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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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State
सेक्सटॉर्शन के जरिए रकम ऐंठने वाले दो साइबर ठगों को ग्राम छौकरवास से गिरफ्तार
मथुरा, 10 जून 2024 (यूटीएन)। शेरगढ़ में पुलिस ने बैंक अधिकारी बन, सेक्सटॉर्शन के जरिए रकम ऐंठने वाले दो साइबर ठगों को ग्राम छौकरवास से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया एक शख्स हरियाणा व दूसरा राजस्थान का है। दोनों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। थाना प्रभारी शेरगढ़ सोनू कुमार के नेतृत्व में मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सेक्सटॉर्शन से जरिए व बैंक अधिकारी बन अपने फर्जी खातों में रकम डलवाने वाले आरोपियों को पकड़ा है। थाना प्रभारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम जैद (20) निवासी छाईसा थाना हथीन जनपद पलवल, हरियाणा ,मुवीन (28) निवासी नगला ईश्वरी थाना जुरहरा जनपद भरतपुर, राजस्थान बताए। इनके पास से दो मोबाइल फोन, 20 फर्जी सिम कार्ड आदि बरामद हुआ है। आरोपी जंगल में या सुनसान स्थान पर बैठकर सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप मैसेंजर पर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को नग्न होने के लिए उकसाते थे। ऐसा करते ही वे विभिन्न एप के माध्यम से स्क्रीन रिकॉर्ड कर अश्लील वीडियो बना लेते थे। यदि कोई व्यक्ति नग्न नहीं होता है तो उस व्यक्ति का चेहरा नग्न वीडियो में एडिट करके वीडियो बना लेते। वीडियो भेजकर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के बदनाम करने का डर दिखाकर उससे रकम ऐंठते थे। मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।
admin
Jun 10, 2024
मिलेगा 1 लाख रुपये का अनुदान,सरकार देगी 300 यूनिट मुफ्त बिजली
मथुरा, 10 जून 2024 (यूटीएन)। बिजली के बिल से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो पीएम सूर्यघर योजना आपके लिए एकदम मुफीद है। केंद्र सरकार की इस योजना में प्रदेश सरकार 30 हजार और केंद्र सरकार 78 हजार रुपये तक का अनुदान दे रही है। इतना ही नहीं लाभार्थियों को सरकार की ओर से 300 यूनिट मुफ्त बिजली भी दी जा रही है। योजना के लिए कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। नेडा के प्रभारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया पीएम सूर्य घर योजना में आगरा जिले के 1 लाख घरों में सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है। इस योजना में सरकार घरों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए आने वाले खर्च में भारी छूट भी दे रही है। सोलर पैनल की क्षमता के आधार पर केंद्र की ओर से 18000 रुपये से लेकर 78000 रुपये और प्रदेश सरकार की ओर से 15-30 हजार तक का अनुदान दिया जा रहा है। ऑनलाइन आवेदन करना कर सकता है। आवेदन के लिए अधिकारिक वेबसाइट पर पूरी जानकारी के साथ आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। सबसे पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसके लिए अपने राज्य की बिजली आपूर्ति संस्था का चयन करें। इसके बाद आपको अपना इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल दर्ज करना होगा। पंजीकरण के बाद उपभोक्ता संख्या और मोबाइल नंबर के साथ लॉगइन करना होगा। फॉर्म के अनुसार रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन करें। अगले स्टेप में जब आपको अप्रूवल मिल जाए, तो किसी भी रजिस्टर्ड वेंडर से प्लांट इंस्टॉल करवाएं। इंस्टॉलेशन पूरा होने पर प्लांट की डिटेल जमा करें और नेट मीटर के लिए आवेदन करें। अब आपके नेट मीटर की इंस्टॉलेशन और जांच के बाद पोर्टल से कमीशनिंग सर्टिफिकेट जेनरेट होगा। इस प्रमाण पत्र मिलने के बाद पोर्टल के माध्यम से बैंक अकाउंट की डिटेल और एक कैंसिल चेक जमा करें आपको 30 दिनों के भीतर बैंक अकाउंट में सब्सिडी मिल जाएगी। मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।
admin
Jun 10, 2024
मथुरा में बेखौफ भाजपा नेता ने फायरिंग कर फैलाई दहशत
