवादिता को तोड़ना:बॉलीवुड में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर शमा सिकंदर का प्रभाव

मुंबई-06 मई 2024 (UTN)। यदि आप शमा सिकंदर के उत्साही प्रशंसक हैं, तो आपने निश्चित रूप से उनके इंस्टाग्राम बायो पर तीन बहुत महत्वपूर्ण शब्द देखे होंगे।  खैर, तीन शब्द हैं 'मानसिक स्वास्थ्य समर्थक'  एक कलाकार के रूप में, शमा हमेशा साहसी और सौम्य रही हैं, इसका श्रेय उनके कभी न कहने वाले रवैये और अदम्य भावना को जाता है।  शमा सिकंदर को साहस, कड़ी मेहनत और लचीलेपन का प्रतीक माना जाता है।  हालाँकि, वह हर परिप्रेक्ष्य में इस तथ्य का सबसे आदर्श उदाहरण है कि सिर्फ इसलिए कि कोई साहसी है, उसके जीवन में भावनात्मक उथल-पुथल नहीं हो सकती है। मशहूर हस्तियों और सार्वजनिक शख्सियतों पर नियमित आधार पर जिस तरह का दबाव होता है, उसे देखते हुए उनसे बहुत कुछ की उम्मीद की जाती है, कुछ चीजें तर्कसंगत होती हैं जबकि अन्य आधे, निश्चित रूप से नहीं।    अब एक सार्वजनिक हस्ती के रूप में दुनिया के सामने अपना कमजोर पक्ष दिखाना कमजोरी नहीं माना जाएगा। आज के समय में, कई लोगों ने वास्तव में आगे बढ़ने और अपने संकट के समय के बारे में बोलने का आत्मविश्वास हासिल कर लिया है। हालाँकि, शमा सिकंदर यहाँ श्रेय की पात्र इसलिए हैं क्योंकि वह वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में ईमानदार, स्पष्ट और पारदर्शी होने वाले शुरुआती लोगों में से एक हैं। जब अभिनेत्री का खुद का मानसिक स्वास्थ्य अवसाद के कारण खराब हो गया था तो उन्होंने कभी भी संकोच नहीं किया और जिस तरह से वह इससे बाहर आईं वह वास्तव में प्रेरणादायक था। शमा की तरह, कई लोगों ने भी अंततः इसके महत्व के बारे में बात की है। हालाँकि, इस विभाग में शमा और उनके अधिकांश समकालीनों के बीच अंतर निष्पादन का है।  हालाँकि कई लोगों ने अपनी समस्याओं के बारे में बात की है, लेकिन वास्तव में कई लोगों ने यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी नहीं ली है कि दूसरे इसे गंभीरता से लें। हालाँकि, शमा, इस विभाग में पूरी तरह से एक अलग नस्ल रही हैं।    अतिथि वक्ता के रूप में कई सम्मेलनों और कार्यक्रमों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बात करने से लेकर वक्ता सत्रों, साक्षात्कारों और कार्यशालाओं में इसके महत्व पर प्रकाश डालने तक, जब भी कोई अवसर आया है, शमा सिकंदर हमेशा युवाओं को शिक्षित करने में सबसे आगे रही हैं। सही रास्ता। खैर, इसीलिए, 'मानसिक स्वास्थ्य अधिवक्ता' शब्द उनके जीवन परिचय पर बिल्कुल फिट बैठते हैं। जबकि आज के समय में कई कलाकार मानसिक स्वास्थ्य के बारे में 'फैंसी' और ट्रेंडिंग अवधारणा के रूप में खुशी-खुशी बात करते हैं, शमा सिकंदर ने इस पर बातचीत तब शुरू की जब इस बात पर बहुत बड़ा संदेह था कि उन्हें कितना आंका जाएगा।    इसलिए, जिस तरह से वह वास्तव में आज की पीढ़ी को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए किसी भी नकारात्मक प्रभाव या विचार को अलग रखने में कामयाब रही वह वास्तव में प्रेरणादायक है और वास्तव में विशेष मान्यता की हकदार है। इस तथ्य को देखते हुए कि वह खुद एक प्रेरक उदाहरण हैं कि कैसे कोई सही चीजों पर ध्यान केंद्रित करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है, हम वास्तव में महसूस करते हैं कि बॉलीवुड में आज के समय और युग में, वह जाने-माने लोगों में से एक है, अगर एकमात्र नहीं तो। व्यक्तित्व के लिए जो वास्तव में विषय पर बात करने का हकदार है। रूढ़िवादिता को तोड़ने और बेहतर कल के लिए युवा पीढ़ी के भविष्य को आकार देने की जिम्मेदारी लेने के लिए उन्हें बधाई। उम्मीद है कि वह अपनी ईमानदारी और पारदर्शिता से लोगों को प्रेरित करती रहेंगी क्योंकि ये निश्चित रूप से उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं। अधिक अपडेट के लिए बने रहें।   मुंबई-रिपोर्टर,(हितेश जैन)।