मथुरा,10 जून 2024 (यूटीएन)। गोवर्धन में एक भाजपा नेता की गुंडई थमने का नाम नहीं ले रही है। विगत दिनों पहले शहर की अशोका हाइट्स कॉलोनी में महिलाओं और बच्चियों के साथ मारपीट का मामला ठंडा नहीं पड़ा कि गोवर्धन के जुलहेंदी गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर उक्त भाजपा नेता समेत छह नाजमद और 15 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। पुलिस आरोपी कथित भाजपा नेता की तलाश में तेजी से जुट गई है। गौरतलब है कि विगत एक सप्ताह पूर्व मथुरा शहर के थाना हाइवे क्षेत्र स्थित अशोका हाइट्स में भाजपा नेता भूपेंद्र चौधरी ने बाउंसर के साथ कॉलोनी की महिलाओं एवं नाबालिग बच्चियों से मारपीट कर दहशत फैलाई थी, इस मामले में थाना हाइवे पर भूपेंद्र चौधरी समेत अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया । पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी कि अब गोवर्धन क्षेत्र के गांव जुलहेंद में जमीन पर कब्जे को लेकर भूपेंद्र चौधरी, उसके भाई सुशील चौधरी, कैलाश, प्रहलाद, सुरेश समेत अज्ञात लोगों पर फायरिंग का आरोप लगा है। भगत सिंह जादौन ने भूपेंद्र चौधरी समेत छह नामजद एवं 15 अज्ञात के खिलाफ फायरिंग कर जानलेवा हमला के आरोप में गोवर्धन थाने पर केस दर्ज कराया है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। थानाध्यक्ष विनोद बाबू मिश्रा ने बताया कि भूपेंद्र चौधरी ने जुलहेंदी में जमीन पर कब्जे को लेकर फायरिंग की है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।
admin
Jun 10, 2024
गोवर्धन थाने में भूपेंद्र चौधरी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज
गोवर्धन,10 जून 2024 (यूटीएन)। थाने में भूपेंद्र चौधरी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। एसएसपी के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें भगत सिंह जादौन एडवोकेट पुत्र घूरे सिंह निवासी बल्देवपुरी महोली रोड का आरोप है कि उन्होंने अपने साथी अलख निरंजन सिंह एड. भगवान सिंह व भगवान सिंह मीणा के साथ एक जमीन जुल्हेंदी, गोवर्धन में खरीदी थी। जमीन के स्वामी प्रहलाद, कैलाश व सुरेश पुत्रगण अमरी उर्फ अमर सिंह निवासी जुल्हेंदी से 64,68,000 रुपये में सौदा तय हुआ। बयाने के तौर पर विभिन्न चेकों के माध्यम से 45 लाख रुपये दे दिए। शेष बैनामा के समय देना तय हुआ। बैनामा करने की म्यादा 12 माह तय हुआ। इसी बीच उक्त विक्रेता प्रहलाद, कैलाश व सुरेश के द्वारा समस्त कानूनी अड़चने पूरी कर मौके पर पैमाइश कराकर ऋण अदायगी कर प्रार्थीगण को रजिस्टर्ड डाक से सूचना देकर बैनामा करना था। इस तरह एक इकरारनामा लिखकर उक्त प्रहलाद, कैलाश व सुरेश ने अपने अपने फोटो लगाकर अंगूठा निशानी लगाकर लिखवाया व सब रजिस्ट्रार मथुरा के समक्ष पंजीकृत कराया। भूपेंद्र चौधरी व सुशील चौधरी ने जानबूझ कर यह जानते हुए कि उक्त जमीन का इकरारनामा प्रार्थीगण के नाम हो चुका है। जमीन की खरीद का सौदा किया। 26 मई को जानकारी हुई कि भूपेंद्र चौधरी, सुशील चौधरी, रूपेश, प्रहलाद, कैलाश, सुरेश ने रात करीब 12 बजे अपने अन्य 15 साथियों के साथ मिलकर मजदूर लगाकर उक्त जमीन पर बाउंड्री करने का प्रयास किया। सूचना पर वह मौके पर पहुंचे तो वहां गोलियां चलाईं। साथ ही अभद्रता की व धमकाया। सीओ गोवर्धन आलोक सिंह ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बता दें शुक्रवार को भूपेंद्र व उसके बाउंसरों के खिलाफ एसएसपी से गुरुकृपा कॉलोनी के लोगों ने भी शिकायत की थी कि इन लोगों ने वहां भय का माहौल बना रखा है। मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।
admin
Jun 10, 2024
अंतर्जनपदीय शातिर वाहन चोर को चोरी के 22 दुपहिया वाहनों सहित किया गिरफ्तार
मथुरा,10 जून 2024 (यूटीएन)। जमुनापार थाना पुलिस व स्वाट टीम द्वारा वाहन चोरी करने वाले अंतर्जनपदीय शातिर वाहन चोर को चोरी के 22 दुपहिया वाहनों सहित किया गिरफ्तार करने में सफलता हासिल हुई है। शनिवार को उसे कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेजा गया। आरोपी बेहद शातिर था। वह मथुरा से बाइक/स्कूटी चुराने के बाद अलीगढ़ और बुलंदशहर में लोगों को कर्ज होने की बात कहते हुए सस्ते दामों में बेच देता था। अलीगढ़ के खैर में उसकी एक बहन रहती है। वह अपराध करने के बाद उसे घर जाकर छिप जाता था। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि शातिर चोर बोबी उर्फ रोहित पुत्र नेत्रपाल निवासी नगला हंसी, राया को मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार को जमुनापार थाना इंस्पेक्टर संजीव कुमार दुबे और स्वाट प्रभारी अभय कुमार शर्मा की टीम ने सौर गुद्दर मोड़ से गिरफ्तार किया। वह अलीगढ़ से चुराई कुछ बाइकों का सौदा करने के लिए यहां आया हुआ था। उसके पास से 22 दुपहिया वाहन (21 मोटर साइकिल व एक स्कूटी) बरामद हुई हैं। एसएसपी ने बताया कि वर्ष 2019 में इससे पूर्व एक साथ चोरी की 24 बाइक बरामद करते हुए गिरफ्तारी करने में पुलिस को सफलता हाथ लगी थी। तब से अब पांच साल बाद इतनी बड़ी सफलता हाथ लगी है। गिरफ्तारी, बरामदगी व खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। यह 20 मुकदमों में नामजद है। बरामद बाइकों को भी मुकदमों से लिंक करने का काम किया जा रहा है। मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।
admin
Jun 10, 2024
वृंदावन में हुए सीवर हादसे में तीन लोगों की मौत
वृंदावन, 10 जून 2024 (यूटीएन)। सीवर हादसे की सूचना पाते ही डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। हादसे के कारणों का पता लगाया। रेस्तरां के कर्मचारियों से वार्ता की। इसके बाद हादसे की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी। डीएम ने बताया कि हादसे के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई है। परिवार को आर्थिक मदद दिलाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बताया कि इस हादसे में जो भी लोग जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है। इधर, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय के साथ मौके पर एसपी सिटी डाॅ. अरविंद कुमार, एएसपी/सीओ कुंवर आकाश सिंह, इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही, एसीएम वृंदावन राजकुमार भास्कर हादसे की जांच में लगे रहे। शवों को जैसे ही पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एसीएम वृंदावन राजकुमार भास्कर तत्काल यहां भी पहुंचे। वृंदावन पुलिस से पंचायतनामे की कार्रवाई कराई गई। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि अभी इस मामले में परिजनों की तहरीर का इंतजार है। परिजन तहरीर नहीं देंगे तो पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करेगी। वृंदावन सीवर हादसे में जान गवांने वाला मजदूर श्याम गरीब परिवार से था। नौहझील के सल्ला गांव में उसका परिवार रहता है। वह अपनी पत्नी नीलम और तीन बच्चों के साथ बिरला मंदिर के पास मोहल्ले में किराए के मकान में रहता था। महज 400 रुपये की दिहाड़ी की खातिर श्याम मौत के सीवर में उतरकर अपनी जान गंवा बैठा। मृतक श्याम के भाई नीरज ने बताया कि उन्हें शाम चार बजे करीब अपने भाई की मौत की सूचना ग्राम प्रधान के माध्यम से मिली। प्रधान को पुलिस द्वारा सूचना दी गई थी। इधर, हादसे की सूचना मिलते ही श्याम की पत्नी नीलम बदहवास हो गई। 15 साल की बेटी पूनम की तबीयत बिगड़ गई। अमित और प्रिंस तो वृंदावन में ही काम कर रहे थे, लेकिन शनिवार से कार्य करने के लिए श्याम आया था। उसे क्या पता आज ही कार्य की शुरुआत होगी और आज ही उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। वृंदावन,रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।
Ujjwal Times News
Jun 10, 2024
मोदी 3.0: मंत्रिमंडल के लिए अनेक नामों पर लगभग बन चुकी है सहमति
नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। मोदी की नई कैबिनेट में कौन-कौन से चेहरे शामिल होंगे, इसे लेकर सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। सूत्रों की मानें तो एक बार फिर नरेंद्र मोदी अपने पुराने और बड़े चेहरों को अपनी कैबिनेट में जगह देने वाले हैं। इसके अलावा जिन राज्यों में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं, वहां के सांसदों को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर बड़ा झटका उत्तर प्रदेश के लिए माना जा रहा है। सांसदों की संख्या के लिहाज से इस बार उनका कैबिनेट में प्रतिनिधित्व कम किए जाने की सबसे बड़ी सुगबुगाहट चल रही है। जबकि दिल्ली से लेकर हरियाणा और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिहाज से सांसदों को मंत्रिमंडल जगह देकर सियासत थामी जा सकती है। वहीं, पार्टी अपने दक्षिण के विस्तार को तरजीह देते हुए वहां के राज्यों से जीते सांसदों की अपने कैबिनेट में जगह दे सकती है। जानकारी के मुताबिक, 9 जून को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट कैसी होगी, इसे लेकर भी पूरा खाका भारतीय जनता पार्टी की ओर से खींचा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी की इस नई कैबिनेट में भारतीय जनता पार्टी के कई कद्दावर चेहरों को दोबारा कैबिनेट में जगह दी जा रही है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, योगेंद्र यादव जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कुछ नेता जो चुनाव हार गए हैं, उन्हें भी मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो इसमें एक महत्वपूर्ण नाम अमृतसर सीट से चुनाव हार गए अमेरिका में भारत के राजदूत रहे तरनजीत सिंह संधू का भी है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बार मोदी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या कम किए जाने की भी चर्चाएं हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी प्रमुख वजहों में एक तो सदस्यों की कम संख्या भी है। दूसरी और महत्वपूर्ण वजह यह बताई जा रही है कि हाल फिलहाल वहां पर कोई चुनाव नहीं हैं, जिससे जातिगत समीकरणों को साधने के लिए मंत्रिमंडल में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जगह दी जाए। इसलिए फिलहाल पहले मंत्रिमंडल में ज्यादा सांसदों को कैबिनेट में जगह कम मिलने की बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें, तो पश्चिम से राष्ट्रीय लोकदल के हिस्से में पहली कैबिनेट में जगह बन सकती है। जबकि आगरा से पिछड़े नेता एसपीएस बघेल को दोबारा कैबिनेट में जगह मिल सकती है। भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक मोदी कैबिनेट में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी है। इसी तरह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी कैबिनेट में जगह दिए जाने की पूरी संभावनाएं हैं। जबकि नॉर्थ ईस्ट से त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब को भी मोदी की कैबिनेट में जगह देने की बात चल रही है। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को मोदी कैबिनेट में जगह दी सकती है। सूत्रों का कहना है कि मोदी की नई कैबिनेट में उन राज्यों को प्राथमिकता में रखा जा रहा है, जहां अगले कुछ समय में विधानसभा के चुनाव हैं। इसमें दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत बिहार और जम्मू और कश्मीर शामिल है। सूत्रों की मानें तो एक बार फिर से दिल्ली में सभी सातों सीटें भाजपा ने जीती हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा का चुनाव भी है। इसलिए दिल्ली से दो सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की चर्चाएं हैं। इसमें एक नाम दिल्ली से तीसरी बार सांसद बने पूर्वांचल के बड़े चेहरे मनोज तिवारी हो सकते हैं। जबकि दूसरा नाम महिला चेहरे के तौर पर बांसुरी स्वराज का भी लिया जा रहा है। इसी तरह हरियाणा में इसी साल होने वाले चुनावों के चलते यहां पर भी कैबिनेट में सभी सियासी समीकरण साधते हुए कुछ नाम चर्चा में हैं। इसमें पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के अलावा कृष्ण पाल गुर्जर का नाम फिर से चर्चा में है। पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो भाजपा दक्षिण के भाजपा सांसदों भी कैबिनेट में जगह देकर सियासी समीकरण साधेगी। इसमें पार्टी उड़ीसा से लेकर तेलंगाना के सांसदों को कैबिनेट में जगह देने की तैयारी कर रही है। जबकि सूत्रों के मुताबिक इस बार केरल में एक सीट जीतने वाले सांसद सुरेश गोपी को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी दक्षिण में विस्तार के तहत कर्नाटक से लेकर केरल और तेलंगाना से लेकर ओडिशा तक के जनप्रतिनिधियों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। चूंकि इस बार ओडिसा और तेलंगाना में 2019 की तुलना में सीटें ज्यादा आई हैं। केरल में भी पहली बार भाजपा को सीट मिली है। इसलिए भाजपा के पास दक्षिण के इन राज्यों में पहली बार विस्तार का और बड़ा मौका मिला है। सूत्रों की मानें तो इन सबका ध्यान रखते हुए ही मोदी कैबिनेट तैयार की जाएगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 9, 2024