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May 6, 2024

नाज़िया ने दीपक तिजोरी की फिल्म टिप्प्सी में अपनी भूमिका के बारे में बात की

मुंबई-06 मई 2024 (UTN)। अभिनेत्री नाज़िया, जिन्होंने हिंदी फिल्म 'से यस टू लव' से अभिनय की शुरुआत की और बाद में तेलुगु फिल्म 'नी जथागा नेनुंदाली' में अपनी भूमिका से प्रसिद्धि पाई, अगली बार दीपक तिजोरी की 'टिप्पसी' में दिखाई देंगी। नाज़िया ने निर्देशक के साथ अपना विशेष संबंध साझा किया और बताया कि किस चीज़ ने उन्हें आइरिस की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। वह कहती हैं, "मैं दीपक तिजोरी की पिछली फिल्म "टॉम, डिक एंड हैरी रिटर्न्स" का हिस्सा थी। हमने फिल्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शूट किया था, और जो लोग अभी-अभी फिल्मों में कदम रख रहे थे, उनके लिए यह अनुभव एक परम आनंद था। मिनट वह आए और मुझसे टिप्प्सी के बारे में बात की, मैं तुरंत इसमें शामिल हो गया क्योंकि 'टॉम, डिक एंड हैरी रिटर्न्स' में उनके साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा था, वास्तव में, अपने किरदार के बारे में विस्तार से जाने बिना ही मैंने टिप्प्सी को स्वीकार कर लिया।'   टिप्सी में अपनी भूमिका के बारे में अधिक जानकारी साझा करते हुए, नाज़िया कहती हैं, "मेरे किरदार का नाम आइरिस है और वह एक बहुत ही साहसी लड़की है। आइरिस एक ऐसे व्यक्ति के रूप में सामने आती है जो न केवल अपने व्यक्तित्व में बल्कि अपनी उपस्थिति में भी मुखर है। इस फिल्म में कुछ दृश्य हैं जहां मुझे अपने संकोच और बंधन से बाहर आना पड़ा क्योंकि वह बहुत मुखर है, लेकिन वह एक पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है और जरूरत पड़ने पर वह कुछ भी कर सकती है विशेष। मेरे पास टैटू थे जो विशेष रूप से मेरे निर्देशक द्वारा आइरिस के लिए डिज़ाइन और चुने गए थे, यह एक बहुत अच्छी तरह से सोची-समझी भूमिका थी, और इसे तैयार करने में घंटों लग गए, लेकिन इसे त्वचा में उतारने का अनुभव बहुत अच्छा था यह किरदार बहुत ही अद्भुत था और इसने मुझे वास्तव में प्रेरित किया।''   निर्देशक दीपक तिजोरी ने उन्हें आइरिस के लिए तैयार होने में कैसे मदद की? नाज़िया बताती हैं, "मैं उन्हें एक अभिनेता के निर्देशक के रूप में वर्णित करूंगी। वह एक बहुत प्रसिद्ध अभिनेता हैं और पिछले कुछ वर्षों से निर्देशन कर रहे हैं। सेट पर उनका काम अपने अभिनेताओं को बहुत सारे रचनात्मक लाइसेंस देना है। वह भी इसी से आते हैं एक थिएटर पृष्ठभूमि के कारण उन्होंने कई कार्यशालाएँ आयोजित कीं जहाँ हम बैठकर स्क्रिप्ट के बारे में बात करते थे और साथ ही उन्होंने हमें चरित्र में अपनी रचनात्मकता को समाहित करने के लिए बहुत जगह और आराम दिया हम प्रदर्शन करते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। मुझे कहना होगा कि अनुभव बहुत अलग था।   अब जब मैं बैठता हूं और इसे देखता हूं, तो मैं कहूंगा कि इसने मुझे वास्तव में एक ऐसे बिंदु पर धकेल दिया जहां मुझे लगा कि मैं तारीखों को लेकर प्रतिबंध नहीं लगा सकता स्थान, और हमारा शेड्यूल बेहद व्यस्त होता था, कभी-कभी, हमें केवल 4 घंटे की नींद मिलती थी, और फिर हम सेट पर वापस चले जाते थे, मैंने अन्य नायिकाओं के साथ भी काम किया है नेतृत्व करता है, लेकिन यहाँ, हम 5 लड़कियाँ थीं जिन्हें इन 5 पात्रों में रखा गया था, और हमारे निर्देशक ने हमें काफी हद तक हमारे पात्रों की संयमता दी थी। हमारे पास सुधार करने के लिए बहुत जगह थी। हम सभी के बीच मतभेदों और विचारों का टकराव था और यह कुछ ऐसा था जिसे हमें स्वयं ही सुलझाना था।   अगर हमें किसी आश्वासन की जरूरत होती या हमारे मन में कोई संदेह होता तो दीपक सर हमेशा हमारे लिए उपलब्ध रहते। हमें कहा गया था कि हम अपने मुद्दे खुद ही सुलझा लें और उस समय, व्यक्तिगत रूप से, मुझे यह पसंद नहीं आया क्योंकि मुझे लगा कि हम झगड़े से बच सकते थे। लेकिन आज जब मैं यहां बैठा हूं तो यह हमें दी गई अद्भुत आजादी थी। कई अभिनेताओं को किरदार निभाने और उसे अभिव्यक्त करने की आजादी नहीं दी जाती है और कुल मिलाकर, मैं एक बेहतर अभिनेता बनकर सामने आया हूं। हमने खूब मौज-मस्ती की और वास्तव में बहुत अच्छे संबंध और मित्रताएं बनाईं।   टिप्प्सी का मतलब नशे में या नशे में है, लेकिन इस विषय पर नाज़िया का एक संदेश है, "हमारी फिल्म हैंगओवर का संदर्भ है। यह उन लड़कियों के बारे में है जो बैचलर पार्टी में जा रही हैं, और ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाया जाता है। हमें इसमें बहुत जिम्मेदार होना होगा हमारी शराब पीने की आदतें और सतर्क रहें और अपनी सीमाएँ जानें और हम किन लोगों से घिरे हैं क्योंकि ऐसी स्थितियाँ होती हैं जो युवा अभी-अभी कॉलेज से बाहर आ रहे हैं, अपना ख्याल रखें। अपने करियर पर फोकस के बारे में पूछे जाने पर नाज़िया कहती हैं, "एक अभिनेत्री के रूप में, मैं बहुत लालची हूं, और मेरे दिमाग में कोई सीमा नहीं है कि मैं केवल कुछ प्रकार की भूमिकाएं ही करना चाहती हूं। मैं हर भूमिका करना चाहती हूं और सब कुछ, इसलिए जो कुछ भी मेरे रास्ते में आता है, इस समय, अनुभवी होने के नाते, मुझे लगता है कि मैं किसी भी चुनौती को स्वीकार कर सकता हूं इसलिए आकाश की सीमा है। टिप्प्सी 10 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी जिसमें अलंकृता सहाय, नताशा सूरी, कायनात अरोड़ा, हरजिंदर सिंह, सोनिया बिरजे भी हैं।   मुंबई-रिपोर्टर,(हितेश जैन)।

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May 6, 2024

Qayamat Se Qayamat Tak : Poonam is in danger ?

Mumbai-06 May 2024 (UTN). Mrinal Abhigyan Jha productions (MAJ) Qayamat Se Qayamat Tak on Colors TV is keeping the viewers hooked with the twist and turns. In the latest episode of "Qayamat Se Qayamat Tak," Poonam and Raj have a fight because of Sumitra's tricks. Poonam wants to talk to Rajnish to understand why he did some things. But Sumitra tricks Poonam by making her unconscious with a drug. Raj gets worried when he can't find Poonam.    Poonam wakes up in a car and realizes she's been tricked. She warns Raj about the danger she's in. With Chirag's help, Poonam tries to figure out who's trying to harm Raj. Despite Sumitra's efforts to stop her, Poonam keeps looking for answers.   Sumitra tries to divert Poonam's attention from a pen drive she found, pretending it's about their family. Poonam becomes suspicious when she sees a tattoo on Sumitra's leg and realizes Sumitra is behind all the problems.  Sumitra threatens Poonam and they have a short fight. Poonam gets hurt, but Sumitra says she can't be defeated.   Mumbai-Reporter,( Hitesh Jain ).

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May 6, 2024

TV definitely gives you sustainability: Sayantani Ghosh

Mumbai-06 May 2024 (UTN). Sayantani Ghosh, who plays Vindhya Devi ,the antagonist in Ravindra Gautam and Raghuvir Shekhawat’s Dahej Daasi, which is produced under their banner Do Dooni 4 Films, is happy to be a part of the TV industry, and says it provides a regular source of income too.    “Daily soaps mean constant work, of course, but like every other aspect of life, everything has its plus and minus points. A lot of people complain about the continuous work or the number of working hours, but that also comes with its advantages and perks. It's a regular source of income. Its more like constant employment, and thus provides a bit more financial security !It's sustainability, because when it comes to any other format, you do a project and then there's a downtime. But when you're associated with the daily soap,It runs for a fair bit of time. So for me, l think it's an advantage,” she said.   “I'm not an experimental person by nature, and I like certain consistency in my life. After working really hard for 20 years ,I like comfort at this stage of my life. Ofcourse I need to have creative satisfaction as well . So if I'm happy with a particular show and a role, and if the show sustains and runs for many years, I am very happy,” she added.   Sayantani believes that it’s not just about a show, it’s about a whole team that an actor works with, and who becomes their work family.   “It's just not your role or your show. It's also the unit you work with that matters .It's everybody, whether it's your makeup, your hair team, the spot dada, the directors, or the co-actors, those people become like a family. And if you're happy in that family, then if it continues for years, I think it's a great situation for me because it gives me consistency,” she says . Starting  off  again and again is exhausting. And then you also don't know what's in store for you on the next journey? What sort of hardships are there? Would you gel with people ,will the show work? So if it's a running train and if I am happy with this journey, I am not complaining about it at all.   Mumbai-Reporter,( Hitesh Jain ).

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May 6, 2024