राजस्थान से कौन बनेगा केंद्रीय मंत्री?
नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को मिले बहुमत के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। एनडीए आज सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। इस बीच खबर है कि नरेंद्र मोदी 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि इस बार नई सरकार के लिए परिस्थितियां पिछली दो बार से अलग हो सकती हैं। इसलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को लेकर भी माथापच्ची का दौर जारी है। हालांकि राजस्थान से इस बार मोदी सरकार 3.0 में कितने मंत्री होंगे? यह बड़ा सवाल बन गया है। 4 जून को आए परिणाम में भाजपा की प्रदेश से इस बार 11 सीटें कम हुई हैं। भाजपा को 14 सीटें और इंडिया गठबंधन को 11 सीट मिली हैं। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत नहीं है। भाजपा को गठबंधन सहयोगियों को भी उनकी डिमांड के हिसाब से मंत्री पद देने पड़ेंगे। ऐसे में राजस्थान के सांसदों के लिए बहुत ज्यादा जगह नहीं बनेगी। ऐसे में प्रदेश से राजनीतिक और जातिगत समीकरण को साधने के लिए प्रदेश से कुछ चेहरों को फिर सरकार में मौका मिल सकता है। अर्जुन राम मेघवाल, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत मंत्री पद के लिए रिपीट हो सकते हैं। इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र में इस साल और कुछ राज्यों में अगले साल चुनाव प्रस्तावित हैं। इसलिए फिलहाल राजस्थान से दो के आसपास मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस बीच सबकी की नजरें मोदी सरकार 2.0 में लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिरला पर टिकी हुई हैं। प्रदेश की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर बिरला ने जीत हासिल की है। पहले भी लोकसभा स्पीकर रहे कई नेता मंत्री बने हैं। शिवराज पाटिल लोकसभा स्पीकर रहने के बाद यूपीए सरकार में मंत्री बने थे। प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार 3.0 में अर्जुन राम मेघवाल को रिपीट करने की संभावनाएं ज्यादा हैं। वे मारवाड़ और नहरी क्षेत्र के अकेले दलित चेहरे हैं। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की गुड बुक में आते हैं। दलित वर्ग को साधने के लिए मेघवाल की मंत्रिमंडल में वापसी हो सकती है। अब तक राज्यसभा के जरिए संसद पहुंचने वाले भूपेंद्र यादव पहली बार अलवर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं। यादव की गिनती मोदी-शाह के करीबियों में होती है। यादव कुशल रणनीतिकार है। उनका पैतृक गांव हरियाणा के गुड़गांव में है। हरियाणा में चुनाव होने हैं। ऐसे में यादव को मंत्री बनाकर हरियाणा को भी साधा जा सकता है। ऐसे ही राजपूत समाज को साधने के लिए गजेंद्र सिंह शेखावत को भी मंत्री बनाया जा सकता है। शेखावत तीसरी बार जीत कर संसद पहुंचे हैं। शेखावत मोदी-शाह के नजदीक होने के साथ सीमावर्ती इलाकों में अच्छी पकड़ रखते हैं। पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी के हराने के बाद मारवाड़ क्षेत्र के समीकरण को भी साधने के लिए उन्हें मौका दिया जा सकता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार 3.0 में शेखावत के बजाए किसी अन्य राजपूत चेहरे को भी मौका दिया जा सकता है। राजस्थान से राजपूत समाज के तीन भाजपा सांसद जीते हैं, सबकी अच्छी प्रोफाइल हैं। शेखावत को मंत्री नहीं बनाने की स्थिति में राव राजेंद्र सिंह, महिमा कुमारी मेवाड़ में से एक के नाम पर विचार किया जा सकता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jun 9, 2024
तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी के सामने होंगी बड़ी चुनौतियां, सहयोगियों को लेकर कैसे बढ़ेंगे आगे?
नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनडीए ने अपना नेता चुन लिया है। प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों का एक होमवर्क रंग लाया। शुक्रवार को एनडीए के प्रमुख सहयोगी दलों ने प्रधानमंत्री में अटूट विश्वास का संदेश दिया। टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री की तारीफ की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा संदेश दिया। खुद को प्रधानमंत्री का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान हर मोड पर आगे बढ़-बढक़र संदेश दे रहे हैं। संदेश यही कि रविवार को शपथ ग्रहण के बाद तीसरा कार्यकाल शानदार होगा। भरोसा भी यही कि प्रधानमंत्री को चुनौतियों से निबटना आता है। पहले बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनोखी केमिस्ट्री दिखाई। प्रधानमंत्री की पिछली कैबिनेट में उनके सहयोगी ने इस ओर इशारा भी किया। मानो, नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ने के अपने पिछले अपराधों की क्षमा मांग ली हो। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने जिस तरह से संसदीय दल का नेता चुने जाते समय संदेश दिया है, उससे साफ है कि सब तय है। *मंत्रिमंडल में सहयोगियों को लेकर जारी है विमर्श* भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कल देर रात तक हलचल थी। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी काफी व्यस्त थे। देर शाम तक बैठकों का दौर चला। दोनों नेता आज भी व्यस्त हैं। अमित शाह की जेपी नड्डा के साथ व्यस्तता आज संसद के पुराने भवन के केंद्रीय कक्ष में एनडीए का नेता चुने जाने को लेकर भी थी। एनडीए के प्रमुख सहयोगियों से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संपर्क में हैं। अब माना जा रहा है कि जेपी नड्डा और अमित शाह की व्यस्तता प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह, उनकी कैबिनेट में शामिल होने वाले सहयोगियों को लेकर है। नए और पुराने साथियों के नाम पर मंथन, चयन का दौर चल रहा है। सहयोगी दलों के नेताओं से भी नामों की सूची मांग ली गई है। इस बारे में पूछे जाने पर एनडीए के सहयोगी दल के एक नेता ने कहा कि अब समय ही कितना बचा है। अंतिम नामों की सूची प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार से ही बनेगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में इस बार नए चेहरे काफी होंगे। पुराने तमाम मंत्रिमंडल के सहयोगी चुनाव हार गए हैं। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में राजीव चंद्रशेखर जैसे एकाध नाम ही नए मंत्रिमंडल में स्थान पा सकते हैं। शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने इटली जाएंगे 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी नए कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे। 13-15 जून तक जी-7 देशों का शिखर सम्मेलन इटली में हो रहा है। इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मिलोनी ने पीएम को आमंत्रित किया है और प्रधानमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर समेत अन्य से भेंट होगी। ऐसे में शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री के पास समय कम है। उनकी इटली की प्रस्तावित यात्रा को देखते हुए शीर्ष नेता की व्यस्तता काफी है। इसके बीच में उनके सहयोगियों में कामकाज का बंटवारा समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को पूरा करना है। *क्या रहेंगी प्रधानमंत्री के सामने प्रमुख चुनौती?* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले कार्यकाल की शुरुआत में जब भाजपा और एनडीए के नेता चुने गए थे तो उन्होंने संसद के केंद्रीय कक्ष में प्रवेश करने से पहले उसकी सीढ़ियों को चूमा था। इस बार उन्होंने भारतीय संविधान को नमन किया है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने संविधान में बदलाव को मुद्दा बनाया था। विपक्षी दल कांग्रेस के पास 99 लोकसभा सदस्य हैं। प्रधानमंत्री के नेता चुने जाने और शपथ ग्रहण के पहले ही कांग्रेस के नेता राहुल गांधी शेयर बाजार में घोटाला और इस पर जेपीसी की जांच की मांग कर दी है। मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने संसद भवन में महात्मा गांधी समेत अन्य महापुरुषों की मूर्ति विस्थापन का मुद्दा उठाया है। आशय यह कि विपक्ष आक्रामक, ऊर्जा से लबरेज, सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने का संदेश दे रहा है। राहुल गांधी भी कह रहे हैं कि अब उनके दल के पास ताकत आ गई है। प्रधानमंत्री को अगले कार्यकाल में इस चुनौती से निबटना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार सहयोगी दलों के सहयोग से चलने वाली सरकार चलाएंगे। भाजपा के पास संसद में सरकार चलाने के लिए जरूरी संख्याबल नहीं है। निर्भरता सहयोगी दलों पर रहेगी। भाजपा के पास बहुमत के आंकड़े से 32 सांसद कम हैं। टीडीपी और जद(यू) केवल दो दलों के सांसदों को मिलाकर लोकसभा में 28 होंगे। इसलिए दोनों दलों को एनडीए में वजन रहेगा और प्रधानमंत्री को हमेशा ध्यान में रखना होगा कि सहयोगी दल के बिना नहीं चल सकते। तीसरा दल लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास पासवान) है। उसके पांच सदस्य हैं। इन दलों के नेताओं, मंत्रिमंडल में इनके सदस्यों को भी अहमियत देनी होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल में गृह, वित्त, रक्षा, विदेश चार प्रमुख मंत्रालय हैं। सहयोगी दल इसमें से किसी विभाग की मांग कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, रेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, वाणिज्य, ऊर्जा, सडक़ एवं परिवहन, दूर संचार, नागरिक उड्डयन जैसे महत्वपूर्ण मलाईदार विभागों के लिए सहयोगी दल दबाव बना सकते हैं। प्रधानमंत्री के सामने इसकी चुनौती खड़ी भी है। प्रधानमंत्री ने अपने दो कार्यकाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मंशा के अनुरुप हिन्दुत्व के मुद्दे को धार दी है। उन्होंने अगले 100 दिन के सरकार के कामकाज का एजेंडा तैयार कर लिया है, लेकिन इसे बदलना पड़ सकता है। अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की पिच कमजोर रही है। तीसरे कार्यकाल में इसकी चुनौती काफी बड़ी है। टीडीपी के नेता चंद्र बाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री को संभलकर चलना पड़ सकता है। गठबंधन की सरकार चलानी पड़ सकती है। कॉमन सिविल कोड, एनआरसी समेत तमाम मुद्दों पर आम सहमति का सामना करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री को किसान कल्याण और कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार पर विशेष ध्यान देना होगा। उ.प्र., महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार में राजनीतिक-सामाजिक समीकरण की भी चुनौती बढ़ी है। कुछ ही महीने बाद दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड समेत राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। प्रधानमंत्री को इसे भी साधना है। भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती योजना को प्रधानमंत्री ने परिवर्तनकारी बताया था, लेकिन इसको लेकर भारी विरोध हो रहा है। सहयोगी दल भी इसकी समीक्षा का दबाव बना रहे हैं। प्रधानमंत्री को इस तरह के कठोर निर्णय लेने पड़ सकते हैं। इस्राइल-फलस्तीन की धरती पर युद्ध जैसे हालात हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध अभी जारी है। अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, व्यापार चुनौती के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मंहगाई का लगातार दबाव बना हुआ है। अमेरिका, चीन से संबध, यूरोप, यूरेशिया, मध्य एशिया का संतुलन भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में भारत की अर्थ व्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ तमाम अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 9, 2024
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ब्रेन ट्यूमर से लड़ने के लिए जागरूकता और शीघ्र जांच महत्वपूर्ण है
नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। ब्रेन ट्यूमर का मरीजों और उनके परिवारों पर प्रभाव और प्रभावित लोगों के लिए अनुसंधान और सहायता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है। ग्लोबोकैन 2020 डेटा का अनुमान है कि भारत में मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के ट्यूमर के कारण 2,51,329 मौतें हुई। हालांकि, स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों तथा कैंसर के सभी मामलों को दर्ज करने की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह अनुमान है कि यह संख्या वास्तविक संख्या से काफी कम है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश्य जोर देकर कहते हैं, “ब्रेन ट्यूमर बिना कोई स्पष्ट लक्षणों के भी मस्तिष्क में पनप सकता है। शुरुआती संकेत अक्सर रोजमर्रा की समस्याओं की तरह महसूस होते हैं जिन्हें आप नजरअंदाज कर सकते हैं। सिरदर्द शुरू होना या अगर मरीज पहले से सिरदर्द की समस्या से ग्रस्त है तो उसका गंभीर हो जाना। खासतौर पर सुबह-सुबह सिर में तेज दर्द होने के साथ जी मचलाना या उल्टी होना, खतरे का संकेत हो सकते हैं। ध्यान केंद्रित करने, स्पष्ट रूप से बोलने या दूसरों को समझने में कठिनाई किसी समस्या का संकेत हो सकती है। व्यक्तित्व में बदलाव, शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना, या दृष्टि धुंधली होना जैसे लक्षण दिखाई दें तो उसे गंभीरता से लें। मामूली चक्कर आना या संतुलन संबंधी समस्याओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का लगातार अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर को दिखाने में संकोच न करें। सफल उपचार की बेहतर संभावना के लिए ब्रेन ट्यूमर का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है। याद रखें, थोड़ी सी जागरूकता बड़ा बदलाव ला सकती है। नई दिल्ली स्थित सुश्रुत ब्रेन एंड स्पाइन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला कहते हैं, “जांच में यह पता चलना कि आपको ब्रेन ट्यूमर है, एक भयावह अनुभव हो सकता है, लेकिन शुरुआती स्तर पर पता चलने से उपचार के परिणाम बहुत बेहतर होते हैं। जितनी जल्दी ट्यूमर की पहचान हो जाएगी, उपचार के उतने ही अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। शीघ्र निदान के साथ, सर्जरी अधिक सटीक हो सकती है, और दुष्प्रभाव कम हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जब ट्यूमर छोटा होता है तो रेडिएशन और दवाएं अक्सर अधिक प्रभावी होती हैं। जबकि उपचार से थकान, कमजोरी या सोच में बदलाव हो सकता है, पुनर्वास और सहायता समूह उन्हें प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। आपको अपनी दैनिक दिनचर्या या काम में थोड़ा बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन परिवार के लोगों और नियोक्ताओं (जहां आप काम करते हैं) के साथ खुलकर बात करना आपको इस स्थिति से निपटने में सहायता कर सकता है। स्वस्थ आदतें अपनाकर, भावनात्मक रूप से मजबूत रहकर और अपने परिवार तथा करीबी लोगों से जुड़े रहकर, आपके लिए एक सामान्य और खुशहाल जीवन जीना संभव हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर डे ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित लोगों के लिए जागरूकता, बीमारी का शीघ्र पता लगाना और जो इस बीमारी से प्रभावित हैं उनकी सहायता के महत्व को याद दिलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करके और समय पर चिकित्सा सलाह लेकर, हम उपचार परिणामों में सुधार कर सकते हैं और कई लोगों को आशा प्रदान कर सकते हैं। बीमारी का शीघ्र पता लगने से न केवल सफल उपचार की संभावना बढ़ जाती है बल्कि मरीजों को जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने में भी सहायता मिलती है। आइए हम इस दिन का इस्तेमाल बेहतर स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का समर्थन करने, अनुसंधान पहलों का समर्थन करने और ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे लोगों के प्रति अपनी एकजुटता बढ़ाने के लिए करें। साथ मिलकर, हम इस घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 9, 2024